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Incest राजकुमार देव और रानी माँ रत्ना देवी

Ravi2019

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बहुत ही शानदार अपडेट है । राजा विक्रम सेन का विवाह राजकुमारी रत्ना के साथ तय होने से कई नए संबंध स्थापित होंगे । आने वाले अपडेट का बेसब्री से इंतजार रहेगा कि पहले राजमाता की चुदाई होगी या राजकुमारी की माँ की
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Dirty_mind

Love sex without any taboo
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Update 7

आज रात के महाभोज के आयोजन के पश्चात सभी अतिथिगण राजमहल से जा चुके थे। जन्मदिवस का कार्यक्रम समाप्त होते होते रात काफी बीत चुकी थी। रात्रि का तीसरा पहर चल रहा था। सभी लोग सो चुके थे , लेकिन कुछ लोगों की आंखों में नींद नहीं थी। राजा माधव सिंह उनकी रानी सुभद्रा देवी तथा राजकुमारी रत्ना राजकीय अतिथिशाला में विश्राम हेतु पहुंच जाते हैं। आज माधव सिंह और सुभद्रा दोनों अत्यंत ही प्रशन्न थे कि आज उनके मन की मुराद पूरी हो गई। वे दोनो अपनी पुत्री राजकुमारी रत्ना का विवाह राजा विक्रम सेन के साथ करना तो चाहते थे। किन्तु संकोचवश वे राजकुमारी के रिश्ते की बात राजमाता देवकी से नहीं कर पाते थे। और आज ऐसा सुखद संयोग हुआ की राजमाता देवकी ने ही अपने पुत्र राजा विक्रम सेन का विवाह राजकुमारी रत्ना से कराने का प्रस्ताव दे दिया।
अतिथगृह पहुंचकर राजा माधव सिंह रानी सुभद्रा से कहते हैं :

आज का दिन हमारे लिए खुशी का दिन है की राजमाता देवकी ने स्वयं हमारी पुत्री से अपने पुत्र का विवाह कराने का प्रस्ताव दे दिया,नहीं तो हम तो इस राजघराने में शादी का प्रस्ताव देने का सोच ही नहीं सकते थे।
राजन मै ना कहती थी आपसे की एक बार राजकुमारी रत्ना की शादी का प्रस्ताव ले तो जाइए। लेकिन आप ही यहां आने से हिचकिचाते थे। आखिर हमारी रत्ना भी सुंदरता में किसी अप्सरा से कम थोड़े ही है। देखा नहीं राजा विक्रम की नजरें रत्ना के मुख से हटती ही नहीं थी। लेकिन मै डरती थी की राजा विक्रम सेन का व्यक्तित्व इतना आकर्षक है कि रत्ना की सुंदरता इनके सामने फीकी पड़ जा रही थी और कहीं राजा विक्रम रत्ना से विवाह से इंकार ना कर दे।... रानी सुभद्रा ने कहा।
राजा विक्रम की बात कर रानी सुभद्रा का चेहरा बिल्कुल सुर्ख हो जाता है जिसे देख कर माधव सिंह सुभद्रा की छेड़ते हुए कहते हैं
क्या आपको भी राजा विक्रम भा गए हैं जो आप उनकी सुंदरता के पुल बांध रही है।
आप कुछ भी बोलते हैं, राजा विक्रम मेरी पुत्री के होनेवाले दूल्हे है, भला मै ऐसा कैसे सोच सकती हैं।और ऐसा कहकर वह मुंह घुमाकर बैठ जाती है।
मैं तो मजाक के रहा था मेरी रानी। ऐसा कह कर राजा माधव सिंह रानी सुभद्रा की ठुद्दी पकड़कर उनका चेहरा अपनी ओर घुमाते हैं।

छोड़िए राजन आप मुझसे बात मत करिए।

राजा माधव सिंह कहते हैं लो मैंने अपने कान पकड़ लिए।अब तो मान जाओ।

माधव सिंह के ऐसा कहने से सुभद्रा हल्के से मुस्कुरा देती है।

ऐसा ना करे राजन, मुझसे माफ़ी मांग कर नरक का भागी ना बनाए। लेकिन आगे से ऐसा मत बोलिएगा।राजा विक्रम सेन मेरी पुत्री के होने वाले पति हैं, उनको लेकर ऐसा मजाक मुझसे बिल्कुल मत कीजिएगा।

वो कहते हैं ना नारी त्रिया चरित्र की होती है, वो क्या सोचती है ,ये जानना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। यही रानी सुभद्रा आज सुबह के कार्यक्रम में राजा विक्रम सेन को देखकर उनके प्रति आसक्त हो गई थी और अपनी बुर को सहलाया था , उनसे चुदवाने का सपना देख रही थी और अभी पति द्वारा थोड़ा मजाक करने से नाराज़ ही गई थी। खैर माधव सिंह के निवेदन पर वह मान जाती है और मन ही मन एक कुटिल मुस्कान लेते हुए माधव सिंह के हाथ पर अपना हाथ रख देती है।

इधर राजकुमारी रत्ना अपने कमरे में लेटी हुई राजा विक्रम सेन के ख्यालों में डूबी रहती है , वह विक्रम सेन की नजरों को भुला ही नहीं पा रही थी जिन नजरों से वे रत्ना को देख रहे थे, उनकी नजरों में हवस नहीं था ,बल्कि एक अलग सा आकर्षण था जिसके मोह पास में रत्ना बांधती जा रही थी। रत्ना ख्यालों में डूबे डूबे राजा विक्रम सेन के लिंग की कल्पना करने लगती है ।

रत्ना मन में- हाय उनका लिंग कितना बड़ा होगा जब शरीर इतना गठीला है, कंधे इतने मजबूत और छाती इतनी चौड़ी है। अपने मोटे लिंग से वो मेरी नाजुक योनि चोदेंगे तो मेरी कोमल नाजुक योनि का क्या हाल होगा।

यही सोचते सोचते रत्ना कि सांसे तेज चलने लगती है और उसकी कामभावना भड़कने लगती है। वह अपना एक हाथ अपनी चूची के ऊपर ले जाती है और चोली के ऊपर से ही अपने चूचक रगड़ने लगती है और सोचती है कि राजा विक्रम अपने कड़क हाथों से मेरे इन्हीं स्तनों का मर्दन करेंगे। स्तन दबाने से उसकी उत्तेजना और बढ़ जाती है और सांसे और तेज चलने लगती हैं।उत्तेजना के वसीभूत होकर रत्ना अपना एक हाथ घाघरे के अंदर डाल देती है और अपनी योनि को स्पर्श करती है, फिर हथेली से अपनी योनि को दबोच लेती है और उत्तेजना में आंखे बंद कर कहती है

राजन मेरी योनि को रगड़ों,,,,इसे प्यार करो,,, इसे अपनी उंगलियों से रगडों,,,,इसमें अपनी उंगली डाल कर खूब जोर जोर से आगे पीछे कर के चोदो,,,,, मेरी योनि को अपने जीभ से चाटो,,,, मेरी योनि की फैलाकर इसमें अपना मोटा लन्ड डाल दो,,, मेरी योनि को खूब चोदो,,, मेरी चूचियों का मर्दन करो,,,,,इनका दूध पी लो,,,,,

रत्ना बड़बड़ाते जा रही थी और अपनी योनि की रगड़े जा रही थी। उत्तेजनावश वह अपनी चोली उतार फेकती है और अपने घाघरे का नाड़ा खोलकर घाघरे को भी पैरों के नीचे से निकाल देती है। अब वह मादरजात नंगी अपनी शैया पर लेटी हुई अपनी नंगी चूची को हाथ से मसले जा रही थी और कामुक आहें निकाल रही थी। दूसरे हाथ से अपनी योनि को फैलाकर रगड़ रही थी। उसकी योनि , योनि रस से गीली और चिकनी ही जाती है और उसकी अनामिका उंगली उसकी योनि में सरसराते हुए योनि की गहराइयों में चली जाती है।ये पहली बार था जब राजकुमारी रत्ना ने अपनी कुंवारी अनचूदी योनि में अपनी उंगली डाली थी। उसकी सांसे रुक जाती हैं। उसके योनिद्वार अभी ठीक से खुले भी नहीं थे। लेकिन योनि में ऊंगली की उपस्थिति अब उसे अच्छी लगने लगती है,,,धीरे धीरे वह अब सामान्य होती है। यह हस्तमैथुन का पहला अनुभव था। वह अपनी योनि में उंगली को तेजी से अंदर बाहर करने लगती है और बड़बड़ाने लगती है,,,,

चोदिये राजन चोदिए अपनी इस रानी को,,,,अपने मोटे लिंग से,,,,मेरी योनि बहुत प्यासी है जिसकी प्यास आपका मोटा लिंग ही बुझा सकता है। राजन मेरे स्तन चूसते हुए मेरी योनि की चोदिए। इसे फाड़ दीजिए। ऐसे चोदिए की आपका लिंग मेरी बच्चेदानी तक पहुंच जाए,,,, इस संसार में आपके लिंग से ही इस दिव्य योनि की प्यास बुझ सकती है,,,
ऐसे ही बड़बड़ाते हुए राजकुमारी रत्ना अपनी योनि में अपनी उंगली खूब तेजी से अंदर बाहर करने लगती है और करीब आधे घंटे के बाद चरमसुख को प्राप्त कर झड़ जाती है और उसकी योनि से भालभालाकर योनि रस की धार बहने लगती है। उसके हाथ योनि रस से भीग जाते हैं। वह योनि रस से भीगे हाथ अपने नक के पास लाती है और उसकी मादक सुगंध से मदहोश होने लगती है।

चुकी राजकुमारी रत्ना का हस्तमैथुन का ये पहला अनुभव था।अतः उन्हें यह अनुभव अदभुत लगता है। लगा जैसे शरीर हल्का होकर स्वर्ग की सैर कर रहा है। अपने पहले अनुभव के कारण राजकुमारी रत्ना यू ही बिल्कुल नग्न अवस्था में थक कर शैय्या पर सो जाती है और नींद में राजा विक्रम सेन के सपने देखने लगती है...........
रानी सुभद्रा
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aamirhydkhan

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