अपडेट 9
दिव्या की चूत आज अमजद ने ओपनिंग कर दी।और वो जबरदस्त तरीके से।
इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों बड़े सुकून से बेड पे लेट कर आराम कर रहे थे।
दिव्या को अमजद ने अपनी जाल में फंसाकर उसे अपनी रखैल बनाकर चोद दिया था।
जब दोनों की सांसे नॉर्मल हुई तो अमजद ने दिव्या की तरफ करवट ली और दिव्या को देखने लगा।
दिव्या अपनी आंखे बंद किए आराम से लेटी हुई थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सा सुकून था।
दिव्या सीधी होकर लेटी हुई थी।दिव्या सोती हुई एकदम मासूम लग रही थी। दिव्या की मासूमियत और उसकी खूबसूरती को देखकर अमजद को उसपर बहुत प्यार आ रहा था।अमजद का माल निकलने के बाद उसकी हवस कम हो गई थी पर वो ये सोचकर रोमांचित हो रहा था कि ये खूबसूरत लड़की अब मेरी रखैल है,मेरी रंडी है।
अमजद अपना हाथ दिव्या के गोरे पेट पर रखा और उसके पेट को सहलाने लगा।
दिव्या ने जैसे ही अमजद का हाथ अपने पेट पर महसूस किया तो उसने धीरे आंखे खोली और अमजद की तरफ देखा।तो अमजद ने भी उसकी तरफ देखा।
अमजद=फिक्र मत कर अब मैं तुझे चोदूंगा नहीं।आज के लिए तेरे लिए इतना काफी है।अगर मैने तुझे अभी एक बार और चोदा तो तू साली चल भी नहीं पाएगी।और तुझे गोद में उठा कर तेरे घर ले जाना पड़ेगा।
दिव्या=अगर आपकी इच्छा है तो आप चोद लो। मैं मना नहीं करूंगी।
अमजद=मैं जानता हूं,तू मना नहीं करेगी।क्योंकि अब तू मेरी रखैल है, मेरी रंडी है।मेरा हुकुम मानना तेरा फर्ज है। और मेरी सेवा करना तेरा रंडीधर्म है।
दिव्या=जी मालिक मैं जानती हूं।
अमजद=तो अब बता तुझे कैसा लग रहा है मेरी रखैल बन कर।तुझे बुरा तो नहीं लग रहा है।तू झूठ नहीं बोलेगी तूने अपने परिवार की कसम खाई।
दिव्या=मालिक मैं आपको बता नहीं सकती,मुझे कितना मजा आ रहा है आपकी रखैल बन कर।मुझे आजतक इतनी खुशी कभी महसूस नहीं हुई,जितनी आज आपकी रंडी बनकर चुदने में आई।अगर मैने कसम नहीं भी खाई होती,फिर भी आपसे झूठ नहीं बोलूंगी।
अमजद=तो बता तू क्या कर सकती है अपने मालिक के लिए।
दिव्या=मालिक आप पूछिए मत की मै आपके लिए क्या कर सकती हूं,आप बस हुकुम कीजिए।और मैं आपका हर हुकुम मानूंगी।क्योंकि अब मैं आपकी गुलाम हूं।
अमजद=मुझे अब तेरी गांड मारनी है।मरवाएगी अपनी गांड।
दिव्या=मालिक, मैने आपसे कहा ना,आप जो चाहे वो करो मेरे साथ, मुझे कभी बुरा नहीं लगेगा।मेरा ये जिस्म अब आपका है आप जो चाहे करो इसके साथ।
अमजद=तो ये बता जब मैं तुझे गालियां देता हूं तो तुझे बुरा नहीं लगता।
दिव्या=मालिक आप मेरा यकीन कीजिए,आप जब भी मुझे गालियां देते हैं,पता नहीं मुझे क्या हो जाता है।आपकी गालियां सुनकर मेरे शरीर में जैसे एक मस्ती सा जाती है।मेरा दिल करता है कि आप मुझे ऐसे ही गालियां देते रहे। मालिक आपको अभी मेरी गांड मारनी है तो मैं कुत्तिया बन जाऊं।
अमजद=नहीं मेरी कुतिया आज नहीं।मुझे तुझे जिंदगी भर चोदना है।इसलिए आज के लिए इतना ही काफी है। और अब तू कपड़े पहन कर अपने घर जा।बहुत टाइम हो गया है।
दिव्या=मालिक कहते हैं तो जा रही हूं।मगर जाने का मन नहीं कर रहा हैं।
अमजद=अरे मेरी रांड फिक्र क्यूं कर रही है।हम कल उसके में तो मिलेंगे ही,मेरे ऑफिस में आ जाना और अपने मालिक को खुश करना।अब तो तुझे हर रोज हर जगह चोदूंगा।मुझे भी तो अपना मालिक धर्म निभाना है तुझे बेरहमी से चोद कर।
दिव्या=(खुश होते हुए)आप मुझे स्कूल में भी चोदेंगे।
अमजद=अरे मेरी रंडी तुजे मैं हर जगह चोदूंगा।स्कूल में, खेत में,तेरे घर में,मेरे घर में, जहां मेरा मन करेगा वहां चोदूंगा।क्या तुझे बुरा लगेगा,तू मना करेगी कहीं भी चुदवाने से।
दिव्या=आप मेरे मालिक है, आप मुझे कहीं भी चोदेंगे मुझे बुरा नहीं लगेगा।बल्कि मुझे बहुत अच्छा लगेगा। मैं तो ये सोच कर ही रोमांचित हो रही हूं कि आप मुझे रोज स्कूल में चोदेंगे।
अमजद=ठीक है अब जा।नहीं तो कोई आ जाएगा तुझे ढूंढते हुए, और मुझे उसकी भी गांड फाड़नी पड़ेगी।
दिव्या अमजद की बात सुनकर हसी और कपड़े पहनने के लिए उठने लगी और उसकी चीख निकल गई।
अमजद=दर्द हो रहा है।
दिव्या=जी मालिक।
अमजद=दर्द तो होगा ही,जब पहली बार इतना बड़ा लंड अपनी छोटी सी चूत में लेगी। ये ले पैन किलर ले ले दर्द कम हो जाएगा।(अमजद जानता था कि दिव्या को बहुत दर्द होगा पहली बार चुदवाने से।इसलिए वो अपने घर से painkiller लेके आया था।) और तेरी चाल देखकर घर में कोई पूछे तो कह देना गिर गई तो पैर मुड़ गया है।
दिव्या=(नखरा करते हुए)नहीं मालिक, मैं तो कहूंगी कि आज मेरे मालिक ने मेरी चूत फाड़ दी है इसलिए मेरी चाल बिगड़ गई है।(फिर सीरियस होते हुए) मैं इतनी भी बुधु नही हूं।कोई ना कोई बहाना बना लूंगी।
और दिव्या धीरे धीरे बेड से उठ कर pain killer ली।और कपड़े पहन कर लंगड़ाते हुए अपने घर की तरफ निकल गई।
दिव्या को रास्ते में गांव की एक औरत मिली,उसने दिव्या को लंगड़ाता हुआ चलते देख कर बोली=दिव्या ऐसे लंगड़ाते हुए क्यों चल रही हो।
दिव्या=(पूरे comfidence के साथ)वो चाची क्या है कि मैने एक प्यारे से खरगोश को देखा तो उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे भागी और गिर गई ,और गिरने से पैर मुड़ गया।बहुत दर्द हो रहा है।
उस औरत ने दिव्या को ध्यान से देखा ओर एक शरारत भरी मुस्कान के साथ बोली=दिव्या बेटी इस उम्र में संभल कर चलना चाहिए।उस प्यारे से खरगोश(लंड) के चक्कर में चोट लग गई ना।मुझे लगता है चोट बहुत गहरी लगी है।बस ध्यान रहे चोट की वजह से सूजन(पेट फूलना) ना आ जाए, नहीं बहुत प्रोब्लम हो जाएगी।
दिव्या समझ गई, कि ये साली चाची तो बहुत होशियार है।मुझे देखकर ही समझ गई कि चोट कहां लगी है।
दिव्या=हां चाची ये बात आपकी सच है कि चोट बहुत गहरी लगी है।पर सूजन नहीं आएगी,क्योंकि सूजन तब आती है, जब जहां चोट लगी है वहां(चूत में) कुछ कचरा(वीर्य) अंदर रह जाए।पर कचरा अंदर नहीं रहा, तो इसका मतलब सूजन नहीं आएगी।
चाची समझ गई कि आजकल के बच्चे बहुत होशियार है।
और चाची भी समझदार और अच्छी थी।
चाची=फिर तो ठीक है दिव्या बेटी।बस थोड़े कपड़े ठीक कर ले,थोड़ी धूल मिट्टी में हो गए है।और अब मैं चलती हूं।मुझे देर हो रही है।
चाची चली गई।फिर दिव्या ने अपने कपड़ों को देखा तो कहीं भी धूल मिट्टी नहीं लगी हुई थी।दिव्या सोचने लगी फिर उस ओरत ने क्यों कहा मिट्टी लगी हुई।फिर दिव्या को चाची की बात समझ आ गई।और उसने अपने कपड़ों पर धूल मिट्टी में कर दिया।और एक सूखी हुई छोटी सी लकड़ी से अपने पैर पर खरोंच लगाई जिससे थोड़ा सा खून भी निकला और अपनी कोहनी पर भी लकड़ी से खून निकाला और अपने मन में शुक्रिया चाची बोलकर घर की तरफ चल दी।(अब आप लोग xforum पे हो, इसका मतलब बच्चे तो हो नहीं जो ये ना समझ सको की दिव्या ने ऐसा क्यों किया)
और इधर अमजद भी अपने कपड़े पहन कर रूम से बाहर निकला और लोक करके थोड़ी देर फसल को देखा और फिर अपने घर की तरफ निकल गया।
अमजद आज बहुत खुश था।एक तो दो दिन से खड़े लंड को राहत मिली थी और सबसे बड़ी बात ये थी कि आज उसे चोदने के लिए एक खूबसूरत और सेक्सी लड़की मिल गई थी।
अमजद सोचने लगा कि कल दिव्या को अपने ऑफिस में चोदूंगा।
अमजद दिव्या की चुदाई के बारे सोच रहा था कि अचानक अमजद को लगा की उसने कितनी बड़ी गलती कर दी है।
दरअसल दिव्या के बारे में सोचकर उसका लंड खड़ा हो गया था।अब आप लोग जानते ही हो कि दूसरों मर्दों के लिए लंड खड़ा होना अच्छी बात है मगर अमजद के लिए मुसीबत है।
अमजद सोचने लगा अब क्या करूं इस लंड का।अभी अभी दिव्या को चोदा है तो मुठ मारने से माल निकलेगा नहीं।दिव्या अब घर चली गई है,उसे भी अब बुला नहीं सकता।
और इस खड़े लंड के साथ घर गया तो ये खड़ा लंड मुझे पापी बना देगा।
पर घर तो जाना पड़ेगा। मैं देखूंगा भी नहीं अपनी बेटियों की तरफ।
और अमजद अपने घर की तरफ निकल पड़ा।
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