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Incest लंगड़ा घोड़ा पापी लौड़ा ( रिस्टार्ट )

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अपडेट 18

अमजद और सारा ऐसे चुदाई के सपने देखते हुए नींद की आगोश में चले गए।
जैसे हर घर में सुबह होती, ऐसे ही अमजद के घर में सुबह हुई ।
शबनम, हीना और जीया तीनों मां बेटी 6 बजे उठ गई थी। हीना फ्रेश होने चली गई और साथ में नहाने भी लग गई । जीया सुबह सुबह जोगिंग पे निकल गई अपनी बड़ी गांड मटकाते हुए, साली को पुलीस वाली जो बनना था। मुजरिमों को कुतों की तरह दोड़ा दोड़ा कर जो पीटना था, पर जीया को क्या पता कि उसके नसीब में अपने बाप की कुतिया बनना लिखा है। हाहाहाहा ....

अमजद और सारा अभी सो रहे थे। सारा को अमजद ने रातभर अपनी रण्डी बनाकर मसला था, चोदा भले ना हो , पर अमजद ने जो मजा सारा को दिया था। वो आम चुदाई से बढ़कर था।
और का पहला आर्गेजम था तो वो उसकी खुमारी में सो रही थी।
अमजद को भी आज सालों बाद एसी अच्छी नींद आई थी. एक तो उसने कल दिन में दिव्या को अपनी रंडी बनाकर चोदा था और रात को अपनी सगी बेटी के साथ बहुत मजा किया था और अपनी बेटी को अपना माल भी पिलाया था।

शबनम चाय बनाकर अमजद को उठाने चली गई।

शबनम के उठाने पर अमजद उठ गया।(एक बात बता दूं आप लोगों को अमजद आलसी किस्म का आदमी नहीं है वो हमेशा सुबह 6 बजे उठ जाता और नहा धोके सबसे पहले तैयार हो जाता है।और संडे को भी उसी टाइम उठ जाता और नहा धोकर चाय नाश्ता करके खेतों में चला जाता है काम करने।हां अब बात अलग है, अब खेतों में तो जाएगा पर काम करने नहीं बल्कि अपनी जवान रंडियों को बेरहमी से चोदने।)

अमजद हाथ मुंह धोकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और शबनम ने चाय दी और कहने लगी–क्या बात आज आपकी तबियत तो ठीक है।

अमजद: हैरत से अपनी बीबी की तरफ देखते हुए: क्यूं क्या हुआ, मैं तो एकदम ठीक हूं बिलकुल स्वस्थ।

शबनम: अरे मैं तो ऐसे ही पूछ रही थी,आप हमेशा अपने आप उठ जाते थे मगर आज उठाना पड़ा।इसलिए पूछा।

अमजद अब सारा को क्या बताता।ये तो नहीं बता सकता कि रात भर हमारी छोटी बेटी को अपनी रखैल बनाने की ट्रैनिंग दे रहा था। और हमारी बेटी के नाजुक जिस्म से रात भर खेला।और हम दोनों बाप बेटी को बहुत मजा आया।और अब मैं हमारी तीनों पाकीजा बेटियों को अपनी रंडी बनाकर चोदूंगा।

अमजद: अरे बेगम ऐसी कोई बात नहीं है।दरअसल कल खेत गया था ना तो पानी के पाइप(लंड) में कचरा(वीर्य) जमा हो गया था तो कचरा निकालना पड़ा।और फिर कीचड़ में ट्रैक्टर फस गया था तो धक्के मार मार के बाहर निकलना पड़ा।इसलिए थोड़ा थक गया था तो थोड़ा लेट उठा।

शबनम: इतनी क्यूं करते हो,खेत में काम करने के लिए मजदूर तो लगा रखे हैं।और आपकी अब उमर भी हो गई है तो इस उमर में ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।

अमजद कुछ बोलता उससे पहले किसी की आवाज आई : अब्बू, अम्मी सही कह रही है।आपको अब ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।आपने बहुत किया है हमारे लिए अब आप आराम कीजिए,आप स्कूल प्रिंसिपल है आपको खेतों काम की क्या जरूरत है। देखो आपके सर के बाल भी सफेद हो गए हैं।आप क्यों इस उमर में इतनी मेहनत करते हो।

ये हीना थी जो अमजद को नसीयत दे रही थी।अमजद को बूढ़ा कह रही थी और बूढ़ा समझ रही थी।अब हीना को क्या पता जिस बाप को वो बूढ़ा समझ रही है, उस बाप में आजकल के जवान लड़कों से ज्यादा जवानी और हवस भरी है। और दम तो इतना है कि तुम जैसी 10 जवान लड़कियों को एक ही बिस्तर पर रंडी बना कर चोद कर संतुष्ट कर सकता है।

हीना की बात सुनकर अमजद हीना की तरफ देखा तो उसे अपनी में आज एक कामुक चुद्दकड माल दिखाई दी।जिसे अमजद अपनी रखैल बना कर चोदना चाहता था।

अमजद:बेटी हीना मैं तुम्हारी मां की बात तो नहीं मानता पर तुम कह रही तो मान लेता हूं कि मैं अब बूढ़ा होने लगा हूं।और अब मैं ज्यादा मेहनत नहीं करूंगा।पर बेटी मैं वो उस काम(चुदाई) में तो मेहनत कर सकता हूं जिससे मुझे खुसी(चूत) मिले और सामने वाले खुशी (लंड) मिले।तू अपने बूढ़े बाप को खुश नहीं देखना चाहती।

हीना: अरे अब्बू मैं तो आपको हमेशा खुश देखना चाहती हूं।आप वो काम जरूर कीजिए जिसमे आपको खुशी मिलती है और आपको अच्छा लगता हो। मैं तो बस आपको ज्यादा मेहनत करने से मना कर रही थी।

अमजद:( मन में) मेरी पाकीजा बेटी मुझे खुशी तो तुझे अपनी रखैल बना कर ही मिलेगी।और अच्छा तो तुम्हे कुत्तिया बनाकर चोदकर ही लगेगा।साली रण्डी मुझे बूढ़ा बोलती है, अब मैं तुझे दिखाऊंगा कि जिसे तू बूढ़ा कह रही हैं वो कैसे तुम्हारी चूत और गांड को फाड़ता है। अब तुझे अपनी रंडी बनाने का मेरा संकल्प और दृढ़ हो गया है। मैं सबसे ज्यादा बेरहमी से तुझे ही चोदूंगा और सबसे ज्यादा जलील तुझे ही करूंगा। तुझसे से तो मैं ऐसे ऐसे घिन्नोने काम करवाऊंगा कि कोई बाजारू रंडी भी सपने में भी नहीं सोच सकती।

शबनम: (हस्ते हुए)ठीक है अब बहुत लेक्चर दे दिया अपने अब्बू को,जा गुड़िया को उठा वो अभी तक सो रही है। मैं नाश्ता बना रही हूं।

हीना सारा को जगाने चली गई और अमजद चाय पीने लगा और शबनम किचन में चली गई।

थोड़ी देर बाद हीना आ गई और चाय पीने लगी। इतने में जिया भी जॉगिंग से वापस आ गई। और सबको गुड मॉर्निंग कहा।
जिया सलवार सूट में ही जॉगिंग गई थी और वो पसीने से भीग गई थी।अमजद ने जब जिया की तरफ देखा तो देखता रह गया।पसीने से उसका चहरा चमक रहा था उसकी कमीज पसीने की वजह से बदन से चिपक गई थी,कमीज के चिकने से उसकी बड़ी हाहाकारी चूचियां का आकार उभर कर सामने आ गया था।
हीना का ध्यान जब जिया की तरफ गया तो उसने गुस्से में जिया की तरफ देखा और चूचियां पे दुपट्टा डालने का इशारा किया।जिया को भी अपनी गलती का एहसास हुआ उसने जल्दी से अपनी चूचियां का उभार धक दिया।अमजद ने भी अपनी नजरे जिया की चूचियां से हटा ली।ये तो अच्छा था हीना और जिया ने अमजद को जिया की चूचियां को घूरते हुए नहीं देखा।और अमजद की नियत का पता चल जाता और अमजद ये बिलकुल नहीं चाहता था।अमजद एक नेक और अच्छा बाप बनकर अपनी बेटियों को अपनी रखैल बना कर चोदना चाहता था।
इतने में सारा भी आ गई। सबको गुड मॉर्निंग बोला।

जिया: गुड मॉर्निंग गुड़िया।क्या बात है गुड़िया तू अब उठी है,रात को नींद नहीं आई ढंग से।

सारा ने अमजद की तरफ देखा और फिर शर्म से नजरे झुका ली।

अमजद जानता था सारा कुछ जवाब नहीं दे पाएगी।

अमजद: ओ पोलिस इंस्पेक्टर मैडम,सुबह सुबह पूछताछ चालू कर दी।उसे चाय तो पीने दे,अभी नींद से जागी है और आप शुरू हो गई इंक्वारी करने।

अमजद की बात सुनकर सब हंसने लगे।

जिया: अच्छा तो आप वकील है इस गुनाहगार के हां।

अमजद:जी मैडम मैं वकील हूं मिस सारा अमजद खान का।आप बताइए मेरी क्लाइंट का क्या गुनाह है।

अमजद और जिया की फनी बयानबाजी सुनकर सारा और हीना दोनों है हस रही थी,और किचन में खड़ी शबनम भी हस रही थी इस खुशनुमा माहौल को देखकर।

जिया: आपकी क्लाइंट का जुर्म ये है कि ये एक घंटा देर से क्यूं जागी।

हीना भी बीच में बोल पड़ी।

हीना: एक्सक्यूज में इंस्पेक्टर।

जिया:जी कहिए।

हीना: मैडम दरअसल ये अपने आप नहीं जागी इसे मैने जगाया नहीं तो ये मुजरिम अभी तक सो रही होती।

जिया: थैंक्यू मिस हीना,तो बताइए एडवोकेट खान क्यों इतनी देर सोती रही आपकी क्लाइंट।आप इसकी बेगुनाही साबित कर पाएंगे या इस गुनाहगार को सजा सुनाई जाए।

अमजद:(अमजद झूट मूट का चिल्लाते हुए)इंस्पेक्टर जिया खान.....।आप हमारी पूरी बात सुने बिना मेरी क्लाइंट को मुजरिम नहीं कह सकती।वो इनोसेंट है।दुबारा अगर आपने मिस सारा खान को गुनाहगार कहा तो हम आप पर मानहानि का केस कर देंगे।

जिया: चिलाइए मत एडवोकेट खान।चिल्लाना मुझे भी आता है।पर आप मेरे अब्बू सम्मान है इसलिए में आपकी बहुत इज्जत करती हूं।आप बस मिस सारा खान की बेगुहाई साबित कीजिए।

अमजद: मिस सारा कल अपने नाना के घर से अपने घर आई है।मैडम, मिस सारा को बहुत लंबा सफर तय करना पड़ा,इसलिए वो थक गई थी।
और सबसे जरूरी बात मिस सारा दो साल बाद अपने घर लौटी थी।उसे कल रात जो अपने घर में जो सुकून मिला वो आज तक नहीं मिला।मैडम, मिस सारा दो साल बाद अपने घर में सुकून की नींद सोई थी इसलिए आज उसे उठने में देर लगी ।
और मैडम मैं आपसे एक रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि कल संडे है तो आज मिस सारा स्कूल जाएगी और फिर अपना गांव और खेत में घूमेंगी तो थक जाएगी इसलिए मिस सारा कल 10 बजे भी उठे फिर भी आप कोई कारवाई नहीं करेगी।(मतलब समझ रहे हो कल सारा देर से क्यूं उठेगी)

जिया: ठीक है एडवोकेट खान मान गए आप कितने बड़े वकील है।आपने मिस सारा को बेगुनाह साबित कर दिया।और रही बात आपकी रिक्वेस्ट की तो मैं मिस सारा को कल 12 बजे तक सोने की इजाजत देती हूं। और कल के बाद इसे टाइम से उठने को बोल देना नहीं तो मैं इसे उम्रकैद की सजा दिलवा के रहूंगी।

अमजद : सारा से) मिस सारा मैडम को थैंक्यू बोलो और परसों से टाइम से उठने का वादा करो।

सारा समझ गई थी कि आज रात अब्बू मुझे सोने नहीं देंगे इसलिए कल पूरा दिन सोती रहूंगी।और सारा के गाल शर्म से लाल हो गए।अमजद ने सारा की तरफ देखा तो,सारा के लाल गाल देखकर समझ गया कि सारा समझ गई है कि वो कल दोपहर तक क्यों सोती रहेगी।
इतनी देर मै सबने चाय पी ली थी।और सब नहाने चले गए।सबके रूम में अटैच बाथरूम है।हीना अपनी अम्मी का किचन में हाथ बटाने लगी।थोड़ी देर बाद सब तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गए।
सब नाश्ते का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर हीना ने जिया को आवाज़ दी। जिया किचेन में चली गई। फिर जीया और हीना नास्ते लेकर आ गई।

फिर सबने नाश्ता किया।

हीना अपना तिफिन लेके हॉस्पिटल के लिए निकल गई। अमजद या सारा स्कूल चले गए (अमजद अपना तिफिन नहीं ले जाता कभी अमजद के घर से पिउं तिफिन ले आता कभी जिया पाहुंचा देती अमजद का घर स्कूल से 500 मीटर की दूरी पर है ये बात में आप लोगों को पहले भी बता चुका हूं)। आज सारा का एडमिशन उसी स्कूल करना था जिस स्कूल में अमजद प्रिंसिपल था. सारा का 12वीं में पढ़ती थी।

और इधर घर पर शबनम और जिया ने किचन का कैंपलेट करने के बाद दोनों नहाने चली गई।

अमजद और सारा पैदल चलकर स्कूल जा रहे थे।
दोनों में से कोई भी बात नहीं कर रहा था।
ऐसे चुपचाप चलना अमजद अच्छा नहीं लग रहा था।
अमजद: गुड़िया तुम पढ़ाई में उतनी ही तेज हो या थोड़ी कमजोर पड़ गई हो।

सारा : पापा मैं 11th में क्लास की टॉपर थी और 12th मैं भी मुझसे तेज कोई नहीं था।इसलिए आप
टेंशन मत लो। मैं इस स्कूल की टॉपर ही रहूंगी।

अमजद: हां पर इस स्कूल के बच्चे बहुत होशियार है।इसलिए तुम्हे टॉप करने के लिए तुझे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।और तुम दिव्या को तो जानती ही हो,गोबिंद सरपंच की बेटी।वो क्लास की ही नहीं बल्कि स्कूल की टॉपर है।तुम उसे हरा पाओगी।और मैं इंटेलीजेंट(चुदाई में) और खूबसूरत लड़कियों को बहुत प्यार करता हूं।टॉप(चुद्दकड़ )लड़कियों को देखकर मुझे बहुत खुशी मिलती है एक टीचर होने के नाते।

दिव्या सच में बहुत इंटेलीजेंट थी और वो स्कूल की सबसे खूबसूरत लड़की होने के साथ स्कूल की टॉपर थी।पर अमजद ने सारा को चिढ़ाने के लिए दिव्या का नाम लिया था।

सारा भी अमजद की बात से चिढ़ गई,उसे दिव्या पर गुस्सा आ रहा था। रात को भी अमजद दिव्या की बहुत तारीफ कर रहा था

सारा: अब्बू देखना अब तो मैं टॉप जरूर करूंगी।आपको दिव्या जेसी इंटेलीजेंट लड़की से खुशी मिलती है,तो अब मैं भी टॉप करके आपको दिव्या से ज्यादा खुशी दूंगी। मैं आपको इतना खुश करूंगी कि आप दिव्या को भूल जाएंगे।

अमजद को सारा का गुस्सा देखकर लगा,साली ये तो दिव्या पे गुस्सा हो गई।अगर ये दिव्या से नफरत करेगी तो दोनों को साथ में चोदूंगा कैसे।मुझे सारा और दिव्या दोनों रंडियों को एकसाथ चोदना हैं।

अमजद:गुड़िया गुस्सा शांत कर। मैं अपनी किसी भी इंटेलीजेट छात्रा(चुदक्कड़ रंडी) को नहीं भूलूंगा। तू दिव्या से इंटेलीजेंट (चुदक्कड़) निकली और तेरे चक्कर में मैं दिव्या को भूल गया तो,कल तुझ्से से भी इंटेलीजेंट(बड़ी रंडी)मुझे मिल गई तो मुझे तुझे भूलना पड़ेगा।क्या तू बर्दास्त कर पाएगी।

सारा सब समझ गई थी कि अब्बू पढ़ाई की नहीं चुदाई की बात कर रहे हैं।अब वो अपने अब्बू की रंडी है और अब वो अपने अब्बू के बिना नहीं रह सकती।

सारा: नहीं अब्बू ऐसा मत करना।अगर आप मुझे भूल गए तो मैं मर जाऊंगी।अब्बू आपको कितनी भी इंटेलीजेंट (चुदक्कड़) लड़की मिल जाए पर आप मुझे मत भूलना प्लीज। मैं हर सब्जेक्ट(रंडीपने) में टॉप करूंगी।

अमजद: नहीं भूलूंगा अपनी इंटेलीजेंट(रंडी) गुड़िया को।तो अब बता दिव्या को भूल जाऊं।

सारा:नहीं अब्बू।आप दिव्या को मत भूलना।वो भी आपको खुशी देगी और मैं भी आपको खुशी दूंगी।

अमजद:ठीक है तो आज से तुम और दिव्या मेरी इंटेलीजेंट छात्रा (चुदक्कड़ रंडिया) हो।और तुम दोनों को पक्की दोस्त बनना है।एकदम सगी बहनों की तरह, समझी।फिर दोनो मिलकर मुझे खुशी देना।

सारा:ठीक है अब्बू,जैसा आप कहे। मैं और दिव्या आजसे पक्की दोस्त।अब हम दोनों मिलकर आपको खुश करेंगे।


अमजद : (खुश होते हुए धीरे से अपना हाथ सारा की गांड पर फेर देता है।) वाह मेरी गुड़िया ये हुई ना इंटेलीजेंट(चुदक्कड़) गुड़िया वाली बात। एक बात और मुझे खुश करना इतना आसान नहीं है।तुम्हे बहोत मेहनत करनी पड़ेगी। मैं बहुत कड़ी परीक्षा लेता हूं।बहुत बेरहम टीचर हूं।

इतने में स्कूल आ गया।

अमजद: गुड़िया तुम क्लास में जाओ, आज वैसे भी हम लेट हो गए है, मैं तेरा एडमिशन कर दूंगा।हां दिव्या से दोस्ती करना मत भूलना।हो सकता है मैं आज ही दिव्या की परीक्षा लूं,तुम बस देखना दिव्या केसे परीक्षा देकर मुझे खुश करती है। समझ गई।

सारा : जी समझ गई।

और सारा क्लास रूम की तरफ चल पड़ी।

और जाते हुए सोचने लगी: क्या अब्बू आज मेरे सामने दिव्या को चोदेंगे। हाए.... अब्बू कितने बेशर्म है, अपनी बेटी के सामने उसकी दोस्त को चोदेंगे।अब तो मुझे भी बिलकुल नहीं शर्माना चाहिए। अब तो अब्बू की रंडी बन कर चुदना है जिंदगी भर।मैं शर्म करके अपने कर्म नहीं फोड़ूंगी।

और सारा मुस्कराते हुए क्लास रूम में चली जाती है। सारा क्लासरूम के डोर पे पहुंची तो देखा कोई टीचर पढ़ा रहा था।

सारा: may i come in sir.

Teacher: yes come in.

सारा क्लास रूम में एंटर हुई।सारे स्टुडेंट सारा जैसा गदराया माल देखकर उसे देखते रह गए।टीचर भी सारा की मस्तानी चूचियों को घूरने लगा।ये सारा ने नोटिस किया।पर सारा को टीचर का घूरना बुरा नहीं लगा।हां कल अगर वो सारा को इस घूरता तो सारा शर्मा जाती या फिर गुस्सा होती।पर अब तो सारा अपने अब्बू की रखैल बनने के सफर पर चल रही थी।

टीचर : कोन हो तुम।

सारा: सर मेरा नाम सारा खान है,मैने आज न्यू एडमिशन लिया है। 12th में।

टीचर इस स्कूल में नया था इस साल ही ज्वाइन हुआ था तो वो सारा को नहीं जानता था।थोड़ा खडूस भी था।

टीचर: और पहले दिन ही लेट।घर बहुत दूर है क्या,इस गांव से हो या पड़ोस के गांव से।

टीचर सारा से सवाल पूछ रहा था पर सारा का ध्यान क्लास रूम में था वो दिव्या को ढूंढ रही थी।इसलिए उसने टीचर की बात का कोई जवाब नहीं दिया। तो टीचर बौखला गया।

टीचर: ए लड़की मैने कुछ पूछा है तुमसे।( जोर से बोला)

तो सारा ने टीचर की तरफ देखा और वो कुछ बोलने वाली थी तभी किसी की आवाज आई।

:ये इसी गांव से है,और इसका घर 500 मीटर की दूरी पर है।और ये सारा है ,प्रिंसिपल साहब की बेटी। और ये 9वीं तक यहीं पढ़ी है।और क्लास की टॉपर थी।हां एकबार मैं टॉप कर गई थी जब ये बीमार थी।और दो साल से ये अपने नाना गांव में थी तो मैं क्लास टॉपर थी पर लगता है मुझे ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।(और उसके चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान आ गई) सर इतना intro. काफी है या पूरी जन्मकुंडली पढ़के सुनाऊं।

टीचर की तो बोलती बंद हो गई।

सारा ने जब उसकी तरफ देखा तो सारा भी मुस्करा कर उसकी तरफ देखने लगी।
तो आप लोग समझ गए होंगे ये किसकी आवाज थी,फिर भी बता दूं ये दिव्या थी।जो एटिट्यूड के साथ सारा का intro. दे रही थी।

टीचर के पास बोलने कुछ बचा नहीं तो उसने सारा को क्लास में बैठने को कहा।

सारा जाके दिव्या के पास खड़ी हो गई दोनों ने एक दूसरे hi hello किया।फिर दिव्या ने अपने पास में बैठी लड़की को इशारा किया तो वो लड़की उठकर दूसरी जगह जा के बैठ गई।
दिव्या ने सारा को अपने पास बैठने को कहा,सारा दिव्या के पास बैठ गई।
वैसे आपको बता दूं दिव्या और सारा का रिश्ता एक दूसरे के कुछ खास नहीं था।दिव्या हीना से उसकी खूबसूरती की वजह से जलती थी और सारा से इंटेलीजेंट के वजह से जलती थी।सारा बचपन से दिव्या की क्लासमेट थी और दोनों हमेशा कंपीटिशन चलता रहता था टॉप करने का।सारा दिव्या पे ज्यादा ध्यान नहीं देती थी पर सारा ये जानती थी कि दिव्या उसे नापसंद करती है।

पर आज जब दिव्या ने सारा की तारीफ की तो सारा समझ गई कि ये सब मेरे अब्बू के बड़े लोड़े का कमाल है।ये जब मेरे अब्बू के बड़े लोड़े की वजह से पिघल गई है तो मुझे भी इसके साथ पक्के दोस्तों वाला व्यवहार करना चाहिए।

थोड़ी देर वो टीचर पढ़ाता रहा।और फिर वो चला गया।उसके जाते ही सारा और दिव्या बात करने लगी।

दिव्या: तुम कब आई नाना के गांव से।और ऐसे अचानक।

सारा: कल ही आई और ये अचानक नहीं आई बल्कि कब से सोच रही थी आने की।यार घरवालों की बहुत याद आती थी इसलिए आ गई।

दिव्या: बहुत अच्छा किया आकर।

सारा: और क्या बात है जो मेरी दुश्मन टीचर और सब स्टुडेंट के सामने मेरी तारीफ कर थी।कहीं तुझे मुझसे प्यार तो नहीं हो गया।

दिव्या: (आह भरते हुए) आह..... जानेमन तेरी ये जवानी देखकर तेरा अभी रेप करने का मन कर रहा है और तू प्यार की बात कर रही है।और दुश्मनी की बात तूने सुना होगा ennemy attract. तेरी जवानी देखकर मुझे भी एक तरफा प्यार हो गया है।

सारा को भी दिव्या की बातों से मजा आने लगा।वो समझ गई कि दिव्या उससे दोस्ती करना चाहती है।सारा भी यही चाहती थी।

सारा: साली मेरा रेप करेगी,अपने आप को देख और मुझे देख तुझे अपनी टांगों के बीच मसल के रख दूंगी।और रही बात एनेमी अट्रैक्ट तो,अट्रैक्ट तो मैं भी तुझसे हो गई हूं।और रही बात एक तरफा प्यार की तो,प्यार एक तरफा नहीं दो तरफा है।मुझे भी तेरी ये कमसिन जवानी देखकर प्यार हो गया है।अब तू मेरा प्यार से स्वीकार करेगी तो अच्छी बात है नहीं तो साली तुझे उठा के ले जाऊंगी और तेरा रेप कर दूंगी।

दोनों बहुत धीरे से बात कर रही थी क्योंकि क्लास रूम की सारी लड़कियां और लड़के उन दोनों को ही देख रहे थे।लड़के तो देख रहे थे क्योंकि पूरी स्कूल में देखने की चीज ये दोनों ही थी।दोनों को देख कर सब लडको के लंड खड़े हो गए थे।और लड़कियां इसलिए देख रही क्योंकि सारी लड़कियां इस गांव की ही थी कुछ लड़कियां पड़ोस के गांवों की थी क्योंकि उनके गांव में 12वीं की स्कूल नहीं थी।मगर इस गांव की लड़कियों को पता था कि सारा और दिव्या की आपस में कभी नहीं बनती और सारा तो अमजद का भी मजाक उड़ाया करती थी तो आज ये चमत्कार कैसे हो गया।दोनों मिलकर ऐसे खुश हो रही थी जैसे बरसों के बिछड़े प्रेमी हो।

दिव्या: और साली तू मेरा रेप करेगी और मैं तुझे ऐसे ही छोड़ दूंगी।फिर सारे गांव को बता दूंगी कि तूने मेरा रेप किया है और मैं तेरे बच्चे की मां बनने वाली हूं।और फिर गांववाले मेरी शादी तुझे करवा देंगे।और फिर मैं तेरी बीवी बनकर जीना हराम कर दूंगी।

सारा: साली कुत्तिया मुझे धमकी देती है अब तो पक्का तेरी रेप करूंगी।और तुझे गाभिन (गर्भवती) करके छोड़ दूंगी।

दोनों को ऐसी बातें करने में बहुत मजा आ रहा था और अपनी बातों पर हसी भी आ रही थी।

दिव्या: साली अब तू ज्यादा बोल रही है।साली मुझे गाभिन करने के लिए तेरे पास हथियार होना जरूरी है।मेरा रेप तो कर लेगी पर मुझे गाभिन कैसे करेगी।बोल कुत्तिया।

सारा: साली तुझे गाभिन करने के लिए मेरे पास हथियार होना जरूरी नहीं है।तुझे गाभिन तो मैं अपनी चुचियों से कर दूंगी।

दिव्या: साली चूचियों से कैसे गाभीन करेगी,तेरी चूचियों से क्या माल निकलता है।

सारा: साली कुत्तिया तुझे गाभिन करने के लिए माल जरूरत नहीं पड़ेगी।तुझे तो मैं अपने चूचियों से निकलने वाले दूध को तेरी चूत में डालकर तुझे गाभिन कर दूंगी।

अब दोनो अश्लील बातें खुलकर कर रही थी।करे भी क्यूं ना दोनो अमजद के लपेटे में जो आ गई थी।

दिव्या: फिर तो साली तुझे पहले एक असली मर्द के तगड़े लोड़े से चुदकर गाभिन होना पड़ेगा। फिर अपनी चूत से बच्चे को जन्म देना होगा तब जाकर तेरी इन चुचियों से दूध निकलेगा।

सारा: फिर तो बहुत टाइम लग जाएगा।कोई मर्द मुझे चोद कर गाभिन करेगा तब तक तो तू साली किसी की रंडी बनकर चुद रही होगी।साली अगर मैं मर्द होता तो कभी प्यार से नहीं चोदता बल्कि अपनी रंडी बनाकर बड़ी बेरहमी से चोदता।

दोनों बात कर रही होती तभी दूसरा टीचर आता और पढ़ाने लगता है।सारा और दिव्या दोनों चुप हो जाती है।

दिव्या सारा की आखिरी बात सुनकर सोच में पड़ जाती।दिव्या सोचती है :सारा ने मुझे बोला अगर मैं मर्द होती तो तुझे अपनी रंडी बनाकर बड़ी बेरहमी से चोदता।और बात मुझे इसके अब्बू यानी मेरे मालिक ने बोली थी।पर ये बात सारा को कैसे पता।कहीं सारा को भी मालिक ने अपनी रखैल बना दिया है।नहीं नहीं ऐसे थोड़ी होता है,एक बाप अपनी सगी बेटी को अपनी रखैल कैसे बना सकता है।पर सारा की बातें सुनकर ऐसा लगता ये सब मालिक की चुदाई का असर है।नहीं मुझे ये सब नहीं सोचना चाहिए,सारा मालिक की बेटी है अगर मालिक को पता चल गया कि मेने उनकी ओर उनकी बेटी के बारे में गलत सोचा है तो वो मुझे छोड़ देंगे।मालिक किसी को भी चोदे, किसी को भी अपनी रंडी बनाए,मुझे क्या। मैं उनकी रंडी हूं प्रेमिका नहीं।मुझे तो मालिक की रंडी बनकर जिंदगी भर चुदना उनके मोटे लोड़े से।और मालिक किसी भी चोद सकते है।

सारा ने जब दिव्या की तरफ देखा तो सारा समझ गई कि दिव्या मेरे और मेरे अब्बू के बारे में सोच रही है।सारा ने जानबूझ कर अमजद वाला डायलॉग बोला था।वो जानना चाहती थी कि दिव्या क्या रिएक्ट करती है।दिव्या को देखकर सारा समझ गई कि दिव्या मेरी कही बात समझ आ गई और उसे ज्यादा झटका नहीं लगा।

दूसरा टीचर भी पढ़ा कर चला गया।

सारा: कुत्तिया क्या सोच रही है।और किसके बारे में सोच रही है।

दिव्या: साली किसी के बारे में नहीं सोच रही,तेरे बारे में सोच रही थी।

सारा: कुत्तिया मेरे बारे में क्या सोच रही थी।कहीं मुझसे चुदवाने का तो नहीं सोच रही थी।

दिव्या: चुदवाना तो तुझ से है और तुझे चोदना भी है।मगर फिलहाल ये सोच रही हूं कि तू तो एकदम सीधी साधी लड़की थी।तो फिर ये एक दम रंडियों जैसी बातें कैसे करने लगी।

सारा:तू तो अब मेरी जानेमन है तो तूझसे क्या छुपाना।दरअसल ये कमाल एक असली मर्द ने किया है।उसकी मर्दानगी और उसकी बातों और उसकी हरकतों ने मुझे रंडी बना दिया।

दिव्या: इसका मतलब तू चुद चुकी है ,और उस मर्द की रंडी बन चुकी है।

सारा,:नहीं मेरी जान मैं अभी तक वर्जिन हूं।हां जल्द ही उनसे रंडी की तरह चुदूंगी।

दिव्या को पूरा यकीन हो गया कि सारा भी मेरे मालिक यानी अपने अब्बू की रंडी बन चुकी है।पर एक बेटी सगे बाप की रंडी।वो भी एक रात में।फिर सोचती है मालिक की बातों में जादू है,मालिक जब मुझ जैसी घममंडी और उनसे नफरत करने वाली लड़की को अपनी रखैल बना सकते तो सारा तो उनसे बहुत प्यार करती है ये तो आसानी से उनकी रंडी बन गई होगी। और हैरत से सारा की तरफ देखने लगी।

दिव्या को अपनी तरफ ऐसे हैरत से देखते पाया तो सारा समझ गई कि साली दिव्या को पता चल गया है कि मैं किस मर्द की रंडी बन चुकी हूं।

सारा: साली कुत्तिया ऐसे क्या देख रही है।तू भी तो रंडी जैसी खुलकर बातें कर रही है,तुझे किसने खोला मेरी जान।

दिव्या: तू भी तो मेरी जान है,अब तुझ से मैं भी नही कुछ नहीं छुपाऊंगी।मुझे भी एक असली मर्द ने अपना दीवाना बना दिया है।उन्ही का कमाल है कि मैं तेरे से खुलकर चुदाई की कामुक बातें कर रहीं हूं।

सारा सब जानती थी कि दिव्या को किसने अपना दीवाना बनाया है।

सारा:तो मेरी जान ने अपनी चूत उस मर्द से चुदवाई या अभी तक बस दीवानी बनी हुई है।

दिव्या: चुदवाई! अरे मेरी जान उन्होंने मेरी चूत फाड़ कर रख दी। हाए क्या लंड है उनका,लंड नहीं लोड़ा है लौड़ा।उन्होंने मुझे अपने बड़े लोड़े से एक बाजारू रंडी से बदतर तरीके से चोदा।मेरी चीखें दूर दूर तक गूंजी।आजतक किसी भी वर्जिन लड़की को किसी ने इतनी बेरहमी से नहीं चोदा होगा ,जितनी बेरहमी से मुझे चोदा उन्होंने।
मुझे उन्होंने बहुत दर्द देकर चोदा,पर मेरी जान उस दर्द में जो मजा था वो मैं लफ्जों में बयान नही कर सकती।

सारा: साली कुत्तिया तू तो बड़ी तेज निकली।साली मेरे से पहले चुद गई।और ये बता तू उनको इतनी इज्जत क्यूं दे रही है,वो मर्द तेरा ब्वॉयफ्रेंड है या तेरा पति।

दिव्या: ना वो मेरे ब्वॉयफ्रेंड है ना वो मेरे पति हैं।वो मेरे मालिक है और मैं उनकी रखैल हूं,रंडी हूं,गुलाम हूं।और जिंदगी भर उनकी रखैल बन कर रहूंगी।और जिंदगी भर उनसे चुदूगी,किसी दूसरे मर्द की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखूंगी। हां अगर मालिक ने कहा तो किसी से भी चुदवा लूंगी।

सारा: आह....मेरी जान तेरी बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गई है,जी करता है अभी जाकर मैं अपने मालिक से तेरी तरह रंडी की तरह चुदवा लूं।
मुझे भी तब मजा आएगा जब मेरे मालिक मुझे तेरी तरह बेरहमी दर्द देकर चोदेंगे।मुझे भी तेरी तरह दर्द में मजा आता है,इसलिए तो हम दोनों दुश्मन से पक्के दोस्त बन गए हैं।

दिव्या: हां मेरी जान तू सही कह रही है हम दोनो अपने मालिक की बेदर्दी से खुश होने वाली रंडियां है।ओह...सारा मेरी जान मुझसे अब बर्दास्त नही हो रहा है ,मेरी चूत चाहती है कि अभी मालिक आएं और मुझे इन सब स्टुडेंट के सामने कुत्तिया बनाकर बेरहमी से चोदे।

दोनों ऐसी हवसभरी करके बहुत गरम हो गई थी।दोनो के चेहरों पर कामुकता साफ झलक रही थी।

दोनों की बातें किसी भी स्टुडेंट नहीं सुनाई दे रही थी क्योंकि दोनों एक दूसरे के कान में फुसफुसाके बाते कर रही थी।पर उनके चेहरे के भाव देखकर कुछ चुदी हुई को पता चल गया था कि ये दोनो अश्लील बातें कर रही है।

तभी पिऊन आया और बोला: सारा खान और दिव्या चौधरी को प्रिंसिपल साहब बुला रहे है।

पिऊन को बात सुनकर दोनों एक साथ खड़ी हो गई और एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी। दोनों बहुत गरम हो गई थी।सारा को पता था अब्बू मुझे आज स्कूल में नहीं चोदेंगे पर थोड़ा मजा तो मिलेगा।मगर दिव्या को पूरा यकीन था कि अमजद उसे सारा के सामने ही चोद देंगे।इसलिए वो बहुत खुश हो गई।

और दोनों जल्दी से प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ चल पड़ी अमजद से चुदवाने।

दोनों अमजद के ऑफिस के पास जाकर दरवाजा खटखटाया। अंदर से अमजद की आवाज आई:अंदर आ जाओ दोनों।

दोनों दरवाजा खोल कर ऑफिस में दाखिल हुई।
और उनकी नजर अमजद पे पड़ी तो दोनों की आह निकल गई।
पर फिर अचानक उन दोनो को अमजद के सामने किसी सक्स को बैठे देखा तो सारा और दिव्या दोनों का मूड खराब हो गया।

वो शख्स कोन था और क्या आज अमजद अपने ऑफिस में सारा और दिव्या के मजे करेगा या नहीं।
ये आपको अगले अपडेट में पता चलेगा।

तब तक के लिए अलविदा।
finaly super duper hot update
 

Lamia.

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paarth

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अमजद और सारा ऐसे चुदाई के सपने देखते हुए नींद की आगोश में चले गए।
जैसे हर घर में सुबह होती, ऐसे ही अमजद के घर में सुबह हुई ।
शबनम, हीना और जीया तीनों मां बेटी 6 बजे उठ गई थी। हीना फ्रेश होने चली गई और साथ में नहाने भी लग गई । जीया सुबह सुबह जोगिंग पे निकल गई अपनी बड़ी गांड मटकाते हुए, साली को पुलीस वाली जो बनना था। मुजरिमों को कुतों की तरह दोड़ा दोड़ा कर जो पीटना था, पर जीया को क्या पता कि उसके नसीब में अपने बाप की कुतिया बनना लिखा है। हाहाहाहा ....

अमजद और सारा अभी सो रहे थे। सारा को अमजद ने रातभर अपनी रण्डी बनाकर मसला था, चोदा भले ना हो , पर अमजद ने जो मजा सारा को दिया था। वो आम चुदाई से बढ़कर था।
और का पहला आर्गेजम था तो वो उसकी खुमारी में सो रही थी।
अमजद को भी आज सालों बाद एसी अच्छी नींद आई थी. एक तो उसने कल दिन में दिव्या को अपनी रंडी बनाकर चोदा था और रात को अपनी सगी बेटी के साथ बहुत मजा किया था और अपनी बेटी को अपना माल भी पिलाया था।

शबनम चाय बनाकर अमजद को उठाने चली गई।

शबनम के उठाने पर अमजद उठ गया।(एक बात बता दूं आप लोगों को अमजद आलसी किस्म का आदमी नहीं है वो हमेशा सुबह 6 बजे उठ जाता और नहा धोके सबसे पहले तैयार हो जाता है।और संडे को भी उसी टाइम उठ जाता और नहा धोकर चाय नाश्ता करके खेतों में चला जाता है काम करने।हां अब बात अलग है, अब खेतों में तो जाएगा पर काम करने नहीं बल्कि अपनी जवान रंडियों को बेरहमी से चोदने।)

अमजद हाथ मुंह धोकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और शबनम ने चाय दी और कहने लगी–क्या बात आज आपकी तबियत तो ठीक है।

अमजद: हैरत से अपनी बीबी की तरफ देखते हुए: क्यूं क्या हुआ, मैं तो एकदम ठीक हूं बिलकुल स्वस्थ।

शबनम: अरे मैं तो ऐसे ही पूछ रही थी,आप हमेशा अपने आप उठ जाते थे मगर आज उठाना पड़ा।इसलिए पूछा।

अमजद अब सारा को क्या बताता।ये तो नहीं बता सकता कि रात भर हमारी छोटी बेटी को अपनी रखैल बनाने की ट्रैनिंग दे रहा था। और हमारी बेटी के नाजुक जिस्म से रात भर खेला।और हम दोनों बाप बेटी को बहुत मजा आया।और अब मैं हमारी तीनों पाकीजा बेटियों को अपनी रंडी बनाकर चोदूंगा।

अमजद: अरे बेगम ऐसी कोई बात नहीं है।दरअसल कल खेत गया था ना तो पानी के पाइप(लंड) में कचरा(वीर्य) जमा हो गया था तो कचरा निकालना पड़ा।और फिर कीचड़ में ट्रैक्टर फस गया था तो धक्के मार मार के बाहर निकलना पड़ा।इसलिए थोड़ा थक गया था तो थोड़ा लेट उठा।

शबनम: इतनी क्यूं करते हो,खेत में काम करने के लिए मजदूर तो लगा रखे हैं।और आपकी अब उमर भी हो गई है तो इस उमर में ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।

अमजद कुछ बोलता उससे पहले किसी की आवाज आई : अब्बू, अम्मी सही कह रही है।आपको अब ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।आपने बहुत किया है हमारे लिए अब आप आराम कीजिए,आप स्कूल प्रिंसिपल है आपको खेतों काम की क्या जरूरत है। देखो आपके सर के बाल भी सफेद हो गए हैं।आप क्यों इस उमर में इतनी मेहनत करते हो।

ये हीना थी जो अमजद को नसीयत दे रही थी।अमजद को बूढ़ा कह रही थी और बूढ़ा समझ रही थी।अब हीना को क्या पता जिस बाप को वो बूढ़ा समझ रही है, उस बाप में आजकल के जवान लड़कों से ज्यादा जवानी और हवस भरी है। और दम तो इतना है कि तुम जैसी 10 जवान लड़कियों को एक ही बिस्तर पर रंडी बना कर चोद कर संतुष्ट कर सकता है।

हीना की बात सुनकर अमजद हीना की तरफ देखा तो उसे अपनी में आज एक कामुक चुद्दकड माल दिखाई दी।जिसे अमजद अपनी रखैल बना कर चोदना चाहता था।

अमजद:बेटी हीना मैं तुम्हारी मां की बात तो नहीं मानता पर तुम कह रही तो मान लेता हूं कि मैं अब बूढ़ा होने लगा हूं।और अब मैं ज्यादा मेहनत नहीं करूंगा।पर बेटी मैं वो उस काम(चुदाई) में तो मेहनत कर सकता हूं जिससे मुझे खुसी(चूत) मिले और सामने वाले खुशी (लंड) मिले।तू अपने बूढ़े बाप को खुश नहीं देखना चाहती।

हीना: अरे अब्बू मैं तो आपको हमेशा खुश देखना चाहती हूं।आप वो काम जरूर कीजिए जिसमे आपको खुशी मिलती है और आपको अच्छा लगता हो। मैं तो बस आपको ज्यादा मेहनत करने से मना कर रही थी।

अमजद:( मन में) मेरी पाकीजा बेटी मुझे खुशी तो तुझे अपनी रखैल बना कर ही मिलेगी।और अच्छा तो तुम्हे कुत्तिया बनाकर चोदकर ही लगेगा।साली रण्डी मुझे बूढ़ा बोलती है, अब मैं तुझे दिखाऊंगा कि जिसे तू बूढ़ा कह रही हैं वो कैसे तुम्हारी चूत और गांड को फाड़ता है। अब तुझे अपनी रंडी बनाने का मेरा संकल्प और दृढ़ हो गया है। मैं सबसे ज्यादा बेरहमी से तुझे ही चोदूंगा और सबसे ज्यादा जलील तुझे ही करूंगा। तुझसे से तो मैं ऐसे ऐसे घिन्नोने काम करवाऊंगा कि कोई बाजारू रंडी भी सपने में भी नहीं सोच सकती।

शबनम: (हस्ते हुए)ठीक है अब बहुत लेक्चर दे दिया अपने अब्बू को,जा गुड़िया को उठा वो अभी तक सो रही है। मैं नाश्ता बना रही हूं।

हीना सारा को जगाने चली गई और अमजद चाय पीने लगा और शबनम किचन में चली गई।

थोड़ी देर बाद हीना आ गई और चाय पीने लगी। इतने में जिया भी जॉगिंग से वापस आ गई। और सबको गुड मॉर्निंग कहा।
जिया सलवार सूट में ही जॉगिंग गई थी और वो पसीने से भीग गई थी।अमजद ने जब जिया की तरफ देखा तो देखता रह गया।पसीने से उसका चहरा चमक रहा था उसकी कमीज पसीने की वजह से बदन से चिपक गई थी,कमीज के चिकने से उसकी बड़ी हाहाकारी चूचियां का आकार उभर कर सामने आ गया था।
हीना का ध्यान जब जिया की तरफ गया तो उसने गुस्से में जिया की तरफ देखा और चूचियां पे दुपट्टा डालने का इशारा किया।जिया को भी अपनी गलती का एहसास हुआ उसने जल्दी से अपनी चूचियां का उभार धक दिया।अमजद ने भी अपनी नजरे जिया की चूचियां से हटा ली।ये तो अच्छा था हीना और जिया ने अमजद को जिया की चूचियां को घूरते हुए नहीं देखा।और अमजद की नियत का पता चल जाता और अमजद ये बिलकुल नहीं चाहता था।अमजद एक नेक और अच्छा बाप बनकर अपनी बेटियों को अपनी रखैल बना कर चोदना चाहता था।
इतने में सारा भी आ गई। सबको गुड मॉर्निंग बोला।

जिया: गुड मॉर्निंग गुड़िया।क्या बात है गुड़िया तू अब उठी है,रात को नींद नहीं आई ढंग से।

सारा ने अमजद की तरफ देखा और फिर शर्म से नजरे झुका ली।

अमजद जानता था सारा कुछ जवाब नहीं दे पाएगी।

अमजद: ओ पोलिस इंस्पेक्टर मैडम,सुबह सुबह पूछताछ चालू कर दी।उसे चाय तो पीने दे,अभी नींद से जागी है और आप शुरू हो गई इंक्वारी करने।

अमजद की बात सुनकर सब हंसने लगे।

जिया: अच्छा तो आप वकील है इस गुनाहगार के हां।

अमजद:जी मैडम मैं वकील हूं मिस सारा अमजद खान का।आप बताइए मेरी क्लाइंट का क्या गुनाह है।

अमजद और जिया की फनी बयानबाजी सुनकर सारा और हीना दोनों है हस रही थी,और किचन में खड़ी शबनम भी हस रही थी इस खुशनुमा माहौल को देखकर।

जिया: आपकी क्लाइंट का जुर्म ये है कि ये एक घंटा देर से क्यूं जागी।

हीना भी बीच में बोल पड़ी।

हीना: एक्सक्यूज में इंस्पेक्टर।

जिया:जी कहिए।

हीना: मैडम दरअसल ये अपने आप नहीं जागी इसे मैने जगाया नहीं तो ये मुजरिम अभी तक सो रही होती।

जिया: थैंक्यू मिस हीना,तो बताइए एडवोकेट खान क्यों इतनी देर सोती रही आपकी क्लाइंट।आप इसकी बेगुनाही साबित कर पाएंगे या इस गुनाहगार को सजा सुनाई जाए।

अमजद:(अमजद झूट मूट का चिल्लाते हुए)इंस्पेक्टर जिया खान.....।आप हमारी पूरी बात सुने बिना मेरी क्लाइंट को मुजरिम नहीं कह सकती।वो इनोसेंट है।दुबारा अगर आपने मिस सारा खान को गुनाहगार कहा तो हम आप पर मानहानि का केस कर देंगे।

जिया: चिलाइए मत एडवोकेट खान।चिल्लाना मुझे भी आता है।पर आप मेरे अब्बू सम्मान है इसलिए में आपकी बहुत इज्जत करती हूं।आप बस मिस सारा खान की बेगुहाई साबित कीजिए।

अमजद: मिस सारा कल अपने नाना के घर से अपने घर आई है।मैडम, मिस सारा को बहुत लंबा सफर तय करना पड़ा,इसलिए वो थक गई थी।
और सबसे जरूरी बात मिस सारा दो साल बाद अपने घर लौटी थी।उसे कल रात जो अपने घर में जो सुकून मिला वो आज तक नहीं मिला।मैडम, मिस सारा दो साल बाद अपने घर में सुकून की नींद सोई थी इसलिए आज उसे उठने में देर लगी ।
और मैडम मैं आपसे एक रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि कल संडे है तो आज मिस सारा स्कूल जाएगी और फिर अपना गांव और खेत में घूमेंगी तो थक जाएगी इसलिए मिस सारा कल 10 बजे भी उठे फिर भी आप कोई कारवाई नहीं करेगी।(मतलब समझ रहे हो कल सारा देर से क्यूं उठेगी)

जिया: ठीक है एडवोकेट खान मान गए आप कितने बड़े वकील है।आपने मिस सारा को बेगुनाह साबित कर दिया।और रही बात आपकी रिक्वेस्ट की तो मैं मिस सारा को कल 12 बजे तक सोने की इजाजत देती हूं। और कल के बाद इसे टाइम से उठने को बोल देना नहीं तो मैं इसे उम्रकैद की सजा दिलवा के रहूंगी।

अमजद : सारा से) मिस सारा मैडम को थैंक्यू बोलो और परसों से टाइम से उठने का वादा करो।

सारा समझ गई थी कि आज रात अब्बू मुझे सोने नहीं देंगे इसलिए कल पूरा दिन सोती रहूंगी।और सारा के गाल शर्म से लाल हो गए।अमजद ने सारा की तरफ देखा तो,सारा के लाल गाल देखकर समझ गया कि सारा समझ गई है कि वो कल दोपहर तक क्यों सोती रहेगी।
इतनी देर मै सबने चाय पी ली थी।और सब नहाने चले गए।सबके रूम में अटैच बाथरूम है।हीना अपनी अम्मी का किचन में हाथ बटाने लगी।थोड़ी देर बाद सब तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गए।
सब नाश्ते का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर हीना ने जिया को आवाज़ दी। जिया किचेन में चली गई। फिर जीया और हीना नास्ते लेकर आ गई।

फिर सबने नाश्ता किया।

हीना अपना तिफिन लेके हॉस्पिटल के लिए निकल गई। अमजद या सारा स्कूल चले गए (अमजद अपना तिफिन नहीं ले जाता कभी अमजद के घर से पिउं तिफिन ले आता कभी जिया पाहुंचा देती अमजद का घर स्कूल से 500 मीटर की दूरी पर है ये बात में आप लोगों को पहले भी बता चुका हूं)। आज सारा का एडमिशन उसी स्कूल करना था जिस स्कूल में अमजद प्रिंसिपल था. सारा का 12वीं में पढ़ती थी।

और इधर घर पर शबनम और जिया ने किचन का कैंपलेट करने के बाद दोनों नहाने चली गई।

अमजद और सारा पैदल चलकर स्कूल जा रहे थे।
दोनों में से कोई भी बात नहीं कर रहा था।
ऐसे चुपचाप चलना अमजद अच्छा नहीं लग रहा था।
अमजद: गुड़िया तुम पढ़ाई में उतनी ही तेज हो या थोड़ी कमजोर पड़ गई हो।

सारा : पापा मैं 11th में क्लास की टॉपर थी और 12th मैं भी मुझसे तेज कोई नहीं था।इसलिए आप
टेंशन मत लो। मैं इस स्कूल की टॉपर ही रहूंगी।

अमजद: हां पर इस स्कूल के बच्चे बहुत होशियार है।इसलिए तुम्हे टॉप करने के लिए तुझे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।और तुम दिव्या को तो जानती ही हो,गोबिंद सरपंच की बेटी।वो क्लास की ही नहीं बल्कि स्कूल की टॉपर है।तुम उसे हरा पाओगी।और मैं इंटेलीजेंट(चुदाई में) और खूबसूरत लड़कियों को बहुत प्यार करता हूं।टॉप(चुद्दकड़ )लड़कियों को देखकर मुझे बहुत खुशी मिलती है एक टीचर होने के नाते।

दिव्या सच में बहुत इंटेलीजेंट थी और वो स्कूल की सबसे खूबसूरत लड़की होने के साथ स्कूल की टॉपर थी।पर अमजद ने सारा को चिढ़ाने के लिए दिव्या का नाम लिया था।

सारा भी अमजद की बात से चिढ़ गई,उसे दिव्या पर गुस्सा आ रहा था। रात को भी अमजद दिव्या की बहुत तारीफ कर रहा था

सारा: अब्बू देखना अब तो मैं टॉप जरूर करूंगी।आपको दिव्या जेसी इंटेलीजेंट लड़की से खुशी मिलती है,तो अब मैं भी टॉप करके आपको दिव्या से ज्यादा खुशी दूंगी। मैं आपको इतना खुश करूंगी कि आप दिव्या को भूल जाएंगे।

अमजद को सारा का गुस्सा देखकर लगा,साली ये तो दिव्या पे गुस्सा हो गई।अगर ये दिव्या से नफरत करेगी तो दोनों को साथ में चोदूंगा कैसे।मुझे सारा और दिव्या दोनों रंडियों को एकसाथ चोदना हैं।

अमजद:गुड़िया गुस्सा शांत कर। मैं अपनी किसी भी इंटेलीजेट छात्रा(चुदक्कड़ रंडी) को नहीं भूलूंगा। तू दिव्या से इंटेलीजेंट (चुदक्कड़) निकली और तेरे चक्कर में मैं दिव्या को भूल गया तो,कल तुझ्से से भी इंटेलीजेंट(बड़ी रंडी)मुझे मिल गई तो मुझे तुझे भूलना पड़ेगा।क्या तू बर्दास्त कर पाएगी।

सारा सब समझ गई थी कि अब्बू पढ़ाई की नहीं चुदाई की बात कर रहे हैं।अब वो अपने अब्बू की रंडी है और अब वो अपने अब्बू के बिना नहीं रह सकती।

सारा: नहीं अब्बू ऐसा मत करना।अगर आप मुझे भूल गए तो मैं मर जाऊंगी।अब्बू आपको कितनी भी इंटेलीजेंट (चुदक्कड़) लड़की मिल जाए पर आप मुझे मत भूलना प्लीज। मैं हर सब्जेक्ट(रंडीपने) में टॉप करूंगी।

अमजद: नहीं भूलूंगा अपनी इंटेलीजेंट(रंडी) गुड़िया को।तो अब बता दिव्या को भूल जाऊं।

सारा:नहीं अब्बू।आप दिव्या को मत भूलना।वो भी आपको खुशी देगी और मैं भी आपको खुशी दूंगी।

अमजद:ठीक है तो आज से तुम और दिव्या मेरी इंटेलीजेंट छात्रा (चुदक्कड़ रंडिया) हो।और तुम दोनों को पक्की दोस्त बनना है।एकदम सगी बहनों की तरह, समझी।फिर दोनो मिलकर मुझे खुशी देना।

सारा:ठीक है अब्बू,जैसा आप कहे। मैं और दिव्या आजसे पक्की दोस्त।अब हम दोनों मिलकर आपको खुश करेंगे।


अमजद : (खुश होते हुए धीरे से अपना हाथ सारा की गांड पर फेर देता है।) वाह मेरी गुड़िया ये हुई ना इंटेलीजेंट(चुदक्कड़) गुड़िया वाली बात। एक बात और मुझे खुश करना इतना आसान नहीं है।तुम्हे बहोत मेहनत करनी पड़ेगी। मैं बहुत कड़ी परीक्षा लेता हूं।बहुत बेरहम टीचर हूं।

इतने में स्कूल आ गया।

अमजद: गुड़िया तुम क्लास में जाओ, आज वैसे भी हम लेट हो गए है, मैं तेरा एडमिशन कर दूंगा।हां दिव्या से दोस्ती करना मत भूलना।हो सकता है मैं आज ही दिव्या की परीक्षा लूं,तुम बस देखना दिव्या केसे परीक्षा देकर मुझे खुश करती है। समझ गई।

सारा : जी समझ गई।

और सारा क्लास रूम की तरफ चल पड़ी।

और जाते हुए सोचने लगी: क्या अब्बू आज मेरे सामने दिव्या को चोदेंगे। हाए.... अब्बू कितने बेशर्म है, अपनी बेटी के सामने उसकी दोस्त को चोदेंगे।अब तो मुझे भी बिलकुल नहीं शर्माना चाहिए। अब तो अब्बू की रंडी बन कर चुदना है जिंदगी भर।मैं शर्म करके अपने कर्म नहीं फोड़ूंगी।

और सारा मुस्कराते हुए क्लास रूम में चली जाती है। सारा क्लासरूम के डोर पे पहुंची तो देखा कोई टीचर पढ़ा रहा था।

सारा: may i come in sir.

Teacher: yes come in.

सारा क्लास रूम में एंटर हुई।सारे स्टुडेंट सारा जैसा गदराया माल देखकर उसे देखते रह गए।टीचर भी सारा की मस्तानी चूचियों को घूरने लगा।ये सारा ने नोटिस किया।पर सारा को टीचर का घूरना बुरा नहीं लगा।हां कल अगर वो सारा को इस घूरता तो सारा शर्मा जाती या फिर गुस्सा होती।पर अब तो सारा अपने अब्बू की रखैल बनने के सफर पर चल रही थी।

टीचर : कोन हो तुम।

सारा: सर मेरा नाम सारा खान है,मैने आज न्यू एडमिशन लिया है। 12th में।

टीचर इस स्कूल में नया था इस साल ही ज्वाइन हुआ था तो वो सारा को नहीं जानता था।थोड़ा खडूस भी था।

टीचर: और पहले दिन ही लेट।घर बहुत दूर है क्या,इस गांव से हो या पड़ोस के गांव से।

टीचर सारा से सवाल पूछ रहा था पर सारा का ध्यान क्लास रूम में था वो दिव्या को ढूंढ रही थी।इसलिए उसने टीचर की बात का कोई जवाब नहीं दिया। तो टीचर बौखला गया।

टीचर: ए लड़की मैने कुछ पूछा है तुमसे।( जोर से बोला)

तो सारा ने टीचर की तरफ देखा और वो कुछ बोलने वाली थी तभी किसी की आवाज आई।

:ये इसी गांव से है,और इसका घर 500 मीटर की दूरी पर है।और ये सारा है ,प्रिंसिपल साहब की बेटी। और ये 9वीं तक यहीं पढ़ी है।और क्लास की टॉपर थी।हां एकबार मैं टॉप कर गई थी जब ये बीमार थी।और दो साल से ये अपने नाना गांव में थी तो मैं क्लास टॉपर थी पर लगता है मुझे ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।(और उसके चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान आ गई) सर इतना intro. काफी है या पूरी जन्मकुंडली पढ़के सुनाऊं।

टीचर की तो बोलती बंद हो गई।

सारा ने जब उसकी तरफ देखा तो सारा भी मुस्करा कर उसकी तरफ देखने लगी।
तो आप लोग समझ गए होंगे ये किसकी आवाज थी,फिर भी बता दूं ये दिव्या थी।जो एटिट्यूड के साथ सारा का intro. दे रही थी।

टीचर के पास बोलने कुछ बचा नहीं तो उसने सारा को क्लास में बैठने को कहा।

सारा जाके दिव्या के पास खड़ी हो गई दोनों ने एक दूसरे hi hello किया।फिर दिव्या ने अपने पास में बैठी लड़की को इशारा किया तो वो लड़की उठकर दूसरी जगह जा के बैठ गई।
दिव्या ने सारा को अपने पास बैठने को कहा,सारा दिव्या के पास बैठ गई।
वैसे आपको बता दूं दिव्या और सारा का रिश्ता एक दूसरे के कुछ खास नहीं था।दिव्या हीना से उसकी खूबसूरती की वजह से जलती थी और सारा से इंटेलीजेंट के वजह से जलती थी।सारा बचपन से दिव्या की क्लासमेट थी और दोनों हमेशा कंपीटिशन चलता रहता था टॉप करने का।सारा दिव्या पे ज्यादा ध्यान नहीं देती थी पर सारा ये जानती थी कि दिव्या उसे नापसंद करती है।

पर आज जब दिव्या ने सारा की तारीफ की तो सारा समझ गई कि ये सब मेरे अब्बू के बड़े लोड़े का कमाल है।ये जब मेरे अब्बू के बड़े लोड़े की वजह से पिघल गई है तो मुझे भी इसके साथ पक्के दोस्तों वाला व्यवहार करना चाहिए।

थोड़ी देर वो टीचर पढ़ाता रहा।और फिर वो चला गया।उसके जाते ही सारा और दिव्या बात करने लगी।

दिव्या: तुम कब आई नाना के गांव से।और ऐसे अचानक।

सारा: कल ही आई और ये अचानक नहीं आई बल्कि कब से सोच रही थी आने की।यार घरवालों की बहुत याद आती थी इसलिए आ गई।

दिव्या: बहुत अच्छा किया आकर।

सारा: और क्या बात है जो मेरी दुश्मन टीचर और सब स्टुडेंट के सामने मेरी तारीफ कर थी।कहीं तुझे मुझसे प्यार तो नहीं हो गया।

दिव्या: (आह भरते हुए) आह..... जानेमन तेरी ये जवानी देखकर तेरा अभी रेप करने का मन कर रहा है और तू प्यार की बात कर रही है।और दुश्मनी की बात तूने सुना होगा ennemy attract. तेरी जवानी देखकर मुझे भी एक तरफा प्यार हो गया है।

सारा को भी दिव्या की बातों से मजा आने लगा।वो समझ गई कि दिव्या उससे दोस्ती करना चाहती है।सारा भी यही चाहती थी।

सारा: साली मेरा रेप करेगी,अपने आप को देख और मुझे देख तुझे अपनी टांगों के बीच मसल के रख दूंगी।और रही बात एनेमी अट्रैक्ट तो,अट्रैक्ट तो मैं भी तुझसे हो गई हूं।और रही बात एक तरफा प्यार की तो,प्यार एक तरफा नहीं दो तरफा है।मुझे भी तेरी ये कमसिन जवानी देखकर प्यार हो गया है।अब तू मेरा प्यार से स्वीकार करेगी तो अच्छी बात है नहीं तो साली तुझे उठा के ले जाऊंगी और तेरा रेप कर दूंगी।

दोनों बहुत धीरे से बात कर रही थी क्योंकि क्लास रूम की सारी लड़कियां और लड़के उन दोनों को ही देख रहे थे।लड़के तो देख रहे थे क्योंकि पूरी स्कूल में देखने की चीज ये दोनों ही थी।दोनों को देख कर सब लडको के लंड खड़े हो गए थे।और लड़कियां इसलिए देख रही क्योंकि सारी लड़कियां इस गांव की ही थी कुछ लड़कियां पड़ोस के गांवों की थी क्योंकि उनके गांव में 12वीं की स्कूल नहीं थी।मगर इस गांव की लड़कियों को पता था कि सारा और दिव्या की आपस में कभी नहीं बनती और सारा तो अमजद का भी मजाक उड़ाया करती थी तो आज ये चमत्कार कैसे हो गया।दोनों मिलकर ऐसे खुश हो रही थी जैसे बरसों के बिछड़े प्रेमी हो।

दिव्या: और साली तू मेरा रेप करेगी और मैं तुझे ऐसे ही छोड़ दूंगी।फिर सारे गांव को बता दूंगी कि तूने मेरा रेप किया है और मैं तेरे बच्चे की मां बनने वाली हूं।और फिर गांववाले मेरी शादी तुझे करवा देंगे।और फिर मैं तेरी बीवी बनकर जीना हराम कर दूंगी।

सारा: साली कुत्तिया मुझे धमकी देती है अब तो पक्का तेरी रेप करूंगी।और तुझे गाभिन (गर्भवती) करके छोड़ दूंगी।

दोनों को ऐसी बातें करने में बहुत मजा आ रहा था और अपनी बातों पर हसी भी आ रही थी।

दिव्या: साली अब तू ज्यादा बोल रही है।साली मुझे गाभिन करने के लिए तेरे पास हथियार होना जरूरी है।मेरा रेप तो कर लेगी पर मुझे गाभिन कैसे करेगी।बोल कुत्तिया।

सारा: साली तुझे गाभिन करने के लिए मेरे पास हथियार होना जरूरी नहीं है।तुझे गाभिन तो मैं अपनी चुचियों से कर दूंगी।

दिव्या: साली चूचियों से कैसे गाभीन करेगी,तेरी चूचियों से क्या माल निकलता है।

सारा: साली कुत्तिया तुझे गाभिन करने के लिए माल जरूरत नहीं पड़ेगी।तुझे तो मैं अपने चूचियों से निकलने वाले दूध को तेरी चूत में डालकर तुझे गाभिन कर दूंगी।

अब दोनो अश्लील बातें खुलकर कर रही थी।करे भी क्यूं ना दोनो अमजद के लपेटे में जो आ गई थी।

दिव्या: फिर तो साली तुझे पहले एक असली मर्द के तगड़े लोड़े से चुदकर गाभिन होना पड़ेगा। फिर अपनी चूत से बच्चे को जन्म देना होगा तब जाकर तेरी इन चुचियों से दूध निकलेगा।

सारा: फिर तो बहुत टाइम लग जाएगा।कोई मर्द मुझे चोद कर गाभिन करेगा तब तक तो तू साली किसी की रंडी बनकर चुद रही होगी।साली अगर मैं मर्द होता तो कभी प्यार से नहीं चोदता बल्कि अपनी रंडी बनाकर बड़ी बेरहमी से चोदता।

दोनों बात कर रही होती तभी दूसरा टीचर आता और पढ़ाने लगता है।सारा और दिव्या दोनों चुप हो जाती है।

दिव्या सारा की आखिरी बात सुनकर सोच में पड़ जाती।दिव्या सोचती है :सारा ने मुझे बोला अगर मैं मर्द होती तो तुझे अपनी रंडी बनाकर बड़ी बेरहमी से चोदता।और बात मुझे इसके अब्बू यानी मेरे मालिक ने बोली थी।पर ये बात सारा को कैसे पता।कहीं सारा को भी मालिक ने अपनी रखैल बना दिया है।नहीं नहीं ऐसे थोड़ी होता है,एक बाप अपनी सगी बेटी को अपनी रखैल कैसे बना सकता है।पर सारा की बातें सुनकर ऐसा लगता ये सब मालिक की चुदाई का असर है।नहीं मुझे ये सब नहीं सोचना चाहिए,सारा मालिक की बेटी है अगर मालिक को पता चल गया कि मेने उनकी ओर उनकी बेटी के बारे में गलत सोचा है तो वो मुझे छोड़ देंगे।मालिक किसी को भी चोदे, किसी को भी अपनी रंडी बनाए,मुझे क्या। मैं उनकी रंडी हूं प्रेमिका नहीं।मुझे तो मालिक की रंडी बनकर जिंदगी भर चुदना उनके मोटे लोड़े से।और मालिक किसी भी चोद सकते है।

सारा ने जब दिव्या की तरफ देखा तो सारा समझ गई कि दिव्या मेरे और मेरे अब्बू के बारे में सोच रही है।सारा ने जानबूझ कर अमजद वाला डायलॉग बोला था।वो जानना चाहती थी कि दिव्या क्या रिएक्ट करती है।दिव्या को देखकर सारा समझ गई कि दिव्या मेरी कही बात समझ आ गई और उसे ज्यादा झटका नहीं लगा।

दूसरा टीचर भी पढ़ा कर चला गया।

सारा: कुत्तिया क्या सोच रही है।और किसके बारे में सोच रही है।

दिव्या: साली किसी के बारे में नहीं सोच रही,तेरे बारे में सोच रही थी।

सारा: कुत्तिया मेरे बारे में क्या सोच रही थी।कहीं मुझसे चुदवाने का तो नहीं सोच रही थी।

दिव्या: चुदवाना तो तुझ से है और तुझे चोदना भी है।मगर फिलहाल ये सोच रही हूं कि तू तो एकदम सीधी साधी लड़की थी।तो फिर ये एक दम रंडियों जैसी बातें कैसे करने लगी।

सारा:तू तो अब मेरी जानेमन है तो तूझसे क्या छुपाना।दरअसल ये कमाल एक असली मर्द ने किया है।उसकी मर्दानगी और उसकी बातों और उसकी हरकतों ने मुझे रंडी बना दिया।

दिव्या: इसका मतलब तू चुद चुकी है ,और उस मर्द की रंडी बन चुकी है।

सारा,:नहीं मेरी जान मैं अभी तक वर्जिन हूं।हां जल्द ही उनसे रंडी की तरह चुदूंगी।

दिव्या को पूरा यकीन हो गया कि सारा भी मेरे मालिक यानी अपने अब्बू की रंडी बन चुकी है।पर एक बेटी सगे बाप की रंडी।वो भी एक रात में।फिर सोचती है मालिक की बातों में जादू है,मालिक जब मुझ जैसी घममंडी और उनसे नफरत करने वाली लड़की को अपनी रखैल बना सकते तो सारा तो उनसे बहुत प्यार करती है ये तो आसानी से उनकी रंडी बन गई होगी। और हैरत से सारा की तरफ देखने लगी।

दिव्या को अपनी तरफ ऐसे हैरत से देखते पाया तो सारा समझ गई कि साली दिव्या को पता चल गया है कि मैं किस मर्द की रंडी बन चुकी हूं।

सारा: साली कुत्तिया ऐसे क्या देख रही है।तू भी तो रंडी जैसी खुलकर बातें कर रही है,तुझे किसने खोला मेरी जान।

दिव्या: तू भी तो मेरी जान है,अब तुझ से मैं भी नही कुछ नहीं छुपाऊंगी।मुझे भी एक असली मर्द ने अपना दीवाना बना दिया है।उन्ही का कमाल है कि मैं तेरे से खुलकर चुदाई की कामुक बातें कर रहीं हूं।

सारा सब जानती थी कि दिव्या को किसने अपना दीवाना बनाया है।

सारा:तो मेरी जान ने अपनी चूत उस मर्द से चुदवाई या अभी तक बस दीवानी बनी हुई है।

दिव्या: चुदवाई! अरे मेरी जान उन्होंने मेरी चूत फाड़ कर रख दी। हाए क्या लंड है उनका,लंड नहीं लोड़ा है लौड़ा।उन्होंने मुझे अपने बड़े लोड़े से एक बाजारू रंडी से बदतर तरीके से चोदा।मेरी चीखें दूर दूर तक गूंजी।आजतक किसी भी वर्जिन लड़की को किसी ने इतनी बेरहमी से नहीं चोदा होगा ,जितनी बेरहमी से मुझे चोदा उन्होंने।
मुझे उन्होंने बहुत दर्द देकर चोदा,पर मेरी जान उस दर्द में जो मजा था वो मैं लफ्जों में बयान नही कर सकती।

सारा: साली कुत्तिया तू तो बड़ी तेज निकली।साली मेरे से पहले चुद गई।और ये बता तू उनको इतनी इज्जत क्यूं दे रही है,वो मर्द तेरा ब्वॉयफ्रेंड है या तेरा पति।

दिव्या: ना वो मेरे ब्वॉयफ्रेंड है ना वो मेरे पति हैं।वो मेरे मालिक है और मैं उनकी रखैल हूं,रंडी हूं,गुलाम हूं।और जिंदगी भर उनकी रखैल बन कर रहूंगी।और जिंदगी भर उनसे चुदूगी,किसी दूसरे मर्द की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखूंगी। हां अगर मालिक ने कहा तो किसी से भी चुदवा लूंगी।

सारा: आह....मेरी जान तेरी बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गई है,जी करता है अभी जाकर मैं अपने मालिक से तेरी तरह रंडी की तरह चुदवा लूं।
मुझे भी तब मजा आएगा जब मेरे मालिक मुझे तेरी तरह बेरहमी दर्द देकर चोदेंगे।मुझे भी तेरी तरह दर्द में मजा आता है,इसलिए तो हम दोनों दुश्मन से पक्के दोस्त बन गए हैं।

दिव्या: हां मेरी जान तू सही कह रही है हम दोनो अपने मालिक की बेदर्दी से खुश होने वाली रंडियां है।ओह...सारा मेरी जान मुझसे अब बर्दास्त नही हो रहा है ,मेरी चूत चाहती है कि अभी मालिक आएं और मुझे इन सब स्टुडेंट के सामने कुत्तिया बनाकर बेरहमी से चोदे।

दोनों ऐसी हवसभरी करके बहुत गरम हो गई थी।दोनो के चेहरों पर कामुकता साफ झलक रही थी।

दोनों की बातें किसी भी स्टुडेंट नहीं सुनाई दे रही थी क्योंकि दोनों एक दूसरे के कान में फुसफुसाके बाते कर रही थी।पर उनके चेहरे के भाव देखकर कुछ चुदी हुई को पता चल गया था कि ये दोनो अश्लील बातें कर रही है।

तभी पिऊन आया और बोला: सारा खान और दिव्या चौधरी को प्रिंसिपल साहब बुला रहे है।

पिऊन को बात सुनकर दोनों एक साथ खड़ी हो गई और एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी। दोनों बहुत गरम हो गई थी।सारा को पता था अब्बू मुझे आज स्कूल में नहीं चोदेंगे पर थोड़ा मजा तो मिलेगा।मगर दिव्या को पूरा यकीन था कि अमजद उसे सारा के सामने ही चोद देंगे।इसलिए वो बहुत खुश हो गई।

और दोनों जल्दी से प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ चल पड़ी अमजद से चुदवाने।

दोनों अमजद के ऑफिस के पास जाकर दरवाजा खटखटाया। अंदर से अमजद की आवाज आई:अंदर आ जाओ दोनों।

दोनों दरवाजा खोल कर ऑफिस में दाखिल हुई।
और उनकी नजर अमजद पे पड़ी तो दोनों की आह निकल गई।
पर फिर अचानक उन दोनो को अमजद के सामने किसी सक्स को बैठे देखा तो सारा और दिव्या दोनों का मूड खराब हो गया।

वो शख्स कोन था और क्या आज अमजद अपने ऑफिस में सारा और दिव्या के मजे करेगा या नहीं।
ये आपको अगले अपडेट में पता चलेगा।

तब तक के लिए अलविदा।
Bahut time baad update Diya hai magar accha diya hai ab to office ja scene dekhne Mai maza aayega bas next update k liye itna mat tarpana Bhai. Intezar hai next update ka
 

Beingvijayd

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