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Fantasy लव का अलौकिक सप्ताह (Complete)

sunoanuj

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पर मैंने तो कवच पहना है। फिर भागने और छिपने की जरूरत क्या है? और अब तो मैं उड़ भी सकता हूँ।" लवकेश बोला।

"ये कवच तुम्हें सिर्फ कुछ वक्त के लिये ही सुरक्षित रख पायेगा। तुम्हें जल्दी से बचने का उपाय ढूँढना पड़ेगा।" किस्मत बोली।

तभी अचानक खिड़की तोड़कर माजरी घर में आती है। उसे देखकर लवकेश चौंक जाता है। वह तुरंत घर से बाहर भागता है। माजरी भी उसके पीछे दौड़ती है। मोहल्ले के सभी लोग यह दृश्य देखकर चौंक उठते है। माजरी झड़प से लवकेश को पकड़ती है और आकाश में उछालती है। लवकेश चिल्लाता है और दूर नीचे जमीन को देखकर उसके होश उड़ जाते है। तभी उसके पंख खुल जाते है और वह उड़ने लगता है। माजरी को भी उड़ते देख वह दूर भागता है।

एक अजीब सा और चौंका देनेवाला मंजर खड़ा हो जाता है। कभी माजरी लवकेश को किसी इमारत या आती-जाती गाड़ियों पर पटकती है तो कभी लवकेश किसी के घर में या तो किसी इमारत में छिप जाता है। सारा शहर इन दोनों के इस धमाल को देखता है, चीखता है और यहां-तहां जान बचाने के लिए भागता है।

काफी घंटो से चल रहा ये धमाल आखिरकार एक जंगल के इलाके में रुक जाता है। माजरी ने लवकेश को पकड़ लिया है और उसके मुँह के कवच के साथ-साथ शरीर के कवच और पंख को भी तोड़ देती है। माजरी लवकेश को उठाकर एक बड़े पहाड़ के ऊपर फेंकती है। लवकेश लड़खड़ाता हुवा माजरी से दूर जाने की कोशिश कर रहा है। उससे थोड़ी दुरी पर माजरी शांत खड़ी है।

"भागो नहीं, छिपो नहीं और लड़ो नहीं।" माजरी लवकेश को कहती है। यह सुनकर लवकेश भी रुक जाता है।

"ये तो कुछ सुना हुवा लगता है।" लवकेश पीछे मुड़कर देखता है तो माजरी अपने नागिन रूप में बदल गई दिखती है। उसका सुंदर रूप देखकर लवकेश भी मोहित हो जाता है। वह ध्यान से देखता है तो पता चलता है की माजरी की आँखों में आँसू है। लवकेश भावुक हो जाता है और माजरी के नजदीक जाता है। माजरी यह देखकर खुश हो जाती है।

"मुझे माफ़ कर दो पर मैं वो नहीं जो तुम समझ रही हो।" लवकेश कहता है।

"मैं कैसे मान लूँ? तुम्हारी ही वजह से तो मेरी नींद खुली है।" माजरी ने कहा।

"नहीं। मैं सिर्फ समय के विपरीत काल में फंस गया हूँ।" लवकेश बोला।

"मैं नहीं मानती। क्या प्रमाण है तुम्हारे पास?" माजरी पूछती है। जिसे सुनकर लवकेश भी सोच में पड़ जाता है।

तभी उसकी नजर पास में पड़े एक गुलाब की पत्ती पर पड़ती है। गुलाब की पत्ती को देखकर वह खुश हो जाता है और पीछे देखता है तो किस्मत खड़ी होती है जिसके हाथों में एक बेग है जो लवकेश ने आखरीबार गायब होने से पहले पहना था। लवकेश बेग लेता है और उसमें से एक प्लास्टिक का गुलाब निकालता है जो चुटकी ने उसे दिया था।

"माजरी, यह है मेरे सच का प्रमाण।" कहकर लवकेश वह गुलाब माजरी को देता है।

माजरी वह गुलाब को लेकर आँखें बंध करती है तो उसे अबतक लवकेश के साथ जो-जो हुवा सब दिख जाता है। वह रोने लगती है। लवकेश उसे गले से लगाकर सांत्वना देता है।

"तुमने काफी कष्ट झेले है। तुम्हारे दर्द को जानना मेरे बस की बात तो नहीं मगर अब तुम्हें मोक्ष की जरूरत है। तुम्हारा प्रेम अमर है। और एक अच्छे इंसान होने के नाते मैं तुम्हें वचन देता हूँ की जो तुम पर बीती वो किसी ओर पर न बीते उसकी पूरी कोशिश करूंगा।" लवकेश कहता है। यह सुनकर माजरी खुश हो जाती है और गुलाब वापस लवकेश को देती है। किस्मत भी मुस्कराती है। माजरी लवकेश का धन्यवाद करके ख़ुशी से हवा बनकर आकाश में उड़कर बादलों में गायब हो जाती है।
 

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Day 8: VALENTINE’S DAY

"तुम नहीं होती तो मेरा क्या होता, चुटकी?" हाथों में पकड़े गुलाब को देखकर लवकेश चुटकी को याद करता है।

"और मेरा क्या?" पीछे से किस्मत मुस्कराते हुए पूछती है। यह सुनकर लवकेश किस्मत के पास आता है।

"भागो, छिपो और लड़ो...यही कहा था ना तुमने? जबकी वैसा नहीं करना था मुझे।" लवकेश बोलता है।

"मैंने भी तो वही करने को बोला था।" किस्मत ने कहा।

"नहीं। तुमने 'नहीं' तो कहा ही नहीं था।" लवकेश बोलता है।

"अच्छा! मैंने नहीं कहा था! शायद 'नहीं' कहना रह गया होगा।" यह सुनकर लवकेश चिढ़कर मुँह फुलाता है जिसे देखकर किस्मत हसने लगती है और लवकेश के कंधो पर अपने हाथ रखती है।

"किस्मत, अभी यह कोनसा नया खेल है तुम्हारा?" लवकेश ने पूछा।

"अब कोई खेल नहीं, कोई नाराजगी नहीं, बस कुछ अगर बाकी है तो वह है प्यार। तुमने अपने आप को मेरी मदद के बिना जाना। तुमने इतिहास में जाकर एक राजा का मनपरिवर्तित किया, एक दानव को हराया, अपने वादे से बढ़कर तुमने एक एलियन के वादे की महत्ता को समझकर उसकी घर जाने के लिये मदद की। अपने उन दोस्तों को भी अपनी सच्चाई पूरे मन और दिल से बताई जिसकी जरूरत भी नहीं थी पर फिर भी तुमने वह किया। एक छोटे से बिल्ली के बच्चे के लिये तुमने क्या कुछ नहीं किया और उसे उस छोटी सी बच्ची को वापस दे दिया वो भी निःस्वार्थ भाव से। और आज तुमने एक ज़हरीली डायन से मुकाबला किया और मैंने देखा की तुमने उस पर एकबार भी हमला नहीं किया, सिर्फ उससे बचते रहे। बाद में, तुमने उसे मोक्ष दिया और सालों से पीड़ा में रह रही वह मासूम नागिन ख़ुशी से इस दुनिया से विदा हुई। यह सब तुम्हारे एक अच्छे इंसान होने के ही तो गुण है। इंसानों से भरी इस दुनिया में हर कोई पहले अपने बारे में सोचता है और बाद में औरों की अगर उसमें उसका कोई फायदा हो तो।" किस्मत ने कहा।

"ऐसा भी नहीं है की सभी इंसान ऐसे ही है। मैं मानता हूँ की आज के युग में हर कोई पहले अपनी सोचता है पर जब बात इंसानियत पर आती है तो तब प्यार सामने आता है। प्यार से बड़ी कोई ताकत नहीं और इसीलिये आज भी लोगों को यह कहते दिखा जाता है की 'दुनिया में अभी भी अच्छाई मौजूद है' यह उम्मीद लोगों में ऐसे ही थोड़ी न आयी है।" लवकेश कहता है। यह सुनकर किस्मत मुस्कराती है।देखा, तुमने मुझे एकबार ओर गलत साबित कर दिया।" किस्मत बोली।

"वैसे जो मैंने इन दिनों में किया है वह तुम्हारे बिना नहीं हो पाता।" लवकेश ने कहा।

"लव, तुम्हें क्या लगता है मैं कौन हूँ? मैं कोई इंसान नहीं, मैं कोई आत्मा भी नहीं, ना कोई जीव और ना ही कोई देवी। मैं किस्मत हूँ। मेरा वजूद लोगों के विचारों से नहीं उनके मनोबल से है। तुमने देखा नहीं, जब उस दानव ने रोज़ का रूप लेकर तुम्हें मारना चाहा तब तुमने आपा नहीं खोया था बल्कि निडर होकर उसका सामना किया और तभी तो मैं आ पाई। राजा का मनपरिवर्तित करना तुम्हारा दृढ़ निश्चय था तभी तो मैं थी। और उस एलियन, वह छोटा बिल्ली का बच्चा और वह छोटी लड़की के लिये तुम उनकी किस्मत बने थे। तुम पहले से ही अच्छे इंसान हो और हमेशा लोगों के प्रति प्रेमभाव रखते हो इसीलिये तुम्हें सब चाहते है पर तुम्हारे काम में रुकावट मैंने नहीं बल्कि तुमनें खुद लाई थी। तुम्हें अपने किये गए सभी कार्यो में कहीं न कहीं कुछ गलती नजर आती जबकि गलती होती ही नहीं थी। तुम्हें अपने आप पर भरोसा नहीं था और उसका असर तुम्हारे कार्यो पर पड़ता था। लेकिन, अब खुद को देखो; मनोबल से भरे हुए।" किस्मत बोली।

"बस कर अभी। रुलाएगी क्या? एक तो कॉलेज में होते हुए भी यह VALENTINE का WEEK बेकार बना है।" लवकेश ने हंसकर कहा।

"प्यार क्या सिर्फ जिस्मानी से ही माना जाता है?" किस्मत पूछती है।

"मेरा वो मतलब तो बिलकुल नहीं था। मैं तो बस यह बात पर हंस रहा हूँ की जहां लोग इस हफ्ते का हर खास दिन प्यार से मना रहे थे वहीं मैं उन मामलों को सुलझा रहा था जो मेरे विचारों से भी विपरीत थे।" कहकर लवकेश हंसने लगा।

"तुमने खास दिनों को जरूर नहीं मनाया पर हर दिन को खास भी जरूर बनाया है। चुटकी से गुलाब लिया, राजा से, अपने दोस्तों से, एक एलियन से, एक बच्ची से गले मिले, उस बच्ची ने तुम्हें गाल पर चुम्मी भी दी, ऐसे करके तुमनें रोज़ डे, प्रोपोज़ डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे भी मना लिया क्यूंकि उन सब में सच्चा और निःस्वार्थ प्रेम था।" किस्मत बोली।

"हां, बस एक वेलेंटाइन डे रह गया।" लवकेश बोला।

"तुमने मुझे भी जीत लिया है तो चलो मैं खुद तुम्हें वेलेंटाइन डे का तोहफा दे देती हूँ," इतना कहते ही किस्मत ने लवकेश को गले से लगाया और फिर उसे चुम लिया और बोली, "I LOVE YOU." लवकेश के तो मानों होंश ही उड़ गये की तभी किस्मत उसके अंदर समा जाती है। चारोंओर चमकदार रोशनी छा जाती है जिससे लवकेश आँखें बंध कर लेता है।
 

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Sorry doston ghar me function tha Isliye update nhi de paya
 
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पर मैंने तो कवच पहना है। फिर भागने और छिपने की जरूरत क्या है? और अब तो मैं उड़ भी सकता हूँ।" लवकेश बोला।

"ये कवच तुम्हें सिर्फ कुछ वक्त के लिये ही सुरक्षित रख पायेगा। तुम्हें जल्दी से बचने का उपाय ढूँढना पड़ेगा।" किस्मत बोली।

तभी अचानक खिड़की तोड़कर माजरी घर में आती है। उसे देखकर लवकेश चौंक जाता है। वह तुरंत घर से बाहर भागता है। माजरी भी उसके पीछे दौड़ती है। मोहल्ले के सभी लोग यह दृश्य देखकर चौंक उठते है। माजरी झड़प से लवकेश को पकड़ती है और आकाश में उछालती है। लवकेश चिल्लाता है और दूर नीचे जमीन को देखकर उसके होश उड़ जाते है। तभी उसके पंख खुल जाते है और वह उड़ने लगता है। माजरी को भी उड़ते देख वह दूर भागता है।

एक अजीब सा और चौंका देनेवाला मंजर खड़ा हो जाता है। कभी माजरी लवकेश को किसी इमारत या आती-जाती गाड़ियों पर पटकती है तो कभी लवकेश किसी के घर में या तो किसी इमारत में छिप जाता है। सारा शहर इन दोनों के इस धमाल को देखता है, चीखता है और यहां-तहां जान बचाने के लिए भागता है।

काफी घंटो से चल रहा ये धमाल आखिरकार एक जंगल के इलाके में रुक जाता है। माजरी ने लवकेश को पकड़ लिया है और उसके मुँह के कवच के साथ-साथ शरीर के कवच और पंख को भी तोड़ देती है। माजरी लवकेश को उठाकर एक बड़े पहाड़ के ऊपर फेंकती है। लवकेश लड़खड़ाता हुवा माजरी से दूर जाने की कोशिश कर रहा है। उससे थोड़ी दुरी पर माजरी शांत खड़ी है।

"भागो नहीं, छिपो नहीं और लड़ो नहीं।" माजरी लवकेश को कहती है। यह सुनकर लवकेश भी रुक जाता है।

"ये तो कुछ सुना हुवा लगता है।" लवकेश पीछे मुड़कर देखता है तो माजरी अपने नागिन रूप में बदल गई दिखती है। उसका सुंदर रूप देखकर लवकेश भी मोहित हो जाता है। वह ध्यान से देखता है तो पता चलता है की माजरी की आँखों में आँसू है। लवकेश भावुक हो जाता है और माजरी के नजदीक जाता है। माजरी यह देखकर खुश हो जाती है।

"मुझे माफ़ कर दो पर मैं वो नहीं जो तुम समझ रही हो।" लवकेश कहता है।

"मैं कैसे मान लूँ? तुम्हारी ही वजह से तो मेरी नींद खुली है।" माजरी ने कहा।

"नहीं। मैं सिर्फ समय के विपरीत काल में फंस गया हूँ।" लवकेश बोला।

"मैं नहीं मानती। क्या प्रमाण है तुम्हारे पास?" माजरी पूछती है। जिसे सुनकर लवकेश भी सोच में पड़ जाता है।

तभी उसकी नजर पास में पड़े एक गुलाब की पत्ती पर पड़ती है। गुलाब की पत्ती को देखकर वह खुश हो जाता है और पीछे देखता है तो किस्मत खड़ी होती है जिसके हाथों में एक बेग है जो लवकेश ने आखरीबार गायब होने से पहले पहना था। लवकेश बेग लेता है और उसमें से एक प्लास्टिक का गुलाब निकालता है जो चुटकी ने उसे दिया था।

"माजरी, यह है मेरे सच का प्रमाण।" कहकर लवकेश वह गुलाब माजरी को देता है।

माजरी वह गुलाब को लेकर आँखें बंध करती है तो उसे अबतक लवकेश के साथ जो-जो हुवा सब दिख जाता है। वह रोने लगती है। लवकेश उसे गले से लगाकर सांत्वना देता है।

"तुमने काफी कष्ट झेले है। तुम्हारे दर्द को जानना मेरे बस की बात तो नहीं मगर अब तुम्हें मोक्ष की जरूरत है। तुम्हारा प्रेम अमर है। और एक अच्छे इंसान होने के नाते मैं तुम्हें वचन देता हूँ की जो तुम पर बीती वो किसी ओर पर न बीते उसकी पूरी कोशिश करूंगा।" लवकेश कहता है। यह सुनकर माजरी खुश हो जाती है और गुलाब वापस लवकेश को देती है। किस्मत भी मुस्कराती है। माजरी लवकेश का धन्यवाद करके ख़ुशी से हवा बनकर आकाश में उड़कर बादलों में गायब हो जाती है।
fantastic update bhai maza aa gya
 

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Day 8: VALENTINE’S DAY

"तुम नहीं होती तो मेरा क्या होता, चुटकी?" हाथों में पकड़े गुलाब को देखकर लवकेश चुटकी को याद करता है।

"और मेरा क्या?" पीछे से किस्मत मुस्कराते हुए पूछती है। यह सुनकर लवकेश किस्मत के पास आता है।

"भागो, छिपो और लड़ो...यही कहा था ना तुमने? जबकी वैसा नहीं करना था मुझे।" लवकेश बोलता है।

"मैंने भी तो वही करने को बोला था।" किस्मत ने कहा।

"नहीं। तुमने 'नहीं' तो कहा ही नहीं था।" लवकेश बोलता है।

"अच्छा! मैंने नहीं कहा था! शायद 'नहीं' कहना रह गया होगा।" यह सुनकर लवकेश चिढ़कर मुँह फुलाता है जिसे देखकर किस्मत हसने लगती है और लवकेश के कंधो पर अपने हाथ रखती है।

"किस्मत, अभी यह कोनसा नया खेल है तुम्हारा?" लवकेश ने पूछा।

"अब कोई खेल नहीं, कोई नाराजगी नहीं, बस कुछ अगर बाकी है तो वह है प्यार। तुमने अपने आप को मेरी मदद के बिना जाना। तुमने इतिहास में जाकर एक राजा का मनपरिवर्तित किया, एक दानव को हराया, अपने वादे से बढ़कर तुमने एक एलियन के वादे की महत्ता को समझकर उसकी घर जाने के लिये मदद की। अपने उन दोस्तों को भी अपनी सच्चाई पूरे मन और दिल से बताई जिसकी जरूरत भी नहीं थी पर फिर भी तुमने वह किया। एक छोटे से बिल्ली के बच्चे के लिये तुमने क्या कुछ नहीं किया और उसे उस छोटी सी बच्ची को वापस दे दिया वो भी निःस्वार्थ भाव से। और आज तुमने एक ज़हरीली डायन से मुकाबला किया और मैंने देखा की तुमने उस पर एकबार भी हमला नहीं किया, सिर्फ उससे बचते रहे। बाद में, तुमने उसे मोक्ष दिया और सालों से पीड़ा में रह रही वह मासूम नागिन ख़ुशी से इस दुनिया से विदा हुई। यह सब तुम्हारे एक अच्छे इंसान होने के ही तो गुण है। इंसानों से भरी इस दुनिया में हर कोई पहले अपने बारे में सोचता है और बाद में औरों की अगर उसमें उसका कोई फायदा हो तो।" किस्मत ने कहा।

"ऐसा भी नहीं है की सभी इंसान ऐसे ही है। मैं मानता हूँ की आज के युग में हर कोई पहले अपनी सोचता है पर जब बात इंसानियत पर आती है तो तब प्यार सामने आता है। प्यार से बड़ी कोई ताकत नहीं और इसीलिये आज भी लोगों को यह कहते दिखा जाता है की 'दुनिया में अभी भी अच्छाई मौजूद है' यह उम्मीद लोगों में ऐसे ही थोड़ी न आयी है।" लवकेश कहता है। यह सुनकर किस्मत मुस्कराती है।देखा, तुमने मुझे एकबार ओर गलत साबित कर दिया।" किस्मत बोली।

"वैसे जो मैंने इन दिनों में किया है वह तुम्हारे बिना नहीं हो पाता।" लवकेश ने कहा।

"लव, तुम्हें क्या लगता है मैं कौन हूँ? मैं कोई इंसान नहीं, मैं कोई आत्मा भी नहीं, ना कोई जीव और ना ही कोई देवी। मैं किस्मत हूँ। मेरा वजूद लोगों के विचारों से नहीं उनके मनोबल से है। तुमने देखा नहीं, जब उस दानव ने रोज़ का रूप लेकर तुम्हें मारना चाहा तब तुमने आपा नहीं खोया था बल्कि निडर होकर उसका सामना किया और तभी तो मैं आ पाई। राजा का मनपरिवर्तित करना तुम्हारा दृढ़ निश्चय था तभी तो मैं थी। और उस एलियन, वह छोटा बिल्ली का बच्चा और वह छोटी लड़की के लिये तुम उनकी किस्मत बने थे। तुम पहले से ही अच्छे इंसान हो और हमेशा लोगों के प्रति प्रेमभाव रखते हो इसीलिये तुम्हें सब चाहते है पर तुम्हारे काम में रुकावट मैंने नहीं बल्कि तुमनें खुद लाई थी। तुम्हें अपने किये गए सभी कार्यो में कहीं न कहीं कुछ गलती नजर आती जबकि गलती होती ही नहीं थी। तुम्हें अपने आप पर भरोसा नहीं था और उसका असर तुम्हारे कार्यो पर पड़ता था। लेकिन, अब खुद को देखो; मनोबल से भरे हुए।" किस्मत बोली।

"बस कर अभी। रुलाएगी क्या? एक तो कॉलेज में होते हुए भी यह VALENTINE का WEEK बेकार बना है।" लवकेश ने हंसकर कहा।

"प्यार क्या सिर्फ जिस्मानी से ही माना जाता है?" किस्मत पूछती है।

"मेरा वो मतलब तो बिलकुल नहीं था। मैं तो बस यह बात पर हंस रहा हूँ की जहां लोग इस हफ्ते का हर खास दिन प्यार से मना रहे थे वहीं मैं उन मामलों को सुलझा रहा था जो मेरे विचारों से भी विपरीत थे।" कहकर लवकेश हंसने लगा।

"तुमने खास दिनों को जरूर नहीं मनाया पर हर दिन को खास भी जरूर बनाया है। चुटकी से गुलाब लिया, राजा से, अपने दोस्तों से, एक एलियन से, एक बच्ची से गले मिले, उस बच्ची ने तुम्हें गाल पर चुम्मी भी दी, ऐसे करके तुमनें रोज़ डे, प्रोपोज़ डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे भी मना लिया क्यूंकि उन सब में सच्चा और निःस्वार्थ प्रेम था।" किस्मत बोली।

"हां, बस एक वेलेंटाइन डे रह गया।" लवकेश बोला।

"तुमने मुझे भी जीत लिया है तो चलो मैं खुद तुम्हें वेलेंटाइन डे का तोहफा दे देती हूँ," इतना कहते ही किस्मत ने लवकेश को गले से लगाया और फिर उसे चुम लिया और बोली, "I LOVE YOU." लवकेश के तो मानों होंश ही उड़ गये की तभी किस्मत उसके अंदर समा जाती है। चारोंओर चमकदार रोशनी छा जाती है जिससे लवकेश आँखें बंध कर लेता है।
super fantastic update bhai
 

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थोड़ी देर बाद लवकेश आँखें खोलता है तो खुदको उसी जगह पाता है जब वह स्कूल के लिये घर से निकल रहा था और चुटकी उसे रोकने के लिए आ रही थी। वह खुदको वापस पाकर खुश हो जाता है की चुटकी उसके पास आती है।

"लव भैया, अच्छा हुआ आप अभी स्कूल के लिये निकल नहीं गये। मुझे आपको एक बात बतानी थी।" चुटकी बोली।

"यहीं ना की तुझे एक सपना आया जिसमें मैं अचानक बड़ा बन गया और अपने स्वभाव से बिलकुल बदल गया।" लवकेश की बात सुनकर चुटकी चौंक गई।

"भैया, आपको कैसे पता?" चुटकी ने पूछा।

"चुटकी, तू बिलुकल भी चिंता मत कर। जब तक तेरे जैसी छोटी सी प्यारी बहन है मेरे साथ, मुझे कुछ भी नहीं हो सकता," कहकर लवकेश चुटकी को प्यारी सी झप्पी देता है,"और मैं तुझे प्रॉमिस करता हूँ की सिर्फ त्यौहार में ही नहीं, तू जब कहेगी मैं उस दिन को त्यौहार बनाकर सभी मोहल्लेवालों को इकठ्ठा करूंगा और हम सब खूब आनंद करेंगे जैसे हर त्यौहार में करते है।"

"सच्ची भैया?" चुटकी खुश हो जाती है।

"क्यों तुझे मुझ पर भरोसा नहीं?" लवकेश पूछता है।

"सबसे ज्यादा आप ही पर तो भरोसा है," कहकर चुटकी लवकेश के गाल पर प्यारी सी चुम्मी देती है,"I LOVE YOU, भैया।" कहकर चुटकी ख़ुशी से उछलती घर में चली जाती है।

लवकेश वहां से निकलकर बस-स्टॉप पहुँचता है। उसने देखा की सब कुछ वहीं का वहीं और ठीक है। वह खुश हो गया। बस में बैठे अपने मित्रों को देखकर उसे काफी अच्छा लगा। उसने यह भी देखा की रोज़ भी हाथ में गुलाब का फूल लिये अपने मित्रों के पास खड़ी है। अचानक लवकेश के दिमाग में एक विचार आया तो वह तुरंत रोज़ के पास गया। उसने रोज़ से कुछ बात की जिसे सुनकर रोज़ की ख़ुशी ओर भी बढ़ गई। उसने लवकेश को गले लगा लिया और हाथ में रखा गुलाब उसे दे दिया।

लवकेश गुलाब लेकर जैसे ही बस में गया की उसके सभी दोस्त उसका नाम चिल्लाकर मस्ती करने लगे।

"क्या बात है आज-कल तो झप्पिया और गुलाब दिए जा रहे है।" केशव ने लवकेश को चिढ़ाते हुवे कहा।

"तू तो कुछ बोल ही मत, केशव," लवकेश बोला,"अच्छा अब सब सुनो। इस १४ तारीख को मुझे आप सभी लोग अपने-अपने परिवार के साथ हमारे मोहल्ले में मौजूद चाहिये। चाहे कुछ भी हो जाए सबको आना है।"

"बात क्या है ये तो बता?" प्रीति ने पूछा।

"१४ तारीख को सब पता चल जाएगा।" लवकेश ने कहा।





14th FEBRUARY

VALENTINE’S DAY

मोहल्ले में आज एक अजीब सी रौनक है। हर तरफ रंग-बिरंगी खूबसूरत दिलों को लगाया हुवा है। मोहल्ले के बीच में एक छोटा सा स्टेज तैयार किया हुवा है। उसकी चारोंओर मोहल्ले के सभी लोग अपने-अपने परिवार के साथ हाथों में दिल लिये खड़े है। कुछ लोग मस्ती कर रहे है तो कुछ लोग सरबत का आनंद उठा रहे है। कुछ लोग आपस में बातें कर रहे है तो कुछ लोग मोहल्ले की सजावट की प्रशंसा कर रहे है।

लवकेश और उसके दोस्त तथा रोज़ और उसके भी सभी मित्र वहीं मौजूद है। चुटकी भी अपनी सहेलियों के साथ ख़ुशी से नाच-कूद रही है। लवकेश अपने मम्मी-पापा के पास आता है जो अकेले में आपस में बात कर रहे है।

"मम्मी-पापा, आपको यह सब केसा लगा?" लवकेश पूछता है।

"सच कहु तो तुमने हमें हमारे कॉलेज के दिन याद दिला दिये।" लवकेश की मम्मी ने कहा।

"मतलब आप दोनों खुश है।" लवकेश बोला।

"बिलकुल मेरे बेटे, हम दोनों बहुत खुश है मगर तुझे कुछ है जो तू कह नहीं पा रहा। बिंदास बता जो भी है।" लवकेश के पापा ने कहा।

"मम्मी-पापा, आप दोनों एक बात जान लीजिये की मैं आप दोनों को कभी निराश नहीं होने दूंगा। मैं अपनी महेनत और लगन से आप दोनों का नाम खूब रोशन करूंगा और आप दोनों का साथ कभी नहीं छोडूंगा।" लवकेश की बात सुनकर उसके मम्मी-पापा की आँखों में ख़ुशी के आँसू छलक उठते है। उसकी मम्मी भावुक होकर उसे सीने से लगा लेती है।

"जिनके पास तेरे जैसी प्यारी और समझदार संतान हो उसके माँ-बाप हमेशा गौरवान्वित ही रहते है," लवकेश की मम्मी बोलती है,"और हम जानते है की तू कल हमारी छोटी सी तू-तू में-में से यह सब कह रहा है। मगर, तुझे परेशान या चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। जहां प्यार होता है वहां छोटी-मोटी नोकझोंक तो होती ही रहती है। हम दोनों जुदा हो ही नहीं सकते क्यूंकि हमारे प्यार का मजबूत धागा तुझसे है। और जहां तक मुझे पता है की मेरा यह शेर उसके अपनों के लिये कुछ भी कर सकता है।"

"हां, वो तो है।" लवकेश कहता है और तीनों हंसने लगते है।

तभी स्टेज पर से लवकेश के मित्र उसे बुलाते है। लवकेश स्टेज पर जाता है। सभी मित्र उसके साथ खड़े रहते है। लवकेश माइक से सभी लोगों को ध्यान देने के लिये निवेदन करता है। सभी लोग उसके सामने हो जाते है।आज वेलेंटाइन डे है। प्यार के इस दिन पर यहां आने के लिये आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद," लवकेश बोलता है,"वैसे तो हम सभी मिलजुलकर रहते है और सभी त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाते है। पर यह सब तब हो पाता है जब हम सब में एक-दूसरे के लिये इज्जत, सम्मान और प्यार हो। मुझे और मेरे सभी मित्रों को यह बताते हुए बड़ा गर्व होता है की हम इस मोहल्ले में आप सबके साथ रहते है। आप सबका प्रेम, सीख और सच्ची भावना हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहती है।

"आज जहां किसीके पास वक्त की कमी है तो किसीको परिवार के साथ शांति से बैठने की फुरसत नहीं। पर त्यौहार ही वो पल होते है जब सब अपनी निजी समस्याओं, चिंताओं एवं परेशानियों को भूलकर सबके साथ मिलकर खुशियाँ बाटते है। हम इंसानों की सबसे बड़ी ताकत यही एकदूसरे के प्रति प्रेम ही तो है। जरा सोचिये, जब हर त्यौहार इतनी खुशियाँ लाता है तो अगर हर दिन को एक त्यौहार की तरह जिए तो हमारी जिंदगी में किसी तरह की समस्याएं ही नहीं रहेगी और अगर होगी भी तो उसे साथ मिलकर दूर भी कर सकते है।" सब लोग लवकेश का नाम ख़ुशी से पुकारते है और तालियां बजाते है।

"हमें भी ख़ुशी है की हमारे मोहल्ले में आप जैसे बच्चे है जो प्रेम और करुणा को इतना समझते है और हम सबको आप पर गर्व है।" एक बुजुर्ग, लवकेश और उसके मित्रों को कहते है।

"वैसे आज के इस कार्यक्रम का सारा श्रेय मैं उन्हें देना चाहूंगा जिनकी यह इच्छा थी की इस प्यार से भरे दिन को हम सब साथ मिलकर मनाए।" कहकर लवकेश रोज़ की तरफ इशारा करता है। सभी लोग रोज़ की तरफ देखकर उसके नाम को पुकारकर ताली बजाते है। रोज़ की आँखें ख़ुशी से भर जाती है और वह स्टेज पर आकर लवकेश और उसके सभी मित्रों को गले लगाती है।

"I LOVE YOU, मेरे नन्हें दोस्तों।" रोज़ लवकेश और उसके सभी मित्रों को स्टेज के पास रखे दिल देती है। वे सभी स्टेज पर उन दिलों को लेकर खड़े रहते है।

अचानक, लवकेश को भीड़ में हाथ में दिल लिये किस्मत दिखाई पड़ी। जो उसे देखकर मुस्करा रही होती है।

"वैसे एक बात बताना तो भूल ही गया," लवकेश सबके बीच में आकर कहता है,"इन कुछ दिनों में मैंने एक बात जरूर सीखी की अगर आपके इरादे मजबूत हो, आपके विचार नेक हो और आपका मनोबल या यूँ कहुँ की आपका आत्मबल शक्तिशाली हो तो किस्मत भी आपको चाहने लगती है," यह सुनकर किस्मत भी हंस पड़ती है। सभी लोग ख़ुशी से लवकेश की बात का स्वागत करते है,"तो आप सभी को हमारी तरफ से," सभी लोग लवकेश के साथ चिल्लाते है,"HAPPY VALENTINE'S DAY".





THE END
अस्वीकरण

यह एक काल्पनिक कृति है।

कृति में रहे नाम, पात्र, स्थान एवं घटनाए लेखक की कल्पनाए है

और किसी भी जीवित या मृतक व्यक्ति, स्थल, वस्तु या घटना से कोई संबंध नहीं है।
 

ashish_1982_in

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थोड़ी देर बाद लवकेश आँखें खोलता है तो खुदको उसी जगह पाता है जब वह स्कूल के लिये घर से निकल रहा था और चुटकी उसे रोकने के लिए आ रही थी। वह खुदको वापस पाकर खुश हो जाता है की चुटकी उसके पास आती है।

"लव भैया, अच्छा हुआ आप अभी स्कूल के लिये निकल नहीं गये। मुझे आपको एक बात बतानी थी।" चुटकी बोली।

"यहीं ना की तुझे एक सपना आया जिसमें मैं अचानक बड़ा बन गया और अपने स्वभाव से बिलकुल बदल गया।" लवकेश की बात सुनकर चुटकी चौंक गई।

"भैया, आपको कैसे पता?" चुटकी ने पूछा।

"चुटकी, तू बिलुकल भी चिंता मत कर। जब तक तेरे जैसी छोटी सी प्यारी बहन है मेरे साथ, मुझे कुछ भी नहीं हो सकता," कहकर लवकेश चुटकी को प्यारी सी झप्पी देता है,"और मैं तुझे प्रॉमिस करता हूँ की सिर्फ त्यौहार में ही नहीं, तू जब कहेगी मैं उस दिन को त्यौहार बनाकर सभी मोहल्लेवालों को इकठ्ठा करूंगा और हम सब खूब आनंद करेंगे जैसे हर त्यौहार में करते है।"

"सच्ची भैया?" चुटकी खुश हो जाती है।

"क्यों तुझे मुझ पर भरोसा नहीं?" लवकेश पूछता है।

"सबसे ज्यादा आप ही पर तो भरोसा है," कहकर चुटकी लवकेश के गाल पर प्यारी सी चुम्मी देती है,"I LOVE YOU, भैया।" कहकर चुटकी ख़ुशी से उछलती घर में चली जाती है।

लवकेश वहां से निकलकर बस-स्टॉप पहुँचता है। उसने देखा की सब कुछ वहीं का वहीं और ठीक है। वह खुश हो गया। बस में बैठे अपने मित्रों को देखकर उसे काफी अच्छा लगा। उसने यह भी देखा की रोज़ भी हाथ में गुलाब का फूल लिये अपने मित्रों के पास खड़ी है। अचानक लवकेश के दिमाग में एक विचार आया तो वह तुरंत रोज़ के पास गया। उसने रोज़ से कुछ बात की जिसे सुनकर रोज़ की ख़ुशी ओर भी बढ़ गई। उसने लवकेश को गले लगा लिया और हाथ में रखा गुलाब उसे दे दिया।

लवकेश गुलाब लेकर जैसे ही बस में गया की उसके सभी दोस्त उसका नाम चिल्लाकर मस्ती करने लगे।

"क्या बात है आज-कल तो झप्पिया और गुलाब दिए जा रहे है।" केशव ने लवकेश को चिढ़ाते हुवे कहा।

"तू तो कुछ बोल ही मत, केशव," लवकेश बोला,"अच्छा अब सब सुनो। इस १४ तारीख को मुझे आप सभी लोग अपने-अपने परिवार के साथ हमारे मोहल्ले में मौजूद चाहिये। चाहे कुछ भी हो जाए सबको आना है।"

"बात क्या है ये तो बता?" प्रीति ने पूछा।

"१४ तारीख को सब पता चल जाएगा।" लवकेश ने कहा।






14th FEBRUARY

VALENTINE’S DAY

मोहल्ले में आज एक अजीब सी रौनक है। हर तरफ रंग-बिरंगी खूबसूरत दिलों को लगाया हुवा है। मोहल्ले के बीच में एक छोटा सा स्टेज तैयार किया हुवा है। उसकी चारोंओर मोहल्ले के सभी लोग अपने-अपने परिवार के साथ हाथों में दिल लिये खड़े है। कुछ लोग मस्ती कर रहे है तो कुछ लोग सरबत का आनंद उठा रहे है। कुछ लोग आपस में बातें कर रहे है तो कुछ लोग मोहल्ले की सजावट की प्रशंसा कर रहे है।

लवकेश और उसके दोस्त तथा रोज़ और उसके भी सभी मित्र वहीं मौजूद है। चुटकी भी अपनी सहेलियों के साथ ख़ुशी से नाच-कूद रही है। लवकेश अपने मम्मी-पापा के पास आता है जो अकेले में आपस में बात कर रहे है।

"मम्मी-पापा, आपको यह सब केसा लगा?" लवकेश पूछता है।

"सच कहु तो तुमने हमें हमारे कॉलेज के दिन याद दिला दिये।" लवकेश की मम्मी ने कहा।

"मतलब आप दोनों खुश है।" लवकेश बोला।

"बिलकुल मेरे बेटे, हम दोनों बहुत खुश है मगर तुझे कुछ है जो तू कह नहीं पा रहा। बिंदास बता जो भी है।" लवकेश के पापा ने कहा।

"मम्मी-पापा, आप दोनों एक बात जान लीजिये की मैं आप दोनों को कभी निराश नहीं होने दूंगा। मैं अपनी महेनत और लगन से आप दोनों का नाम खूब रोशन करूंगा और आप दोनों का साथ कभी नहीं छोडूंगा।" लवकेश की बात सुनकर उसके मम्मी-पापा की आँखों में ख़ुशी के आँसू छलक उठते है। उसकी मम्मी भावुक होकर उसे सीने से लगा लेती है।

"जिनके पास तेरे जैसी प्यारी और समझदार संतान हो उसके माँ-बाप हमेशा गौरवान्वित ही रहते है," लवकेश की मम्मी बोलती है,"और हम जानते है की तू कल हमारी छोटी सी तू-तू में-में से यह सब कह रहा है। मगर, तुझे परेशान या चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। जहां प्यार होता है वहां छोटी-मोटी नोकझोंक तो होती ही रहती है। हम दोनों जुदा हो ही नहीं सकते क्यूंकि हमारे प्यार का मजबूत धागा तुझसे है। और जहां तक मुझे पता है की मेरा यह शेर उसके अपनों के लिये कुछ भी कर सकता है।"

"हां, वो तो है।" लवकेश कहता है और तीनों हंसने लगते है।

तभी स्टेज पर से लवकेश के मित्र उसे बुलाते है। लवकेश स्टेज पर जाता है। सभी मित्र उसके साथ खड़े रहते है। लवकेश माइक से सभी लोगों को ध्यान देने के लिये निवेदन करता है। सभी लोग उसके सामने हो जाते है।आज वेलेंटाइन डे है। प्यार के इस दिन पर यहां आने के लिये आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद," लवकेश बोलता है,"वैसे तो हम सभी मिलजुलकर रहते है और सभी त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाते है। पर यह सब तब हो पाता है जब हम सब में एक-दूसरे के लिये इज्जत, सम्मान और प्यार हो। मुझे और मेरे सभी मित्रों को यह बताते हुए बड़ा गर्व होता है की हम इस मोहल्ले में आप सबके साथ रहते है। आप सबका प्रेम, सीख और सच्ची भावना हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहती है।

"आज जहां किसीके पास वक्त की कमी है तो किसीको परिवार के साथ शांति से बैठने की फुरसत नहीं। पर त्यौहार ही वो पल होते है जब सब अपनी निजी समस्याओं, चिंताओं एवं परेशानियों को भूलकर सबके साथ मिलकर खुशियाँ बाटते है। हम इंसानों की सबसे बड़ी ताकत यही एकदूसरे के प्रति प्रेम ही तो है। जरा सोचिये, जब हर त्यौहार इतनी खुशियाँ लाता है तो अगर हर दिन को एक त्यौहार की तरह जिए तो हमारी जिंदगी में किसी तरह की समस्याएं ही नहीं रहेगी और अगर होगी भी तो उसे साथ मिलकर दूर भी कर सकते है।" सब लोग लवकेश का नाम ख़ुशी से पुकारते है और तालियां बजाते है।

"हमें भी ख़ुशी है की हमारे मोहल्ले में आप जैसे बच्चे है जो प्रेम और करुणा को इतना समझते है और हम सबको आप पर गर्व है।" एक बुजुर्ग, लवकेश और उसके मित्रों को कहते है।

"वैसे आज के इस कार्यक्रम का सारा श्रेय मैं उन्हें देना चाहूंगा जिनकी यह इच्छा थी की इस प्यार से भरे दिन को हम सब साथ मिलकर मनाए।" कहकर लवकेश रोज़ की तरफ इशारा करता है। सभी लोग रोज़ की तरफ देखकर उसके नाम को पुकारकर ताली बजाते है। रोज़ की आँखें ख़ुशी से भर जाती है और वह स्टेज पर आकर लवकेश और उसके सभी मित्रों को गले लगाती है।

"I LOVE YOU, मेरे नन्हें दोस्तों।" रोज़ लवकेश और उसके सभी मित्रों को स्टेज के पास रखे दिल देती है। वे सभी स्टेज पर उन दिलों को लेकर खड़े रहते है।

अचानक, लवकेश को भीड़ में हाथ में दिल लिये किस्मत दिखाई पड़ी। जो उसे देखकर मुस्करा रही होती है।

"वैसे एक बात बताना तो भूल ही गया," लवकेश सबके बीच में आकर कहता है,"इन कुछ दिनों में मैंने एक बात जरूर सीखी की अगर आपके इरादे मजबूत हो, आपके विचार नेक हो और आपका मनोबल या यूँ कहुँ की आपका आत्मबल शक्तिशाली हो तो किस्मत भी आपको चाहने लगती है," यह सुनकर किस्मत भी हंस पड़ती है। सभी लोग ख़ुशी से लवकेश की बात का स्वागत करते है,"तो आप सभी को हमारी तरफ से," सभी लोग लवकेश के साथ चिल्लाते है,"HAPPY VALENTINE'S DAY".






THE END
अस्वीकरण

यह एक काल्पनिक कृति है।

कृति में रहे नाम, पात्र, स्थान एवं घटनाए लेखक की कल्पनाए है

और किसी भी जीवित या मृतक व्यक्ति, स्थल, वस्तु या घटना से कोई संबंध नहीं है।
very nice update bhai maza aa gya
 
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