• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest लालटेन

लालटेन कैसी स्टोरी होनी चाहिए


  • Total voters
    42
  • Poll closed .

Fuker

New Member
68
618
84
अपडेट ३

अब लता चुप हो गई थी और कुआ भी पास आ गया था और कुआ के पास गांव की अन्य भी औरते पानी भरने आई थी।

अब आगे....

राजू हर बार की तरह आज भी कुआ की मुंडेर पर जाकर बैठ जाता है और जब औरते कुआ से पानी की बाल्टी को पकड़कर खींचने को झुकती है तो राजू उनकी सीने में झांकने की कोशिश करता रहता है

और ऐसा नहीं था की औरते इस बात से अनजान थी वो भी ज्यादा से ज्यादा झुककर अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को राजू के आगे कर उसे दिखाने के लिए तड़पती रहती थी और कुछ औरते तो राजू का ही इंतजार किया करती थी की कब राजू आएगा और कब उनकी जवानी को अपनी आखों से ताडेगा।

राजू अभी बारी बारी से सभी औरत की चूचियों को घूर रहा था और किसकी कितनी बड़ी चूची है उसे एक दूसरे से तुलना कर रहा था की किसी ने आकर राजू से उसकी चाची के बारे में बताया...

मधू भाभी...राजू तेरी हिटलर चाची आ रही है...

राजू...भाभी वो मेरी चाची है।

मधू...सॉरी राजू बाबू और मधू मुस्का दी जिसे राजू अनदेखा कर देता है

राजू ने जैसे ही सुना की उसकी चाची आ रही है वह तुरंत कुआ की मुंडेर से उठ गया और औरतों से जाकर दूर बैठ गया।

अब वक्त भी आ गया है की राजू के परिवार का परिचय दे देना चाहिए आखिर ये हिटलर चाची कौन है और क्यूं राजू अपनी चाची से इतना डरता है।

ब्रजभान शर्मा (राजू के दादा) expired
कोकिला देवी दादी expired

ब्रजभान के 4 लड़के और एक लड़की हुई।

कमल 45
नीरज 43
धीरज 42
शशि 40
और माधव 38

कमल की शादी चंद्रलेखा 43 से हुई जिसकी दो बेटियां और एक लड़का हुआ जो अब शहर में ही रहते है।

नैना 25
सुनैना 23
और अरुण 22

नीरज की शादी कमला 42 से हुई इनकी भी दो बेटियां और एक नालायक बेटा हुआ। इनका मकान मेरे घर से जुड़ा हुआ है बस फर्क इतना है की इनका मकान पूरा पक्का दो मंजिला बना है और मेरा अभी भी कच्छा ही है।

सोनू 22
पायल 20
रचना 18

धीरज की शादी राधा 40 यानी मेरी माई से हुई और राधा का पति अब इस दुनिया में नही है इसलिए राधा की सिर्फ एक ही इकलौती औलाद राजू 18 है जो उसकी पूरी दुनिया है।

माधव की शादी अरूना 35 से हुई जिसकी अभी तक कोई संतान नहीं थी लेकिन अरूना को इस बात की कोई चिंता भी नही थी क्यूंकि पूरा गांव जानता था की अरूना राजू को अपना ही बेटा मानती है और जितनी चिंता राधा को राजू की नही है उससे कही अधिक चिंता अरूना को अपने बेटे राजू की रहती है।

राजू का डर भी अरूना की देखभाल करना था क्यूंकि अरूना एक स्कूल अध्यापिका भी थी और वह अच्छी तरह जानती थी की राजू एक बिन बाप का लड़का है यदि उस पर किसी का दबाव नहीं रहा तो वह बिगड़ जायेगा।

अरूना राजू को पढ़ने के लिए शहर भी भेजना चाहती थी लेकिन हर बार वह राधा की ममता के आगे बेबस हो जाती....

शशी की शादी नितिन 43 से हुई जिसकी सिर्फ दो बेटियां ही हुई।

अमृता 21
और नित्या 19

गांव के कुछ और भी किरदार और उनके परिवार है जिनका हमारे परिवार से आपसी मेलजोल ज्यादा है उनका भी परिचय समय समय पर उनके उचित स्थान पर दिया जाएगा।

और कुछ ऐसे भी किरदार होंगे जिनका परिचय तो नहीं दिया जाएगा लेकिन वह इस कहानी के पात्र होंगे उनकी पहचान सिर्फ गांव से ही की जायेगी।

राजू का घर गांव के जैसा मिट्टी का बना था जिसमे सिर्फ दो कमरे थे और मिट्टी का ही किचेन बना हुआ था बाथरूम सिर्फ नाम का था और उसके एक तरफ अरूना यानी राजू की चाची का भी घर था जो की पक्का था लेकिन अभी भी उसकी दीवारों पर सीमेंट का लेप बाकी था और घर की फर्स को सिर्फ पक्का करवा लिया था ये एक सिंगल पोर्शन मकान था जिसमे 4 रूम और एक स्टोर भी बना हुआ था।

जबकि राजू की ताई का मकान किसी महल की तरह चमक रहा था जो को राजू के दूसरी तरफ था इस घर में दीवारों से लेकर उसकी फर्स तक सीमेंट का प्लास्टर हुआ था और दीवारों पर महगी पेंट के साथ साथ सुंदर आकृति भी बनी हुई थी ये मकान दो मंजिला बना हुआ था और इसमें आठ कमरों के साथ दो स्टोर भी था।

चलो अब स्टोरी पर आते है....

जैसे ही गांव की औरतों ने देखा की अरूना आ रही है सभी औरते चुपचाप अपना पानी भरने लगी।

अरूना को अब अरु ही लिखा जायेगा....

अरु की भी नजर जब राजू पर पड़ती है तो वह राजू को आवाज देती है राजू दौड़ता हुआ अरु के पास आता है और बिना कुछ बोले अपना सर झुका कर खड़ा हो जाता है।

अरु...तुम वहां बैठ कर क्या कर रहे थे लता से बोल दिया होता वो तुझे पानी भरकर दे देती या फिर खुद से पानी भर लेते....

मैने कितनी बार दीदी को माना किया है की इससे पानी ना मगवाया करे लेकिन पता नहीं क्यूं वो मानती ही नहीं चलो आज मैं दीदी से बात करती हूं।

लाओ अपनी गागर मुझे दो...

राजू...नहीं छोटी माई मैं खुद से भर लूंगा आप अपनी भी गागर मुझे दे दो मैं उसे भी भरकर घर ले चलता हूं।

और राजू अरु की ओर देखने लगा अरु ने भी ज्यादा नहीं सोचा और अपनी गागर राजू को पकड़ा दी।

राजू ने दोनो घड़े पानी से भर लिए और एक घड़े को सर पर रक्खा और दूसरे घड़े को अपनी कमर पर टांग लिया और चलने लगा।

अरु ने राजू से कहा की वह उसे घड़ा दे दे लेकिन राजू ने माना कर दिया और बोला माई अब मैं बड़ा हो गया हूं तो फिर अपनी माई को कैसे काम करने से सकता हूं।

और फिर राजू अपनी छोटी माई के साथ घर लौट आता है।

राधा जैसे राजू को देखती है वह उस पर चिल्ला पड़ती है...

क्यूं तूने इतना समय कहां लगा दिया मैं कबसे खाना बनाने के लिए पानी की राह देख रही थी और तू है जैसे कुआ से पानी लेने नहीं बल्कि किसी सुरंग को खोदकर पानी लेने गया था।

अब आज भी तेरी वजह से मुझे लालटेन बारनी पड़ेगी।
 

Napster

Well-Known Member
4,722
13,075
158
अपडेट ३

अब लता चुप हो गई थी और कुआ भी पास आ गया था और कुआ के पास गांव की अन्य भी औरते पानी भरने आई थी।

अब आगे....

राजू हर बार की तरह आज भी कुआ की मुंडेर पर जाकर बैठ जाता है और जब औरते कुआ से पानी की बाल्टी को पकड़कर खींचने को झुकती है तो राजू उनकी सीने में झांकने की कोशिश करता रहता है

और ऐसा नहीं था की औरते इस बात से अनजान थी वो भी ज्यादा से ज्यादा झुककर अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को राजू के आगे कर उसे दिखाने के लिए तड़पती रहती थी और कुछ औरते तो राजू का ही इंतजार किया करती थी की कब राजू आएगा और कब उनकी जवानी को अपनी आखों से ताडेगा।

राजू अभी बारी बारी से सभी औरत की चूचियों को घूर रहा था और किसकी कितनी बड़ी चूची है उसे एक दूसरे से तुलना कर रहा था की किसी ने आकर राजू से उसकी चाची के बारे में बताया...

मधू भाभी...राजू तेरी हिटलर चाची आ रही है...

राजू...भाभी वो मेरी चाची है।

मधू...सॉरी राजू बाबू और मधू मुस्का दी जिसे राजू अनदेखा कर देता है

राजू ने जैसे ही सुना की उसकी चाची आ रही है वह तुरंत कुआ की मुंडेर से उठ गया और औरतों से जाकर दूर बैठ गया।

अब वक्त भी आ गया है की राजू के परिवार का परिचय दे देना चाहिए आखिर ये हिटलर चाची कौन है और क्यूं राजू अपनी चाची से इतना डरता है।

ब्रजभान शर्मा (राजू के दादा) expired
कोकिला देवी दादी expired

ब्रजभान के 4 लड़के और एक लड़की हुई।

कमल 45
नीरज 43
धीरज 42
शशि 40
और माधव 38

कमल की शादी चंद्रलेखा 43 से हुई जिसकी दो बेटियां और एक लड़का हुआ जो अब शहर में ही रहते है।

नैना 25
सुनैना 23
और अरुण 22

नीरज की शादी कमला 42 से हुई इनकी भी दो बेटियां और एक नालायक बेटा हुआ। इनका मकान मेरे घर से जुड़ा हुआ है बस फर्क इतना है की इनका मकान पूरा पक्का दो मंजिला बना है और मेरा अभी भी कच्छा ही है।

सोनू 22
पायल 20
रचना 18

धीरज की शादी राधा 40 यानी मेरी माई से हुई और राधा का पति अब इस दुनिया में नही है इसलिए राधा की सिर्फ एक ही इकलौती औलाद राजू 18 है जो उसकी पूरी दुनिया है।

माधव की शादी अरूना 35 से हुई जिसकी अभी तक कोई संतान नहीं थी लेकिन अरूना को इस बात की कोई चिंता भी नही थी क्यूंकि पूरा गांव जानता था की अरूना राजू को अपना ही बेटा मानती है और जितनी चिंता राधा को राजू की नही है उससे कही अधिक चिंता अरूना को अपने बेटे राजू की रहती है।

राजू का डर भी अरूना की देखभाल करना था क्यूंकि अरूना एक स्कूल अध्यापिका भी थी और वह अच्छी तरह जानती थी की राजू एक बिन बाप का लड़का है यदि उस पर किसी का दबाव नहीं रहा तो वह बिगड़ जायेगा।

अरूना राजू को पढ़ने के लिए शहर भी भेजना चाहती थी लेकिन हर बार वह राधा की ममता के आगे बेबस हो जाती....

शशी की शादी नितिन 43 से हुई जिसकी सिर्फ दो बेटियां ही हुई।

अमृता 21
और नित्या 19

गांव के कुछ और भी किरदार और उनके परिवार है जिनका हमारे परिवार से आपसी मेलजोल ज्यादा है उनका भी परिचय समय समय पर उनके उचित स्थान पर दिया जाएगा।

और कुछ ऐसे भी किरदार होंगे जिनका परिचय तो नहीं दिया जाएगा लेकिन वह इस कहानी के पात्र होंगे उनकी पहचान सिर्फ गांव से ही की जायेगी।

राजू का घर गांव के जैसा मिट्टी का बना था जिसमे सिर्फ दो कमरे थे और मिट्टी का ही किचेन बना हुआ था बाथरूम सिर्फ नाम का था और उसके एक तरफ अरूना यानी राजू की चाची का भी घर था जो की पक्का था लेकिन अभी भी उसकी दीवारों पर सीमेंट का लेप बाकी था और घर की फर्स को सिर्फ पक्का करवा लिया था ये एक सिंगल पोर्शन मकान था जिसमे 4 रूम और एक स्टोर भी बना हुआ था।

जबकि राजू की ताई का मकान किसी महल की तरह चमक रहा था जो को राजू के दूसरी तरफ था इस घर में दीवारों से लेकर उसकी फर्स तक सीमेंट का प्लास्टर हुआ था और दीवारों पर महगी पेंट के साथ साथ सुंदर आकृति भी बनी हुई थी ये मकान दो मंजिला बना हुआ था और इसमें आठ कमरों के साथ दो स्टोर भी था।

चलो अब स्टोरी पर आते है....

जैसे ही गांव की औरतों ने देखा की अरूना आ रही है सभी औरते चुपचाप अपना पानी भरने लगी।

अरूना को अब अरु ही लिखा जायेगा....

अरु की भी नजर जब राजू पर पड़ती है तो वह राजू को आवाज देती है राजू दौड़ता हुआ अरु के पास आता है और बिना कुछ बोले अपना सर झुका कर खड़ा हो जाता है।

अरु...तुम वहां बैठ कर क्या कर रहे थे लता से बोल दिया होता वो तुझे पानी भरकर दे देती या फिर खुद से पानी भर लेते....

मैने कितनी बार दीदी को माना किया है की इससे पानी ना मगवाया करे लेकिन पता नहीं क्यूं वो मानती ही नहीं चलो आज मैं दीदी से बात करती हूं।

लाओ अपनी गागर मुझे दो...

राजू...नहीं छोटी माई मैं खुद से भर लूंगा आप अपनी भी गागर मुझे दे दो मैं उसे भी भरकर घर ले चलता हूं।

और राजू अरु की ओर देखने लगा अरु ने भी ज्यादा नहीं सोचा और अपनी गागर राजू को पकड़ा दी।

राजू ने दोनो घड़े पानी से भर लिए और एक घड़े को सर पर रक्खा और दूसरे घड़े को अपनी कमर पर टांग लिया और चलने लगा।

अरु ने राजू से कहा की वह उसे घड़ा दे दे लेकिन राजू ने माना कर दिया और बोला माई अब मैं बड़ा हो गया हूं तो फिर अपनी माई को कैसे काम करने से सकता हूं।

और फिर राजू अपनी छोटी माई के साथ घर लौट आता है।

राधा जैसे राजू को देखती है वह उस पर चिल्ला पड़ती है...

क्यूं तूने इतना समय कहां लगा दिया मैं कबसे खाना बनाने के लिए पानी की राह देख रही थी और तू है जैसे कुआ से पानी लेने नहीं बल्कि किसी सुरंग को खोदकर पानी लेने गया था।

अब आज भी तेरी वजह से मुझे लालटेन बारनी पड़ेगी।
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और रोमांचकारी अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

tamas

New Member
37
54
18
kahani ka privesh kuchh jana pehchana hain,,, gaon kee kahaniya hamesha achhi lagti hain... bin baap ka larka mehnati toh hain lekin mandbudhhi chachere bhai se khatpat hoti rahti hain... maa ka eklauta sahara,, lekin pura bhara pura pariwar hain, bhale hi shab aapas mein saath nahi rahte ho..

tai ke roop mein ek doosri maa mili hain,, shuruat badhiya lagi,, dekhte hain kitni door tak jaati hain..

subhratri
 

Fuker

New Member
68
618
84
अपडेट ४



अब आज भी तेरी वजह से मुझे लालटेन बारनी पड़ेगी।


अब आगे....


और फिर राधा खाना बनाने लगती है... और राजू को बोलती है


राजू बेटा जा ननखी ताई से पूछ आ पानी की रवल मिलेगी तो आज खेतो में पानी भी लगा दिया जाए, और जल्दी आना।


ठीक है माई इतना बोलकर राजू ननखी ताई के घर की ओर चल देता है


अरे कोई है ओ ननखी ताई कहां गए सब के सब...


मुखिया काका 50

ननखी काकी 47

कलुआ (कल्लू) 30 बेटा

लता भाभी 25

सोनम 28 बेटी अभी शादी नहीं हुई


ताई ओ ताई कहां है तू


लता...आई क्यूं शोर कर रहे है आप, किससे मिलना है आपको?


लता एक लंबा सा घूंघट अपने सर डालकर बाहर आई।


राजू जिसे लता के दिखते ही शरारत सूझी वह चुपके से लता के पास गया और लता को अपनी बाहों में भर लिया और बोला।


जाने मन तू किससे मुझे मिलवाने वाली है लता जो सांझ के अंधेरे में राजू को देख ना सकी और ऐसे अचानक हमले से डर गई और वह राजू की बाहों में मछली की भांति उससे छूटने के लिए फड़फड़ाने लगी।


लता छोड़ दे हरामखोर वरना मैं शोर मचा दूंगी और लता जोर जोर से चिल्लाने लगी जिससे राजू ने तुरंत लता को छोड़ दिया।


लता जैसे ही उस शक्स से दूर हुई उसने उस शख्स को बिना देखे ही घर की ओर घुस गई और गेट बंद कर दिया ।


लता सच में बहुत डर गई थी उसकी सांसे फूलने लगी थी वह अपनी सांसों को अभी संभाल ही रही थी की उसे फिर से आवाज आई ।


अरे ओ लुगाई दरवाजा खोलो ना अब क्या तू अपने पति को भी भूल जायेगी....


जैसे लता ने लुगाई शब्द सुना उसे पता चल गया की ये कौन है और अब लता का डर गुस्से और क्रोध में बदल गया ।


लता ने दरवाजा खोला और राजू का कॉलर पकड़ उसे अंदर खींच लिया


लता ने एक हल्का सा थप्पड़ राजू के गाल पर लगा दिया और बोली कैसा नालायक तू पति है मेरा भला कोई अपनी लुगाई को ऐसे भी डराता है।


अरे गलती हो गई जानेमन मैने सोचा नही था की मेरी BMW इतना डर जायेगी वैसे तू इतना क्यूं डर गई।


लता घर में कोई नही है सभी खेत पर है और इतना बड़ा घर पूरा सन्नाटा पसरा है मैं पहले से ही डर रही थी और ऊपर से तू आकर ऐसे अचानक पकड़ेगा तो डर तो लगेगा ही ।


वैसे तूने क्या सोचा कौन आ गया जिसने तुझे ऐसे पकड़ लिया।


अब और गुस्सा ना दिला वो सब छोड़ ये बता तू यहां क्यूं आया है


राजू.. मैं तो अपनी लुगाई से मिलने आया हूं।


लता..झूठ न बोल मुझे पता है तू कितना मुझसे मिलने आता है अब सच बता तू मेरी सास को क्यूं बुला रहा था।


राजू..तो फिर सुन तेरी एक और सास ने मुझे तेरे घर भेजा है ताकि मैं काकी या फिर काका से पूछ सकू की आज मुझे अपने खेतो में पानी लगाना है तो क्या आज की रवल मुझे मिलेगी।


लता... ये बात तो तेरी काकी ही बताएगी जब वो आयेगी तो मैं उनको तेरे घर भेज दूंगी लेकिन हां तू झूठ क्यूं बोल रहा था की मैं तुझसे मिलने आया हूं बोल..


राजू..अरे वो सब छोड़ मेरी जान आज मुझे अपनी लुगाई की BMW देखनी और चलानी है बोल अपनी BMW को चलाने को देगी।


लता..चलाने को भी मिलेगी लेकिन उसे जिसके पास इस BMW का लाइसेंस होगा अब बोल मेरे अनाड़ी पति तेरे पास लांइसेंस है ।


राजू..अरे मैं बिना लाइसेंस के भी ये गाड़ी दौड़ा सकता हूं।


लता..ना बाबा ना बिना लाइसेंस के मैं अपनी गाड़ी तुझे नही देने वाली कही ठोक दी तो मेरी गाड़ी तो चकना चूर हो जायेगी।


राजू..अरे मेरी जान ये गाड़ी भी तो ठोंक ठोक के ही चलती है और फिर

राजू ने लता का हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया जिससे लता किसी कटी पतंग की भांति राजू के सीने से जा टकराई और फिर राजू ने अपने दोनो हाथों को पीछे ले जाकर लता की पीठ को पकड़कर अपने सीने से कसके जकड़ लिया जिससे राजू को अपने सीने में लता के मोटे मोटे चूचे दबते हुए महसूस हुए और राजू को एक बहुत ही अनोखा और मुलायम सा अहसास होता हुआ महसूस हुआ।


इधर लता राजू से अचानक टकराने से उसकी एक आह निकल जाती है


लता जो अभी तक सिर्फ ये समझ रही थी की राजू उससे हर बार की तरह बातों ही बातों में मजाक कर रहा था लेकिन जब उसके चूचे राजू से टकराए तब उसे अहसास हो गया की ये राजू अब पहले वाला राजू नहीं रहा और फिर लता को आज कुआ के पास वाला मजाक भी याद आ गया जब राजू ने पहली बार उसकी गांड़ पर हाथ मारा था।


लता फुर्ती से राजू की पकड़ से दूर हटते हुए बोली..राजू ये क्या बेहूदगी कर रहा है मैं तेरी भाभी हूं ये कैसी हरकतें तू आज कल करने लगा है ।


राजू..कैसी हरकतें कर रहा हूं मैं तो अपनी बीबी को प्यार कर रहा हूं भला अपनी बीबी को कौन नहीं प्यार करता है।


लता..लेकिन मैं तेरी बीबी नही भाभी हूं वो तो मैं तुझे मजाक में अपना पति बुलाती थी और फिर तूने भी मजाक करना शुरू कर दिया तो मैं और आगे बड़ गई, लेकिन तू मेरा तब भी देवर था आज भी देवर ही है और हमेशा रहेगा इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सकता।


राजू..ये क्या बोल रही हो मैं तो तुझे अपनी बीबी ही मानता आया हूं और हमेशा अपनी बीबी ही मानूंगा।


और फिर राजू अपने पैर पटकते हुए वहां से निकल आया।


लता ने कभी नही सोचा था की उसका छोटा सा मजाक राजू के दिमाग पर इतना बड़ा असर करेगा ।


राजू बड़बड़ाते हुए घर की ओर जा रहा था की उसे रास्ते में उसकी छोटी माई मिल गई और जब अरु ने राजू को ऐसे अकेले में बड़बड़ाते हुए देखा तो उसने राजू को अपने पास बुला लिया ।


अरु..राजू क्या हुआ इधर आओ ऐसे अकेले में ही किससे बाते करते हुए जा रहे हो।


राजू ने जैसे ही अरु को देखा उसका पूरा शरीर कांप गया और वह सोचने लगा कही छोटी माई ने सुन तो नही लिया आखिर माई मुझे अपने पास क्यूं बुला रही है।


राजू डरते डरते अरु के पास पहुंचा और चुपचाप जाकर अरु के पास खड़ा हो गया।


अरु..ऐसे अकेले में तू किससे बातें कर रहा था। क्या कोई परेशानी है?

और तू आज पढ़ने भी नही आया।


राजू..नही माई कोई परेशानी नही है वो तो बड़ी माई ने मुखिया काका के घर भेजा था वहीं से आ रहा हूं और माई आज खेतो में पानी लगाना है इसलिए पढ़ने नही आ सका ।


अरु..ठीक है कल समय से आ जाना ।


राजू...हां में अपनी गर्दन हिलाता है और फिर वहां से धीरे से खिसक लेता है ।


अरु..राजू की हर एक हरकत को बहुत ध्यान से नोटिस करती है और जब वह चला जाता है तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है और बोलती है..ये लड़का भी ना पता नही मुझसे इतना क्यूं डरता है और फिर हस्ते हुए खुद को ही जवाब देती है कुछ भी हो इसका मुझसे डरना भी इसके भविष्य लिए ही अच्छा है ।


इधर राजू भी अपने सर पर हाथ मरते हुए..अरे बुड़बक आज बच गया अगर माई ने सुन लिया होता तो आज तेरी ऐसी पिटाई होती की तू ये लता का इश्क भूल जाता ।


और फिर राजू अपने मिट्टी के बने कच्चे मकान में घुस जाता है ।
 

Fuker

New Member
68
618
84
पोल में अधिक से अधिक वोट सेक्स के आए है और उससे आधे वोट लव और रोमांस में आए है इसलिए मैं इस स्टोरी को लव रोमांस और सेक्स तीनों से जोड़ते हुए लिखने की कोशिश करूंगा
 
Last edited:

Motaland2468

Well-Known Member
2,882
3,064
144
पोल में अधिक से अधिक वोट सेक्स के आए है और उससे आधे वोट लव और रोमांस में आए है इसलिए मैं इस स्टोरी को लव रोमांस और सेक्स तीनों से जोड़ते हुए लिखने की कोशिश करूंगा
Sahi pakde hai
 
Top