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Incest लालटेन

लालटेन कैसी स्टोरी होनी चाहिए


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अपडेट ५


इधर राजू भी अपने सर पर हाथ मरते हुए..अरे बुड़बक आज बच गया अगर माई ने सुन लिया होता तो आज तेरी ऐसी पिटाई होती की तू ये लता का इश्क भूल जाता और फिर राजू अपने मिट्टी के बने कच्चे मकान में घुस जाता है ।

अब आगे...

जब राजू घर पहुंचा तो उसकी माई बर्तन को उठा कर बाथरूम में रख रही थी,और जैसे ही राधा ने राजू को देखा तो राधा ने बर्तन को जल्दी से आंगन में बने बाथरूम में रख दिया और राजू को खाना देने के लिए किचेन में आ गई और राजू से बोली...
बेटा राजू जल्दी से हाथ मुंह धोकर आजा खाना खाकर हमे खेत भी चलना है वैसे ननखी ताई ने क्या कहां पानी देने के लिए।

राजू...माई ननखी ताई के घर सिर्फ लता भाभी थी बाकी पूरा घर सुबह से खेतो में है अब जब ताई आयेगी तभी पता लगेगा कि आज हमे पानी मिलेगा या नहीं ।

राधा सोच में पड़ जाती है उसके खेतो की फसल सूख रही थी खेतो में समय से पानी नहीं लगा तो पूरी मेहनत बेकार हो जायेगी..

राजू अपनी माई को ऐसे सोचते हुए देख बोल पड़ा.. ऐ माई तू ऐसे बुत बनी क्या सोच रही है क्या हुआ आज नहीं तो कल देख लेंगे।

राधा नहीं बेटा हम अपनी फसल को ऐसे सूखने नहीं दे सकते तू एक काम कर जल्दी खाना खा ले फिर हम दोनो वही खेत पर चलते है अगर पानी मिल गया तो आज के आज ही खेतो में सिंचाई कर देंगे नहीं तो फिर भगवान कोई ना कोई रास्ता निकलेगा।

वैसे माई कल किसका दिन है?

कल से दूसरे गांव वालों के खेत में सिंचाई चालू हो जायेगी तो फिर हम नाले से पानी नहीं ले जा सकते हैं।

ठीक है माई तू जल्दी से सारे काम निपटा ले तब तक मैं एक चक्कर खेतो की ओर लगा के आता हूं और ननखी ताई से भी पूछता आऊंगा अगर पानी मिल जाता है तो मैं आकर तुझे साथ ले जाऊंगा।

राधा थोड़ी सी उलझन में रहती है लेकिन उसे राजू पर विश्वास था आखिर राजू ने ही अपनी छोटी उम्र से खेतो पर काम करना चालू कर दिया था।

राधा..बेटा कहीं किसी की बातों में ना उलझ जाना नहीं तो अपनी फसल सूख जायेगी अब लो जल्दी से खाना खाओ और जाओ।

राजू जल्दी जल्दी अपना खाना खाता है और फिर अपने कंधे पर एक चादर डालता है और एक हाथ में लालटेन और दूसरे हाथ में एक डंडा लेके खेतों की ओर निकल जाता है।

राजू सीधा ननखी ताई के खेतो की ओर अपनी ही धुन में मगन बढ़ता जा रहा था और अब अब मुखिया काका के खेत के पास पहुंच ही चुका था की उसे पास की एक झाड़ी से कुछ आवाज सी आई ये आवाज बहुत ही सुरीली और सुनी सुनी सी लग रही थी राजू एक बार इस आवाज को देखने के लिए उस झाड़ी की ओर मुड़ गया और जब उसने झाड़ी के पीछे देखा तो पाया कि ननखी ताई बैठकर मूत रही है ननखी ताई का पिछवाड़ा राजू की ओर था जिस वजह से ननखी ताई को राजू के आने का पता ना चल सका।

अब राजू ननखी ताई का पिछवाड़ा ताड़ने में लगा था लेकिन अभी उसका आधा पिछवाड़ा साड़ी से छिपा हुआ था लेकिन राजू के कानो में जो सुरूली आवाज आ रही थी वह ही काफी थी और अब उसका मोटा लैंड उसके पैंट में अंगड़ाई लेने लगा था।

इधर जब ननखी का मूतना हो गया तब वह उठने लगी और जैसे ही वह उठी राजू को एक पल के लिए ननखी का पूरा पिछवाड़ा नजर आ गया राजू उसकी बड़ी और चौड़ी गद्देदार गांड़ देखकर मदहोश होने लगा ।

इधर ननखी भी मूतने के बाद अपनी साड़ी नीचे कर देती है लेकिन साड़ी के नीचे वह अभी भी नंगी ही थी क्यूंकि गांव की अधिक से अधिक औरते साड़ी के नीचे और ब्लाउज के अंदर ब्रा और पैंटी जैसा कुछ नहीं पहनती अब ननखी अपने खेतो की ओर जाने लगती है और जैसे ही राजू ताई को जाते हुए देखता है वह भी दौड़कर उसके पास आकर उससे कहता है।

राजू..ताई मुझे मां ने भेजा है मुझे भी अपने खेतो में सिंचाई करनी है तो क्या आज आपकी रवल मुझे मिल जायेगी।

ननखी..बेटा अभी तो मेरा खेत अधूरा है अभी उसे ही भरने में बहुत समय लग जायेगा उसके बाद ही मैं तुझे कुछ कह पाऊंगी।

राजू..कोई बात नही काकी मैं यही तेरी झोपड़ी में सो जाता हूं जब तेरे खेत में पानी लग जाए तब मुझे जगा देना।

ननखी..ठीक है राजू बेटा तू वही पर जाकर सो जा अगर खाना ना खाकर आया तो सोनम भी वही पर है उससे खाना लेकर खा लेना।

राजू..वैसे काकी मैने देखा है आपका खेत बहुत बड़ा और बहुत चौड़ा है इसमें तो पानी लगाते समय मुखिया काका भी थक जाते होंगे।

अब राजू ननखी ताई से डबल मीनिंग में बात कर रहा था उसके खेतो का मतलब ननखी की मोटी गांड़ से था।

ननखी.. हां राजू बेटा तेरे काका अब बूढ़े हो गए है अब उनमें वो ताकत नहीं बची जो पहले हुआ करती थी और ये जमीन तो नए मर्दों को मांगती है वैसे अब तेरा भाई ही इन खेतो पर मेहनत करता है तेरे काका तो बस उसकी मदद ही करते है।

राजू.. हां काकी आप सही कह रही हैं मुझे भी लगता है आपके खेत अभी भी बहुत टाईट है काका की अब बस की बात नहीं है तू कहे तो मैं तेरे खेतों में पानी लगा दूं अभी मैं जवान भी हूं और मैं काका से ज्यादा अच्छी मेहनत भी कर सकता हूं, मुखिया काका तो तेरे खेत की हरियाली में ही खो जाते होंगे।

ननखी की भी अब काफी उमर हो गई थी उसने राजू जैसे अनेकों लडको को अपनी गोद में खिलाया था भला उसे कैसे न पता लगता की राजू उसके किस खेत की बात उससे कर रहा हैं।

ननखी ने तुरंत राजू का कान पकड़ लिया और बोली..अच्छा तो अब मैं समझी तू मेरे किन खेतों की बात मुझसे कर रहा था बेटा मैंने तुझ जैसे न जाने कितनों को अपनी गोद में खिलाया है और तू मुझे छेड़ रहा है।

राजू…आई...ई काकी मैं तो मजाक कर रहा था लेकिन आप कुछ भी कहो मैने अभी अभी आपका बड़ा चौड़ा सा खेत देखा है जिसको सच में पानी की जरूरत है आप कहो तो मैं अपने मोटे नलका से भर दूं।

ननखी थोड़ा सा शर्माती है लेकिन वह राजू को जाहिर नहीं होने देना चाहती और फिर...

ननखी थोड़ा तेजी से राजू के कान को मोड़ते हुए बोलती है..राजू बेटा बड़े बड़े खेत तो तेरे भी घर में तेरी दोनो माई के है उसके खेतों में भी पानी की बहुत जरूरत है बता उनके खेतों में तू कब पानी लगायेगा।

राजू..आई काकी कान छोड़ दे दुख रहे हैं और काकी तू उनकी छोड़ अपनी बता तेरे खेतों में पानी कब से नहीं लगा काका का नलका तेरे खेतों तक तो पहुंच भी नहीं पाता होगा....और राजू जोर जोर से हसने लगता है।

ननखी..रुक तेरी छोटी माई को ही बताना पड़ेगा की तेरा लल्ला अब बड़ा हो गया है उसे या तो अपने खेत दिखा दे नहीं तो कोई खेत वाली ढूंढकर ला दे।

राजू..अरे माई क्यूं काकी मैं तो अपनी प्यारी काकी से मजाक कर रहा था और तू तो गुस्सा हो गई अच्छा काकी मुझे माफ करदे और जब तेरे ये फसल वाले खेत भर जाए तो मुझे जगा देना तब तक मैं तेरी झोपड़ी में सो रहा हूं।

और राजू अपने कान छुड़ाकर वहां से भागता बना।

जिसे देख ननखी खिलखिलाकर हस पड़ी और बोली अरे राजू बेटा मेरे खेतों में पानी तो लगा जा...

राजू..अरे काकी फिर कभी अभी तो तू बस रहन दे...

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।
बहुत ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
ये राजू और ननखी ताई के बीच व्दीअर्थी बाते बहुत लाजवाब और मजेदार हैं खैर देखते हैं आगे
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

tamas

New Member
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khani mein jitne bhi dwiarthi samwaad hain wo kafi badhiya hain,,, aksar gaon kee log khaskar aurate isis prakar se baate karti hain.. lata bhabhi ko toh andaja bhi na tha kee jisse wo majak samajh rahi thee,, wo asal mein kisi ke liye asliyat ban jayega.. waise raju ko samajhna chahiye kee wo majak kar rahi thee... akhir ek shadishuda aurat bhala kaise uski bewi ho shakti hain..

sex se jyada kahani mein bahlana fuslana ya kahe kee bahkane mein hi asli maja hain,,, baaki toh sex mein bas wahee hain andar dala aur shuru... asli khel toh pehle hota hain jab samne waale ko patane mein mushkil aaye.... jab shikar aasani se haath aa jata hain to shikar karne mein maza nahin aata hain..

ek guzarish hain pariwar mein chudai ke liye jaroori haalat jaroor paida karna nahin toh bematlab ka sex se toh baaki saari thread bhare pare hain...

dhanyawad..
 

Fuker

New Member
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khani mein jitne bhi dwiarthi samwaad hain wo kafi badhiya hain,,, aksar gaon kee log khaskar aurate isis prakar se baate karti hain.. lata bhabhi ko toh andaja bhi na tha kee jisse wo majak samajh rahi thee,, wo asal mein kisi ke liye asliyat ban jayega.. waise raju ko samajhna chahiye kee wo majak kar rahi thee... akhir ek shadishuda aurat bhala kaise uski bewi ho shakti hain..

sex se jyada kahani mein bahlana fuslana ya kahe kee bahkane mein hi asli maja hain,,, baaki toh sex mein bas wahee hain andar dala aur shuru... asli khel toh pehle hota hain jab samne waale ko patane mein mushkil aaye.... jab shikar aasani se haath aa jata hain to shikar karne mein maza nahin aata hain..

ek guzarish hain pariwar mein chudai ke liye jaroori haalat jaroor paida karna nahin toh bematlab ka sex se toh baaki saari thread bhare pare hain...

dhanyawad..
Main bhi aapse sahmat hoon main apni or story nhi band karne wala lekin iske baad bhi meri ek real life hai jahan meri family or us family ki responsibility mujh par to story ko update karne me delay hoga main aap sabse pahle hi iske liye maafi maang leta hoon....
Baki jaisa aapne kaha ki bewajah family sex ki story iss site par aneko padi hai bas isi wajah se Maine ye khud ki story likhna shuru kiya lekin is story ko rochak banane ke liye aise hi aap logo vichar aate rahenge to mujhe likhne me madad hogi.
 

Roy monik

I love sex
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अपडेट ५


इधर राजू भी अपने सर पर हाथ मरते हुए..अरे बुड़बक आज बच गया अगर माई ने सुन लिया होता तो आज तेरी ऐसी पिटाई होती की तू ये लता का इश्क भूल जाता और फिर राजू अपने मिट्टी के बने कच्चे मकान में घुस जाता है ।

अब आगे...

जब राजू घर पहुंचा तो उसकी माई बर्तन को उठा कर बाथरूम में रख रही थी,और जैसे ही राधा ने राजू को देखा तो राधा ने बर्तन को जल्दी से आंगन में बने बाथरूम में रख दिया और राजू को खाना देने के लिए किचेन में आ गई और राजू से बोली...
बेटा राजू जल्दी से हाथ मुंह धोकर आजा खाना खाकर हमे खेत भी चलना है वैसे ननखी ताई ने क्या कहां पानी देने के लिए।

राजू...माई ननखी ताई के घर सिर्फ लता भाभी थी बाकी पूरा घर सुबह से खेतो में है अब जब ताई आयेगी तभी पता लगेगा कि आज हमे पानी मिलेगा या नहीं ।

राधा सोच में पड़ जाती है उसके खेतो की फसल सूख रही थी खेतो में समय से पानी नहीं लगा तो पूरी मेहनत बेकार हो जायेगी..

राजू अपनी माई को ऐसे सोचते हुए देख बोल पड़ा.. ऐ माई तू ऐसे बुत बनी क्या सोच रही है क्या हुआ आज नहीं तो कल देख लेंगे।

राधा नहीं बेटा हम अपनी फसल को ऐसे सूखने नहीं दे सकते तू एक काम कर जल्दी खाना खा ले फिर हम दोनो वही खेत पर चलते है अगर पानी मिल गया तो आज के आज ही खेतो में सिंचाई कर देंगे नहीं तो फिर भगवान कोई ना कोई रास्ता निकलेगा।

वैसे माई कल किसका दिन है?

कल से दूसरे गांव वालों के खेत में सिंचाई चालू हो जायेगी तो फिर हम नाले से पानी नहीं ले जा सकते हैं।

ठीक है माई तू जल्दी से सारे काम निपटा ले तब तक मैं एक चक्कर खेतो की ओर लगा के आता हूं और ननखी ताई से भी पूछता आऊंगा अगर पानी मिल जाता है तो मैं आकर तुझे साथ ले जाऊंगा।

राधा थोड़ी सी उलझन में रहती है लेकिन उसे राजू पर विश्वास था आखिर राजू ने ही अपनी छोटी उम्र से खेतो पर काम करना चालू कर दिया था।

राधा..बेटा कहीं किसी की बातों में ना उलझ जाना नहीं तो अपनी फसल सूख जायेगी अब लो जल्दी से खाना खाओ और जाओ।

राजू जल्दी जल्दी अपना खाना खाता है और फिर अपने कंधे पर एक चादर डालता है और एक हाथ में लालटेन और दूसरे हाथ में एक डंडा लेके खेतों की ओर निकल जाता है।

राजू सीधा ननखी ताई के खेतो की ओर अपनी ही धुन में मगन बढ़ता जा रहा था और अब अब मुखिया काका के खेत के पास पहुंच ही चुका था की उसे पास की एक झाड़ी से कुछ आवाज सी आई ये आवाज बहुत ही सुरीली और सुनी सुनी सी लग रही थी राजू एक बार इस आवाज को देखने के लिए उस झाड़ी की ओर मुड़ गया और जब उसने झाड़ी के पीछे देखा तो पाया कि ननखी ताई बैठकर मूत रही है ननखी ताई का पिछवाड़ा राजू की ओर था जिस वजह से ननखी ताई को राजू के आने का पता ना चल सका।

अब राजू ननखी ताई का पिछवाड़ा ताड़ने में लगा था लेकिन अभी उसका आधा पिछवाड़ा साड़ी से छिपा हुआ था लेकिन राजू के कानो में जो सुरूली आवाज आ रही थी वह ही काफी थी और अब उसका मोटा लैंड उसके पैंट में अंगड़ाई लेने लगा था।

इधर जब ननखी का मूतना हो गया तब वह उठने लगी और जैसे ही वह उठी राजू को एक पल के लिए ननखी का पूरा पिछवाड़ा नजर आ गया राजू उसकी बड़ी और चौड़ी गद्देदार गांड़ देखकर मदहोश होने लगा ।

इधर ननखी भी मूतने के बाद अपनी साड़ी नीचे कर देती है लेकिन साड़ी के नीचे वह अभी भी नंगी ही थी क्यूंकि गांव की अधिक से अधिक औरते साड़ी के नीचे और ब्लाउज के अंदर ब्रा और पैंटी जैसा कुछ नहीं पहनती अब ननखी अपने खेतो की ओर जाने लगती है और जैसे ही राजू ताई को जाते हुए देखता है वह भी दौड़कर उसके पास आकर उससे कहता है।

राजू..ताई मुझे मां ने भेजा है मुझे भी अपने खेतो में सिंचाई करनी है तो क्या आज आपकी रवल मुझे मिल जायेगी।

ननखी..बेटा अभी तो मेरा खेत अधूरा है अभी उसे ही भरने में बहुत समय लग जायेगा उसके बाद ही मैं तुझे कुछ कह पाऊंगी।

राजू..कोई बात नही काकी मैं यही तेरी झोपड़ी में सो जाता हूं जब तेरे खेत में पानी लग जाए तब मुझे जगा देना।

ननखी..ठीक है राजू बेटा तू वही पर जाकर सो जा अगर खाना ना खाकर आया तो सोनम भी वही पर है उससे खाना लेकर खा लेना।

राजू..वैसे काकी मैने देखा है आपका खेत बहुत बड़ा और बहुत चौड़ा है इसमें तो पानी लगाते समय मुखिया काका भी थक जाते होंगे।

अब राजू ननखी ताई से डबल मीनिंग में बात कर रहा था उसके खेतो का मतलब ननखी की मोटी गांड़ से था।

ननखी.. हां राजू बेटा तेरे काका अब बूढ़े हो गए है अब उनमें वो ताकत नहीं बची जो पहले हुआ करती थी और ये जमीन तो नए मर्दों को मांगती है वैसे अब तेरा भाई ही इन खेतो पर मेहनत करता है तेरे काका तो बस उसकी मदद ही करते है।

राजू.. हां काकी आप सही कह रही हैं मुझे भी लगता है आपके खेत अभी भी बहुत टाईट है काका की अब बस की बात नहीं है तू कहे तो मैं तेरे खेतों में पानी लगा दूं अभी मैं जवान भी हूं और मैं काका से ज्यादा अच्छी मेहनत भी कर सकता हूं, मुखिया काका तो तेरे खेत की हरियाली में ही खो जाते होंगे।

ननखी की भी अब काफी उमर हो गई थी उसने राजू जैसे अनेकों लडको को अपनी गोद में खिलाया था भला उसे कैसे न पता लगता की राजू उसके किस खेत की बात उससे कर रहा हैं।

ननखी ने तुरंत राजू का कान पकड़ लिया और बोली..अच्छा तो अब मैं समझी तू मेरे किन खेतों की बात मुझसे कर रहा था बेटा मैंने तुझ जैसे न जाने कितनों को अपनी गोद में खिलाया है और तू मुझे छेड़ रहा है।

राजू…आई...ई काकी मैं तो मजाक कर रहा था लेकिन आप कुछ भी कहो मैने अभी अभी आपका बड़ा चौड़ा सा खेत देखा है जिसको सच में पानी की जरूरत है आप कहो तो मैं अपने मोटे नलका से भर दूं।

ननखी थोड़ा सा शर्माती है लेकिन वह राजू को जाहिर नहीं होने देना चाहती और फिर...

ननखी थोड़ा तेजी से राजू के कान को मोड़ते हुए बोलती है..राजू बेटा बड़े बड़े खेत तो तेरे भी घर में तेरी दोनो माई के है उसके खेतों में भी पानी की बहुत जरूरत है बता उनके खेतों में तू कब पानी लगायेगा।

राजू..आई काकी कान छोड़ दे दुख रहे हैं और काकी तू उनकी छोड़ अपनी बता तेरे खेतों में पानी कब से नहीं लगा काका का नलका तेरे खेतों तक तो पहुंच भी नहीं पाता होगा....और राजू जोर जोर से हसने लगता है।

ननखी..रुक तेरी छोटी माई को ही बताना पड़ेगा की तेरा लल्ला अब बड़ा हो गया है उसे या तो अपने खेत दिखा दे नहीं तो कोई खेत वाली ढूंढकर ला दे।

राजू..अरे माई क्यूं काकी मैं तो अपनी प्यारी काकी से मजाक कर रहा था और तू तो गुस्सा हो गई अच्छा काकी मुझे माफ करदे और जब तेरे ये फसल वाले खेत भर जाए तो मुझे जगा देना तब तक मैं तेरी झोपड़ी में सो रहा हूं।

और राजू अपने कान छुड़ाकर वहां से भागता बना।

जिसे देख ननखी खिलखिलाकर हस पड़ी और बोली अरे राजू बेटा मेरे खेतों में पानी तो लगा जा...

राजू..अरे काकी फिर कभी अभी तो तू बस रहन दे...

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।
Exlant update intzar rahega agle update ka
 
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