महोदय (मैं जानबूझकर तुम्हें महोदया नहीं लिख रहा, क्योंकि मैं जानता हूँ तुम स्त्री नहीं हो। लेखक के नाम के लिए स्त्री का रूप धर लेने से कोई पुरुष स्त्री नहीं बन जाता), update नहीं देने के लिए झूठे बहाने बनाना छोड़िए। तुम सभी को थोड़े समय के लिए गुमराह कर सकते हो, परंतु कोई भी ज्यादा समय बुद्धू नहीं बनता। वास्तविकता यह है कि यह कहानी तुम्हारी है ही नहीं। जहाँ कहीं से भी तुम कॉपी कर रहे थे, वहाँ मूल स्रोत पर update होने बंद हो गए तो इतना समय तो फालतू के बहाने बना कर निकाल लिया, पर अब बहाने बना नहीं पा रहे हो। अगर तुमने ईमानदारी से कहानी किसी और लेखक की है यह बताया होता तो इस तरह झूठे बहाने बनाने की नोबत नहीं आती। इस तरह copy & paste करने वालों का यही हश्र होता है।