Vivekdaware
Madhuri Aunty
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- 28
ठीक है। सेक्स add करता हु अब।दुध तो बहुत पिला दिया अब कुछ तो आगे बढ़ो
Nice storyUpdate 5
एक दिन सुबह को मैंने बहु के साथ नाश्ता किया और बाद में बहु ने कहा कि उसे थोड़ी देर टिव्ही देखना है। तो हम दोनों हॉल में नीचे बैठकर टिव्ही देखने लगे। आज सुजाता ने काले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। उसे नीचे बैठे हुए देखकर मुझे रहा नही जाता। में झट से उसके गोद मे अपना सर रखके सो गया। सुजाता मेरी ये हरकत देखकर हस पड़ी। घर दरवाजा खुला ही था पर उसकी हमे कोई फिक्र नही थी। हम दोनों ऐसेही हसी मजाक कर रहे थे। अचानक से पड़ोस की सुमन घरमे आ गयी । उसने मुझे बहु के गोद मे सोते हुए देखा और सुजाता को हँसते हुए पूछा,
"क्या कर रही हो सुजाता?"
सुजाता ने भी हँसते हुए जवाब दिया ,
"ससुरजी को आदत है ऐसे लेटने की ।"
"क्या समीर अंकल ? सुबह के टाइम कौन सोता है क्या? "
"क्या करु सुमन । इतनी थकान होई है कि पूछो मत। इसलिए बहु को मुझे सुलाने कहता हूं।"
"अच्छी बात है की आपको सुजाता जैसी बहु मिली है। अच्छा मैं तो मेरे आने का कारण ही बताना भूल गयी। मैं दो दिन के लिए आपके घर सोने आनेवाली हु। मेरे पति 2 दिन बाहर जाने वाले है ना।"
सुजाता ने कहा,
"ठीक है सुमन। आ जाओ तुम ।"
"ठीक है। आज रात आती हु।"
ये कह के वो चली गयी।
सुजाता ने फिर मुझे कहा,
"देखा ससुरजी । अब आपको दूध पिला रही होती तो सुमन देख लेती। "
"अब तो चली गयी ना वो। तो अब पिला दो।"
"आप भी ना ससुरजी बहुत नादान बन गए हो। थोड़ी तो शरम करो। "
"पिला दो ना।"
"पिलाती हु।"
बहु ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाउज के निचले कुछ हुक खोल दिये। फिर मेरा सर पल्लू से ढकते हुए वो मुझे उसका अमृत पिलाने लगी।
"आह...."
में धीरे धीरे पी रहा था।
"दरवाजा बंद करना चाहिए था। कोई आ जाये तो?"
पर मैं दूध पीता रहा और फिर बहु ने भी उसका पूरा ध्यान मुझे स्तनपान करने में लगा दिया।
"मेरे बच्चे... धीरे धीरे पीते रहो। बहुत दूध बाकी है अभी।"
वो उसका एक हाथ मेरे पेट पर फेरने लगी। बहु मुझे लगभग आधे घंटे तक पिला रही थी। फिर उसने ब्लाउज के हुक लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया और मुझे हँसते हुए पूछा,
"पेट भर गया बच्चे?"
"हा बहु। अब तो नींद आ रही है।"
"आप अब आराम कर लो। मैं खाना बनाती हूं। "
मैं वही सोफे के ऊपर लेट कर आराम करने लगा। बहु रसोईघर में चली गयी।
रात को खाना खाने के बाद सुमन हमारे घर सोने के लिए आ गयी। सुजाता बहु ने हम तीनों के लिए हॉल में ही जमीन पर बिस्तर दाल दिया। हमारा ये बिस्तर देखकर सुमन ने सुजाता को पूछा,
"क्या समीर अंकल भी हमारे पास सोने वाले है?"
"हाँ सुमन। मुझे उनको सुलाना पड़ता है।"
सुमन अचंभित हो गयी,
"सच मे? उनको इतनी परेशानी होती है नींद आने में?"
"हा ना सुमन, बहुत दिक्कत होती है। पर उनको अब मेरी आदत पड़ गयी है। मेरे सिवा उनको अब ठीक से नींद नही आती है।"
"ये तो अच्छी बात है तुम उनके लिए इतना जो कर रही हो।"
घर की सारी लाइट बंद कर के हम सब सोने लगे। इतना भी अंधेरा नही होता है क्यूंकि रास्ते के पोल पर जो लाइट होती है उसका उजाला खिड़की के कांच से अंदर आ रहा था और थोड़ा दिख रहा था। मैं सुजाता के एक बाजुमें सो गया और सुमन उसके दूसरे बाजू सो गई। सुजाता बहु सुमन के तरफ मुह करके उससे बाते कर रही थी। थोड़ी देर बाद सुमन ने मेरे बहु को पूछा ,
"तुम्हारे ससुरजी सोये की नही अभीतक?"
"देखती हूं मैं अब।"
बहु मेरे तरफ पलट गई और उसने मुझे अपने करीब ले लिया और मेरे पीठ पर हाथ थपथपाने लगी।
"नही सोये अभीतक। मुझे सुलाना पड़ेगा उनको।"
"ठीक है। सुला दो तुम ।"
वो दोनों फिरसे कुछ बाते करने लगी। मैं अब बहुत उतावला हो रहा था। मैंने बहु का पल्लू थोड़ा हटा दिया और उसके एक मुम्मे को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने लगा। बहु को मेरी ये हरकत पता थी इसलिए वो बिना रुके सुमन से बातें करती रही। इससे मैं और ही उतावला हो गया और में और जोरसे चूसने लगा। सुजाता बहु मुझे डाँटते हुए बोली,
"सो जाओ ना ससुरजी। कितनी हलचल करते हो। आप अब बच्चे हो क्या?"
मुझे क्या चाहिए ये बहु को अच्छी तरह से पता था। उसने मेरे मुह से उसका मुम्मा निकाल लिया। फिर उसने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और मुझे वो स्तनपान करने लगी। में अब शांत होकर दूध पीने लगा। बहु अब मेरे पीठ पर हलके से थपथपाने लगी।
सुमन ने फिरसे पूछा,
"सो गए की नही?"
असल मे बहु बात करने की हालत ने नही थी। एकतरफ में धीरे धीरे उसका दूध पी रहा था और उसने एक हाथ से उसका स्तन मेरे मुह में पकड़ रखा था और बीच बीच मे वो मेरी पीठ भी थपथपा रही थी। फिर भी उसने सुमन को जवाब दिया,
"अब पूरी तरह से सो नाही गये वो। सुला रही हु।"
"मुझे नींद आ रही है अब । गुड नाईट। "
सुमन सो गई । फिर बहु मुझे और कुछ टाइम तक पिलाती रही।
सुमन सुबह सबसे पहले उठ गई थी। उसने देखा की सुजाता मुझे बहुत करीब लेकर सोई हुई थी। हँसते हँसते ही वो उठ गई और मुह धो कर वापस हॉल में आ गयी और सोफे पर बैठ गयी। वैसे अभी भी थोड़ा अंधेरा था। फिर सुजाता भी उठकर बैठ गयी और उसने सुमन के सामने ही खुद के ब्लाउज के बटन लगा लिए और पल्लू भी ठीक कर लिया। ये देखकर सुमन उसे चिढ़ाती हुए बोली,
"ब्लाउज क्यों खोल दिया तुमने? "
सुजाता भी अब मुस्कुराते हुए बोली,
"क्या बताऊँ तुझे सुमन? ससुरजी इतने बड़े होकर भी मेरा दूध पीते है।"
"क्या कह रही हो सुजाता? ये तो बहुत ही अजीब आदत है उनकी।"
"हा पर । मुझे अच्छा लगता है उनको पिलाने में। बिलकुल छोटे बच्चे की तरह पीते रहते है।"
सुमन हँसते हुए बोली,
"तुम्हे अच्छा लगता है ना तो ठीक है।"
मुह धोकर सुमन अपने घर चली गयी। मैं भी उठ गया और फ्रेश हो गया। बहु ने मुझे नाश्ता दिया। उसने नहा लिया था। फिर में नहाने चला गया। नहाकर आते ही मैं थोड़ी देर हॉल में सोफे पर बैठ गया। सुजाता भी मेरे बाजू में बैठ गयी। उसने आज पिले रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था। उसका एक मुम्मा पल्लू के बाहर था और में उसको देखकर मेरा मन भर रहा था। बहु मुझे बोली,
"चलो मेरे बच्चे तुझे दूध पिलाती हु। "
मैं खुश हो गया। घर का दरवाजा खुला रखके ही मैं बहु के साथ रसोईघर में चला गया। बहु जमीन पर बैठ गयी और मैं उसकी गोद मे लेट गया। बहु अपने बाल ठीक करके उनको बांध रही थी। मै उसके पल्लू के नीचे अपना हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मो को हलके से दबाने लगा।
"दे रही हु ना बच्चे। इतनी भूख लगी है ? "
उसने बाल ठीक कर लिए और मेरा हाथ उसके पल्लू के पीछे से निकाल दिया। उसने ब्लाउज के निचले कुछ बटन खोल दिये । फिर वो मेरा सर पल्लू से ढकते हुए मुझे दूध पिलाने लगी।
"धीरे धीरे पीओ अब। बहुत टाइम है। "
मैं पीने लगा । मैं लगभग 20 मिनिट पी रहा था। फिर बहु ने मेरा मुह पल्लू से पोछ लिया और अपने ब्लाउज के बटन लगा लिए।
"आज आपको सुमन भी दूध पिलाएगी।"
"वा। मेरा तो काम ही बन गया। "
Next update pleaseUpdate 5
एक दिन सुबह को मैंने बहु के साथ नाश्ता किया और बाद में बहु ने कहा कि उसे थोड़ी देर टिव्ही देखना है। तो हम दोनों हॉल में नीचे बैठकर टिव्ही देखने लगे। आज सुजाता ने काले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। उसे नीचे बैठे हुए देखकर मुझे रहा नही जाता। में झट से उसके गोद मे अपना सर रखके सो गया। सुजाता मेरी ये हरकत देखकर हस पड़ी। घर दरवाजा खुला ही था पर उसकी हमे कोई फिक्र नही थी। हम दोनों ऐसेही हसी मजाक कर रहे थे। अचानक से पड़ोस की सुमन घरमे आ गयी । उसने मुझे बहु के गोद मे सोते हुए देखा और सुजाता को हँसते हुए पूछा,
"क्या कर रही हो सुजाता?"
सुजाता ने भी हँसते हुए जवाब दिया ,
"ससुरजी को आदत है ऐसे लेटने की ।"
"क्या समीर अंकल ? सुबह के टाइम कौन सोता है क्या? "
"क्या करु सुमन । इतनी थकान होई है कि पूछो मत। इसलिए बहु को मुझे सुलाने कहता हूं।"
"अच्छी बात है की आपको सुजाता जैसी बहु मिली है। अच्छा मैं तो मेरे आने का कारण ही बताना भूल गयी। मैं दो दिन के लिए आपके घर सोने आनेवाली हु। मेरे पति 2 दिन बाहर जाने वाले है ना।"
सुजाता ने कहा,
"ठीक है सुमन। आ जाओ तुम ।"
"ठीक है। आज रात आती हु।"
ये कह के वो चली गयी।
सुजाता ने फिर मुझे कहा,
"देखा ससुरजी । अब आपको दूध पिला रही होती तो सुमन देख लेती। "
"अब तो चली गयी ना वो। तो अब पिला दो।"
"आप भी ना ससुरजी बहुत नादान बन गए हो। थोड़ी तो शरम करो। "
"पिला दो ना।"
"पिलाती हु।"
बहु ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाउज के निचले कुछ हुक खोल दिये। फिर मेरा सर पल्लू से ढकते हुए वो मुझे उसका अमृत पिलाने लगी।
"आह...."
में धीरे धीरे पी रहा था।
"दरवाजा बंद करना चाहिए था। कोई आ जाये तो?"
पर मैं दूध पीता रहा और फिर बहु ने भी उसका पूरा ध्यान मुझे स्तनपान करने में लगा दिया।
"मेरे बच्चे... धीरे धीरे पीते रहो। बहुत दूध बाकी है अभी।"
वो उसका एक हाथ मेरे पेट पर फेरने लगी। बहु मुझे लगभग आधे घंटे तक पिला रही थी। फिर उसने ब्लाउज के हुक लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया और मुझे हँसते हुए पूछा,
"पेट भर गया बच्चे?"
"हा बहु। अब तो नींद आ रही है।"
"आप अब आराम कर लो। मैं खाना बनाती हूं। "
मैं वही सोफे के ऊपर लेट कर आराम करने लगा। बहु रसोईघर में चली गयी।
रात को खाना खाने के बाद सुमन हमारे घर सोने के लिए आ गयी। सुजाता बहु ने हम तीनों के लिए हॉल में ही जमीन पर बिस्तर दाल दिया। हमारा ये बिस्तर देखकर सुमन ने सुजाता को पूछा,
"क्या समीर अंकल भी हमारे पास सोने वाले है?"
"हाँ सुमन। मुझे उनको सुलाना पड़ता है।"
सुमन अचंभित हो गयी,
"सच मे? उनको इतनी परेशानी होती है नींद आने में?"
"हा ना सुमन, बहुत दिक्कत होती है। पर उनको अब मेरी आदत पड़ गयी है। मेरे सिवा उनको अब ठीक से नींद नही आती है।"
"ये तो अच्छी बात है तुम उनके लिए इतना जो कर रही हो।"
घर की सारी लाइट बंद कर के हम सब सोने लगे। इतना भी अंधेरा नही होता है क्यूंकि रास्ते के पोल पर जो लाइट होती है उसका उजाला खिड़की के कांच से अंदर आ रहा था और थोड़ा दिख रहा था। मैं सुजाता के एक बाजुमें सो गया और सुमन उसके दूसरे बाजू सो गई। सुजाता बहु सुमन के तरफ मुह करके उससे बाते कर रही थी। थोड़ी देर बाद सुमन ने मेरे बहु को पूछा ,
"तुम्हारे ससुरजी सोये की नही अभीतक?"
"देखती हूं मैं अब।"
बहु मेरे तरफ पलट गई और उसने मुझे अपने करीब ले लिया और मेरे पीठ पर हाथ थपथपाने लगी।
"नही सोये अभीतक। मुझे सुलाना पड़ेगा उनको।"
"ठीक है। सुला दो तुम ।"
वो दोनों फिरसे कुछ बाते करने लगी। मैं अब बहुत उतावला हो रहा था। मैंने बहु का पल्लू थोड़ा हटा दिया और उसके एक मुम्मे को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने लगा। बहु को मेरी ये हरकत पता थी इसलिए वो बिना रुके सुमन से बातें करती रही। इससे मैं और ही उतावला हो गया और में और जोरसे चूसने लगा। सुजाता बहु मुझे डाँटते हुए बोली,
"सो जाओ ना ससुरजी। कितनी हलचल करते हो। आप अब बच्चे हो क्या?"
मुझे क्या चाहिए ये बहु को अच्छी तरह से पता था। उसने मेरे मुह से उसका मुम्मा निकाल लिया। फिर उसने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और मुझे वो स्तनपान करने लगी। में अब शांत होकर दूध पीने लगा। बहु अब मेरे पीठ पर हलके से थपथपाने लगी।
सुमन ने फिरसे पूछा,
"सो गए की नही?"
असल मे बहु बात करने की हालत ने नही थी। एकतरफ में धीरे धीरे उसका दूध पी रहा था और उसने एक हाथ से उसका स्तन मेरे मुह में पकड़ रखा था और बीच बीच मे वो मेरी पीठ भी थपथपा रही थी। फिर भी उसने सुमन को जवाब दिया,
"अब पूरी तरह से सो नाही गये वो। सुला रही हु।"
"मुझे नींद आ रही है अब । गुड नाईट। "
सुमन सो गई । फिर बहु मुझे और कुछ टाइम तक पिलाती रही।
सुमन सुबह सबसे पहले उठ गई थी। उसने देखा की सुजाता मुझे बहुत करीब लेकर सोई हुई थी। हँसते हँसते ही वो उठ गई और मुह धो कर वापस हॉल में आ गयी और सोफे पर बैठ गयी। वैसे अभी भी थोड़ा अंधेरा था। फिर सुजाता भी उठकर बैठ गयी और उसने सुमन के सामने ही खुद के ब्लाउज के बटन लगा लिए और पल्लू भी ठीक कर लिया। ये देखकर सुमन उसे चिढ़ाती हुए बोली,
"ब्लाउज क्यों खोल दिया तुमने? "
सुजाता भी अब मुस्कुराते हुए बोली,
"क्या बताऊँ तुझे सुमन? ससुरजी इतने बड़े होकर भी मेरा दूध पीते है।"
"क्या कह रही हो सुजाता? ये तो बहुत ही अजीब आदत है उनकी।"
"हा पर । मुझे अच्छा लगता है उनको पिलाने में। बिलकुल छोटे बच्चे की तरह पीते रहते है।"
सुमन हँसते हुए बोली,
"तुम्हे अच्छा लगता है ना तो ठीक है।"
मुह धोकर सुमन अपने घर चली गयी। मैं भी उठ गया और फ्रेश हो गया। बहु ने मुझे नाश्ता दिया। उसने नहा लिया था। फिर में नहाने चला गया। नहाकर आते ही मैं थोड़ी देर हॉल में सोफे पर बैठ गया। सुजाता भी मेरे बाजू में बैठ गयी। उसने आज पिले रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था। उसका एक मुम्मा पल्लू के बाहर था और में उसको देखकर मेरा मन भर रहा था। बहु मुझे बोली,
"चलो मेरे बच्चे तुझे दूध पिलाती हु। "
मैं खुश हो गया। घर का दरवाजा खुला रखके ही मैं बहु के साथ रसोईघर में चला गया। बहु जमीन पर बैठ गयी और मैं उसकी गोद मे लेट गया। बहु अपने बाल ठीक करके उनको बांध रही थी। मै उसके पल्लू के नीचे अपना हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मो को हलके से दबाने लगा।
"दे रही हु ना बच्चे। इतनी भूख लगी है ? "
उसने बाल ठीक कर लिए और मेरा हाथ उसके पल्लू के पीछे से निकाल दिया। उसने ब्लाउज के निचले कुछ बटन खोल दिये । फिर वो मेरा सर पल्लू से ढकते हुए मुझे दूध पिलाने लगी।
"धीरे धीरे पीओ अब। बहुत टाइम है। "
मैं पीने लगा । मैं लगभग 20 मिनिट पी रहा था। फिर बहु ने मेरा मुह पल्लू से पोछ लिया और अपने ब्लाउज के बटन लगा लिए।
"आज आपको सुमन भी दूध पिलाएगी।"
"वा। मेरा तो काम ही बन गया। "