Dashing deep
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Bahut hi jabardast update bhai aise hi ĺikhte rahe waiting for next updateअब मेरा लण्ड रॉड की तरह सख्त हो गया था और पूरी तरह तन चुका था…ये एक नए सफर की शुरुआत हो गई थी।
Update 33
चाची ने जब देखा कि हम दोनों अब शुरू हो गए हैं तो उसने कहा दीदी यहाँ पर नहीं आप बेड पर चलो मैं ये सब समेट कर आती हूँ … चाची की बात सुनकर मैं और माँ दोनों खड़े हो गए… अब हमारा चुम्बन टूट गया था और हम बेडरूम की तरफ जाने लगे।
माँ मेरे साथ साथ चल रही थी लेकिन उसका चेहरा नीचे की ओर था और वो चुपचाप चल रही थी…बेड के पास पहुंच कर मैने माँ की तरफ देखा उसकी नजरें अब भी निचे थी मैने सोचा कि वह अभी भी झिझक रहीं हैं… तो मैने ही पहल करने का सोचा ताकि माँ भी खुल सके।
मैने माँ को ठुडी से पकड़ कर माँ का चेहरा ऊपर किया…और माँ की ओर मेरी नजर मिली मैने उसके माथे पर चुम्बन किया और अपने हाथ उसके कंधे पर रखे… अब मैं अपने हाथ कंधों से सहलाते हुए माँ की चुचियों पर ले आया और अपनी उंगलियों से उसके निप्पलों को कुरेदना शुरू किया…
अब मां की सांसें भारी हो गई थी लेकिन वो कोई हरक़त नही कर रही थी सिर्फ चुपचाप खड़ी थी मुझे भी नहीं रोक रही थी…कुछ देर निप्पल्स को कुरेदने के बाद मैने अपने हाथ नीचे पेट की तरफ खिसक दिये और नाभि में उंगली घुमाने लगा …
माँ की सिसकारी निकलने लगी थी और वो अपना निचला होंठ काटने लगी…एक हाथ की उंगली उठाई नाभि में घुमाने के साथ ही मैने दूसरा हाथ माँ के पेटीकोट के नाडे पर ले गया और उसकी गांठ खोलने लगा…माँ ने एकदम से अपना एक हाथ मेरे उस हाथ पर रख दिया जो पेटीकोट के नाडे पर था।
मैने अपना हाथ नाभि से हटा कर माँ के सिर के पीछे ले गया और उसके चेहरे को अपनी तरफ खींच कर होंठों पे अपने होंठो को रख कर चूसना शुरू कर दिया…गर्दन के पीछे से अपना हाथ निकाल कर चुम्बन के साथ साथ एक चुची को मसलने लगा.…माँ की पकड़ अब मेरे हाथ से हट गई तो मैने देर ना करते हुए पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया… पेटीकोट सरक कर माँ के पैरों में इकट्ठा हो गया।
अब मैं एक हाथ से माँ की चुचियाँ मसल रहा था और उसके होंठो रसपान करते हुए दूसरा हाथ उसकी चुत पर रख दिया…माँ ने कांपते हुए मेरे हाथ को अपनी जांघो से कस लिया और प्रतिउत्तर में मेरे होंठो को चुसने लगी…मैने अपना हाथ माँ की चूत से हटा कर अपना शॉर्ट निचे सरका दिया।
अब हम दोनों एकदम नंगे हो चुके थे हमारे कपड़े हमारे पैरो में पड़े हुए थे…मैने माँ को अपनी ओर खींच कर जोर से अपने बदन से चिपका लिया…अब माँ के निप्पल मेरे सीने में चुभ रहे थे और मेरा लण्ड उसकी जांघो में अपना घर ढूंढ रहा था।
मैं माँ को हल्के से धकेलते हुए बेड पर ले आया और उसे लिटा दिया…माँ अब टांगे नीचे लटकाए बेड पर लेटी हुई थी…मैने उसके पैर उठा कर बेड पर किये और उसकी टांगे फैला दी…अब माँ की हल्की फुल्की झांटो वाली चुत मेरे सामने थी माँ ने शर्मा के अपनी आंखें बंद कर ली… मैने चुत पर एक उंगली फिराई तो माँ के मुंह से सी...की आवाज निकल गई उसकी चुत बुरी तरह पानी छोड़ कर चिकनी हो चुकी थी…मैने अपनी उंगली चुत पे घुमाते हुए उसे चुत में घुसा दिया माँ के मुंह से ओह…रा……ज निकल गया।
मैने धीरे धीरे से उंगली अंदर बाहर करना शुरू किया तो माँ भी सिसयाने लगी…गीली चुत ओर सिसकियों की आवाज सुनकर मुझसे रहा नहीं गया तो मैने झुक कर अपनी जीभ चुत के दाने पे रख दी और उसे चाटने लगा…माँ से अब बर्दाश्त नही हो रहा था वो अपना सर इधर उधर पटक रही थी और अब जोर से आह ओह्ह की आवाज करते हुए मेरे सर को अपनी चुत पर दबा रही थी।
मैंने अपना चेहरा चुत से उठा कर माँ को बोला माँ तुम ऊपर की तरफ खिसको… जब से हम मिले थे पहली बार मैने कुछ बोला था… माँ चुपचाप ऊपर की ओर खिसक गई और पूरी तरह बेड पर हो गई…मैं भी अब बेडपर चढ़ गया और माँ के पास जाकर उसका एक हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया।