माँ ने भी अपनी कोख में मेरे वीर्य को महसूस करके एक आह भरी और मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर मेरे होंठ चुम लिए।
Update 26
मेरा लण्ड अभी भी माँ की योनिः में ही था और मै उसके ऊपर लेटे हुए अपने आप को नॉर्मल कर रहा था…माँ बोली हो गया खुश अब तो तेरे मन की हो गई कैसा लगा ?
आपको कैसा लगा माँ मैने उनसे पूछा… तो माँ ने शर्मा कर मुँह दूसरी तरफ कर लिया…तभी चाची बोली बताओ न दीदी कैसा लगा अपने बेटे के साथ ये सब करते हुए! माँ तू भी न कोमल ये क्या बात कर रही है मुझ से नहीँ बताया जायेगा…
चाची अच्छा अपने सर को हिलाकर बताओ मज़ा आया था या नहीं?… माँ ने अपनी आंखें बन्द करके हाँ में अपना सिर हिलाया तो चाची ने कहा कितना थोड़ा या ज्यादा आया माँ ने इस बार चाची को प्यार से डाँटते हुए कहा मुझे नहीं पता ज्यादा बात है तो तूं खुद करके देख ले पता चल जायेगा।
चाची वो तो में करूँगी ही इतनी देर से तुम दोनों को देख कर मेरी क्या हालत हो रही है तुम्हें क्या पता … अब में खुद को रोक नहीं सकती मुझे भी अब राज का अपने अन्दर लेना है।
चाची की बात सुनकर मेरा लण्ड माँ की चूत में ही झटके लेने लगा…माँ को भी कुछ देर में ये महसूस होने लगा था और उसने भी अपनी चूत का कसाव बढ़ाना शुरू कर दिया था…मै उसकी चूत का स्पंदन अपने लण्ड पर महसूस करके पुनः उत्तेजित होने लगा था
अब मैंने अपने हाथ माँ की चुचियों पर चलाना शुरू कर दिया था और माँ के होंठों को चूमने लगा तो माँ ने मुझे रोक दिया और कहने लगी बस कर अब …और इसे भी निकाल अब मेरे अंदर से और चाची को बोली ले कोमल अब तू सम्भाल इसको नहीं तो ये फिर शुरू हो जायेगा।
चाची ने ये सुुुनते ही मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोली आजा मेरे शेर अब अपनी चाची को अपनी मरदानगी दिखा और ये बोलकर चाची ने मुझे माँ के ऊपर से उतार लिया और मेरा लण्ड पक की आवाज के साथ माँ की चूत से बाहर निकल गया और मेरा वीर्य बहने लगा।