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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 189 76.8%
  • अच्छी

    Votes: 40 16.3%
  • ठीक ठाक

    Votes: 14 5.7%
  • बेकार

    Votes: 15 6.1%

  • Total voters
    246

Jiashishji

दिल का अच्छा
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अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर से सरकाते हुए धीरे धीरे मेरे नितंबो पे गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत पर दबाने लगी…

अपडेट 24

मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी दांई चुची से हटाया और उनकी गाँड़ के नीचे लेजाने लगा माँ ने भी अपनी गाँड़ हल्के से उठा कर मेरे हाथ को जगह दी

अब मैं एक हाथ से चुची दबा रहा था और एक हाथ से गाँड़ माँ के मुँह से हल्की सी सिसकियां निकल रही थी… मैंने गाँड़ दबाते हुए धीरे धीरे से माँ का पेटिकोट इंच दर इन्च ऊपर की ओर खिसकाने लगा…चाची ध्यान से देख रही थीं और अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी हमारी नज़र मिली तो चाची ने मुझे आँख मार दी और अपने होंठों पे जीभ फेर दी

मैने माँ की एक चुची को मुँह में लिया और एक पर हाथ से कब्ज़ा किया और दोनों का रस निचोड़ने लगा नीचे से गाँड़ दबाते हुए पेटिकोट ऊपर खिसका रहा था …माँ एक हाथ से मेरा सर अपनी चुची पर दबा रही थी और एक हाथ से मुझे अपनी चूत पर दबाते हुए अपनी गाँड़ उठा रही थी मेरा लण्ड मानों फटने को हो रहा था …अब मैंने थोड़ा रिस्क लेने का सोचा क्योंकि मुझे कन्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था और मै बिना कुछ किये झड़ना नहीँ चाहता था क्योंकि पता नहीं माँ दुबारा तैयार हो या नहीं इसलिए जो करना था वो अभ करना था

मैंने धक्के लगाने की गति थोड़ी तेज़ की और निचे से जो हाथ माँ की गाँड़ के नीचे था उससे गाँड़ उठाने लगा ताकि चूत पर लण्ड का दबाव बनाया जा सके और एक पैर माँ की टांगो के बीच लेजाकर उसकी टांगे खोलने लगा माँ मेरा इशारा समझ गई और उसने हल्के से अपनी टांगे खोल दी इससे मुझे हौसला मिला तो मैने चुची से हाथ हटा कर उस चुची को मुंह में लिया और उस हाथ से माँ का पेटिकोट ऊपर करने लगा जो कि अब घुटनों तक आ चुका था।

घुटनों से थोड़ा ऊपर आते ही मैंने पेटिकोट में दूसरा हाथ डाला और दूसरी तरफ से माँ की गाँड़ के निचे डालने लगा हाथ लगते ही पता चल गया कि माँ ने पेन्टी नहीं पहनी थी लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब माँ ने अपने पेटिकोट में हाथ डालने का विरोध किये बिना ही अपनी गाँड़ ऊपर कर दी ये मेरे लिए सकारात्मक परिणाम था … अब माँ ने भी मौन स्वीकृति प्रदान कर दी थी जिससे मेरा उत्साह बढ़ा मैंने माँ के सीने से सर उठाया और माँ की आँखों में देखने लगा…मेरे हटने का आभास हुआ तो माँ ने आँख खोली और मेरी तरफ देखा मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो उसने शर्म से पलके झुक ली… मैने अपने होंठ माँ के होंठों पर रख दिये माँ ने मेरा साथ देते हुए उनको अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया और पागलों की तरह उनको चूमने और चूसने लगी।


अब माँ निचे से अपनी गांड थोड़ा जोर देकर मेरे लण्ड पे मारने लगी वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी लेकिन अब भी बोलने में हिचक रही थीं तो मैने ही पहल की ओर अपना एक हाथ गांड के नीचे से निकाल कर पेटिकोट पूरा ऊपर कर दिया जो जाकर माँ की कूल्हों के नीचे अटक गया तो माँ ने अपने कूल्हे हल्के से ऊपर कर दिये…

अब मुझे मौन न्योता मिल चुका था तो मैने भी मौके पर चौका जड़ने की सोची अपना हाथ माँ की जांघ पर फेरते हुए उसकी चूत की तरफ़ बढ़ने लगा मेरी उंगली हल्की सी झांटो से टकराते ही माँ ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और जो हाथ मेरे कूल्हे पर था वो पीछे से मेरे अंडरवेअर में डाल दिया और दूसरे बाजू से मुझे अपने साथ कस लिया…मैंने अपनी कमर को ऊपर किया और अपना हाथ माँ की तपती हुई चूत पे रख दिया ।

माँ ज़ोर से सांस खींच कर सिसकारी लेने लगी तो हमारा चुम्बन टूटा और मै माँ के चेहरे पर चूमना शुरू कर दिया माथा, गर्दन, कान से होते हुए सीने पर और उसके बाद नाभि में अपनी जीभ घुसा दी माँ से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन वो अभी भी हिचकिचाहट में थी

तभी मैने वो किया जिसकी उम्मीद ना माँ को थी ना चाची को मैने अपने होंठ एकदम से माँ की चूत रख दिये और जीभ से चूत चाटने लगा माँ को इसकी उम्मीद नहीं थी वो मेरा सिर पकड़ कर हटाने लगी और बोली नहीं राज बेटा वहाँ नही वहां गन्दा होता है …इतनी देर बाद माँ कुछ बोली थी लेकिन मैंने दूसरा हाथ भी निचे लेजाकर गांड को ऊपर किया और चूत को मुंह में भर लिया माँ मेरे को हटा रही थी राज बेटा वहाँ पर मत करो तभी चाची बोली जो इतनी देर से सब कुछ देख रही थीं

दीदी उसकी उसकी पहली बार है उसको भी अपने मन की करने दो … माँ लेकिन कोमल वहाँ गंदा होता है दीदी तुम तो बस आंखे बंद करके महसूस करना फिर बताना ये बोलते हुए चाची ने अपने हाथ माँ के चुचियों पर रख दीये और उनके निप्पलों को उमेठने लगी माँ से दोहरा हमला बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने एक हाथ मेरे सिर से हटा कर चाची का हाथ पकड़ लिया अब मैंने अपनी जीभ से चूत को कुरेदना शुरू किया और उसके दाने को मुंह में भर के चूसने लगा माँ का हाथ जो मुझे हटा रहा था अब मेरा सिर सहला रहा था

माँ जोर से आह भर रही थी मैने एक हाथ से अब अपना अंडरवेअर उतार दिया और अपने लण्ड को आज़ाद कर दिया माँ का हाथ अब मेरे सिर को चूत पे दबा रहा था और वो गांड उठा के मेरे मुंह को अपनी चूत भोग लगा रही थी…माँ से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने चाची को अपने ऊपर खिंच लिया और जोर से गले लगा कर बोली कोमल मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है कुछ कर ।

चाची ने मुझे बोला राज क्यो तड़पा रहा है माँ को और आँख मार कर बोली चल माँ की तड़प खत्म कर और मैने अपना मुंह वहाँ से हटा कर माँ की टांग फेला दी माँ ने कोई विरोध नहीं किया चाची नेया मुझे इशारा किया और मै टांगो के बीच आ गया …चाची ने मां की चूची अपने मुंह में डाल कर मुझे इशारा किया मैने अपना लण्ड पकड कर माँ की चूत पर घीसा तो मेरी और माँ की एकसाथ आह निकली मेरे चूसने और उत्तेजना की वजह से चूत पहले ही बहुत चिकनी हो चुकी थी लेकिन मेरी ये पहली बार थी तो मेरा लण्ड फिसल गया चाची जो सब देख रही थी मुस्कुरा पड़ी और बोली कोई बात नहीं सिख जायेगा और माँ के ऊपर से उठ कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया और माँ की चूत पर सेट करते हुए बोली चल अपनी माँ को शान्ति पहुंचा मैने धीरे से धक्का दिया और मेरा आधा लण्ड माँ की चूत में समा गया मेरी और माँ की आह जोर से निकल गई


माँ ने राज मेरे बेटे कहते हुए मुझे अपने ऊपर खींच
Wah suru karte hi dhamaal .
 

Jiashishji

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अपडेट 25

माँ ने राज मेरे बेटे कहते हुए मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपने से चिपका लिया मै कुछ देर ऐसे रुका रहा और फिर माँ की चुचियाँ दबानी और चुसनी शुरू की माँ आह… मेरे राज मेरे बेटे बोलती हुए अपनी गांड हिलाने लगी …तभी मैंने थोड़ा सा लण्ड बाहर निकाल लिया और एक बार में जोरदार धक्का लगा कर पूरा लण्ड माँ की चूत में उतार दिया माँ एक चीख निकल गई उसने जोर से मेरी पीठ में अपने नाखून गाड़ दिए

तभी चाची ने आगे बढ़कर माँ के सरपर हाथ फेरने लगी और बोली बस दीदी हो गया अब तो …अब आपका बेटा आपको बहुत सुख देगा क्यों राज देगा ना मै हॉ चाची में आप दोनों को खुश रखूंगा।

चाची ने माँ के सर पर हाथ फेरते हुए उनके चेहरे को चूमना शुरू कर दिया और मैने धीरे धीरे धक्का लगाना

शुरू किया मैं चुचियाँ दबाते हुए धक्के लगा रहा था और चाची माँ के मुंह को चुमते हुए होंठों पे चूमना शुरू कर दिया था

अब माँ आंखे बंद करके नीचे से गांड उछाल रही थी और हाथों से चाची का चेहरा पकड़ कर होंठ चूसने का काम कर रही थी… मैने एक हाथ माँ की चुची से हटा कर चाची की चुची पकड़ ली चाची ये देख कर चोक गई…
मैंने अब माँ को बोला माँ अपनी आंखें खोल न लेकिन माँ नही बोली अब मैने माँ को खोलने के लिए एक काम किया मैंने अचानक अपने धक्के तेज़ कर दिए इससे माँ को भी मजा आया और वो अपनी गाण्ड जोर जोर से आह आह …करते हुए तेजी से उछालने लग गई अब माँ पूरी जोश से चुद रही थीं

तभी मैने एकदम अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और चूत पर घिसने लगा माँ ने तेजी से मेरा लण्ड पकड़कर फिर से अपनी चूत में डाल दिया …माँ ने पहली बार मेरे लण्ड को छुआ था मैंने फिर से बोला माँ अब तो आंखे खोल दे… माँ नहीं मुझे शर्म आ रही है चाची की चुची दबाते हुए मैंने कहा चाची बोलो ना माँ को।

चाची: दीदी खोल दो आंखे देखो तुम्हारा बेटा तुम्हारी कितनी सेवा कर रहा है
माँ : नहीं कोमल मुझे शर्म आ रही है। चाची ओहो शर्म बेटे का मूसल उछल कर अंदर ले रही हो और शर्मा भी रही हो आंख खोलो और पूरा मज़ा लो… मै धक्के तेजी से लगाते हुए बोला चाची लगता है कि माँ को मजा नहीं आ रहा है मै रहने देता हूँ।

ये बोलकर मैंने जैसे ही लण्ड बाहर निकाला माँ ने फ़ौरन अपनी आंखें खोलके मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली नहीं मुझे मजा आ रहा है तू जल्दी से काम पूरा कर ये बोलकर माँ ने मेरा लण्ड चूत में ले लिया और अपनी कही गई बात पर गौर करके माँ शर्मा के मुंह ढक लिया

मैंने माँ के चेहरे से हाथ हटायेऔर होंठो को चूसते हुए धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी जिससे माँ को आनंद आने लगा और वो भी तेजी से अपनी गांड उछालने लगी अब माँ अपने चरम सुख की ओर बढ़ रही थी और वो जोर से आह…राज आह…मेरे बेटे…में आ रही हूँ राज आ आ आह और माँ भरभराकर झड़ने लगी उसने पहली बार टांगे उठाई और मेरी कमर पर लपेटकर मुझे कसकर जकड़ लिया और अपनी चूत में मेरे लण्ड को कस लिया।

कुछ सेकंड के बाद मैं सीधा हुआ और ताबड़तोड़ धक्के शुरू कर दिए मुझे अपना सारा वजूद सिमट कर मेरे लण्ड में जाता महसूस हुआ और कुछ जबरदस्त धक्कों के बाद एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लण्ड माँ की बच्चेदानी से टकरा कर में भी कांप उठा और माँ की चूत में अपने लण्ड की पहली बारिश करने लगा मै माँ के ऊपर गिर कर उसके चुचियों को पीने लगा जैसे कि कोई टॉनिक हो जिससे मेरी ताकत लौट आएगी … माँ ने भी अपनी कोख में मेरे वीर्य को महसूस करके एक आह भरी और मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर मेरे होंठ चुम लिए।
Bahut hi mast aur kamuk apdate .
 
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Jiashishji

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आप सभी का मेरे अपने थ्रेड पर स्वागत है
धमाका पहले और स्वागत बाद में । बहुत खूब
 
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Jiashishji

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माँ ने भी अपनी कोख में मेरे वीर्य को महसूस करके एक आह भरी और मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर मेरे होंठ चुम लिए।

Update 26

मेरा लण्ड अभी भी माँ की योनिः में ही था और मै उसके ऊपर लेटे हुए अपने आप को नॉर्मल कर रहा था…माँ बोली हो गया खुश अब तो तेरे मन की हो गई कैसा लगा ?

आपको कैसा लगा माँ मैने उनसे पूछा… तो माँ ने शर्मा कर मुँह दूसरी तरफ कर लिया…तभी चाची बोली बताओ न दीदी कैसा लगा अपने बेटे के साथ ये सब करते हुए! माँ तू भी न कोमल ये क्या बात कर रही है मुझ से नहीँ बताया जायेगा…

चाची अच्छा अपने सर को हिलाकर बताओ मज़ा आया था या नहीं?… माँ ने अपनी आंखें बन्द करके हाँ में अपना सिर हिलाया तो चाची ने कहा कितना थोड़ा या ज्यादा आया माँ ने इस बार चाची को प्यार से डाँटते हुए कहा मुझे नहीं पता ज्यादा बात है तो तूं खुद करके देख ले पता चल जायेगा।

चाची वो तो में करूँगी ही इतनी देर से तुम दोनों को देख कर मेरी क्या हालत हो रही है तुम्हें क्या पता … अब में खुद को रोक नहीं सकती मुझे भी अब राज का अपने अन्दर लेना है।

चाची की बात सुनकर मेरा लण्ड माँ की चूत में ही झटके लेने लगा…माँ को भी कुछ देर में ये महसूस होने लगा था और उसने भी अपनी चूत का कसाव बढ़ाना शुरू कर दिया था…मै उसकी चूत का स्पंदन अपने लण्ड पर महसूस करके पुनः उत्तेजित होने लगा था

अब मैंने अपने हाथ माँ की चुचियों पर चलाना शुरू कर दिया था और माँ के होंठों को चूमने लगा तो माँ ने मुझे रोक दिया और कहने लगी बस कर अब …और इसे भी निकाल अब मेरे अंदर से और चाची को बोली ले कोमल अब तू सम्भाल इसको नहीं तो ये फिर शुरू हो जायेगा।


चाची ने ये सुुुनते ही मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोली आजा मेरे शेर अब अपनी चाची को अपनी मरदानगी दिखा और ये बोलकर चाची ने मुझे माँ के ऊपर से उतार लिया और मेरा लण्ड पक की आवाज के साथ माँ की चूत से बाहर निकल गया और मेरा वीर्य बहने लगा।
अब फिर से चाची की बारी
 
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