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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 189 76.8%
  • अच्छी

    Votes: 40 16.3%
  • ठीक ठाक

    Votes: 14 5.7%
  • बेकार

    Votes: 15 6.1%

  • Total voters
    246

Jiashishji

दिल का अच्छा
1,123
1,916
158
72वे गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं
आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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1,916
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उसकी चूत से पहले से ही खट्टा और नमकीन रस बह रहा था

Update 28

और मै उस जूस को पी कर अपनी प्यास बुझा रहा था…माँ का चेहरा मेरे पास ही था लेकिन अब मै सब भूल कर अपने काम मे लगा था…उधर चाची की हालत चूत चुसाई से बहुत खराब हो रही थी वो जोर शोर से अपनी चूत मेरे मुंह पर घिसकर अपनी आग शांत करने की कोशिश कर रही थी।

जब चाची से बर्दास्त नहीं हुआ तो वो मुझसे बोल पड़ी राज अब जल्दी से मुझे शान्त करदे अब बर्दाश्त नही हो रहा…इतना बोलते ही चाची मेरे जवाब का इंतजार किये बिना ही मेरे ऊपर घूम गई और मेरा लण्ड अपनी चूत पर सेट करने लगी… चाची ने मेरा लण्ड पकड़ा और उसे अपने निशाने पर सेट करके अपना दवाब मेरे ऊपर बढ़ाने लगी… मेरा टोपा जैसे ही उसके अन्दर प्रवेश किया तो मैने नीचे से एक धक्का लगा दिया और मेरा आधा लण्ड उसकी चुत चीरता हुआ अंदर पहुंच गया चाची के मुंह से एक चीख निकल गई ओह्ह मार डाला दीदी तुम्हारे बेटे ने मेरी चुत फाड़ डाली।


माँ ने आगे बढ़ कर चाची का हाथ पकड़ लिया और मुझे बोली थोड़ा सब्र नहीं होता था तुझसे और तू कोमल तेरे तो दो बच्चे हैं… लेकिन दीदी वो दोनों तो ऑपरेशन से हुईं हैं तुम्हें तो पता है और राज का लण्ड है भी तो इतना बड़ा और मोटा मै और चाची अब कुछ देर वैसे ही रुके रहे थोड़ी देर बाद चाची ने धीमे धीमे अपनी कमर हिलाना शुरू किया अब चाची की चूत की चिकनाई भी बढ़ गई थी…चाची थोड़ा सा लण्ड पर दवाब बढ़ने से सिसक उठती थी…

आखिर में चाची ने बोला राज मै नीचे आती हूँ और तू एक ही बार में अंदर पेल देना मेरी परवाह मत करना…ये बोलकर चाची ने मुझे पकड़ कर पलटी लगा दी. मेरे लण्ड अभी भी चाची की चूत में ही था। चाची बोली राज एक ही बार में फाड़ दे…माँ बोली कोमल ये क्या बोल रही है तुझसे बर्दास्त नहीं होगा धीरे धीरे से करवा लें… नहीं दीदी अब मुझे अपने अंदर पूरा चाहिए उसके लिए में यह सह लुंगी…

मैने चाची की तरफ देखा तो वो हल्के से मुस्कुराई मैने माँ को बोला माँ तुम चाची को संभालना तो माँ चाची के सर पर हाथ फेरने लगी और मैने चाची को चूम कर अपना लण्ड थोड़ा बाहर किया और फिर एक जोरदार धक्का दे दिया और मेरा लण्ड सीधा चाची की बच्चे दानी से टकरा गया… चाची की एक जोर से चीख निकल गई आ..ह दीदी फाड़ दी मेरी चु..त …माँ ने आगे बढ कर चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उसकी चुचियों पर हाथ फेरने लगी।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बड़ा और उत्तेजक अपडेट की आशा है भाई जी ।
 
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