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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 189 76.8%
  • अच्छी

    Votes: 40 16.3%
  • ठीक ठाक

    Votes: 14 5.7%
  • बेकार

    Votes: 15 6.1%

  • Total voters
    246

rajan2907

Member
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चाची से कहा कि आप ऊपर आओ और अपना लण्ड निकाल कर मै लेट गया।

Update 30


चाची बोली राज निकाल क्यों लिया कितना मजा आ रहा था और तु हट गया ये बोलते हुए चाची मेरे ऊपर चढ़ गई…और मेरे लण्ड को पकड़कर अपनी चुत के सुराख़ पर सेट करके एक मीठी सिसकारी लेते हुए मेरे लण्ड पर बैठने लगी आधा लण्ड अन्दर प्रवेश करने के बाद वो रुक गई…एक लंबा सांस खींच कर हल्के से गण्ड उठाने के बाद एक झटके से पूरा लण्ड एक बार में ही अंदर ले लिया और जोर से आ...हह की आवाज आई… माँ चाची की पीठ पर हाथ रखकर मलने लगी ।

कुछ क्षण स्थिर रहने के पश्चात चाची धीमे धीमे ऊपर नीचे होने लगी … माँ ने चाची को शांत देखकर मेरी और देखा तो मैने उसे अपनी ओर आने के लिए आंख से इशारा किया माँ मेरी और खिसकती हुए आ गई… मैंने एक हाथ से माँ की टांगे खोल दी माँ ने भी मेरा साथ दिया ओर टांगों को हल्का सा खोल दिया!

मैने एक हाथ से चाची की चुची पकड़ ली और उसे जोर से दबाने लगा…चाची जो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी अब जोरदार तरीके से अपनी चुत को मेरे लण्ड पर पटक रही थी… इसके साथ ही मैंने माँ की चूत पर हाथ फेरते हुए एक उंगली चुत में उतार दी…सी...ईई की आवाज़ माँ के मुँह से निकल गई।

अब चाची मेरे लण्ड से बुरी तरह से चुद रही थी और माँ मेरी अंगुली से दोनों के साथ ही अब मेरी भी सिसकारी निकलने लगी थी…माँ ने भी अब अपनी चुत मेरी उँगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया… मैंने देखा तो अपनी एक और उंगली अंदर कर दी और हाथ तेजी से चलाने लगा और दूसरे हाथ से चाची की चुचियों को बारी बारी से मसलने लगा।

हम तीनो अब उत्तेजित हो गए थे तो अब हमें सिर्फ चुदाई नजऱ आ रही थी…माँ जो अपनी पहली चुदाई से पहले थोड़ा शर्मा रही थी अब धीरे धीरे से खुल रहीं थी और अपनी चुत मेरे हाथ को पकड़ कर मेरी उंगली पर चला रही थी…मैंने माँ को बोला माँ तुम इधर आओ तो माँ मेरी ओर देखते हुए आगे आई तो मैंने कहा माँ मेरे मुंह पर बैठो।

माँ हैरानी से मुझे देखने लगी वो समझ नहीं रही थी…मैंने झिझकते हुए उनसे कहा अपनी चुत मेरे मुँह पर रखो मेरे मुँह से चुत शब्द सुन कर माँ ने हैरानी से मेरी और देखा और मेरे कुछ बोलने से पहले ही चाची बोली दीदी उसने जो बोला वो करो…और माँ ने अपनी चुत मेरे मुँह पर रख दी ऒर उसका मुँह चाची की और था।

अब चाची मेरे लण्ड पर कूद रही थी… माँ की चूत मेरे मुँह पर थी और मै उसकी चुत में जीभ डाल कर चूस रहा था… माँ और चाची एक दूसरे की चुचियों को मसलते हुऐ एक दूसरे को चूम रही थी …तीनों बुरी तरह हाँफते और चीखते हुए एकसाथ झड़ने लगे।


चाची मेरे लौड़े पर… माँ मेरे मुँह में… ओर मै चाची की चूत में और निढाल होकर गिरकर वहीं पर सो गए चाची चुत में लण्ड लेकर ओर माँ अपनी चुत मेरे मुँह पे रख कर… एक नई शुरुआत एक नई सुबह के इंतजार में!
 
Last edited:

Joy Gupta

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चाची से कहा कि आप ऊपर आओ और अपना लण्ड निकाल कर मै लेट गया।

Update 30


चाची बोली राज निकाल क्यों लिया कितना मजा आ रहा था और तु हट गया ये बोलते हुए चाची मेरे ऊपर चढ़ गई…और मेरे लण्ड को पकड़कर अपनी चुत के सुराख़ पर सेट करके एक मीठी सिसकारी लेते हुए मेरे लण्ड पर बैठने लगी आधा लण्ड अन्दर प्रवेश करने के बाद वो रुक गई…एक लंबा सांस खींच कर हल्के से गण्ड उठाने के बाद एक झटके से पूरा लण्ड एक बार में ही अंदर ले लिया और जोर से आ...हह की आवाज आई… माँ चाची की पीठ पर हाथ रखकर मलने लगी ।

कुछ क्षण स्थिर रहने के पश्चात चाची धीमे धीमे ऊपर नीचे होने लगी … माँ ने चाची को शांत देखकर मेरी और देखा तो मैने उसे अपनी ओर आने के लिए आंख से इशारा किया माँ मेरी और खिसकती हुए आ गई… मैंने एक हाथ से माँ की टांगे खोल दी माँ ने भी मेरा साथ दिया ओर टांगों को हल्का सा खोल दिया!

मैने एक हाथ से चाची की चुची पकड़ ली और उसे जोर से दबाने लगा…चाची जो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी अब जोरदार तरीके से अपनी चुत को मेरे लण्ड पर पटक रही थी… इसके साथ ही मैंने माँ की चूत पर हाथ फेरते हुए एक उंगली चुत में उतार दी…सी...ईई की आवाज़ माँ के मुँह से निकल गई।

अब चाची मेरे लण्ड से बुरी तरह से चुद रही थी और माँ मेरी अंगुली से दोनों के साथ ही अब मेरी भी सिसकारी निकलने लगी थी…माँ ने भी अब अपनी चुत मेरी उँगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया… मैंने देखा तो अपनी एक और उंगली अंदर कर दी और हाथ तेजी से चलाने लगा और दूसरे हाथ से चाची की चुचियों को बारी बारी से मसलने लगा।

हम तीनो अब उत्तेजित हो गए थे तो अब हमें सिर्फ चुदाई नजऱ आ रही थी…माँ जो अपनी पहली चुदाई से पहले थोड़ा शर्मा रही थी अब धीरे धीरे से खुल रहीं थी और अपनी चुत मेरे हाथ को पकड़ कर मेरी उंगली पर चला रही थी…मैंने माँ को बोला माँ तुम इधर आओ तो माँ मेरी ओर देखते हुए आगे आई तो मैंने कहा माँ मेरे मुंह पर बैठो।

माँ हैरानी से मुझे देखने लगी वो समझ नहीं रही थी…मैंने झिझकते हुए उनसे कहा अपनी चुत मेरे मुँह पर रखो मेरे मुँह से चुत शब्द सुन कर माँ ने हैरानी से मेरी और देखा और मेरे कुछ बोलने से पहले ही चाची बोली दीदी उसने जो बोला वो करो…और माँ ने अपनी चुत मेरे मुँह पर रख दी ऒर उसका मुँह चाची की और था।

अब चाची मेरे लण्ड पर कूद रही थी… माँ की चूत मेरे मुँह पर थी और मै उसकी चुत में जीभ डाल कर चूस रहा था… माँ और चाची एक दूसरे की चुचियों को मसलते हुऐ एक दूसरे को चूम रही थी …तीनों बुरी तरह हाँफते और चीखते हुए एकसाथ झड़ने लगे।


चाची मेरे लौड़े पर… माँ मेरे मुँह में… ओर मै चाची की चूत में और निढाल होकर गिरकर वहीं पर सो गए चाची चुत में लण्ड लेकर ओर माँ अपनी चुत मेरे मुँह पे रख कर… एक नई शुरुआत एक नई सुबह के इंतजार में!


hot..........................
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उसकी चुचियों पर हाथ फेरने लगी।

Update 29


मै अभी तक रूका हुआ था और चाची के नॉर्मल होने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब चाची की तरफ से कोई पहल नही हुई तो मेरे से रह नहीँ गया… और मैने माँ की चुचियों को पकड़ लिया और उनको दबाने लगा…

अब माँ चाची की चुचियाँ दबा रही थीं और मै अपने लण्ड को चाची की चूत में डालकर माँ की चुचियाँ दबा रहा था… होंठ चूसने और चुचियाँ दबने से चाची को भी अब मजा आ रहा था और उसने अपनी गण्ड हिलाना शुरू कर दिया था…

लेकिन अब मै कुछ और सोच रहा था…मैंने माँ की चुचियाँ दबाते हुए उसके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसको नीचे कर दिया था…माँ के चाची के ऊपर झुके होने से मुझे इसमें कोई दिक्कत नही आई…अब तक चाची भी पूरे जोश में आ चुकी थी और वो भी अपनी गण्ड जोर से हिला रही थीं और मैने अब धीरे से अपना लण्ड आधा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का दे दिया।

चाची की आह निकली और उसने अपनी गण्ड फिर उछाल दी और मेरे लण्ड को अपनी बच्चेदानी से टकराने लगी …अब तो चाची नीचे से अपनी गण्ड उछाल रही थी और मै हल्के धक्कों से उसकी चुत की सेवा शुरू कर चुका था और साथ ही साथ माँ की चुची दबाते हुए एक हाथ उसकी चुत पर ले गया जो कि अब फिर से पानी छोड़ने लगी थी।

मैने अपनी एक उंगली माँ की चूत में घुसा दी माँ अचानक हुई इस हरकत से चौक गई और चाची के होंठों से होंठ हटा कर मेरी और देखने लगी…अपने होंठ आज़ाद होते ही चाची चिल्लाई राज जोर से कर और मैने माँ को अपनी तरफ खींच कर उसके होंठ चूसने लगा और एक उंगली माँ की चूत में चलाते हुए चाची की चूत में जोरदार तरीके से धक्के लगाने लगा…

माँ भी अब मेरे होंठो को बुरी तरह से चूसने लगी थी और एक हाथ नीचे लेजाकर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चुत में ज़ोर से उँगली चलवाने लगी…मैने अपने धक्के अचानक रोक दिये और चाची से कहा कि आप ऊपर आओ और अपना लण्ड निकाल कर मै लेट गया।



क्रमशः
Bhai jabrjust kahani hai aap ke likhne kaa Tarika bahut hi mast hai . Lekin apdate kafi Chita tha . Lekin Koi baat nahi .aise hi mast I se bahre apdate dete raho
 
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