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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 190 76.6%
  • अच्छी

    Votes: 41 16.5%
  • ठीक ठाक

    Votes: 14 5.6%
  • बेकार

    Votes: 15 6.0%

  • Total voters
    248

Jassybabra

Well-Known Member
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188
Waiting
 

Deepoonam

Dashing deep
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भाई साहब अगर कहानी को कोई दिशा नहीं दे पा रहे हो तो कहानी को समाप्त कर दे यूँ अपडेट के नाम पर हफ़्तों का इन्तजार न कराये आपके लेखन कला का कदरदान अगर बात बुरी लगी हो तो छमा प्राप्ति आपके जबाब का इन्तजार
 

Bikoo

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Pics bhi upload karo maza aayenga
 
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Reactions: Guri006

rahulghate80

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भाई अगर आप update नही दोगे तो आपको प्रतिक्रिया कैसे मिलेगी मेंबर्स की जल्डी update दो इस्से पधने में मझा बी आयेगा aur मेंबरस् भी कहान की ओर आकर्षित होंगे
 

rajan2907

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भाई साहब अगर कहानी को कोई दिशा नहीं दे पा रहे हो तो कहानी को समाप्त कर दे यूँ अपडेट के नाम पर हफ़्तों का इन्तजार न कराये आपके लेखन कला का कदरदान अगर बात बुरी लगी हो तो छमा प्राप्ति आपके जबाब का इन्तजार
पूनम जी गलती मेरी है जो समय पर अपडेट नहीं दे पा रहा हूँ इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ किन्तु क्या करूँ लॉक डाउन के कारण बिज़नेस की ऐसीतैसी हुई पड़ी है इस कारण कहानी पर फ़ोकस नहीं कर पा रहा हूँ
लेकिन फिर भी कुछ नएपन के साथ यथाशीघ्र अपडेट देने का प्रयत्न करता हूँ ( ओर आपकी कोई बात बुरी नहीं लगी धन्यवाद )
 

rajan2907

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दो मिनट के बाद ही माँ और मै एक साथ झड़ने लगे मैंने अपनी टँकी माँ की चुत में खाली कर दी और तीनों बिस्तर पर लुढ़क कर नींद की आगोश में चले गए…

Update 66

शाम को छह बजे मेरी नींद खुली तो देखा माँ और चाची वहाँ नहीं थी और मैं बिल्कुल नंगा लेटा हुआ था पेशाब के प्रेशर से लण्ड भी टाइट हुआ पड़ा था तो मैं उठकर नन्गे ही बाहर आ गया और बाथरूम में जाकर हल्का हुआ मूतते हुए मुझे बेला का ध्यान आया तो मैंने झटपट पानी अपने ऊपर डाला और जल्दी से नहाकर बाहर आ गया… बाहर माँ और चाची बैठी सब्जी काट रही थीं मुझे देखकर चाची हंसते हुए बोली क्या बात है राज लगता है रात तक ऐसे ही रहेगा ताकि रात को कपड़े उतारने ना पड़े… मैंने बताया कि ज़ोरो का पेशाब लगा था तो ऐसे ही बाहर आ गया तो चाची बोली तेरा तो ऐसे खड़ा है जैसे कि अभी किसी की फाड़ने जा रहा हो, मैंने कहा चाची मैं सैर को जा रहा हूँ आज सुबह भी नहीं गया था तो सोचा अब टहल आता हूँ और ये बोलकर मै कपड़े पहनने कमरे में चल गया…


कपड़े पहनकर मै सैर के लिए निकल गया या बोलें तो बेला के घर के लिए निकल गया मुझे जाते देख चाची मंद मंद मुस्कुरा रही थी चाची को अंदाज़ा था कि मैं कहाँ जा रहा हूँ लेकिन वो पूरी तरह श्योर नहीं थी… कुछ ही देर में मैं बेला के घर के बाहर था चारों ओर देखा तो गली सुनसान थी लोकडाउन का ओर कुछ हो या ना हो लेकिन यह फायदा जरूर था और फिर मैं तो इसके बदौलत ही आज चुतों का सिकन्दर बना था… मैंने डोरबेल बजाई कुछ ही सेकण्ड में बेला ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर खिंचकर मुझसे लिपट गई मैंने उसे दरवाजा बंद करने के लिए कहा और जैसे ही उसने मुड़कर दरवाजा बंद किया मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया और दोनों हाथों से उसकी चुचियों को थामा और लण्ड को गाँड़ से सटाकर उसकी गर्दन को चूमने लगा… बेला ने भी मेरा साथ देते हुए अपना बांया हाथ मेरे बालों में फंसा कर दांये हाथ को पीछे लाकर मेरे लण्ड को टटोलने लगी मैं उसकी गर्दन को अपनी तरफ घुमा कर उसके होंठ चुसने लगा हम दोनों के बीच जबरदस्त चुम्बन शुरू हो गया था और बेला की छातियों का निचुड़ना भी करीब तीन चार मिनट के चुम्बन से दोनों की सांसें फूलने लगी तो हम अलग हो गए और दोनों गहरी सांस लेने लगे …

मैं बेला को गोद में उठाकर बेडरूम में ले आया और उसके कपड़े उतारने लगा बेला भी मेरे कपड़े उतार रही थी और जैसे ही मेरा लण्ड कपड़ो से आज़ाद हुआ तो बेला ने नीचे बैठकर उसे अपने मुँह की गिरफ्त में ले लिया और तेजी से उसे चूसते हुऐ उसकी सख्ती में इज़ाफ़ा करने लगी… लण्ड चुस्ती हुई जब बेला बीच में मेरी आँखों में देखती तो मेरी उत्तेजना में वर्धि होने लगती मुझसे अब रहा नही जा रहा था तो मैने बेला को उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टांगो को खोलकर उसकी पन्याई चुत पर जीभ लगा दी … अपनी जुबान से मैंने जैसे ही चुत के दाने को छुआ बेला की आह निकल गई उसने अपनी गाड़ हवा में उठाकर मेरा स्वागत किया चुत चुसाई के साथ ही उसकी उत्तेजना को पंख लग गए और वो अपना सर इधर उधर पटकते हुए मेरे सिर को चुत पर दबाने लगी जैसे मुझे अपने अंदर समा लेना चाहती हो… जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह चीख पड़ी राज अब बस करो और चोद डालो मुझे मेरी चुत में आग लग रही है मुझे तुम्हारा लण्ड अपने अंदर चाहिए… और उसने मुझे बालों से पकड़कर अपने ऊपर खिंच लिया और मेरे होंठ चुसने लगी अपना एक हाथ नीचे लेजाकर बेला ने मेरा लण्ड पकड़के अपनी चुत पर सेट किया और इससे पहले की मैं धक्के लगाता बेला ने अपनी गाँड़ उठाकर लण्ड को आधा चुत में भर लिया, मैं भी इससे जोश में आ गया और बाकी बचा हुआ काम मैंने कर दिया एक जोरदार धक्के से लण्ड उसकी बच्चेदानी तक पहुंचा दिया और फिर शुरू हुआ एक जबरदस्त चुदाई का सफर बेला की आहों से कमरा गूंज रहा था और हम दोनों एक अलौकिक सुख की ओर अग्रसर हो रहे थे… करीब आधे घंटे की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद बेला की चुत ने मेरे लण्ड को जकड़ना शुरू कर दिया और उसकी टाँगे मेरी कमर पर कस गई मेरा लण्ड बेला के कामरस की बरसात में नहाने लगा बेला मुझसे लिपट कर झटके लेते हुए झड़ रही थीं लेकिन मेरा अभी बाकी था…


मैंने बेला को उल्टी करके घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चुत को लण्ड से भर दिया मैं कमर पकड के धक्के लगाने लगा तभी मेरी नज़र उसके गाँड़ के सुराख पर गई तो मैंने उसपर थूक कर एक उंगली गाँड़ में घुसा दी बेला की चीख़ निकल गई वो बोली नहीं राज वहां पर नहीं लेकिन अब देर हो चुकी थी मैंने लण्ड के साथ साथ उंगली भी अंदर बाहर करना शुरू कर दिया कुछ ही देर में उंगली आराम से जा रही थी तो मैंने ओर थूक लगाया और इसबार दो उंगलियों को एक साथ गाँड़ में घुसा दिया… बेला चीख़ कर मुझसे छूटने लगी लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और फिर लण्ड से चुत की ओर उंगलियों से गाँड़ की चुदाई शुरू हो गई बेला की आंखों से आँसू बहने लगे लेकिन मैं अपने काम में लगा रहा… मैंने लगातार उंगलियों पर थूकते हुए अंदर बाहर कर रहा था जिसके कारण कुछ ही देर में गाँड़ खुलकर मेरी उंगलियों को रास्ता दे रही थी और इससे बेला को भी आराम मिला और वो मेरा साथ देने लगी… बेला एकबार फिर से झड़ने के कगार पर थी मैं भी अब झड़ना चाहता था तो मैने ज़बरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिया और गाँड़ में भी तेज़ी से उंगली चलाने लगा, बेला ये दोहरा अटेक बर्दाश्त नहीं कर सकी और मुँह कर बल बेड पर गिरते हुए झड़ने लगी मेरा लण्ड भी फूलने लगा था तो मैंने झट से उसे निकाल कर गाँड़ के छेद पर रखा और धक्का लगा दिया मेरा सुपाड़ा गाँड़ में घुसते ही बेला की चीख निकल गई और मेरे लण ने उसकी गाँड़ में पहली बारिश करना शुरू कर दिया और मैं बेला की पीठ पर ही गिर कर अपनी उखड़ी सांसे काबू करने लगा ।
 
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