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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 190 76.6%
  • अच्छी

    Votes: 41 16.5%
  • ठीक ठाक

    Votes: 14 5.6%
  • बेकार

    Votes: 15 6.0%

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    248

Deepoonam

Dashing deep
44
144
33
मेरे लण ने उसकी गाँड़ में पहली बारिश करना शुरू कर दिया और मैं बेला की पीठ पर ही गिर कर अपनी उखड़ी सांसे काबू करने लगा ।

Update 67

पहले शॉट में ही इतना टाइम लग गया कि अब दूसरे के लिए वक़्त नहीं बचा था तो मैंने घर जाने का सोचा ओर बेला को उठाकर दरवाजे के लिए केहने लगा तो देखा कि वो अपनी गाँड़ पर हाथ रखकर लेटी हुई थी… मैंने उसे दरवाजा बंद करने को बोला तो उसने मेरी तरफ देखा और बोली, राज ये तुमने क्या किया मेरी गाँड़ के साथ, हिला भी नहीं जा रहा है, मैंने कहा मेरी जान अभी टाइम नहीं है वरना थोड़ी सिकाई कर देता तो आराम मिल जाता, बेल बोली एक तो जान निकाल दी अब सिकाई करोगे जाओ मैं कर लूंगी ओर दरवाजा बंद कर देना मैं कुंडी लगा लूँगी, तो में घर चला आया…

घर पहुंचने पर चाची ने मुस्कुरा कर तिरछी नजर से मुझे देखा और बोली कर आया सैर तंग गलियों की, मैं चाची का मतलब समझ कर मुस्कुराते हुए बोला हाँ चाची कर आया हूँ और जरा थक गया हूँ तो थोड़ा आराम कर लूं… चाची आँख मारते हुए बोली हाँ आराम करले फिर रात को मेहनत भी तो करनी है और ये कहते हुए चाची अपने हाथ अपनी चुत पर फेरने लगी… मैं जाकर लेट गया और पिछले कुछ समय से हुए घटना क्रम के बारे में सोचने लगा कि कैसे पहले चाची, माँ और अब बेला कहाँ मै चुत के लिए सोचता रहता था और अब दिन रात सिर्फ चुदाई करता हूँ वो भी अपनी चाची ओर माँ की जो हर वक़्त मुझसे चुदने के लिए तैयार रहती हैं… माँ के अंदर इतनी चुदास भरी हुई है ये अंदाज मैं उनको चोदने से पहले नहीं लगा सकता था लेकिन जब से उनकी चुदाई शुरू करी है तब पता चला कि उनके अन्दर कितना सेक्स भरा हुआ है…

ये सब सोचते हुए मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन गर्मी के कारण नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि नहा लिया जाये ताकि गर्मी से तो राहत मिले ही ओर बेला की हुई भीषण चुदाई की थकान भी दूर हो जाये
मैं नहाने जा ही रह था कि माँ ने आवाज लगा कर पूछा, राज आज क्या खाने का मन है, मैंने भी मस्ती में बोल दिया आज तो चाची के साथ तुम्हें खाना है तो माँ ने मुस्कुरा कर कहा देखते हैं और फिर अपने काम में लग गई और मैं नहाने चला गया… रात को खाना खाते हुए चाची बोली कि आज भी छत पर ही सोते हैं क्योंकि गर्मी बहुत है तो मैंने कहा और खुले आसमान के नीचे कुश्ती का मजा भी अलग ही आता है तो चाची ने मेरी बात का समर्थन करते हुए कहा कि ये बात तो सही कही राज तुमने रात को दीदी क्या मस्त होकर पिलवा रही थी… तो माँ बोली क्यों तुमने कुछ नहीं किया क्या खुद तो रांड की तरह करवा रही थी उसका क्या , तो चाची बोली मैं तो हूँ ही राज की रंडी तो वैसे ही चुदूँगी ना…


ये सब बातें करते हुए हमने खाना खत्म किया तब चाची ओर माँ रसोई समेटने में लग गई और मैं बिस्तर लेकर छत पर चला आया और बिस्तर लगाने लगा आज गर्मी ज्यादा थी तो मैंने एक टेबल फेन भी लगा दिया… कुछ ही देर में चाची ऊपर आ गई उसने एक मैक्सी पहन रखी थी आते ही चाची मेरा लण्ड पकड़ कर बोली क्यों राज इसे बस बाहर की सैर ही करवाई या बेला के कूँए में डुबकी भी लगवा कर आया है? मैंने हँसकर कहा चाची डुबकी लगाकर नहीं पूरा नहला कर आया हूँ… तभी माँ ऊपर आ गई और हम चुप हो गए माँ ने ब्लाउज ओर पेटीकोट पहना हुआ था और आते ही पंखे के आगे लेटते हुए बोली आज तो गर्मी बहुत है तो चाची ने चुटकी लेते हुए कहा, दीदी कहाँ है गर्मी अंदर या बाहर?… माँ बोली अरी बाहर वाली गर्मी की बात कर रही हूं अंदर वाली तो राज निकाल ही देता है और हसने लगी…

मैंने कहा माँ गर्मीL लग रही है तो कपड़े उतार दे क्यों पहन रखे हैं तो माँ बोली राज तूने मेरे मन की बात कह दी मैं भी यही सोच रही थी और फिर माँ अपना ब्लाउज उतारने लगी ब्लाउज उतरते ही माँ की चुचियाँ उछल कर बाहर आ गई तो माँ पेटीकोट भी उतारने लगी… ये सब देखकर मेरा बाबूराव भी अपनी औकात दिखाने लगा तो मैंने भी अपने कपड़े उतारकर एक तरफ रख दिये ओर चाची की ओर देखकर कहा लगता है कि तुम्हें गर्मी नहीं लग रही… चाची ने आगे बढ़कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और फिर उसे मुठियाते हुए बोली राज तू पहले दीदी की गर्मी उतार मैं तो दोपहर के बाद से आराम से हूँ और फिर मेरा लण्ड चुसने लगी… मैंने भी माँ की चुचियों को मसलना शुरू कर दिया और माँ ने मेरे होंठ चूसना अब हम तीनों ही अपनी अपनी गर्मी ठंडी करने की कोशिश करने लगे थे… कुछ समय के बाद मेरा लण्ड लोहे जैसे सख्त हो गया था और माँ लम्बी सांसे लेते हुए सिसयां रही थी… तभी चाची माँ को बोली दीदी तुम राज को तैयार रखो मैं तुम्हे तैयार करती हूँ ये बोलकर चाची ने लण्ड माँ के हवाले किया जिसे माँ ने मुँह में भर लिया और चाची ने माँ की टाँगे फैला दी और उसकी चुत की चुसाई शुरू कर दी जिससे माँ जो पहले से ही गर्म थी उसे ओर हवा मिल गई और वो एक हाथ से चाची का सिर अपनी चुत पर दबाते हुए ताबड़तोड़ मेरा लण्ड चुसने लगी…

अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने अपना लण्ड माँ के मुँह से निकाल कर चाची को माँ की चुत पर से हटाया ओर लण्ड चुत पर सेट करके एक ही धक्के में बच्चेदानी से भिड़ा दिया… माँ की ज़ोर से आह निकल गई तो चाची ने अपनी चुची माँ के मुंह में भर दी और खुद माँ की चुचियों को मसलने लगी मैं भी धीरे धीरे से धक्के लगाने लगा और उसके साथ साथ एक हाथ से चाची की चुत रगड़ने लगा… माँ मेरे धक्कों और चाची द्वारा चुचियाँ मसले जाने से बहुत उत्तेजित हो गई थी और अपनी गाँड़ उछाल कर मेरे लण्ड को लेने लगी चाची की चुची मुँह से निकाल कर माँ बोली राज ज़ोर से कर जान नहीं है क्या… माँ की बात सुनकर मैंने चाची की चुत से हाथ हटाकर माँ की कमर को थाम लिया और फिर जबरदस्त एक्शन के साथ धक्के लगाने लगा माँ भी गाँड़ उठाके पूरी तरह से लण्ड खाने लगी और उसकी आहों की आवाज़ मुझे ओर ज्यादा उत्तेजित कर रही थी… मैं माँ के भगनसे को सहलाते हुए धक्के लगा रहा था जिससे माँ को दोगुना मजा मिल रहा था और वो चाची की चुचियों को पकड़कर दबाने लगी, चाची ने माँ के निप्पलों को उमेठने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जिसके फलस्वरूप माँ जल्दी ही चरम सुख की ओर बढ़ गई और चाची को अपने सीने पर कसकर झड़ने लगी कुछ ही सेकण्ड में माँ शांत हो गई तो मैंने लण्ड चुत से निकाल लिया और माँ के मुँह में डाल दिया… माँ ने भी इंकार नहीं किया और लण्ड को चूस चूस कर साफ कर दिया और चमका दिया…

इसबीच चाची जो हमारी चुदाई और अपनी चुची चुसाई के कारण पहले ही उत्तेजित हो गई थी कुत्तिया बन गई और मुझे बोली राज अब जल्दी से आजा मेरी मुनिया का भी पानी बह रहा है… मैंने कहा चाची तुम्हारी तो गाँड़ मारनी है तो चाची बोली पहले चुत को ठंडी कर उसके बाद जो मर्जी कर लियो, तो मैंने भी देर न करते हुए अपना मूसल चाची की चुत पट सेट किया और आगे बढ़ा दिया चाची की सिसकी निकलने लगी ओर मेरी रफ्तार बढ़ने लगी कुछ ही क्षण में चाची पूरी तरह चुदास से भर के अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर पटक कर पूरा लण्ड निगलने लगी… लण्ड की हर चोट गहराई में जाकर चाची की कोख पर दस्तक दे रही थी जिससे चाची का मजा दोगुना हो जाता था मैंने धक्के लगाते हुए चाची की गाँड़ चौड़ी करी और उसके छेद पर थूककर अपनी एक उंगली गाँड़ में घुसा दी जिससे चाची की आह निकल गई… अब चुत में लण्ड के साथ साथ गाँड़ में भी उंगली चल रही थी और चाची आनन्द सागर में गोते लगा रही थी तो मैंने लण्ड चुत से निकाल कर गाँड़ के छेद पर टिकाया तो चाची मचल कर बोल उठी राज पहले मेरा पानी निकाल दे फिर जो मर्जी कर लियो अभी बहुत आग लगी है जल्दी चोद मेरी चुत ये बोलकर चाची पीठ के बल लेटकर टाँगे फैलाकर अपनी चुत रगड़ने लगी… मैंने भी ज़िद नहीं करी और चुत का बैंड बजाने लगा करीब दस मिनट की चुदाई के बाद चाची ने अपना बदन हवा में उठाया और फिर उसने मेरे लण्ड को चुत में कस लिया और मुझे जकड़ कर कांपते हुए झड़ने लगी… मैं भी अब झड़ने के करीब था इसलिए रुक नहीं ओर धक्के लगाता रहा करीब दो मिनट बाद मैंने एक जोरदार धक्का लगा कर लण्ड को जड़ तक ठोक दिया ओर चाची की कोख को अपने रस से सींचने लगा और चाची के ऊपर ही ढ़ेर होकर लम्बी सांसे लेने लगा चाची ने मेरा माथा चुम कर मुझे अपने सीने पर कस लिया और मैं वहीं ढेर होकर कब नींद की आगोश में चला गया मुझे पता भी नहीं चला…


देर आये पर दुरुस्त आये
 
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maakaloda

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Bahut Hot
 
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Mickay-M

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Sir update pease
 
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Rajan bhai

Maine ye kahani 2 mahene pehle padhi thi lekin update regular nahi aaya to fir chhod diya.

Ab lagta hai aap ye puri koroge chahe jitna time lage. Aur ek mahine me ek update. Koi nahi hum intajaar kar lenge.

Ab 3 ya 4 episode ke baad lockdown khatm Karo aur inko ghar bhejo. Ghar me mast maja aayega , chhip chhip kar karne se aur chachi bhi to apni ek beti ko tayaar karungi bol rahi thi.

Kahaani bahut achchaa hai. Legular comments aur wo bhi bahut sare ke liye thoda time lagega aur update regular chahiye hota hai. Aapne ek jagah likha tha ki comments jyada nahi aate to aap ye dekho ki 136 poll me hai to 100 log jinko achcha laga hai usme bhi half regular comments karenge to minimum 50 comments obviously aayega. Aapka apna business hai, usme pehle dhyaan dijiye aur jab thoda time mile to likh kar rakhiye aur 3 ya 4 din me wo post karte rahiye. Agar ek mahine tak regular aayega to aapke regular viewers badhenge aur uske baad besak weekly de dijiye, ek baar padhne ke baad log padhna chhodenge nahi.

Best of luck
And
Wairing for next update
 

Sanju@

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दो मिनट के बाद ही माँ और मै एक साथ झड़ने लगे मैंने अपनी टँकी माँ की चुत में खाली कर दी और तीनों बिस्तर पर लुढ़क कर नींद की आगोश में चले गए…

Update 66

शाम को छह बजे मेरी नींद खुली तो देखा माँ और चाची वहाँ नहीं थी और मैं बिल्कुल नंगा लेटा हुआ था पेशाब के प्रेशर से लण्ड भी टाइट हुआ पड़ा था तो मैं उठकर नन्गे ही बाहर आ गया और बाथरूम में जाकर हल्का हुआ मूतते हुए मुझे बेला का ध्यान आया तो मैंने झटपट पानी अपने ऊपर डाला और जल्दी से नहाकर बाहर आ गया… बाहर माँ और चाची बैठी सब्जी काट रही थीं मुझे देखकर चाची हंसते हुए बोली क्या बात है राज लगता है रात तक ऐसे ही रहेगा ताकि रात को कपड़े उतारने ना पड़े… मैंने बताया कि ज़ोरो का पेशाब लगा था तो ऐसे ही बाहर आ गया तो चाची बोली तेरा तो ऐसे खड़ा है जैसे कि अभी किसी की फाड़ने जा रहा हो, मैंने कहा चाची मैं सैर को जा रहा हूँ आज सुबह भी नहीं गया था तो सोचा अब टहल आता हूँ और ये बोलकर मै कपड़े पहनने कमरे में चल गया…


कपड़े पहनकर मै सैर के लिए निकल गया या बोलें तो बेला के घर के लिए निकल गया मुझे जाते देख चाची मंद मंद मुस्कुरा रही थी चाची को अंदाज़ा था कि मैं कहाँ जा रहा हूँ लेकिन वो पूरी तरह श्योर नहीं थी… कुछ ही देर में मैं बेला के घर के बाहर था चारों ओर देखा तो गली सुनसान थी लोकडाउन का ओर कुछ हो या ना हो लेकिन यह फायदा जरूर था और फिर मैं तो इसके बदौलत ही आज चुतों का सिकन्दर बना था… मैंने डोरबेल बजाई कुछ ही सेकण्ड में बेला ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर खिंचकर मुझसे लिपट गई मैंने उसे दरवाजा बंद करने के लिए कहा और जैसे ही उसने मुड़कर दरवाजा बंद किया मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया और दोनों हाथों से उसकी चुचियों को थामा और लण्ड को गाँड़ से सटाकर उसकी गर्दन को चूमने लगा… बेला ने भी मेरा साथ देते हुए अपना बांया हाथ मेरे बालों में फंसा कर दांये हाथ को पीछे लाकर मेरे लण्ड को टटोलने लगी मैं उसकी गर्दन को अपनी तरफ घुमा कर उसके होंठ चुसने लगा हम दोनों के बीच जबरदस्त चुम्बन शुरू हो गया था और बेला की छातियों का निचुड़ना भी करीब तीन चार मिनट के चुम्बन से दोनों की सांसें फूलने लगी तो हम अलग हो गए और दोनों गहरी सांस लेने लगे …

मैं बेला को गोद में उठाकर बेडरूम में ले आया और उसके कपड़े उतारने लगा बेला भी मेरे कपड़े उतार रही थी और जैसे ही मेरा लण्ड कपड़ो से आज़ाद हुआ तो बेला ने नीचे बैठकर उसे अपने मुँह की गिरफ्त में ले लिया और तेजी से उसे चूसते हुऐ उसकी सख्ती में इज़ाफ़ा करने लगी… लण्ड चुस्ती हुई जब बेला बीच में मेरी आँखों में देखती तो मेरी उत्तेजना में वर्धि होने लगती मुझसे अब रहा नही जा रहा था तो मैने बेला को उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टांगो को खोलकर उसकी पन्याई चुत पर जीभ लगा दी … अपनी जुबान से मैंने जैसे ही चुत के दाने को छुआ बेला की आह निकल गई उसने अपनी गाड़ हवा में उठाकर मेरा स्वागत किया चुत चुसाई के साथ ही उसकी उत्तेजना को पंख लग गए और वो अपना सर इधर उधर पटकते हुए मेरे सिर को चुत पर दबाने लगी जैसे मुझे अपने अंदर समा लेना चाहती हो… जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह चीख पड़ी राज अब बस करो और चोद डालो मुझे मेरी चुत में आग लग रही है मुझे तुम्हारा लण्ड अपने अंदर चाहिए… और उसने मुझे बालों से पकड़कर अपने ऊपर खिंच लिया और मेरे होंठ चुसने लगी अपना एक हाथ नीचे लेजाकर बेला ने मेरा लण्ड पकड़के अपनी चुत पर सेट किया और इससे पहले की मैं धक्के लगाता बेला ने अपनी गाँड़ उठाकर लण्ड को आधा चुत में भर लिया, मैं भी इससे जोश में आ गया और बाकी बचा हुआ काम मैंने कर दिया एक जोरदार धक्के से लण्ड उसकी बच्चेदानी तक पहुंचा दिया और फिर शुरू हुआ एक जबरदस्त चुदाई का सफर बेला की आहों से कमरा गूंज रहा था और हम दोनों एक अलौकिक सुख की ओर अग्रसर हो रहे थे… करीब आधे घंटे की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद बेला की चुत ने मेरे लण्ड को जकड़ना शुरू कर दिया और उसकी टाँगे मेरी कमर पर कस गई मेरा लण्ड बेला के कामरस की बरसात में नहाने लगा बेला मुझसे लिपट कर झटके लेते हुए झड़ रही थीं लेकिन मेरा अभी बाकी था…


मैंने बेला को उल्टी करके घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चुत को लण्ड से भर दिया मैं कमर पकड के धक्के लगाने लगा तभी मेरी नज़र उसके गाँड़ के सुराख पर गई तो मैंने उसपर थूक कर एक उंगली गाँड़ में घुसा दी बेला की चीख़ निकल गई वो बोली नहीं राज वहां पर नहीं लेकिन अब देर हो चुकी थी मैंने लण्ड के साथ साथ उंगली भी अंदर बाहर करना शुरू कर दिया कुछ ही देर में उंगली आराम से जा रही थी तो मैंने ओर थूक लगाया और इसबार दो उंगलियों को एक साथ गाँड़ में घुसा दिया… बेला चीख़ कर मुझसे छूटने लगी लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और फिर लण्ड से चुत की ओर उंगलियों से गाँड़ की चुदाई शुरू हो गई बेला की आंखों से आँसू बहने लगे लेकिन मैं अपने काम में लगा रहा… मैंने लगातार उंगलियों पर थूकते हुए अंदर बाहर कर रहा था जिसके कारण कुछ ही देर में गाँड़ खुलकर मेरी उंगलियों को रास्ता दे रही थी और इससे बेला को भी आराम मिला और वो मेरा साथ देने लगी… बेला एकबार फिर से झड़ने के कगार पर थी मैं भी अब झड़ना चाहता था तो मैने ज़बरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिया और गाँड़ में भी तेज़ी से उंगली चलाने लगा, बेला ये दोहरा अटेक बर्दाश्त नहीं कर सकी और मुँह कर बल बेड पर गिरते हुए झड़ने लगी मेरा लण्ड भी फूलने लगा था तो मैंने झट से उसे निकाल कर गाँड़ के छेद पर रखा और धक्का लगा दिया मेरा सुपाड़ा गाँड़ में घुसते ही बेला की चीख निकल गई और मेरे लण ने उसकी गाँड़ में पहली बारिश करना शुरू कर दिया और मैं बेला की पीठ पर ही गिर कर अपनी उखड़ी सांसे काबू करने लगा ।
Jaberdast update
 
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Sanju@

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मेरे लण ने उसकी गाँड़ में पहली बारिश करना शुरू कर दिया और मैं बेला की पीठ पर ही गिर कर अपनी उखड़ी सांसे काबू करने लगा ।

Update 67

पहले शॉट में ही इतना टाइम लग गया कि अब दूसरे के लिए वक़्त नहीं बचा था तो मैंने घर जाने का सोचा ओर बेला को उठाकर दरवाजे के लिए केहने लगा तो देखा कि वो अपनी गाँड़ पर हाथ रखकर लेटी हुई थी… मैंने उसे दरवाजा बंद करने को बोला तो उसने मेरी तरफ देखा और बोली, राज ये तुमने क्या किया मेरी गाँड़ के साथ, हिला भी नहीं जा रहा है, मैंने कहा मेरी जान अभी टाइम नहीं है वरना थोड़ी सिकाई कर देता तो आराम मिल जाता, बेल बोली एक तो जान निकाल दी अब सिकाई करोगे जाओ मैं कर लूंगी ओर दरवाजा बंद कर देना मैं कुंडी लगा लूँगी, तो में घर चला आया…

घर पहुंचने पर चाची ने मुस्कुरा कर तिरछी नजर से मुझे देखा और बोली कर आया सैर तंग गलियों की, मैं चाची का मतलब समझ कर मुस्कुराते हुए बोला हाँ चाची कर आया हूँ और जरा थक गया हूँ तो थोड़ा आराम कर लूं… चाची आँख मारते हुए बोली हाँ आराम करले फिर रात को मेहनत भी तो करनी है और ये कहते हुए चाची अपने हाथ अपनी चुत पर फेरने लगी… मैं जाकर लेट गया और पिछले कुछ समय से हुए घटना क्रम के बारे में सोचने लगा कि कैसे पहले चाची, माँ और अब बेला कहाँ मै चुत के लिए सोचता रहता था और अब दिन रात सिर्फ चुदाई करता हूँ वो भी अपनी चाची ओर माँ की जो हर वक़्त मुझसे चुदने के लिए तैयार रहती हैं… माँ के अंदर इतनी चुदास भरी हुई है ये अंदाज मैं उनको चोदने से पहले नहीं लगा सकता था लेकिन जब से उनकी चुदाई शुरू करी है तब पता चला कि उनके अन्दर कितना सेक्स भरा हुआ है…

ये सब सोचते हुए मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन गर्मी के कारण नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि नहा लिया जाये ताकि गर्मी से तो राहत मिले ही ओर बेला की हुई भीषण चुदाई की थकान भी दूर हो जाये
मैं नहाने जा ही रह था कि माँ ने आवाज लगा कर पूछा, राज आज क्या खाने का मन है, मैंने भी मस्ती में बोल दिया आज तो चाची के साथ तुम्हें खाना है तो माँ ने मुस्कुरा कर कहा देखते हैं और फिर अपने काम में लग गई और मैं नहाने चला गया… रात को खाना खाते हुए चाची बोली कि आज भी छत पर ही सोते हैं क्योंकि गर्मी बहुत है तो मैंने कहा और खुले आसमान के नीचे कुश्ती का मजा भी अलग ही आता है तो चाची ने मेरी बात का समर्थन करते हुए कहा कि ये बात तो सही कही राज तुमने रात को दीदी क्या मस्त होकर पिलवा रही थी… तो माँ बोली क्यों तुमने कुछ नहीं किया क्या खुद तो रांड की तरह करवा रही थी उसका क्या , तो चाची बोली मैं तो हूँ ही राज की रंडी तो वैसे ही चुदूँगी ना…


ये सब बातें करते हुए हमने खाना खत्म किया तब चाची ओर माँ रसोई समेटने में लग गई और मैं बिस्तर लेकर छत पर चला आया और बिस्तर लगाने लगा आज गर्मी ज्यादा थी तो मैंने एक टेबल फेन भी लगा दिया… कुछ ही देर में चाची ऊपर आ गई उसने एक मैक्सी पहन रखी थी आते ही चाची मेरा लण्ड पकड़ कर बोली क्यों राज इसे बस बाहर की सैर ही करवाई या बेला के कूँए में डुबकी भी लगवा कर आया है? मैंने हँसकर कहा चाची डुबकी लगाकर नहीं पूरा नहला कर आया हूँ… तभी माँ ऊपर आ गई और हम चुप हो गए माँ ने ब्लाउज ओर पेटीकोट पहना हुआ था और आते ही पंखे के आगे लेटते हुए बोली आज तो गर्मी बहुत है तो चाची ने चुटकी लेते हुए कहा, दीदी कहाँ है गर्मी अंदर या बाहर?… माँ बोली अरी बाहर वाली गर्मी की बात कर रही हूं अंदर वाली तो राज निकाल ही देता है और हसने लगी…

मैंने कहा माँ गर्मीL लग रही है तो कपड़े उतार दे क्यों पहन रखे हैं तो माँ बोली राज तूने मेरे मन की बात कह दी मैं भी यही सोच रही थी और फिर माँ अपना ब्लाउज उतारने लगी ब्लाउज उतरते ही माँ की चुचियाँ उछल कर बाहर आ गई तो माँ पेटीकोट भी उतारने लगी… ये सब देखकर मेरा बाबूराव भी अपनी औकात दिखाने लगा तो मैंने भी अपने कपड़े उतारकर एक तरफ रख दिये ओर चाची की ओर देखकर कहा लगता है कि तुम्हें गर्मी नहीं लग रही… चाची ने आगे बढ़कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और फिर उसे मुठियाते हुए बोली राज तू पहले दीदी की गर्मी उतार मैं तो दोपहर के बाद से आराम से हूँ और फिर मेरा लण्ड चुसने लगी… मैंने भी माँ की चुचियों को मसलना शुरू कर दिया और माँ ने मेरे होंठ चूसना अब हम तीनों ही अपनी अपनी गर्मी ठंडी करने की कोशिश करने लगे थे… कुछ समय के बाद मेरा लण्ड लोहे जैसे सख्त हो गया था और माँ लम्बी सांसे लेते हुए सिसयां रही थी… तभी चाची माँ को बोली दीदी तुम राज को तैयार रखो मैं तुम्हे तैयार करती हूँ ये बोलकर चाची ने लण्ड माँ के हवाले किया जिसे माँ ने मुँह में भर लिया और चाची ने माँ की टाँगे फैला दी और उसकी चुत की चुसाई शुरू कर दी जिससे माँ जो पहले से ही गर्म थी उसे ओर हवा मिल गई और वो एक हाथ से चाची का सिर अपनी चुत पर दबाते हुए ताबड़तोड़ मेरा लण्ड चुसने लगी…

अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने अपना लण्ड माँ के मुँह से निकाल कर चाची को माँ की चुत पर से हटाया ओर लण्ड चुत पर सेट करके एक ही धक्के में बच्चेदानी से भिड़ा दिया… माँ की ज़ोर से आह निकल गई तो चाची ने अपनी चुची माँ के मुंह में भर दी और खुद माँ की चुचियों को मसलने लगी मैं भी धीरे धीरे से धक्के लगाने लगा और उसके साथ साथ एक हाथ से चाची की चुत रगड़ने लगा… माँ मेरे धक्कों और चाची द्वारा चुचियाँ मसले जाने से बहुत उत्तेजित हो गई थी और अपनी गाँड़ उछाल कर मेरे लण्ड को लेने लगी चाची की चुची मुँह से निकाल कर माँ बोली राज ज़ोर से कर जान नहीं है क्या… माँ की बात सुनकर मैंने चाची की चुत से हाथ हटाकर माँ की कमर को थाम लिया और फिर जबरदस्त एक्शन के साथ धक्के लगाने लगा माँ भी गाँड़ उठाके पूरी तरह से लण्ड खाने लगी और उसकी आहों की आवाज़ मुझे ओर ज्यादा उत्तेजित कर रही थी… मैं माँ के भगनसे को सहलाते हुए धक्के लगा रहा था जिससे माँ को दोगुना मजा मिल रहा था और वो चाची की चुचियों को पकड़कर दबाने लगी, चाची ने माँ के निप्पलों को उमेठने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जिसके फलस्वरूप माँ जल्दी ही चरम सुख की ओर बढ़ गई और चाची को अपने सीने पर कसकर झड़ने लगी कुछ ही सेकण्ड में माँ शांत हो गई तो मैंने लण्ड चुत से निकाल लिया और माँ के मुँह में डाल दिया… माँ ने भी इंकार नहीं किया और लण्ड को चूस चूस कर साफ कर दिया और चमका दिया…

इसबीच चाची जो हमारी चुदाई और अपनी चुची चुसाई के कारण पहले ही उत्तेजित हो गई थी कुत्तिया बन गई और मुझे बोली राज अब जल्दी से आजा मेरी मुनिया का भी पानी बह रहा है… मैंने कहा चाची तुम्हारी तो गाँड़ मारनी है तो चाची बोली पहले चुत को ठंडी कर उसके बाद जो मर्जी कर लियो, तो मैंने भी देर न करते हुए अपना मूसल चाची की चुत पट सेट किया और आगे बढ़ा दिया चाची की सिसकी निकलने लगी ओर मेरी रफ्तार बढ़ने लगी कुछ ही क्षण में चाची पूरी तरह चुदास से भर के अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर पटक कर पूरा लण्ड निगलने लगी… लण्ड की हर चोट गहराई में जाकर चाची की कोख पर दस्तक दे रही थी जिससे चाची का मजा दोगुना हो जाता था मैंने धक्के लगाते हुए चाची की गाँड़ चौड़ी करी और उसके छेद पर थूककर अपनी एक उंगली गाँड़ में घुसा दी जिससे चाची की आह निकल गई… अब चुत में लण्ड के साथ साथ गाँड़ में भी उंगली चल रही थी और चाची आनन्द सागर में गोते लगा रही थी तो मैंने लण्ड चुत से निकाल कर गाँड़ के छेद पर टिकाया तो चाची मचल कर बोल उठी राज पहले मेरा पानी निकाल दे फिर जो मर्जी कर लियो अभी बहुत आग लगी है जल्दी चोद मेरी चुत ये बोलकर चाची पीठ के बल लेटकर टाँगे फैलाकर अपनी चुत रगड़ने लगी… मैंने भी ज़िद नहीं करी और चुत का बैंड बजाने लगा करीब दस मिनट की चुदाई के बाद चाची ने अपना बदन हवा में उठाया और फिर उसने मेरे लण्ड को चुत में कस लिया और मुझे जकड़ कर कांपते हुए झड़ने लगी… मैं भी अब झड़ने के करीब था इसलिए रुक नहीं ओर धक्के लगाता रहा करीब दो मिनट बाद मैंने एक जोरदार धक्का लगा कर लण्ड को जड़ तक ठोक दिया ओर चाची की कोख को अपने रस से सींचने लगा और चाची के ऊपर ही ढ़ेर होकर लम्बी सांसे लेने लगा चाची ने मेरा माथा चुम कर मुझे अपने सीने पर कस लिया और मैं वहीं ढेर होकर कब नींद की आगोश में चला गया मुझे पता भी नहीं चला…


Superb update
 

Sanju@

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