चाची खुश होकर माँ से बोली दीदी अभी दो तीन दिन ओर हैं तो ढ़ंग से दिन रात कसर पूरी करते हैं ताकि घर पहुंच कर कुछ दिन आराम से निकल सके, ओर मझसे बोली राज तूँ इन दिनों में हमें इतना चोद कु हमारी अगाडी पिछाड़ी कुछ दिनों तक आराम ही माँगें…
Update. 77
मैंने चाची की तस्सली देते हुए कहा कि चाची वो तो मैं तुम दोनों का हाल कर दूँगा लेकिन जब तुम दोनों ही आराम मांगोगी तो मेरे लन्ड का क्या होगा, उसे मैं कैसे शान्त करूँगा क्योंकि अब तुम दोनों के साथ साथ मुझे भी तुम्हारी चुत का चस्का लग गया है और मैं भी बिना चुदाई के नहीं रह पाऊंगा, अब घर जाकर जाने कैसे रह पाउँगा… चाची मेरी बात सुन कर बोली राज तुम चिंता मत करो मैं ओर दीदी मिल कर तुम्हारा ध्यान रखेंगे तुम्हें तरसना नहीं पड़ेगा…
चाची की बात सुनकर मैंने कहा चाची अभी तो भूख के मारे खाने के लिए तरस रहा हूँ तो आप जल्दी से कुछ खाने की व्यवस्था करो, मेरी बात सुनकर माँ बोली राज मैं तो भूल ही गई थी कि तुम्हें भूख लगी होगी सब्जी तैयार है मैं अभी नहा कर चपाती सेक देती हूं तब तक तुम भी नहा लेना, ये कहकर माँ जल्दी से नहाने के लिए निकल गई और मैं ओर चाची वहीं पर नन्गे बैठे रहे, तो मैंने चाची को कहा चाची माँ अभी आती है तो हम दोनों एक साथ नहा लेते हैं मेरी बात सुनकर चाची ने मुस्कुरा कर कहा क्यों अभी तक दिल नहीं भरा है जो इक्कट्ठे नहाने की बात कर रहा है तो मैंने कहा चाची चुदाई से भी कभी दिल भरता है और मैं तो वैसे ही कह रहा था…
चाची ने मेरे दुबारा सर उठाते लन्ड की तरफ देखा और बोली लेकिन तेरा ये तो कुछ और ही कह रहा है, सच बता क्या तूँ सुबह बेला के साथ भी करके आया है ना, चाची की बात सुनकर मैं मुसकरा पड़ा जिससे चाची समझ गई कि मैंने बेला को भी चौदा था, चाची बोली रात को हम दोनों को ओर सुबह बेला फिर दोबारा हम दोनों को करने के बाद भी तेरा नाग फ़न उठा रहा है तू आदमी है या सांड मैंने चाची की चूची पकड़ी ओर उसकी चुत पर दूसरा हाथ रखकर कहा चाची मुझे इसमें बहुत मजा आता है और फिर तुम भी तो हर वक़्त तैयार रहती हो…
चाची ने मेरा लन्ड पकड़कर कहा जब ऐसा मस्त खूँटा सामने हो तो दिल तो करेगा ही उसे अपने अन्दर लेने को, इतनी देर में माँ भी नहाकर वापिस आ गई और हमें ऐसे बैठे देखकर बोली अब तुम फिर से शुरू मत होना जाकर नहा लो तबतक मैं रोटी सेंक देती हूं और ये बोलकर माँ खाना बनाने चली गई और मैं ओर चाची ऐसे नन्गे ही बाथरूम की ओर चले गए, बाथरूम में पहुंच कर मैंने शॉवर चालू किया और चाची को भी अपने पास खींच लिया भीगने के बाद मैंने साबुन उठाया और चाची के बदन पर लगाने लगा झाग बनने पर चाची ने मेरे हाथ से साबुन लेकर मुझे मलने लगी……
अब हम दोनों अपने साबुन लगे बदन को एक दूसरे के साथ रगड़ने लगे चाची अपनी चुचियों को कभी मेरी छाती पर रगड़ती ओर कभी मेरे लन्ड पर जिस कारण मेरा लन्ड दोबारा तन गया तो चाची उसे मुठियाने लगी तो मैंने भी एक हाथ चाची की चुत पर रख दिया और उसे रगड़ने लगा , हम दोनों गरम हो गए थे तो चाची ने शॉवर चला कर हम दोनों के बदन से साबुन धो दिया और फिर मेरे लन्ड को चूसने लगी, मैंने चाची को खड़ा किया और दीवार के सहारे झुका दिया और पीछे से अपना लन्ड उसकी चुत में एक ही धक्के में घुस दिया उसकी चुत पहले से ही बहुत गीली हो गई थी तो लन्ड एक धक्के में ही पूरा घुसकर बच्चेदानी से टकरा गया चाची की जोर से आह निकल गई पांच सात धक्कों के बाद चाची भी अपनी गाँड़ पीछे धकेल कर लन्ड लेने लगी, मैंने उसकी चुचियाँ दबाते हुए धक्कों की गति बढ़ा दी कुछ समय बाद ही चाची कंपकपी के साथ झड़ने लगी वो लगातार झटके ले रही थी और फिर निढाल होकर वहीं बैठ गई लेकिन अभी तक मेरा नहीं झड़ा था तो मैं लन्ड चाची के मुंह में घुसेड़ने लगा चाची बोली राज अभी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है थोडी देर रुक जा, तभी माँ ने आवाज़ लगा दी खाना खाने के लिए तो चाची ने अपनी चुत को साफ किया और मेरे लन्ड को भी साफ किया और बोली राज अभी चल खाना खाकर मैं तेरा माल भी निकाल दूंगी ओर हम नन्गे ही बाथरूम से बाहर आ गए……