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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 189 76.5%
  • अच्छी

    Votes: 41 16.6%
  • ठीक ठाक

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  • बेकार

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Indu use

Banned
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अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर से सरकाते हुए धीरे धीरे मेरे नितंबो पे गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत पर दबाने लगी…

अपडेट 24

मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी दांई चुची से हटाया और उनकी गाँड़ के नीचे लेजाने लगा माँ ने भी अपनी गाँड़ हल्के से उठा कर मेरे हाथ को जगह दी

अब मैं एक हाथ से चुची दबा रहा था और एक हाथ से गाँड़ माँ के मुँह से हल्की सी सिसकियां निकल रही थी… मैंने गाँड़ दबाते हुए धीरे धीरे से माँ का पेटिकोट इंच दर इन्च ऊपर की ओर खिसकाने लगा…चाची ध्यान से देख रही थीं और अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी हमारी नज़र मिली तो चाची ने मुझे आँख मार दी और अपने होंठों पे जीभ फेर दी

मैने माँ की एक चुची को मुँह में लिया और एक पर हाथ से कब्ज़ा किया और दोनों का रस निचोड़ने लगा नीचे से गाँड़ दबाते हुए पेटिकोट ऊपर खिसका रहा था …माँ एक हाथ से मेरा सर अपनी चुची पर दबा रही थी और एक हाथ से मुझे अपनी चूत पर दबाते हुए अपनी गाँड़ उठा रही थी मेरा लण्ड मानों फटने को हो रहा था …अब मैंने थोड़ा रिस्क लेने का सोचा क्योंकि मुझे कन्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था और मै बिना कुछ किये झड़ना नहीँ चाहता था क्योंकि पता नहीं माँ दुबारा तैयार हो या नहीं इसलिए जो करना था वो अभ करना था

मैंने धक्के लगाने की गति थोड़ी तेज़ की और निचे से जो हाथ माँ की गाँड़ के नीचे था उससे गाँड़ उठाने लगा ताकि चूत पर लण्ड का दबाव बनाया जा सके और एक पैर माँ की टांगो के बीच लेजाकर उसकी टांगे खोलने लगा माँ मेरा इशारा समझ गई और उसने हल्के से अपनी टांगे खोल दी इससे मुझे हौसला मिला तो मैने चुची से हाथ हटा कर उस चुची को मुंह में लिया और उस हाथ से माँ का पेटिकोट ऊपर करने लगा जो कि अब घुटनों तक आ चुका था।

घुटनों से थोड़ा ऊपर आते ही मैंने पेटिकोट में दूसरा हाथ डाला और दूसरी तरफ से माँ की गाँड़ के निचे डालने लगा हाथ लगते ही पता चल गया कि माँ ने पेन्टी नहीं पहनी थी लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब माँ ने अपने पेटिकोट में हाथ डालने का विरोध किये बिना ही अपनी गाँड़ ऊपर कर दी ये मेरे लिए सकारात्मक परिणाम था … अब माँ ने भी मौन स्वीकृति प्रदान कर दी थी जिससे मेरा उत्साह बढ़ा मैंने माँ के सीने से सर उठाया और माँ की आँखों में देखने लगा…मेरे हटने का आभास हुआ तो माँ ने आँख खोली और मेरी तरफ देखा मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो उसने शर्म से पलके झुक ली… मैने अपने होंठ माँ के होंठों पर रख दिये माँ ने मेरा साथ देते हुए उनको अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया और पागलों की तरह उनको चूमने और चूसने लगी।


अब माँ निचे से अपनी गांड थोड़ा जोर देकर मेरे लण्ड पे मारने लगी वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी लेकिन अब भी बोलने में हिचक रही थीं तो मैने ही पहल की ओर अपना एक हाथ गांड के नीचे से निकाल कर पेटिकोट पूरा ऊपर कर दिया जो जाकर माँ की कूल्हों के नीचे अटक गया तो माँ ने अपने कूल्हे हल्के से ऊपर कर दिये…

अब मुझे मौन न्योता मिल चुका था तो मैने भी मौके पर चौका जड़ने की सोची अपना हाथ माँ की जांघ पर फेरते हुए उसकी चूत की तरफ़ बढ़ने लगा मेरी उंगली हल्की सी झांटो से टकराते ही माँ ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और जो हाथ मेरे कूल्हे पर था वो पीछे से मेरे अंडरवेअर में डाल दिया और दूसरे बाजू से मुझे अपने साथ कस लिया…मैंने अपनी कमर को ऊपर किया और अपना हाथ माँ की तपती हुई चूत पे रख दिया ।

माँ ज़ोर से सांस खींच कर सिसकारी लेने लगी तो हमारा चुम्बन टूटा और मै माँ के चेहरे पर चूमना शुरू कर दिया माथा, गर्दन, कान से होते हुए सीने पर और उसके बाद नाभि में अपनी जीभ घुसा दी माँ से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन वो अभी भी हिचकिचाहट में थी

तभी मैने वो किया जिसकी उम्मीद ना माँ को थी ना चाची को मैने अपने होंठ एकदम से माँ की चूत रख दिये और जीभ से चूत चाटने लगा माँ को इसकी उम्मीद नहीं थी वो मेरा सिर पकड़ कर हटाने लगी और बोली नहीं राज बेटा वहाँ नही वहां गन्दा होता है …इतनी देर बाद माँ कुछ बोली थी लेकिन मैंने दूसरा हाथ भी निचे लेजाकर गांड को ऊपर किया और चूत को मुंह में भर लिया माँ मेरे को हटा रही थी राज बेटा वहाँ पर मत करो तभी चाची बोली जो इतनी देर से सब कुछ देख रही थीं

दीदी उसकी उसकी पहली बार है उसको भी अपने मन की करने दो … माँ लेकिन कोमल वहाँ गंदा होता है दीदी तुम तो बस आंखे बंद करके महसूस करना फिर बताना ये बोलते हुए चाची ने अपने हाथ माँ के चुचियों पर रख दीये और उनके निप्पलों को उमेठने लगी माँ से दोहरा हमला बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने एक हाथ मेरे सिर से हटा कर चाची का हाथ पकड़ लिया अब मैंने अपनी जीभ से चूत को कुरेदना शुरू किया और उसके दाने को मुंह में भर के चूसने लगा माँ का हाथ जो मुझे हटा रहा था अब मेरा सिर सहला रहा था

माँ जोर से आह भर रही थी मैने एक हाथ से अब अपना अंडरवेअर उतार दिया और अपने लण्ड को आज़ाद कर दिया माँ का हाथ अब मेरे सिर को चूत पे दबा रहा था और वो गांड उठा के मेरे मुंह को अपनी चूत भोग लगा रही थी…माँ से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने चाची को अपने ऊपर खिंच लिया और जोर से गले लगा कर बोली कोमल मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है कुछ कर ।

चाची ने मुझे बोला राज क्यो तड़पा रहा है माँ को और आँख मार कर बोली चल माँ की तड़प खत्म कर और मैने अपना मुंह वहाँ से हटा कर माँ की टांग फेला दी माँ ने कोई विरोध नहीं किया चाची नेया मुझे इशारा किया और मै टांगो के बीच आ गया …चाची ने मां की चूची अपने मुंह में डाल कर मुझे इशारा किया मैने अपना लण्ड पकड कर माँ की चूत पर घीसा तो मेरी और माँ की एकसाथ आह निकली मेरे चूसने और उत्तेजना की वजह से चूत पहले ही बहुत चिकनी हो चुकी थी लेकिन मेरी ये पहली बार थी तो मेरा लण्ड फिसल गया चाची जो सब देख रही थी मुस्कुरा पड़ी और बोली कोई बात नहीं सिख जायेगा और माँ के ऊपर से उठ कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया और माँ की चूत पर सेट करते हुए बोली चल अपनी माँ को शान्ति पहुंचा मैने धीरे से धक्का दिया और मेरा आधा लण्ड माँ की चूत में समा गया मेरी और माँ की आह जोर से निकल गई


माँ ने राज मेरे बेटे कहते हुए मुझे अपने ऊपर खींच
Mst update
 

Mink

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Waiting for your next update bhai
 
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Waiting for next update brother.

Also waiting for finish of lockdown chapter, want to see what happens after going home
 
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संडे भी बीत गया कब अपडेट दोगे इंतजार लम्बा होगया
 

rajan2907

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मैंने अपने हाथ बढ़ा कर माँ की दोनों चुचियों को थाम लिया और उनके निप्पलों को मसलने लगा जिससे माँ ने अपनी आंखें खोल दी और मुझसे नज़र मिलते ही झुककर मेरे होंठ चूसने लगी…


अपडेट 80



मैंने भी अपनी जीभ माँ के मुंह में घुसा दी और अपने हाथ माँ की गाँड़ पर ले गया अब माँ मेरी जीभ चूसते हुए ऊपर से चुद रही थी और मैं उसकी गाँड़ दबा रहा था चाची हमारे पास ही नीँद का मजा ले रही थी, तभी माँ ने सीधे होकर मेरे हाथ पकड़कर अपने चुचों पर रख दिये और अपनी चुचियाँ दबवाने लगी मैं भी जोर से उनका रस निचोड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन अब उनमें रस नहीं था…


हमें इसतरह चुदाई करते हुए पन्द्रह मिनिट हो गए थे लेकिन मैं अभी झडने से दूर था, मैं आसन बदलने की सोच ही रहा था कि माँ ने झड़ना शुरू कर दिया और काँपते हुए झड़ने लगी कुछ झटकों के बाद माँ निढाल होकर मेरे सीने पर लेट गई मैं कुछ समय माँ के नॉर्मल होने का इंतजार करने लगा लेकिन जब देर हो गई तो मैंने माँ को हिलाया लेकिन माँ तो सो चुकी थी और एक दिन में ये मेरा दूसरी बार KLPD हुआ था पहले तो सोचा की चाची को जगाकर लन्ड को शान्त कर लूं लेकिन फिर टाल दिया और ऐसे ही अपना लन्ड माँ की चुत में रखे हुए माँ को अपने सीने से लगाए सोने लगा…

चार बजे के करीब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा माँ नन्गे बदन मेरे साथ ही सो रही है और उसके पास चाची गाउन पहनकर सोई हुई है, मैने उठकर चाय बनाई फिर माँ और चाची को जगाया माँ चाय देखकर ख़ुश हो गई लेकिन चाची माँ को नन्गे देखकर बोली दीदी तुम बिना कपड़ों के क्यों सोई हुई थी तो माँ ने हमारी चुदाई की बात छुपाते हुए कहा कि कोमल गर्मी बहुत ज्यादा लग रही थी तो मैंने कपड़े उतार दिए, चाय खत्म करके मैंने कहा कि मैं कोविड टेस्ट के बारे में पता लगाकर आता हूँ ताकि चाचा को फोन पर जानकारी दे सके और ये बोलकर मैं बाहर निकल गया…

बाज़ार जाकर पता लगाया कि टेस्ट सरकारी अस्पताल में ही होता है और फिर वहाँ जाकर मालूम हुआ कि सुबह दस बजे से एक बजे तक ही टेस्ट होगा तो मै घर की ओर चल पड़ा, रास्ते मे बेला के घर के पास से निकला तो मन हुआ कि बेला को चोद के दोपहर से रुका हुआ माल निकाल लूँ लेकिन फ़िर सोचा कि आज रात को माँ और चाची की गाँड़ फाड़ चुदाई करके वहीं हल्का होऊंगा ताकि उनको भी पता चल जाए कि किसी के खड़े लन्ड पे धोखा करने का क्या हश्र होता है, तो मैने बेला की चुदाई सुबह तक टाल दी और वापिस घर की ओर जाने लगा…
 
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