• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest वशीकरण

Ashokafun30

Active Member
1,474
6,097
159
Story kaafi mast lag rahi hai
Characters itne hi hai ya aage bhi aayenge
थैंक यू
अभी तो कहानी शुरू हुई है, बाद में और भी किरदार आयेंगे
आप एंजॉय कीजिए
 

Motaland2468

Well-Known Member
3,612
3,807
159
Ashok bhai agar hero BAAP hai to ek shadishuda beti bhi rakho story me.beti na ho to bhatiji ya bhanji bhi ho to maza aa jaye
 
10,316
43,246
258
Congratulations for your another story Ashok bhai .

हमेशा की तरह इस बार भी कहानी का शुभारंभ आपके अद्भुत शब्दावली से हुआ ।
फर्स्ट अपडेट से लगता है फादर - डाटर इन्सेस्ट रिलेशनशिप बिल्ड अप होने वाला है । सुमेर सिंह ने जिन दो डाॅल के साथ जादू - टोना करने का प्रयास कर रहे हैं वह शायद उनकी कल्पना मे उनकी दोनो लड़कियाँ ही होगी ।
परिवेश ग्रामीण है , एक पुरी फैमिली है , आजीविका का साधन कृषिकर्म है । इसका मतलब ग्रामीण पृष्टभूमि पर आधारित इन्सेस्ट स्टोरी होनी चाहिए ।

पहला अपडेट बहुत ही बेहतरीन था ।
 

Ashokafun30

Active Member
1,474
6,097
159
Congratulations for your another story Ashok bhai .

हमेशा की तरह इस बार भी कहानी का शुभारंभ आपके अद्भुत शब्दावली से हुआ ।
फर्स्ट अपडेट से लगता है फादर - डाटर इन्सेस्ट रिलेशनशिप बिल्ड अप होने वाला है । सुमेर सिंह ने जिन दो डाॅल के साथ जादू - टोना करने का प्रयास कर रहे हैं वह शायद उनकी कल्पना मे उनकी दोनो लड़कियाँ ही होगी ।
परिवेश ग्रामीण है , एक पुरी फैमिली है , आजीविका का साधन कृषिकर्म है । इसका मतलब ग्रामीण पृष्टभूमि पर आधारित इन्सेस्ट स्टोरी होनी चाहिए ।

पहला अपडेट बहुत ही बेहतरीन था ।
aap purush nahi mahapurush hai sanju baba
:mahboi:
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
43,934
114,676
304
Shandar update
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,851
37,785
219
दोस्तों,
एक नई कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ
ये कहानी इंसेस्ट थीम पर आधारित है
अगर किसी को "आपसी / पारिवारिक संबंधों में सैक्स" की कहानी पढ़ने में कोई आपत्ति है तो वो अभी जा सकता है।
बाकी लोग मेरे साथ बने रहिए।
आपका दोस्त,
अशोक
:congrats: अशोक भाई
 

Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
3,999
5,088
144
ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो अपनी उम्र की हर दूसरी लड़कियों की तरह जवानी में कदम रखते ही सपनो की रंगीन दुनिया में खो जाती है
इस लड़की का नाम है चंदा



और अपने नाम की तरह ही एकदम चाँद जैसा चेहरा है इसका
चेहरा ही नही बल्कि इसका पूरा शरीर ही साँचे मे ढला हुआ है
32 के साइज़ के बूब्स और 34 के भरे हुए हिप्स उसकी सुंदरता बयान करते थे
मेरठ में रहने वाला चंदा का परिवार ज़्यादा बड़ा भी नही था
एक बड़ा भाई सूरज जो अपने पिता सुमेर सिंह के साथ खेतीबाड़ी में उनका साथ देता था
चंदा की बड़ी बहन चन्द्रिका जो पास के एक स्कूल में टीचर थी
और उसकी प्यारी माँ रागिनी जो घर की देखभाल और अपने परिवार का पूरा ध्यान रखती थी
कुल मिलाकर इन पाँच लोगो का परिवार काफ़ी मिलनसार भाव से रहता था

पर एक रात के वाक्ये ने चंदा की जिंदगी और उसका दुनिया देखने का नज़रिया बदल कर रख दिया
चंदा हमेशा की तरह अपने कॉलेज की पड़ाई करके सोई तो आधी रात को अचानक पेशाब के प्रेशर ने उसकी नींद खोल दी
टाइम देखा तो रात के 4 बज रहे थे

वो उठी और अपने कमरे से निकल कर बाहर आँगन में बने बाथरूम तक गयी और बिना दरवाजा लगाए टॉयलेट सीट के पर मोरनी बनकर बैठ गयी और गाड़े सुनहरी रंग के झरने को बाहर फेंकने लगी

अभी वो आधा ही कर पाई थी की अचानक अंदर से कोई आया और बाहर बने नलके से पानी निकालने लगा
उसके बाथरूम की लाइट बंद थी और वो अंदर बिना दरवाजा बंद किए बैठी थी
उसकी तो हलक सूख गयी
पर गनीमत थी की अंधेरे की वजह से उसे बाहर से कोई देख नही सकता था
वो अपने आप को कोस रही थी की दरवाजा क्यों बंद नही किया
वो या तो उसके पापा थे या उसका भाई
क्योंकि डील डोल मर्दो वाला ही था

कुछ देर तक तो वो बैठी रही पर फिर उसका बैठना मुश्किल हो रहा था सो वो चुपचाप उठी और अपनी सलवार को बाँध कर दरवाजे तक आई
बाहर देखा तो उसके पापा ही थे, जो नलके के किनारे एक छोटी सी चटाई पर बैठ कर एक छोटे से पीतल के थाल में पानी भरकर कुछ कर रहे थे
उसने देखने की कोशिश की पर उसे समझ नही आया की वो क्या कर रहे है
इतनी सुबह उन्हे भला ऐसा क्या काम
वो बर्तन धो रहे है क्या
पर वो भला ऐसा क्यों करेंगे

उसने गोर से देखा तो वो हाथ जोड़कर कोई मंत्र बुदबुदा रहे थे
अब उसके मन में कुछ शंका सी हुई
उसने देखा की थाल में ऐसा क्या है

तो उसने देखा की 2 छोटी प्लास्टिक की गुड़िया थी उसमें
जो छोटे बच्चे हाथ में लेकर गली-2 घूमते है



वो भला उसका क्या कर रहे है
कुछ देर तक वो वैसे ही मंत्र बुदबुदाते रहे और फिर अचानक वो उठे और अपना कुर्ता उतार कर साइड में रख दिया और फिर अपनी धोती भी उतार दी
मैं कुछ समझ पाती इस से पहले ही मेरे पिताजी मेरे सामने पूर्ण रूप से नग्न खड़े थे
मेरी तो साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी
ये मेरी लाइफ का पहला मौका था जब मैं किसी मर्द को नंगा देख रही थी
और वो भी अपने खुद के पिता को

स्कूल कॉलेज में मेरी सहेलियां ऐसी बातें करती रहती थी
एक दो बार मस्तराम की कहानियां भी पढ़ी थी और कुछ अश्लील चित्र भी देखे थे
पर ऐसे शादी से पहले मुझे किसी मर्द को नंगा देखने का मौका मिलेगा
ये मैं नही जानती थी

पर इसके बावजूद की वो मेरे पिता है
मैने उन्हे देखना बंद नही किया
बल्कि आँखे फाड़े उन्हे घूर-2 कर देख रही थी

उनकी चौड़ी छाती और कसा हुआ शरीर जो उन्होने खेती बाड़ी करके बनाया था इस बात का प्रमाण था की उम्र का उनपर कोई असर नही पड़ रहा है



और उनका लिंग
उफ़फ्फ़
वो उनकी टॅंगो के बीच ऐसे झूल रहा था जैसे मैने एक बार अपने बैल हीरा का देखा था
करीब 5 इंच का था उनका मोटा सा लिंग जो टॅंगो के बीच झूल रहा था
जब अकड़ कर खड़ा होगा तो कितना बड़ा हो जाएगा ये
यही सोचकर मुझे कुछ-2 होने लगा

पर फिर मैने उस विचार को झटक दिया
छीssss ये भला क्या सोचने लगी मैं अपने ही पिताजी के बारे में
मैं कुछ बोल भी नही सकती थी
बाहर भी नही निकल सकती थी

फिर उन्होने उन दोनो गुड़िया को अपने हाथ में उठाया
तब मैने नोट किया की वो दोनो आपस में बँधी हुई है एक धागे से जो करीब २-3 फ़ीट का था
फिर उन्होने उन धागे से बँधी हुई गुडियों को गमछे की तरह अपने गले में लटका लिया
अब वो दोनों गुड़िया उनके लिंग से टकरा रही थी

फिर उन्होंने उस पीतल के बड़े से थाल को उठाया और उसका पानी अपने सिर पर डाल लिया
सुबह की ठंडक में इतने ठंडे पानी से नहाकर उनके शरीर में झुरजुरी सी दौड़ गयी
झुरजुरी तो मेरे शरीर में भी दौड़ी
क्योंकि उनका लिंग जो इतनी देर से शिथिल अवस्था में लटका पड़ा था, ठंडे पानी की वजह से उसमें तनाव आने लगा था
फिर उनका हाथ अपने तने हुए लिंग पर आया और वो उसे मसलने लगे



मुझे अंदाज़ा तो नही था की वो ऐसा क्यों कर रहे है पर ये पता था की इसका मतलब क्या है
उन्हे ऐसा करता देखकर ना जाने क्यो मेरी जाँघो के बीच भी कुछ-2 होने लगा
मैं 21 साल की थी
पर आज तक मैने ऐसा कुछ भी नही किया था जिसकी वजह से मेरे शरीर में ऐसा कुछ भी एहसास हो
पर आज पहली बार ऐसा एहसास हो रहा था मुझे
पर मैं उस एहसास का पूरा मज़ा भी नही ले पा रही थी
कारण था की ये एहसास मुझे अपने खुद के पिता को देखकर हो रहा था

मैं दम साधे उनका ये क्रियाकलाप देख रही थी
और मेरे देखते ही देखते उनका लिंग अपने पूरे आकार में आ गया
वो अब करीब 7-8 इंच का बन चुका था
और मोटा इतना जैसे कोई खीरा

फिर उन्होने अपने लिंग पर घिसाई की तेज़ी को और बड़ा दिया और करीब 1 मिनट में ही उनके लिंग से सफेद रंग का गाड़ा पानी निकलने लगा
मुझे तो लगा था की मर्द के लिंग से सिर्फ पेशाब ही निकलता है
ये क्या बला है ?

कहीं ये वो वीर्य तो नही जो बायोलॉजी की क्लास में बताया था मेडम ने
पर वो तो सैक्स करने से निकलता है
और वो भी औरत की योनि में

पर पिताजी उसे ऐसे ही क्यो निकाल रहे है
मेरा भोला भाला दिमाग़ उन सब बातो से अंजान अपनी ही उधेड़बुन में लगा हुआ था
और तब मैने कुछ अजीब सा होते देखा
पिताजी ने अपने गले में लटक रही गुड़िया के जोड़े को अपने लिंग से निकल रहे गाड़े पानी से नहला दिया
दोनो गुड़िया उनके लिंग से निकले गाड़े और सफेद पानी से रंग कर सराबोर हो गयी
देखने में मुझे बड़ा अजीब सा लगा की आख़िर ये पिताजी करना क्या चाहते है
पहले तो मुझे लगा था की ये कोई पूजा करने के लिए उठे है शायद सुबह
पर ऐसी पूजा भला कौन करता है
ये मेरी समझ से परे था
कुछ देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर अंदर चले गये
मैने भी चैन की साँस ली क्योंकि मैं भी करीब 30 मिनट से अंदर क़ैद थी
पिताजी मुझे देख लेते तो मैं उनका सामना भला कैसे कर पाती
मैं चुपचाप अपने बेड पर आकर सो गयी
मेरी दीदी गहरी नींद में मेरे करीब ही सो रही थी
मैं कुछ देर तक अपने पिताजी के बारे मे सोचती रही और फिर कब मुझे नींद आ गयी, मुझे भी पता नही चला

पर आने वाले समय में इस घटना का मेरी जिंदगी में क्या असर पड़ना था वो अगर मैं जान लेती तो कभी वहां रुककर वो सब देखने की जुर्रत ना करती
Ashokafun30 बहुत शानदार शुरुआत... हैरतअंगेज अपडेट ... इंतजार रहेगा अगले अपडेट्स का
 
Top