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Incest वशीकरण

Ek number

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मैंने उनकी कमर पकड़ ली और अपने खड़े हुए स्तनों से उनकी कमर की मालिश करने लगी
हालांकी हमारे बीच खुलकर उस रिश्ते के बारे में मेरी बात नहीं हुई थी जो रात के अंधेर में वशीकरण की आड़ में पिता जी मुझसे बना चुके थे
पर मेरी हरकतों से साफ पता चल रहा था कि हमारे रिश्ते को पाकर मैं कितनी खुश हूं
पिताजी भी कुछ नहीं बोले
वो भला क्यू बोलते
उनको तो मजा आ रहा था

उनकी जवान बेटी अपने नन्हें स्तन उनकी कड़क पीठ पर घिसकर उनके सोए हुए शेर को जो उठाने का काम कर रही थी
वो रिश्ता छुपा हुआ ना होता तो पिताजी अभी उसे किसी खेत के अंदर लेजाकर चोद देते शायद
पर ऐसा अभी के लिए तो संभव नहीं था

कुछ ही देर में बैंक आ गया, और उन्होंने खानापूर्ति वाला कुछ काम करवाया
उसके बाद हम दोनों फिर से बुलेट पर बैठ कर बाबा से मिलने चल दिये

कल दीदी भी उनसे मिलकर आई थी
वो तो काफी खुश थी
कहीं कुछ और वजह नहीं है ना उसे वहां ले जाने की
नहीं नहीं
उसके पापा भला अपनी जवान बेटी को ऐसे किसी और के साथ क्यों भेजेंगे
उसने ये विचार अपने जहन से निकाला फेंका

कुछ ही देर में वो बाबा की झोपड़ी के बाहर पहुंच गए
अंदर 3-4 लोग थे
उनको आया देखकर घेसू बाबा ने जल्दी-2 उनकी बातें सुनी और उनकी समस्याओं का समाधान करा
आधे घंटे में ही वो झोपड़ी खाली हो चुकी थी

मैं उठकर पापा के साथ आगे गई और घेसू बाबा के सामने बैठ गई
उनकी नजरें मेरे नन्हें स्तनों को घूर रही थी
शायद मेरे खड़े हुए निप्पल उन्हें नजर आ चुके हैं
पिताजी के साथ मस्ती करती जो आई थी मैं
ऊपर से रात को जो मेरे जिस्म की प्यास अधूरी रह गई थी
वो अब सर उठने लगी थी

पता नहीं क्यों अंदर से मुझे लग रहा था कि पापा मुझे सिर्फ आशीर्वाद दिलाने नहीं बल्कि बाबाजी का घंटा बजवाने लाये हैं

मेरी नजर सीधी उनकी धोती के बीच गई
उनका नाग फन उठाकर नाभि को टच कर रहा था
मेरी तो सांसे रुकने को हो गई ये देखकर
इतना लंबा लंड तो हमारे खानदान में किसी का नहीं था
मेरा मतलब है मेरे पापा या भाई का

इतने लंबे लंड भी होते हैं
मेरी चूत से तो चिंगारियां निकलने लगी

तभी पिताजी बोले: "घेसू बाबा, ये मेरी सबसे प्यारी, सबसे लाडली और सबसे समझदार बेटी है, आप ऐसा आशीर्वाद दीजिए जिससे इसका प्यार और साथ हमारे साथ सदा बना रहे..."

घेसू बाबा अपनी जगह से उठ खड़े हुए और मेरी आँखों में देखकर बोले

"ऐसी सुंदर, आज्ञाकारी बेटी पाकर तो तू धन्य हो गया सुमेर, मेरा आशीर्वाद है, ये तेरे हर दुख ऐसे में तेरा साथ देगी और बड़ों की सेवा करती रहेगी"

उनका भारी भरकम हाथ मेरे सर से होता हुआ मेरे कंधों पर आकार रुक गया
वो बोले: "इसे मेरे झोपड़े में लेकर आओ, मैं इसे कुछ विशेष देना चाहता हूं..."

इतना कहकर वो पीछे बने झोपड़े की तरफ चल दिए
मैं भी रोबोट सी चलती हुई उनके पीछे चल दी
उनका दूसरा झोपड़ा तो किसी होटल के कमरे जैसा था

एकदम आलीशान
ठंडा
बड़ा सा बिस्तर
और पूरे झोपड़े में खुशबू बिखरी हुई थी

वो एक कोने में बनी आलमारी की तरफ गई और वहां से कुछ निकाला
वो एक पोटली थी
मैंने पापा की तरफ देखा, उन्होंने आंखें बंद करके मुझे सांत्वना दी

बाबा मेरे करीब आये और उस पोटली में से कुछ सूखे फूलों को निकाला
और मुझे हाथ दिया
मैंने जैसे ही उसे सूंघा मेरा सिर चकराने लगा
और मेरा शरीर सुन्न हो गया

अब मैं अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर पा रही थी
हाथ पैर भी नहीं हिला पा रही थी
मेरे मुँह से भी कुछ नहीं निकल पा रहा था
बाबा ये देखकर मुस्कुराए और उन्होंने पापा की तरफ देखा

उन्होंने भी कुटिल मुस्कान के साथ बाबा का साथ दिया
ओह्ह मायी गॉड
तो ये इन दोनों का मिला जुला प्लान था
पर ये चाहते क्या है

उसका जवाब भी मुझे जल्दी मिल गया
बाबा ने मुझे अपनी बाहों में उठाया और मुझे लेकर पलंग पर पटक दिया
उस गद्देदार पलंग पर मेरा फूल सा शरीर 3 बार उछला और शांत हो गया
मेरे दिल और चूत में एक साथ धाड़ -2 की आवाजें आ रही थी
घेसू बाबा ने सबसे पहले तो अपने कपड़े उतारे और जैसा मुझे पहले महसूस हुआ था उनका लंड सही में काफी लंबा और मोटा था
एकदम कड़क और ऊपर की तरफ खड़ा हुआ
जैसे कमर से कोई धागा बाँध कर खड़ा किया हो



फिर वो मेरे करीब आये और मेरे शरीर को किसी शिकारी कुत्ते की तरह सूंघने लगे
मुझे तो ऐसे ही किसी मौके की तलाश थी
पर इस निगोड़े ने मुझे बुत्त सा बना कर रख दिया था
इस वक्त अगर मैं होश में भी होती तो पापा के सामने ही इसके पोल को पकड़ कर डांस करने लगती
पर मैं मजबूर थी
भगवान ऐसी मजबूरी किसी को ना दे
मैं चिल्ला कर कहना चाहती थी कि मैं भी यही सब करना चाहती हूँ
पर मेरी आवाज ही नहीं निकल पा रही थी
बाबा ने मेरे टॉप को धीरे-2 मेरे बदन से अलग किया

नीचे मैंने शमीज पहनी हुई थी वो भी उन्होंने निकाल फेंकी

अब मेरी नन्हीं बुबियां उनकी भूखी नजरों के सामने थीं



पापा भी दूर खड़े मेरे खड़े निप्पल देखकर समझ पा रहे हैं कि यह वक्त मैं कितनी उत्तेजित हूं
उन्होंने अपने होठों पर जीभ फेरी जो दर्शाती थी वो भी मेरी चुचियाँ छूना चाहते थे
मैं भी तो यहीं चाहती हूं पापा

फिर आप इस घेसू बाबा को बीच में क्यों ले आएं
क्या मजबूरी थी आपकी जो मुझे इस तरह इनके सामने परोस दिया
हालांकी मैं खुश भी थी कि मेरे शरीर को एक नया अनुभव मिलेगा
जवानी का यही तो फ़ायदा है
जितने लोगो के साथ शेयर करो उतनी ही निखरती है
देखा जाए तो आप मेरी जवानी को निखारने का ही काम कर रहे हैं
पर अभी तो आपने भी मुझे ढंग से नहीं चोदा है
ऐसे में शुरूवाती दिनों में ही मुझे किसी और को सौंप देना, मुझे तो समझ में नहीं आ रहा

खैर, वो उनकी प्रॉब्लम थी
मेरी चूत में तो इस वक्त गर्म चाशनी उबल-2 कर कैरामलाइज्ड हो चुकी थी
मेरे स्तन को किस्स करने के बाद बाबा ने मेरी पायजामी को भी निकाला फेंका
अब मैं पूरी नंगी पड़ी थी उनके और पापा के सामने उस बिस्तर पर



ठीक वैसे ही जैसे कोई स्वादिष्ट पकवान टेबल पर सजा होता है
मुझे देखकर उनके मुंह में भी पानी भर आया
ख़ासकर मेरी गुलाबी चूत से निकल रहे गाड़े पानी को देखकर



वो लपलपाती जीभ लेकर मेरी चूत की तरफ आए और डुबकी मारकर अपनी जीभ से वो सारा रस इकठ्ठा करके पी गए जो व्यर्थ जा रहा था
सदप-2 की आवाज से पूरी झोपड़ी गूंज उठी
मैं भी तड़प उठी
मेरी चूत का वो गर्म गर्म रस घेसू बाबा ऐसे पी रहे थे जैसे कोई कोल्ड ड्रिंक
उनकी जीभ भी नहीं जल रही थी
बल्कि उनको मजा आ रहा था
मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था
पर मैं कुछ बोलने और व्यक्त करने की स्थिति में ही नहीं थी
वर्ना ये मजा तो ऐसा था कि चीख-2 कर झोपड़े की कच्ची दीवारें गिरा देनी थी मैंने

Mast update
 
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Ek number

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कुछ ही देर में वो जान गए कि अब टाइम हो गया है लंड अंदर डालने का
क्योंकि उनसे भी अब नहीं रहा जा रहा था
मेरी आँखो की सिर्फ पुतलिया घूम रही थी
जिस से मैं देख रही थी कि उन्होंने अपने खीरे जैसे लंड को पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखा
उसकी गर्मी मुझे भी महसूस हुई चूत पर

और फिर उसी चूत के रसीले रस का इस्तमाल करके उन्हें जब धक्का लगाना शुरू किया तो वो मोटा लोढ़ा एक-2 इंच करके मेरी चूत की सुरंग में घुसने लगा
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़
क्या मज़ा और दर्द मिला एक साथ
और साथ ही मेरे स्तनों को उनके तरस रहे होठों का भी
जिसे उन्होंने अभी तक ठीक से चूसा नही था

एक साथ दोहरा हमला और वह भी मेरे सबसे संवेदनशील क्षेत्र पर
ये मेरे बस की बात नहीं थी
मेरा शरीर ऐंठने लगा
लंड धीरे-2 अंदर घुसने लगा
और जब वो पूरा अंदर घुस गया तो मेरी आंखे बाहर निकलने को हो गई
ऐसा भरंवापन
ऐसा मजा
ऐसी उत्तेजना
मुझे आज तक कभी नहीं मिली थी



यार पापा
आपका ये दोस्त कितना शानदार है
और उतना ही शानदार इसका मोटा लंड
हाय्यय
मन कर रहा था कि अपनी बाहों में लेकर पूरी चिपक जाऊं
पर मुझे तो उसने बेबस करके रखा हुआ था
अब घेसू बाबा मेरे होठों पर भी टूट पड़े
पहले मेरे स्तन, और अब मेरे होंठ
साला एक नंबर का इमरान हाशमी है ये तो
और मुझे किस्स भी उसी अंदाज़ में कर रहा था



एकदम चूस चूसकर मेरे होंठ और जीभ का सारा रस निकाल कर अपने मुँह में ले जा रहा था
मैंने भी अपने होठों को ढीला छोड़ दिया ताकि उन्हें अच्छे से निचोड़ कर उनका रस पी सके
अब घेसू बाबा के लंड के झटके तेज होने लगे
और साथ ही मेरी सांसों की आवाज भी
क्योंकि सिर्फ तेज सांसे ही निकल पा रही थी उन झटकों के जवाब में मैं

उम्म्म्म्म्म्म्म उन्न्न्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह



कुछ देर बाद बाबा को शायद एहसास हुआ कि मेरे गन्ने की मशीन में उनके लंड का रस ज्यादा देर नहीं टिकेगा
वो निकलने वाला है
इसलिए उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया
मैं तो एकदम से खाली सी हो गई
मैं आंखे फाड़कर उन्हें देखने लगी
शिक़ायत करने लगी कि क्यों किया ऐसा
डालो वापिस अपना मोटा लंड मेरे अंदर

ये मेरा हक़ है
साडा हक़ , एथे रख

मेरी शिकायती लहजा देखकर उन्हें भी तरस आ गया और उन्होंने फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया
पर इस बार उन्होंने मुझे पलट कर उल्टा कर दिया
और मेरे कुल्हो को किसी स्टेयरिंग की तरह ऊपर उठा कर अपने लंड के सामने किया और अंदर डाला

एक बार फिर से मेरी सांसे रुकने को हो गई
क्योंकि इस पोजीशन में उनका लंड और भी गहराई तक घुस पा रहा था



अब उन्हें मेरे कुल्हो को पकड़ा और जोरों से मेरी चूत का बैंड बजाने लगे
मेरी नज़र सामने बैठे पापा पर आ गयी
जिन्होनें अपना मोटा लंड मुझे चोदते देख कर बाहर निकाल लिया था
काश वो आगे आकर उसे मेरे मुंह में घुसेड़ दे और मुझे तब तक चोदे जब तक उनका सारा रस मेरे मुंह में ना निकल जाए
पर पता नहीं क्यों वो बाबा के सामने कुछ कर क्यों नहीं रहे
पर इस वक्त तो मैं भी होश में नहीं रह गई थी

क्योंकि मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी
बाबा ने अपना जंगलीपन दिखाते हुए मेरे कुल्हे पकड़े और दे दना दन 8-10 शॉट मारे
मैं तो झड़ी ही
वो भी उसी पल झड़ने लगे

आखिरी वक्त में उन्हें अपनी पिचकारी बाहर निकाली और मेरी पीठ पर उससे चित्रकारी कर दी
दोनों के शरीर शांत हो चुके थे
मैं और कुछ न समझ पाई क्योंकि उसके बाद मैं गहरी बेहोशी में डूबती चली गई

और जब मुझे होश आया तो मैं उसी बिस्तार पर अकेली पड़ी थी
मेरे कपड़े अपने आप मेरे शरीर पर आ चुके हैं
और पिताजी मेरे सिरहाने बैठे थे

पापा: "अरे बेटा, क्या हुआ था तुझे... एकदम से बेहोश हो गई थी... तेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही, चल घर चलते है..."

इतना कहकर उन्हें मुझे सहारा दिया और मुझे बाइक तक ले आये
बाहर घेसू बाबा एक चट्टान पर बैठ कर आराम से चिलम पी रहे थे

और अभी मिले मजे में डूबकर अपनी किस्मत पर मंद-2 मुस्कुरा रहे थे

जाने से पहले पिताजी उनके पास गए और बाबा ने उन्हें वही पोटली दे दी
जिसे उन्होंने अपनी जेब में रख लिया
उनके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी थी वो पोटली पाकर

अब इस पोटली का क्या फंडा है, ये भी जल्दी पता लगाना पड़ेगा
पर अभी के लिए तो हम दोनो घर की तरफ चल दिये

आज मेरा शरीर चूर -2 कर दिया था बाबा ने
अब मैं सोना चाहती थी
पर मुझे क्या पता था कि पापा ने आज रात के लिए क्या प्लान बना रखा है...
Awesome update
 

Curiousbull

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To kitaab ke vashikara mantra ka to bhanda phoot Gaya. Ab phool kaam karenge. Batiyo pe aur phir Bhai pe.

Awesome update
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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कुछ ही देर में वो जान गए कि अब टाइम हो गया है लंड अंदर डालने का
क्योंकि उनसे भी अब नहीं रहा जा रहा था
मेरी आँखो की सिर्फ पुतलिया घूम रही थी
जिस से मैं देख रही थी कि उन्होंने अपने खीरे जैसे लंड को पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखा
उसकी गर्मी मुझे भी महसूस हुई चूत पर

और फिर उसी चूत के रसीले रस का इस्तमाल करके उन्हें जब धक्का लगाना शुरू किया तो वो मोटा लोढ़ा एक-2 इंच करके मेरी चूत की सुरंग में घुसने लगा
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़
क्या मज़ा और दर्द मिला एक साथ
और साथ ही मेरे स्तनों को उनके तरस रहे होठों का भी
जिसे उन्होंने अभी तक ठीक से चूसा नही था

एक साथ दोहरा हमला और वह भी मेरे सबसे संवेदनशील क्षेत्र पर
ये मेरे बस की बात नहीं थी
मेरा शरीर ऐंठने लगा
लंड धीरे-2 अंदर घुसने लगा
और जब वो पूरा अंदर घुस गया तो मेरी आंखे बाहर निकलने को हो गई
ऐसा भरंवापन
ऐसा मजा
ऐसी उत्तेजना
मुझे आज तक कभी नहीं मिली थी



यार पापा
आपका ये दोस्त कितना शानदार है
और उतना ही शानदार इसका मोटा लंड
हाय्यय
मन कर रहा था कि अपनी बाहों में लेकर पूरी चिपक जाऊं
पर मुझे तो उसने बेबस करके रखा हुआ था
अब घेसू बाबा मेरे होठों पर भी टूट पड़े
पहले मेरे स्तन, और अब मेरे होंठ
साला एक नंबर का इमरान हाशमी है ये तो
और मुझे किस्स भी उसी अंदाज़ में कर रहा था



एकदम चूस चूसकर मेरे होंठ और जीभ का सारा रस निकाल कर अपने मुँह में ले जा रहा था
मैंने भी अपने होठों को ढीला छोड़ दिया ताकि उन्हें अच्छे से निचोड़ कर उनका रस पी सके
अब घेसू बाबा के लंड के झटके तेज होने लगे
और साथ ही मेरी सांसों की आवाज भी
क्योंकि सिर्फ तेज सांसे ही निकल पा रही थी उन झटकों के जवाब में मैं

उम्म्म्म्म्म्म्म उन्न्न्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह



कुछ देर बाद बाबा को शायद एहसास हुआ कि मेरे गन्ने की मशीन में उनके लंड का रस ज्यादा देर नहीं टिकेगा
वो निकलने वाला है
इसलिए उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया
मैं तो एकदम से खाली सी हो गई
मैं आंखे फाड़कर उन्हें देखने लगी
शिक़ायत करने लगी कि क्यों किया ऐसा
डालो वापिस अपना मोटा लंड मेरे अंदर

ये मेरा हक़ है
साडा हक़ , एथे रख

मेरी शिकायती लहजा देखकर उन्हें भी तरस आ गया और उन्होंने फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया
पर इस बार उन्होंने मुझे पलट कर उल्टा कर दिया
और मेरे कुल्हो को किसी स्टेयरिंग की तरह ऊपर उठा कर अपने लंड के सामने किया और अंदर डाला

एक बार फिर से मेरी सांसे रुकने को हो गई
क्योंकि इस पोजीशन में उनका लंड और भी गहराई तक घुस पा रहा था



अब उन्हें मेरे कुल्हो को पकड़ा और जोरों से मेरी चूत का बैंड बजाने लगे
मेरी नज़र सामने बैठे पापा पर आ गयी
जिन्होनें अपना मोटा लंड मुझे चोदते देख कर बाहर निकाल लिया था
काश वो आगे आकर उसे मेरे मुंह में घुसेड़ दे और मुझे तब तक चोदे जब तक उनका सारा रस मेरे मुंह में ना निकल जाए
पर पता नहीं क्यों वो बाबा के सामने कुछ कर क्यों नहीं रहे
पर इस वक्त तो मैं भी होश में नहीं रह गई थी

क्योंकि मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी
बाबा ने अपना जंगलीपन दिखाते हुए मेरे कुल्हे पकड़े और दे दना दन 8-10 शॉट मारे
मैं तो झड़ी ही
वो भी उसी पल झड़ने लगे

आखिरी वक्त में उन्हें अपनी पिचकारी बाहर निकाली और मेरी पीठ पर उससे चित्रकारी कर दी
दोनों के शरीर शांत हो चुके थे
मैं और कुछ न समझ पाई क्योंकि उसके बाद मैं गहरी बेहोशी में डूबती चली गई

और जब मुझे होश आया तो मैं उसी बिस्तार पर अकेली पड़ी थी
मेरे कपड़े अपने आप मेरे शरीर पर आ चुके हैं
और पिताजी मेरे सिरहाने बैठे थे

पापा: "अरे बेटा, क्या हुआ था तुझे... एकदम से बेहोश हो गई थी... तेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही, चल घर चलते है..."

इतना कहकर उन्हें मुझे सहारा दिया और मुझे बाइक तक ले आये
बाहर घेसू बाबा एक चट्टान पर बैठ कर आराम से चिलम पी रहे थे

और अभी मिले मजे में डूबकर अपनी किस्मत पर मंद-2 मुस्कुरा रहे थे

जाने से पहले पिताजी उनके पास गए और बाबा ने उन्हें वही पोटली दे दी
जिसे उन्होंने अपनी जेब में रख लिया
उनके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी थी वो पोटली पाकर

अब इस पोटली का क्या फंडा है, ये भी जल्दी पता लगाना पड़ेगा
पर अभी के लिए तो हम दोनो घर की तरफ चल दिये

आज मेरा शरीर चूर -2 कर दिया था बाबा ने
अब मैं सोना चाहती थी
पर मुझे क्या पता था कि पापा ने आज रात के लिए क्या प्लान बना रखा है...
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Motaland2468

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कुछ ही देर में वो जान गए कि अब टाइम हो गया है लंड अंदर डालने का
क्योंकि उनसे भी अब नहीं रहा जा रहा था
मेरी आँखो की सिर्फ पुतलिया घूम रही थी
जिस से मैं देख रही थी कि उन्होंने अपने खीरे जैसे लंड को पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखा
उसकी गर्मी मुझे भी महसूस हुई चूत पर

और फिर उसी चूत के रसीले रस का इस्तमाल करके उन्हें जब धक्का लगाना शुरू किया तो वो मोटा लोढ़ा एक-2 इंच करके मेरी चूत की सुरंग में घुसने लगा
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़
क्या मज़ा और दर्द मिला एक साथ
और साथ ही मेरे स्तनों को उनके तरस रहे होठों का भी
जिसे उन्होंने अभी तक ठीक से चूसा नही था

एक साथ दोहरा हमला और वह भी मेरे सबसे संवेदनशील क्षेत्र पर
ये मेरे बस की बात नहीं थी
मेरा शरीर ऐंठने लगा
लंड धीरे-2 अंदर घुसने लगा
और जब वो पूरा अंदर घुस गया तो मेरी आंखे बाहर निकलने को हो गई
ऐसा भरंवापन
ऐसा मजा
ऐसी उत्तेजना
मुझे आज तक कभी नहीं मिली थी



यार पापा
आपका ये दोस्त कितना शानदार है
और उतना ही शानदार इसका मोटा लंड
हाय्यय
मन कर रहा था कि अपनी बाहों में लेकर पूरी चिपक जाऊं
पर मुझे तो उसने बेबस करके रखा हुआ था
अब घेसू बाबा मेरे होठों पर भी टूट पड़े
पहले मेरे स्तन, और अब मेरे होंठ
साला एक नंबर का इमरान हाशमी है ये तो
और मुझे किस्स भी उसी अंदाज़ में कर रहा था



एकदम चूस चूसकर मेरे होंठ और जीभ का सारा रस निकाल कर अपने मुँह में ले जा रहा था
मैंने भी अपने होठों को ढीला छोड़ दिया ताकि उन्हें अच्छे से निचोड़ कर उनका रस पी सके
अब घेसू बाबा के लंड के झटके तेज होने लगे
और साथ ही मेरी सांसों की आवाज भी
क्योंकि सिर्फ तेज सांसे ही निकल पा रही थी उन झटकों के जवाब में मैं

उम्म्म्म्म्म्म्म उन्न्न्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह



कुछ देर बाद बाबा को शायद एहसास हुआ कि मेरे गन्ने की मशीन में उनके लंड का रस ज्यादा देर नहीं टिकेगा
वो निकलने वाला है
इसलिए उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया
मैं तो एकदम से खाली सी हो गई
मैं आंखे फाड़कर उन्हें देखने लगी
शिक़ायत करने लगी कि क्यों किया ऐसा
डालो वापिस अपना मोटा लंड मेरे अंदर

ये मेरा हक़ है
साडा हक़ , एथे रख

मेरी शिकायती लहजा देखकर उन्हें भी तरस आ गया और उन्होंने फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया
पर इस बार उन्होंने मुझे पलट कर उल्टा कर दिया
और मेरे कुल्हो को किसी स्टेयरिंग की तरह ऊपर उठा कर अपने लंड के सामने किया और अंदर डाला

एक बार फिर से मेरी सांसे रुकने को हो गई
क्योंकि इस पोजीशन में उनका लंड और भी गहराई तक घुस पा रहा था



अब उन्हें मेरे कुल्हो को पकड़ा और जोरों से मेरी चूत का बैंड बजाने लगे
मेरी नज़र सामने बैठे पापा पर आ गयी
जिन्होनें अपना मोटा लंड मुझे चोदते देख कर बाहर निकाल लिया था
काश वो आगे आकर उसे मेरे मुंह में घुसेड़ दे और मुझे तब तक चोदे जब तक उनका सारा रस मेरे मुंह में ना निकल जाए
पर पता नहीं क्यों वो बाबा के सामने कुछ कर क्यों नहीं रहे
पर इस वक्त तो मैं भी होश में नहीं रह गई थी

क्योंकि मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी
बाबा ने अपना जंगलीपन दिखाते हुए मेरे कुल्हे पकड़े और दे दना दन 8-10 शॉट मारे
मैं तो झड़ी ही
वो भी उसी पल झड़ने लगे

आखिरी वक्त में उन्हें अपनी पिचकारी बाहर निकाली और मेरी पीठ पर उससे चित्रकारी कर दी
दोनों के शरीर शांत हो चुके थे
मैं और कुछ न समझ पाई क्योंकि उसके बाद मैं गहरी बेहोशी में डूबती चली गई

और जब मुझे होश आया तो मैं उसी बिस्तार पर अकेली पड़ी थी
मेरे कपड़े अपने आप मेरे शरीर पर आ चुके हैं
और पिताजी मेरे सिरहाने बैठे थे

पापा: "अरे बेटा, क्या हुआ था तुझे... एकदम से बेहोश हो गई थी... तेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही, चल घर चलते है..."

इतना कहकर उन्हें मुझे सहारा दिया और मुझे बाइक तक ले आये
बाहर घेसू बाबा एक चट्टान पर बैठ कर आराम से चिलम पी रहे थे

और अभी मिले मजे में डूबकर अपनी किस्मत पर मंद-2 मुस्कुरा रहे थे

जाने से पहले पिताजी उनके पास गए और बाबा ने उन्हें वही पोटली दे दी
जिसे उन्होंने अपनी जेब में रख लिया
उनके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी थी वो पोटली पाकर

अब इस पोटली का क्या फंडा है, ये भी जल्दी पता लगाना पड़ेगा
पर अभी के लिए तो हम दोनो घर की तरफ चल दिये

आज मेरा शरीर चूर -2 कर दिया था बाबा ने
अब मैं सोना चाहती थी
पर मुझे क्या पता था कि पापा ने आज रात के लिए क्या प्लान बना रखा है...
Bole to jhakaas update Ashok bhai
 

Ashokafun30

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Shandar update he Ashokafun30 Bhai,

over confidence ne marwa diya dono behno ko...............

Ab dekhna ye he ki suraj milne par kaise react karega..........

Ab chhoti wali ki mulaqat hone he baba se...........

Keep rocking Bro
Thanks Ajju bhai
pehle to socha tha ki ek hi baar me bhai ke sath bhi sex karwa hi dete hai
par wo to regular story bankar reh jaati
thoda twist na ho to maja nahi aata
jab suraj ki baari aayegi tab dekhna agey ka kamaal
have fun
 
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