• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

Mr. X
Prime
4,343
17,114
144
IMG-20211022-084409


*Index *
 
Last edited:

Kala Nag

Mr. X
Prime
4,343
17,114
144
Jabardastttt Updateeee
धन्यबाद Jaguaar भाई बहुत बहुत धन्यबाद
Bahott maza aagaya padhkee. Veer ko uski anu mil gayi aur idher Vishwa aur Raja sahab ki mulkat hogyi jo bahot hi jyaada mazadaar thiii. Aur sath mein Vikram aur Vishwa ki bhi mulakat hogyii.
जी बिलकुल
Ab dekhna hogaa yeh mulakat kyaa rang rup lekar aati hai.
बेशक अब कहानी अपनी असल रंग में आ जायेगा
 

Kala Nag

Mr. X
Prime
4,343
17,114
144
Bahut hi behtarin is update main jo kuch hona chahie tha wo sab tha … 100 updates ki bahut bahut shubhkamnaen… or iski tarif ke liye shabd nahin hai… 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
धन्यबाद मेरे भाई बहुत बहुत धन्यबाद
बस इतना कहूँगा मैं नर्वस नाइनटी का शिकार हुआ
 

Kala Nag

Mr. X
Prime
4,343
17,114
144
भाई साहब - खामी वामी की बात कहाँ से आ गई? मैंने बस इतना लिखा था कि एक बार और पढ़ कर, फिर कमेंट लिखूँगा।
कोई नहीं
आप आए बाहर आई
मेरी खुद की कहानी के नए मोड़ से कई सारे पाठक अलविदा कह चुके! हा हा हा! 😂
हाँ यह दुख भी बढ़ा देता है
इसलिए आप अन्यथा न सोचें! आपका काम अच्छा है। झोल तो हर कहानी में होते हैं। दुनिया की बेस्टसेलर कहानी में इतने झोल हैं कि हर लाइन पर हँसते हँसते लोट-पोट हो जाए आदमी! खैर! अब आते हैं कहानी पर :)
हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यबाद
जैसा कि उम्मीद थी, अनु की दादी ने बिना किसी नौटंकी के वीर और अनु के रिश्ते की स्वीकृति दे दी।
देखा जाए तो उसके पास और कोई चारा ही नहीं था। भूत को बदला नहीं जा सकता, भविष्य कोई जानता नहीं - बस वर्तमान देखना पड़ता है। और वर्तमान में वीर अपने प्यार की सच्चाई के साथ आगे बढ़ रहा है। इतना काफी होना चाहिए था। और वही काफी साबित भी हुआ।
हाँ पर जैसा कि आपने कहा भविष्य अनिश्चित होता है

ये रॉकी और छठी गैंग हमेशा से बोर करते आए हैं, और आज भी केवल बोर ही किया उन्होंने। उनका योगदान कहानी को अनावश्यक तरीके से खींचने में ही प्रतीत होता रहा है, और आज भी वही है। हाँ, आगे कुछ और, या महत्वपूर्ण योगदान करेंगे, वो देखने वाली बात रहेगी।
इस घटना की आवश्यकता कितना था इसको मैं शायद जस्टिफाय नहीं कर सकता पर यहाँ पर कुछ हुआ है जो आगे चलकर पता चलेगा
विक्रम और विश्व आमने सामने आए - लेकिन ठंडा पानी पड़ गया उनकी मुलाकात पर। विक्रम अपने को पीटने वाले शख़्श को ले कर इतना एक्साइटेड था, लेकिन आमने सामने होने पर दोनों ही ऐसे चुप रहे जैसे जानते ही न हों एक दूसरे को! यह समझ नहीं आया।
इस बात का खुलासा अगले अपडेट में हो जाएगा
नकचढ़ी इतना सजी-धजी, लेकिन उस सजावट का दीदार नहीं किया उसके यार ने। वो भी बेकार! वैसे भी नकचढ़ी मेरे को पसंद नहीं। नाटक ही ज्यादा करती नज़र आती है अभी तक। बिना वजह फुटेज लेती रहती है कहानी में। हाँ - एक बात तो है। नकचढ़ी के सामने आने पर विश्व को उसकी हकीकत समझ आ जाएगी। होने वाले ससुर को कितना कूटना है, बस इतना ही सोचना पड़ेगा उसको। 🤣🤣🤣🤣🤣
हा हा हा हा हा हा हा
भैरव सिंह जो अपने सामने किसी को नहीं पूछता, वो अगर किसी वकील से, उसके बेटे के बारे में पूछे, तो बात समझ के बाहर हो जाती है। उसके समझ में उसके सामने सभी चींटियाँ हैं। प्रतिभा भी, और विश्व भी। इसलिए उसका व्यवहार अजीब लगा। 😯
इस बात का भी आपको अगले अपडेट में पता चल जाएगा
उससे अधिक प्रभावशाली एपिसोड रहा ओंकार का भैरव को धमकाना। ओंकार एक हेवीवेट है इस कहानी में - उसके पास खोने को और कुछ नहीं है। भैरव से टकराव में वो समाप्त भी हो जाएगा। लेकिन चोट वो बहुत गहरी देगा - यह बात तय हो चली। मतलब विश्व और ओंकार का कोलेबोरेशन होगा आगे। उम्मीद है। :good:
देखते हैं
लेकिन एक बात समझ नहीं आई - वीर पार्टी में नहीं दिखा! कमाल है! ऐसा तो नहीं लगता कि वो अनु को ले कर यहाँ पार्टी में आएगा। क्यों? क्योंकि उसी ने दादी से कहा कि माँ उसका रिश्ता माँगने आएँगी (वैसे यह होता तो नहीं - लेकिन चलो, मान लेते हैं)!
ह्म्म्म्म यह भी अगले अपडेट के लिए छोड़ देते हैं
स्साला - सारे दोस्त, दुश्मन, और मोहब्बत - सभी एक ही परिवार में! कैसी चूतिया किस्मत है अपने हीरो की!

आखिरी बात - ये समाचार वाली सुप्रिया विश्व को कैसे जानती है? अगर वो जानती है, तो विश्व के दुश्मनों को कैसे नहीं मालूम? ठीक है - भैरव सिंह न जाने उसको। लेकिन उसकी सिक्योरिटी/इंटेलिजेंस वाले तो जानने ही चाहिए!
यह जब सुप्रिया से मिलेगा तब उसका सच सामने आयेगा
अपडेट अच्छा था। बस एक बात की कमी लगी - दमदार संवाद - जो आपकी कहानी की पहचान हैं, इस बार नहीं थे। बाकी सब बढ़िया!
हा हा हा हा
बात दरअसल यह थी के मैं
नर्वस नाइनटी का शिकार हो गया 😉
 

Death Kiñg

Active Member
1,408
7,068
144
भैरव सिंह को विश्व की मुलाकात वैसी ही थी जैसी विश्व ने कुछ समय पहले तापस से कहा था। भैरव सिंह का अहंकार उसे ये आज्ञा नहीं देता की वो विश्व अथवा प्रतिभा जैसों को अपने समान ला खड़ा कर दे, उन्हें अपने दुश्मन का दर्जा देकर। दोनों कर मध्य हुए संवाद से एक बात तो स्पष्ट हो गई की भैरव सिंह को भारी नुकसान होने वाला है उस हकीकत के कारण, जो बल्लभ और अनिकेत ने उससे छुपा ली है। बहरहाल, बल्लभ और अनिकेत भी आने वाला थे ना पार्टी में? अनिकेत तो आना ही चाहिए, आखिर उसे भी पता चले कि किस लड़की पर नज़र डाल रहा था वो.. :D

प्रतिभा के अपमान पर जो प्रतिक्रिया दी विश्व ने, वो सत्य में हृदय को छू गई। वैसे देखने लायक बात ये रही की विश्व ने कहीं न कहीं अपना कद भैरव सिंह से भी ऊंचा कर लिया इस भाग में। चाहे वो सबसे देर से पार्टी में पहुंचना हो या फिर भैरव सिंह के सामने निडर खड़े रहना, चाहे उसके तर्कों का जवाब अपने तर्कों से देना हो या फिर भैरव सिंह को अंत में निशब्द कर देना.. इस भाग में भैरव और विश्व के बीच उस युद्ध का पुनः शंखनाद हो चुका है जिसकी चिंगारी सात बरस पहले भड़की थी। परंतु उस वक्त और आज के वक्त में ज़मीन – आसमान का अंतर है। खैर, अब देखना ये है की क्या भैरव और विश्व की ये जुबानी जंग अगले भाग में भी जारी रहेगी अथवा नहीं।

रूप ने भाषवती की सहायता से विश्व – सुप्रिया और विश्व – भैरव की सभी बातें सुन ली हैं। देखना होगा की इसका क्या असर होता है रूप के ऊपर। जैसा उसने खुद ही कहा शुभ्रा से की जल्द ही उसे अपने उपनाम – “क्षेत्रपाल” और अपनी मोहब्बत में से किसी एक को चुनना होगा, लगता यही है की वो वक्त नज़दीक आया जा रहा है। वैसे Kala Nag भाई जब रूप को ज्ञात हुआ था कि विश्व ही अनाम है तो उसने कूट दिया था विश्व को, जबकि विश्व को कुछ ज्ञात भी नहीं था। पर यहां रूप जान बूझकर विश्व से अपनी पहचान छुपा रही है, जब विश्व को ज्ञात होगा रूप के बारे में, तो उस दृश्य की कल्पना अभी से कर सकता हूं मैं...

विश्व की मुलाकात सुप्रिया रथ नामक एक लड़की से भी हुई जो नभ वाणी नामक न्यूज़ चैनल में रिपोर्टर है। प्रवीण कुमार की बेटी है क्या सुप्रिया? जिसके पिता को क्षेत्रपालों के अहंकार की भेंट चढ़ा दिया गया था और उसकी मां को उन दरिंदों ने नोच खाया था? यदि ऐसा है तो सुप्रिया एक विश्वसनीय पात्र साबित हो सकती है विश्व के लिए। क्योंकि उस लड़की के पास एक विशेष कारण है क्षेत्रपालों से बदला लेने का, तो बेशक वो दगा नहीं करेगी विश्व के साथ। जानना रोचक रहेगा की क्या – क्या पता कर चुकी है वो विश्व के बारे में।

इधर, अनु और वीर के प्रेम को दादी की स्वीकृति मिल गई है। बेशक उन्होंने पहले डरा दिया था दोनों को परंतु बाद में उन्होंने अपनी पोती को खुशियों को ही चुना। परंतु यहीं से क्षेत्रपालों के खिलाफ वो श्राप सच होने की शुरुआत हो गई है जो वैदैही ने भैरव सिंह को दिया था। लगता है की ऊपरवाला भी उस निर्दोष के आंसुओं और तड़प का इंसाफ चाहता है, तभी तो सभी पत्ते बिलकुल सही जगह बैठ रहे हैं। वीर की पिनाक संग तल्खी और अनु संग प्रेम मिलकर ऐसा मंजर बनाने वाले हैं जहां एक शाख क्षेत्रपाल नामक पेड़ से टूटकर गिर जायेगी। बस एक बार विक्रम के भी ज्ञान चक्षु खुल जाएं, फिर तांडव शुरू होगा, कर्मफल का।

इधर विश्व और विक्रम की भेंट वैसी ही थी, जैसी की मैंने अपेक्षा की थी। अगले अध्याय में शायद और प्रकाश डाला जाएगा इस पहलू पर, परंतु जब तक विक्रम विश्व का एहसान चुका नहीं देता, तब तक इन दोनों का मामला ठंडे बस्ते में ही रहने वाला है। शुभ्रा और विक्रम की कहानी भी एक अजीब से मकाम पर रुक गई है, जहां ना तो शुभ्रा और विक्रम के बीच दूरियां हैं और ना ही करीबी। शायद ज़रूरत है शुभ्रा को किसी ऐसे की जो उसका मार्गदर्शन कर सके, क्योंकि वही समझ नहीं पा रही है की उसे क्या करना चाहिए।

खैर, इस भाग ने सभी पात्रों को एक – दूसरे के सामने खड़ा किया। बहुत ही खूबसूरत था भाई ये भाग भी, प्रतीक्षा रहेगी 101 अपडेट के शगुन की...
 

Kala Nag

Mr. X
Prime
4,343
17,114
144
भैरव सिंह को विश्व की मुलाकात वैसी ही थी जैसी विश्व ने कुछ समय पहले तापस से कहा था। भैरव सिंह का अहंकार उसे ये आज्ञा नहीं देता की वो विश्व अथवा प्रतिभा जैसों को अपने समान ला खड़ा कर दे, उन्हें अपने दुश्मन का दर्जा देकर। दोनों कर मध्य हुए संवाद से एक बात तो स्पष्ट हो गई की भैरव सिंह को भारी नुकसान होने वाला है उस हकीकत के कारण, जो बल्लभ और अनिकेत ने उससे छुपा ली है।
हाँ विश्व भैरव सिंह के नस नस से वाकिफ है l इसलिए उसने तापस से वह बात कही थी
बहरहाल, बल्लभ और अनिकेत भी आने वाला थे ना पार्टी में? अनिकेत तो आना ही चाहिए, आखिर उसे भी पता चले कि किस लड़की पर नज़र डाल रहा था वो.. :D
क्यूँकी किसी मंत्री की निमंत्रण पर उसके यहाँ जाएं उनकी औकात नहीं है l वैसे उनका जाना ना जाना भैरव सिंह की मर्जी पर निर्भर था l
प्रतिभा के अपमान पर जो प्रतिक्रिया दी विश्व ने, वो सत्य में हृदय को छू गई। वैसे देखने लायक बात ये रही की विश्व ने कहीं न कहीं अपना कद भैरव सिंह से भी ऊंचा कर लिया इस भाग में। चाहे वो सबसे देर से पार्टी में पहुंचना हो या फिर भैरव सिंह के सामने निडर खड़े रहना, चाहे उसके तर्कों का जवाब अपने तर्कों से देना हो या फिर भैरव सिंह को अंत में निशब्द कर देना.. इस भाग में भैरव और विश्व के बीच उस युद्ध का पुनः शंखनाद हो चुका है जिसकी चिंगारी सात बरस पहले भड़की थी। परंतु उस वक्त और आज के वक्त में ज़मीन – आसमान का अंतर है। खैर, अब देखना ये है की क्या भैरव और विश्व की ये जुबानी जंग अगले भाग में भी जारी रहेगी अथवा नहीं।
अब आगे भैरव सिंह को विश्व के बारे में भान होगा
विश्व के बारे में उससे कितनी बड़ी चुक हुई तब उसे समझ में आएगा
फिर वह अपनी चाल चलने की कोशिश करेगा
पर हर चाल पर विश्व अपनी चालें चलेगा और हर बार भैरव सिंह और उसका सारा सिस्टम भी मुहँ की खाएगा
रूप ने भाषवती की सहायता से विश्व – सुप्रिया और विश्व – भैरव की सभी बातें सुन ली हैं। देखना होगा की इसका क्या असर होता है रूप के ऊपर। जैसा उसने खुद ही कहा शुभ्रा से की जल्द ही उसे अपने उपनाम – “क्षेत्रपाल” और अपनी मोहब्बत में से किसी एक को चुनना होगा, लगता यही है की वो वक्त नज़दीक आया जा रहा है।
हाँ बहुत नजदीक आ रहा है
वैसे Kala Nag भाई जब रूप को ज्ञात हुआ था कि विश्व ही अनाम है तो उसने कूट दिया था विश्व को, जबकि विश्व को कुछ ज्ञात भी नहीं था। पर यहां रूप जान बूझकर विश्व से अपनी पहचान छुपा रही है, जब विश्व को ज्ञात होगा रूप के बारे में, तो उस दृश्य की कल्पना अभी से कर सकता हूं मैं...
हा हा हा हा हा
देखते हैं
विश्व की मुलाकात सुप्रिया रथ नामक एक लड़की से भी हुई जो नभ वाणी नामक न्यूज़ चैनल में रिपोर्टर है। प्रवीण कुमार की बेटी है क्या सुप्रिया? जिसके पिता को क्षेत्रपालों के अहंकार की भेंट चढ़ा दिया गया था और उसकी मां को उन दरिंदों ने नोच खाया था? यदि ऐसा है तो सुप्रिया एक विश्वसनीय पात्र साबित हो सकती है विश्व के लिए। क्योंकि उस लड़की के पास एक विशेष कारण है क्षेत्रपालों से बदला लेने का, तो बेशक वो दगा नहीं करेगी विश्व के साथ। जानना रोचक रहेगा की क्या – क्या पता कर चुकी है वो विश्व के बारे में।
परफेक्ट यह आपने सौ फीसद सटीक अनुमान लगाया है
इधर, अनु और वीर के प्रेम को दादी की स्वीकृति मिल गई है। बेशक उन्होंने पहले डरा दिया था दोनों को परंतु बाद में उन्होंने अपनी पोती को खुशियों को ही चुना। परंतु यहीं से क्षेत्रपालों के खिलाफ वो श्राप सच होने की शुरुआत हो गई है जो वैदैही ने भैरव सिंह को दिया था। लगता है की ऊपरवाला भी उस निर्दोष के आंसुओं और तड़प का इंसाफ चाहता है, तभी तो सभी पत्ते बिलकुल सही जगह बैठ रहे हैं। वीर की पिनाक संग तल्खी और अनु संग प्रेम मिलकर ऐसा मंजर बनाने वाले हैं जहां एक शाख क्षेत्रपाल नामक पेड़ से टूटकर गिर जायेगी। बस एक बार विक्रम के भी ज्ञान चक्षु खुल जाएं, फिर तांडव शुरू होगा, कर्मफल का।
हाँ वीर बचपन से ही अलग स्वभाव का रहा है उसकी कभी भी उसके बाप के साथ पटी नहीं है l उसे जिसकी तलाश थी वह अनु पर खतम हो चुकी है l अब अनु उसकी जुनून बन गई है l अपने परिवार से भी ज्यादा महत्व रखती है अब l यही वीर की विद्रोह का कारण बनेगा
इधर विश्व और विक्रम की भेंट वैसी ही थी, जैसी की मैंने अपेक्षा की थी। अगले अध्याय में शायद और प्रकाश डाला जाएगा इस पहलू पर, परंतु जब तक विक्रम विश्व का एहसान चुका नहीं देता, तब तक इन दोनों का मामला ठंडे बस्ते में ही रहने वाला है।
चलिए आप इस बात को सटीक अनुध्यान किया है l बहुत से पाठकों को यही बात ठीक से हज़म नहीं हुई l
शुभ्रा और विक्रम की कहानी भी एक अजीब से मकाम पर रुक गई है, जहां ना तो शुभ्रा और विक्रम के बीच दूरियां हैं और ना ही करीबी। शायद ज़रूरत है शुभ्रा को किसी ऐसे की जो उसका मार्गदर्शन कर सके, क्योंकि वही समझ नहीं पा रही है की उसे क्या करना चाहिए।
बस कुछ दूरी और कुछ देरी रह गई है
खैर, इस भाग ने सभी पात्रों को एक – दूसरे के सामने खड़ा किया। बहुत ही खूबसूरत था भाई ये भाग भी, प्रतीक्षा रहेगी 101 अपडेट के शगुन की...
धन्यबाद मित्र बहुत बहुत धन्यबाद
 
Top