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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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Shetan

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👉दुसरा अपडेट
--------------
यह क्या है....? वह खाकी रंग के चिट्ठी को दिखाते हुए पूछती है वह औरत l
अपना टाई बांधते हुए तापस मुस्कराता है l औरत खीज जाती है, फ़िर चिढ़ कर पूछती है - आप हंस क्यूँ रहे हैं.....?

तापस उस औरत के तरफ मुड़ कर कहता है - अरे यार तुमने तो पढ़ लिया होगा l फ़िर पूछ क्यूँ रहे हो l

वह औरत पूछती है - इसका मतलब आप अपने जॉब से VRS ले रहे हैं l
तापस - हाँ....
औरत - पर क्यूँ...
तापस- अरे मेरे साथी जीवन साथी मैंने इस्तीफा तो नहीं दी है ना l मैंने नौकरी से VRS मांगा, यह उसकी क्लीयरेंस है l
औरत - हाँ... दिख रही है मुझे l पर क्यूँ...? और एक बार भी आपने मुझसे कहा भी नहीं l (दुखी स्वर में) क्या हमारे बीच इतना गैप आ गया है l
तापस - (कुछ सीरियस होते हुए) नौकरी में रहकर मैंने क्या उखाड़ लिया l पहले फील्ड में था l वहां से प्रमोशन दे कर मुझे जैल सुप्रीनटेंडेंट बना कर डम्मी बना कर बिठा दिया l जब अपने बच्चे के लिए कुछ करना चाहा तब.....
तब भी एक डम्मी ही रहा
अब नहीं.... हाँ अब और नहीं
मैं नौकरी में रहकर शायद तुम्हारे प्रताप को वह मदद नहीं दे सकता था जो अब मैं उसके लिए कर सकता हूँ प्रतिभा l
प्रतिभा - क्यूँ नहीं कर सकते थे......
नौकरी में रहकर अपने कनेक्शन से भी तो मदद किया जा सकता है l
तापस- नहीं कर सकता था l तुम जानती हो..
मैं सरकारी तंत्र से बंधा हुआ था और तब मैं खुद भी तन मन से सरकारी मशीनरी का पुर्जा ही होता l लेकीन अब वह बंदिश नहीं है मुझ पर l कहने को मैं इस्तीफा भी दे सकता था, पर दस साल और नौकरी रहते हुए अगर इस्तीफा देता तो इंक्वायरी विंग के रेडार में रहता l अब मैं निश्चिंत हो कर अपना काम कर सकता हूं...
प्रतिभा - ह्म्म्म्म .... आप शायद ठीक कर रहे हैं l लेकिन मुझे इतना गैर क्यूँ कर दिया
तापस - इस बात के लिए मुझे माफ कर दो l मुझे अंदाजा नहीं था कि तुम इस बात से इस हद तक दुखी होगी l सॉरी प्रतिभा मुझे माफ़ नहीं करोगी.....

प्रतिभा - ठीक है, ठीक है... अब इतना सीन बढ़ाने की जरूरत नहीं है l लेकिन हमे आगे चलते कनेक्शनस की जरूरत पड़ेगी..... तब
तापस-तुम मुझ पर भरोसा रखो मैंने इन डेढ़ सालों में अपना जो कनेक्शनस डिवेलप किया है l तुम्हें आगे चलते अंदाज़ा हो जाएगा l
इतना सुनते ही प्रतिभा के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और चेयर से उठ कर तापस से कहती है - ठीक है सेनापति जी तो क्या अब पूरी चलें l
तापस - अरे सीधे सुप्रीनटेंडेंट से सेनापति जी....
प्रतिभा - जी... क्यूँ के अब आप जैल सुप्रीनटेंडेंट तो रहे नहीं...
तापस - ठीक है वकील साहिबा चलें...
हा हा हा हा दोनों हंसते हुए घर से बाहर निकालते हैं..

×××××××××××××××××××××××××××
ठीक उसी समय भुवनेश्वर से पांच सौ किलोमीटर दूर पश्चिम में यशपुर प्रांत के राजगड़ कस्बे में एक बड़ी सी महल है l उसी महल के एक कमरे में एक बहुत ही सुंदर सी लड़की रीडिंग टेबल के पास रखे चेयर पर कोई किताब पढ़ रही है.....
तभी उस कमरे के दरवाजे पर दस्तक होती है l
वह लड़की - कौन है
बाहर से आवाज आती है - जी राज कुमारी जी मैं सेबती.
लड़की - हाँ सेबती अंदर आओ (सेबती अंदर आती है) हाँ अब बोलो क्या हुआ l
सेबती- जी वह राजा साहब ने आपको नाश्ते के लिए बुलाया है...
लड़की - अच्छा l तो आज कमरे तक नाश्ता नहीं आएगा...
बहुत दिनों बाद नाश्ते के टेबल पर जाना पड़ेगा...
सेबती- अब मैं क्या कह सकती हूँ..
लड़की - हाँ ठीक कहा..
तुम चलो मैं पहुँचती हूँ..
सेबती कमरे से निकल जाती है l उसके जाते ही लड़की अपनी किताब टेबल पर रख देती है और कमरे से निकल कर नीचे डायनिंग हॉल में पहुंचती है
तो देखती है उसके परिवार के सभी सदस्य टेबल पर बैठे हैं

( राजगड़ इस महल में रह रहे सदस्यों के बारे में थोड़ा-सा विवरण

लड़की - रूप नंदिनी क्षेत्रपाल
लड़की के पिता - भैरव सिंह क्षेत्रपाल/राजा साहब
लड़की के दादाजी - नागेंद्र सिंह क्षेत्रपाल/बड़े राजा जी
लड़की के चाचा - पिनाक सिंह क्षेत्रपाल/छोटे राजा जी
लड़की की चाची- सुषमा सिंह क्षेत्रपाल
लड़की की बड़ा भाई - विक्रम सिंह क्षेत्रपाल/युवराज
लड़की की भाभी - शुभ्रा सिंह क्षेत्रपाल

लड़की की चचेरा भाई और पिनाक सिंह का बेटा - वीर सिंह क्षेत्रपाल/राज कुमार )
रूप जब डायनिंग टेबल के पास शुभ्रा को देखती है खुशी के मारे भाभी कह कर उसके गले लग जाती है l और पूछती है - क्या भाभी आप कब आईं और मुझे बताया भी नहीं l
शुभ्रा - वह कल अचानक से राजा साहब का फोन आया और कहा तुरंत राजगड़ पहुंचो l तो सीधे यहां आ गए l पर तब तक आप सो चुकीं थी....
रूप - चलो अच्छा हुआ...
इतना कह कर रूप शुभ्रा से ज़ोर से गले मिली

यह देख कर पिनाक सिंह कहता है - यह क्या है रूप.... ऐसे क्यूँ गले मिल रही हैं ... मत भूलिए आप राज कुमारी हैं और राजकुमारी जैसी एटिट्यूड रखिए l अपने इमोशंस को काबु में रखें l
यह सुन कर रूप का चेहरा उतर जाता है l शुभ्रा उसके कंधे पर हाथ रखकर रूप को अपने पास बिठाती है l
इतने में राजा साहब उर्फ़ भैरव सिंह क्षेत्रपाल डायनिंग हॉल में प्रवेश करता है और रूप से कहता है - छोटे राजा जी ने ठीक कहा है......
आपको अपने एटिट्यूड पर ध्यान देना चाहिए l कल को आपके विवाह के बाद यही एटिट्यूड आगे चलकर आप ही के काम आएगी....
रूप - जी राजा साहब...
फिर भैरव सिंह एक नौकर को कहता है- है तु... जा कर बड़े राजा जी को ले कर आ l
वह नौकर दौड़ कर जाता है और एक बुजुर्ग को व्हीलचेयर पर बिठा कर लता है l
बुजुर्ग के हॉल में प्रवेश करते ही सभी सदस्य अपने चेयर से खड़े हो जाते हैं
नागेंद्र की व्हीलचेयर डायनिंग टेबल पर लगते ही भैरव सिंह पहले बैठता है और उसके बाद सभी अपने अपने चेयर पर बैठ जाते हैं
कुछ नौकर आ कर सबको नाश्ता परोस देते हैं..
भैरव सिंह एक चम्मच से निवाला उठा कर नागेंद्र के मुहं पर देता है, नागेंद्र के निवाला खाते ही पास खड़े नौकर से नागेंद्र को खिलते रहने को बोलता है फिर अपना नाश्ता शुरू करता है l भैरव सिंह के नाश्ता शुरू करने के बाद सभी अपना नाश्ता शुरू करते हैं l
नाश्ता सभी का लगभग ख़त्म होते ही भैरव सिंह बोलता है - आज बहुत दिनों बाद हम सब इक्कठे हो कर यहाँ बैठ कर खा रहे हैं इसकी एक विशेष वजह है l
सब के चेहरे पर आश्चर्य झलक रहा है.. शुभ्रा और रूप एक दूसरे को देख कर आँखों आंखों पूछ रहे हैं क्या खबर हो सकती है और एक दूसरे को सर हिला कर ना में जवाब देते हैं l
भैरव सिंह - रूप आज शाम को युवराज व आपने भाभी के संग भुवनेश्वर जाएंगी l और वीर सिंह जिस कॉलेज में MA कर रहे हैं उसी कॉलेज में ग्रेजुएशन करेंगी l
यह सुनते ही रूप, शुभ्रा और सुषमा के चेहरे पर खुशी छा जाती है, पर वहीं सारे पुरुषों के चेहरे पर सवाल तैर रहे होते हैं l
विक्रम - माफी चाहूँगा राजा साहब पर आप तो रूप के आगे पढ़ने के विरुद्ध थे, फिर अचानक l
भैरव - हाँ अब वही बताने जा रहा हूँ... परसों हमारे यहाँ स्टेट के उद्योग मंत्री श्री गजेंद्र सिंह देव आये थे बड़े राजा जी से मिलने l मिलकर जाते वक्त वे रूप को देखे l उन्हें रूप उनके सुपुत्र दिव्य शंकर सिंह देव के लिए पसंद कर लिया और बातों बातों में मुझसे कह भी दिया l हमारे जैसे ही रजवाड़ों से संबंधित हैं l उनका परिवार दसपल्ला रजवाड़ों से है और देश विदेश में कारोबार फैला हुआ है बिल्कुल हमारी तरह l पर उनके सुपुत्र दिव्य शंकर फ़िलहाल अपनी उच्च शिक्षा के लिए तीन वर्षो के लिए विदेश जा रहे हैं l इसलिए रूप उनके आने तक भुवनेश्वर में अपना ग्रेजुएशन पूरी करेंगी l
वीर - ठीक है यह बहुत ही अच्छी ख़बर है पर इस विवाह से और रूप के ग्रेजुएशन से क्या सम्बंध है l

भैरव - (अपने चेहरे पर थोड़ी कठोरता ला कर) मुझे इस विवाह से मतलब है ना कि रूप कि ग्रेजुएशन से l उनको एक ग्रेजुएट बहु चाहिए और हमे हमारी बेटी के लिए एक रजवाड़ा खानदानी परिवार l
यह सुन कर सब खामोश हो जाते हैं l सभी औरतें जिनके चेहरे कुछ देर पहले जो खिली हुई थी अब मुर्झा जाती है l
भैरव सिंह - वीर आपके कॉलेज में रूप जाएंगी तो आपकी जिम्मेदारी बढ़ गई है l मैंने प्रिन्सिपल से बात कर ली है l आपको सीधे जा कर रूप का एडमिशन कराना है l
वीर - जैसी आपकी आज्ञा....
भैरव - युवराज आप रूलिंग पार्टी के युवा मंच के अध्यक्ष हैं फ़िर भी आप जितना ध्यान पार्टी को देंगे उतना ही रूप का खयाल रखेंगे l
विक्रम - जी राजा साहब
भैरव - एक बात याद रहे आप सबको, वहाँ कोई रूप को नजर उठाकर भी नहीं देखेगा ऐसा खौफ होना चाहिए उस कॉलेज के हर छात्रों में l
वीर व विक्रम - जी राजा साहब.....
भैरव - (सुषमा व शुभ्रा से) आप दोनों रूप कि सामान वगैरह पैकिग में सहायता करें l और बहू रानी खास कर आपके लिए हिदायत है.....
इतना सुनते ही शुभ्रा के माथे पर कुछ पसीने की बूंदे दिखने लगी l
भैरव - आपके यहाँ रूप हमारे घर की बेटी से ज्यादा सिंह देव परिवार की होने वाली बहु की तरह रहनी चाहिए l
शुभ्रा - (बड़ी मुश्किल से हलक से आवाज़ निकालती है) ज..... ज... जी राजा साहब l
भैरव - ठीक है अब आप जनानी लोग यहाँ से प्रस्थान करें l
यह सुनते ही तीनों औरतें तुरंत प्लेट में हाथ साफ कर रूप कि कमरे की चले जाते हैं l
उनके जाते ही भैरव सिंह उस नौकर से जो नागेंद्र को खिला रहा था, कहता है - जाओ बड़े राजा जी को उनके कमरे तक ले कर आराम से सुला देना l
"जी मालिक " कहकर वह नौकर नागेंद्र को ले कर चला जाता है l
अब भैरव पिनाक, विक्रम व वीर से कहता है मुझे थोड़ी देर में आप सब बैठक में आ कर मिलें l
×××××××××××××××××××××××××××
इधर रूप के कमरे में बिस्तर पर बैठ कर रूप सिसक रही है l पास बैठ कर सुषमा उसे दिलासा दे रही है और कमरे में शुभ्रा चहल कदम कर रही है l
रूप - चाची माँ मेरे साथ ही ऐसा क्यूँ होता है.... दो साल पहले मैंने कितने चाव से इंटर किया था पूरे जिला मे फर्स्ट आए और राज्य में सेवेंथ l हम सोचे जो उपलब्धियां भाईयों हासिल नहीं हुआ तो मेरे उपलब्धी शायद राजा साहब को खुश करदे l मगर ऐसा न हुआ उल्टा मेरे आगे की पढ़ाई बंद करवा दी... और अब शादी के लिए मुझे आगे पढ़ाया जा रहा है l
सुषमा - बेटी तू अगर कम मार्क से पास हो रही होती तो शायद आगे पढ़ाई में कोई असुविधा ना होती पर तेरी अच्छी पढ़ाई उनके अहं को ठेस पहुंचाई l इसलिए उन्हों ने तेरी पढ़ाई रोक दी थी l अब इसी बहाने इस कैद खाने से बाहर जाएगी तीन साल के लिए ही सही बाहर तो जाएगी ना बेटी l
शुभ्रा - हाँ रूप चाची माँ सही कह रही हैं l तुझे अब जीवन भर की बंधन में बंधने से पहले तीन साल की आजादी की ज़मानत मिली है l चल उसे जी भर के जी l तेरे साथ मैं पुरी तरह से खड़ी रहूंगी l तेरी भाभी बन कर नहीं बल्कि तेरी दोस्त बन कर l
सुषमा - अच्छी बात कही बहु l युग युग जियो l इस परिवार में हम तीन ही हैं जो आपस में रिश्ते निभा रहे हैं l वरना राजा साहब, छोटे राजा, बड़े राजा, युवराज व राज कुमार में बंधे हुए इन मर्दों को और किसी रिश्तों से कोई मतलब ही नहीं है l
रूप- हाँ चाची माँ, आप ठीक कह रही हैं l हम इस घर से रिश्तों से बंधे हुए हैं इसलिए बचे हुए हैं वरना....
सुषमा- ना मेरी बच्ची यह बात अपने मुँह से मत कह...
शुभ्रा - चाची माँ ठीक कह रहे हैं l यहाँ उनके खिलाफ हवा भी नहीं बह सकता और हम कह कैसे सकते हैं l
रूप - ठीक है चाची माँ l पर आप भी मेरे साथ चलिए ना l
सुषमा - नहीं मैं नहीं जा सकती l तेरे दादाजी की देखभाल मुझे ही करना है l पर तू जा मेरा आशीर्वाद तेरे साथ हमेशा रहेगी l जा...... (सुषमा की आंखों से आंसू निकल जाते हैं)
यह देख कर रूप सुषमा के गले लग जाती है
×××××××××××××××××××××××××××

पिनाक, विक्रम और वीर डायनिंग हॉल से निकल कर बैठक में पहुंचते हैं l वीर अपना चेयर पर बैठ कर आवाज़ देता है - अरे कोई है.....
भीमा आता है - हुकुम मालिक
वीर - राजा साहब दिख नहीं रहे हैं
भीमा-जी राजा साहब ने कहा है आप थोड़ी देर बैठे वह शीघ्र ही पधार रहे हैं l
पिनाक-लगता है कुछ विशेष है...
भैरव - हाँ विशेष तो है (बैठक के अंदर आते हुए) पर चिंता करने लायक नहीं है
विक्रम - अगर चिंता की बात नहीं तो हम सब यहाँ पर किस विषय पर चर्चा करेंगे l
भैरव - हमारे लीगल एडवाइजर बल्लभ प्रधान को किसी बात की चिंता है l इसलिए यश पुर के अपने लाव-लश्कर को लेकर आ रहा है l इसलिए हमे देखना होगा कि उसकी चिंता क्या है....
विक्रम - हमारा लीगल एडवाइजर किसी घोर चिंता में है और उसकी चिंता वह आपसे दूर करवाएगा l तो हम उसे अपना लीगल एडवाइजर क्यूँ रखे l
भैरव - हमे उसकी चिंता दूर करना होगा ताकि भविष्य में हमे चिंतित न होना पड़े....
भीमा-मालिक दस गाड़ियों से बारह लोग आए हैं l अंदर आने की इजाजत मांग रहे हैं l
भैरव - हाँ वे सब खास महमान हैं l उन्हें भीतर ले आओ और सबको बिठाओ l
भीमा सारे लोगों को अंदर लाता है
भैरव - आओ प्रधान आओ l कुछ तो ऐसा हुआ है जो पूरे लश्कर लेकर आए हो l आओ और आप सब विराजे l
सब के बैठने के बाद प्रधान बोलता है - राजा साहब यह महाशय हमारे नए BDO हैं सुधांशु मिश्र हमारे यहां अभी इनकी सरकारी पोस्टिंग हुई है.....
भैरव - ह्म्म्म्म रुक क्यों गए बोलते रहो
प्रधान - जी अब मेरे पास कुछ नहीं है कहने के लिए...... अब अगर मिश्र जी कहेंगे l
भैरव, सुधांशु मिश्र को देखता है l सुधांशु भैरव को अपने तरफ देखते हुए पाया तो कहाना शुरू किया - राजा साहब मैं यश पुर के लिए नया हूँ पर इस प्रोफेशन में नया नहीं हूँ l ब्लॉक के डेवलपमेंट के खर्चों पर NOC व UC देना हमारा काम होता है l मैंने ऑडिट कराने के बाद पाया कि दो साल पहले जितने भी ब्लॉक प्रोजेक्ट व मनरेगा के काम दिखाया गया है सब में दस से पंद्रह प्रतिशत ही काम हुआ है जब कि UC में मेरा मतलब युटीलाइजेशन सर्टिफिकेट में सौ फीसदी दिखाया गया है....
बैठक में इतनी शांति थी के अगर एक सुई भी गिर जाए तो जोर से सुनाई देती l
मिश्र - इन दो वर्षो में कोई भी प्रोजेक्ट नहीं लाया गया क्यूंकि भारत सरकार ने जब से डिजिटल इंडिया का मुहीम शुरू की है और मनरेगा में काम करने वालों की बैंक अकाउंट आधार कार्ड से जुड़ गया है तब से आप सबके हाथ खाली हैं......
भैरव सिंह के चेहरे पर ना तो कोई शिकन था ना कोई चिंता एक दम भाव हीन l भैरव सिंह के चेहरे पर कोई भाव न देख कर मिश्र के चेहरे पर थोड़ी सी निराशा दिखा
मिश्र फिर कहने लगा - राजा साहब भले ही भारत सरकार डिजिटल इंडिया की मुहिम चलाएं है पर पिछले दो साल पहले की तरह अब भी सबके हाथ में पैसा आ सकता है l मेरे पास इसका फूल प्रूफ़ प्लान है l पर इसके बदले में पिछला BDO जितना लेता था मुझे उससे डबल चाहिए l
बड़ी आशा भरी नजर से मिश्र भैरव सिंह को देख रहा था l पर उसकी बात सुन कर पिनाक कुछ कहना चाहता था l भैरव पिनाक को हाथ दिखा कर चुप रहने को इशारा किया और मिश्र से कहा - आपने आज हमे खुश कर दिया है l आप सबको हम दावत का निमंत्रण दे रहे हैं l आप सब आज रंग महल में दोपहर का भोजन करें और शाम को हम मिश्र से प्लान सुनेंगे l भीमा यह सब आज हमरे मेहमान हैं l इन्हें रंग महल में ठहराव और खाने पीने का पूरा ध्यान रखो l
भीमा- जी मालिक
भीमा सबको अपने साथ लेकर रंग महल की और चला जाता है l
अब पिनाक भैरव सिंह से पूछता है - यह क्या राजा साहब एक अदना सा मुलाजिम हमारे सामने इतना कह गया और हमसे हिस्से की सौदा भी कर गया फिर भी आपने उसे छोड़ दिया और मेहमान बना कर दावत दे रहे हैं l
विक्रम - हाँ छोटे राजा ठीक कह रहे हैं l हमारी आँखों में आँख डाल कर बात कर रहा था l कहीं यह उसकी आदत ना बन जाये......
भैरव - इच्छायें जितनी बड़ी होती हैं उतनी ही खूबसूरत होती हैं........
लालच बहुत बुरी बला है फ़िर भी इंसानी फितरत है........
वक्त कम हो या झोली छोटी फिर भी सब समेट लेना इंसानी आदत है.......
यह स्टेट हमारी मिल्कियत है और सारा सिस्टम पानी, हम इस पानी के मगरमच्छ हैं
यह वह सुना है,
पर जाना नहीं है

यह अब जानना उसकी जरूरत है....
Shandar. Superb....
 

Kala Nag

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मेरे दोस्तों
मैं अभी विशाखापट्टनम में हूँ
मेरे एक रिश्तेदार पर सुबह जॉगिंग के वक़्त राहजानी हमला हुआ था, और वह बुरी तरह से घायल हो गए थे l मैं इस वक़्त कुइन्स एनआरआई हस्पताल में हूँ l पुलिस स्टेटमेंट ली जा चुकी है l सर पर जो चोट आई थी उसे स्टिचींग कर दिया गया है l
फ़िलहाल वह खतरे से बाहर हैं
पर चूंकि पारिवारिक मामला है
इसलिये जब तक वह हस्पताल से छूट नहीं जाते मैं थोड़ा विराम दे रहा हूँ
सॉरी
 

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मैं अभी विशाखापट्टनम में हूँ
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फ़िलहाल वह खतरे से बाहर हैं
पर चूंकि पारिवारिक मामला है
इसलिये जब तक वह हस्पताल से छूट नहीं जाते मैं थोड़ा विराम दे रहा हूँ
सॉरी
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मैं अभी विशाखापट्टनम में हूँ
मेरे एक रिश्तेदार पर सुबह जॉगिंग के वक़्त राहजानी हमला हुआ था, और वह बुरी तरह से घायल हो गए थे l मैं इस वक़्त कुइन्स एनआरआई हस्पताल में हूँ l पुलिस स्टेटमेंट ली जा चुकी है l सर पर जो चोट आई थी उसे स्टिचींग कर दिया गया है l
फ़िलहाल वह खतरे से बाहर हैं
पर चूंकि पारिवारिक मामला है
इसलिये जब तक वह हस्पताल से छूट नहीं जाते मैं थोड़ा विराम दे रहा हूँ
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Koi Baat nahi Bhai,

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Luckyloda

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मैं अभी विशाखापट्टनम में हूँ
मेरे एक रिश्तेदार पर सुबह जॉगिंग के वक़्त राहजानी हमला हुआ था, और वह बुरी तरह से घायल हो गए थे l मैं इस वक़्त कुइन्स एनआरआई हस्पताल में हूँ l पुलिस स्टेटमेंट ली जा चुकी है l सर पर जो चोट आई थी उसे स्टिचींग कर दिया गया है l
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सॉरी
Aap unhe dekho.... ham aapki raah dekh rahe hai....
 
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Sidd19

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Kala Nag

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Koi Baat nahi Bhai,

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Aap unhe dekho.... ham aapki raah dekh rahe hai....


Kala Nag bhai next update kab tak aayega?
बस आ गया हूँ मित्रों
अपने रिश्तेदार की सुरक्षा को सुनिश्चित करलेने के बाद विशाखापट्टनम से लौटा हूँ
आज रात मैं अपडेट प्रस्तुत कर दूँगा
 
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