" सरवाइवल आफ द फिटेस्ट " डार्विन का सिद्धांत आज के युग में सही तरह से फिट होता है । वही लोग सर्वाइव कर सकते हैं जो अपनी विपरीत हालातों से मुकाबला कर सकने में सक्षम होते हैं ।
एक जिराफ के एग्जाम्पल से डार्विन ने इस थियूरी को समझाया था । डैनी ने बहुत ही बढ़िया सलाह दिया विश्व को । और विश्वा ने इसे न ध्यान में ही रखा बल्कि अच्छी तरह से अमल भी किया । रंगा को बहुत ही बढ़िया तरीके से सबक सिखा दिया ।
इसके पहले बाप बेटे का कन्वर्सेशन बहुत ही बेहतरीन लगा । प्रत्यूष अब जिंदा नहीं है , यह सोचकर ही मन दुखी हो जाता है । उससे भी ज्यादा मुझे तापस सर और उसकी पत्नी पर दया आती है कि कैसे अपने दिल को उन्होंने समझाया होगा ! बाप मां के सामने ही जवान बेटे को खोना , इससे बड़ा गम कुछ नहीं है । उनकी हंसी भी खोखली ही लगता है मुझे ।
हमेशा की तरह इस बार भी गजब का अपडेट लिखा है आपने । पिछली कहानी में , जैसा आपने कहा मैं भावनाओं में बह गया था , सही कहा था । वैदेही क्षेत्रपाल फेमिली की खून थी ।
जगमग जगमग अपडेट भाई ।