राजा साहब के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की व्यवस्था की गई है । और राजा साहब ने स्वयं ही अपने केस के पैरवी करने का फैसला किया है ।
राजा साहब अपना बचाव अदालत मे अवश्य ही खुद कर सकते हैं लेकिन यह फास्ट ट्रैक कोर्ट की बात मुझे समझ नही आई ।
ऐसे कोर्ट कुछेक स्पेशल मामलात मे ही स्टेब्लिस्ड किए जाते हैं । जैसे पोक्सो एक्ट के तहत , महिलाओं के साथ यौन अपराध और सांसद - विधायक से सम्बंधित कोई अपराधिक मामले ।
राजा साहब कभी सांसद या विधायक रहे नही । और उन पर जो इल्ज़ाम है वह सरकारी पैसों के गबन और धोखाधड़ी का है । या फिर गांव के किसानों के जमीन हड़पने का है ।
यह केस स्पेशल कोर्ट मे जाना ही नही चाहिए ।
अपडेट का प्रारम्भ रूप और नागेंद्र के साथ शुरू हुआ और इसी भाग मे विश्वा के साथ रूप का एक संवेदनशील कन्वर्सेशन भी दिखाया गया ।
इनकी बातों से स्पष्ट जाहिर हो रहा है कि नागेंद्र साहब के जीवन के दिन अब पुरे हो गए हैं । कोर्ट सीन्स मे हुए घटनाक्रम भी इसी ओर इशारे कर रहे हैं ।
लेकिन सबसे प्यारा क्षण था रूप और विश्वा का रोमांटिक और इमोशनल लम्हात । ऐसा लगा जैसे ये दोनो दो जिस्म एक जान हैं ।
इसके बाद के भाग मे शुभ्रा ने भी बहुत ही परिपक्वता दिखाई । एक आदर्श सुहागन की दिन - रात , सुख - दुख , अच्छा - बुरा अपने पति के संग ही होती है । विक्रम को अपनी पत्नी पर गर्व करना चाहिए ।
शुभ्रा के मां-बाप ने इस वक्त जो कुछ किया वह एक औपचारिकता से कम नही था । जब शुभ्रा का साथ देना चाहिए था तब इन्होने अपनी आंखे बंद कर ली थी ।
गौरी और टिलू की क्या बात करें ! इन दोनो की हर समय की नोक-झोंक हमे सदैव प्यारी लगती है ।
वैदेही की चिंता गाँव वालों को लेकर जायज है लेकिन यह सब उसके हाथ मे भी नही है कि वह गाँव वालों के दिल से भैरव सिंह का खौफ निकाल सके । यह लोग वगैर रीढ़ के इंसान है जो दो कदम भी चल नही सकते ।
बहुत ही खूबसूरत अपडेट था बुज्जी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।