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Incest वो,जो नही होना था।

Palak aur Abhishek ka Milan

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cartoon18

लिखावट बाय दिहाती लेखक🌚
142
806
94
गायब नही समय नही मिल पा रहा है। सरकार,क्षमा
जल्दी अपडेट देते है
 

cartoon18

लिखावट बाय दिहाती लेखक🌚
142
806
94
अपडेट –50
मैं- क्या यार तू भी ना?

सीमा- ये मत समझो कि मैंने तुम्हें छोड़ दिया।
मैं- मतलब
सीमा- मतलब ये जो कुछ देर पहले किया वो फिर से करो।
मैं- नहीं सीमा ये सब गलत..
इतना ही कहना हुआ होगा सीमा ने अपने होठ मेरे होठ पे रख दिये।
जब तक कुछ समझ पता नहीं, सीमा स्मूच करने लगी
सीमा को धक्का देकर अलग किया
मैं- सीमा यह क्या कर रही हो?
सीमा- वही, जो तुमने अधूरा छोड़ा था.
मैं- देखो वाह जो हुआ वो बहकाबे में हुआ लेकिन अब नहीं. वैसे भी हम भाई बहन हैं।

सीमा- ओह अभि
, तुम तो भाई बहन की बात किया ही मत करो मालूम है मुझको,

मैं- हां अच्छा हुआ खराब हूं जैसा हूं पर ये नहीं हो पाएगा।

सीमा गुस्से में थोड़े रोते हुए शकल बनके मुझे चिढ़ाने लगी।

मुझे मालूम है कि आप के लिए मेरी कोई अहमियत नहीं है। मैं तो एक बाजारू टाइप हूं, यदि आप का मन हुआ तो चुम्बन कर लिया और मेरा मन हुआ तो मुहू मोड़ लिया....

शायद मैंने आप के बारे में सही सुना था की एक नंबर के फट्टू और डरपोक हो आप,

इतना कहे कर सीमा दूसरी तरफ मुहु कर के हल्का सा रोने लगी।
सीमा की इतनी बातें सुनकर मेरे अंदर इतनी गुस्सा और पता नही कहा से आग सी लग गई थी।

मैने इधर–उधर ना देखा सीधे सीमा का मुंह अपनी तरफ घूम कर होठों पर होंठ जोड़ कर चुम्बन करने लगा।
वही ब्रेंच पर सीमा को नीचे कर दिया और अब
सीमा मेरे नीचे और मैं सीमा ऊपर से किस करने जा रहा था।

दोनों की आंखें बंद थीं एक दूसरे में मगन थे हम लोग.वैसे भी आस पास कोई था भी नहीं.
अपने दूसरे हाथ से सीमा के दूध ऊपर से दबाने लगा।

जैसे हमारी किसिंग टूटी हम लोगों की आंखे एक दूसरे से फिर मिली। हम दोनो लोग एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। और जोर जोर से सांसे भर रहे थे।

तभी सीमा ने अपना हाथ मेरे पीछे गर्दन पर रखा और फिर से किसिंग चालू कर दी।
उसके कोमल–कोमल होंठ पीने का मजा ही कुछ और आ रहा था।और साथ में हल्के टाइट दूध दबाने में ऐसा आनंद आता था जैसे जन्नत में आ गया हो। और मेरा लंड तो ऐसे लग रहा था जैसे अन्दर फट ही जायेगा।

चुम्मा–चाटी छोड़ कर मैं इधर–उधर देखने लगा पास में झड़ियों की तरफ देखता हूं,
वाह जा कर एक सुरक्षित जगह पर अभि और सीमा एक दूसरे के साथ बैठ गए।
वाहा पहुच कर दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लेते हैं और एक कसकर गले लगाते हैं।

फिर दोनो अलग होते हैं और मैं सीमा को अपनी एक जांघ पर बैठा लेता हूं,और पीछे से सीमा को टाइट पकड़ लेता हूं।

फिर से दोनो लोग एक दूसरे को किस करने लगे।मेरा एक हाथ सीमा की गर्दन पर दूसरे से उसके स्तन दबाए जा रहा था।

सीमा ने अपना हाथ मेरे जींस पर रख दिया और धीरे धीरे मेरी जांघो को सहेलते-सहेलते लंड को पकड़ कर ऊपर से दबाने लगी।
हम लोग पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे बाहर की दुनिया से बेखबर। और साथ में अँधेरे भी होने लगा था,
और अपने दूसरे हाथ को सीमा के पेट अंदर हाथ डर उसकी नाभी के अंदर उंगली करने लगा।
धीरे-धीरे हाथ को नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से चूत को रगड़ने लगा सीमा चूत हल्की हल्की गिली थी।
सीमा लगातर आहे भरे जा रही थी और मेरे गर्दन पर चिपक कर चुम्बन कर रही थी।
मैंने सलवार कर नारा को खोल कर पेंटी के अंडर हाथ डाल कर सीमा की चूत को रगड़ने लगा, चूत गिली होने की वजह से उंगली एक ही बार में अंदर चली गई।
सीमा-“आहा हा आहा आआहा अभि आराम से”
सीमा लगातर आहे भर जा रही थी और मेरे लंड को ऊपर से दबा रही है।

थोड़ी देर में सीमा जोर से "आहा हो ये अभि ओह आआह मैं आ रही हूं मैं आ रही हूं अभि" करने लगी और मैं जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करने के लगा।

ऐसे ही करने के बाद सीमा का शरीर अकड़ाने लगा और एक झटके के सीमा मेरे हाथ पर ही झड़ गई।और जोर से मेरी बाहों में चिपक कर चूमने लगी।

मैं हाथ बाहर निकाल कर सीमा के सामने ही अपनी उंगलियों को चटने लगा चूत के पानी का स्वाद हल्का नमकीन सा था।

मैं इतना सीमा में इतना मदहोश था कि पता ही नहीं चला कि सीमा ने कब मेरे लंड को जींस से बाहर निकाला और अपने हाथ में भर कर मुठ मारने लगी। देखते ही देखते सीमा ने अपना मुँह लंड पर रख कर चुम्बन करने लगी और एक ही बार मैं पूरा लंड मुँह के अंदर ले लिया।
लेकिन मैं अभी सीमा को उठकर अपनी गोद के अच्छी तरह से बैठा लेता हूं और सीमा की पैंटी को निकाल कर सुंघ के किनारे रख देता हूं।
सीमा की चूत को अपने लंड पर सेट करके धीरे से रगड़ने लगता हूं। मेरा लंड सीमा की चूत को रगड़ खा रहा था
और
सीमा तभी मुझे रोक कर अभि ऊपर ही ऊपर से करना। मैं चाहती हूं इसपर तुम खुल के प्यार करना।
मैं- ठीक है।
और फिर दोनों लोग किसिंग चालू कर देते है।

सीमा ने अभि को बहुत टाइट पकड़ा लिया ।
और अभि ने भी अपनी से पूरी ताकत से सीमा को खुद से चिपका लिया है।
सीमा आगे पीछे हो कर अपनी चूत को तरूण के लंड पर
रगड़ रही है।

इसी तरह कुछ पल तक चलता रहता है.. या
सीमा दोबारा एक तेज झटके के साथ अपना सारा पानी अभी के लंड को छोड़ देती है।

लेकिन अभि का लंड इतनी गर्मी झेलने के बाद भी नहीं झड़ा और अभि सीमा के सिर को पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है।
और सीमा लंड को अंदर बाहर लेकर चूसना शुरू कर देती है। वो लंड के साथ बहुत मजे से खेल रही थी। जैसे जैसे वो वाइल्ड हो रही थी वाहा पर मेरी आवाज तेज हो रही थी।
अब मैं भी झड़ने की कगार पर था के मैंने देखा कि सिर को पकड़ा और जोर जोर से धक्के मार के उसका मुंह चोदने लगा।

मैं इतने जोश में था कि सीमा को जोर से धक्के मार रहा था के मेरा लगभाग पूरा लंड उसके गले में उतर रहा था। सीमा की आँखों में आँसू आ गए थे और वो मुझे बताने की कोशिश कर रही थी के और अंदर मत डालो लेकिन अब रुकने वाला नहीं था।

मैंने जोर जोर से धक्के मारते हुए थोड़ी देर बाद अपने लंड से निकलता हुआ गरम गरम पानी उसके मुँह में डाल दिया था।
सीमा का पूरा मुँह भर चुका था और उसके चेहरे पर भी बहुत सारा कम लगा था। उसने सब चाट के पी लिया और मेरे लंड को भी अपनी जीभ से चाट के साफ़ कर दिया।
और ऊपर उठ कर एक दूसरे को किस करने लगे।
हम दोनों लोग अलग हुए और अ
पने कपड़े सही करके वहां से बाहर निकलने लगे।वाह चलते चलते हम लोग बाहर आ रहे थे।

मैं – क्यों सीमा अब तो खुश हो कि नहीं या अभी मैं डरपोक हूं।
सीमा कुछ नहीं बोली और सर को नीचे कर के शरमाने लगी।
मैं- ओह हो अब मुझे नीचे कर के शरमाया जा रहा है।
सीमा- क्या अभी तुम भी परेशान कर रहे हो जाओ, मैं नही बात करती।
 
Last edited:

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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मैं- क्या यार तू भी ना?

सीमा- ये मत समझो कि मैंने तुम्हें छोड़ दिया।
मैं- मतलब
सीमा- मतलब ये जो कुछ देर पहले किया वो फिर से करो।
मैं- नहीं सीमा ये सब गलत..
इतना ही कहना हुआ होगा सीमा ने अपने होठ मेरे होठ पे रख दिये।
जब तक कुछ समझ पता नहीं, सीमा स्मूच करने लगी
सीमा को धक्का देकर अलग किया
मैं- सीमा यह क्या कर रही हो?
सीमा- वही, जो तुमने अधूरा छोड़ा था.
मैं- देखो वाह जो हुआ वो बहकाबे में हुआ लेकिन अब नहीं. वैसे भी हम भाई बहन हैं।

सीमा- ओह अभि
, तुम तो भाई बहन की बात किया ही मत करो मालूम है मुझको,

मैं- हां अच्छा हुआ खराब हूं जैसा हूं पर ये नहीं हो पाएगा।

सीमा गुस्से में थोड़े रोते हुए शकल बनके मुझे चिढ़ाने लगी।

मुझे मालूम है कि आप के लिए मेरी कोई अहमियत नहीं है। मैं तो एक बाजारू टाइप हूं, यदि आप का मन हुआ तो चुम्बन कर लिया और मेरा मन हुआ तो मुहू मोड़ लिया....

शायद मैंने आप के बारे में सही सुना था की एक नंबर के फट्टू और डरपोक हो आप,

इतना कहे कर सीमा दूसरी तरफ मुहु कर के हल्का सा रोने लगी।
सीमा की इतनी बातें सुनकर मेरे अंदर इतनी गुस्सा और पता नही कहा से आग सी लग गई थी।

मैने इधर–उधर ना देखा सीधे सीमा का मुंह अपनी तरफ घूम कर होठों पर होंठ जोड़ कर चुम्बन करने लगा।
वही ब्रेंच पर सीमा को नीचे कर दिया और अब
सीमा मेरे नीचे और मैं सीमा ऊपर से किस करने जा रहा था।

दोनों की आंखें बंद थीं एक दूसरे में मगन थे हम लोग.वैसे भी आस पास कोई था भी नहीं.
अपने दूसरे हाथ से सीमा के दूध ऊपर से दबाने लगा।

जैसे हमारी किसिंग टूटी हम लोगों की आंखे एक दूसरे से फिर मिली। हम दोनो लोग एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। और जोर जोर से सांसे भर रहे थे।

तभी सीमा ने अपना हाथ मेरे पीछे गर्दन पर रखा और फिर से किसिंग चालू कर दी।
उसके कोमल–कोमल होंठ पीने का मजा ही कुछ और आ रहा था।और साथ में हल्के टाइट दूध दबाने में ऐसा आनंद आता था जैसे जन्नत में आ गया हो। और मेरा लंड तो ऐसे लग रहा था जैसे अन्दर फट ही जायेगा।

चुम्मा–चाटी छोड़ कर मैं इधर–उधर देखने लगा पास में झड़ियों की तरफ देखता हूं,
वाह जा कर एक सुरक्षित जगह पर अभि और सीमा एक दूसरे के साथ बैठ गए।
वाहा पहुच कर दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लेते हैं और एक कसकर गले लगाते हैं।

फिर दोनो अलग होते हैं और मैं सीमा को अपनी एक जांघ पर बैठा लेता हूं,और पीछे से सीमा को टाइट पकड़ लेता हूं।

फिर से दोनो लोग एक दूसरे को किस करने लगे।मेरा एक हाथ सीमा की गर्दन पर दूसरे से उसके स्तन दबाए जा रहा था।

सीमा ने अपना हाथ मेरे जींस पर रख दिया और धीरे धीरे मेरी जांघो को सहेलते-सहेलते लंड को पकड़ कर ऊपर से दबाने लगी।
हम लोग पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे बाहर की दुनिया से बेखबर। और साथ में अँधेरे भी होने लगा था,
और अपने दूसरे हाथ को सीमा के पेट अंदर हाथ डर उसकी नाभी के अंदर उंगली करने लगा।
धीरे-धीरे हाथ को नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से चूत को रगड़ने लगा सीमा चूत हल्की हल्की गिली थी।
सीमा लगातर आहे भरे जा रही थी और मेरे गर्दन पर चिपक कर चुम्बन कर रही थी।
मैंने सलवार कर नारा को खोल कर पेंटी के अंडर हाथ डाल कर सीमा की चूत को रगड़ने लगा, चूत गिली होने की वजह से उंगली एक ही बार में अंदर चली गई।
सीमा-“आहा हा आहा आआहा अभि आराम से”
सीमा लगातर आहे भर जा रही थी और मेरे लंड को ऊपर से दबा रही है।

थोड़ी देर में सीमा जोर से "आहा हो ये अभि ओह आआह मैं आ रही हूं मैं आ रही हूं अभि" करने लगी और मैं जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करने के लगा।

ऐसे ही करने के बाद सीमा का शरीर अकड़ाने लगा और एक झटके के सीमा मेरे हाथ पर ही झड़ गई।और जोर से मेरी बाहों में चिपक कर चूमने लगी।

मैं हाथ बाहर निकाल कर सीमा के सामने ही अपनी उंगलियों को चटने लगा चूत के पानी का स्वाद हल्का नमकीन सा था।

मैं इतना सीमा में इतना मदहोश था कि पता ही नहीं चला कि सीमा ने कब मेरे लंड को जींस से बाहर निकाला और अपने हाथ में भर कर मुठ मारने लगी। देखते ही देखते सीमा ने अपना मुँह लंड पर रख कर चुम्बन करने लगी और एक ही बार मैं पूरा लंड मुँह के अंदर ले लिया।
लेकिन मैं अभी सीमा को उठकर अपनी गोद के अच्छी तरह से बैठा लेता हूं और सीमा की पैंटी को निकाल कर सुंघ के किनारे रख देता हूं।
सीमा की चूत को अपने लंड पर सेट करके धीरे से रगड़ने लगता हूं। मेरा लंड सीमा की चूत को रगड़ खा रहा था
और
सीमा तभी मुझे रोक कर अभि ऊपर ही ऊपर से करना। मैं चाहती हूं इसपर तुम खुल के प्यार करना।
मैं- ठीक है।
और फिर दोनों लोग किसिंग चालू कर देते है।

सीमा ने अभि को बहुत टाइट पकड़ा लिया ।
और अभि ने भी अपनी से पूरी ताकत से सीमा को खुद से चिपका लिया है।
सीमा आगे पीछे हो कर अपनी चूत को तरूण के लंड पर
रगड़ रही है।

इसी तरह कुछ पल तक चलता रहता है.. या
सीमा दोबारा एक तेज झटके के साथ अपना सारा पानी अभी के लंड को छोड़ देती है।

लेकिन अभि का लंड इतनी गर्मी झेलने के बाद भी नहीं झड़ा और अभि सीमा के सिर को पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है।
और सीमा लंड को अंदर बाहर लेकर चूसना शुरू कर देती है। वो लंड के साथ बहुत मजे से खेल रही थी। जैसे जैसे वो वाइल्ड हो रही थी वाहा पर मेरी आवाज तेज हो रही थी।
अब मैं भी झड़ने की कगार पर था के मैंने देखा कि सिर को पकड़ा और जोर जोर से धक्के मार के उसका मुंह चोदने लगा।

मैं इतने जोश में था कि सीमा को जोर से धक्के मार रहा था के मेरा लगभाग पूरा लंड उसके गले में उतर रहा था। सीमा की आँखों में आँसू आ गए थे और वो मुझे बताने की कोशिश कर रही थी के और अंदर मत डालो लेकिन अब रुकने वाला नहीं था।

मैंने जोर जोर से धक्के मारते हुए थोड़ी देर बाद अपने लंड से निकलता हुआ गरम गरम पानी उसके मुँह में डाल दिया था।
सीमा का पूरा मुँह भर चुका था और उसके चेहरे पर भी बहुत सारा कम लगा था। उसने सब चाट के पी लिया और मेरे लंड को भी अपनी जीभ से चाट के साफ़ कर दिया।
और ऊपर उठ कर एक दूसरे को किस करने लगे।
हम दोनों लोग अलग हुए और अ
पने कपड़े सही करके वहां से बाहर निकलने लगे।वाह चलते चलते हम लोग बाहर आ रहे थे।

मैं – क्यों सीमा अब तो खुश हो कि नहीं या अभी मैं डरपोक हूं।
सीमा कुछ नहीं बोली और सर को नीचे कर के शरमाने लगी।
मैं- ओह हो अब मुझे नीचे कर के शरमाया जा रहा है।
सीमा- क्या अभी तुम भी परेशान हो जाओ, मैं नही बात करती।
Shandar super hot erotic update 🔥 🔥
 
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सीमा- ये मत समझो कि मैंने तुम्हें छोड़ दिया।
मैं- मतलब
सीमा- मतलब ये जो कुछ देर पहले किया वो फिर से करो।
मैं- नहीं सीमा ये सब गलत..
इतना ही कहना हुआ होगा सीमा ने अपने होठ मेरे होठ पे रख दिये।
जब तक कुछ समझ पता नहीं, सीमा स्मूच करने लगी
सीमा को धक्का देकर अलग किया
मैं- सीमा यह क्या कर रही हो?
सीमा- वही, जो तुमने अधूरा छोड़ा था.
मैं- देखो वाह जो हुआ वो बहकाबे में हुआ लेकिन अब नहीं. वैसे भी हम भाई बहन हैं।

सीमा- ओह अभि
, तुम तो भाई बहन की बात किया ही मत करो मालूम है मुझको,

मैं- हां अच्छा हुआ खराब हूं जैसा हूं पर ये नहीं हो पाएगा।

सीमा गुस्से में थोड़े रोते हुए शकल बनके मुझे चिढ़ाने लगी।

मुझे मालूम है कि आप के लिए मेरी कोई अहमियत नहीं है। मैं तो एक बाजारू टाइप हूं, यदि आप का मन हुआ तो चुम्बन कर लिया और मेरा मन हुआ तो मुहू मोड़ लिया....

शायद मैंने आप के बारे में सही सुना था की एक नंबर के फट्टू और डरपोक हो आप,

इतना कहे कर सीमा दूसरी तरफ मुहु कर के हल्का सा रोने लगी।
सीमा की इतनी बातें सुनकर मेरे अंदर इतनी गुस्सा और पता नही कहा से आग सी लग गई थी।

मैने इधर–उधर ना देखा सीधे सीमा का मुंह अपनी तरफ घूम कर होठों पर होंठ जोड़ कर चुम्बन करने लगा।
वही ब्रेंच पर सीमा को नीचे कर दिया और अब
सीमा मेरे नीचे और मैं सीमा ऊपर से किस करने जा रहा था।

दोनों की आंखें बंद थीं एक दूसरे में मगन थे हम लोग.वैसे भी आस पास कोई था भी नहीं.
अपने दूसरे हाथ से सीमा के दूध ऊपर से दबाने लगा।

जैसे हमारी किसिंग टूटी हम लोगों की आंखे एक दूसरे से फिर मिली। हम दोनो लोग एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे। और जोर जोर से सांसे भर रहे थे।

तभी सीमा ने अपना हाथ मेरे पीछे गर्दन पर रखा और फिर से किसिंग चालू कर दी।
उसके कोमल–कोमल होंठ पीने का मजा ही कुछ और आ रहा था।और साथ में हल्के टाइट दूध दबाने में ऐसा आनंद आता था जैसे जन्नत में आ गया हो। और मेरा लंड तो ऐसे लग रहा था जैसे अन्दर फट ही जायेगा।

चुम्मा–चाटी छोड़ कर मैं इधर–उधर देखने लगा पास में झड़ियों की तरफ देखता हूं,
वाह जा कर एक सुरक्षित जगह पर अभि और सीमा एक दूसरे के साथ बैठ गए।
वाहा पहुच कर दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लेते हैं और एक कसकर गले लगाते हैं।

फिर दोनो अलग होते हैं और मैं सीमा को अपनी एक जांघ पर बैठा लेता हूं,और पीछे से सीमा को टाइट पकड़ लेता हूं।

फिर से दोनो लोग एक दूसरे को किस करने लगे।मेरा एक हाथ सीमा की गर्दन पर दूसरे से उसके स्तन दबाए जा रहा था।

सीमा ने अपना हाथ मेरे जींस पर रख दिया और धीरे धीरे मेरी जांघो को सहेलते-सहेलते लंड को पकड़ कर ऊपर से दबाने लगी।
हम लोग पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे बाहर की दुनिया से बेखबर। और साथ में अँधेरे भी होने लगा था,
और अपने दूसरे हाथ को सीमा के पेट अंदर हाथ डर उसकी नाभी के अंदर उंगली करने लगा।
धीरे-धीरे हाथ को नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से चूत को रगड़ने लगा सीमा चूत हल्की हल्की गिली थी।
सीमा लगातर आहे भरे जा रही थी और मेरे गर्दन पर चिपक कर चुम्बन कर रही थी।
मैंने सलवार कर नारा को खोल कर पेंटी के अंडर हाथ डाल कर सीमा की चूत को रगड़ने लगा, चूत गिली होने की वजह से उंगली एक ही बार में अंदर चली गई।
सीमा-“आहा हा आहा आआहा अभि आराम से”
सीमा लगातर आहे भर जा रही थी और मेरे लंड को ऊपर से दबा रही है।

थोड़ी देर में सीमा जोर से "आहा हो ये अभि ओह आआह मैं आ रही हूं मैं आ रही हूं अभि" करने लगी और मैं जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करने के लगा।

ऐसे ही करने के बाद सीमा का शरीर अकड़ाने लगा और एक झटके के सीमा मेरे हाथ पर ही झड़ गई।और जोर से मेरी बाहों में चिपक कर चूमने लगी।

मैं हाथ बाहर निकाल कर सीमा के सामने ही अपनी उंगलियों को चटने लगा चूत के पानी का स्वाद हल्का नमकीन सा था।

मैं इतना सीमा में इतना मदहोश था कि पता ही नहीं चला कि सीमा ने कब मेरे लंड को जींस से बाहर निकाला और अपने हाथ में भर कर मुठ मारने लगी। देखते ही देखते सीमा ने अपना मुँह लंड पर रख कर चुम्बन करने लगी और एक ही बार मैं पूरा लंड मुँह के अंदर ले लिया।
लेकिन मैं अभी सीमा को उठकर अपनी गोद के अच्छी तरह से बैठा लेता हूं और सीमा की पैंटी को निकाल कर सुंघ के किनारे रख देता हूं।
सीमा की चूत को अपने लंड पर सेट करके धीरे से रगड़ने लगता हूं। मेरा लंड सीमा की चूत को रगड़ खा रहा था
और
सीमा तभी मुझे रोक कर अभि ऊपर ही ऊपर से करना। मैं चाहती हूं इसपर तुम खुल के प्यार करना।
मैं- ठीक है।
और फिर दोनों लोग किसिंग चालू कर देते है।

सीमा ने अभि को बहुत टाइट पकड़ा लिया ।
और अभि ने भी अपनी से पूरी ताकत से सीमा को खुद से चिपका लिया है।
सीमा आगे पीछे हो कर अपनी चूत को तरूण के लंड पर
रगड़ रही है।

इसी तरह कुछ पल तक चलता रहता है.. या
सीमा दोबारा एक तेज झटके के साथ अपना सारा पानी अभी के लंड को छोड़ देती है।

लेकिन अभि का लंड इतनी गर्मी झेलने के बाद भी नहीं झड़ा और अभि सीमा के सिर को पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है।
और सीमा लंड को अंदर बाहर लेकर चूसना शुरू कर देती है। वो लंड के साथ बहुत मजे से खेल रही थी। जैसे जैसे वो वाइल्ड हो रही थी वाहा पर मेरी आवाज तेज हो रही थी।
अब मैं भी झड़ने की कगार पर था के मैंने देखा कि सिर को पकड़ा और जोर जोर से धक्के मार के उसका मुंह चोदने लगा।

मैं इतने जोश में था कि सीमा को जोर से धक्के मार रहा था के मेरा लगभाग पूरा लंड उसके गले में उतर रहा था। सीमा की आँखों में आँसू आ गए थे और वो मुझे बताने की कोशिश कर रही थी के और अंदर मत डालो लेकिन अब रुकने वाला नहीं था।

मैंने जोर जोर से धक्के मारते हुए थोड़ी देर बाद अपने लंड से निकलता हुआ गरम गरम पानी उसके मुँह में डाल दिया था।
सीमा का पूरा मुँह भर चुका था और उसके चेहरे पर भी बहुत सारा कम लगा था। उसने सब चाट के पी लिया और मेरे लंड को भी अपनी जीभ से चाट के साफ़ कर दिया।
और ऊपर उठ कर एक दूसरे को किस करने लगे।
हम दोनों लोग अलग हुए और अ
पने कपड़े सही करके वहां से बाहर निकलने लगे।वाह चलते चलते हम लोग बाहर आ रहे थे।

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सीमा कुछ नहीं बोली और सर को नीचे कर के शरमाने लगी।
मैं- ओह हो अब मुझे नीचे कर के शरमाया जा रहा है।
सीमा- क्या अभी तुम भी परेशान हो जाओ, मैं नही बात करती।
Fantastic update
 
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