लेखक ने संध्या को एक बदचलन और गिरी हुई मां साबित करने के लिए बगीचे के पम्प हाउस में संध्या का खुशी खुशी चूदाने वाला सीन बना दिया और इतना ही नहीं संध्या ने कोंडम लाने का इंतजार भी किया लगता है पाठक भाईयो ने 1 और 12 वे अपडेट पर गौर नहीं किया है और सिर्फ आगे अपडेट पड़कर अपनी राय देते चले आए जबकि
अपडेट -1
"हो गया तेरा, अब जा अपने कमरे में। मैं नही चाहती की कीसी को कुछ पता चले"
"जरा छुप-छुपा कर जाना, और हां अभय के कमरे की तरफ से मत जाना।"
अगर बगीचे में चूदाती तो संध्या रमन से अपने कमरे में जाने को नहीं कहती और ना ही अभय के कमरे की तरफ जाने से मना करती बल्कि घर चलने को कहती, क्योंकि बगीचे के पम्प हाउस में ना रमन का कमरा था ना अभय का और दोनो साथ आए थे तो छुप छुपा कर जाने का सवाल ही नही है l और रमन सीधे अपने कमरे में जाता अभय के कमरे की तरफ से क्यों जाता l और जाता भी तो अभय को क्या पता होता की रमन कहां से आ रहा है l
तब रमन ने कहा था -
"वो अभी बच्चा है भाभी, देख भी लीया तो क्या करेगा और वैसे भी वो तुमसे इतना डरता है, की कीसी से कुछ बोलने की हीम्मत भी नही करेगा"l
"ये सब छोड़ो भाभी, अब तूम सो जाओ।"
और रमन भी संध्या से नही कहता की देख भी लेगा तो क्या करेगा और ना ही संध्या को सोने को बोलता क्योंकि संध्या का भी कमरा नहीं था बगीचे के पम्पसेट में बल्कि दोनो साथ घर आते l
अपडेट -12
अभय आज भी उस हवेली के ऊपर वाले कमरे को उसी नजरों से देख रहा था, जिस नजर से उस रात देखा था। एक पल के लिए वो अपने आप को शक्तिहीन और बेहद थका हुआ प्यासा महसूस करने लगा। जैसे उस रात वो तुफानो से लड़ता हुआ थक हार कर उस ट्रेन तक पहुंचा जहां से आखिरी बार उसने हवेली का वो कमरा देखा था।
वो दृश्य याद कर अभय का दिमाग उलझन में तो दिल दुख में समा गया ।
और अगर अभय ने बगीचे में चुदाई देखा होता तो हवेली के उस कमरे को नही बल्कि पंपसेट के कमरे को उस नजर से देखता जिस नजर से उस रात घर छोड़ते समय देखा था और हवली के उस कमरे को देखकर वो चुदाई का दृश्य याद नही करता बल्कि बगीचे में बने पंपसेट के कमरे को देखकर चुदाई का दृश्य याद करता
अब लेखक ही बताए चुदाई कहां हुआ है l और अभय ने चुदाई कहां देखा था l