• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest वो तो है अलबेला (incest + adultery)

क्या संध्या की गलती माफी लायक है??


  • Total voters
    292

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,098
36,079
219
yar itna wait karwa rahe hai, update de de bhai, kahani badhi hai ise poora karo
अब कहानी लिखी नहीं जा रही उससे
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
20,482
52,975
259
अब कहानी लिखी नहीं जा रही उससे
Mujhe bhi aisa hi lagta hai ki ab uske bas ki baat nahi hai
 

pk80

New Member
2
3
3
Mujhe bhi aisa hi lagta hai ki ab uske bas ki baat nahi hai
सही कहा भाई अब कैसे कहानी को आगे लिखे लेखक को समझ नहीं आ रहा की संध्या का फ्लेश बैक कैसे बताये की संध्या किस कारण से चुद रही थी क्योंकि लेखक खुद अपनी कहानी में तीन वजह से फंस चुका है
1, लेखक ने संध्या की अनजाने में बहक जाने से एक बार चुदी बताया है जबकि साफ है कि दोनों में पहले से चुदाई चल रही थी पर उस दिन संध्या का मन नही था पर रमन का दिल रखने के लिये चुदी तभी तो संध्या ने रमन से कहा -
हो गया तेरा, अब जा अपने कमरे में मै नही चाहती किसी की कुछ पता चले

जब संध्या ने रमन से कहा कि हमे सब यही बंद कर देना चाहिए तब रमन ने कहा -
तुम जानती हो कि मैं तुसे कितना प्यार करता हु मै तुम्हारे लिये पागल हु तुम सब क़ुछ इतनी आसानी से खत्म नही कर सकती l इससे भी साफ है कि दोनों में कई बार चुदाई हो चुकी थी

संध्या का रमन से पूछना की अभय को पता या शक था तब रमन ने कहा -
जब घर वालों और गांव वालों को पता नही चला तो अभय तो बच्चा था l इससे भी साफ है कि दोनों में कई बार चुदाई हो चुकी थी

2, लेखक ने संध्या को खुशी खुशी बगीचे के कमरे में चुदी बताया है वो भी कंडोम लाने का इंतजार करते हुए अगर बगीचे में चुदती तो संध्या रमन से नहीं कहती कि -

अब जा अपने कमरे में
जरा छुप कर जाना
औऱ अभय के कमरे की तरफ से मत जाना
तब रमन भी नही कहता कि अभी वह बच्चा है देख भी लगा तो क्या करेगा क्योंकि बगीचे में ना अभय का कमरा था और ना रमन का
औऱ रमन भी संध्या को सो जाने को बोलकर बाहर नही जाता बल्कि साथ घर आते क्योंकि संध्या का भी वह कमरा नही था

3, लेखक ने अभय को बगीचे में चुदाई देखा बताया है जबकि-

अभय आज भी हवेली के ऊपर वाले कमरे को उसी नज़र से देख रहा था जिस नजर से आखरी बार घर छोड़ते हुए देखा था और उस दृश्य को याद कर उसके दिल मे उलझन और मन मे दुख समा गया

अब लेखक संध्या के फ्लेश बैक को ना मजबूरी बता सकता ना ब्लैक मेल और ना कोई और कारण क्योंकि लेखक ने संध्या को अपनी मर्ज़ी से खुशी खुशी चुदी बताया है l इसलिए लेखक ने कहानी को बंद कर दिया है
 
सही कहा भाई अब कैसे कहानी को आगे लिखे लेखक को समझ नहीं आ रहा की संध्या का फ्लेश बैक कैसे बताये की संध्या किस कारण से चुद रही थी क्योंकि लेखक खुद अपनी कहानी में तीन वजह से फंस चुका है
1, लेखक ने संध्या की अनजाने में बहक जाने से एक बार चुदी बताया है जबकि साफ है कि दोनों में पहले से चुदाई चल रही थी पर उस दिन संध्या का मन नही था पर रमन का दिल रखने के लिये चुदी तभी तो संध्या ने रमन से कहा -
हो गया तेरा, अब जा अपने कमरे में मै नही चाहती किसी की कुछ पता चले

जब संध्या ने रमन से कहा कि हमे सब यही बंद कर देना चाहिए तब रमन ने कहा -
तुम जानती हो कि मैं तुसे कितना प्यार करता हु मै तुम्हारे लिये पागल हु तुम सब क़ुछ इतनी आसानी से खत्म नही कर सकती l इससे भी साफ है कि दोनों में कई बार चुदाई हो चुकी थी

संध्या का रमन से पूछना की अभय को पता या शक था तब रमन ने कहा -
जब घर वालों और गांव वालों को पता नही चला तो अभय तो बच्चा था l इससे भी साफ है कि दोनों में कई बार चुदाई हो चुकी थी

2, लेखक ने संध्या को खुशी खुशी बगीचे के कमरे में चुदी बताया है वो भी कंडोम लाने का इंतजार करते हुए अगर बगीचे में चुदती तो संध्या रमन से नहीं कहती कि -

अब जा अपने कमरे में
जरा छुप कर जाना
औऱ अभय के कमरे की तरफ से मत जाना
तब रमन भी नही कहता कि अभी वह बच्चा है देख भी लगा तो क्या करेगा क्योंकि बगीचे में ना अभय का कमरा था और ना रमन का
औऱ रमन भी संध्या को सो जाने को बोलकर बाहर नही जाता बल्कि साथ घर आते क्योंकि संध्या का भी वह कमरा नही था

3, लेखक ने अभय को बगीचे में चुदाई देखा बताया है जबकि-

अभय आज भी हवेली के ऊपर वाले कमरे को उसी नज़र से देख रहा था जिस नजर से आखरी बार घर छोड़ते हुए देखा था और उस दृश्य को याद कर उसके दिल मे उलझन और मन मे दुख समा गया

अब लेखक संध्या के फ्लेश बैक को ना मजबूरी बता सकता ना ब्लैक मेल और ना कोई और कारण क्योंकि लेखक ने संध्या को अपनी मर्ज़ी से खुशी खुशी चुदी बताया है l इसलिए लेखक ने कहानी को बंद कर दिया है
दोस्त इस चर्चा में ने भी शामिल होना चाहता हूँ , कुछ कहानियां जब अच्छी लगने लगती हें तो पता चलता हे की लेखक महोदय कहानी बीच में अधूरी छोड़ गए , उस समय तक पाठक कहानी से अपना तारतम्य बना लेता हे तब इन्त्जार रहता हे की आगे क्या ????? इस तरह की बहुत सारी कहानियां हें जिनका इंतजार हे की कब वो पूरी हों कोई और हो जो इस कहानी को पूरा कर सके
 
  • Like
Reactions: Raj_sharma
Top