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शानदार अध्याय
संध्या का character जबरदस्त लग रहा है ,
मस्त डायलॉग जब मैं अपने बेटे को प्यार nhi kar payi to tu konsa khet ki muli ,
Hahaha
Agli kadi ki प्रतीक्षा रहेगा जल्द का
अभय और पायल कब मिलेंगे
चूड़ी के साथ
ज़ोरदार अपडेट रहा संध्या का पश्चाप चालू है लेकिन इसको शातिर माहिर खिलाडी की तरह हवेली में रहना होगा नहीं तो रमन इसको आगे चल कर नुकसान भी दे सकता है संध्या का किरदार चुतियापन पर आधारित है दिमाग का इस्तेमाल कम ही करती है पहले बेटे से दूरी की वजह भी ये चुतियापन रही कि दूसरों ने फायदा उठाया असली बदले का मज़ा तब होगा जब संध्या को पक्का हो जाये कि अभय ही उसका बेटा है तब रमन अमन से टक्कर का मज़ा आये
अलबेले की प्रेम कहानी का आगाज़ भी होने वाला ही है गाँव वाले भी अलबेले के साथ हैं यही उसकी सब से बड़ी ताकत बनेगी और फिर असली वारिस तो जायदाद को वो खुद है ही ऐसा ही कोई विश्वाश वाला हवेली में भी होना चाहिए जो संध्या का भी हितेशी हो और अलबेले का मुखबिर बने
रमन सिंह के तो लौड़े लग गए हैं संध्या ने गांड पे लात मार दी और अब तो फिल्मी अंदाज़ में डायलाग भी मार रही है अगला नंबर अमन व ललिता सिंह का होगा ललिता की तो चुत भी फड़वाओ साली बहुत आग लगाऊ है