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धन्यवाद भाईRomanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
थर्ड डिग्री टॉर्चर का मै संयोग से चश्मदीद गवाह हूं । पुलिस के इस टॉर्चर से आप शायद अवगत नही होंगे । लोग त्राहि त्राहि कर उठते हैं ।कोर्ट में नहीं मानेंगे, तो वापस से तुड़ाई होगी।
असल में 3rd डिग्री मार नहीं, मेंटल टॉर्चर होता है। जो आपको ऐसा तोड़ता है अन्दर तक की आदमी सब कबूल लेता है।
मनीष के ऊपर से फिलहाल मित्तल परिवार का हाथ ही नहीं हटा, बल्कि फिलहाल तो वही उसके जानी दुश्मन बने बैठे हैं। तो वो कहां से रसूखदार हो गया?
ये सब बिना कोर्ट के आदेश के नहीं होता।
क्या पता वो बताना ही न चाह रहे हो उसके बारे में, मनीष उनको ज्यादा आसान बकरा लगा हो बलि चढ़ाने के लिए।
लेकिन क्या एक पत्नी या बेटी अपने ही पति या बाप को गोली मार देगी?
धन्यवाद भाई जी
भैया जी, वकील हूं, आंखों के सामने भले ही न देख हो, इनको झेले हुए लोगों से बहुत मिला हूं। लोग तोते की तरह बोलने लगते हैं।थर्ड डिग्री टॉर्चर का मै संयोग से चश्मदीद गवाह हूं । पुलिस के इस टॉर्चर से आप शायद अवगत नही होंगे । लोग त्राहि त्राहि कर उठते हैं ।
लेकिन आजकल उसको कंसीडर कर लेते हैं।नार्को टेस्ट और पाॅलीग्राफी टेस्ट जज के आदेश से होता अवश्य है लेकिन इस टेस्ट को अदालत साक्ष्य के रूप मे स्वीकार कर डिसिजन नही लेती ।
कारण इस पर कोई भी कानून का न बनना ।
युरोपीय और अमेरिकन कंट्री मे इस टेस्ट को कानूनन मान्यताप्राप्त है पर हिन्दुस्तान मे नही ।
काबिलियत दूसरे को समझ पाने में है, ना कि समझाने मेंकाबिलियत क्या होती है?
चूहे को शेर साबित करना आता हो बस, इतना काफी है
मोहबेवकूफियां तो करता रहता है मनीष, या कहिए मित्तल सर के प्रति संवेदनशील है कुछ ज्यादा।