Sunli
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Yahin tak to pichhli update me padha tha
Tab bhi katil ka sirf naam pata tha... Chehra nahin
Aur ab bhi bittu nahin dikha![]()
बिट्टू कौन है इसके साथ अपडेट शुरू इसपर खत्म
नए अपडेट का वेट
अब तो एक ही बचा -- करण।
वो ही होगा।
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
समर की मेहरबानी से मनिष की हड्डी तोड कुटाई के बाद अच्छा खयाल भी रखा गया और असली गुनाहगार भी पकडा गया ये भी बता दिया
अब पुलिस हेडक्वार्टर में सभी बडे अधिकारी और मित्तल परिवार के सामने मनिष को असली रुप में पेश कर असली मुजरीम को सर पर कपडा ओढके
तो क्या असली मुजरीम बिट्टू हैं या कोई मित्तल परिवार से हैं
खैर देखते हैं आगे
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....
Nice and lovely update....
रिकी भाई ,
हथेली पर ओस रखकर प्यास मिटाने की बात करते हो ! इतने कम पानी से प्यास कहां बुझती है !
खैर , बिट्ट नामक परिंदे की पर आखिरकार कतर ही दी गई । कुछ देर मे इस के चेहरे का भी दर्शन हो जायेगा ।
मगर , इस परिंदे को दाना पानी देने वाला व्यक्ति कौन था ? जिस तरह से मित्तल फैमिली के सभी सदस्य को आमंत्रित किया गया है उससे लगता तो यही है कि इन्ही मे वह व्यक्ति होगा !
खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
हम कुछ नही बोलेगा,
लेकिन फिर भी बोले तो मित्तल साहब .......?
पुलिस पुलिस भाई भाई ।
समर सचमुच यारों का यार हे।
आगे क्या होने वाला है, देखते है ब्रेक के बाद।
Bade aaram se pakda gaya bittu ,itne aasani se sab sahi ho raha hai
Amazing update Riky007 bhai
.
Ye to samj me aaya jo kuch bhi kia gaya wo Manish ko bachane ke leye kia Amarkant , Samar or Harish me
Lekin
Ab room me jaha Kamishnar or SSP ke sath Mahesh , Shivani , shrey or Priya baithe hai lekin ye Shivani Q pareshan lag rhe hai ajeeb hai kuch to
Or
Ye Bitto ko room me laya gaya hai to chehre per kapda kis leye
शानदार अपडेट भाई
Bahut hi jabardast update hai bhai sorry delay ke liye kumbh gaya tha waha par mobile chori hogaya aj hi louta hu maaf karna
Let's see then kya Manish innocent sabit hota hai ya phir koi aur drama hone wala hai waise lag tot raha hai sab kuchh sahi hone wala hai par ye story sidhi bhi nahi hai isliye pata nahi Manish bach payega ya nahi.
Aur ye Shivani, Manish ko dekh kar kyon pareshan ho gayi ye bhi ek bomb sawal hai???
Wonderful update brother.
अपडेट पोस्टेडअरे कौन है ये प्यादा जो आगे चलके वज़ीर बनने वाला था, उस बरखुरदार के दीदार को मचल रहे है।
Awesome update#अपडेट ३५
अब तक आपने पढ़ा -
"ओह, वो। अब वो नहीं है सर। और सस्पेक्ट क्या अब तो असली मुजरिम भी हमारी गिरफ्त में है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "समर, अंदर आओ।"
अमरकांत के पुकारने के बाद समर हॉल के अंदर आता है, और उसके साथ एक आदमी की हथकड़ी में अंदर लाया गया, जिसके चेहरे पर कपड़ा पद था, और साथ में वही इंस्पेक्टर था जो उस दिन मेरी कॉल रिकॉर्ड कर रहा था......
अब आगे -
"अमरकांत, ये कौन है, और कैसे पता कि ये ही असली मुजरिम है? और समर क्यों है यहां?" SSP ने थोड़े गुस्से में कहा।
"सर, समर यहां बस मेरी मदद के लिए है। और अगर वो नहीं होता तो शायद इस केस का असली मुजरिम कभी नहीं पकड़ा जाता।"
"मगर अमर तुम..." इससे पहले SSP आगे कुछ कहते, कमिश्नर ने बीच में टोकते हुए कहा, "पहले हमें केस को सॉल्व करना है रणवीर, किसने किया कैसे किया ये हम बाद में देखेंगे। हां तो अमर, आगे बताओ, ये कौन है, और कैसे ये असली मुजरिम है। और मनीष क्यों नहीं, जबकि उसे घटनास्थल पर संदिग्ध अवस्था में न सिर्फ पाया गया, बल्कि वो वहां से भाग भी गया?"
अमरकांत, "सर, मनीष का वहां पहुंचना भी इसकी ही प्लानिंग का हिस्सा था। और भागना जरूर उसकी गलती थी, मगर ये नहीं भागता, और हम इसे उसी समय गिरफ्तार कर लेते तो असली मुजरिम को पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता, बल्कि शायद नामुमकिन ही होता। और आप सब से माफी चाहते हुए, अब मैं समर को आगे की सारी बात बताने कहता हूं। क्योंकि समर इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण घटना, वाल्ट की डकैती, और नेहा की मौत को अपने सामने घटित होते देख है। समर..."
"सर ये कहानी न मनीष की है न मित्तल परिवार की, हां हिस्सा सब हैं इस कहानी का। ये कहानी है बिट्टू की। बिट्टू, इंदौर के एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा इकलौता लड़का, जिसके सपने बहुत बड़े थे पर उसके पास संसाधन कम थे, इसीलिए उन सपनों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिट्टू के पिताजी एक स्कूल में अध्यापक थे, और बिट्टू के मामा का घर काफी संपन्न था, इसीलिए उसकी मां ने उसे मामा के घर पढ़ाई करने उज्जैन भेजा। मामा के घर की सम्पन्नता ने बिट्टू के दिमाग में पैसा कमाने की सोच को पैदा किया, लेकिन कॉलेज में उसकी संगत कई ऐसे लोगों से हुई जो हर तरीके से पैसे कमाना चाहते थे। उसी समय इसकी मुलाकात नेहा से हुई, जो उससे २ साल जूनियर थी, और बिट्टू पर वो जान छिड़कती थी। बिट्टू भी उसे चाहता था, मगर उसका पहला प्यार बस पैसा ही था, और उसने ये सोचा कि जब तक वो खूब पैसा न कमा ले, वो नेहा को अपना नहीं सकता था। फिर वो उज्जैन से दिल्ली आता है, वहां से आगे की पढ़ाई करता है, और इसी बीच नेहा की शादी भी कहीं हो जाती है, लेकिन नेहा और बिट्टू का कॉन्टेक्ट नहीं टूटा। बिट्टू ने ही संजीव, नेहा के पति को फंसा कर सेना से भी निलंबित करवाया। और एक चिटफंड कंपनी में फंसा कर जेल भी करवाई। इसी बीच इसकी नौकरी मित्तल ग्रुप में लगी और यहां उसकी मुलाकात एक ऐसे इंसान से हुई जो उसकी बहुत पैसा कमाने की इक्षा को पूरा कर सकती थी। बिट्टू की एक और खास बात थी, वो लड़कियों पर अपना प्रभाव बहुत जल्दी ही छोड़ता था। इसीलिए उसने जल्द ही उस लड़की को भी अपने प्रभाव में ले लिया। मगर इसी बीच मनीष की एंट्री होती है मित्तल ग्रुप में और वो उसके राह की रुकावट बन जाता है। ये देखते हुए उसने फिर से एक बार नेहा को मोहरा बना कर अपनी चाल चली और मनीष उसमें फंसता चला गया। लेकिन वाल्ट में डकैती के बाद मित्तल सर को पता चल गया कि इन सब के पीछे कौन है, और वो इस बात को मनीष को बताने ही वाले थे, मगर उसके पहले ही बिट्टू और उसी लड़की ने मिल कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया, और उसका इल्ज़ाम भी मनीष पर लगा दिया।"
कुछ रुक कर समर ने अमरकांत को कुछ इशारा किया, और अमरकांत ने स्टेज की ओर कुछ।
"और ये बिट्टू और कोई नहीं, बल्कि मित्तल ग्रुप के बैंकिंग डिवीजन का डीजीएम करण है।" ये बोल कर उसने अपने साथ लाय आदमी के चेहरे से कपड़ा हटा दिया। "और वो लड़की है मिस प्रिया मित्तल।" और इसी के साथ दो महिला हवलदार प्रिया की कुर्सी के पास आ कर उसको पकड़ लेती है।
ये सुनते ही प्रिया फूट फुट कर रोने लगती है, और बाकी लोग उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं....
Nice update....#अपडेट ३५
अब तक आपने पढ़ा -
"ओह, वो। अब वो नहीं है सर। और सस्पेक्ट क्या अब तो असली मुजरिम भी हमारी गिरफ्त में है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "समर, अंदर आओ।"
अमरकांत के पुकारने के बाद समर हॉल के अंदर आता है, और उसके साथ एक आदमी की हथकड़ी में अंदर लाया गया, जिसके चेहरे पर कपड़ा पद था, और साथ में वही इंस्पेक्टर था जो उस दिन मेरी कॉल रिकॉर्ड कर रहा था......
अब आगे -
"अमरकांत, ये कौन है, और कैसे पता कि ये ही असली मुजरिम है? और समर क्यों है यहां?" SSP ने थोड़े गुस्से में कहा।
"सर, समर यहां बस मेरी मदद के लिए है। और अगर वो नहीं होता तो शायद इस केस का असली मुजरिम कभी नहीं पकड़ा जाता।"
"मगर अमर तुम..." इससे पहले SSP आगे कुछ कहते, कमिश्नर ने बीच में टोकते हुए कहा, "पहले हमें केस को सॉल्व करना है रणवीर, किसने किया कैसे किया ये हम बाद में देखेंगे। हां तो अमर, आगे बताओ, ये कौन है, और कैसे ये असली मुजरिम है। और मनीष क्यों नहीं, जबकि उसे घटनास्थल पर संदिग्ध अवस्था में न सिर्फ पाया गया, बल्कि वो वहां से भाग भी गया?"
अमरकांत, "सर, मनीष का वहां पहुंचना भी इसकी ही प्लानिंग का हिस्सा था। और भागना जरूर उसकी गलती थी, मगर ये नहीं भागता, और हम इसे उसी समय गिरफ्तार कर लेते तो असली मुजरिम को पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता, बल्कि शायद नामुमकिन ही होता। और आप सब से माफी चाहते हुए, अब मैं समर को आगे की सारी बात बताने कहता हूं। क्योंकि समर इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण घटना, वाल्ट की डकैती, और नेहा की मौत को अपने सामने घटित होते देख है। समर..."
"सर ये कहानी न मनीष की है न मित्तल परिवार की, हां हिस्सा सब हैं इस कहानी का। ये कहानी है बिट्टू की। बिट्टू, इंदौर के एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा इकलौता लड़का, जिसके सपने बहुत बड़े थे पर उसके पास संसाधन कम थे, इसीलिए उन सपनों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिट्टू के पिताजी एक स्कूल में अध्यापक थे, और बिट्टू के मामा का घर काफी संपन्न था, इसीलिए उसकी मां ने उसे मामा के घर पढ़ाई करने उज्जैन भेजा। मामा के घर की सम्पन्नता ने बिट्टू के दिमाग में पैसा कमाने की सोच को पैदा किया, लेकिन कॉलेज में उसकी संगत कई ऐसे लोगों से हुई जो हर तरीके से पैसे कमाना चाहते थे। उसी समय इसकी मुलाकात नेहा से हुई, जो उससे २ साल जूनियर थी, और बिट्टू पर वो जान छिड़कती थी। बिट्टू भी उसे चाहता था, मगर उसका पहला प्यार बस पैसा ही था, और उसने ये सोचा कि जब तक वो खूब पैसा न कमा ले, वो नेहा को अपना नहीं सकता था। फिर वो उज्जैन से दिल्ली आता है, वहां से आगे की पढ़ाई करता है, और इसी बीच नेहा की शादी भी कहीं हो जाती है, लेकिन नेहा और बिट्टू का कॉन्टेक्ट नहीं टूटा। बिट्टू ने ही संजीव, नेहा के पति को फंसा कर सेना से भी निलंबित करवाया। और एक चिटफंड कंपनी में फंसा कर जेल भी करवाई। इसी बीच इसकी नौकरी मित्तल ग्रुप में लगी और यहां उसकी मुलाकात एक ऐसे इंसान से हुई जो उसकी बहुत पैसा कमाने की इक्षा को पूरा कर सकती थी। बिट्टू की एक और खास बात थी, वो लड़कियों पर अपना प्रभाव बहुत जल्दी ही छोड़ता था। इसीलिए उसने जल्द ही उस लड़की को भी अपने प्रभाव में ले लिया। मगर इसी बीच मनीष की एंट्री होती है मित्तल ग्रुप में और वो उसके राह की रुकावट बन जाता है। ये देखते हुए उसने फिर से एक बार नेहा को मोहरा बना कर अपनी चाल चली और मनीष उसमें फंसता चला गया। लेकिन वाल्ट में डकैती के बाद मित्तल सर को पता चल गया कि इन सब के पीछे कौन है, और वो इस बात को मनीष को बताने ही वाले थे, मगर उसके पहले ही बिट्टू और उसी लड़की ने मिल कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया, और उसका इल्ज़ाम भी मनीष पर लगा दिया।"
कुछ रुक कर समर ने अमरकांत को कुछ इशारा किया, और अमरकांत ने स्टेज की ओर कुछ।
"और ये बिट्टू और कोई नहीं, बल्कि मित्तल ग्रुप के बैंकिंग डिवीजन का डीजीएम करण है।" ये बोल कर उसने अपने साथ लाय आदमी के चेहरे से कपड़ा हटा दिया। "और वो लड़की है मिस प्रिया मित्तल।" और इसी के साथ दो महिला हवलदार प्रिया की कुर्सी के पास आ कर उसको पकड़ लेती है।
ये सुनते ही प्रिया फूट फुट कर रोने लगती है, और बाकी लोग उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं....
#अपडेट ३५
अब तक आपने पढ़ा -
"ओह, वो। अब वो नहीं है सर। और सस्पेक्ट क्या अब तो असली मुजरिम भी हमारी गिरफ्त में है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "समर, अंदर आओ।"
अमरकांत के पुकारने के बाद समर हॉल के अंदर आता है, और उसके साथ एक आदमी की हथकड़ी में अंदर लाया गया, जिसके चेहरे पर कपड़ा पद था, और साथ में वही इंस्पेक्टर था जो उस दिन मेरी कॉल रिकॉर्ड कर रहा था......
अब आगे -
"अमरकांत, ये कौन है, और कैसे पता कि ये ही असली मुजरिम है? और समर क्यों है यहां?" SSP ने थोड़े गुस्से में कहा।
"सर, समर यहां बस मेरी मदद के लिए है। और अगर वो नहीं होता तो शायद इस केस का असली मुजरिम कभी नहीं पकड़ा जाता।"
"मगर अमर तुम..." इससे पहले SSP आगे कुछ कहते, कमिश्नर ने बीच में टोकते हुए कहा, "पहले हमें केस को सॉल्व करना है रणवीर, किसने किया कैसे किया ये हम बाद में देखेंगे। हां तो अमर, आगे बताओ, ये कौन है, और कैसे ये असली मुजरिम है। और मनीष क्यों नहीं, जबकि उसे घटनास्थल पर संदिग्ध अवस्था में न सिर्फ पाया गया, बल्कि वो वहां से भाग भी गया?"
अमरकांत, "सर, मनीष का वहां पहुंचना भी इसकी ही प्लानिंग का हिस्सा था। और भागना जरूर उसकी गलती थी, मगर ये नहीं भागता, और हम इसे उसी समय गिरफ्तार कर लेते तो असली मुजरिम को पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता, बल्कि शायद नामुमकिन ही होता। और आप सब से माफी चाहते हुए, अब मैं समर को आगे की सारी बात बताने कहता हूं। क्योंकि समर इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण घटना, वाल्ट की डकैती, और नेहा की मौत को अपने सामने घटित होते देख है। समर..."
"सर ये कहानी न मनीष की है न मित्तल परिवार की, हां हिस्सा सब हैं इस कहानी का। ये कहानी है बिट्टू की। बिट्टू, इंदौर के एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा इकलौता लड़का, जिसके सपने बहुत बड़े थे पर उसके पास संसाधन कम थे, इसीलिए उन सपनों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिट्टू के पिताजी एक स्कूल में अध्यापक थे, और बिट्टू के मामा का घर काफी संपन्न था, इसीलिए उसकी मां ने उसे मामा के घर पढ़ाई करने उज्जैन भेजा। मामा के घर की सम्पन्नता ने बिट्टू के दिमाग में पैसा कमाने की सोच को पैदा किया, लेकिन कॉलेज में उसकी संगत कई ऐसे लोगों से हुई जो हर तरीके से पैसे कमाना चाहते थे। उसी समय इसकी मुलाकात नेहा से हुई, जो उससे २ साल जूनियर थी, और बिट्टू पर वो जान छिड़कती थी। बिट्टू भी उसे चाहता था, मगर उसका पहला प्यार बस पैसा ही था, और उसने ये सोचा कि जब तक वो खूब पैसा न कमा ले, वो नेहा को अपना नहीं सकता था। फिर वो उज्जैन से दिल्ली आता है, वहां से आगे की पढ़ाई करता है, और इसी बीच नेहा की शादी भी कहीं हो जाती है, लेकिन नेहा और बिट्टू का कॉन्टेक्ट नहीं टूटा। बिट्टू ने ही संजीव, नेहा के पति को फंसा कर सेना से भी निलंबित करवाया। और एक चिटफंड कंपनी में फंसा कर जेल भी करवाई। इसी बीच इसकी नौकरी मित्तल ग्रुप में लगी और यहां उसकी मुलाकात एक ऐसे इंसान से हुई जो उसकी बहुत पैसा कमाने की इक्षा को पूरा कर सकती थी। बिट्टू की एक और खास बात थी, वो लड़कियों पर अपना प्रभाव बहुत जल्दी ही छोड़ता था। इसीलिए उसने जल्द ही उस लड़की को भी अपने प्रभाव में ले लिया। मगर इसी बीच मनीष की एंट्री होती है मित्तल ग्रुप में और वो उसके राह की रुकावट बन जाता है। ये देखते हुए उसने फिर से एक बार नेहा को मोहरा बना कर अपनी चाल चली और मनीष उसमें फंसता चला गया। लेकिन वाल्ट में डकैती के बाद मित्तल सर को पता चल गया कि इन सब के पीछे कौन है, और वो इस बात को मनीष को बताने ही वाले थे, मगर उसके पहले ही बिट्टू और उसी लड़की ने मिल कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया, और उसका इल्ज़ाम भी मनीष पर लगा दिया।"
कुछ रुक कर समर ने अमरकांत को कुछ इशारा किया, और अमरकांत ने स्टेज की ओर कुछ।
"और ये बिट्टू और कोई नहीं, बल्कि मित्तल ग्रुप के बैंकिंग डिवीजन का डीजीएम करण है।" ये बोल कर उसने अपने साथ लाय आदमी के चेहरे से कपड़ा हटा दिया। "और वो लड़की है मिस प्रिया मित्तल।" और इसी के साथ दो महिला हवलदार प्रिया की कुर्सी के पास आ कर उसको पकड़ लेती है।
ये सुनते ही प्रिया फूट फुट कर रोने लगती है, और बाकी लोग उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं....
वो भी लिखा है इस कहानी में, लेकिन फिर भी आगे के अपडेट में क्लियर कर दूंगा।मैंने एक नहीं अनेकों बार कहा था कि मनीष नाम के काँटे के हटने का सबसे अधिक लाभ रजत की बेटी प्रिया को ही मिलेगा।
और सबसे अंत में करण का नाम लिया (क्योंकि कोई और बचा ही नहीं था शक़ करने को)
वैसे प्रिया को सब कुछ पाने की इतनी जल्दी क्या थी? रजत मित्तल का सब कुछ उसको और मनीष को मिलता।
ऐसे में केवल मनीष को रास्ते से हटाना पर्याप्त था। बाप पर जानलेवा हमला करने की क्या ज़रुरत आन पड़ी?
Ohh beti c*** ye to mujhe lagbhi raha tha ghar ka koi hoga or priya hi thi Manish ko Neha ki tarph bhejne wali par priya akeli nahi hai or bhi log hai ghar ke uske sath#अपडेट ३५
अब तक आपने पढ़ा -
"ओह, वो। अब वो नहीं है सर। और सस्पेक्ट क्या अब तो असली मुजरिम भी हमारी गिरफ्त में है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "समर, अंदर आओ।"
अमरकांत के पुकारने के बाद समर हॉल के अंदर आता है, और उसके साथ एक आदमी की हथकड़ी में अंदर लाया गया, जिसके चेहरे पर कपड़ा पद था, और साथ में वही इंस्पेक्टर था जो उस दिन मेरी कॉल रिकॉर्ड कर रहा था......
अब आगे -
"अमरकांत, ये कौन है, और कैसे पता कि ये ही असली मुजरिम है? और समर क्यों है यहां?" SSP ने थोड़े गुस्से में कहा।
"सर, समर यहां बस मेरी मदद के लिए है। और अगर वो नहीं होता तो शायद इस केस का असली मुजरिम कभी नहीं पकड़ा जाता।"
"मगर अमर तुम..." इससे पहले SSP आगे कुछ कहते, कमिश्नर ने बीच में टोकते हुए कहा, "पहले हमें केस को सॉल्व करना है रणवीर, किसने किया कैसे किया ये हम बाद में देखेंगे। हां तो अमर, आगे बताओ, ये कौन है, और कैसे ये असली मुजरिम है। और मनीष क्यों नहीं, जबकि उसे घटनास्थल पर संदिग्ध अवस्था में न सिर्फ पाया गया, बल्कि वो वहां से भाग भी गया?"
अमरकांत, "सर, मनीष का वहां पहुंचना भी इसकी ही प्लानिंग का हिस्सा था। और भागना जरूर उसकी गलती थी, मगर ये नहीं भागता, और हम इसे उसी समय गिरफ्तार कर लेते तो असली मुजरिम को पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता, बल्कि शायद नामुमकिन ही होता। और आप सब से माफी चाहते हुए, अब मैं समर को आगे की सारी बात बताने कहता हूं। क्योंकि समर इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण घटना, वाल्ट की डकैती, और नेहा की मौत को अपने सामने घटित होते देख है। समर..."
"सर ये कहानी न मनीष की है न मित्तल परिवार की, हां हिस्सा सब हैं इस कहानी का। ये कहानी है बिट्टू की। बिट्टू, इंदौर के एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा इकलौता लड़का, जिसके सपने बहुत बड़े थे पर उसके पास संसाधन कम थे, इसीलिए उन सपनों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिट्टू के पिताजी एक स्कूल में अध्यापक थे, और बिट्टू के मामा का घर काफी संपन्न था, इसीलिए उसकी मां ने उसे मामा के घर पढ़ाई करने उज्जैन भेजा। मामा के घर की सम्पन्नता ने बिट्टू के दिमाग में पैसा कमाने की सोच को पैदा किया, लेकिन कॉलेज में उसकी संगत कई ऐसे लोगों से हुई जो हर तरीके से पैसे कमाना चाहते थे। उसी समय इसकी मुलाकात नेहा से हुई, जो उससे २ साल जूनियर थी, और बिट्टू पर वो जान छिड़कती थी। बिट्टू भी उसे चाहता था, मगर उसका पहला प्यार बस पैसा ही था, और उसने ये सोचा कि जब तक वो खूब पैसा न कमा ले, वो नेहा को अपना नहीं सकता था। फिर वो उज्जैन से दिल्ली आता है, वहां से आगे की पढ़ाई करता है, और इसी बीच नेहा की शादी भी कहीं हो जाती है, लेकिन नेहा और बिट्टू का कॉन्टेक्ट नहीं टूटा। बिट्टू ने ही संजीव, नेहा के पति को फंसा कर सेना से भी निलंबित करवाया। और एक चिटफंड कंपनी में फंसा कर जेल भी करवाई। इसी बीच इसकी नौकरी मित्तल ग्रुप में लगी और यहां उसकी मुलाकात एक ऐसे इंसान से हुई जो उसकी बहुत पैसा कमाने की इक्षा को पूरा कर सकती थी। बिट्टू की एक और खास बात थी, वो लड़कियों पर अपना प्रभाव बहुत जल्दी ही छोड़ता था। इसीलिए उसने जल्द ही उस लड़की को भी अपने प्रभाव में ले लिया। मगर इसी बीच मनीष की एंट्री होती है मित्तल ग्रुप में और वो उसके राह की रुकावट बन जाता है। ये देखते हुए उसने फिर से एक बार नेहा को मोहरा बना कर अपनी चाल चली और मनीष उसमें फंसता चला गया। लेकिन वाल्ट में डकैती के बाद मित्तल सर को पता चल गया कि इन सब के पीछे कौन है, और वो इस बात को मनीष को बताने ही वाले थे, मगर उसके पहले ही बिट्टू और उसी लड़की ने मिल कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया, और उसका इल्ज़ाम भी मनीष पर लगा दिया।"
कुछ रुक कर समर ने अमरकांत को कुछ इशारा किया, और अमरकांत ने स्टेज की ओर कुछ।
"और ये बिट्टू और कोई नहीं, बल्कि मित्तल ग्रुप के बैंकिंग डिवीजन का डीजीएम करण है।" ये बोल कर उसने अपने साथ लाय आदमी के चेहरे से कपड़ा हटा दिया। "और वो लड़की है मिस प्रिया मित्तल।" और इसी के साथ दो महिला हवलदार प्रिया की कुर्सी के पास आ कर उसको पकड़ लेती है।
ये सुनते ही प्रिया फूट फुट कर रोने लगती है, और बाकी लोग उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं....
#अपडेट ३५
अब तक आपने पढ़ा -
"ओह, वो। अब वो नहीं है सर। और सस्पेक्ट क्या अब तो असली मुजरिम भी हमारी गिरफ्त में है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "समर, अंदर आओ।"
अमरकांत के पुकारने के बाद समर हॉल के अंदर आता है, और उसके साथ एक आदमी की हथकड़ी में अंदर लाया गया, जिसके चेहरे पर कपड़ा पद था, और साथ में वही इंस्पेक्टर था जो उस दिन मेरी कॉल रिकॉर्ड कर रहा था......
अब आगे -
"अमरकांत, ये कौन है, और कैसे पता कि ये ही असली मुजरिम है? और समर क्यों है यहां?" SSP ने थोड़े गुस्से में कहा।
"सर, समर यहां बस मेरी मदद के लिए है। और अगर वो नहीं होता तो शायद इस केस का असली मुजरिम कभी नहीं पकड़ा जाता।"
"मगर अमर तुम..." इससे पहले SSP आगे कुछ कहते, कमिश्नर ने बीच में टोकते हुए कहा, "पहले हमें केस को सॉल्व करना है रणवीर, किसने किया कैसे किया ये हम बाद में देखेंगे। हां तो अमर, आगे बताओ, ये कौन है, और कैसे ये असली मुजरिम है। और मनीष क्यों नहीं, जबकि उसे घटनास्थल पर संदिग्ध अवस्था में न सिर्फ पाया गया, बल्कि वो वहां से भाग भी गया?"
अमरकांत, "सर, मनीष का वहां पहुंचना भी इसकी ही प्लानिंग का हिस्सा था। और भागना जरूर उसकी गलती थी, मगर ये नहीं भागता, और हम इसे उसी समय गिरफ्तार कर लेते तो असली मुजरिम को पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता, बल्कि शायद नामुमकिन ही होता। और आप सब से माफी चाहते हुए, अब मैं समर को आगे की सारी बात बताने कहता हूं। क्योंकि समर इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण घटना, वाल्ट की डकैती, और नेहा की मौत को अपने सामने घटित होते देख है। समर..."
"सर ये कहानी न मनीष की है न मित्तल परिवार की, हां हिस्सा सब हैं इस कहानी का। ये कहानी है बिट्टू की। बिट्टू, इंदौर के एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा इकलौता लड़का, जिसके सपने बहुत बड़े थे पर उसके पास संसाधन कम थे, इसीलिए उन सपनों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिट्टू के पिताजी एक स्कूल में अध्यापक थे, और बिट्टू के मामा का घर काफी संपन्न था, इसीलिए उसकी मां ने उसे मामा के घर पढ़ाई करने उज्जैन भेजा। मामा के घर की सम्पन्नता ने बिट्टू के दिमाग में पैसा कमाने की सोच को पैदा किया, लेकिन कॉलेज में उसकी संगत कई ऐसे लोगों से हुई जो हर तरीके से पैसे कमाना चाहते थे। उसी समय इसकी मुलाकात नेहा से हुई, जो उससे २ साल जूनियर थी, और बिट्टू पर वो जान छिड़कती थी। बिट्टू भी उसे चाहता था, मगर उसका पहला प्यार बस पैसा ही था, और उसने ये सोचा कि जब तक वो खूब पैसा न कमा ले, वो नेहा को अपना नहीं सकता था। फिर वो उज्जैन से दिल्ली आता है, वहां से आगे की पढ़ाई करता है, और इसी बीच नेहा की शादी भी कहीं हो जाती है, लेकिन नेहा और बिट्टू का कॉन्टेक्ट नहीं टूटा। बिट्टू ने ही संजीव, नेहा के पति को फंसा कर सेना से भी निलंबित करवाया। और एक चिटफंड कंपनी में फंसा कर जेल भी करवाई। इसी बीच इसकी नौकरी मित्तल ग्रुप में लगी और यहां उसकी मुलाकात एक ऐसे इंसान से हुई जो उसकी बहुत पैसा कमाने की इक्षा को पूरा कर सकती थी। बिट्टू की एक और खास बात थी, वो लड़कियों पर अपना प्रभाव बहुत जल्दी ही छोड़ता था। इसीलिए उसने जल्द ही उस लड़की को भी अपने प्रभाव में ले लिया। मगर इसी बीच मनीष की एंट्री होती है मित्तल ग्रुप में और वो उसके राह की रुकावट बन जाता है। ये देखते हुए उसने फिर से एक बार नेहा को मोहरा बना कर अपनी चाल चली और मनीष उसमें फंसता चला गया। लेकिन वाल्ट में डकैती के बाद मित्तल सर को पता चल गया कि इन सब के पीछे कौन है, और वो इस बात को मनीष को बताने ही वाले थे, मगर उसके पहले ही बिट्टू और उसी लड़की ने मिल कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया, और उसका इल्ज़ाम भी मनीष पर लगा दिया।"
कुछ रुक कर समर ने अमरकांत को कुछ इशारा किया, और अमरकांत ने स्टेज की ओर कुछ।
"और ये बिट्टू और कोई नहीं, बल्कि मित्तल ग्रुप के बैंकिंग डिवीजन का डीजीएम करण है।" ये बोल कर उसने अपने साथ लाय आदमी के चेहरे से कपड़ा हटा दिया। "और वो लड़की है मिस प्रिया मित्तल।" और इसी के साथ दो महिला हवलदार प्रिया की कुर्सी के पास आ कर उसको पकड़ लेती है।
ये सुनते ही प्रिया फूट फुट कर रोने लगती है, और बाकी लोग उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं.... वाह भाई मजा आ गया सारे सस्पेंस सामने आ गए
Bahut hi badhiya update diya hai Riky007 bhai....#अपडेट ३५
अब तक आपने पढ़ा -
"ओह, वो। अब वो नहीं है सर। और सस्पेक्ट क्या अब तो असली मुजरिम भी हमारी गिरफ्त में है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "समर, अंदर आओ।"
अमरकांत के पुकारने के बाद समर हॉल के अंदर आता है, और उसके साथ एक आदमी की हथकड़ी में अंदर लाया गया, जिसके चेहरे पर कपड़ा पद था, और साथ में वही इंस्पेक्टर था जो उस दिन मेरी कॉल रिकॉर्ड कर रहा था......
अब आगे -
"अमरकांत, ये कौन है, और कैसे पता कि ये ही असली मुजरिम है? और समर क्यों है यहां?" SSP ने थोड़े गुस्से में कहा।
"सर, समर यहां बस मेरी मदद के लिए है। और अगर वो नहीं होता तो शायद इस केस का असली मुजरिम कभी नहीं पकड़ा जाता।"
"मगर अमर तुम..." इससे पहले SSP आगे कुछ कहते, कमिश्नर ने बीच में टोकते हुए कहा, "पहले हमें केस को सॉल्व करना है रणवीर, किसने किया कैसे किया ये हम बाद में देखेंगे। हां तो अमर, आगे बताओ, ये कौन है, और कैसे ये असली मुजरिम है। और मनीष क्यों नहीं, जबकि उसे घटनास्थल पर संदिग्ध अवस्था में न सिर्फ पाया गया, बल्कि वो वहां से भाग भी गया?"
अमरकांत, "सर, मनीष का वहां पहुंचना भी इसकी ही प्लानिंग का हिस्सा था। और भागना जरूर उसकी गलती थी, मगर ये नहीं भागता, और हम इसे उसी समय गिरफ्तार कर लेते तो असली मुजरिम को पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता, बल्कि शायद नामुमकिन ही होता। और आप सब से माफी चाहते हुए, अब मैं समर को आगे की सारी बात बताने कहता हूं। क्योंकि समर इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण घटना, वाल्ट की डकैती, और नेहा की मौत को अपने सामने घटित होते देख है। समर..."
"सर ये कहानी न मनीष की है न मित्तल परिवार की, हां हिस्सा सब हैं इस कहानी का। ये कहानी है बिट्टू की। बिट्टू, इंदौर के एक निम्न माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा इकलौता लड़का, जिसके सपने बहुत बड़े थे पर उसके पास संसाधन कम थे, इसीलिए उन सपनों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। बिट्टू के पिताजी एक स्कूल में अध्यापक थे, और बिट्टू के मामा का घर काफी संपन्न था, इसीलिए उसकी मां ने उसे मामा के घर पढ़ाई करने उज्जैन भेजा। मामा के घर की सम्पन्नता ने बिट्टू के दिमाग में पैसा कमाने की सोच को पैदा किया, लेकिन कॉलेज में उसकी संगत कई ऐसे लोगों से हुई जो हर तरीके से पैसे कमाना चाहते थे। उसी समय इसकी मुलाकात नेहा से हुई, जो उससे २ साल जूनियर थी, और बिट्टू पर वो जान छिड़कती थी। बिट्टू भी उसे चाहता था, मगर उसका पहला प्यार बस पैसा ही था, और उसने ये सोचा कि जब तक वो खूब पैसा न कमा ले, वो नेहा को अपना नहीं सकता था। फिर वो उज्जैन से दिल्ली आता है, वहां से आगे की पढ़ाई करता है, और इसी बीच नेहा की शादी भी कहीं हो जाती है, लेकिन नेहा और बिट्टू का कॉन्टेक्ट नहीं टूटा। बिट्टू ने ही संजीव, नेहा के पति को फंसा कर सेना से भी निलंबित करवाया। और एक चिटफंड कंपनी में फंसा कर जेल भी करवाई। इसी बीच इसकी नौकरी मित्तल ग्रुप में लगी और यहां उसकी मुलाकात एक ऐसे इंसान से हुई जो उसकी बहुत पैसा कमाने की इक्षा को पूरा कर सकती थी। बिट्टू की एक और खास बात थी, वो लड़कियों पर अपना प्रभाव बहुत जल्दी ही छोड़ता था। इसीलिए उसने जल्द ही उस लड़की को भी अपने प्रभाव में ले लिया। मगर इसी बीच मनीष की एंट्री होती है मित्तल ग्रुप में और वो उसके राह की रुकावट बन जाता है। ये देखते हुए उसने फिर से एक बार नेहा को मोहरा बना कर अपनी चाल चली और मनीष उसमें फंसता चला गया। लेकिन वाल्ट में डकैती के बाद मित्तल सर को पता चल गया कि इन सब के पीछे कौन है, और वो इस बात को मनीष को बताने ही वाले थे, मगर उसके पहले ही बिट्टू और उसी लड़की ने मिल कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया, और उसका इल्ज़ाम भी मनीष पर लगा दिया।"
कुछ रुक कर समर ने अमरकांत को कुछ इशारा किया, और अमरकांत ने स्टेज की ओर कुछ।
"और ये बिट्टू और कोई नहीं, बल्कि मित्तल ग्रुप के बैंकिंग डिवीजन का डीजीएम करण है।" ये बोल कर उसने अपने साथ लाय आदमी के चेहरे से कपड़ा हटा दिया। "और वो लड़की है मिस प्रिया मित्तल।" और इसी के साथ दो महिला हवलदार प्रिया की कुर्सी के पास आ कर उसको पकड़ लेती है।
ये सुनते ही प्रिया फूट फुट कर रोने लगती है, और बाकी लोग उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं....