• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest शहजादी सलमा

sbaakva

New Member
27
20
3
b
सीमा राधिका पर नजरे रखे हुए थी और साथ ही साथ महल के अंदर भी उसकी निगाह जमी हुई थी! जब सलमा और सलीम उदयगढ़ जाने के लिए सलीम के कक्ष से निकले थे सीमा ने देखा कि आबिद उनका पीछा कर रहा था और सीमा आबिद के पीछे चल पड़ी लेकिन एक मोड़ के बाद अचानक से सलमा और सलीम कहां गायब हो गए थे ये आबिद को पता नहीं चल पाया लेकिन एक बात उसके दिमाग में घुस गई थीं जरूर यहां से कोई गुप्त रास्ता है जिसमे सलमा और सलीम गायब हुए थे और वो वही दीवार की ओट में छिपकर उसके वापिस आने का इंतजार करने लगा ताकि उसे सच्चाई पता चल सके! सीमा भी उस पर नजर रखते हुए वहीं छिप गई और रात के करीब एक बजे जैसे ही सलमा और सलीम ने गुफा के द्वार के रूप में दीवार को हल्का सा खिसकाया तो आबिद के साथ साथ सीमा की आंखे भी हैरानी से खुल गई और इधर उधर ध्यान देते हुए दोनो आगे बढ़ने लगे!

सीमा नही चाहती थीं कि आबिद को महल के गुप्त रास्ते की जानकारी हो क्योंकि वो जानती थी कि वो जब्बार का आदमी था इसलिए उसने जान बूझकर आबिद के पास अपनी ढाल फेंक दी और एक जोर की आवाज सुनकर सलीम और सलमा दोनो तेजी से उधर मुड़े तो आबिद को देखकर हैरान हो गए और सलमा बोली:"

" इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो तुम?

आबिद डरते हुए बोला:" वो में पहरा दे रहा था तो इधर भी आ गया!

सलमा:" लेकिन तुम्हारी तो उधर ड्यूटी नही हैं! हमारे साथ आओ कुछ बात करनी है तुमसे!

सलमा आगे बढ़ी और आबिद डर के मारे उसके पीछे चल दिया और सलीम ने मौका देखकर उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया लेकिन आबिद उससे ताकतवर था और सलीम को धक्का देते हुए भाग निकला लेकिन सलमा ने उसकी टांग में अपनी टांग अड़ाते हुए उसे गिरा दिया और देखते ही देखते सलमा ने उस पर हमला कर दिया और सलमा ने एक जोरदार मुक्का उसके मुंह पर मारा तो वो दर्द से कराहता उससे पहले ही सलमा ने उसका मुंह बंद कर दिया और वो बेहोश होता चला गया!

आबिद के बेहोश होते ही सलमा उसे खींचते हुए गुफा के दरवाजे पर ले गई और हाथ पैर कसकर बांधते हुए उसके मुंह पर पानी मारा तो उसे होश आया और अपनी हालत देखते ही वो डर गया और बोला:"

" हमे जाने दीजिए शहजादी! हम तो राज्य के गुलाम हैं!

सलमा ने एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और गुस्से से दहाड़ी:"

" किसके गुलाम हो वही तो हम भी जानना चाहते हैं! सच बोल दिया तो छोड़ देंगे नही तो....

इतना कहकर सलमा ने एक तेज धारदार खंजर निकाला और उसकी गर्दन पर हल्का सा दबाव दिया तो खंजर की नोक गर्दन में घुस गई और खूब की बूंदे निकल आई तो आबिद दर्द से तड़प कर बोला:"

" जब्बार ! उसी ने हमे आपके पीछे लगाया था और वो आपसे शादी करके राजा बनना चाहता है! उसे शक है कि आपका उदयगढ़ के युवराज से प्रेम चल रहा है!

सलमा ने एक जोरदार लात उसकी टांगो के बीच में मारी तो आबिद पूरी ताकत से गला फाड़कर तड़प उठा

" अअह्ह्ह्ह्ह अम्मी! मर गया! छोड़ दीजिए हमे शहजादी अब मर जायेंगे!

सलमा ने चाकू से उसके दांए हाथ के अंगूठे को काट दिया और बोली:" मरना तो तुम्हे पड़ेगा क्योंकि हम जब्बार के हर आदमी को कुत्ते की मौत मारेंगे! लेकिन एक शर्त पर छोड़ सकते है ये बताओ कि जब्बार के साथ और कौन कौन हैं जो उसका साथ दे रहा है?

आबिद दर्द के मारे रो पड़ा और बोला:" हमे ज्यादा तो नहीं पता लेकिन मीर जाफर, मीर नवाब और सतपाल ये सब उसके साथ मिले हुए हैं!

सलमा:" हम सबको देख लेंगे! तुम यहीं आराम करो! हम चलते हैं कल बात होगी!

आबिद:" शहजादी हमे यहां मत छोड़िए! अंधेरे में हमे डर लगता हैं बहुत ज्यादा!

सलमा ने जाते जाते एक लात फिर से उसकी टांगो के बीच में जड़ दी और आबिद दर्द से कराहते हुए दोहरा होता चला गया! सलमा जैसे ही अपने कक्ष में घुस गई तो सीमा को आज महल के एक नए रहस्य का ज्ञान हुआ और और साथ ही साथ पता चला कि जब्बार ने कितनी मजबूती से राज्य को अपने कब्जे में लिया हुआ है!

सीमा जानना चाहती थी कि इतनी रात को आखिर सलमा और सलीम कहां गए थे इसलिए वो दबे पांव सलमा के कक्ष की तरफ बढ़ गई और किस्मत से खुले दरवाजे से अन्दर चली गई और उसने सुना कि सलीम के साथ सलमा और रजिया बाते कर रहे थे!

सलीम:" अम्मी हम तो बेहद खुश हुए अपने अब्बू से मिलने के बाद! अब आप देखना हम कल ही जब्बार को फांसी पर लटका देंगे!

सलमा:" भूलकर भी कोई बेवकूफी मत करना! हम जो कहे बस वही करना क्योंकि जब्बार के हाथ में अभी पूरा राज्य हैं! आप सिर्फ अभी अपनी खोई हुई ताकत हासिल करो क्योंकि आप एक मामूली से सैनिक आबिद को नही पकड़ पाए और जब्बार आदमी नही हैवान हैं!

रजिया:" सलमा ठीक कहती हैं बेटा! आप अपनी सेहत का ध्यान रखो! बाकी सब कुछ हम संभाल लेंगे!

सलीम:" हमारी रगों में भी शाही खून दौड़ रहा है! अब बदला लेकर रहेंगे!

सलमा:" हान लेकिन वक्त आने पर आपको मौका मिलेगा! अभी हमे जब्बार को फसाना होगा!

रजिया:" ठीक हैं लेकिन ध्यान रखना क्योंकि जब्बार बहुत ज्यादा खतरनाक आदमी है बेटी!

सलमा:" आप फिक्र मत कीजिए! हम भी शहजादी सलमा हैं! जब हम विक्रम जैसे युवराज को अपने हुस्न के जाल में फंसा सकते है तो फिर ये जब्बार किस चिड़िया का नाम है अम्मी जान!

बाहर खड़ी सीमा को ये सुनकर जोर का धक्का लगा क्योंकि उसे यकीन था कि सलमा विक्रम से सच्चा प्यार करती है लेकिन यहां तो सच्चाई उसे आज पता चली और ये सलमा अभी जब्बार को भी अपने जाल में फसाने वाली है ये सोचकर उसे सलमा बेहद बुरी लगने लगी !

सलीम:" लेकिन आपी वो जब्बार बेहद खूंखार और जालिम है! लड़कियों का शिकार करना उसकी आदत में शामिल हैं ये बात हम बेहद अच्छी तरह से जानते हैं!

सलमा:" अफसोस सलीम कि तुम जब्बार को तो अच्छे से जानते हो लेकिन अपनी बहन को थोड़ा भी नहीं जानते! जब्बार किसी पालतू कुत्ते की तरह हमारे तलवे चाटेगा ये सलमा का वादा हैं आपसे भाई और एक दिन उसे मौत के घाट हम ही उतारेंगे!

रजिया:" सच में सलमा तुम जैसी बेटी मिलना बड़ी किस्मत की बात है!

सलीम:" अम्मी आप देखना कि आप अपने बेटे पर भी फख्र महसूस करेंगी! हम अपने राज्य की हिफाजत करेंगे और सब कुछ ठीक कर देंगे!

सलमा:" अच्छा ठीक हैं अभी आप आराम कीजिए क्योंकि रात बहुत ज्यादा हो गई है और हां आबिद गुप्त रास्ते से बाहर नही आना चाहिए!

उसके बाद सलीम और रजिया के आने से पहले ही सीमा वहां से निकल गई और जैसे ही दोनो अपने कक्ष में घुसे तो सीमा गुप्त रास्ते का दरवाजा खोल कर अंदर घुस गई जहां आबिद बंधा हुआ पड़ा था! सीमा को देखते ही उसे उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और बोला:"

" मुझे इस जहन्नुम से बाहर निकालिए सीमा!

सीमा ने उसे गुस्से से देखा और एक थप्पड़ रसीद कर दिया और बोली:" देशद्रोहियों के लिए यही जगह उपयुक्त है!

आबिद:" हमने अपनी जान बचाने के लिए जब्बार का साथ दिया नही तो वो हमे मार डालता!

सीमा:" अच्छा ठीक हैं हम आपकी खोल देंगे लेकिन हमे बताओ कि अजय को मारने की योजना कैसे बनी?

आबिद:" ज्यादा तो पता नहीं लेकिन जब्बार को पता चला गया था कि अजय ही उदयगढ़ की असली ताकत है और विक्रम की सबसे बड़ी ढाल भी वही है! इससे ज्यादा हमे कुछ नहीं पता!

सीमा: अच्छा ठीक है तो फिर हम चलते हैं! तुम यहीं पड़े रहो!

आबिद:" नही नही मेरी बात सुनिए ! हम आपको सब कुछ सच बताते हैं! आप ही हमे बचा सकती हो क्योंकि शहजादी तो हमे मार ही डालेगी!

सीमा रुक गई और बोली:"

" जो बोलना है वो जल्दी बोलो !

आबिद:" जब्बार शहजादी से शादी करके राजा बनना चाहता है लेकिन उसे पता चल गया था कि शहजादी उदयगढ़ के युवराज से प्रेम करती हैं जिस कारण वो युवराज को मारना चाहते थे लेकिन अजय के होते ये असंभव था और इसलिए अजय को मारने की योजना बनाई गई थी!

सीमा:" लेकिन जब्बार को कैसे पता चला कि सलमा और विक्रम एक दूसरे से प्रेम करते हैं ?

आबिद:" ज्यादा तो जानकारी नहीं है लेकिन किसी लड़की ने उसे जब्बार को बताया था और कोई निशानी भी दी थी!

सीमा के दिमाग में धमाका सा हुआ क्योंकि जो वो सोच रही थी अगर ऐसा है तो नही नही.. ऐसा होना मुश्किल है लेकिन कुछ भी हो सकता है! सीमा कुछ सोचती रही और बोली:"

" अच्छा बताओ कौन है वो लड़की हैं जिसने ये सब जब्बार को बताया ?

आबिद: शक्ल तो नही देखी क्योंकि वो मुंह ढककर आती है और रात भर जब्बार की राते रंगीन करती है वो!

सीमा को अब यकीन होता जा रहा था कि वो सही सोच रही है और बोली:"

" अच्छा! हम पता कर लेंगे! जब्बार से तुम कब और कैसे मिलते हो ?

आबिद:" जब्बार रोज दिन में खाना खाने के बाद हथियारों का जखीरे में जाता हैं जो उसके घर के पीछे में हैं! वही हम उससे मिलते हैं!

सीमा चौंक पड़ी और बोली:"

" लेकिन हथियारों का जखीरा तो राजमहल के अंदर हैं!

आबिद को अपनी गलती का एहसास हुआ और बोला:"

" वो हमारे मुंह से निकल गया!

सीमा ने उसके पैरो को खोल दिया और बोली :" सच बताओगे तो हाथ भी खोल दूंगी! जब्बार के घर के पीछे हथियारों का जखीरा कहां से आया ?

आबिद अपने पैर खुलने से उत्साहित हुआ और बोला:"

" जब्बार अलग से हथियार इकट्ठे कर रहा है ताकि अगर बगावत हो तो वो सलमा और सारे राज परिवार को खत्म कर सके! इसके लिए उसने अपनी एक सेना भी बना ली हैं जिसमे सिर्फ उसके ही विश्वास के लोग हैं!

सीमा को अब समझ में आ गया था कि ये जब्बार सच में पूरे राज्य पर कब्जा करके बैठा हुआ हैं और तभी उसकी नज़र आबिद के गले में पड़ी हुई कीमती रत्नजड़ित माला पर पड़ी और बोली:" ऐसी माला हमने एक बार जब्बार के गले में देखी थी! तुम्हारे पास कैसे आई ?

आबिद:" वो हमने उन्हें बताया था कि सलमा का युवराज विक्रम से प्रेम प्रसंग चल रहा हैं! उसके बाद ही जब्बार ने सच्चाई का पता किया था! इसलिए हम ईनाम मिला था! ये माला हम आपको दे देंगे!

सीमा की आंखो मे खून उतर आया और उसके हाथ में एक खंजर नजर आया और उसने बिना देर किए आबिद की छाती में वो खंजर घोप दिया और दहाड़ी:"

" हमारी जिंदगी थे अजय! हम उसके खून के बदले के लिए लाशों के ढेर लगा देंगे!

आबिद दर्द के मारे तड़प उठा और सीमा ने खंजर को बाहर निकाला और एक के बाद एक कई वार उसके सीने पर करती रही जब तक वो मर नही गया!

उसकी मौत के बाद सीमा गुफा को बंद करके बाहर निकल आई और रात में करीब दो बजे अपने घर आई लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक राधिका का कमरा अभी तक खाली था और वो जानती थी कि अभी राधिका कहां होगी!

सीमा अपने बिस्तर पर लुढ़क गई और उसे समझा नही आ रहा था कि किस्मत उसके साथ कैसा खेल खेल रही है! कल तक वो जो उसके अपने थे आज उसे सब बेगाने लग रहे थे! क्या राधिका क्या सलमा उसे सभी से नफरत हो गई थी!

वहीं दूसरी तरफ मेनका अजय की बांहों में सोई हुई थी और सुबह होने ही वाली थी कि मेनका को अपनी जांघो के बीच में कुछ सख्त सा महसूस हुआ तो उसकी आंखे खुल गई और वो समझ गई कि उसके बेटे का लंड एक बार से खड़ा होकर उसकी चूत से मिलाप कर रहा है तो उसने प्यार से विक्रम की तरफ देखा और उसका माथा चूम लिया! विक्रम भले ही नींद में था लेकिन मेनका के नंगे जिस्म का असर उसके लंड पर हो रहा था और लंड पूरी सख्ती से पूरी लंबाई में खड़ा हुआ था!

मेनका धीरे से नीचे की तरफ खिसक आई क्योंकि वो विक्रम के लंड को जी भरकर देखना चाहती थी! मेनका ने एक भरपूर नजर लंड पर डाली और उसे विक्रम के लंड की लंबाई और चौड़ाई का सही से पहली बार एहसास हुआ था तो उसकी सांसे रुक सी गई क्योंकि उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि लंड ऐसा भी हो सा सकता है!

मेनका आंखे फाड़े लंड के दर्शन कर ही रही थी कि उसके होश उड़ गए जब -

" आपको पसंद आया ना राजमाता ?

विक्रम की आवाज सुनकर मेनका शर्म से पानी पानी हो गई और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि विक्रम से कुछ कह सके तो विक्रम ने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और बोला:"

" अच्छे से छूकर और महसूस करके देखिए ना माता!

मेनका शर्म से अपना हाथ पीछे खींचने लगी तो विक्रम ने उसके हाथ को सख्ती से थाम लिया और लंड पर पूरी लंबाई में घुमाया और धीरे से उसके कान में बोला:"

" पसंद आया ना आपको अपने महाराज का हथियार !!

मेनका के मुंह से एक शब्द नही फूटा लेकिन लंड पर उसकी उंगलियां अब कस गई थी और विक्रम ने हाथ उठाकर मेनका को अपनी तरफ खींच लिया और दोनो की नंगी छातियां एक बार फिर से टकरा गई तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने लंड के सुपाड़े को अपनी मुट्ठी में जोर से कस लिया! विक्रम मेनका की तरफ से पहल पाकर जोश में आ गया और उसने अपने दोनो हाथों से मेनका के गोल मटोल नितम्बो को थाम लिया और सहलाते हुए बोला:"

" हाय मेरी माता! आपके चूतड कितने गोल और बड़े बड़े सख्त हैं एक दम गद्देदार!

जैसे ही विक्रम ने मेनका के चूतड़ों को मसला तो मेनका की पकड़ लंड पर सख्त हो गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह्ह् पुत्र! दर्द होता हैं हमे!

विक्रम ने उसके हाथो में लंड को पूरा उभार दिया और अपने हाथ की एक उंगली को उसके चूतड़ों के बीच में घुसा कर जैसे ही छेद को छुआ तो मेनका जोर से सिसक उठी और अपनी गांड़ का छेद सिकोड़ लिया और धीरे से कसमसाती हुई बोली:"

" हाय क्या गजब करते हो पुत्र! अअह्ह्ह्ह उधर नही छूते!

मेनका की मस्ती भरी सीत्कार सुनकर विक्रम ने दूसरे हाथ को आगे लाकर उसकी चूत पर रख दिया और अपनी हथेली में उसकी रसीली चूत भींचते हुए मेनका की गर्दन चूमकर बोला:"

" हाय माता! वहां आपको पसंद नहीं है तो यहां आगे तो छू सकता हूं ना आपको!

मेनका की चूत और गांड़ एक पर विक्रम ने कब्जा कर लिया था और मेनका अगर चूत को कसती तो गांड़ खुल जाती और गांड़ कसती तो चूत खुल जाती और मेनका सिसकते हुए बोली:".

" हाय महराज! हमारा ये मतलब नहीं था कि आप आगे अपना हाथ घुसाओ !

विक्रम मेनका की गर्म तपती हुई चूत अपनी मुट्ठी में महसूस करते ही पिघल गया और उसने जोर से मेनका की चूत को मसल दिया और बोला:"

" हाय माता! आपकी ये अपनी गर्म क्यों हो रही है कि पिघल कर बह रही है!

चूत मसले जाने से मेनका जोर से सिसक उठी और लंड के सुपाड़े को अपनी मुट्ठी को गोल बनाते हुए कसकर बोली:"

" हाय हमे नही पता! कितनी गंदी गंदी बातें करते हो महाराज!

विक्रम ने एक उंगली को मेनका के पूरी तरह से भीग गए चूत के होंठो पर फिराया और बोला:"

" हाय मेरी जान! गंदी नही मस्तानी बाते मेरी माता! आपको पसंद नहीं आ रही है क्या हमारी बाते?

इतना कहकर विक्रम ने अपनी उंगली का दबाव उसकी चूत के छेद पर दिया तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह्ह्ह् मत कीजिए महराज! हमे नही पता पसंद आ रही है या नहीं!

विक्रम ने अपनी उंगली को चूत के रस से पूरी तरह से गीला कर दिया और एक जोरदार झटके के साथ एक इंच उंगली को चूत के अंदर घुसा दिया तो मेनका लंड को पूरी ताकत से अपनी मुट्ठी में कसते हुए दर्द और मस्ती से कराह उठी

" आह्ह्ह्ह मार डाला हमे! अअह्ह्ह्हह नहीईईईईए कितनी मोटी उंगली हैं आपकी!

विक्रम को लगा कि उसकी उंगली मेनका की चूत की दीवारों की गर्मी के आगे पिघल रही है तो विक्रम ने जोर से अपनी छाती से मेनका की चुचियों को रगड़ दिया और लंड को उसकी मुट्ठी में घुसाते हुए बोला:"

" अह्ह्ह्ह्ह्ह मेनका बहुत ज्यादा गर्म है आपकी हमारी उंगली जल रही है लगता हैं किसी गर्म तपती हुई भट्टी में डाल दिया है! ये इतनी गर्म क्यों है माता?

विक्रम की बात सुनकर मेनका ने जोर से अपनी चूत को उंगली के चारो ओर कस दिया और बोली:"

" अह्ह्ह्ह्ह हमे नही पता पुत्र! अह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई!

मेनका की चूत की कसावट महसूस करके विक्रम पूरी तरह से मदहोश हो गया और उसकी चूत के भगांकुर को रगड़ते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्ह्ह ये तो पता होगा कि हमारी उंगली कहां घुसी हुई है!

मेनका अब जोर जोर से लंड को सहला रही थी और अपनी चुचियों को उसकी छाती में रगड़ती हुई सिसकी

" अअह्ह्ह्ह्ह हमे नही पता पुत्र!

विक्रम ने दांतो को उसके कंधे पर गड़ा दिया और उसकी चूत में उंगली हल्की सी घुमाते हुए बोला:"

" हम बता दे क्या आपको !!!

विक्रम की बात सुनकर मेनका पूरी ताकत से उससे कसकर लिपट गई और मेनका के खड़े हुए सख्त चूचक विक्रम की छाती में गए और मेनका पूरी ताकत से चूत को कसते हुए जोर से सिसक उठी

" अअह्ह्ह्ह नहीईईईए uffffffff सीईईईईईईई

विक्रम ने अपनी छाती का जोरदार धक्का मेनका की छाती पर दिया जिससे दोनो की आंखे एक दूसरे से मिल गई और विक्रम उसकी आंखो से देखते हुए कामुक अंदाज में बोला:"

" चूत में!!!! मेनका की कसी हुई रसीली गर्म चूत में फंस गई है मेरी उंगली!

मेनका ने उसके लंड को जोरदार तरीके से मसल दिया और उसके होंठो पर काटते हुए सिसकी

" अह्ह्ह्ह्ह कितने गंदे हो आप महाराज!

लंड रगड़े जाने से विक्रम तड़प सा उठा और विक्रम ने अपने लंड का जोरदार धक्का मेनका की मुट्ठी में जड़ दिया और लंड मेनका की मुट्ठी को खोलते हुए करीब छह इंच बाहर निकल गया और विक्रम बोला:"

" आआह्ह्हह !!!! और ये कैसा लगा आपको माता !!

मेनका लंड की ताकत को एहसास करते ही पिघल गई और कसकर विक्रम से लिपट गई और कामुक आवाज में बोली:"

" बहुत ज्यादा शक्तिशाली!!! ये हमारे लिए नही बना है पुत्र!

विक्रम का लंड जैसे ही चूत से छुआ तो उसने उंगली को बाहर निकाल लिया और लंड को चूत के छेद पर रगड़ते हुए बोला:"

" ये आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है राजमाता! आपकी इतनी गर्म कसी हुई पिघलती हुई चूत को पूरा भर देगा ये!

इतना कहकर विक्रम ने फिर से मेनका की आंखो में देखते हुए लंड का जोर लगाया तो मेनका ने कसमसाते हुए अपनी जांघो को हल्का सा खोल दिया और विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते देखते ही एक जोरदार धक्का लगाया तो फिर से लंड का आधा सुपाड़ा गर्म चूत में घुस गया और मेनका दर्द से कराहते हुए विक्रम से कसकर लिपट गई

" अअह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई मर गई!!!

विक्रम ने मेनका के मजबूत कूल्हों को थामते हुए लंड का जोरदार लगाने के अपने कूल्हों को जैसे ही आगे धकेला तो दोनो एक साथ उछल पड़े

" राजमाता आपके नहाने का पानी गर्म हो गया है!!!

ये बिंदिया की आवाज थी जो राजमाता को बुलाने के लिए बाहर खड़ी थी! दोनो के एक दूसरे के होंठो को चूम लिया और जैसे ही विक्रम ने लंड का सुपाड़ा बाहर खींचा तो फक्क की आवाज के साथ वो बाहर निकल गया और मेनका मस्ती भरी आह भरते हुए सिसक उठी!

" अह्ह्ह्ह पुत्र! कितना आनंदमई अद्भुत एहसास है जब घुसकर बाहर निकलता है!

विक्रम ने उसकी चुचियों को मसल दिया और बोला:"

" आह्ह्ह्ह् माता! हमे भी बेहद अलौकिक आनंद आता हैं जब आपकी चूत की गर्म दीवारें हमारे हथियार को कस लेती है!

मेनका ने विक्रम का मुंह चूम लिया और बोली:"

" हमे जाना होगा! आप भी मौका देखकर निकल जाना! किसी ने आपको हमारे कक्ष से इतनी सुबह निकलते हुए देख लिया तो गजब हो जायेगा!

विक्रम अपने वस्त्र ठीक करते हुए बोला:" अच्छा जी राजमाता को भी डर लगता हैं क्या ?

मेनका अपने वस्त्र ठीक कर चुकी थी और विक्रम का हाथ पकड़ कर बोली:"

" राजमाता की भी अपनी इज्जत होती है पुत्र!

विक्रम ने आगे बढ़कर मेनका को एक बार फिर से अपनी बांहों में कस लिया और वस्त्रों के ऊपर से ही उसकी चूत को मुठ्ठी में भरकर बोला:"

" और ये इज्जत मुझे चाहिए राजमाता!

मेनका एक झटके के साथ उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और परदे हटाकर दरवाजे की तरफ बढ़ती हुई धीरे से बोली:"

" मैं चली नहाने! बड़े आए राजमाता की इज्जत लेने वाले!

इतना कहकर विक्रम मुस्कुराती हुई बाहर निकल गई और विक्रम मुस्कराते हुए उसे जाते हुए देखता रहा! मेनका के जाने के बाद विक्रम भी दरवाजे पर आ गया और सावधानी पूर्वक इधर उधर देखते हुए कक्ष से बाहर निकल गया!
bhai gifs to add kriye isme plz
 
  • Like
Reactions: Napster

Suryasexa

Member
346
789
109
सीमा राधिका पर नजरे रखे हुए थी और साथ ही साथ महल के अंदर भी उसकी निगाह जमी हुई थी! जब सलमा और सलीम उदयगढ़ जाने के लिए सलीम के कक्ष से निकले थे सीमा ने देखा कि आबिद उनका पीछा कर रहा था और सीमा आबिद के पीछे चल पड़ी लेकिन एक मोड़ के बाद अचानक से सलमा और सलीम कहां गायब हो गए थे ये आबिद को पता नहीं चल पाया लेकिन एक बात उसके दिमाग में घुस गई थीं जरूर यहां से कोई गुप्त रास्ता है जिसमे सलमा और सलीम गायब हुए थे और वो वही दीवार की ओट में छिपकर उसके वापिस आने का इंतजार करने लगा ताकि उसे सच्चाई पता चल सके! सीमा भी उस पर नजर रखते हुए वहीं छिप गई और रात के करीब एक बजे जैसे ही सलमा और सलीम ने गुफा के द्वार के रूप में दीवार को हल्का सा खिसकाया तो आबिद के साथ साथ सीमा की आंखे भी हैरानी से खुल गई और इधर उधर ध्यान देते हुए दोनो आगे बढ़ने लगे!

सीमा नही चाहती थीं कि आबिद को महल के गुप्त रास्ते की जानकारी हो क्योंकि वो जानती थी कि वो जब्बार का आदमी था इसलिए उसने जान बूझकर आबिद के पास अपनी ढाल फेंक दी और एक जोर की आवाज सुनकर सलीम और सलमा दोनो तेजी से उधर मुड़े तो आबिद को देखकर हैरान हो गए और सलमा बोली:"

" इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो तुम?

आबिद डरते हुए बोला:" वो में पहरा दे रहा था तो इधर भी आ गया!

सलमा:" लेकिन तुम्हारी तो उधर ड्यूटी नही हैं! हमारे साथ आओ कुछ बात करनी है तुमसे!

सलमा आगे बढ़ी और आबिद डर के मारे उसके पीछे चल दिया और सलीम ने मौका देखकर उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया लेकिन आबिद उससे ताकतवर था और सलीम को धक्का देते हुए भाग निकला लेकिन सलमा ने उसकी टांग में अपनी टांग अड़ाते हुए उसे गिरा दिया और देखते ही देखते सलमा ने उस पर हमला कर दिया और सलमा ने एक जोरदार मुक्का उसके मुंह पर मारा तो वो दर्द से कराहता उससे पहले ही सलमा ने उसका मुंह बंद कर दिया और वो बेहोश होता चला गया!

आबिद के बेहोश होते ही सलमा उसे खींचते हुए गुफा के दरवाजे पर ले गई और हाथ पैर कसकर बांधते हुए उसके मुंह पर पानी मारा तो उसे होश आया और अपनी हालत देखते ही वो डर गया और बोला:"

" हमे जाने दीजिए शहजादी! हम तो राज्य के गुलाम हैं!

सलमा ने एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और गुस्से से दहाड़ी:"

" किसके गुलाम हो वही तो हम भी जानना चाहते हैं! सच बोल दिया तो छोड़ देंगे नही तो....

इतना कहकर सलमा ने एक तेज धारदार खंजर निकाला और उसकी गर्दन पर हल्का सा दबाव दिया तो खंजर की नोक गर्दन में घुस गई और खूब की बूंदे निकल आई तो आबिद दर्द से तड़प कर बोला:"

" जब्बार ! उसी ने हमे आपके पीछे लगाया था और वो आपसे शादी करके राजा बनना चाहता है! उसे शक है कि आपका उदयगढ़ के युवराज से प्रेम चल रहा है!

सलमा ने एक जोरदार लात उसकी टांगो के बीच में मारी तो आबिद पूरी ताकत से गला फाड़कर तड़प उठा

" अअह्ह्ह्ह्ह अम्मी! मर गया! छोड़ दीजिए हमे शहजादी अब मर जायेंगे!

सलमा ने चाकू से उसके दांए हाथ के अंगूठे को काट दिया और बोली:" मरना तो तुम्हे पड़ेगा क्योंकि हम जब्बार के हर आदमी को कुत्ते की मौत मारेंगे! लेकिन एक शर्त पर छोड़ सकते है ये बताओ कि जब्बार के साथ और कौन कौन हैं जो उसका साथ दे रहा है?

आबिद दर्द के मारे रो पड़ा और बोला:" हमे ज्यादा तो नहीं पता लेकिन मीर जाफर, मीर नवाब और सतपाल ये सब उसके साथ मिले हुए हैं!

सलमा:" हम सबको देख लेंगे! तुम यहीं आराम करो! हम चलते हैं कल बात होगी!

आबिद:" शहजादी हमे यहां मत छोड़िए! अंधेरे में हमे डर लगता हैं बहुत ज्यादा!

सलमा ने जाते जाते एक लात फिर से उसकी टांगो के बीच में जड़ दी और आबिद दर्द से कराहते हुए दोहरा होता चला गया! सलमा जैसे ही अपने कक्ष में घुस गई तो सीमा को आज महल के एक नए रहस्य का ज्ञान हुआ और और साथ ही साथ पता चला कि जब्बार ने कितनी मजबूती से राज्य को अपने कब्जे में लिया हुआ है!

सीमा जानना चाहती थी कि इतनी रात को आखिर सलमा और सलीम कहां गए थे इसलिए वो दबे पांव सलमा के कक्ष की तरफ बढ़ गई और किस्मत से खुले दरवाजे से अन्दर चली गई और उसने सुना कि सलीम के साथ सलमा और रजिया बाते कर रहे थे!

सलीम:" अम्मी हम तो बेहद खुश हुए अपने अब्बू से मिलने के बाद! अब आप देखना हम कल ही जब्बार को फांसी पर लटका देंगे!

सलमा:" भूलकर भी कोई बेवकूफी मत करना! हम जो कहे बस वही करना क्योंकि जब्बार के हाथ में अभी पूरा राज्य हैं! आप सिर्फ अभी अपनी खोई हुई ताकत हासिल करो क्योंकि आप एक मामूली से सैनिक आबिद को नही पकड़ पाए और जब्बार आदमी नही हैवान हैं!

रजिया:" सलमा ठीक कहती हैं बेटा! आप अपनी सेहत का ध्यान रखो! बाकी सब कुछ हम संभाल लेंगे!

सलीम:" हमारी रगों में भी शाही खून दौड़ रहा है! अब बदला लेकर रहेंगे!

सलमा:" हान लेकिन वक्त आने पर आपको मौका मिलेगा! अभी हमे जब्बार को फसाना होगा!

रजिया:" ठीक हैं लेकिन ध्यान रखना क्योंकि जब्बार बहुत ज्यादा खतरनाक आदमी है बेटी!

सलमा:" आप फिक्र मत कीजिए! हम भी शहजादी सलमा हैं! जब हम विक्रम जैसे युवराज को अपने हुस्न के जाल में फंसा सकते है तो फिर ये जब्बार किस चिड़िया का नाम है अम्मी जान!

बाहर खड़ी सीमा को ये सुनकर जोर का धक्का लगा क्योंकि उसे यकीन था कि सलमा विक्रम से सच्चा प्यार करती है लेकिन यहां तो सच्चाई उसे आज पता चली और ये सलमा अभी जब्बार को भी अपने जाल में फसाने वाली है ये सोचकर उसे सलमा बेहद बुरी लगने लगी !

सलीम:" लेकिन आपी वो जब्बार बेहद खूंखार और जालिम है! लड़कियों का शिकार करना उसकी आदत में शामिल हैं ये बात हम बेहद अच्छी तरह से जानते हैं!

सलमा:" अफसोस सलीम कि तुम जब्बार को तो अच्छे से जानते हो लेकिन अपनी बहन को थोड़ा भी नहीं जानते! जब्बार किसी पालतू कुत्ते की तरह हमारे तलवे चाटेगा ये सलमा का वादा हैं आपसे भाई और एक दिन उसे मौत के घाट हम ही उतारेंगे!

रजिया:" सच में सलमा तुम जैसी बेटी मिलना बड़ी किस्मत की बात है!

सलीम:" अम्मी आप देखना कि आप अपने बेटे पर भी फख्र महसूस करेंगी! हम अपने राज्य की हिफाजत करेंगे और सब कुछ ठीक कर देंगे!

सलमा:" अच्छा ठीक हैं अभी आप आराम कीजिए क्योंकि रात बहुत ज्यादा हो गई है और हां आबिद गुप्त रास्ते से बाहर नही आना चाहिए!

उसके बाद सलीम और रजिया के आने से पहले ही सीमा वहां से निकल गई और जैसे ही दोनो अपने कक्ष में घुसे तो सीमा गुप्त रास्ते का दरवाजा खोल कर अंदर घुस गई जहां आबिद बंधा हुआ पड़ा था! सीमा को देखते ही उसे उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और बोला:"

" मुझे इस जहन्नुम से बाहर निकालिए सीमा!

सीमा ने उसे गुस्से से देखा और एक थप्पड़ रसीद कर दिया और बोली:" देशद्रोहियों के लिए यही जगह उपयुक्त है!

आबिद:" हमने अपनी जान बचाने के लिए जब्बार का साथ दिया नही तो वो हमे मार डालता!

सीमा:" अच्छा ठीक हैं हम आपकी खोल देंगे लेकिन हमे बताओ कि अजय को मारने की योजना कैसे बनी?

आबिद:" ज्यादा तो पता नहीं लेकिन जब्बार को पता चला गया था कि अजय ही उदयगढ़ की असली ताकत है और विक्रम की सबसे बड़ी ढाल भी वही है! इससे ज्यादा हमे कुछ नहीं पता!

सीमा: अच्छा ठीक है तो फिर हम चलते हैं! तुम यहीं पड़े रहो!

आबिद:" नही नही मेरी बात सुनिए ! हम आपको सब कुछ सच बताते हैं! आप ही हमे बचा सकती हो क्योंकि शहजादी तो हमे मार ही डालेगी!

सीमा रुक गई और बोली:"

" जो बोलना है वो जल्दी बोलो !

आबिद:" जब्बार शहजादी से शादी करके राजा बनना चाहता है लेकिन उसे पता चल गया था कि शहजादी उदयगढ़ के युवराज से प्रेम करती हैं जिस कारण वो युवराज को मारना चाहते थे लेकिन अजय के होते ये असंभव था और इसलिए अजय को मारने की योजना बनाई गई थी!

सीमा:" लेकिन जब्बार को कैसे पता चला कि सलमा और विक्रम एक दूसरे से प्रेम करते हैं ?

आबिद:" ज्यादा तो जानकारी नहीं है लेकिन किसी लड़की ने उसे जब्बार को बताया था और कोई निशानी भी दी थी!

सीमा के दिमाग में धमाका सा हुआ क्योंकि जो वो सोच रही थी अगर ऐसा है तो नही नही.. ऐसा होना मुश्किल है लेकिन कुछ भी हो सकता है! सीमा कुछ सोचती रही और बोली:"

" अच्छा बताओ कौन है वो लड़की हैं जिसने ये सब जब्बार को बताया ?

आबिद: शक्ल तो नही देखी क्योंकि वो मुंह ढककर आती है और रात भर जब्बार की राते रंगीन करती है वो!

सीमा को अब यकीन होता जा रहा था कि वो सही सोच रही है और बोली:"

" अच्छा! हम पता कर लेंगे! जब्बार से तुम कब और कैसे मिलते हो ?

आबिद:" जब्बार रोज दिन में खाना खाने के बाद हथियारों का जखीरे में जाता हैं जो उसके घर के पीछे में हैं! वही हम उससे मिलते हैं!

सीमा चौंक पड़ी और बोली:"

" लेकिन हथियारों का जखीरा तो राजमहल के अंदर हैं!

आबिद को अपनी गलती का एहसास हुआ और बोला:"

" वो हमारे मुंह से निकल गया!

सीमा ने उसके पैरो को खोल दिया और बोली :" सच बताओगे तो हाथ भी खोल दूंगी! जब्बार के घर के पीछे हथियारों का जखीरा कहां से आया ?

आबिद अपने पैर खुलने से उत्साहित हुआ और बोला:"

" जब्बार अलग से हथियार इकट्ठे कर रहा है ताकि अगर बगावत हो तो वो सलमा और सारे राज परिवार को खत्म कर सके! इसके लिए उसने अपनी एक सेना भी बना ली हैं जिसमे सिर्फ उसके ही विश्वास के लोग हैं!

सीमा को अब समझ में आ गया था कि ये जब्बार सच में पूरे राज्य पर कब्जा करके बैठा हुआ हैं और तभी उसकी नज़र आबिद के गले में पड़ी हुई कीमती रत्नजड़ित माला पर पड़ी और बोली:" ऐसी माला हमने एक बार जब्बार के गले में देखी थी! तुम्हारे पास कैसे आई ?

आबिद:" वो हमने उन्हें बताया था कि सलमा का युवराज विक्रम से प्रेम प्रसंग चल रहा हैं! उसके बाद ही जब्बार ने सच्चाई का पता किया था! इसलिए हम ईनाम मिला था! ये माला हम आपको दे देंगे!

सीमा की आंखो मे खून उतर आया और उसके हाथ में एक खंजर नजर आया और उसने बिना देर किए आबिद की छाती में वो खंजर घोप दिया और दहाड़ी:"

" हमारी जिंदगी थे अजय! हम उसके खून के बदले के लिए लाशों के ढेर लगा देंगे!

आबिद दर्द के मारे तड़प उठा और सीमा ने खंजर को बाहर निकाला और एक के बाद एक कई वार उसके सीने पर करती रही जब तक वो मर नही गया!

उसकी मौत के बाद सीमा गुफा को बंद करके बाहर निकल आई और रात में करीब दो बजे अपने घर आई लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक राधिका का कमरा अभी तक खाली था और वो जानती थी कि अभी राधिका कहां होगी!

सीमा अपने बिस्तर पर लुढ़क गई और उसे समझा नही आ रहा था कि किस्मत उसके साथ कैसा खेल खेल रही है! कल तक वो जो उसके अपने थे आज उसे सब बेगाने लग रहे थे! क्या राधिका क्या सलमा उसे सभी से नफरत हो गई थी!

वहीं दूसरी तरफ मेनका अजय की बांहों में सोई हुई थी और सुबह होने ही वाली थी कि मेनका को अपनी जांघो के बीच में कुछ सख्त सा महसूस हुआ तो उसकी आंखे खुल गई और वो समझ गई कि उसके बेटे का लंड एक बार से खड़ा होकर उसकी चूत से मिलाप कर रहा है तो उसने प्यार से विक्रम की तरफ देखा और उसका माथा चूम लिया! विक्रम भले ही नींद में था लेकिन मेनका के नंगे जिस्म का असर उसके लंड पर हो रहा था और लंड पूरी सख्ती से पूरी लंबाई में खड़ा हुआ था!

मेनका धीरे से नीचे की तरफ खिसक आई क्योंकि वो विक्रम के लंड को जी भरकर देखना चाहती थी! मेनका ने एक भरपूर नजर लंड पर डाली और उसे विक्रम के लंड की लंबाई और चौड़ाई का सही से पहली बार एहसास हुआ था तो उसकी सांसे रुक सी गई क्योंकि उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि लंड ऐसा भी हो सा सकता है!

मेनका आंखे फाड़े लंड के दर्शन कर ही रही थी कि उसके होश उड़ गए जब -

" आपको पसंद आया ना राजमाता ?

विक्रम की आवाज सुनकर मेनका शर्म से पानी पानी हो गई और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि विक्रम से कुछ कह सके तो विक्रम ने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और बोला:"

" अच्छे से छूकर और महसूस करके देखिए ना माता!

मेनका शर्म से अपना हाथ पीछे खींचने लगी तो विक्रम ने उसके हाथ को सख्ती से थाम लिया और लंड पर पूरी लंबाई में घुमाया और धीरे से उसके कान में बोला:"

" पसंद आया ना आपको अपने महाराज का हथियार !!

मेनका के मुंह से एक शब्द नही फूटा लेकिन लंड पर उसकी उंगलियां अब कस गई थी और विक्रम ने हाथ उठाकर मेनका को अपनी तरफ खींच लिया और दोनो की नंगी छातियां एक बार फिर से टकरा गई तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने लंड के सुपाड़े को अपनी मुट्ठी में जोर से कस लिया! विक्रम मेनका की तरफ से पहल पाकर जोश में आ गया और उसने अपने दोनो हाथों से मेनका के गोल मटोल नितम्बो को थाम लिया और सहलाते हुए बोला:"

" हाय मेरी माता! आपके चूतड कितने गोल और बड़े बड़े सख्त हैं एक दम गद्देदार!

जैसे ही विक्रम ने मेनका के चूतड़ों को मसला तो मेनका की पकड़ लंड पर सख्त हो गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह्ह् पुत्र! दर्द होता हैं हमे!

विक्रम ने उसके हाथो में लंड को पूरा उभार दिया और अपने हाथ की एक उंगली को उसके चूतड़ों के बीच में घुसा कर जैसे ही छेद को छुआ तो मेनका जोर से सिसक उठी और अपनी गांड़ का छेद सिकोड़ लिया और धीरे से कसमसाती हुई बोली:"

" हाय क्या गजब करते हो पुत्र! अअह्ह्ह्ह उधर नही छूते!

मेनका की मस्ती भरी सीत्कार सुनकर विक्रम ने दूसरे हाथ को आगे लाकर उसकी चूत पर रख दिया और अपनी हथेली में उसकी रसीली चूत भींचते हुए मेनका की गर्दन चूमकर बोला:"

" हाय माता! वहां आपको पसंद नहीं है तो यहां आगे तो छू सकता हूं ना आपको!

मेनका की चूत और गांड़ एक पर विक्रम ने कब्जा कर लिया था और मेनका अगर चूत को कसती तो गांड़ खुल जाती और गांड़ कसती तो चूत खुल जाती और मेनका सिसकते हुए बोली:".

" हाय महराज! हमारा ये मतलब नहीं था कि आप आगे अपना हाथ घुसाओ !

विक्रम मेनका की गर्म तपती हुई चूत अपनी मुट्ठी में महसूस करते ही पिघल गया और उसने जोर से मेनका की चूत को मसल दिया और बोला:"

" हाय माता! आपकी ये अपनी गर्म क्यों हो रही है कि पिघल कर बह रही है!

चूत मसले जाने से मेनका जोर से सिसक उठी और लंड के सुपाड़े को अपनी मुट्ठी को गोल बनाते हुए कसकर बोली:"

" हाय हमे नही पता! कितनी गंदी गंदी बातें करते हो महाराज!

विक्रम ने एक उंगली को मेनका के पूरी तरह से भीग गए चूत के होंठो पर फिराया और बोला:"

" हाय मेरी जान! गंदी नही मस्तानी बाते मेरी माता! आपको पसंद नहीं आ रही है क्या हमारी बाते?

इतना कहकर विक्रम ने अपनी उंगली का दबाव उसकी चूत के छेद पर दिया तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह्ह्ह् मत कीजिए महराज! हमे नही पता पसंद आ रही है या नहीं!

विक्रम ने अपनी उंगली को चूत के रस से पूरी तरह से गीला कर दिया और एक जोरदार झटके के साथ एक इंच उंगली को चूत के अंदर घुसा दिया तो मेनका लंड को पूरी ताकत से अपनी मुट्ठी में कसते हुए दर्द और मस्ती से कराह उठी

" आह्ह्ह्ह मार डाला हमे! अअह्ह्ह्हह नहीईईईईए कितनी मोटी उंगली हैं आपकी!

विक्रम को लगा कि उसकी उंगली मेनका की चूत की दीवारों की गर्मी के आगे पिघल रही है तो विक्रम ने जोर से अपनी छाती से मेनका की चुचियों को रगड़ दिया और लंड को उसकी मुट्ठी में घुसाते हुए बोला:"

" अह्ह्ह्ह्ह्ह मेनका बहुत ज्यादा गर्म है आपकी हमारी उंगली जल रही है लगता हैं किसी गर्म तपती हुई भट्टी में डाल दिया है! ये इतनी गर्म क्यों है माता?

विक्रम की बात सुनकर मेनका ने जोर से अपनी चूत को उंगली के चारो ओर कस दिया और बोली:"

" अह्ह्ह्ह्ह हमे नही पता पुत्र! अह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई!

मेनका की चूत की कसावट महसूस करके विक्रम पूरी तरह से मदहोश हो गया और उसकी चूत के भगांकुर को रगड़ते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्ह्ह ये तो पता होगा कि हमारी उंगली कहां घुसी हुई है!

मेनका अब जोर जोर से लंड को सहला रही थी और अपनी चुचियों को उसकी छाती में रगड़ती हुई सिसकी

" अअह्ह्ह्ह्ह हमे नही पता पुत्र!

विक्रम ने दांतो को उसके कंधे पर गड़ा दिया और उसकी चूत में उंगली हल्की सी घुमाते हुए बोला:"

" हम बता दे क्या आपको !!!

विक्रम की बात सुनकर मेनका पूरी ताकत से उससे कसकर लिपट गई और मेनका के खड़े हुए सख्त चूचक विक्रम की छाती में गए और मेनका पूरी ताकत से चूत को कसते हुए जोर से सिसक उठी

" अअह्ह्ह्ह नहीईईईए uffffffff सीईईईईईईई

विक्रम ने अपनी छाती का जोरदार धक्का मेनका की छाती पर दिया जिससे दोनो की आंखे एक दूसरे से मिल गई और विक्रम उसकी आंखो से देखते हुए कामुक अंदाज में बोला:"

" चूत में!!!! मेनका की कसी हुई रसीली गर्म चूत में फंस गई है मेरी उंगली!

मेनका ने उसके लंड को जोरदार तरीके से मसल दिया और उसके होंठो पर काटते हुए सिसकी

" अह्ह्ह्ह्ह कितने गंदे हो आप महाराज!

लंड रगड़े जाने से विक्रम तड़प सा उठा और विक्रम ने अपने लंड का जोरदार धक्का मेनका की मुट्ठी में जड़ दिया और लंड मेनका की मुट्ठी को खोलते हुए करीब छह इंच बाहर निकल गया और विक्रम बोला:"

" आआह्ह्हह !!!! और ये कैसा लगा आपको माता !!

मेनका लंड की ताकत को एहसास करते ही पिघल गई और कसकर विक्रम से लिपट गई और कामुक आवाज में बोली:"

" बहुत ज्यादा शक्तिशाली!!! ये हमारे लिए नही बना है पुत्र!

विक्रम का लंड जैसे ही चूत से छुआ तो उसने उंगली को बाहर निकाल लिया और लंड को चूत के छेद पर रगड़ते हुए बोला:"

" ये आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है राजमाता! आपकी इतनी गर्म कसी हुई पिघलती हुई चूत को पूरा भर देगा ये!

इतना कहकर विक्रम ने फिर से मेनका की आंखो में देखते हुए लंड का जोर लगाया तो मेनका ने कसमसाते हुए अपनी जांघो को हल्का सा खोल दिया और विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते देखते ही एक जोरदार धक्का लगाया तो फिर से लंड का आधा सुपाड़ा गर्म चूत में घुस गया और मेनका दर्द से कराहते हुए विक्रम से कसकर लिपट गई

" अअह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई मर गई!!!

विक्रम ने मेनका के मजबूत कूल्हों को थामते हुए लंड का जोरदार लगाने के अपने कूल्हों को जैसे ही आगे धकेला तो दोनो एक साथ उछल पड़े

" राजमाता आपके नहाने का पानी गर्म हो गया है!!!

ये बिंदिया की आवाज थी जो राजमाता को बुलाने के लिए बाहर खड़ी थी! दोनो के एक दूसरे के होंठो को चूम लिया और जैसे ही विक्रम ने लंड का सुपाड़ा बाहर खींचा तो फक्क की आवाज के साथ वो बाहर निकल गया और मेनका मस्ती भरी आह भरते हुए सिसक उठी!

" अह्ह्ह्ह पुत्र! कितना आनंदमई अद्भुत एहसास है जब घुसकर बाहर निकलता है!

विक्रम ने उसकी चुचियों को मसल दिया और बोला:"

" आह्ह्ह्ह् माता! हमे भी बेहद अलौकिक आनंद आता हैं जब आपकी चूत की गर्म दीवारें हमारे हथियार को कस लेती है!

मेनका ने विक्रम का मुंह चूम लिया और बोली:"

" हमे जाना होगा! आप भी मौका देखकर निकल जाना! किसी ने आपको हमारे कक्ष से इतनी सुबह निकलते हुए देख लिया तो गजब हो जायेगा!

विक्रम अपने वस्त्र ठीक करते हुए बोला:" अच्छा जी राजमाता को भी डर लगता हैं क्या ?

मेनका अपने वस्त्र ठीक कर चुकी थी और विक्रम का हाथ पकड़ कर बोली:"

" राजमाता की भी अपनी इज्जत होती है पुत्र!

विक्रम ने आगे बढ़कर मेनका को एक बार फिर से अपनी बांहों में कस लिया और वस्त्रों के ऊपर से ही उसकी चूत को मुठ्ठी में भरकर बोला:"

" और ये इज्जत मुझे चाहिए राजमाता!

मेनका एक झटके के साथ उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और परदे हटाकर दरवाजे की तरफ बढ़ती हुई धीरे से बोली:"

" मैं चली नहाने! बड़े आए राजमाता की इज्जत लेने वाले!

इतना कहकर विक्रम मुस्कुराती हुई बाहर निकल गई और विक्रम मुस्कराते हुए उसे जाते हुए देखता रहा! मेनका के जाने के बाद विक्रम भी दरवाजे पर आ गया और सावधानी पूर्वक इधर उधर देखते हुए कक्ष से बाहर निकल गया!
Adbhut allaukik update
Image aur gif bhi dale bhai sab
Is kahani ko pad ke lag raha hai jaise koi move chal rha hai..
Gajab ka update...keep it up...
 
11,843
23,882
228
Awesome update
 
  • Like
Reactions: Napster

Napster

Well-Known Member
5,204
14,192
188
सीमा राधिका पर नजरे रखे हुए थी और साथ ही साथ महल के अंदर भी उसकी निगाह जमी हुई थी! जब सलमा और सलीम उदयगढ़ जाने के लिए सलीम के कक्ष से निकले थे सीमा ने देखा कि आबिद उनका पीछा कर रहा था और सीमा आबिद के पीछे चल पड़ी लेकिन एक मोड़ के बाद अचानक से सलमा और सलीम कहां गायब हो गए थे ये आबिद को पता नहीं चल पाया लेकिन एक बात उसके दिमाग में घुस गई थीं जरूर यहां से कोई गुप्त रास्ता है जिसमे सलमा और सलीम गायब हुए थे और वो वही दीवार की ओट में छिपकर उसके वापिस आने का इंतजार करने लगा ताकि उसे सच्चाई पता चल सके! सीमा भी उस पर नजर रखते हुए वहीं छिप गई और रात के करीब एक बजे जैसे ही सलमा और सलीम ने गुफा के द्वार के रूप में दीवार को हल्का सा खिसकाया तो आबिद के साथ साथ सीमा की आंखे भी हैरानी से खुल गई और इधर उधर ध्यान देते हुए दोनो आगे बढ़ने लगे!

सीमा नही चाहती थीं कि आबिद को महल के गुप्त रास्ते की जानकारी हो क्योंकि वो जानती थी कि वो जब्बार का आदमी था इसलिए उसने जान बूझकर आबिद के पास अपनी ढाल फेंक दी और एक जोर की आवाज सुनकर सलीम और सलमा दोनो तेजी से उधर मुड़े तो आबिद को देखकर हैरान हो गए और सलमा बोली:"

" इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो तुम?

आबिद डरते हुए बोला:" वो में पहरा दे रहा था तो इधर भी आ गया!

सलमा:" लेकिन तुम्हारी तो उधर ड्यूटी नही हैं! हमारे साथ आओ कुछ बात करनी है तुमसे!

सलमा आगे बढ़ी और आबिद डर के मारे उसके पीछे चल दिया और सलीम ने मौका देखकर उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया लेकिन आबिद उससे ताकतवर था और सलीम को धक्का देते हुए भाग निकला लेकिन सलमा ने उसकी टांग में अपनी टांग अड़ाते हुए उसे गिरा दिया और देखते ही देखते सलमा ने उस पर हमला कर दिया और सलमा ने एक जोरदार मुक्का उसके मुंह पर मारा तो वो दर्द से कराहता उससे पहले ही सलमा ने उसका मुंह बंद कर दिया और वो बेहोश होता चला गया!

आबिद के बेहोश होते ही सलमा उसे खींचते हुए गुफा के दरवाजे पर ले गई और हाथ पैर कसकर बांधते हुए उसके मुंह पर पानी मारा तो उसे होश आया और अपनी हालत देखते ही वो डर गया और बोला:"

" हमे जाने दीजिए शहजादी! हम तो राज्य के गुलाम हैं!

सलमा ने एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और गुस्से से दहाड़ी:"

" किसके गुलाम हो वही तो हम भी जानना चाहते हैं! सच बोल दिया तो छोड़ देंगे नही तो....

इतना कहकर सलमा ने एक तेज धारदार खंजर निकाला और उसकी गर्दन पर हल्का सा दबाव दिया तो खंजर की नोक गर्दन में घुस गई और खूब की बूंदे निकल आई तो आबिद दर्द से तड़प कर बोला:"

" जब्बार ! उसी ने हमे आपके पीछे लगाया था और वो आपसे शादी करके राजा बनना चाहता है! उसे शक है कि आपका उदयगढ़ के युवराज से प्रेम चल रहा है!

सलमा ने एक जोरदार लात उसकी टांगो के बीच में मारी तो आबिद पूरी ताकत से गला फाड़कर तड़प उठा

" अअह्ह्ह्ह्ह अम्मी! मर गया! छोड़ दीजिए हमे शहजादी अब मर जायेंगे!

सलमा ने चाकू से उसके दांए हाथ के अंगूठे को काट दिया और बोली:" मरना तो तुम्हे पड़ेगा क्योंकि हम जब्बार के हर आदमी को कुत्ते की मौत मारेंगे! लेकिन एक शर्त पर छोड़ सकते है ये बताओ कि जब्बार के साथ और कौन कौन हैं जो उसका साथ दे रहा है?

आबिद दर्द के मारे रो पड़ा और बोला:" हमे ज्यादा तो नहीं पता लेकिन मीर जाफर, मीर नवाब और सतपाल ये सब उसके साथ मिले हुए हैं!

सलमा:" हम सबको देख लेंगे! तुम यहीं आराम करो! हम चलते हैं कल बात होगी!

आबिद:" शहजादी हमे यहां मत छोड़िए! अंधेरे में हमे डर लगता हैं बहुत ज्यादा!

सलमा ने जाते जाते एक लात फिर से उसकी टांगो के बीच में जड़ दी और आबिद दर्द से कराहते हुए दोहरा होता चला गया! सलमा जैसे ही अपने कक्ष में घुस गई तो सीमा को आज महल के एक नए रहस्य का ज्ञान हुआ और और साथ ही साथ पता चला कि जब्बार ने कितनी मजबूती से राज्य को अपने कब्जे में लिया हुआ है!

सीमा जानना चाहती थी कि इतनी रात को आखिर सलमा और सलीम कहां गए थे इसलिए वो दबे पांव सलमा के कक्ष की तरफ बढ़ गई और किस्मत से खुले दरवाजे से अन्दर चली गई और उसने सुना कि सलीम के साथ सलमा और रजिया बाते कर रहे थे!

सलीम:" अम्मी हम तो बेहद खुश हुए अपने अब्बू से मिलने के बाद! अब आप देखना हम कल ही जब्बार को फांसी पर लटका देंगे!

सलमा:" भूलकर भी कोई बेवकूफी मत करना! हम जो कहे बस वही करना क्योंकि जब्बार के हाथ में अभी पूरा राज्य हैं! आप सिर्फ अभी अपनी खोई हुई ताकत हासिल करो क्योंकि आप एक मामूली से सैनिक आबिद को नही पकड़ पाए और जब्बार आदमी नही हैवान हैं!

रजिया:" सलमा ठीक कहती हैं बेटा! आप अपनी सेहत का ध्यान रखो! बाकी सब कुछ हम संभाल लेंगे!

सलीम:" हमारी रगों में भी शाही खून दौड़ रहा है! अब बदला लेकर रहेंगे!

सलमा:" हान लेकिन वक्त आने पर आपको मौका मिलेगा! अभी हमे जब्बार को फसाना होगा!

रजिया:" ठीक हैं लेकिन ध्यान रखना क्योंकि जब्बार बहुत ज्यादा खतरनाक आदमी है बेटी!

सलमा:" आप फिक्र मत कीजिए! हम भी शहजादी सलमा हैं! जब हम विक्रम जैसे युवराज को अपने हुस्न के जाल में फंसा सकते है तो फिर ये जब्बार किस चिड़िया का नाम है अम्मी जान!

बाहर खड़ी सीमा को ये सुनकर जोर का धक्का लगा क्योंकि उसे यकीन था कि सलमा विक्रम से सच्चा प्यार करती है लेकिन यहां तो सच्चाई उसे आज पता चली और ये सलमा अभी जब्बार को भी अपने जाल में फसाने वाली है ये सोचकर उसे सलमा बेहद बुरी लगने लगी !

सलीम:" लेकिन आपी वो जब्बार बेहद खूंखार और जालिम है! लड़कियों का शिकार करना उसकी आदत में शामिल हैं ये बात हम बेहद अच्छी तरह से जानते हैं!

सलमा:" अफसोस सलीम कि तुम जब्बार को तो अच्छे से जानते हो लेकिन अपनी बहन को थोड़ा भी नहीं जानते! जब्बार किसी पालतू कुत्ते की तरह हमारे तलवे चाटेगा ये सलमा का वादा हैं आपसे भाई और एक दिन उसे मौत के घाट हम ही उतारेंगे!

रजिया:" सच में सलमा तुम जैसी बेटी मिलना बड़ी किस्मत की बात है!

सलीम:" अम्मी आप देखना कि आप अपने बेटे पर भी फख्र महसूस करेंगी! हम अपने राज्य की हिफाजत करेंगे और सब कुछ ठीक कर देंगे!

सलमा:" अच्छा ठीक हैं अभी आप आराम कीजिए क्योंकि रात बहुत ज्यादा हो गई है और हां आबिद गुप्त रास्ते से बाहर नही आना चाहिए!

उसके बाद सलीम और रजिया के आने से पहले ही सीमा वहां से निकल गई और जैसे ही दोनो अपने कक्ष में घुसे तो सीमा गुप्त रास्ते का दरवाजा खोल कर अंदर घुस गई जहां आबिद बंधा हुआ पड़ा था! सीमा को देखते ही उसे उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और बोला:"

" मुझे इस जहन्नुम से बाहर निकालिए सीमा!

सीमा ने उसे गुस्से से देखा और एक थप्पड़ रसीद कर दिया और बोली:" देशद्रोहियों के लिए यही जगह उपयुक्त है!

आबिद:" हमने अपनी जान बचाने के लिए जब्बार का साथ दिया नही तो वो हमे मार डालता!

सीमा:" अच्छा ठीक हैं हम आपकी खोल देंगे लेकिन हमे बताओ कि अजय को मारने की योजना कैसे बनी?

आबिद:" ज्यादा तो पता नहीं लेकिन जब्बार को पता चला गया था कि अजय ही उदयगढ़ की असली ताकत है और विक्रम की सबसे बड़ी ढाल भी वही है! इससे ज्यादा हमे कुछ नहीं पता!

सीमा: अच्छा ठीक है तो फिर हम चलते हैं! तुम यहीं पड़े रहो!

आबिद:" नही नही मेरी बात सुनिए ! हम आपको सब कुछ सच बताते हैं! आप ही हमे बचा सकती हो क्योंकि शहजादी तो हमे मार ही डालेगी!

सीमा रुक गई और बोली:"

" जो बोलना है वो जल्दी बोलो !

आबिद:" जब्बार शहजादी से शादी करके राजा बनना चाहता है लेकिन उसे पता चल गया था कि शहजादी उदयगढ़ के युवराज से प्रेम करती हैं जिस कारण वो युवराज को मारना चाहते थे लेकिन अजय के होते ये असंभव था और इसलिए अजय को मारने की योजना बनाई गई थी!

सीमा:" लेकिन जब्बार को कैसे पता चला कि सलमा और विक्रम एक दूसरे से प्रेम करते हैं ?

आबिद:" ज्यादा तो जानकारी नहीं है लेकिन किसी लड़की ने उसे जब्बार को बताया था और कोई निशानी भी दी थी!

सीमा के दिमाग में धमाका सा हुआ क्योंकि जो वो सोच रही थी अगर ऐसा है तो नही नही.. ऐसा होना मुश्किल है लेकिन कुछ भी हो सकता है! सीमा कुछ सोचती रही और बोली:"

" अच्छा बताओ कौन है वो लड़की हैं जिसने ये सब जब्बार को बताया ?

आबिद: शक्ल तो नही देखी क्योंकि वो मुंह ढककर आती है और रात भर जब्बार की राते रंगीन करती है वो!

सीमा को अब यकीन होता जा रहा था कि वो सही सोच रही है और बोली:"

" अच्छा! हम पता कर लेंगे! जब्बार से तुम कब और कैसे मिलते हो ?

आबिद:" जब्बार रोज दिन में खाना खाने के बाद हथियारों का जखीरे में जाता हैं जो उसके घर के पीछे में हैं! वही हम उससे मिलते हैं!

सीमा चौंक पड़ी और बोली:"

" लेकिन हथियारों का जखीरा तो राजमहल के अंदर हैं!

आबिद को अपनी गलती का एहसास हुआ और बोला:"

" वो हमारे मुंह से निकल गया!

सीमा ने उसके पैरो को खोल दिया और बोली :" सच बताओगे तो हाथ भी खोल दूंगी! जब्बार के घर के पीछे हथियारों का जखीरा कहां से आया ?

आबिद अपने पैर खुलने से उत्साहित हुआ और बोला:"

" जब्बार अलग से हथियार इकट्ठे कर रहा है ताकि अगर बगावत हो तो वो सलमा और सारे राज परिवार को खत्म कर सके! इसके लिए उसने अपनी एक सेना भी बना ली हैं जिसमे सिर्फ उसके ही विश्वास के लोग हैं!

सीमा को अब समझ में आ गया था कि ये जब्बार सच में पूरे राज्य पर कब्जा करके बैठा हुआ हैं और तभी उसकी नज़र आबिद के गले में पड़ी हुई कीमती रत्नजड़ित माला पर पड़ी और बोली:" ऐसी माला हमने एक बार जब्बार के गले में देखी थी! तुम्हारे पास कैसे आई ?

आबिद:" वो हमने उन्हें बताया था कि सलमा का युवराज विक्रम से प्रेम प्रसंग चल रहा हैं! उसके बाद ही जब्बार ने सच्चाई का पता किया था! इसलिए हम ईनाम मिला था! ये माला हम आपको दे देंगे!

सीमा की आंखो मे खून उतर आया और उसके हाथ में एक खंजर नजर आया और उसने बिना देर किए आबिद की छाती में वो खंजर घोप दिया और दहाड़ी:"

" हमारी जिंदगी थे अजय! हम उसके खून के बदले के लिए लाशों के ढेर लगा देंगे!

आबिद दर्द के मारे तड़प उठा और सीमा ने खंजर को बाहर निकाला और एक के बाद एक कई वार उसके सीने पर करती रही जब तक वो मर नही गया!

उसकी मौत के बाद सीमा गुफा को बंद करके बाहर निकल आई और रात में करीब दो बजे अपने घर आई लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक राधिका का कमरा अभी तक खाली था और वो जानती थी कि अभी राधिका कहां होगी!

सीमा अपने बिस्तर पर लुढ़क गई और उसे समझा नही आ रहा था कि किस्मत उसके साथ कैसा खेल खेल रही है! कल तक वो जो उसके अपने थे आज उसे सब बेगाने लग रहे थे! क्या राधिका क्या सलमा उसे सभी से नफरत हो गई थी!

वहीं दूसरी तरफ मेनका अजय की बांहों में सोई हुई थी और सुबह होने ही वाली थी कि मेनका को अपनी जांघो के बीच में कुछ सख्त सा महसूस हुआ तो उसकी आंखे खुल गई और वो समझ गई कि उसके बेटे का लंड एक बार से खड़ा होकर उसकी चूत से मिलाप कर रहा है तो उसने प्यार से विक्रम की तरफ देखा और उसका माथा चूम लिया! विक्रम भले ही नींद में था लेकिन मेनका के नंगे जिस्म का असर उसके लंड पर हो रहा था और लंड पूरी सख्ती से पूरी लंबाई में खड़ा हुआ था!

मेनका धीरे से नीचे की तरफ खिसक आई क्योंकि वो विक्रम के लंड को जी भरकर देखना चाहती थी! मेनका ने एक भरपूर नजर लंड पर डाली और उसे विक्रम के लंड की लंबाई और चौड़ाई का सही से पहली बार एहसास हुआ था तो उसकी सांसे रुक सी गई क्योंकि उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि लंड ऐसा भी हो सा सकता है!

मेनका आंखे फाड़े लंड के दर्शन कर ही रही थी कि उसके होश उड़ गए जब -

" आपको पसंद आया ना राजमाता ?

विक्रम की आवाज सुनकर मेनका शर्म से पानी पानी हो गई और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि विक्रम से कुछ कह सके तो विक्रम ने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और बोला:"

" अच्छे से छूकर और महसूस करके देखिए ना माता!

मेनका शर्म से अपना हाथ पीछे खींचने लगी तो विक्रम ने उसके हाथ को सख्ती से थाम लिया और लंड पर पूरी लंबाई में घुमाया और धीरे से उसके कान में बोला:"

" पसंद आया ना आपको अपने महाराज का हथियार !!

मेनका के मुंह से एक शब्द नही फूटा लेकिन लंड पर उसकी उंगलियां अब कस गई थी और विक्रम ने हाथ उठाकर मेनका को अपनी तरफ खींच लिया और दोनो की नंगी छातियां एक बार फिर से टकरा गई तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने लंड के सुपाड़े को अपनी मुट्ठी में जोर से कस लिया! विक्रम मेनका की तरफ से पहल पाकर जोश में आ गया और उसने अपने दोनो हाथों से मेनका के गोल मटोल नितम्बो को थाम लिया और सहलाते हुए बोला:"

" हाय मेरी माता! आपके चूतड कितने गोल और बड़े बड़े सख्त हैं एक दम गद्देदार!

जैसे ही विक्रम ने मेनका के चूतड़ों को मसला तो मेनका की पकड़ लंड पर सख्त हो गई और सिसकते हुए बोली:"

" आआआह्हह्ह् पुत्र! दर्द होता हैं हमे!

विक्रम ने उसके हाथो में लंड को पूरा उभार दिया और अपने हाथ की एक उंगली को उसके चूतड़ों के बीच में घुसा कर जैसे ही छेद को छुआ तो मेनका जोर से सिसक उठी और अपनी गांड़ का छेद सिकोड़ लिया और धीरे से कसमसाती हुई बोली:"

" हाय क्या गजब करते हो पुत्र! अअह्ह्ह्ह उधर नही छूते!

मेनका की मस्ती भरी सीत्कार सुनकर विक्रम ने दूसरे हाथ को आगे लाकर उसकी चूत पर रख दिया और अपनी हथेली में उसकी रसीली चूत भींचते हुए मेनका की गर्दन चूमकर बोला:"

" हाय माता! वहां आपको पसंद नहीं है तो यहां आगे तो छू सकता हूं ना आपको!

मेनका की चूत और गांड़ एक पर विक्रम ने कब्जा कर लिया था और मेनका अगर चूत को कसती तो गांड़ खुल जाती और गांड़ कसती तो चूत खुल जाती और मेनका सिसकते हुए बोली:".

" हाय महराज! हमारा ये मतलब नहीं था कि आप आगे अपना हाथ घुसाओ !

विक्रम मेनका की गर्म तपती हुई चूत अपनी मुट्ठी में महसूस करते ही पिघल गया और उसने जोर से मेनका की चूत को मसल दिया और बोला:"

" हाय माता! आपकी ये अपनी गर्म क्यों हो रही है कि पिघल कर बह रही है!

चूत मसले जाने से मेनका जोर से सिसक उठी और लंड के सुपाड़े को अपनी मुट्ठी को गोल बनाते हुए कसकर बोली:"

" हाय हमे नही पता! कितनी गंदी गंदी बातें करते हो महाराज!

विक्रम ने एक उंगली को मेनका के पूरी तरह से भीग गए चूत के होंठो पर फिराया और बोला:"

" हाय मेरी जान! गंदी नही मस्तानी बाते मेरी माता! आपको पसंद नहीं आ रही है क्या हमारी बाते?

इतना कहकर विक्रम ने अपनी उंगली का दबाव उसकी चूत के छेद पर दिया तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और बोली:"

" आह्ह्ह्ह्ह् मत कीजिए महराज! हमे नही पता पसंद आ रही है या नहीं!

विक्रम ने अपनी उंगली को चूत के रस से पूरी तरह से गीला कर दिया और एक जोरदार झटके के साथ एक इंच उंगली को चूत के अंदर घुसा दिया तो मेनका लंड को पूरी ताकत से अपनी मुट्ठी में कसते हुए दर्द और मस्ती से कराह उठी

" आह्ह्ह्ह मार डाला हमे! अअह्ह्ह्हह नहीईईईईए कितनी मोटी उंगली हैं आपकी!

विक्रम को लगा कि उसकी उंगली मेनका की चूत की दीवारों की गर्मी के आगे पिघल रही है तो विक्रम ने जोर से अपनी छाती से मेनका की चुचियों को रगड़ दिया और लंड को उसकी मुट्ठी में घुसाते हुए बोला:"

" अह्ह्ह्ह्ह्ह मेनका बहुत ज्यादा गर्म है आपकी हमारी उंगली जल रही है लगता हैं किसी गर्म तपती हुई भट्टी में डाल दिया है! ये इतनी गर्म क्यों है माता?

विक्रम की बात सुनकर मेनका ने जोर से अपनी चूत को उंगली के चारो ओर कस दिया और बोली:"

" अह्ह्ह्ह्ह हमे नही पता पुत्र! अह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई!

मेनका की चूत की कसावट महसूस करके विक्रम पूरी तरह से मदहोश हो गया और उसकी चूत के भगांकुर को रगड़ते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्ह्ह ये तो पता होगा कि हमारी उंगली कहां घुसी हुई है!

मेनका अब जोर जोर से लंड को सहला रही थी और अपनी चुचियों को उसकी छाती में रगड़ती हुई सिसकी

" अअह्ह्ह्ह्ह हमे नही पता पुत्र!

विक्रम ने दांतो को उसके कंधे पर गड़ा दिया और उसकी चूत में उंगली हल्की सी घुमाते हुए बोला:"

" हम बता दे क्या आपको !!!

विक्रम की बात सुनकर मेनका पूरी ताकत से उससे कसकर लिपट गई और मेनका के खड़े हुए सख्त चूचक विक्रम की छाती में गए और मेनका पूरी ताकत से चूत को कसते हुए जोर से सिसक उठी

" अअह्ह्ह्ह नहीईईईए uffffffff सीईईईईईईई

विक्रम ने अपनी छाती का जोरदार धक्का मेनका की छाती पर दिया जिससे दोनो की आंखे एक दूसरे से मिल गई और विक्रम उसकी आंखो से देखते हुए कामुक अंदाज में बोला:"

" चूत में!!!! मेनका की कसी हुई रसीली गर्म चूत में फंस गई है मेरी उंगली!

मेनका ने उसके लंड को जोरदार तरीके से मसल दिया और उसके होंठो पर काटते हुए सिसकी

" अह्ह्ह्ह्ह कितने गंदे हो आप महाराज!

लंड रगड़े जाने से विक्रम तड़प सा उठा और विक्रम ने अपने लंड का जोरदार धक्का मेनका की मुट्ठी में जड़ दिया और लंड मेनका की मुट्ठी को खोलते हुए करीब छह इंच बाहर निकल गया और विक्रम बोला:"

" आआह्ह्हह !!!! और ये कैसा लगा आपको माता !!

मेनका लंड की ताकत को एहसास करते ही पिघल गई और कसकर विक्रम से लिपट गई और कामुक आवाज में बोली:"

" बहुत ज्यादा शक्तिशाली!!! ये हमारे लिए नही बना है पुत्र!

विक्रम का लंड जैसे ही चूत से छुआ तो उसने उंगली को बाहर निकाल लिया और लंड को चूत के छेद पर रगड़ते हुए बोला:"

" ये आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है राजमाता! आपकी इतनी गर्म कसी हुई पिघलती हुई चूत को पूरा भर देगा ये!

इतना कहकर विक्रम ने फिर से मेनका की आंखो में देखते हुए लंड का जोर लगाया तो मेनका ने कसमसाते हुए अपनी जांघो को हल्का सा खोल दिया और विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते देखते ही एक जोरदार धक्का लगाया तो फिर से लंड का आधा सुपाड़ा गर्म चूत में घुस गया और मेनका दर्द से कराहते हुए विक्रम से कसकर लिपट गई

" अअह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई मर गई!!!

विक्रम ने मेनका के मजबूत कूल्हों को थामते हुए लंड का जोरदार लगाने के अपने कूल्हों को जैसे ही आगे धकेला तो दोनो एक साथ उछल पड़े

" राजमाता आपके नहाने का पानी गर्म हो गया है!!!

ये बिंदिया की आवाज थी जो राजमाता को बुलाने के लिए बाहर खड़ी थी! दोनो के एक दूसरे के होंठो को चूम लिया और जैसे ही विक्रम ने लंड का सुपाड़ा बाहर खींचा तो फक्क की आवाज के साथ वो बाहर निकल गया और मेनका मस्ती भरी आह भरते हुए सिसक उठी!

" अह्ह्ह्ह पुत्र! कितना आनंदमई अद्भुत एहसास है जब घुसकर बाहर निकलता है!

विक्रम ने उसकी चुचियों को मसल दिया और बोला:"

" आह्ह्ह्ह् माता! हमे भी बेहद अलौकिक आनंद आता हैं जब आपकी चूत की गर्म दीवारें हमारे हथियार को कस लेती है!

मेनका ने विक्रम का मुंह चूम लिया और बोली:"

" हमे जाना होगा! आप भी मौका देखकर निकल जाना! किसी ने आपको हमारे कक्ष से इतनी सुबह निकलते हुए देख लिया तो गजब हो जायेगा!

विक्रम अपने वस्त्र ठीक करते हुए बोला:" अच्छा जी राजमाता को भी डर लगता हैं क्या ?

मेनका अपने वस्त्र ठीक कर चुकी थी और विक्रम का हाथ पकड़ कर बोली:"

" राजमाता की भी अपनी इज्जत होती है पुत्र!

विक्रम ने आगे बढ़कर मेनका को एक बार फिर से अपनी बांहों में कस लिया और वस्त्रों के ऊपर से ही उसकी चूत को मुठ्ठी में भरकर बोला:"

" और ये इज्जत मुझे चाहिए राजमाता!

मेनका एक झटके के साथ उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और परदे हटाकर दरवाजे की तरफ बढ़ती हुई धीरे से बोली:"

" मैं चली नहाने! बड़े आए राजमाता की इज्जत लेने वाले!

इतना कहकर विक्रम मुस्कुराती हुई बाहर निकल गई और विक्रम मुस्कराते हुए उसे जाते हुए देखता रहा! मेनका के जाने के बाद विक्रम भी दरवाजे पर आ गया और सावधानी पूर्वक इधर उधर देखते हुए कक्ष से बाहर निकल गया!
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Unique star

Active Member
893
10,799
139
बहुत बढ़िया
RDT-20250127-1530424293711382825649696 RDT-20250127-1530577088841780679949265 RDT-20250127-1531042021097217586704665 RDT-20250127-153050423927550967550907 RDT-20250127-1531117359005161458549291
राजमाता मेनका... नहाने जाते हुए
बहुत बहुत धन्यवाद आपका! अच्छा लगा आपकी मेनका देखकर! सुंदर है मजबूत है
 
Last edited:

Pk8566

Active Member
1,273
1,556
159
Bhai menka or Vikram ka milan aapki pahli story jesa hardcore hona chiye ya us se bhi jabarjast age piche ke dono chad khul jaye
 

Unique star

Active Member
893
10,799
139
Lekin menka to aapki thi Sundar or majbut
भाई सबकी अपनी परिकल्पना हैं! मेरी मेनका अलग हैं और सभी की कहानी पढ़ते पढ़ते कोई न कोई कल्पना होती है!
 
Top