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Adultery "संभोग"

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शमशेर अपने फार्महाउस के बालकनी में बेठ के खेत का नजारा देख रहा था जहां पे गाँव की औरतें काम कर रहे थे... शमशेर उन औरतों को हवस की नजर से देख रहा था....

तभी निरूपा की कदमों की आहट सुन कर पीछे मुड़ कर देखा तो निरूपा हाथ में चाय की कप ले कर आ रही थी...

निरूपा- लो चाय पी लो...

शमशेर- अरे वाह !! क्या ये तुमने बनाया है ?

निरूपा- हां

शमशेर निरूपा को ध्यान से देखते हुए बोला- मुझसे तंग आकर कहीं तुमने इसमें जहर तो नहीं मिलाया है ना ?

निरूपा- नहीं तो... अगर मुझपे भरोसा नहीं तो लाओ पहले में थोड़ी सी पी लेती हूं....

शमशेर- ठीक है, तुमपे भरोसा कर रही हूं.. अगर इसमें कुछ मिलाया है तो तुम जिंदा नहीं बचोगी....

निरूपा मन ही मन बोली- तुझे जहर दे कर आसान मौत क्यों मारूंगी, तुझे तो तड़पा तड़पा कर मारना है....

शमशेर चाय की एक घूंट लेकर बोला- मानना पड़ेगा तुम्हारी हाथ की स्वाद को, क्या खूब चाय बनाई है !!

निरूपा हंसती हुई बोली- अच्छी लग रही है ना !!

शमशेर- वैसे आज मुझपे इतना प्यार क्यों आ रहा है ?

निरूपा- क्यों तो तुमसे नफरत क्यों करूँ ?

शमशेर- चलो में तुमसे बहुत खुश हूँ... और आज से में तुम्हे यहां से आजाद करता हूँ.... जाओ मेघनाद अंकल तुम्हारा इन्तेजार कर रहे हैं....

ये सुनकर निरूपा मन ही मन बोली- अब क्या फायदा मेरे पति के पास जा कर, तू तो मेरी इज्जत उतार चुका है... अब तुझे मार के ही जाउंगी यहां से.....

शमशेर निरूपा के हाथ को पकड़ के हिलाते हुए बोला- क्या सोच रही हो, तुमने सुना नहीं, जाओ में तुम्हे आजाद किया....

निरूपा- नहीं अब में तुम्हे छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी....

शमशेर- क्यों ? अरे जाओ अपने पति और बच्चों के पास...

निरूपा- नहीं अब में तुम्हारे बिना नहीं रह सकती... अब तो तुम्हारा आदत हो गयी है मुझे...

शमशेर मुस्कुराते हुए बोला- यूं कहें तो तुम मेरे लन्ड के गुलाम बन चुकी हो ?

निरूपा मन ही मन- तेरा लन्ड को काट के जाउंगी मादरचोद.....

शमशेर- क्यों सही कहा ना ?

निरूपा- अब तुमसे क्या छुपाना...

शमशेर कुर्सी से उठ के निरूपा को अपनी बांहों में उठा लिया और बोला- आज कस के चोदूगां, दिल खुश हो गया तेरी बात सुनकर...

निरूपा- तो देर किस बात की..

शमशेर निरूपा को गोद में उठा कर अंदर ले ही रहा था कि उसका फोन की घण्टी बजने लगा...

शमशेर निरूपा को नीचे उतार के बोला- तुम अंदर जाओ, में अभी आ रहा हूँ...

निरूपा बेड की तरफ जाने लगी...

शमशेर फ़ोन उठा के बोला- केसी हो सावित्री डार्लिंग ???

दूसरी तरफ सावित्री बात कर रही थी....

सावित्री- तुम्हारे बिना सब बेकार है शमशेर...

शमशेर- अच्छा क्या में तुम्हे इतना पसंद आ गया हूँ ?

सावित्री- जबसे तुमसे सेक्स किया है तुम्हे भुलाना मुश्किल हो रही है...

शमशेर- वो तो होना ही है..

सावित्री- तो फिर आओ ना यहां पे घूमने... तुम्हे जन्नत की सैर करवाउंगी....

शमशेर- में भी जन्नत की सैर करने के लिए बेताब हूँ डार्लिंग... पर तुम्हारे पति जनार्दन के रहते ये सब कैसे होगा ?

सावित्री- ओह फो उस बुड्ढे की बात छोड़ो... उसे पूछता कौन है ? तुम बस यहां आओ, सब इंतजाम हो जाएगी...

शमशेर- में भी कब से तुम्हारी जैसी रस मलाई को और एक बार चखने के लिए बेताब हूँ...

सावित्री- एक बार क्यों, बार बार चख सकते हो....

शमशेर- ठीक है तो फिर में कल ही आ रहा हूँ तुम्हारे पास...

शमशेर फ़ोन रखते ही बेड पे कूद गया जहां पे निरूपा नंगी लेटी हुई थी...

*************************

नटराज को जब पता चला कि वो और शमशेर कल सावित्री के बंगले में जाने वाले हैं तो उसका चेहरा खिल उठा...

वो मन ही मन बोल रहा था- फिर से सावित्री की मादक जिस्म की दर्शन होंगे... उफ्फ वो बड़ी बड़ी चुचियाँ, बड़ी बड़ी गाँड़, सेक्सी होंठ, क्या मस्त माल है... चुत तो और भी मस्त होगी... पता नहीं उसकी चुत को देखना मेरे नसीब में है या नहीं... बस उसकी नंगी चूची देखने को मिल जाये ये काफी है...

ये सोचते हुए नटराज अपने पास छुपाए हुए सावित्री की फटी ब्रा और पैंटी को बैग से निकाला और ध्यान से ब्रा को देख के बोला- इतनी बड़ी चूची ये छोटी ब्रा में कैद हो जाती है, उफ्फ बस एक बार सावित्री की चूची को ब्रा में कैद देखना चाहता हूं... तब जाके मेरे लन्ड को शांति मिलेगा...

ये सोचते हुए नटराज अपने लन्ड को पकड़ के हिलाने ही वाला था कि श्यामला पीछे से आवाज दी "नटराज अभी फ्री हो तो चलो एक बार मेरी प्यास बुझाओ...

नटराज को मानो भूख में खाना मिल गया हो... अभी अभी उसका लन्ड गरम जो हो गया है...

नटराज ब्रा और पैंटी को बैग में छुपा दिया और श्यामला की तरफ देखते हुए बोला- आपकी इच्छा है तो में क्या बोलूं मालकिन ?

श्यामला अचानक नटराज की पैंट की ज़िप खोल के अंदर हाथ घुसा के लन्ड को पकड़ लिया....

नटराज को मानो करंट लग गया...

फिर कुछ देर बाद कमरे में श्यामला की मादक सिसकियां गूंजने लगी....

************************

दूसरे दिन शमशेर और नटराज रघुनाथपुर के लिए निकल गए... कुछ देर बाद उनकी जीप सावित्री की बंगले के अंदर घुस गया...

वहां पे सावित्री पहले से ही खड़ी थी शमशेर का स्वागत करने के लिए...

नटराज का नजर जब सावित्री पर पड़ा तो वो उसे देखता ही रह गया.. सावित्री काले रंग की ट्रांसपेरेंट साड़ी पहनी हुई थी, जिससे उसकी काले रंग की ब्लाउज साफ नजर आ रही थी... उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ देख कर नटराज अपना दाँत दबा रहा था और अपने किस्मत को कोस रहा था....

शमशेर जीप से उतरते ही सावित्री उसको गले लगा लिया और बोली- और कोई तकलीफ तो नहीं हुई आते वक्त ?

शमशेर सावित्री की मादक होंठ को देखते हुए बोला- तुम्हारे याद में कब रास्ता गुजर गया पता ही नहीं चला...

सावित्री सेक्सी अंदाज में बोली- अभी से तुम्हारा वक़्त कैसे कटेगा तुम्हे पता ही नहीं चलेगा...

फिर दोनो मुस्कुराने लगे...

नटराज पीछे से ये सब देख रहा था...

फिर सावित्री नटराज को देखते हुए बोली- नटराज कैसे हो ?

नटराज- सब बढ़िया है मेडम..

सावित्री- ठीक है, बंगले के अंदर चलो (अपनी निचली होंठ अपनी दांत से दबाके एक आंख को मारते हुए)

ये देख के नटराज के होश उड़ गए, वो पागल सा होने लगा, उसका लन्ड झट से खड़ा हो गया...

फिर शमशेर और नटराज बंगले के अंदर प्रवेश किया और गेस्ट रूम में जाने लगे.....

उस वक़्त जनार्दन चौधुरी कुछ काम के लिए पास के शहर गए हुए थे... इसी का फायदा उठा कर शमशेर सावित्री की कमरे में घुस गया और सावित्री को पीछे से दबोच लिया...

सावित्री- उइमा....

शमशेर- आज बस उइमा उइमा करोगे तुम (सावित्री की नाभि पर उंगली घुसाते हुए)

सावित्री- हूँ लगता है बहुत ज्यादा मूड में हो...

शमशेर- और नहीं तो क्या ? जबसे तुम्हे चोदा है, और किसी की चुत मारने में मजा नहीं आ रहा है...

सावित्री- सच में...

शमशेर अपने हाथ को ऊपर लाते हुए सावित्री की चूची को ब्लाउज के ऊपर से पकड़ लिया...

सावित्री- आउच.....

शमशेर- तुम्हारे बुड्डा पति कहाँ गया ? (चूची को दबाते हुए)

सावित्री- अभी वो बाहर गया है, पर वो किसी भी वक़्त आ सकता है...

शमशेर अब दोनो हाथ से दोनो चुचियों को दबा रहा था....

सावित्री दोनो आंखे बंद करके खड़ी थी और पीछे शमशेर ब्लाउज के ऊपर से दोनो चूची को मसल रहा था....

शमशेर- आज यहां पे कोई नौकर भी दिखाई नहीं दे रहे हैं, कहां गए ?

सावित्री अपनी साड़ी अपने ब्लाउज के ऊपर से हटाते हुए नीचे गिरा दिए और बोली- आज सबको छुट्टी दे दी हूँ...

शमशेर फटाफट उसकी ब्लाउज को उतार दिया... सावित्री अब लाल ब्रा में नजर आ रही थी, जिसमें उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ कैद थी...

शमशेर- आज तो तुम्हे चोदने में ज्यादा मजा आएगा...

सावित्री पीछे मुड़ गयी और शमशेर की तरफ मुंह करके बोली- पहले खाना खाओगे या मुझे खाओगे ?

शमशेर- तुम्हारी चुत का रस चूसना है सबसे पहले, फिर खाना देख लेंगे....

सावित्री हंसती हुई बोली- तो फिर देख क्या रहे हो, चूस लो...

फिर शमशेर सुरु किया हवस का खेल....

फिर कमरे के अंदर से सेक्सी सेक्सी आहें सुनाई दे रहा था, जिसे नटराज बाहर से सुन रहा था और अपने लन्ड को मसल रहा था....

नटराज बार बार सावित्री का नाम ले कर अपने लन्ड को आगे पीछे करके हिलाने में व्यस्त था....

फिर कुछ देर बाद कमरे में सन्नाटा छा गया... नटराज सोचने लगा- आखिर ये दोनों सो गए क्या ? नहीं गुरु कम से कम 2 या 3 बार तो जरूर ठोकेंगे, जहां तक मुझे पता है, गुरु औरतों की जब तक जोरदार ठुकाई ना कर दें तब तक सोते नहीं....

तब अचानक कमरे का दरवाजा खुल गया, तो नटराज चौंक के छुपने ही वाला था कि एक आवाज आई- कहाँ छुप रहे हो नटराज ?

नटराज दरवाजे की तरफ देखा तो चौंक गया... सावित्री ब्रा और पैंटी पहने खड़ी थी... लाल ब्रा और लाल पैंटी में सावित्री सेक्स की देवी लग रही थी...

नटराज ये देख के उसके होश उड़ गए, लन्ड से पानी छूटने को हो गया... सावित्री की बड़ी बड़ी चुचियाँ बड़ी मुश्किल से ब्रा में कैद थी... चुचियाँ इतनी बड़ी थी कि दोनों चुचियाँ के आधा हिस्सा नंगी नजर आ रही थी, जो कि दूध की तरह सफेद थी...

नटराज ध्यान से उसकी पैंटी को देख रहा था....

फिर सावित्री बड़े ही मादकता से चलते हुए नटराज की तरफ आने लगी.. इसकी वजह से उसकी चुचियाँ धीरे धीरे हिलने लगे... नटराज ये देख कर पागल हो रहा था...

सावित्री पास आके बोली- रुक क्यों गए, मेरा नाम लेके जो कर रहे थे वो बन्द क्यों किये ?

नटराज हकलाता हुआ बोला- वो वो में में...

सावित्री सेक्सी स्माइल करते हुए बोली- नटराज तुम बहुत अच्छे हो...

नटराज के गाँड़ फट रहा था...

सावित्री अचानक नटराज के पैर की नीचे बैठ गयी और उसकी पैंट को नीचे खिसका दी... जिसकी वजह से नटराज अब सिर्फ अंडरवियर और कमीज में खड़ा था.... ऐसा करने से नटराज का नजर सीधा सावित्री की बड़ी बड़ी नंगी चुचियाँ पे गयी जो कि उसे ऊपर से साफ नजर आ रहा था... नटराज का लन्ड तन के खड़ा हो चुका था....

सावित्री झट से नटराज की अंडरवियर उतार दिया... नटराज पसीना पसीना हो गया था....

नटराज- मेडम क्या कर रहे हो, गुरु आ जाएंगे...

सावित्री ऊपर मुंह करते हुए नटराज को देखते हुए सेक्सी स्माइल करते हुए बोली- तुम्हारे गुरु चैन की नींद सो रहा है अंदर....

नटराज मन ही मन- ऐसा हो ही नहीं सकता कि गुरु किसी औरत को एक बार चोद के थक जाएं, जरूर कुछ गड़बड़ है...

तभी नटराज अचानक चौंक गया, क्योंकि सावित्री अपने हांथों से उसके लन्ड को आगे पीछे कर रही थी....

नटराज- मेडम ये क्या कर रहीं है आप ?

साबित्री- क्यों मजा नहीं आ रहा है... मेरी पैंटी सूंघते वक़्त तो तुम्हे ज्यादा मजा आता है...

नटराज धीरे धीरे अपना होश खो रहा था....

सावित्री अब नटराज की लन्ड को मुंह में लेकर चूस रही थी...

नटराज को अब कंट्रोल नहीं हो रहा था....

नटराज बिना देर किए सावित्री को ऊपर उठाया और उसे बाहों में लेने की कोसिस की...

सावित्री- अरे रुको ना, इतनी भी क्या जल्दी है नटराज...

नटराज- मेडम अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है....

सावित्री- जो तुम्हे चाहिए सब कुछ मिलेगा, बल्कि एक दिन नहीं, हर दिन मिलेगा लेकिन....

नटराज- लेकिन क्या ?

सावित्री अपनी दोनो चुचियों को हल्की सी हिलाते हुए बोली- में जो बोलूंगी वो तुम्हे करना पड़ेगा...

नटराज अब सावित्री की जिस्म को चोदने के लिए पागल हो चुका था...

नटराज- बोलिये क्या करना होगा मुझे ?

सावित्री चलती हुई नटराज के पीछे जा के उसके पीठ में अपनी दोनो चुचियाँ दबाते हुए बोली- बाद में मुकर तो नहीं जाओगे ना, ये वादा करो...

नटराज- आप बोलो तो सही...

सावित्री अब एक हाथ आगे ले जाकर नटराज की लन्ड को पकड़ के आगे पीछे करते हुए बोली- जब तक तुम मेरा काम नहीं कर लेते तब तक तुम्हे सब कुछ नहीं मिलेगा...

लन्ड पे सावित्री के हाथों की स्पर्श पाकर नटराज का लन्ड खड़ा हो कर भयंकर हो गया था...

नटराज- सब नहीं देंगी मतलब ?

साबित्री खड़ी हो गयी और नटराज के मुंह के सामने आके खड़ी हो गयी... अचानक वो अपनी ब्रा उतार दी.... नटराज के सामने अब दो बड़ी बड़ी चुचियाँ तन के खड़ी थी.. जिसमें से दो लाल लाल रंग की निप्पल दूधिया दूध में से चमक रही थी... नटराज के लन्ड अब झटके खाने लगी थी....

नटराज दोनो चूची को दबाने के लिए हाथ आगे ले ही रहा था कि सावित्री उसके हाथ को पकडते हुए बोली- अभी के लिए बस इतना ही, बाकी सब काम हो जाने के बाद....

नटराज खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था...

नटराज- पर काम क्या है, ये तो बताओ ?

सावित्री अपने हाथ से एक चूची को दबाते हुए अपना मुंह नटराज के कान के पास ले गयी और धीरे से उसके कान में कुछ फुसफुसाई...

ये सुनके नटराज जोर से चिल्लाते हुए बोला- नहीं ये काम में नहीं कर सकता...

सावित्री अपनी दोंनो हाथ से अपनी दोनो चुचियों को दबाते हुए बोली- ठीक है तो फिर तुम अपना घर जा सकते हो...

नटराज अब सावित्री की मादक जिस्म को पाने के लिए पागल हो रहा था....

नटराज- पर आप ये क्यों करना चाहते हैं ?

सावित्री अपनी दोंनो निप्पल को हाथ से खिंचते हुए बोली- जो बोल रही हूं वही करो, सवाल मत पूछो....

नटराज सावित्री की दोनो चुचियों को देख कर मन ही मन बोला- क्या करूँ, एक तरफ ये मक्खन जैसी जिस्म और एक तरफ ये काम.... अगर ये मौका छोड़ दिया तो ऐसी चुत दोबारा नहीं मिलेगा... एक बार ये काम कर देता हूँ उसके बाद कस के ये चुचियों और चुत को निचोदूँगा...

साबित्री- किस सोच में पड़ गए नटराज ?

नटराज- मुझे मंजूर है....

सावित्री सेक्सी स्माइल करते हुए नटराज के करीब आके बोली- ठीक है तो फिर काम पे लग जाओ...

नटराज- ठीक है.. लेकिन अभी के लिए तो कुछ मजा दे दो...

सावित्री हंसती हुई नटराज की सर की बाल पकड़ कर उसके मुंह को नीचे ले कर उसकी एक चूची के ऊपर रख दी... नटराज की मुंह में सावित्री की एक चूची घुस गई...

सावित्री- अभी के लिए इसे चूस लो...

नटराज बड़े ही मजे से सावित्री की एक चूची को चूस रहा था...

करीब 5 मिनट चुसाने के बाद सावित्री उसका सर को ऊपर उठाया और बोली- बाकी सब काम हो जाने के बाद....

नटराज- कम से कम अपनी चुत तो दिखा दो....

सावित्री- काम हो जाने के बाद ये सब तुम्हारा ही है... इसे जो भी करना है कर लेना...

फिर सावित्री वहां से गाँड़ मटकाते हुए कमरे के अंदर जा रही थी... नटराज उसकी ऊपर नीचे होती गाँड़ को देख कर जोर जोर से मुठ मारने लगा.... वो इतना गरम हो चुका था कि बहुत ही जल्दी झड़ने वाला था... सावित्री दरवाजे के पास पहुंच के नटराज की तरफ देख कर सेक्सी स्माइल करते हुए जैसे ही एक आंख मार दी, उसी वक़्त ही नटराज के लन्ड से पानी की पिचकारी दूर तक निकल गयी, जिसे देख कर सावित्री जोर जोर से हंसने लगी.....

और नटराज मन ही मन बोल रहा था- साली चुदककड रांड......

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Napster

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जबरदस्त और जानदार अपडेट है भाई
अगले अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजियेगा
 

kamdev99008

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बहुत जबर्दस्त............. लेकिन नटराज को अब क्या काम बता दिया सावित्री ने

शमशेर को ठिकाने लगाने का या रूपा को
 
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शमशेर को ये एहसास हुआ कि उसके मुंह पे पानी की बूंदे टपक रहा है... शमशेर ने जब अपने आप को होश में पाया तो वो चौंक गया, क्योंकि वो देखा वो खड़ा था लेकिन लोहे की जंजीर से दोनो हाथ बंधे हुए थे... दो खम्बे से वो जंजीरे बंधे हुए थे.. वो चौंकते हुए चिल्लाया- अरे में कहां हूँ ???
क्योंकि कमरे में कोई नहीं था...

शमशेर चिल्ला रहा था- मुझको किसने लोहे की जंजीरे से जकड़ा है, कौन है बहनचोद ?

फिर उसे याद आया की वो तो सावित्री को उसके कमरे के अंदर चोद रहा था, तो फिर वो यहाँ कैसे आ गया और किसने ये सब किया है....

शमशेर जोर से चिल्लाया- अबे कौन है बहनचोद, सामने आ.....

तभी उसे किसी की कदमों की आहट सुनाई दिया....

शमशेर ध्यान से उस आवाज को सुनने लगा....

शमशेर- किस बहनचोद की हिम्मत हुआ शमशेर के साथ ये करने की ?

तभी एक औरत की आवाज आई- मेरी हिम्मत हुई शमशेर....

शमशेर ध्यान से बाहर से आती हुई उस औरत को देखने लगा तो वो चौंक गया... वो औरत और कोई नहीं सावित्री थी... सावित्री लाल रंग की नाईट ड्रेस पहनी हुई थी, जिससे उसकी जवानी साफ झलक रही थी...

शमशेर- साबित्री तुम ?

सावित्री सामने पड़े एक कुर्सी में बेठ गयी और बोली- हां तुमने ठीक पहचाना...

शमशेर- पर मुझे ये लोहे की जंजीर से क्यों बांध के रखे हो ?

सावित्री मादक स्माइल कर रही थी...

शमशेर- और हां में उस कमरे में बेहोश कैसे हो गया ? तुमने मुझे क्या खिला दिया था ?

सावित्री- धीरे धीरे सब पता चल जाएगा शमशेर.... तुमसे बहुत सारा हिसाब चुकता करना बाकी है....

शमशेर चौंक गया और बोला- क्या बकवास कर रहे हो तुम ? जलदी से मेरे हाथ खोल दो, जंजीर से हाथ दर्द कर रहे हैं...

सावित्री अपने एक टांग के ऊपर दूसरी टांग रखते हुए बोली- अभी तो सुरुआत है, आगे बहुत सारा दर्द झेलना है तुम्हे...

शमशेर को बहुत गुस्सा आ गया और वो चिल्लाने लगा- क्या बकवास कर रही है बहनचोद ?

सावित्री भी जोर से चिल्लाते हुए बोली- अपनी आवाज को धीरे कर ले शमशेर, वरना ऐसा ना हो कि तुझे अपनी मर्द होने का अफसोस ना होना पड़े....

शमशेर- एक बार मेरा हाथ खोल के देख फिर में बताऊंगा की मर्द किसे कहते हैं....

सावित्री- तुने मुझे चूतिया समझ रखा है क्या ?

शमशेर- ये तो बता मेरे साथ तेरा कौन सा हिसाब बाकी है ?

सावित्री- धीरे धीरे तुझे सब पता चल जाएगा... बस तुझे कल तक ऐसे ही बंधे रहना पड़ेगा....

शमशेर चौंक गया और बोला- क्या, कल तक ? मेरा हाथ खोल दो, मुझे दर्द होने लगा है...

सावित्री हंसती हुई बोली- दर्द तो अभी सुरु हुआ है, असली खेल बाकी है....

शमशेर को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब क्या चल रहा है...

सावित्री- शमशेर चल तुझे एक सरप्राइज दिखाती हूं....

फिर सावित्री बोली- अंदर आ जाओ...

शमशेर ध्यान से देखा कि एक हट्टा कट्टा शख्श कमरे के अन्दर आ रहा था... जब वो पास आ गया तो शमशेर उसे देख के चौंक गया... क्योंकि वो कोई और नहीं उसका चेला नटराज था...

नटराज सीधा आके साबित्री के कुर्सी के पीछे खड़ा हो गया....

सावित्री- सरप्राइज कैसा लगा शमशेर ?

शमशेर- अबे नटराज ये सब क्या है ? मुझे जल्दी से इस जंजीर से आजद कर चूतिया....

सावित्री- नटराज अब मेरा गुलाम है... ये वही करेगा जो में बोलूंगी... क्या बोलते हो नटराज ?

नटराज- जी मेडम...

शमशेर को बहुत गुस्सा आ गया ओर वो बोला- साली कमीनी राँड़, मुझे धोखे से बांध दिया और मेरा आदमी को अपना गुलाम बना रखा है....

सावित्री- चुप कर मादरचोद... वरना ऐसा दर्द मिलेगा की तेरा हाल बुरा हो जाएगा....

शमशेर- नटराज तू इस राँड़ के चक्कर में मत पड़.. ये साली किसीकी नहीं होती...

सावित्री झट से खड़ी हो गयी और दीवार में टंगी काले रंग की चाबुक खींच के शमशेर के पीछे जा के कस के एक चाबुक शमशेर की गाँड़ पे मारी....

शमशेर दर्द के मारे चिल्लाया- आआआआआआआ....

सावित्री- राँड़ किसको बोल रहा है भोसडीके.....

शमशेर- तुझे ही बोल रहा हूँ रांड... साली रण्डी तुझे में कितना भरोसा किया... मादरचोद बस एक बार मेरा हाथ खुल जाए फिर देख तेरा क्या हाल करता हूँ बहनचोद...

सावित्री और कस के लगातार तीन चाबुक शमशेर के गाँड़ पे मारने लगी....

शमशेर दर्द के मारे बोल रहा था- मार जितना मारना है मार ले, बाद में एक एक करके सब हिसाब चुकता करूँगा.... तेरे जैसे रंडियों को क्या करना है मुझे सब मालूम है....

सावित्री झट से शमशेर की सर के बाल को पीछे की तरफ खिंच के बोली- तेरी माँ की चुत मादरचोद...सपने मत देख... बस तू देख सावित्री तेरा क्या हाल करती है ?

फिर सावित्री सर से हाथ हटा कर शमशेर की गाँड़ पे कस के एक लात मारी....

सावित्री की हील की वजह से शमशेर को अपने गाँड़ पे दर्द महसूस हो रहा था....

फिर सावित्री बोली- तुझे में कल देख लुंगी...

फिर सावित्री नटराज के जाके बोली- इस मादरचोद को कल ऐसा खातिरदारी करो कि इसे अपने मर्द होने पर पछतावा हो...

नटराज- जरूर मेडम...

शमशेर चिल्ला रहा था-अबे साला नटराज, तू साला गद्दार निकला मादरचोद.... इस रण्डी के चुत के चक्कर में अपने गुरु को धोखा दे दिया बहनचोद... याद रख ये रण्डी किसीकी नहीं है... कल तुझसे भी बड़ा लन्ड मिल जाएगा तो तेरा गाँड़ मारेगा ये रण्डी...

सावित्री सेक्सी अंदाज में नटराज को देखती हुई बोली- इस मादरचोद की मुंह पे पट्टी बांध के आ जाओ, में बैडरूम में तुम्हारा इंतजार कर रही हूं.....

ये सुनके नटराज के मुंह में पानी आ गया...

फिर नटराज शमशेर के पास गया उसके मुंह पे पट्टी बांधने के लिए...

शमशेर- अबे मादरचोद तू इस रण्डी की चक्कर में मत पड़... ये तेरा इस्तेमाल कर रही है...

नटराज उसका एक भी बात नहीं सुना और मुंह पे पट्टी बांध कर कमरे से जाने लगा... शमशेर उसे जाते हुए देख के चिल्लाने की कोसिस करने लगा पर उसका मुंह से पट्टी होने के कारण उसकी आवाज अंदर ही दब के रह गया....

नटराज वहां से जब सावित्री के कमरे में पहुंची तो देखा- सावित्री ब्रा और पैंटी में बेड के ऊपर लेटी हुई थी...

बड़ी बड़ी चूची ब्रा में बिल्कुल टाइट हो के समाई हुई थी... बड़े ही मादक लग रही थी..... नटराज ये देख के ही पागल हो गया था...

नटराज ध्यान से सावित्री की पूरी जिस्म को निहार रहा था... होंठ से लेकर चूची, नाभि, पैंटी, जांघ, को घूरते हुए नटराज मन ही मन बोला- आज इसकी जिस्म को रगड़ रगड के नोचूंगा... ऐसा चोदुंगा की पूरा बदन ढीला कर दूंगा....

तभी सावित्री की आवाज से वो चौंक गया....

सावित्री- बेड के ऊपर भी आओगे या सिर्फ सोचते रहोगे ?

नटराज- इसी दिन का तो इंतजार था मेडम...

सावित्री- तो फिर जल्दी आओ...

नटराज जल्दी से सारे कपड़े उतार दिया... अब वो सिर्फ एक अंडरवियर में था....

वो सीधा बेड के ऊपर चढ़ गया और सावित्री के ऊपर सो के उसकी कमर में हाथ डाल दिया...

सावित्री- लगता है बहुत दिनों से भूखे हो ?

नटराज- क्या बताऊँ ? खास कर तुम्हरी जिस्म का..

साबित्री मादक हंसी हंसती हुई बोली- बड़े ही जल्दी है तुमको..

नटराज अपने हाथ से सावित्री की नाभि के ऊपर सहला रहा था...

सावित्री- एक बात बताओ, आजतक कितने औरतों को चोद चुके हो ?

नटराज- बहुत सारे औरतों को पर तुमसे खूबसूरत और सेक्सी औरत आजतक मेने नहीं देखा... बस एक सपना है तुम्हे चोदने की...

सावित्री सेक्सी स्माइल करती हुई बोली- ये सपना बहुत जल्दी पूरा होने वाला है तुम्हारा...

नटराज- हां पागल हो गया हूँ तुम्हारी जिस्म देख कर...

सावित्री- नटराज चुदाई तो होती रहेगी, क्यों ना कुछ मजे किये जायें...

नटराज- में कुछ समझा नहीं...

सावित्री- अभी समझाती हूँ...

सावित्री खुद को नटराज से अलग करती हुई बेड से उतर गई...

नटराज- अरे तुम कहाँ जा रही हो ?

सावित्री- 1 मिनट

नटराज कुछ समझ नहीं पा रहा था...

सावित्री- चलो अपना आंखे बंद करो...

नटराज- क्यों ?

सावित्री- करो तो ...

नटराज आंखे बंद किया.. उसे अचानक एहसास हुआ कि सावित्री उसके दोनो हाथ को बेड के दोनो तरफ बांध रही है..

नटराज- ये क्या कर रही हो ? मेरा हाथ क्यों बांध रही हो ?

सावित्री- तुम बस देखते जाओ..

नटराज- अब और ज्यादा मत तड़पाओ...

सावित्री- अब आंखे खोलो...

नटराज आंखे खोल के देखा तो उसके दोनो हाथ बेड के दोनो तरफ फैला के बंधे हुए हैं...

नटराज- ये क्या मजाक है ?

सावित्री- यही तो मजा है नटराज...

नटराज- मेडम मेरा हाथ खोल दो, मुझे तुम्हे चोदना है...

सावित्री- चोद लेना इतनी जल्दी भी क्या है, लेकिन काम पूरा हो जाने के बाद...

नटराज- मतलब मुझे और एक दिन रुकना पड़ेगा...

सावित्री- हां... क्यों तुम मेरे लिए एक दिन नहीं रुक सकते ?

नटराज- तुम्हारी चुत के लिए तो रुक ही सकता हूँ...

सावित्री सेक्सी स्माइल करती हुई बोली- इसे कहते हैं मर्द...

नटराज- पर कल तुम्हारा पति आ जायेगा तो ?

सावित्री- कल नहीं आएगा, अगले 5 दिन तक आएगा नहीं...

नटराज- तब तो मजे ही मजे हैं...

नटराज बेड के ऊपर सिर्फ अंडरवियर में सीधा लेटा हुआ था उसके दोनो हाथ बेड के दोनो तरफ बंधे हुए थे...

सावित्री उसके पैर के पास जाके उसके अंडरवियर को उतार दिया...

अंडरवियर उतारते ही नटराज का बड़ा लन्ड एक मजबूत लोहे की तरह तन के खड़ा हुआ था... जिसे देख कर सावित्री अपने निचली होंठ पे दांत दबाने लगी...

लन्ड का साइज करीब 9 इंच की था,जिसे देख कर सावित्री की चुत में खुजली होने लगी थी.... लन्ड इतना उत्तेजित था कि बार बार झटके दे रहा था....

सावित्री- हूँ बहुत ही बड़ा लन्ड है तुम्हारा नटराज...

नटराज- ये तुम्हारे चुत को भोगने के लिए कब से बेचैन हैं मेडम...

सावित्री ध्यान से नटराज के लन्ड को देख रही थी.... उसका मन कर रही थी कि अभी नटराज के लन्ड के ऊपर बेठ कर अपनी हवस पूरी कर ले, पर वो नटराज को तड़पाना चाहती थी... ताकि नटराज उसको एक जोरदार ठुकाई कर सके....

फिर सावित्री हल्की सी हंसती हुई बोली- लगता है इस लन्ड से तुमने कई चुत मार चुके हो ?

नटराज- हां मेडम.. बस तुम्हारी चुत बाकी है...

सावित्री हंसती हुई बोली- ये बहुत जल्दी ही मेरी चुत के अंदर जाने वाला है... बस सब्र रखो....

ये कहते हुए सावित्री अपनी ब्रा उतार दी.... ब्रा उतारते ही दो बड़ी बड़ी दूध जैसी सफेद चुचियाँ नटराज के मुंह के सामने झूल रहे थे... साथ में मोटी मोटी निप्पल और भी मादक लग रही थी... नटराज का मन हो रहा था कि दोनों चूची को रगड़ रगड़ के लाल कर दे, पर उसके दोनों हाथ बेड पे बंधे हुए थे, वो बस चूची को देखने के शिवाय कुछ कर नहीं सकता था.... चुचियाँ देख कर उसका लन्ड झटका खाने लगा...

नटराज- प्लीज मेडम मेरा हाथ खोल दो... मुझे इन रसीली चुचियों को मसलना है....

सावित्री सेक्सी स्माइल करते हुए बोली- इतनी भी क्या जल्दी है नटराज.... ठहर जाओ मैं तुम्हे मेरी चुचियों की दूध पिलाती हूँ..

नटराज- जल्दी पिलाओ मेडम.. अब मुझसे रहा नहीं जाता...

सावित्री अपनी पैंटी भी उतार दी... झांटों से भरी चुत नटराज के सामने थी, चुत देख कर नटराज का लन्ड बुरी तरह झटके खाने लगा...

नटराज- उफ्फ क्या चुत है तुम्हारी मेडम... एक बार मारने दो अभी प्लीज मेडम...

सावित्री अब नटराज के छाती के ऊपर बेठ गयी....

नटराज- मेरे लन्ड के ऊपर बेठ जाओ मेडम.... वादा करता हूँ चुत को भरपूर मजा दूंगा....

सावित्री झुक गयी और एक चूची को नटराज के मुंह में डाल दी... नटराज के मुंह में सिर्फ निप्पल घुसी हुई थी.... क्योंकि चूची बहुत बड़ी थी.... नटराज अब एक चूची को चूस रहा था...

नटराज बड़े ही मजे से निप्पल को चूस रहा था...

तभी सावित्री के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गयी "उइमाआआआआआ.....

नटराज जोश के मारे सावित्री की चूची पे दाँत गड़ा दिया था....

सावित्री झट से चूची को मुंह से अलग करते हुए बोली "अगर ऐसी शैतानी करोगे तो इसे भी चुसने के लिए तरस जाओगे तुम...

नटराज- सॉरी मेडम, में थोड़ा जोश में आ गया.. प्लीज चुसाओ मजा आ रहा है....

सावित्री अपनी दूसरी चूची उसके मुंह में डाल दी....

नटराज चूची चूसते हुए सावित्री की चुत को देखने के कोसिस कर रहा था... क्योंकि वो पहली बार सावित्री की चुत को देख रहा था...

कुछ देर चूची चुसाने के बाद सावित्री उसके सीने के ऊपर से उठ गई... नटराज का लन्ड झड़ने के लिए तैयार था...

सावित्री- चलो अब तुम्हारा लन्ड को मजा देते हैं...

नटराज- हां जल्दी बेठ जाओ मेरे लन्ड के ऊपर...

सावित्री खड़े लन्ड के ऊपर अपना मुंह डाल दी और चुसने लगी... नटराज का लन्ड बुरी तरह खड़ा हो चुका था, क्योंकि सावित्री की मुंह का स्पर्श पाकर और उत्तेजित हो गया था...

सावित्री मजे से उसके लन्ड को चूस रही थी....

नटराज- प्लीज मेडम मेरा हाथ खोल दो, मुझे तुम्हारी चुत मारना है, मुझे चोदने दो...

सावित्री समझ गयी कि नटराज बहुत ही जल्दी झड़ने वाला है तो वो अपना मुंह लन्ड से निकाल कर अपने हाथ से लन्ड को पकड़ लिया और आगे पीछे करके मुठ मारने लगी.... और साथ में अपनी चुत में भी दूसरे हाथ से उंगली डाल के मारने लगी...

नटराज- आआआआ मेरा हाथ खोल दो मेडम... मुझे चोदना है..

सावित्री जोर जोर से हाथ से लन्ड पकड़ कर मुठ मार रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चुत में उंगली घुसा रही थी....

नटराज ये देखके बोला- सामने इतना बड़ा लन्ड हो के उंगली क्यों घुसा रही हो चुत में, उसके अंदर लन्ड घुस के ही मजा दे सकता है.... चोदने दो मेडम...

सावित्री- चुप रहो तुम.... काम पूरे होने के बाद चोद लेना.... अभी बस इसी से काम चला लो....

अचानक नटराज के लन्ड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगा.... पानी की फब्बारों की तरह वीर्य ऊपर उठ के नीचे गिर रहा था... थोड़ी सी वीर्य सावित्री के चुचियों के ऊपर गिर गयी और कुछ कुछ नटराज के ऊपर....

वीर्य निकलते ही नटराज शांत हो गया और उसके लन्ड फिर से सोने लगा....

नटराज- मेरा ये पानी अगर तुम्हारे चुत में जाता तो कितना मजा आता....

सावित्री अब अपनी चुत में उंगली तेजी से मार रही थी.....

वो भी कुछ देर बाद झड़ गयी तो नटराज बोला- क्यों इतनी मेहनत कर रही हो, मुझे मौका दिया होता तो तुम्हारी चुत से पानी की धार निकाल देता....

सावित्री- चलो अब सोने जाओ... कल सुबह तुम्हे काम को अंजाम भी तो देना है.....

नटराज- मेरा हाथ तो खोल दो मेडम....

सावित्री- ठीक है....

सावित्री हाथ से रस्सी निकाल के नंगी ही अपने कमरे में सोने के लिए चली गयी... नटराज उसे पीछे से उसकी ऊपर नीचे होती गाँड़ को देख रहा था और बोला- कसम मेरे लन्ड की, बस एक बार मौका मिल जाये इस रांड की सारी गर्मी उतार दूंगा... चुत के साथ साथ इसकी गाँड़ भी मारूंगा... काफी कसा हुआ माल है ये तो... साला जनार्दन बुड्डा कितना नसीब वाला है, उसे ऐसी चुदक्कड़ चुत मिला है.... चल भाई नटराज कल सुबह एक बड़ा काम करना है... बस एक बार ये काम हो जाये उसके बाद सावित्री चुत और गाँड़ मेरे हवाले हो जाएंगे... फिर तेल लगा लगा के पेलूँगा रात भर.....

फिर नटराज नंगा ही वहां पे सो गया.....

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