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Adultery "संभोग"

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उधर अपने घर के ऊपरी मंजिला के कमरे में निरूपा अपने ड्राइवर घनश्याम से चुद रही थी..... नीचे के कमरे में शंकर दयाल अपने किसी क्लाइंट से बात कर रहा था...

और ऊपर निरूपा अपने ड्राइवर घनश्याम के लन्ड के ऊपर बैठी हुई थी और ऊपर नीचे हो रही थी... घनश्याम एक लकड़ी के कुर्सी पर बैठा था, सिर्फ T-shirt पहना था और नीचे से नंगा था... उसके लन्ड के ऊपर निरूपा बैठके ऊपर नीचे हो रही थी...

निरूपा सिर्फ लाल रंग की ब्रा में थी.... वो लगातार घनश्याम के लन्ड के ऊपर बैठ कर ऊपर नीचे हो रही थी... उसकी भारी गोरी गोरी गाँड़ घनश्याम के काले लन्ड में ऊपर नीचे हो रहे थे... उसकी भारी गाँड़ ऊपर जाके जैसे ही घनश्याम के लन्ड के ऊपर बैठ रही थी तो उसकी गोरी गोरी गाँड़ घनश्याम के जांघों पर जोरदार टक्कर मार रही थी... जिससे "पटल पटल पटल" की आवाज़ें आ रही थी...

निरूपा के बड़ी बड़ी चुचियाँ लाल रंग की ब्रा में कैद थी और घनश्याम के सीने में दबी हुई थी... जैसे ही वो ऊपर नीचे हो रही थी, उसकी चुचियाँ घनश्याम के सीने से घिसते जा रहे थे.... जिससे घनश्याम को बहुत मजा आ रहा था...

अब घनश्याम अपने दोनों हाथ आगे ले गया और निरूपा की दोनों गाँड़ को दोनों हाथ से पकड़ कर तेजी से ऊपर नीचे करने लगा जिससे निरूपा की गाँड़ बड़े ही तेजी से घनश्याम के लन्ड में ऊपर नीचे होने लगी...

निरूपा- अपना स्पीड बढा घनश्याम... नीचे से मेरा पति आ गया तो तेरा खैर नहीं....

घनश्याम तेजी से चोदते हुए बोला- साहब से आप मुझे बचा लेना मेडम...

लकड़ी की कुर्सी पर बैठ कर घनश्याम निरूपा को अपने लन्ड पर बिठा कर तेज तर्रार ठुकाई कर रहा था...

निरूपा के दोनों पैर हवा में थे.. घनश्याम बीच बीच में निरूपा के लाल ब्रा में कैद मादक चूची को चूम रहा था...

निरूपा- आआआआहहहहहहहह तेरा लन्ड तो कमाल कर रहा है घनश्याम... सचमुच जन्नत का मजा आ रही है...

घनश्याम- क्यों साहब का लन्ड मजा नहीं देता क्या ?

निरूपा- उस बुड्ढे से चुद चुद के बोर हो चुकी हूँ..

घनश्याम दोनो हाथ से निरूपा के भारी गाँड़ को दबाते हुए बोला- मेडम आपसे एक बात पूछूँ, अगर आप बताएंगे तो ?

निरूपा- पहले चुदाई खत्म कर बहनचोद... फिर पूछना...

फिर क्या था, घनश्याम झट से निरूपा को अपने लन्ड से उठाया और उसे खड़ी किया... फिर वो कुर्सी से उठ गया और निरूपा को doggy पोज़ में नीचे घुटनों के बल बिठाया... और बिना देर किए अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया... और बड़े ही स्पीड से ठोकने लगा...

घनश्याम की चुदाई इतनी स्पीड था कि निरूपा के दो भारी भारी चुचियाँ लाल ब्रा में बड़े ही तेजी से नीचे झूल रहे थे... और निरूपा की सिसकियाँ तेज होने लगी....

नीचे की कमरे में शंकर दयाल और उसके क्लाइंट की मीटिंग खत्म हो चुका था... उसके क्लाइंट के जाने के बाद शंकर दयाल आवाज लगाया...

शंकर दयाल- निरूपा... नीचे आओ.....

5 मिनीट के तक निरूपा नीचे नहीं आने के बाद शंकर दयाल खुद ऊपर की कमरे की तरफ जाने लगा...

ऊपर के कमरे के दरवाजे के पास पहुचा तो दरवाजा अंदर से बंद था...

शंकर दयाल- निरूपा दरवाजा खोलो... अंदर क्या कर रही हो ?

कुछ देर दरवाजा खुला तो सामने निरूपा थी, जो कि लाल रंग की ब्रा और नीचे लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी..

शंकर दयाल- अभी इस कपड़े में क्या रही हो ? ऐसे मत रहा करो, वरना आसपास के मर्दों का नींद उड़ जाएगा ( हंसते हुए)

निरूपा- अरे में अभी नहाने वाली हूँ... क्या है ना, आजकल मुझे कुछ ज्यादा ही गर्मी लग रही है..

शंकर दयाल- ठीक है, तो फिर नहा के नीचे आ जाओ... और हां ये घनश्याम कहाँ गया, कुछ पता है तुम्हे ?

निरूपा- मुझे नहीं पता (हड़बड़ाते हुए)

शंकर दयाल- बहनचोद ने फोन भी स्विच-ऑफ करके रखा है...

निरूपा- जाओ नीचे गार्डन में देख लो, शायद वहां टहल रहा हो...

शंकर दयाल- सही बात है... चलो नाहा लो...

निरूपा दरवाजा बंद करके अंदर आती हुई बोली- चल जल्दी बाहर आजा घनश्याम...

घनश्याम बाथरूम के अंदर छुपा हुआ था, फिर बाहर आ गया...

घनश्याम- साहब चले गए क्या ?

निरूपा- हाँ, अब चुपचाप नीचे जा, वो तुझे पागलों की तरह ढूंढ रहा है...

घनश्याम- ठीक है मेडम...

निरूपा- सुन जाते जाते एक बात सुन.. शंकर दयाल को क्या बोलेगा ?

घनश्याम- क्या ?

निरूपा- मतलब की वो तुझे पूछेगा तो तू ये बोलना की तू टॉयलेट में था और हाँ नीचे वाले टॉयलेट में...

घनश्याम- जी मेडम...

घनश्याम तेजी से नीचे चला गया...

घनश्याम के नीचे जाते ही निरूपा अपने कपड़े पहनने लगी... वो ब्लाउज पहन ही रही थी कि उसकी फोन की घण्टी बजने लगी.. उसको नंबर कुछ जानी पहचानी सी लग रही थी... निरूपा ब्लाउज पहनते हुए फोन रिसीव किया.....

Caller- हेलो डार्लिंग, क्या हाल है आजकल ?

निरूपा- कौन है ?

Caller- कमाल है, अपने ससुर से शादी करके मुझे तो भूल ही गयी तू....

निरूपा कुछ देर सोचने के बाद बोली- ओह तो तू है, तुझे कैसे भूल सकती हूँ शमशेर ?

शमशेर- चल कम से कम मुझे तो याद कर रही है तू, अच्छी बात है...

निरूपा- में अपने दुश्मनों को कभी नहीं भूलती...

शमशेर- और में अपनी दुश्मनों को बहुत प्यार करता हूँ... चल इधर आजा, बहुत दिन हो गया तेरी जिस्म की सुगंध का मजा नहीं लिया...

निरूपा- तू अब इस लायक बचा नहीं कि तू मेरी जिस्म को भोग सके...

शमशेर- वो तो वक़्त बताएगा कि तेरी जिस्म को में भोग पाऊंगा या नहीं... वैसे तेरी जिस्म को मैने इतनी बार भोगा है कि अब मन नहीं हो रहा है....

निरूपा- अब तू कर ही क्या सकता है ?? (हंसती हुई)

शमशेर- ज्यादा हंस मत बहनचोद... और मेरी बात ध्यान से सुन, अगर तू अपनी बहन सावित्री को जिंदा देखना चाहती है तो मेरे अड्डे पे आजा....

निरूपा अचानक खामोश हो गयी और बोली- मतलब ??

शमशेर- मतलब की तेरी बहन मेरे कब्जे में है, अगर तू जल्दी नहीं पहुंचा तो उसकी टुकड़ा टुकड़ा करके कुत्ते को खिला दूंगा....

निरूपा- नहीं शमशेर, तू ऐसा वैसा कुछ नहीं करेगा... पर में ये कैसे मान लूं की सावित्री तेरे कब्जे में है....

शमशेर- चल तुझे उसकी आवाज सुनाता हूँ...

सावित्री की आवाज फोन पे आने लगी- दीदी ये कमीना के पास मत आओ....

निरूपा- तू चिंता मत कर में आ रही हूँ...

शमशेर- सुना ना, अगर इसकी खैर चाहती है तू जल्दी से यहां आजा और हाँ पुलिस को साथ लाने की गलती मत करना....

निरूपा- में आ रही हूं शमशेर, मेरी बहन को कुछ नहीं होनी चाहिए....

फोन कटते ही निरूपा फटाफट कपड़े पहन के शमशेर के पास जाने के लिए निकल गयी...

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शमशेर फोन रखते ही लंगड़ाते हुए सावित्री के पास आया और सावित्री को करीब से देखते हुए बोला- आने दे तेरी दीदी निरूपा रांड को, आज उसे बताऊंगा की दर्द क्या चीज़ है ?

सावित्री चिल्लाते हुए बोली- तू आग से खेल रहा है शमशेर, जल के राख हो जाएगा....

शमशेर जोर जोर से हंसते हुए बोला- में आग से भी खेलता हूँ और आग को अपने काबू में भी करता हूँ...

सावित्री- तू बहुत पछतायेगा...

शमशेर- चुप कर रंडी....

पीछे से कुर्सी पर बंधा रंजीत चिल्लाने की कोसिस कर रहा था लेकिन चिल्ला नहीं पा रहा था क्योंकि उसके मुंह पे पट्टी बंधा हुआ था...

शमशेर पीछे मुड़ते हुए बोला- लगता है तू कुछ बोलना चाहता है ?

शमशेर- कालू इन सभी लोगों की मुंह में बंधी पट्टी खोल दे...

कालू सब की पट्टी खोलने लगा... जनार्दन, रंजीत और अपर्णा की पट्टी खोल दिया...

पट्टी खुलते ही रंजीत बोला- खबरदार जो मेरी मम्मी के बारे में कुछ बोला तो ?

शमशेर- अच्छा तुझे इतना बुरा लग रहा है तेरी मम्मी की बारे में सुनके... ये जो तेरी मम्मी है ना ये एक नम्बर की रांड है मादरचोद... पता नहीं कितनो की लन्ड घुसाई होगी अपनी भोसड़े जैसी चूत में....

रंजीत- चुप कर मादरचोद...

शमशेर कस के एक मुक्का रंजीत के मुंह पर मारा और रंजीत के मुंह से खून निकलने लगा...

ये देख कर सावित्री चिल्लाई- प्लीज मेरा बेटा को मत मारो...

शमशेर- बहनचोद मझे गाली दे रहा है... (रंजीत के बाल को पकड़ कर)

रंजीत के मुंह से खून निकल रहा था...

शमशेर- ज्यादा बकबक किया ना तो तेरा बीवी और तेरा मम्मी को यहां पर नंगी करके मुजरा करवाऊंगा...

तभी कमरे के बाहर से एक आवाज आया- नंगी मुजरा तो होना ही चाहिए...

सब दरवाजे की तरफ देखने लगे, सावित्री और अपर्णा हक्केबक्के रह गए... दरवाजे पर इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह खड़ा था...

ओमपाल सिंह अंदर आते हुए बोला- इन दोनों रांड की नंगी मुजरा देखना है मुझे... (अपर्णा और सावित्री को देखते हुए)

शमशेर- रियली ओमपाल !!!

ओमपाल- हाँ बहुत दिन हो गया कोई नंगी डांस देखा नहीं... में देखना चाहता हूँ कि ये दोनों सास बहू किस तरह अपनी चुचियाँ और गाँड़ हिलाते हैं...

ये सुनके अपर्णा जोर जोर से कांपने लगी...

सावित्री- इंस्पेक्टर तू यहां पर ?

शमशेर- क्यों चौंक गयी ना, इसको मेने ही बुलाया है...

सावित्री- मुझे पता है ये भी तेरा पालतू कुत्ता है...

ओमपाल- बहुत बोल रही है बहनचोद... लगता है इसको नंगी मुजरा करवाना ही पड़ेगा...

रंजीत- तू बहुत गलती कर रहा है इंस्पेक्टर...

ओमपाल- तू कौन है मादरचोद ?

शमशेर- ये इस रांड की बेटा है, और अपर्णा रण्डी इसकी बीवी है...

ओमपाल- ओह तो ये बात है... बेटा तो फिर सुन ले, आज तेरे सामने तेरे बीवी और मम्मी को नंगी डांस करवाता हूँ... तू भी मजे ले...

रंजीत चिल्लाया- इंस्पेक्टर !!!

ओमपाल- चुप कर भोसडी के... जब में तेरा मम्मी और तेरा बीवी को रात भर पेल रहा था तब तू कहां था ? पूछ लें तेरी मम्मी और बीवी से की वो किस तरह मुझसे अपनी दोनों टांगे खोल के चुद रहे थे पुलिस स्टेशन पर...

रंजीत गुस्से से सावित्री और अपर्णा को देखने लगा...

सावित्री और अपर्णा नजरें नीची करके बैठे हुए थे....

ओमपाल- पर तेरा मम्मी और बीवी क्या माल है बहनचोद ?? मजा आ गया चोद के... खास कर तेरी बीवी तो नमकीन माल है बहनचोद... क्या कसी हुई चूत है... (अपर्णा को देखते हुए)

अपर्णा नजरें झुकाये बैठी थी...

शमशेर- मुझे क्या पता, मेने अभी तक इसकी रस नहीं चूसा है (अपर्णा को देखते हुए)

ओमपाल- तो फिर देर किस बात की, जल्दी से इसकी नमकीन चूत का मजा लो...

शमशेर- मजा तो लेना ही पड़ेगा इस रण्डी की...

ओमपाल- लेकिन पहले में इन दोनों की नंगी मुजरा देखना चाहूंगा...

अपर्णा और सावित्री नजरें नीची करके बैठी हुई थी...

ओमपाल- तो फिर मेडम सावित्री और डार्लिंग अपर्णा दोनो फटाफट अपने कपड़े उतारो, नहीं तो मुझे तुम्हारे कपड़े फाड़ने पड़ेंगे...

अपर्णा और सावित्री एक दूसरे को देखने लगे....

ओमपाल- यहाँ पर शर्माने की जरूरत नहीं है... सब अपने लोग हैं....

रंजीत- अपर्णा नहीं कपड़े मत उतारना....

ओमपाल- यहां पे मौजूद सारे मर्द चाहते हैं कि तुम दोनों अपनी मादक जिस्म खुल के दिखाओ... क्यों तुम लोग देखना चाहते हो ना इन दोनों सास बहू की नंगी जिस्म को...

शमशेर के 7 गुंडे एक साथ बोले- जरूर देखना चाहते हैं...

ओमपाल- बस हो गया, चलो अब जल्दी से अपनी कपड़े उतारो.... तुम दोनों की रस्सी भी खुल चुका है...

अपर्णा और सावित्री अपनी अपनी कुर्सी से उठ गए तो रंजीत चिल्लाया- नहीं मम्मी प्लीज ऐसा मत करना, अपर्णा प्लीज ऐसा मत करो...

ओमपाल- तेरा मम्मी की मादक जिस्म देख ले, शायद तेरा भी लन्ड खड़ा हो जाये...

वहां पे मौजूद सारे गुंडों की नजर सावित्री और अपर्णा की सेक्सी जिस्म पर था... कोई दोनो की बड़ी बड़ी चुचियाँ को घूर रहा था तो कोई भारी गाँड़ को घूर रहा था... सब लोग दोनो को नंगी देखना चाहते थे....

ओमपाल- देख क्या रहे हो, फटाफट कपड़े उतारो...

फिर अपर्णा और सावित्री अपने जिस्म से एक एक करके कपड़े उतारने लगे... दोनो की जिस्म से जैसे ही एक एक कपड़े उतर रहे थे वैसे वैसे ही सारे गुंडे जोश में आ रहे थे...

अपर्णा और सावित्री जैसे ही अपनी ब्लाउज उतार दिए सारे गुंडे दोनो की मोटी मोटी चुचियाँ को देखते ही रह गए जो कि एक छोटी सी ब्रा में कैद थी.....

कई गुंडों ने तो पैंट के अंदर हाथ डाल कर मुठ मारना भी सुरु कर दिया था..

जैसे ही अपर्णा और सावित्री ने अपनी पेटीकोट नीचे सरका दिया, सारे गुंडों की होश उड़ गए... दोनो अंदर छोटी सी पैंटी पहने हुए थे...

दोनो सास बहू नजरें नीची करके कपड़े उतार रहे थे...

ओमपाल- क्या हुआ रुक क्यों गए तुम दोनों ... चलो अपने बड़े बड़े आम के दर्शन करवाओ सबको...

फिर अपर्णा और सावित्री एक साथ अपनी ब्रा उतार दिए...

ब्रा उतारते ही दोनों की बड़ी बड़ी चुचियाँ झूलने लगी... जिसे देख कर सारे गुंडे अपने अपने दांत दबाने लगे...

दोनो की चूची पे लाल लाल निप्पल को देख कर सारे गुंडे पागल हो रहे थे...

शमशेर अपर्णा की चूची देख कर बोला- सच में इसको एक बार चोदना ही पड़ेगा, कड़क माल है ये तो...

ओमपाल- इसकी चूत एक बार देख लो शमशेर, बिना चोदे रह नहीं सकते....

शमशेर- जरूर...

ओमपाल- रुक क्यों गए... चड्डी कौन खोलेगा ? जल्दी उतारो चड्डी...

फिर अपर्णा और सावित्री ने अपनी चड्डियाँ उतार दी...

और क्या था सारे गुंडे दोनो की चूत देख कर पागल हो गए... शमशेर अपर्णा की चूत देख कर बोला- इतनी रसीली चूत... इसको एक बार चोदने से मजा नही आएगा... आज पूरी रात इसकी चूत मारूँगा...

दोनो की चूत झांटो से भरी हुई थी जिसे देख कर सारे गुंडे मुठ मारने लगे थे...

रंजीत अपनी आंखें बंद किया हुआ था लेकिन जनार्दन चुपके चुपके अपर्णा की नंगी जिस्म को देख रहा था....

ओमपाल- चलो अब नाचना सुरु करो...

सावित्री और अपर्णा धीरे धीरे से नाचना सुरु किये...

नाचने की वजह से दोनों की चूची बड़े ही मादकता से हिलने लगे जिसे देख कर गुंडे लोग पसीने पसीने हो गए थे... कई गुण्डे जोश से पागल हो रहे थे....

उन गुंडों के अंदर एक गुंडा था कालू... वो दोनों सास बहू की नंगी डांस देखते हुए बोला- कसम पैदा करने वाले कि, एक बार इन दोनों रण्डी की चूत मिल जाये, चोद चोद के गड्ढा ना बना दिया इन दोनों की चूत को तो मेरा नाम बदल देना...

और एक गुंडा बोल रहा था- मादरचोद क्या चूची है... बहनचोद क्या गाँड़ हिला रही है.... ये साली सास तो अपनी बहू से भी ज्यादा सेक्सी है.... क्या गाँड़ है बहनचोद....

दोनो सास बहू जोर जोर से अपनी चूची और गाँड़ हिला रहे थे.... कमरे में सारे लोग गरम हो चुके थे...

तभी कमरे के अंदर निरूपा आ गयी और चिल्लाई- बन्द करो नाचना....

निरूपा को देख कर सावित्री और अपर्णा नाचना बन्द किये...

ओमपाल ध्यान से निरूपा को देखने लगा... निरूपा पीले रंग की साडी में सेक्स की देवी लग रही थी... ओमपाल उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ और गाँड़ को देखते हुए बोला- ये कौन है शमशेर ?

शमशेर- ये इन दोनों से भी बड़ी रांड है... ये सावित्री की बड़ी बहन निरूपा है... इसको मेने ऊना रखेल बना कर रखा था...

ओमपाल- तब तो इसका सारा रस तुमने चूस लिया होगा... पर साली क्या माल है बहनचोद.. देख के ही लन्ड खड़ा हो रहा है...

निरूपा- शमशेर मेरी बहन और इसके परिवार को छोड़ दे...

ओमपाल- ओह मेडम, आवाज नीचे करो... पहले में तुम्हारी जिस्म का रस निचोड्यूगा, फिर दूसरी बात...

निरूपा- क्यों तू कौन है बहनचोद ? पुलिसवाला होगा आने पुलिस स्टेशन पर... कम से कम अपनी वर्दी का तो खयाल कर...

ओमपाल धीरे धीरे निरूपा के करीब जा के निरूपा के जिस्म को करीब से सूंघते हुए बोला- ओह हो क्या मादक सुगंध है तेरे जिस्म की... इसकी रस जब तक ना चख लूं, चैन नहीं आएगा...

निरूपा- सपने ज्यादा मत देख इंस्पेक्टर..

ओमपाल- सपने नहीं हकीकत है ये.... आज तो तेरी रस निचोड़ के ही जाऊंगा (बड़ी बड़ी चूचीयों को ब्लाउज के ऊपर से देखते हुए)

निरूपा- अच्छी बात है...

ओमपाल एक हाथ से निरूपा के भारी गाँड़ को सहलाने लगा तो निरूपा कस के एक लात ओमपाल के लन्ड पे मारी... ओमपाल चिहुंक के दूर जा गिरा...

ओमपाल चिल्लाने लगा- बहनचोद रांड...

निरूपा एक रिवाल्वर अपने बैग से निकालती हुई बोली- चुप कर मादरचोद... वरना एक गोली तेरे लन्ड पर मारूंगी की तू जिंदगी भर लन्ड खड़ा कर नहीं पायेगा...

फिर सावित्री और अपर्णा को थोड़ी सी हिम्मत आयी...

तभी शमशेर बोला- अबे देख क्या रहे हो तुम लोग, इस रण्डी से रिवाल्वर छीन लो...

निरूपा- खबरदार कोई आगे बढ़ा तो...

निरूपा को ये पता नहीं था कि ओमपाल कब उसके पीछे आ चुका था... ओमपाल जोर से एक लात निरूपा के हाथ पर मारा जिससे रिवाल्वर दूर छिटक कर गिर गया....

ओमपाल आगे बढ़ कर निरूपा को पीछे से दबोच लिया...

ओमपाल- मादरचोद क्या चीज़ है तू ? तेरी आज इतनी चुदाई करूँगा की तेरी चूत को भोसड़ा बनाऊंगा...

शमशेर नीचे गिरा रिवाल्वर उठाते हुए बोला- ओमपाल ये साली इतनी बड़ी रांड है कि तुम जैसे कई मर्द भी इसको एक साथ ठोकेंगे तो इसको फर्क नहीं पड़ेगा...

ओमपाल- लेकिन ये ओमपाल का ठुकाई देखी नहीं है अब तक... चूत को गड्ढा ना बना दिया तो कहना (निरूपा की चुचियाँ को एक हाथ से दबाते हुए)

फिर ओमपाल झट से निरूपा की साड़ी खींच के उतार दी... निरूपा सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट पर खड़ी थी जिसे देख कर सारे गुंडों की लन्ड फड़फड़ाने लगा...

निरूपा की बड़ी बड़ी चुचियाँ ब्लाउज में ऐसे दिख रहे थे मानो दो आम झूल रहे हों...

ओमपाल अब अपना हाथ आगे ले जा कर निरूपा की ब्लाउज को फाड़ दिया... निरूपा सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में खड़ी थी...

ओमपाल- बहुत दिन हो गया कोई चूत को जम कर नहीं चोदा... लगता है आज जमकर चोदने का मौका मिलेगा...

ओमपाल अब निरूपा के पेटीकोट को भी उतार दिया...

निरूपा एक छोटी सी चड्डी पहनी हुई थी जो कि मुश्किल से उसकी गाँड़ को ढकी हुई थी... भारी और गोरी गाँड़ को देख कर सारे गुंडे पागल हो रहे थे....

ओमपाल- कौन कौन इसकी चूत मारना चाहेगा, वो हाथ खड़ा करो...

ऐसा कहते ही ओमपाल झट से निरूपा की ब्रा को फाड़ दिया...

निरूपा के दो बड़ी बड़ी दूधिया चूची सबके सामने झूलने लगी... ऊपर से लाल लाल निप्पल और भी मादक लग रही थी....

ओमपाल- हाँ तो बताओ, कौन कौन चोदोगे ?

सभी गुंडे अपने हाथ खड़े किए...

फिर ओमपाल निरूपा के चड्डी भी उतार दिया...

निरूपा के झांट भरी चूत देख कर सबके होश उड़ गए...

ओमपाल उसकी जिस्म को देख कर पागल हो रहा था...

शमशेर- ओमपाल इस रांड को ठोकने से पहले एक बात बता दूं इस रांड की ठुकाई का वीडियो रिकॉर्डिंग करो....

शमशेर के इशारे पाते ही एक गुंडा अपना मोबाइल के कैमरा ऑन किया और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगा.....

सावित्रि और अपर्णा नंगी ही कुर्सी पर बैठी हुई थी... रंजीत आंखे बंद करके बैठा था...

शमशेर- रंजीत आंखे खोल और देख तेरा बड़ी माँ निरूपा किस तरह आज 9-10 मर्दों से चुदवायेगी...

फिर ओमपाल बिना देर किए निरूपा को दोनो बांहों से ऊपर उठा लिया और बोला- मादरचोद रांड, आज तुझे बताऊंगा चोदना किसे कहते हैं....

ओमपाल निरूपा को सामने पड़े टेबल के ऊपर लिटा दिया और आगे खड़े हो कर उसकी दोनो टांगों को अपने कंधे पर रख दिया और फटाफट अपने पैंट उतार दिया.... निरूपा नंगी ही टेबल पर लेटी हुई थी... उसके पास और कोई चारा नहीं थी....

ओमपाल बिना देर किए अपना लन्ड निरूपा के चूत में डाल दिया और उसकी दोनो टांग को अपने कंधे पर रख कर खड़े खड़े चोदने लगा....

टेबल के ऊपर निरूपा नंगी जोर जोर से हिलने लगी... उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ जोर जोर से हिलना सुरु किया... ओमपाल जोर जोर से चोदना सुरु किया.... निरूपा की मादक सिसकियाँ निकलने लगी थी....

एक गुंडा ये चुदाई का वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था....

निरूपा की मुंह से सिसकियाँ निकल रही थी- ससससससस मममममम आआआआआ हददभब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब् ससस्सज़ज़्ज़....

ओमपाल जोर जोर से चोदते हुए बोल रहा था- मादरचोद भोसडीके बहन की लन्ड मुझे अपनी चूत की गर्मी दिखा रही है...

ओमपाल का हर एक शॉट पे निरूपा के मुंह से एक जोरदार चीख निकल रही थी....

ये देख के अपर्णा की गाँड़ फटने लगी थी...

ओमपाल के एक जोरदार शॉट मारने से निरूपा के मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गयी- आआआआआ........

निरूपा की मादक सफेद चुचियाँ जोर जोर से हिल रहे थे जिसे देख कर पास में खड़ा कालू खुद को संभाल नहीं पा रहा था... तभी वो अचानक आगे बढा और दोनों हाथ से दोनों चूचीयों को पकड़ कर दबाने लगा.... फिर अपना मुंह डाल कर निप्पल को चूसना सुरु किया...

ओमपाल का बड़ा लन्ड तेजी से निरूपा के चूत में अंदर बाहर हो रहा था... पूरा टेबल जोर जोर से हिल रहे थे... ऐसा लग रहा था कि टेबल टूट जाएगा..

ओमपाल पसीने से लथपथ हो चुका था फिर भी तेज तर्रार ठुकाई कर रहा था...

कालू निरूपा की चुचियाँ को चूसने लगा था..

ओमपाल अपना पूरा का पूरा लन्ड निरूपा के चूत में घुसा रहा था... निरूपा के चूत से पानी टपकने लगी थी.... लेकिन ओमपाल पेलता जा रहा था...

ओमपाल- चल कालू तैयार हो जा... मेरा होने वाला है... इस रांड की चुदाई नहीं रुकना चाहिए...

कालू फटा फट अपने पैंट उतार दिया... उसका बड़ा काला सा लन्ड सामने झूलने लगे....

कुछ देर बाद ओमपाल झड़ गया और सारा पानी निरूपा की चूत में डाल दिया...

ओमपाल के लन्ड निकालते ही कालू अपना फौलादी लन्ड निरूपा के चूत में डाल दिया और निरूपा के दोनों टांग को अपने कंधे पर टिका कर जोर जोर से चोदना सुरु किया.....

निरूपा की हालत खराब होने लगी थी... एक बड़े लन्ड के बाद और एक बड़े लन्ड उसकी चूत की धज्जियां उड़ा रहा था...

निरूपा की पूरी जिस्म पसीने से लथपथ थी....

कालू का लन्ड इतना बड़ा था कि उसकी हर एक शॉट पे उसका लन्ड पूरी तरह निरूपा की चूत के अंदर तक समा रहा था.... निरूपा की गाँड़ फटने लगी थी...

शमशेर सामने पड़े कुर्सी पर नंगा ही बैठ कर सिगरेट पीते हुए बोल रहा था- और जोर से चोद... चूत फाड़ दे.... माँ की चूत....

जोरदार ठुकाई के कारण निरूपा की गाँड़ फटने लगी थी...

कालू झड़ने ही वाला था कि और एक आदमी लन्ड पकड़ कर तैयार खड़ा था चोदने के लिए.... कालू जब झड़ गया तो वो आदमी चोदने लगा... ऐसे करके 7 गुंडों ने बारी बारी से निरूपा को चोदने लगे...

निरूपा अब जोर जोर से चिल्लाने लगी थी- नहीं में और नहीं ले सकती, इसे बाहर निकालो, में मर जाऊंगी....

लेकिन वो गुंडा बिना परवाह किये हुए दनादन चोद रहा था...

निरूपा- शमशेर मुझे छोड़ दो... में मर जाऊंगी.... बस करो....

वो आदमी पागलों की तरह चोद रहा था... पूरी टेबल अब लड़खड़ाने लगे थे....

वो आदमी के झड़ते ही कालू फिर से निरूपा को ठोकना सुरु किया.... इस बार निरूपा को इतना जोर से चोदने लगा कि निरूपा रोने लगी....

कमरे में सिर्फ निरूपा की चीत्कार सुनाई दे रहा था... रंजीत, सावित्री, अपर्णा और जनार्दन खामोश बैठे थे...

निरूपा की चूत पूरी तरह सूज चुकी थी फिर भी कालू अपने फौलादी लन्ड से निरूपा को चोदने में व्यस्त था...

सारे 7 गुंडे निरूपा को दो दो बार चोद चुके थे और ओमपाल 6 बार चोद चुका था....

निरूपा की 20 बार चुदाई होने की वजह से निरूपा की पूरी बदन टूट चुकी थी और वो अधमरी हो चुकी थी.....

फिर भी 7 गुंडों और ओमपाल सिंह ने निरूपा को टेबल से उठा कर नीचे बिठा कर बारी बारी से अपना लन्ड चूसाने लगे.... निरूपा सबका लन्ड चूस रही थी...

ओमपाल- शमशेर मजा आ गया इसकी जोरदार ठुकाई करके...

शमशेर- ये बहुत बड़ी रांड है छिनाल... 20 बार नॉन स्टॉप चुद के भी जिंदा है बहनचोद....

निरूपा की पूरी जिस्म लाल लाल हो चुके थे.......

तभी कालू अपना काला सा बड़ा सा लन्ड निरूपा को चुसाते हुए बोला- बॉस में इसे और 2 बार चोदना चाहता हूँ... अगर आप इजाजत दें तो...

फिर सभी 7 गुंडे एक साथ बोले- हम भी और दो दो बार चोदेंगे....

शमशेर- ठीक है, जाओ ऐश करो, लेकिन दूसरे कमरे में ले जाओ (हंस कर)

फिर कालू निरूपा को ऊपर उठा कर अपने कंधे पर डाल दिया और उसे दूसरे कमरे में लेने लगा...

निरूपा की बड़ी बड़ी चुचियाँ कालू की मजबूत कन्धों पर दबी हुई थी.... निरूपा चिल्ला रही थी- नही और में नहीं चुद सकती... शमशेर मुझे छोड़ दो....

लेकिन कालू और बाकी 7 गुंडे निरूपा को दूसरे कमरे में ले जा रहे थे....

उनके जाते ही शमशेर बोला- आज रात को अपर्णा की बारी...

अपर्णा डर के मारे कांपने लगी थी....

ओमपाल- अपर्णा से ज्यादा इस सावित्री रांड की जमकर ठुकाई करना.... बहनचोद साली रांड....

सावित्री चुपचाप बैठी थी...

फिर कुछ देर बाद दूसरे कमरे से निरूपा की दर्दनाक चीखें गूंजने लगी...

वो लोग निरूपा को इतना चोदे की वो बेहोश हो गयी....

फिर वो सब बापस वही कमरे में आ गए तो शमशेर बोला- क्या हुआ, काम हो गया ना ???

कालू- यस बॉस, रण्डी बेहोश हो गयी...

शमशेर- अब इस रांड को भी ले जाओ और इसका भी वही हाल करो जो निरूपा की किया (सावित्री को दिखा कर)

सावित्री- नहीं मुझे छोड़ दो प्लीज (डर के मारे)

कालू जबरदस्ती सावित्री को ऊपर उठा कर बोला- चुप कर बहनचोद, साली ढीली चूत....

फिर सब गुंडे सावित्री को उठा कर दूसरे कमरे में ले जाकर वारी वारी से उसकी ठुकाई करने लगे.... सावित्री भी अधमरी हो कर पड़ी थी....

फिर शमशेर अपर्णा के पास गया और बोला- चिंता मत कर, तुझको आज रात को में बड़े प्यार से ठूकूँगा...

अपर्णा कांप रही थी...

ओमपाल- इसकी ऐसी ठुकाई करना कि दोबारा किसी की लन्ड लेने का मन ना करे....

फिर ओमपाल वहां से जाने लगा....

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जबरदस्त और कामुक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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रात में कालू और 7 गुंडे निरूपा और सावित्री को फिर से चोदना सुरु किये....

दोनो की चूत पूरी तरह से सूज चुकी थी, फिर भी वो गुंडे लोग चोदना कम नहीं किये थे....

3 आदमी सावित्री को चोद रहे थे और बाकी 5 आदमी निरूपा को...

कमरे में दोनों बहनें की मादक और दर्द भरी सिसकियाँ गूंज रही थी...

एक आदमी निरूपा के चूत में लन्ड घुसाए हुआ था तो दो आदमी बारी बारी से उसकी मुंह में लन्ड चूसा रहे थे....

उसमें से एक आदमी निरूपा की गाँड़ की छेद देख कर बोला- बहनचोद इसकी तो गाँड़ की छेद भी ढीली हो चुकी है...

तभी कालू बोला- शमशेर भाई ने ही इसकी गाँड़ मार मार के ढीली किया है.... शमशेर भाई ने इसको 5 साल तक अपना रखैल बना कर रखा था....

तो और एक आदमी ने बोला- तब तो इसको जम कर पेला होगा भाई ने...

कालू- हाँ तभी तो इसकी गाँड़ की छेद इतनी ढीली है... नटराज भाई भी इसकी गाँड़ रोज मारते थे... ये रांड नटराज भाई की भी बीवी थी....

निरूपा जोर जोर से दर्द से चिल्ला रही थी....

कालू- और चिल्ला मादरचोद.... आज तेरी चूत की गर्मी उतर जाएगी....

एक बड़ा सा लन्ड निरूपा की गाँड़ को फाड़ रहा था..

सावित्री को भी 3 आदमी बेरहमी से ठोक रहे थे...

उधर हॉल में रंजीत और जनार्दन कुर्सी पर बंधे पड़े थे और मजबूरी में दूसरे कमरे से आने वाली निरूपा और सावित्री की चीखें सुन रहे थे....

उधर शमशेर के कमरे में अपर्णा बेड पर नंगी पड़ी हुई थी... उसकी दोनो हाथ बेड के दोनों साइड बंधे हुए थे...

उसकी दोनो टांगों को दोनो हाथ से फैला कर शमशेर उसकी चूत को चाट रहा था...

अपर्णा- नहीं मुझे छोड़ दो.. आआआआआहहहहहहह... छोड़ दो....

शमशेर मजे से चूत को चाटे जा रहा था....

अपर्णा की झांटो से भरी हुई चुत को शमशेर जी भर कर चाट रहा था....

शमशेर चुत से मुंह निकाल कर बोला- तेरी चुत तो कमाल की है, मखमली चुत... मजा आ गया बहनचोद... क्या चुत है ? तेरी सास सावित्री की चूत चाटने में उतना मजा नहीं आया जितना तेरी चुत में आया...

अपर्णा- प्लीज मुझे छोड़ दो...

शमशेर- तुझे प्यार से चोदूगा... अगर तू मेरा साथ देगी तो...

अपर्णा- नहीं प्लीज छोड़ दो...

शमशेर- चुप कर मादरचोद... वरना तेरी चुत और गाँड़ दोनो मार मार के ढीला कर दूंगा...

फिर शमशेर अपर्णा की गाँड़ की छेद को देखते हुए बोला- क्या बात है, तेरी गाँड़ मारने की ओपनिंग में ही करूँगा....

अपर्णा ये सुन कर जोर जोर से कांपने लगी और रोने लगी...

शमशेर- लेकिन पहले तेरी चुत की टेस्ट करूँगा....

फिर क्या था, शमशेर अपर्णा की चूत मारना सुरु किया....

अपर्णा की चीख भी बाहर गूंजने लगी...

अपर्णा की चीख सुनके रंजीत गुस्सा हो रहा था और चिल्ला चिल्ला कर बोला- मादरचोदों एक बार मेरी रस्सी निकाल दो फिर बताता हूँ....

अंदर शमशेर लगातार शॉट मारते हुये बोला- क्या टाइट चुत है बहनचोद.... लगता है जन्नत यहां पर है....

अपर्णा की हालत खराब होने लगी थी...

शमशेर लगातार चोदने लगा था... कुछ देर बाद अपर्णा की गाँड़ से खून निकलने लगी क्योंकि शमशेर अपना बड़ा लन्ड से उसकी गाँड़ मार रहा था....

अपर्णा रो रो के हाल बेहाल हो रहा था...

शमशेर दोनो टांग पकड़ के जोर जोर से गाँड़ में शॉट मार रहा था, अपर्णा दर्द से बिलख रही थी..

शमशेर- निरूपा की गाँड़ मारने में इतना मजा नहीं आया था जितना कि तेरी गाँड़ मारके आ रहा है बहनचोद...

कई बाए चोदने के बाद अपर्णा बेहोश हो गयी थी... फिर जब होश आया तो देखा कालू और बाकी गुंडे उसकी ठुकाई करने के लिए उसे वही कमरे में ले आये हैं जहां पे निरूपा और सावित्री अधमरी हो कर बेड पर सोये थे...

अपर्णा- नहीं छोड़ो मुझे... (रोते हुए)

कालू- चुप कर साली... शमशेर भाई ने बोला है तेरी हर चीज ढीली करनी है.... देख तेरी दोनो सास किस तरह आराम से बेड पर सोये हैं (निरूपा और सावित्री को दिखाते हुए)

अपर्णा ने देखा कि निरूपा और सावित्री नंगी ही बेड पर बेहोश पड़े थे... दोनो की चुचियाँ, और मुंह पर वीर्य लगे हुए थे.... गुंडो ने सारा वीर्य उनके ऊपर गिरा दिए थे...

कालू- अब तेरी बारी....

अपर्णा- नहीं.... (रोते हुए)

फिर कालू और बाकी गुंडे बारी बारी से अपर्णा की जम कर ठुकाई करने लगे.... कालू कई बार अपर्णा की गाँड़ मारने लगा... अपर्णा की रोने की आवाज से कमरा गूंजने लगा...

बेरहम चुदाई के कारण अपर्णा भी अधमरी हो गयी थी... उसे भी वही बेड पर लिटा दिए गए थे...

कालू- वाह आज तो मजा आ गया, 3 रंडियां एक साथ चोदने का सौभाग्य मिला.... वो भी सेक्सी सेक्सी रंडियां..... खास कर निरूपा रांड को चोद कर.. क्या माल है बहनचोद... मन करता है इसको सारी जिंदगी अपना रखैल बना कर रखूं और मन करे तो पेलूँ... क्या चूची है बहनचोद की...

तभी कमरे के अंदर शमशेर आया और निरूपा, सावित्री, और अपर्णा को बेड पर अधमरी पड़ी देख कर हंसते हुए बोला- साली रंडियों मुझे अपनी अकड़ दिखा रहे थे, ये है इनकी औकात...

शमशेर- कालू एक काम कर निरूपा पे पानी छिड़क और इसको होश में ला...

कालू पानी की बोतल लाके निरूपा के ऊपर पानी छिड़कने लगा तो निरूपा होश में आ गयी...

निरूपा को अपने जिस्म पर दर्द महसूस होने लगी... वो उठ नही। पा रही थी... सामने शमशेर और उसके गुंडों को देख कर निरूपा चुप थी... अपने बगल में देखी तो सावित्रि और अपर्णा भी उसकी तरह नंगी पड़ी थी...

शमशेर- क्यों मजा आया ना डार्लिंग ?

निरूपा मुश्किल से बोली- अब तो छोड़ दे शमशेर..

शमशेर- क्यों बे रण्डी, कहाँ गयी तेरी अकड़...साली ढीली चुत...

निरूपा चुप थी...

शमशेर- ये तो सुरुवात है... आज से तेरी और तरी बहन और तेरी बहु की रोज ठुकाई होगी....

निरूपा दर्द से कराहते हुए देख रही थी....

शमशेर- कालू इस निरूपा रण्डी को रोज इतना चोद की ये चलने की लायक ना रहे... इसकी दोनो छेद में लन्ड हमेशा रहना चाहिए...

कालू हंसते हुए निरूपा को देखते हुए बोला- तुम चिंता मत करो भाई, इसकी चुत और गाँड़ मेरे हवाले है... रोज ठुकाई करूँगा इसकी तेल लगा के...

निरूपा कालू की बात सुनकर नजरें नीची कर ली...

फिर सब तीनो औरतों को उसी कमरे में छोड़ कर सोने चले गए....

************************

अगले दिन रंजीत चिल्ला चिल्ला कर बोल रहा था- बता मादरचोद तूने मेरी बीवी और मेरी माँ को कहाँ पर रखा है, वो लोग केसी हैं ?

शमशेर हंसते हुए- वो बहुत अच्छे हैं और सुरक्षित हैं...

रंजीत- मुझे देखना है....

शमशेर- ये इच्छा भी पूरी कर देते हैं...

फिर शमशेर कालू को बुलाया और बोला- तीनों रंडियों को यहां पर ला...

रंजीत- मादरचोद उनको रण्डी मत बोल....

शमशेर- क्यों बे तेरी माँ रण्डी नहीं है क्या ? दुनिया भर की लन्ड लिए घूम रही है बहनचोद....

तभी कालू उन तीनों को वहां पर ले आया.... तीनों औरतों को देख कर रंजीत और जनार्दन चौंक गए...

निरूपा, सावित्री और अपर्णा पूरी तरह से नंगी थे.... तीनों की चुचियाँ लाल लाल हो गए थे... उनके पूरे जिस्म में सिगरेट की निशान लगे हुए थे.... तीनों के होंठ फुले हुए थे...

रंजीत अचानक जोर से चिल्लाया- मादरचोद शमशेर, ये तूने क्या हालत किया है इनका...

शमशेर हंसते हुए बोला- क्या करूँ, ये सब इन लौंडों ने किया है (कालू और बाकी गुंडों को दिखाते हुए)

रंजीत- मादरचोदों

शमशेर- जवान लौंडे हैं... सामने चुदक्कड़ रंडियां देख कर खुद को रोक नहीं पाए....

रंजीत- रण्डी मत बोल बहनचोद...

शमशेर हंसते हुए- रण्डी नहीं बोलू तो क्या बोलू ? कालू जरा इसको बता तो इन तीनो रंडियों की करतूत..

कालू- ये साली रंडियां इतनी बड़ी चुदक्कड़ हैं कि हमारी बड़े बड़े लन्ड को इतने आसानी से झेल पाए....

शमशेर- देखा मादरचोद... सबसे बड़ी रण्डी है तेरा बड़ी माँ निरूपा...... ये नजाने कितने लन्ड से चुदी है बहनचोद... मेने खुद इसे 5 साल तक अपना रण्डी बना कर रखा था... रोज इसकी चुत और गाँड़ मारता था... फिर तेरे पापा जनार्दन ने भी इसकी जम कर चुत मारा है... यकीन नहीं होता तो खुद पूछ लें... क्यों जनार्दन साहब बताईये आपने कितने बार निरूपा की चूत मारा है ?

जनार्दन सर नीचे करके बैठा था... और निरूपा भी नजरें नीची करके खड़ी थी...

रंजीत- मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं था पापा...

शमशेर- ये तो कुछ भी नहीं... इसके बाद नटराज 1 साल तक निरूपा को चोदता रहा.... और तो और ये रण्डी अपने पति मेघनाद को छोड़ कर अपने ससुर शंकर दयाल से चुदती रही....

रंजीत निरूपा को देखते हुए बोला- छि.... कुछ तो शर्म करती बड़ी माँ....

शमशेर- इसकी चुचियाँ ऐसे ही बड़े बड़े नहीं हुए हैं... इतने सारे मर्दों ने काफी मेहनत की है तब जाके इतने बड़ी चूची और बड़ी बड़ी गाँड़ है इसके पास....

तब कालू जोर से एक चांटा निरूपा के गाँड़ पे मारा... पूरे कमरे में "चटल" की आवाज गूंजने लगा और निरूपा के मुंह से "मम्ममम्ममम्ममम्ममम्म" की आवाज आयी.......

शमशेर- आज से कालू इसकी चुत और गाँड़ की देखभाल करेगा... क्या है ना, तेरा बड़ी माँ निरूपा को बड़ा लन्ड ही खुश कर सकता है और कालू का लन्ड बहुत बड़ा है....

तभी कालू निरूपा को देखते हुए बोला- आज से मेरा लन्ड तेरी दोनो द्वार को खोदना सुरु करेगा...

निरूपा नजरें नीची करके खड़ी थी.....

शमशेर- दूसरा बड़ी रण्डी है तेरा माँ सावित्री... इसकी भी बड़ी बड़ी कारनामा है... शायद तुझे पता नहीं होगा.... ये बहनचोद अपनी जमाई यानी तेरी बहन की पति राजेश से चुदती थी....

रंजीत गुस्से से अपनी माँ सावित्री को देख रहा था... सावित्री नजरें नीची करके खड़ी थी...

शमशेर- में खुद तेरी माँ को कई बार चोदा हूँ.... और नाजाने कितने लन्ड इसकी चुत का रस चख चुके होंगे...

सावित्री की नंगी चूची को एक हाथ से दबाते हुए कालू बोला- ढीली चुत है इसकी, बहुत बड़ी रांड है ये.....

शमशेर- फिर आखरी में तेरी बीवी अपर्णा भी रण्डी है बहनचोद... तेरा पापा खुद उसकी जम कर ठुकाई करता था...

रंजीत गुस्से से जनार्दन और अपर्णा को देख रहा था....

कालू एक उंगली अपर्णा की चूत में घुसा दिया तो अपर्णा चिहुंक गयी और बोली- आआआआआहहहहह....

कालू- देख रंजीत तेरा बीवी की चूत कितनी टाइट है... रस से भरी है मादरचोद....

रंजीत- उंगली बाहर निकाल मादरचोद...

कालू हंसते हुए- पूरा का पूरा लन्ड इसकी चुत में डाल चुका हूं, तू उंगली की बात कर रहा है.. अपने बीवी से पूछ मजा आया कि नहीं...

अपर्णा आंखे बंद करके खड़ी थी....

रंजीत- देख शमशेर जो हुआ सो हुआ, अब तो मेरे परिवार को छोड़ दे...

शमशेर- में इन रंडियों को छोडूंगा नहीं....

रंजीत- रण्डी मत बोल मादरचोद...

शमशेर- रण्डी को रण्डी नहीं बोलू तो क्या बोलू मादरचोद?

रंजीत- अपने माँ को रण्डी बोल मादरचोद...

शमशेर गुस्से में आ गया और अपना रिवाल्वर निकाल कर गोली चला दी.. गोली सीधा रंजीत की छाती में लगा....छाती में खून बहने लगा... एक जोरदार चीख कमरे में गूंज गया...

सावित्री जोर से चिल्लाई- नहीं मेरा बेटा.... (रोते हुए)

अपर्णा भी रोने लगी....

रंजीत कुछ देर बाद सदा के लिए आंखे बंद कर दी....

जनार्दन भी फुट फुट कर रोने लगा....

सावित्री- मादरचोद शमशेर, तुझे जो भी करना है मेरे साथ कर... मेरे बेटा को क्यों मारा ?

शमशेर- तेरे साथ जो करना है कर लिया ...

सावित्री- मादरचोद भोसडी के तेरे मुंह में कीड़े पड़ेंगे....

शमशेर- चुप कर भोसडी वाली, साली रण्डी माँ की चूत....

शमशेर- ले और एक झटका....

ये कहते हुए और एक गोली जनार्दन की छाती को चीरते हुए बाहर निकल गया और जनार्दन कुर्सी में बंधे हुए भगवान को प्यारे हो गया....

सावित्री, निरूपा और अपर्णा फुट फुट कर रोने लगे....

शमशेर- अब तो रोने की आदत डाल लो रंडियों.... आज से 10 दिन बाद तुम लोग दुबई में सेख लोगों की लन्ड चुसोगी और उनकी बिस्तर गरम करोगी...

निरूपा- तू कहना क्या चाहता है शमशेर ?

शमशेर- यही की 10 दिन बाद तुम तीनो को दुबई के एक सेख खरीदने के लिए यहां आएगा... वहां जा कर दिन रात उसकी सेवा करना....

निरूपा- देख शमशेर जो तू कर रहा है गलत कर रहा है....

शमशेर- भोसडी वाली अब तू मुझे सिखाएगी क्या गलत और क्या सही ?

शमशेर- कालू इन तीनों रंडियों को रोज चोदते रहो... इनको लन्ड लेने की लत लगा दो... तब जाके सेख को ये लोग मजा देंगे... और हाँ इन रंडियों को नंगी ही रखो....

फिर कालू निरूपा, सावित्रि और अपर्णा को अंदर ले गया....

फिर कुछ देर बाद कमरे के अंदर शमशेर की माँ श्यामला आयी...

श्यामला- में ये क्या देख रही हूं शमशेर, तूने इन दोनों को गोली मार दी ?

शमशेर- हाँ मम्मी...

श्यामला कुछ देर सोचने के बाद- ठीक है, कोई बात नहीं... इनकी लाश फेकने की तैयारी कर....

शमशेर- ठीक है मम्मी...

श्यामला- सुन, ध्यान रहे, ये बार पुलिस को भनक नहीं लगना चाहिए....

शमशेर- पुलिस तो अपने हाथ में है मम्मी.... तुम चिंता मत करो... में ओमपाल को बुला के बात कर लूंगा...

श्यामला- देख जो तुझे सही लगे...

फिर श्यामला वहां से चली गयी...

फिर कुछ गुंडों ने लाश को ठिकाना लगा दिए....

*************************

कुछ समय बाद शमशेर और उसकी मम्मी श्यामला अपने अड्डे पर इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह का इंतज़ार कर रहे थे....

श्यामला पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसमें पीले रंग की ब्लाउज पहनी थी जो कि बहुत ही टाइट नजर आ रही थी... उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ ब्लाउज में टाइट नजर आ रहे थे....

शमशेर कुर्सी के ऊपर बैठ कर दोनो पैर पास के टेबल के ऊपर रखा हुआ था और सिगरेट फूंक रहा था....

कुछ देर के बाद खामोशी तोड़ते हुए श्यामला बोली- क्या ओमपाल को दोनो की मर्डर की घटना पता चल गया है ???

शमशेर- हाँ मम्मी, वो खुद मुझे फोन किया था, मेने उसे यहॉं बुलाया है, वो आता ही होगा..

श्यामला- थोड़ा होशियारी से उससे सेटिंग करना बेटा....

शमशेर- तू टेंशन मत ले मम्मी...

तभी बाहर की दरवाजा खोल के ओमपाल अंदर आ गया तो शमशेर उसे देख के बोला- आओ ओमपाल, स्वागत है तुम्हारा...

ओमपाल की नजर श्यामला पर पड़ा तो वो मुस्कुराते हुए बोला- मेडम आप भी यहॉं पर हैं क्या ?

श्यामला- हाँ, कभी कभी आती हूँ यहां पे...

ओमपाल- कोई बात नहीं मेडम (श्यामला की चुचियाँ को घूरते हुए)

श्यामला को पता चल गई कि ओमपाल क्या देख रहा है... श्यामला अपनी नजर दूसरी तरफ कर लिया...

तभी शमशेर की आवाज से ओमपाल चौंकते हुए बोला- बोल शमशेर...

शमशेर- बोलना क्या है, तुझे तो पता है कि मेरे हाथों से दोनो की खून हो गया है...

ओमपाल फिर से श्यामला की मादक होंठ को घूरते हुए बोला- हाँ पता तो है...

शमशेर- में चाहता हूँ कि सब ठीक हो जाये...

ओमपाल- हाँ तो !!!

शमशेर- अब तेरा मर्जी... मुझे कानूनी कार्रवाई से बचाने की...

ओमपाल की नजर श्यामला की नाभि को घूर रहा था....

ओमपाल- ठीक है.....

शमशेर खुश होते हुए बोला- तो बोल कितना रुपया चाहिए ?

शमशेर- रुपये बहुत हो गया है मेरे पास, मुझे नहीं चाहिए... उसके बदले में एक डिमांड है मेरा... अगर वो तू पूरा करेगा तो समझले तेरा काम हो गया...

श्यामला दोनो की बातों को ध्यान से सुन रहा था....

शमशेर- हाँ तो बोल, कौनसा डिमांड है तेरा...

ओमपाल तभी श्यामला को देखते हुए बोला- तेरे मम्मी को एक रात के लिए में बैडरूम में लेना चाहता हूँ...

ये सुनके श्यामला चौंक गई...

शमशेर गुस्सा हो गया और अपना रिवाल्वर ओमपाल के सर पर टिकाते हुए बोला- क्या बोला इंस्पेक्टर ? अभी तुझे ठोक दूंगा..

ओमपाल हंसते हुए बोला- पूरी पुलिस स्टेशन को पता है कि में तेरे पास आया हूँ... मेरे पीछे पीछे फ़ोर्स आएगी....

शमशेर ये सुनके अपना रिवाल्वर नीचे किया...

ओमपाल- तो बोल राजी है क्या मेरे डिमांड पूरी करने के लिए..

शमशेर को गुस्सा आ रहा था पर वो क्या करे ?

श्यामला ये सुनके टेंशन में आ गयी थी...

शमशेर- लेकिन ?

ओमपाल- लेकिन क्या ? तेरे पास दूसरा ऑप्शन नही। है...

शमशेर अपने मम्मी श्यामला को देखते हुए मजबूरी में बोला- ठीक है...

श्यामला अपनी नजरें नीची कर के बैठी थी...

ओमपाल वहां से श्यामला के पास आ गया और श्यामला के होंठ के करीब जा के बोला- बाहर मेरा जीप खड़ी है, वहां जा के बैठ जाओ... में थोड़ी देर बाद आ रहा हूँ...

श्यामला ओमपाल की बात सुनके उठ के बाहर जाने लगी तो ओमपाल उसकी ऊपर नीचे होती भारी गाँड़ को देखते हुए बोला- शमशेर समझ ले तेरा काम हो गया....

शमशेर- देख इंस्पेक्टर मेने तेरा डिमांड पूरा किया... पर मेरा काम हो जाना चाहिए...

ओमपाल- ओके....

फिर ओमपाल बाहर आ गया और जीप में बैठ गया...

श्यामला जीप के दूसरे सीट पर बैठी थी...

ओमपाल श्यामला की मादक जिस्म को देखते हुए बोला- चलें मेडम, आज रात की तैयारी करनी है...

श्यामला चुपचाप बैठी थी....

ओमपाल की जीप आगे बढ़ गया...

शमशेर बाहर खड़ा हो के ये सब देख रहा था और बोला- मादरचोद कमीना.....

************************

कालू अंदर निरूपा को कुतिया बना कर जोरदार चुदाई कर रहा था....

उसके शॉट इतने दमदार था कि निरूपा की चूत से आवाज़ें आ रही थी "फचकक फचक फचक फचक"

निरूपा की हर अंग जोरदार तरीके से हिल रहे थे... निरूपा की सिसकियाँ पूरे कमरे में गूंज रहे थे... कालू दनादन चोद रहा था... कालू बीच बीच में निरूपा के गाँड़ पे जोरदार चांटा मार रहा था जिससे निरूपा की मुंह से चीख निकल रही थी...

कालू चोदते हुए बोल रहा था- मादरचोद तुझे इतना चोदूगा की दूसरा लन्ड लेगी ही नहीं.... 10 दिन तक तेरी गाँड़ फाड़ कर रखूंगा...

निरूपा की चूत से पानी टपकने लगी थी फिर भी कालू का लन्ड बेरहमी से उसकी चुत को चोद रहा था....

दूसरी तरफ सावित्री और अपर्णा को भी दो गुंडे बेरहमी से चोद रहे थे.....

इस तरह दिन भर तीनो औरतों को कालू और बाकी गुंडे चोदते रहे... निरूपा, सवित्री, और अपर्णा की जिस्म पूरी तरह से टूट चुकी थी....

*************************

श्यामला ओमपाल के कमरे की बैडरूम में बेड के ऊपर बैठी थी...

श्यामला मन ही मन बोल रही थी- ये शमशेर अपनी मम्मी को दूसरों से चुदवा रहा है मादरचोद...

तभी ओमपाल बोला- क्या हुआ मेडम, अभी कुछ सोचना नहीं है.. चुपचाप अपने कपड़े उतारो..

श्यामला- नहीं, में नहीं उतारूंगी.. तुम्हे शर्म नहीं आता, अपनी मम्मी की उम्र की औरत को कपड़े उतारने के लिए बोल रहे हो....

ओमपाल- सीधी बात, तुम मेरे मम्मी की उम्र की हो तो क्या हुआ, में उम्र नहीं देखता, में सिर्फ चुत देखता हुँ, चुत को फाड़ना मेरा काम है... चलो सीधी तरीके से कपड़े उतारो वरना में अपने पे आ गया तो अच्छा नहीं होगा...

श्यामला- देखो तुम एक शरीफ औरत के साथ बदतमीजी कर रहे हो...

ओमपाल हंसते हुए बोला- शरीफ और तू... तो फिर कालू का बड़ा लन्ड को कौन चूस रहा था.. और फिर नटराज किसकी चुत चाट रहा था ? जरा बताओगी मेडम ?

ये सुनके श्यामला नजरें नीची कर ली...

ओमपाल- तेरे जैसी कई रण्डी चोद चुका हूँ में... चल कपड़े उतार वरना में सारे कपड़े फाड़ दूंगा...

ये सुनके श्यामला अपनी साड़ी उतारने लगी...

ओमपाल- ये हुई ना बात...

श्यामला के साड़ी उतारते ही ओमपाल बोला- उफ्फ क्या चूची है तेरी (चूची को ब्लाउज के ऊपर से देखते हुए)

ओमपाल- जल्दी ब्लाउज उतार भोसडीके....

श्यामला अपनी पीले रंग की ब्लाउज उतार दी... अंदर सफेद ब्रा पहनी हुई थी जिसे देख कर ओमपाल बोला- चूची हो तो ऐसी...

ओमपाल पीछे से दोनो चूची को ब्लाउज के ऊपर से दबोच लिया...

श्यामला चिहुंक गयी...

ओमपाल दोनो चूची को मसलते हुए बोला- तेरी दूध टँकी तो काफी बड़ा है, लगता है शमशेर तेरी दूध रोज पीता है (हंसते हुए)

श्यामला चुपचाप थी...

ओमपाल झट से ब्रा की हुक खोल दिया... श्यामला की नंगी चूची झूलने लगी जो कि दूध जैसी सफेद थी...

ओमपाल उसकी लाल लाल निप्पल को खींचते हुए बोला- क्या निप्पल है बहनचोद...

श्यामला- आआआआआहहहहह

ओमपाल- एक बात बता, तेरी उम्र कितनी है ?

श्यामला- 52

ओमपाल- मतलब तू मेरे मम्मी से दो साल बड़ी है... फिर भी तेरी ये जवानी उफ्फ... क्या जिस्म है बहनचोद... क्या चूची है...

ओमपाल दोनो हाथ से दोनो चूची को मसल रहा था...

श्यामला की मुंह से मादक सिसकारी निकलना सुरु हो गया था....

ओमपाल- औरत चाहे जितनी भी उम्र की हो, मुझे उसकी चुत से मतलब है... लगता है कालू तुझे जम कर ठोक चुका है....

श्यामला चुप थी...

ओमपाल उसकी सारे कपड़े उतारे दिए...

ओमपाल अब उसको अपना बड़ा लन्ड चूसा रहा था... श्यामला की मुंह में ओमपाल का लन्ड मुश्किल से समाये हुआ था...

कुछ देर लन्ड चूसाने के बाद श्यामला की चूत को ओमपाल चाटना सुरु किया... श्यामला की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी...

उस रात ओमपाल श्यामला को नॉन-स्टॉप चोदता रहा...

ओमपाल चोदते हुए बोल रहा था- मादरचोद तेरी जैसी रण्डी को किस तरह बिस्तर पर लाया जाता है मुझे पूछ... अपने आप को शरीफ बोल रही है मादरचोद... रण्डी छिनाल चुत की झांट....

श्यामला की पूरी बदन अब टूट चुका था... ओमपाल करीब 6 घण्टे ठोक चुका था...

ओमपाल अब श्यामला की गाँड़ की छेद पर थूकते हुए बोला- चल अब तेरी गाँड़ की बारी है...

कस के अपना लन्ड डालते हुए ओमपाल आगे पीछे करने लगा..

श्यामला- नहीं...... बाहार निकाल दर्द हो रही है बहनचोद...

ओमपाल और जोर से गाँड़ मारते हुए बोला- बहनचोद छिनाल तेरी माँ की चूत....

ओमपाल doggy पोज़ में गाँड़ मार रहा था...

श्यामला भी गाली देने लगी थी...

श्यामला- मादरचोद छोड़ मुझे...

ओमपाल का लन्ड तेजी से उसकी गाँड़ को फाड़ रहा था...

श्यामला की जोरदार चुदाई हो रहा था....

ओमपाल सुबह के 3 बजे तक श्यामला को चोदता रहा..

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