• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery "संभोग"

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
8,588
34,744
219
उधर वो बुड्डा घनश्याम की बीवी चम्पा को पांच दिन तक हर रात को ठुकाई करता था.... चम्पा की जिस्म पूरी तरह से टूट चुकी थी...

वापिस आके बुड्डा घनश्याम को उसके बीवी बापिस करते हुए बोला- तेरा बीवी तो कड़क है घनश्याम.....

चम्पा घर के अंदर जाती हुई मन ही मन बोल रही थी- मादरचोद ठरकी बुड्डा....

फिर घनश्याम बोला- आशा करता हूँ कि आपने मेरी बीवी की चुत को पूरी तरह ढीली नहीं किये होंगे ?

फिर दोनो हंसने लगे....

बुड्डा अपने जेब से कुछ पैसे निकाल कर घनश्याम को देते हुए हंसते हुए बोला- पर उसकी चुत को ढीली में ही करूँगा...

घनश्याम- आपकी ही माल है साहब (पैसे लेते हुए)

बुड्डा- समझदार है तू... और बता सावित्री को ठोका या नहीं अभी तक ?

घनश्याम झूठ बोलते हुए बोला- कोसिस जारी है साहब...

बुड्डा- मुझे काफी दिन हो गया उस रांड को चोदते हुए...

घनश्याम- तो फिर जाइये ना उसके बंगले, वैसे भी उसकी पति बाहर गया हुआ है.. मजे लीजिए..

बुड्डा- और निरूपा का पति ?

घनश्याम- वो भी बाहर गया है... आपको दो दो चुत एक साथ मिल जाएंगे... वैसे एक बात पुछु साहब ?

बुड्डा- पूछ...

घनश्याम- आपका और सावित्री का मुलाकात कब और कहाँ हुआ था ?

बुड्डा- वो लम्बी कहानी है, बाद में बताऊंगा.... फिलहाल उसकी चुत मारना है मुझे....

घनश्याम- मेरा तो नाईट duty कर दिया है सावित्री ने...

बुड्डा- तो फिर चल में चलता हूँ... अपने बीवी का ख्याल रखना...

घनश्याम हंसते हुए- ठीक है सहाब....

बुड्डा अपने कार में बैठ के सोचने लगा- चलो पहले guest house चलता हूँ बाद में सावित्री के बारे में सोचना है....

*************************

निरूपा को बारबार शमशेर का फोन आ रही थी... निरूपा बहुत ज्यादा परेशान थी... ऊपर से नटराज भी बाहर गया हुआ था...

तभी शमशेर का फोन फिर से आ गया.. निरूपा ना चाहते हुए भी फोन उठा के बोली- बारबार फोन क्यों कर रहा है बहनचोद ?

शमशेर- तेरी मैया चोदने के लिए चुदक्कड़ रांड...

निरूपा- तुझ जैसे हिजड़े में अचानक कौन सा दम आ गया जो तू मेरी अम्मा चोदेगा भोसडीके....

शमशेर- अबे रांड तू बस देखता जा, तुझे और तेरी बहन को नंगा करके इतना चुदवाऊंगा की चुत और गाँड़ फाड़ डालूंगा...

निरूपा- माँ की चुत, फोन रख..

शमशेर- तुझे एक खुशखबरी सुनाने के लिए फोन किया था बहनचोद....

निरूपा- अच्छा.. चल बक मादरचोद...

शमशेर- सुनने का दम है तेरे पास रण्डी ?

निरूपा- सुन बे झांट के बाल, ये निरूपा के पास तुझ जैसे चूतियों के अंडे फोड़ना बराबर आती है ?

शमशेर- अंडे तो में फोडूंगा, तेरे दो बड़े बड़े चूची को काट के अंडे बना कर तल के कुत्तों को खिलाऊंगा मादरजात...

निरूपा- ज्यादा उछल मत बहनचोद और साफ साफ बोल की तूने फोन क्यों किया था ?

शमशेर- तो फिर सुन, तेरा छोटा बेटा मेरे पास है, बिल्कुल सुरक्षित (हंसते हुए)

निरूपा चौंकते हुए बोली- क्या ?

शमशेर- बिल्कुल सही सुना तूने ?

निरूपा- में नहीं मानती...

शमशेर- मादरचोद तेरे ना मानने से क्या होगा..

निरूपा- तू झूठ बोल रहा है...

शमशेर- तेरा छोटा बेटा अंकुश मेरे पास ही है.. यकीन तो तुझे करना पड़ेगा...

निरूपा- पर ...

शमशेर- चल तुझे वीडियो कॉल से दिखाता हूँ...

निरूपा बेचैन होते हुए फोन काट दी और हड़बड़ी में शमशेर को वीडियो call करने लगी...

शमशेर फोन रिसीव करते ही बोला- क्यों गाँड़ फट गई ना तेरी, खुद मुझे कॉल कर रही है... मेरे पीछे देख रांड, तेरा बेटा क्या कर रहा है ?

निरूपा जब अपने छोटे बेटे को देखा तो चिल्लाते हुए बोली- शमशेर देख मेरा बेटा को छूना भी मत...

निरूपा की 15 साल का तीसरा और सबसे छोटा बेटा अंकुश कुर्सी पर बंधा पड़ा था और वो रो रहा था...

शमशेर- क्यों बे, गाँड़ फट रही है ना तेरी मादरचोद ?

निरूपा- देख शमशेर वो अभी बहुत छोटा है उसे कुछ मत करना...

शमशेर- तेरे पति मेघनाद को जिस तरह से मारा था, उसी तरह में इसे नहीं मारूंगा....

निरूपा- क्या ? तो तूने मेघनाद को मारा है ?

शमशेर- तो तुझे क्या लगा वो ऐसे ही मरा है ? तेरा ये बेटा भी नहीं बचेगा..

निरूपा- सुन शमशेर तू जो कहेगा वो में करूँगी, तू बस अंकुश को कुछ मत करना..

शमशेर- बहुत बढ़िया.. मुझे ये सुनना था तेरे मुंह से... एक काम कर रण्डी, चुपचाप यहां आजा अपनी बहन को लेकर... बहुत दिन हो गया दोनो बहनों को चोदते हुए..

निरूपा- इसमें मेरी बहन को क्यों घसीट रहा है.. में अकेली ही जाउंगी...

शमशेर- ना ना ना ऐसा कैसे चलेगा मेडम... तेरी बहन जैसी चुदक्कड़ रांड को कैसे जाने डूं... जब तक उसकी गाँड़ ना फाड़ दू मुझे चैन नहीं आएगा...

निरूपा- ठीक है हम दोनों जाएंगे बस तू अंकुश को छूना भी मत...

शमशेर- जल्दी आजा रण्डी.... और हाँ मॉडर्न कपड़े पहन कर आना.... तुझे देख कर मेरा लन्ड झट से खड़ा होना चाहिए...

निरूपा- क्या ?

शमशेर- सही सुना तूने... तेरा बेटा को भी तेरी जवानी को देखने दे.. आखिर वो भी तो देखे की उसकी माँ मिनी स्कर्ट में केसी चुदक्कड़ दिखती है....

निरूपा- पर ?

शमशेर झट से फोन काट दिया..

फोन कटते ही निरूपा बेचैनी से नटराज को फोन करने लगी तो उसका फोन switch off आ रहा था...

निरूपा- इस बहनचोद का फोन भी बंद आ रहा है..

फिर निरूपा और किसी को फोन लगाने लगी...

दूसरे तरफ फोन उठाते ही निरूपा बोली- कैसे इंसान हो तुम, मेने तुम्हे क्या बोली थी कि मेरे बच्चों का खयाल रखो, अब देखा ना क्या हुआ ?

दूसरी तरफ- तुम चिंता मत करो निरूपा.. में अभी उसके पास जा रहा हूँ...

निरूपा- क्यों ? तुम अभी कहाँ हो ?

दूसरी तरफ- में थोड़ा बाहर आया था...

निरूपा- बस यही गलती है तुम्हारा... मेरे बच्चों को अकेला छोड़ के बाहर जाने की क्या जरूरत है ? तुम जानते हो ना हमपे कितना खतरा है ?

दूसरी तरफ- तुम चिंता मत करो, में जा रहा हूँ उसे छुड़वाने...

निरूपा- उसने सिर्फ मुझे बुलाया है.. तुम मत जाओ.. वरना वो मेरे बच्चे को मार देगा...

दूसरी तरफ- वो मेरा भी बेटा है निरूपा.. तुम्हे जितना फिक्र है उसकी, मुझे उतना ही फिक्र है...

निरूपा- ठीक है तो फिर आ जाना, लेकिन पहले में जाउंगी नहीं तो वो अंकुश को मार देगा...

तभी सावित्री पीछे से आती हुई चिल्लाई- कौन किसे मार देगा दीदी ?

निरूपा फोन रखते हुए बोली- शमशेर मेरा छोटा बेटा अंकुश को किडनैप कर लिया है... और बदले में तुझे और मुझे बुलाया है... पर में नहीं चाहती कि तू वहां जाए...

सावित्री- क्यों दीदी ? तू क्यों अकेली जाएगी ? में भी जाउंगी और साथ में पुलिस ले कर जाएंगे...

निरूपा- नहीं ऐसा गलती मत करना वरना वो अंकुश को मार देगा... हमें पुलिस को बताना ही नहीं है....

सावित्री- ठीक है तो फिर में जाउंगी...

निरूपा- नहीं तू भी नहीं जाएगी...

सावित्री- पर क्यों ?

निरूपा- क्योंकि तेरा एक सुखी परिवार है... दो बच्चे है और फिर शमशेर का दुश्मनी मुझसे है... में उसका सामना करूँगी...

सावित्री- पर दीदी ?

निरूपा- बस, तू आगे कुछ नहीं बोलेगी ?

सावित्री चुप हो गयी...

सावित्री फिर बोली- पर तु ऐसे नहीं जाएगी, साथ में जनार्दन की रिवाल्वर ले के जाना, काम आएगा....

निरूपा- ठीक है...

फिर निरूपा अपनी कपड़े उतारने लगी... साड़ी ब्लाउज उतारने लगी... ये देख के सावित्री बोली- अपने कपड़े क्यों उतार रही है दीदी ?

निरूपा- वो बहनचोद शमशेर ने यही बोला है...

सावित्री- क्या ? मतलब तू नंगी जाएगी वहां पे ?

निरूपा wardrobe से लाल रंग की मिनी स्कर्ट निकाल कर बोली- ये पहन कर जाउंगी... मादरचोद इस ड्रेस में आने के लिए बोला है...

सावित्री- तू अपने बेटे को बचाने जा रही है या किसी फैशन शो पर...

निरूपा- उस बहनचोद ने यही डिमांड किया है कि में ये ड्रेस में जाऊं, बस मेरा बेटा बच जाए उसके बाद उस बहनचोद को देख लुंगी.....

सावित्री- ok दीदी... पर रिवाल्वर साथ ले जाना मत भूलना...

निरूपा मिनी स्कर्ट पहनने लगी... मिनी स्कर्ट पहनने के बाद निरूपा और भी ज्यादा मादक दिखने लगी... उसकी बड़ी बड़ी गाँड़ मिनी स्कर्ट में बाहर की तरफ उभरी हुई थी और बड़ी बड़ी चुचियाँ साफ साफ नजर आ रही थी....

रिवाल्वर को अपने वैनिटी बैग में डाल दी और बाहर निकलने लगी..

जैसे ही बंगले से निकल कर कार के पास आयी तो बंगले के सारे नौकर मुंह खुला रख कर निरूपा के मादक जिस्म का दर्शन कर रहे थे....

Gate के पास खड़ा दूसरा बुड्डा वॉचमैन निरूपा को देख कर मन ही मन बोला- उफ्फ साली रांड क्या कपड़े पहने हैं.... चूची कितनी बड़ी है मादरचोद की.. और गाँड़ तो इतने बड़े हैं कि बेठ के चाय पी सकते हैं... मादरचोद माँ की चुत.....

निरूपा कार के अंदर बेठ के गाड़ी खुद चलाने लगी और बंगले से बाहर निकल गयी.....

Main gate पर खड़ा वॉचमैन निरूपा की गाड़ी को बाहर जाते हुए देख कर बोला- रण्डी रोज साड़ी पहनती है पर आज ऐसी भड़काऊ कपड़े क्यों पहनी है... साली की उम्र ढल रही है और ये जवानी दिखा रही है बहनचोद...

************************

श्यामला- शमशेर तुझे पक्का यकीन है कि वो रण्डी यहां आएगी....

शमशेर- पक्का आएगी मम्मी... और आज उससे तेरी बज्जती का बदला ले कर रहूंगा...

श्यामला- पहले में हाथ साफ करूँगी उसके साथ...

शमशेर- जरूर कर लेना मम्मी...

श्यामला- लेकिन वो आएगी ना ?

शमशेर- जरूर आएगी क्यों वो अपने बेटे के लिए पक्का आएगी..

श्यामला- आने दे उस रांड को...

फिर कुछ देर बाद निरूपा की कार वही जगह पर पहुंच गई जिस का पता शमशेर ने बताया था...

कार के अंदर से निरूपा वैनिटी बैग पकड़ कर बाहर निकली.. और उस दो मंजिला घर के ऊपर सीढ़ी से चढ़ने लगी...

कमरे के बाहर एक मोटा सा काला सा आदमी जिसका नाम कालू था, हाथ में रिवाल्वर पकड़ कर खड़ा था..

निरूपा को देख कर कालू अपनी हाथ से मूछों को सहलाने लगा... कालू की नजर निरूपा के मादक जिस्म को घूर रहा था... उसकी नजर निरूपा के होंठ से लेकर चूची ओर गाँड़ को घूरे जा रहा था...

निरूपा को पता थी कि वो उसे घूर रहा है फिर भी निरूपा उसके पास जा के बड़े ही मादकता से बोली- तुम्हारे boss किधर मिलेंगे ?

कालू निरूपा के लाल लिपस्टिक वाली होंठ को देखते हुए बोला- अंदर हैं....

निरूपा सेक्सी स्माइल करते हुए बोली- ठीक है...

कालू मन ही मन- मादरचोद, अगर boss अंदर ना होते तो तुझे यहां पर खड़े खड़े चोद देता...

निरूपा अपनी बड़ी बड़ी गाँड़ को मटकाते हुए अंदर जा रही थी जिसे देख कर कालू अपना लन्ड मसलते रह गया....

जैसे ही निरूपा कमरे के अंदर गयी तो शमशेर उसे देख कर पागल हो गया... निरूपा लाल मिनी स्कर्ट पर खड़ी थी और शमशेर उसे देखता ही रह गया...

शमशेर- अरे आ जाओ मेडम, तुम्हारा ही इन्तेजार है यहां पर...

निरूपा- ये सब अतिथि सत्कार बन्द कर और बता मेरा बेटा कहाँ है ?

श्यामला- तू ज्यादा हड़बड़ी मत दिखा... शमशेर बेटा ये मेरी बहु बनने के लायक है या नहीं ?

शमशेर- छि मम्मी... इसके जैसी चुदक्कड़ रांड आपकी बहु कैसे बनेगी... ऊपर से ये आपकी उम्र की है.... ये तो बस ऐश करने की चीज़ है (बड़ी बड़ी गाँड़ को घूरते हुए)

निरूपा- तुम दोनो माँ बेटा का तमाशा खत्म हो गया है तो काम की बात करें ?

शमशेर कुर्सी से उठ गया और निरूपा के पीछे खड़ा हो कर उसकी भारी गाँड़ को घूरते हुए बोला-उफ्फ क्या कसी हुई गाँड़ है, ये ड्रेस में तो कयामत लग रही है तेरी गाँड़...

निरूपा गुस्से में मुंह बना कर खड़ी थी....

शमशेर आगे की तरफ देख कर बोला- उफ्फ चूची का क्या कहना, कपड़े छोटे पड़ रहे हैं बहनचोद....

श्यामला- बेटा आज ये कपड़े इसके जिस्म में एक भी नहीं रहने चाहिए....

निरूपा गुस्सा होके बोली- तुम दोनो माँ बेटे को शर्म नहीं है...

शमशेर- मम्मी ये देख लो, शर्म की बात कौन कर रहा है जो खुद एक बड़ा रांड है.... दुनिया भर के लन्ड से चुदी है....

शमशेर कस के एक चांटा निरूपा के गाँड़ में मारा...

निरूपा के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गयी- आआआहहहहहहह........

कमरे के बाहर खड़ा कालू निरूपा की चीख सुनके मन ही मन बोला- लगता है boss ने उस रांड को पेलना सुरु कर दिया है....

श्यामला- बस आज इसकी ऐसी ही चीखें सुनाई देनी चाहिए यहां पर....

निरूपा- देख शमशेर तू मेरे साथ जो करना है कर पर मेरा बेटा को दिखा दे, कहां पर रखा है तू ?

शमशेर- इतनी भी जल्दी क्या है तुझे.... अभी तो बहुत काम करने हैं तुझे....

शमशेर और एक जोरदार चांटा निरूपा के गाँड़ पे मारा...

कमरा निरूपा की चीख से गूंज उठी....

निरूपा की चीख सुनके कमरे के बाहर खड़ा कालू का लन्ड फड़फड़ाने लगा था...

शमशेर- ये बता तुझे में बोला था ना कि साथ में तेरी बहन सावित्री को लाना यहाँ पर, फिर क्यों नहीं लाया ?

निरूपा- देख शमशेर, तेरा दुश्मनी मुझसे है... उसको बख्श दे...

शमशेर फिर एक जोरदार चांटा उसके गाँड़ पर मारते हुए बोला- केसी बात कर रही है माँ की चुत ?

निरूपा अपने दांत को दबाए खड़ी थी....

शमशेर- चल कोई बात नहीं... तेरी बहन ना सही, तेरी चुत का स्वाद आज पूरे गाँव में बंटेगा...

श्यामला खड़ी हो गयी और निरूपा के पास जा के बोली- आज तेरी बलात्कार होगी और में देखूंगी की तुझमें कितनी दम है....

निरूपा- चुप कर चुदक्कड़ रांड...

श्यामला एक जोरदार थप्पड़ निरूपा के गाल पर मारी.... निरूपा के गाल लाल हो गए.... तभी पीछे से शमशेर एक जोरदार चांटा मारा गाँड़ पे... निरूपा की मुंह से दर्द भरी चीख निकल गयी...

शमशेर- मादरचोद कुतिया मेरी मम्मी को रांड बोलती है.... आज में बताऊंगा कि रांड कैसे बनाया जाता है ?

निरूपा के गाँड़ में दर्द होने लगी थी... गाँड़ लाल हो चुके थे... गोरी जिस्म होने की वजह से लाल लाल दिखाई दे रहे थे....

निरूपा चुपचाप खड़ी थी...

तभी पीछे से एक आवाज आया- शमशेर अगर तू अपना भलाई चाहता है तो निरूपा और उसके बेटे को छोड़ दे....

निरूपा पीछे मुड़ के देखी तो चिल्लाने लगी- नटराज मेरे बेटे को बचा लो...

पीछे नटराज खड़ा था....

शमशेर- आजा साले तेरा हिसाब भी करना है मुझे....

नटराज- अबे में खुद हिसाब देने आया हूँ तेरे पास शमशेर...

निरूपा- नटराज मुझे इस दरिन्दे से बचाओ और मेरे बेटा को भी...

नटराज- तुम चिंता मत करो... में आ गया हूँ ना सब ठीक हो जाएगा...

फिर श्यामला बोली- मादरचोद नटराज पहले मुझसे बात कर ले... उस दिन का बदला लेना है मुझे तुझसे....

नटराज गुस्से से श्यामला के पास आई और श्यामला और नटराज एक दूसरे को गुस्से से देखने लगे...

फिर दोनो एक साथ हंसने लगे और गले लग गए... ये देख कर निरूपा के होश उड़ गए... वो समझ नहीं पा रही थी कि आखिर चल क्या रहा था...

ये देख के शमशेर बोला- क्यों होश उड़ गई ना तेरी ?

निरूपा बेवकूफ की तरह नटराज को देख रही थी...

नटराज और श्यामला एक दूसरे को बाहें पर बाहें डाल कर मुस्कुरा के खड़े थे....

शमशेर- इतना ज्यादा सोच मत रण्डी... ये जो तेरा नया पति है ना नटराज, असल में वो पहले से ही हमारे साइड है....

निरूपा के होश उड़ गए थे... वो हैरानी से बोली-मतलब नटराज तुमने मेरे साथ धोखा किया...

नटराज- हाँ डार्लिंग, एक छोटा सा धोखा...

निरूपा- छोटा सा धोखा..

नटराज- और नहीं तो क्या (निरूपा के हाथ पकड़ कर)

निरूपा- मुझे छूना भी मत (हाथ को अलग करके)

नटराज- तु भी कमाल करती है, तेरी जिस्म के हर एक अंग को निचोड़ चुका हूँ... रात भर ये जिस्म रौंद चुका हूं, और तु कह रही है छूना मत (हंसते हुए)

निरूपा- पर अब नहीं... तेरे जैसा हरामी धोखेबाज इंसान तो बिल्कुल नहीं...

नटराज जोर से निरूपा के सर के बाल को पकड़ लिया तो निरूपा दर्द से बिलख कर बोली- कमीने छोड़ मुझे....

नटराज- चुप कर रण्डी, नहीं तो ऐसा हाल करूँगा की तुझे औरत होने पर अपने आप को शर्म आनी लगेगी....

नटराज उसके बाल को छोड़ दिया तो निरूपा चुप हो गयी...

निरूपा- तो फिर शमशेर को जो इंजेक्शन मेने लगाई थी वो क्या थी ?

नटराज- वो इंजेक्शन मेने बदल दिया था (हंसते हुए)

निरूपा- मादरचोद गद्दार....

नटराज कस के एक थप्पड़ उसके गाल पे मारा....

निरूपा की चीखें निकल गयी...

फिर श्यामला नटराज के पास आके इसके हाथ पकड़ कर बोली- नटराज बेकार को तुम इस रण्डी से बहस मत करो, आओ इधर बेठ जाते हैं... अभी इस रण्डी की बलात्कार होगी... इसकी मजा लेते हैं....

नटराज और श्यामला कुर्सी पर बेठ गए....

तभी निरूपा बोली- शमशेर तुझे थोड़ी सी भी शर्म नहीं है कि तेरा मम्मी किसी गैर मर्द के साथ खुलेआम बेठ के रंगरेलिया मना रही है...

शमशेर- याद है ना तुझे, जब मेरे मम्मी को खुलेआम मेरे समने तेरे कहने पर नटराज चोद रहा था... उस वक़्त से मेरा शर्म मिट चुका है....

निरूपा- लेकिन उस वक़्त नटराज तुझे क्यों नहीं बचाया ?

नटराज- क्योंकि वो सब प्लान था तेरी और तेरे बहन का भरोसा जितने के लिए..

निरूपा- तुझे तो में छोडूंगी नहीं नटराज...

श्यामला- साली रण्डी बहुत फुदक रही है तू... शमशेर बेटा खेल सुरु कर जल्दी....

शमशेर- आप ही इस खेल का उदघाटन कर दो मम्मी ? में थोड़ा बाहर से आ रहा हूँ....

श्यामला हंसते हुए- चल ठीक है...

शमशेर बाहर जाने लगा...

फिर श्यामला आवाज लगाई- कालू अंदर आ जाओ....

कालू अंदर आ गया.... कालू ने देखा कि निरूपा कमरे के बीचों बीच खड़ी है.. उसकी मिनी स्कर्ट उसकी मोटी मोटी गाँड़ पे चिपकी हुई है... ये देख के कालू गरम हो रहा था...

कालू- मुझे बुलाया मेडम (निरूपा के भारी गाँड़ को घूरते हुए)

श्यामला- तुझे ऐसी औरतें चोदना बहुत पसंद है ना जिसकी मोटी मोटी गाँड़ हो और भारी भरकम चुचियाँ....

कालू- जी मेडम (निरूपा के चुचियाँ को घूरते हुए)

श्यामला- तो फिर देखता क्या है, सामने ही तो खड़ी है ये रसमलाई माल खास तेरे लिए.... ऐश कर लेकिन यहां पे हमारे सामने...

कालू निरूपा को ऊपर से नीचे तक देखने लगा... रसमलाई जैसे होंठ, बड़े बड़े दो आम, गद्दी जैसी गाँड़, और चुत तो और भी रसीली होगा ये सोचते हुए कालू खुश होने लगा...

श्यामला- देखता क्या है चल सुरु कर... और हां इस रांड को इतना ठोक की ये उठने बैठने की लायक ना रहे...

कालू- जी मेडम (निरूपा के होंठ को घूरते हुए)

श्यामला हाथ में कुछ टेबलेट पकड़ी हुई थी, वो टेबलेट कालू को देते हुए बोली- ले ये दबाई खा ले और घण्टों तक चोद... इस रांड की चीख पूरे कमरे में गूंजने चाहिए...

कालू- जी मेडम (खुश होते हुए)

श्यामला मुस्कुराती हुई निरूपा की तरफ देखते हुए बोली- तू जब तक चुदती रहेगी तब तक तेरा बेटा जिंदा रहेगा... तू जब चुदना बन्द कर देगी समझले तेरा बेटा गया ऊपर....

निरूपा- नहीं ऐसा मत करो...

श्यामला- चुप कर रण्डी....

कालू तब तक दबाई खा चुका था....

श्यामला- कालू देखता क्या है बहनचोद ? जल्दी से इस छिनाल को चोदना सुरु कर....

श्यामला और नटराज चिपक के सोफे पर बैठे हुए थे...

तभी कालू निरूपा के पीछे खड़ा हो गया और झट से मिनी स्कर्ट को पीछे से खोलने लगा...

श्यामला- एक काम कर इसकी स्कर्ट को खोल मत, फाड़ दे....

कालू मिनी स्कर्ट को ऊपर से फाड़ दिया... स्कर्ट नीचे गिर गयी... निरूपा सिर्फ लाल ब्रा और लाल पैंटी में खड़ी थी.... बड़ी बड़ी दोनो चूची मुश्किल से ब्रा में कैद थी और पैंटी उसकी भारी गाँड़ की वजह से बहुत ही छोटी नजर आ रही थी.... ये देख कर कालू का लन्ड फड़फड़ाने लगा...

कालू भी अपना सारा कपड़ा उतार दिया... वो सिर्फ अंडरवियर में था....

कालू पीछे से निरूपा के दोनो चूची को पकड़ लिया और दबाना सुरु किया... कालू के मजबूत हाथ निरूपा के कोमल चूची को बड़े ही बेरहमी से मसल रहे थे... ब्रा के ऊपर से चूची को मसलते हुए कालू मन ही मन बोल रहा था- क्या चूची है इसकी... श्यामला मेडम की चूची से भी मस्त है इस रांड की.... चलो ब्रा उतार के दबाता हूँ मजा आ जायेगा....

कालू निरूपा के ब्रा को एक झटके में उतार दिया... ब्रा उतरते ही बड़ी बड़ी चुचियाँ सामने झूलने लगे.... जिसे देख कर नटराज का लन्ड भी खड़ा हो गया.... नटराज अपना हाथ ले जाकर श्यामला की एक चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा.... श्यामला भी मजा लेने लगी...

कालू अब दोनो हाथों से दोनो चूची को मसलने लगा... कालू के मजदूर वाला हाथ से कोमल कोमल चुचियों को दबाने की वजह से निरूपा को थोड़ा दर्द होने लगी थी...

निरूपा के मुंह से सिसकियाँ निकलने लगी थी- आआआआहहहहहहहहहहह...

कालू चूची दबाते दबाते उसकी निप्पल्स को खींच रहा था....

कुछ देर चूची दबाने के बाद कालू आगे आ गया और दोनो चुचियों को बरी बारी से मुंह लगा के चूसने लगा....

पास में बैठी श्यामला की चुचियों को नटराज दोनो हाथों से दबाने लगा था.....

श्यामला- बस ऐसे ही इस रण्डी की चूची चूसता जा कालू... सारी दूध पी ले इसकी...

कालू मजे से चूची चूस रहा था... निरूपा आंखे बंद करके सिसकियाँ लेते हुए खड़ी थी....

कालू झट से अपनी चड्डी निकाल दिया.... उसके बड़े काले लन्ड तन के खड़े थे....

कालू- चल नीचे बैठ और लन्ड चूस....

निरूपा नीचे बैठ गयी और कालू की भयंकर लन्ड चूसने लगी.... लन्ड बहुत ही बड़ा था....

श्यामला- लगता है आज कालू इसकी चुत फाड़ कर रख देगा....

नटराज- तुम्हे कैसे पता (चुचियों को दबाते हुए)

श्यामला- में भी इसका काला चोकोलेट चूस चुकी हूँ...

नटराज- बहुत बढ़िया...

कालू जोर जोर से लन्ड आगे पीछे करके लन्ड चुसा रहा था... निरूपा की मुंह कालू के बड़े लन्ड से भरा हुआ था....

कुछ देर बाद कालू अपना लन्ड उसके मुंह से निकाल कर झट से निरूपा की पैंटी को उतार फेंका... सामने झांटों भरी चुत देख कर कालू का लन्ड फड़फड़ाने लगा...

कालू बिना देर किए हुए निरूपा को कस के पकड़ लिया, उसकी एक जांघ को एक हाथ से उठाया और अपना लन्ड उसकी चुत के अंदर डाल दिया और खड़े खड़े चोदने लगा... एक ही झटके में पूरा लन्ड उसकी चुत में घुस गया...

निरूपा- ऊऊऊईईईमा.......

कालू खड़े खड़े निरूपा को चोदने लगा तो कमरे में सिर्फ निरूपा की मादक आँहें गूंजने लगी... कालू का बड़ा काला लन्ड पूरी टाइट से निरूपा की चुत में अंदर बाहर हो रहा था... निरूपा अपनी आंखें बंद करके जोर जोर से आहें भर रही थी....

निरूपा- आआआआहहहह उइमा ससससससससस हहहहहह...

श्यामला- और जोर से चोद इस रांड को... मादरचोद कमीनी....

कालू एक्सप्रेस की तरह खड़े खड़े निरूपा की चुत मार रहा था... पीछे उसकी भारी गाँड़ जोर जोर से उछल रही थी.... उसकी दोनो बड़ी बड़ी चुचियां कालू के सीने में दबी हुई थी...

एक ही पोज़ में लगातार आधा घण्टा तक कालू चोदने लगा तो निरूपा के मुंह से दर्द भरी चीखें निकलने लगी थी....

निरूपा- आआआआआआआ, उहहहहहहहहहह, नाई छोड़ मुझे कमीने, दर्द कर रही है, छोड़ मादरचोद.....

कालू पूरी मजबूती से निरूपा को पकड़ के भूखे भेड़िये की तरह चोद रहा था... शायद दवाई की वजह से कालू और भी उत्तेजित हो गया था....

निरूपा और कालू के जिस्म से पसीने की नदी बहने लगी थी....

नटराज- वाह !!! क्या ठुकाई चल रहा है...

श्यामला- इसे कहते हैं असली मर्द की ठुकाई (नटराज को देख के)

नटराज- अभी बताऊं क्या ठुकाई किसे कहते हैं (श्यामला की निप्पल्स को खींचते हुए)

श्यामला- उफ्फ्फ छोड़ो ना, इस रांड की ठुकाई देखो....

कुछ देर इस पोज़ में चोदने के बाद कालू अपना लन्ड बाहर निकाला, निरूपा जोर जोर से हांफ रही थी, उसकी दोनो चुचियाँ जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी...

निरूपा- नहीं मुझे बख्श दो.. और मत चोदो...

श्यामला- क्यों रे रांड, तेरी इतने में ही गाँड़ फट गई.. सुना है तू दुनिया भर की लन्ड अपने चुत में ले चुकी है... कालू के लन्ड से घबरा गया बहनचोद... कालू देखता क्या है फाड़ डाल इसकी चुत को...

कालू निरूपा को अपनी तरफ खींचने लगा...

निरूपा- में तुमसे हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दो (कालू को देखते हुए)

कालू हंसते हुए बोला- छोड़ दिया तो तेरी रस मलाई चुत का स्वाद चखने को नहीं मिलेगा....

कालू निरूपा को नीचे घुटनों के बल बिठाया और कुतिया बनाया... पीछे खड़ा होके उसकी चुत में अपना बड़ा लन्ड डाल दिया... और फिर सुरु किया भयंकर चुदाई....

जोर जोर से कुतिया बना कर निरूपा की ठुकाई कर रहा था कालू... निरूपा दर्द से रोये जा रही थी... सामने श्यामला और नटराज उसकी ठुकाई का मजा ले रहे थे... नटराज अब श्यामला की चुत में उंगली घुसा रहा था....

कालू का बड़ा काला लन्ड निरूपा की चुत की द्वार को बेरहमी से फाड़ रहा था... निरूपा के मुंह से दर्दनाक आहें निकल रही थी... दोनो चुचियाँ हवा में तेजी से झूल रहे थे.... पूरे कमरे में निरूपा की रोने की आवाज गूंज रही थी... निरूपा के हर एक अंग लाल हो चुके थे... कालू बड़े ही बेरहमी से ठुकाई कर रहा था....

तभी अचानक गोली चलने की आवाज आई... कालू की जोरदार चीख कमरे में गूंज गया...

कालू- आआआआहहहहह मआआआआआ......

गोली कालू के गाँड़ पर लगा था... निरूपा वहां पर नीचे गिर पड़ी थी... दर्द के मारे उठ नहीं पा रही थी...

गोली चलने की वजह से श्यामला और नटराज भी डर के मारे उठ कर उधर उधर भागने लगे... तभी और एक गोली चली, और वो गोली नटराज के पैर में लगा... दर्द के मारे नटराज बिलख गया...

निरूपा लेटी हुई देखने की कोसिस करने लगी कि आखिर कौन गोली चला रहा है...

निरूपा की नजर जब उस शख्श पर पड़ी तो उसकी चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान खिल गयी, लेकिन दर्द के मारे वो उठ नहीं पा रही थी....

वो शख्श एक हाथ में रिवाल्वर पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ में शमशेर के बाल पकड़ कर घसीटते घसीटते ला रहा था.... शमशेर के पैर में भी गोली लगा हुआ था....

निरूपा लेटी हुई उस शख्श को देखते हुए बोली- बहुत सुक्रिया बचाने के लिए....

वो शख्श बोला- हम तो तुम्हारे आशिक हैं जानेमन, भला दूसरों की क्या मजाल जो तुम्हे इतना तकलीफ दे...... वैसे तुम्हारी हालत अछि नहीं लग रही है...

निरूपा- सब ये सब बहनचोद ने किया है (शमशेर को दिखाते हुए)

नटराज की पैर में गोली लगने की वजह से वो पास में ही नीचे गिर पड़ा था... नीचे कालू नंगा ही मरा पड़ा था, उसके गाँड़ में गोली लगा था.... श्यामला डर के मारे कोने में बैठी हुई थी....

वो शख्श शमशेर को कस के एक लात मारा जिसकी वजह से वो दूर छिटक कर गिर पड़ा और दर्द से बिलखने लगा... गोली उसके पैर में जो लगा था....

वो शख्श निरूपा को उठाया और उसकी ब्रा और पैंटी पहना दिया... अपनी शर्ट निकाल कर निरूपा को पहना दिया....

वो शख्श बोला- अच्छा बताओ मेरा बेटा कैसा है, उसे तो कुछ नहीं हुआ ना ?

निरूपा- अगर तुम सही वक्त पर ना आते तो शायद ये कमीना उसे मार देता (शमशेर को दिखाते हुए)

वो शख्स गुस्से से शमशेर को देखा तो शमशेर बोला- प्लीज मुझे मत मारो....

वो शख्श बोला- मादरचोद अगर मेरे बेटे को कुछ हो जाता तो तू जिंदा नहीं बचता, इसलिए तुझे छोड़ रहा हूँ क्योंकि मेरा बेटा जिंदा है....

फिर और एक गोली शमशेर के दूसरे पैर पर मारा... शमशेर दर्द से चिल्लाने लगा....

वो शख्श निरूपा को बांहों में लेते हुए बोला- सुक्र कर की मेरा बेटा जिंदा है, वरना तुम कोई भी यहां पर जिंदा ना रहते...

शमशेर मन ही मन बोलने लगा- निरूपा रांड की पति मेघनाद को तो मैने अपने हाथ से मार दिया.. तो फिर ये कौन है जो निरूपा के बेटे को अपना बेटा बता रहा है...

शमशेर ये सोचते सोचते बेहोश हो गया की आखिर ये शख्श है कौन जो निरूपा के तीसरे बेटे का बाप है ?

*************************
पिछले राज खुलने की बजाय .........और नए राज सामने आ रहे हैं

निरुपा के तीसरे बेटे का बाप कौन है ये?
वो कौन है जो सावित्री को चोद चुका है और घनश्याम की बीवी भी चोद ली?

भाई कहानी को थोड़ी गति दो..........अपडेट जल्दी देकर
 
Last edited:
  • Like
Reactions: SKYESH and Napster
205
916
93
शमशेर के बेहोश होते ही निरूपा उस शख्श को बोली- इस कमीने को जिंदा मत छोड़ो, मार दो इसे....

वो शख्श बोला- इसे मार दिया तो इस कमीने को मुक्ति मिल जाएगा, इसे ऐसे ही लँगड़ा बन के तड़पते तड़पते जीने दो....

तभी श्यामला चिल्लाई- मेरे बेटे को मत मारना प्लीज....

वो शख्श बोला- ये रांड इसकी मम्मी है क्या ?

निरूपा- हाँ बहुत बड़ी कमीनी है छिनाल....

वो शख्श बोला- और रसीली भी है (श्यामला की दोनो चुचियों को घूरते हुए)

निरूपा- तुम्हारा तो बस उसी पे ही नजर रहती है (उस शख्श को देखती हुई)

वो शख्श बोला- क्या करूँ, आदत हो गयी है ऐसी रसीली चीजों को चुसने का...

निरूपा- मतलब तुम मुझे छोड़ के उस रण्डी को प्यार करोगे ?

वो शख्श बोला- तुम्हारे सामने उसकी क्या मजाल ? तुम तो सबसे कमाल हो ?

तभी निरूपा सीधा नटराज के पास गई जो कि दर्द से तड़प रहा था... निरूपा भी थकी हुई चल रही थी क्योंकि कालू ने उसकी जोरदार ठुकाई की थी...

निरूपा पास जा के बोली- मादरचोद तुझपे में कितना भरोसा किया, पर तूने मुझे क्या दिया ? सिर्फ धोखा ?

निरूपा नटराज के मुंह पर थूक रही थी... निरूपा की थूक नटराज के मुंह पर गिर के मुंह सफेद सफेद हो गया था...

वो शख्श बोला- ये कौन है निरूपा ?

निरूपा- ये तो वही है जिससे मेने नई शादी की थी पर ये मादरचोद गद्दार निकला (मुंह पर एक लात मार के)

वो शख्श बोला- मेने तुम्हे कहा था ना कि तुम मुझसे शादी कर के दुनिया बसा लो पर तुमने मेरी बात नहीं मानी....

निरूपा- मुझे दुनिया की डर थी कि आखिर दुनिया हमारे रिश्ते को क्या कहेगी ?

शख्श- दुनिया की माँ की चुत... में दुनिया की परवाह नहीं करता..

निरूपा- पता है, जबसे मेघनाद ने मुझे छोड़ दिया में खुद को अकेली महसूस करने लगी... और ये सब इसके वजह से हुआ (शमशेर की तरफ देखते हुए)

श्यामला चुपचाप डर डर के पास में खड़ी थी....

निरूपा- ना ये बहनचोद मुझे अपना रखैल बना कर रखता और ना ही मेघनाद मुझे छोड़ देता.. इसके वजह से में अपने बच्चों से दूर हो गयी (शमशेर के गाँड़ पे लात मारते हुए)

तभी शमशेर को होश आ गया और फिर वो दर्द से कराहने लगा...

निरूपा- मादरचोद होश आ गया ना तेरे को... तुझे तो में छोडूंगी नहीं (शमशेर के चेहरे पर लात मारते हुए)

श्यामला- नहीं मेरे बेटे को मत मारो...

निरूपा- चुप कर रांड...बहन की लोड़ी....

वो शख्श बोला- अच्छा तो ये शमशेर इस खेल का असली विलेन है...

निरूपा- तुम्हे पता है इस कमीने शमशेर ने ही मेघनाद को मारा है....

वो शख्श अचानक बहुत गुस्सा हो गया और शमशेर के चेहरे पर लगातार कस कस के लात मारने लगा... शमशेर दर्द से चिल्ला रहा था....

वो शख्श लात मारते हुए बोल रहा था- मादरचोद तूने मेरा एकलौता बेटा मेघनाद को मारा है... बहनचोद तुझे तो में जिंदा नहीं छोडूंगा....

ये सुनके शमशेर, नटराज और श्यामला तीनो चौंक गए कि वो शख्श निरूपा के पति मेघनाद का बाप था....

शमशेर- क्या तुम मेघनाद के पापा हो ?

शख्श- हां बहनचोद (शमशेर को रिवाल्वर तान ते हुए)

निरूपा- हाँ क्यों सुनके तेरा हवा निकल गया क्या ? तो फिर ठीक से इनको पहचान ले, इनका नाम शंकर दयाल गुप्ता है...

शमशेर मन ही मन बोला- ये साली निरूपा सच में बहुत बड़ी रांड है मादरचोद... अपने ही ससुर से रंगरेलियां मना के बच्चे पैदा की है भोसडीके...

शंकर दयाल- आज तेरा आखरी दिन है मादरचोद...

तभी निरूपा पास आके अपने ससुर के हाथ को रोकते हुए बोली- इसे मत मारना, हां इसके एक ही पैर को पूरी तरह बर्बाद कर दो ताकि ये जिंदगी भर लँगड़ा बन जाये....

शंकर दयाल लगातार दो गोली शमशेर के एक ही टांग पर मारा, पूरे कमरे में दर्द भरी चीख निकल गया...

शंकर दयाल- अब बता मेरा बेटा कहाँ है ?

शमशेर के बोलने से पहले श्यामला झट से बोल पड़ी- अंदर के कमरे में है...

निरूपा अपनी नजर श्यामला पे डालती हुई बोली- सुन बे रांड, अपने बेटा और ये मादरचोद नटराज को ले जा और ठीक से देखभाल कर... और हाँ आइंदा ये दोनों हमारे आसपास भी दिखे तो अगली बार गोली इनके लन्ड पर मारूंगी...

फिर निरूपा अगले कमरे के अंदर गयी और अपने बेटे अंकुश की रस्सी निकाल कर बाहर लायी...

अंकुश 15 साल का था.... उसके बाहर आते ही शंकर दयाल उसे पकड़ कर चूमने लगा लेकिन अंकुश उसे दादा जी ही कहता था... क्योंकि उसे पता नहीं था कि शंकर दयाल उसका असली बाप था...

फिर निरूपा, शंकर दयाल और अंकुश कमरे के बाहर जाने लगे...

शंकर दयाल निरूपा के कमर पर हाथ डाला हुआ था और अंकुश उसके साइड पे चल रहा था...

ये देख के नटराज बोला- गुरु देख रहे हो ना साली कितनी बड़ी रांड है.... अपने बूढ़े ससुर के साथ लगी हुई है....

शमशेर दर्द से कराहते हुए बोला- देख रहा हूँ नटराज, साली रांड मुझे जिंदा छोड़ के बहुत बड़ी गलती कर दी है... जब तक इसकी पूरी खानदान ना मिटा दु मुझे चैन नहीं आएगा... मादरचोद रण्डी....

************************

कार के पास पहुंच के निरूपा अंकुश को बोली- अंकुश कार के पीछे बेठ जाओ....

अंकुश कार के पीछे बेठ गया...

तभी शंकर दयाल निरूपा के कमर को खींचते हुए बोला- यहां से सीधा अपना घर चलते हैं मदनपुरी... बहुत दिन हो गया तुम्हारी जिस्म की रस चूसते हुए (निरूपा के नाभि पे उंगली फेरते हुए)

निरूपा- छोड़ो ना, बच्चे के सामने क्या कर रहे हो ? बुड्ढे हो गए हो जरा सा सब्र तो रखो...

शंकर दयाल- जबसे तुमने घर छोड़ा है तब से सब्र रख रहा हूँ और इतना रखूँ.... वैसे भी मेघनाद के मरने के बाद में अकेला पड़ गया था घर में....

निरूपा अपने ससुर को देखती हुई बोली- पर अब नहीं, घर चलो तुम्हारा अकेलापन दूर करती हूँ...

शंकर दयाल- आय हाय तुम्हारे इसी अदा पे तो में मर मिटा हूँ जानेमन...

निरूपा- खबरदार मुझे जानेमन कहा तो, में तुम्हारी बहु हूँ (नखरे दिखाते हुए)

शंकर दयाल- बहु थी, लेकिन अब नहीं.... अब तुम मेरा बीवी बनोगी...

निरूपा- हां लेकिन सीक्रेट बीवी..

फिर दोनों हंसने लगे...

निरूपा- ठीक है हम मदनपुरी ही जायेंगे, लेकिन इससे पहले में एक बार अपनी बहन सावित्री को मिलना चाहती हूँ... फिर जाएंगे...

सावित्री का नाम सुनते ही शंकर दयाल के आंखों में चमक आ गया और वो वोला- क्यों नहीं, उससे मिलना भी जरूरी है (अपनी मूंछे को सहलाते हुए)

फिर दोनो गाड़ी में सवार हो के रघुनाथपुर की तरफ रवाना हो गए....

*************************

निरूपा और शंकर दयाल की गाड़ी देर शाम को बंगले के अंदर दाखिल हो रहा था....

गाड़ी का gate खोलने के लिए वॉचमैन घनश्याम आया... गाड़ी के अंदर से निरूपा निकलती हुई घनश्याम को देख कर मादक मुस्कान दी... घनश्याम का मन किया कि उसी वक़्त निरूपा को पकड़ कर चोद दे... पर वो अपने आप को कंट्रोल किया..

तभी कार की दूसरी तरफ से शंकर दयाल निकला तो घनश्याम बोला- साहब आप ?

शंकर दयाल सीधा घनश्याम के पास आया और उसके कान में हल्की हल्की आवाज में बोला- आखिर निरूपा को बिना चोदे कितना दिन रहूँ ?

घनश्याम- साहब सच में आपके मजे हैं... कभी निरूपा मेडम को तो कभी सावित्री मेडम को... दोनो मेडम के रस निचोड़ चुके हैं...

शंकर दयाल- और तेरा बीवी चम्पा केसी है ? उसे बोलना- उसे पिछली बार ऊटी लेकर गया था, अगले महीने उसे पिकनिक पर ले जाउंगा... अपनी टाइट चुत पे तेल लगा कर रहे....

घनश्याम- आपकी ही माल है साहब... जब चाहे तब मजा लीजिए....

शंकर दयाल- चल duty पे ध्यान दे...

घनश्याम- एक बात पुछु साहब ?

शंकर दयाल- पूछ...

घनश्याम- आप निरूपा मेडम के ससुर हो ना ? आपने मुझे पिछली बार बताया था....

शंकर दयाल- तो दोबारा क्यों पूछ रहा है बहनचोद ?

घनश्याम- नहीं साहब, क्या है ना आपकी किस्मत पर जलन होता है... बड़े किस्मत वाले हैं आप की अपनी बहू और उसकी बहन की रस निचोड़ रहे हैं.....

शंकर दयाल- मेरा एक ही फंडा है, जब तक सांस चल रहा है चोदने का कोई भी मौका मत छोड़ो... चुत जिसकी भी हो पेलते जाओ...

घनश्याम- आप तो बहुत बड़े वो हो साहब....

शंकर दयाल- चल चल ज्यादा नौटंकी मत कर... अपना काम कर....

तभी निरूपा ने आवाज लगाई- वहां पे बातें ही करते रहोगे या अंदर भी आओगे ?

शंकर दयाल और निरूपा एक साथ निरूपा को देखने लगे... निरूपा फिर घनश्याम को देख कर मादक स्माइल दे दी...

घनश्याम मन ही मन बोला- काश ये बुड्डा आज यहां ना आया होता, नहीं तो आज की रात तुझे बहुत ठोकता निरूपा डार्लिंग...

फिर शंकर दयाल और निरूपा बंगले के अंदर जा रहे थे लेकिन निरूपा बार बार पीछे मुड़ के घनश्याम को देख के सेक्सी स्माइल कर रही थी...

घनश्याम अपना लन्ड मसलता रह गया.....

अंदर पहुंचते ही सावित्री अंकुश को गले लगा ली... उसके बाद शंकर दयाल जानबूझ के सावित्री के चूची को एक हाथ से दबाते हुए बोला- केसी हो बेटी ?

सावित्री मादक मुंह बनाती हुई बोली- अच्छी हूँ पापा....

शंकर दयाल और साबित्री एक दूसरे को पापा बेटी बोला करते थे क्योंकि निरूपा को उन दोनों की चक्कर के बारे में पता नहीं थी...

निरूपा पास में पड़े टॉवल से अपना मुंह साफ कर रही थी...

शंकर दयाल- और ठीक से खाना (लन्ड) खा रही हो ना बेटी ?

सावित्री- खाना (लन्ड) कभी कभी ज्यादा खा लेती हूं, लेकिन रोज नहीं खाती....

शंकर दयाल- रोज तगड़ा खाना (लन्ड) खाओगी तो सेहत बनेगा ना बेटी....

सावित्री- आज रात तगड़ा खाना (लन्ड) खाऊँगी..... आप आम जूस (चूची की दूध) पियेंगे क्या पापा ?

शंकर दयाल- पिलाओगी तो जी भर के पिऊंगा आम की जूस (चूची का दूध).... आम की जूस (चूची की दूध) बहुत है ना ?

सावित्री अपनी साड़ी की पल्लू हटा के ब्लाउज में कैद अपनी बड़ी बड़ी चुचियां दिखाते हुए बोली- देख लो ना, काफी आम रस (चूची का दूध) भरे पड़े हैं....

साबित्री इसलिए ऐसा की क्योंकि निरूपा बाथरूम के अंदर जा चुकी थी...

मौके का फायदा उठाके शंकर दयाल झट से सावित्री की बड़ी बड़ी चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबोच लिया और बोला- बहुत दिन हो गया तुम्हारे इस दूध की टँकी (चूची) से दूध पीते हुए....

सावित्री- थोड़ा धीरे पकड़िए ना पापा, टँकी फट जाएगी तो सारा दूध नीचे गिर जाएगी (सेक्सी होंठ को दांतों से दबाती हुई)

शंकर दयाल- क्या पापा पापा लगा रखी है बहनचोद ? अच्छे से चूची दबाने दे....

सावित्री- मेरी दीदी की चूची की दूध पी पी के इतना तगड़ा हुए हो फिर भी मेरी चूची पर नजर है तुम्हारा....

शंकर दयाल चूची को जोर जोर से दबाते दबाते बोला- तेरी दीदी तो घर की माल है, जब मन चाहे तब चोदूंगा, आज रात तुझे चोदने का मन हो रहा है...

शंकर दयाल ब्लाउज के ऊपर से चूची को मसल रहा था...

सावित्री- बुड्ढे हो गए हो फिर भी बहुत जोश है तुम्हारे अंदर... तभी तो मेरे दीदी को उसके पति का सुख दे रहे हो....

शंकर दयाल- अपने दीदी को पूछना की उसको किसका लन्ड पसन्द है ? मेघनाद का या अपने ससुर का ?

सावित्री- मेघनाद जीजू से भी ज्यादा मजा देते हो क्या तुम दीदी को....

शंकर दयाल झट से सावित्री के पीछे जा कर लन्ड से उसकी गाँड़ पे रगड़ने लगा और बोला- मेघनाद तो ठीक से चोद नहीं पाता था तेरी दीदी को, तभी तो मैने मेघनाद के बदले तेरी दीदी की ठुकाई करना पड़ा.... बेटा ना सही बाप ठोक रहा है तो गलत क्या है ?

सावित्री- तुम्हारा लन्ड पहले से और ज्यादा बड़ा हो गया है क्या ?

शंकर दयाल- याद है ना तुझे जब पहली बार मेने उस पार्टी वाली रात कबाड़ खाने के अंदर चोदा था जब तू मदनपुरी आयी थी निरूपा से मिलने ?

सावित्री- वो रात कैसे भूल सकती हूँ ? तुम्हारे लन्ड ने मेरी चुत की धज्जियां उड़ा के रख दी थी...

शंकर दयाल- चल अभी फटाफट घोड़ी बन जा, जल्दी जल्दी ठोकता हूँ, वरना तेरी दीदी बाहर आ जायेगी...

सावित्री- फटाफट चोद के मजा नहीं आएगा, रात को मेरे कमरे में आ जाना, जी भर कर ठोकना...

शंकर दयाल- चुपचाप घोड़ी बन जा रांड.... पहले यहां एक बार ठोकता हूँ बाद में तेरे कमरे में ठोकुंगा.... माँ की चुत चल घोड़ी बन...

शंकर दयाल जबरदस्ती को घोड़ी पोज़ में किया और साड़ी को ऊपर उठाया, फिर panty को नीचे खिसका के अपना लन्ड उसकी झांटों से भरी चुत में पेल दिया...

फिर फटाफट चोदना सुरु किया....

सावित्री आआआह आआआह करके सिसकियाँ ले रही थी, तभी निरूपा बाथरूम से बाहर निकलने लगी....

शंकर दयाल मजबूरी में अपना लन्ड सावित्री की चुत से बाहर निकाला और सावित्री भी हड़बड़ी में खड़ी हो गयी और इधर उधर देखने लगी....

निरूपा- अरे तुम अभी तक यहां खड़े हो ? चलो फ्रेश हो जाओ बाथरूम में जाके...

शंकर दयाल- अभी जा रहा हूँ...

सावित्री- दीदी नहा लिया तूने ?

निरूपा- नहीं, अभी क्या नहाना ?

शंकर दयाल मन ही मन बोल रहा था- ये निरूपा अगर थोड़ी देर करती तो चुदाई का एक राउंड खत्म हो जाता... फिर भी आज रात जैसे भी करके सावित्री को ठोकना पड़ेगा... कल सुबह जाना है.....

फिर शंकर दयाल लन्ड मसलते हुए बाथरूम के अंदर जा रहा था, लेकिन वो सावित्री को देखते हुए जा रहा था... साबित्री भी उसे मादक निगाहों से देख रही थी क्योंकि वो भी प्यासी रह गयी थी...

************************

रात के करीब 11 बज रहे थे... साबित्री के कमरे से मादक भरी सिसकियाँ की आवाज़ें आ रही थी... क्योंकि अंदर सावित्री शंकर दयाल के लन्ड के ऊपर बेठ के ऊपर नीचे उछल रही थी... शंकर दयाल सोफे के ऊपर नंगा बैठा था, और सावित्री उसके लन्ड के ऊपर बेठ के जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी... शंकर दयाल की दोनो हाथ सावित्री के गाँड़ को पकड़ा हुआ था... वो सावित्री के गाँड़ को दोनो हाथ से उठा उठा कर अपने लन्ड पर बिठा रहा था... सावित्री की मुंह से सेक्सी सिसकियाँ निकल रही थी... उसकी बडी बडी चुचियाँ जोर जोर से उछल रहे थे और शंकर दयाल के मुंह पर टकरा रहे थे...

कुछ देर ऐसे चुदाई के बाद शंकर दयाल सावित्री को उठा कर बेड पे ले गया और लिटा दिया फिर दोनो टांग को अपने कंधे पर रख कर एक जोरदार झटका उसके चुत के अंदर मारा.... पूरा का पूरा लन्ड चुत के अंदर जाते ही सावित्री की आहहहहहहहहह निकल गयी...

शंकर दयाल चोदते हुए बोल रहा था- तेरी दीदी रसगुल्ला है तो तू गुलाब जामुन है... रस भरे पड़े हैं तुम दोनो की चुत में...

सावित्री- मानना पड़ेगा तुम्हारे मर्दानगी को... बुड्ढे हो गए हो फिर भी कमाल के चोदते हो... जवान मर्द ऐसे चोद नहीं पायेगा...

शंकर दयाल- बुड्डा किसको बोली बहनचोद ?

ये कहते हुए शंकर दयाल जोर जोर से चोदने लगा...

उस रात शंकर दयाल लगातार दो बार साबित्री की चुत जम के मारा, फिर बैडरूम में जाके निरूपा के गाँड़ पे लन्ड टिका के सो गया...

उधर main gate के पास घनश्याम कोने पर खड़ा होके निरूपा की मादक अदाओं, बड़ी बड़ी गाँड़, गोल गोल चुचियां को याद करते हुए मुठ मार रहा था... वो सोच रहा था कि काश में निरूपा की कार के ड्राइवर होता... रोज उसकी ठुकाई करता.... रांड मुझे देख कर कैसे स्माइल करती है... हो ना हो रांड मुझे लाइन दे रही है.... लगता है रांड को मेरा लन्ड ज्यादा पसंद आ गयी है उस दिन मुझसे चुदने के बाद... चल बेटा घनश्याम दोबारा चोदने का मौका मिला तो उस रांड को जम कर पेलना है... चोद चोद के उसकी चुत का द्वार को बड़ा करना है.....

ये सोचते हुए घनश्याम झड़ने लगा......

************************

सुबह बंगले से विदा लेने से पहले निरूपा बालकनी पर खड़ी होके अपनी गीली बाल सूखा रही थी कि तभी उसकी नजर गेट पर खड़ा घनश्याम के ऊपर गई... घनश्याम उसे ध्यान से देख रहा था, शायद नाईट ड्यूटी खत्म करके घर जाने वाला था...

निरूपा उसे देख के एक हल्की सी स्माइल किया और मन ही मन बोली- तुझे तो हमेशा के लिए में अपने साथ मदनपुरी ले जाउंगी..

तभी पीछे से शंकर दयाल के हाथ निरूपा के कमर को पकड़ लिया... ये देख के घनश्याम दूसरे तरफ मुंह कर दिया....

निरूपा- छोड़ो ना, क्या कर रहे हो ? देखो वो घनश्याम देख लेगा....

शंकर दयाल नाइटी के ऊपर से नाभि को सहलाते हुए बोला- देखने दो, क्या फर्क पड़ता है ?

निरूपा- सुनो में क्या बोल रही थी- क्यों ना हम कोई ड्राइवर रख लें अपनी गाड़ी के लिए.... पिछला ड्राइवर तो भाग गया है ना ???

शंकर दयाल- अगर तुम कह रही हो तो जरूर रखेंगे (चूची को हल्का हल्का दबाते हुए)

निरूपा- तो फिर वो घनश्याम को रख लें तो कैसा रहेगा ?

शंकर दयाल- तुम्हारी हुकुम सर आंखों पर डार्लिंग (दोनो चूची को मसलते हुए)

निरूपा- पर उसके लिए सावित्री से बात करनी पड़ेगी....

शंकर दयाल- कर लो (नाइटी के अंदर हाथ घुसाते हुए)

निरूपा- छोड़ो.. अभी चोदने का इरादा है क्या ?

शंकर दयाल- मेरा बस चले तो तुम्हे हमेशा चोदता रहूँ (नाइटी के अंदर हाथ लेकर गाँड़ को दबाते हुए)

निरूपा- आज घर को चलो, उसके बाद जी भर के प्यार कर लेना....

घनश्याम तिरछी नजर से ये सब देख रहा था और मन ही मन बोल रहा था- बुड्डा बहुत ज्यादा ही जोश दिखा रहा है.... काश में उसके जगह होता.....

घनश्याम का तब बहुत ज्यादा ही उत्तेजित हो गया जब उसने देखा कि निरूपा उसको देख कर मादक स्माइल करती हुई एक आंख को मार दी... जबकि पीछे से शंकर दयाल उसकी मोटी मोटी चुचियाँ दबा रहा था....

ऐसी मादक दृश्य जहां पे एक बहु को उसकी ससुर उसके बड़ी बड़ी चुचियां दबा रहा था ये देख कर घनश्याम वहां पे खड़े खड़े झड़ गया... ढेर सारा वीर्य उसके पैंट को गीला कर दिया... झड़ते ही घनश्याम बोला- बहनचोद रांड ने दिन दहाड़े पानी निकाल दिया....

तभी घनश्याम पीछे मुड़ के फिर से देखा तो शंकर दयाल निरूपा को बाहों में ऊपर उठा कर अंदर ले जा रहा था...

घनश्याम- मादरचोद अभी अपनी रांड बहु की चुत जम के मारेगा....

तभी घनश्याम की फोन की घण्टी बजने लगा... तो वो देखा तो कोई unknown नम्बर था.... रिसीव करते ही- आआआहहहहहह आआआहहहहहह की आवाज़ें आने लगी....

तो घनश्याम बोला- अबे कौन बहनचोद फोन किया है ?

"घनश्याम में बोल रही हूं निरूपा" उधर से आवाज आई...

घनश्याम- जी मेडम बोलिये...

निरूपा- ओह आह थोड़ा धीरे करिए ना, हाँ सुनो घनश्याम मेने सावित्री से बात की है कि तुम आज से हमारे ड्राइवर की नौकरी करोगे आआआहहहहहहह....

घनश्याम मन ही मन- साली चुद चुद के बात कर रही है....

पर घनश्याम ये सुनके खुश हो गया कि निरूपा को अब रोज चोदने को मिलेगा उसकी ड्राइवर बन के....

घनश्याम- क्यों नहीं मेडम.. में तैयार हूं....

निरूपा- तो फिर अपने परिवार को लेकर मदनपुरी आ जाना ओहहहहहह आआआआह......

घनश्याम निरूपा की मादक सिसकियाँ सुनके पागल हो रहा था और बोला- ठीक है मेडम...

फोन रखने के बाद घनश्याम बोला- माँ की चुत, इस रांड को इतना ठोकुंगा की अपनी चुत में दूसरा लन्ड नहीं लेगी....

कुछ देर बाद निरूपा और शंकर दयाल बंगले से निकल कर कार में बेठ गए... साथ में अंकुश भी बेठ गया...

निरूपा- अपना ख्याल रखना बहन...

सावित्री- ठीक है दीदी...

शंकर दयाल- बेटी अपना ख्याल रखना (साबित्री को देख के)

सावित्री एक आँख को मारती हुई बोली- ठीक है पापा, कभी भी कोई काम के लिए मेरी जरूरत हो तो बेझिझक बुला लीजिएगा....

शंकर दयाल अपनी दांत को दबाते हुए बोला- जरूर बुलाऊंगा....

निरूपा- सुन तू उस शमशेर और नटराज को डर मत... उनको उनकी सज़ा मिल गया है...

सावित्री दोनों को हाथ हिला के विदा कर रही थी.....

उधर शमशेर बदले की आग में जल रहा था लेकिन वो अब अपाहिज हो चुका था.. उसका एक पैर डैमेज हो चुका था... वो लंगड़ाते हुए चल रहा था और निरूपा और सावित्री से बदला लेने की प्लांनिंग कर रहा था....

****** Present Day ******

शमशेर- अभी पहचाना में कौन हूँ सावित्री रांड ????

सावित्री, उसका पति जनार्दन, उसका बेटा रंजीत, और उसकी बहु अपर्णा कुर्सी पर बंधे हुए थे....

सावित्री को जब पता चला कि वो अनजान आदमी शमशेर है जो उसकी पूरी फैमिली को किडनैप किया है... उसकी बेटी नम्रता को बुरी तरह रेप करके गोली मार दिया है, साथ में अपनी दामाद और आशिक राजेश को भी मार दिया है.... तो वो डर के मारे कांपने लगी....... जितना कांप रही थी उतना गुस्सा भी कर रही थी.....

शमशेर लंगड़ाता हुआ सावित्री के पास आके बोला- ठीक से देख ले, में वही शमशेर हूँ, जिसको तेरी बहन निरूपा ने लँगड़ा बना दिया है.... मुझे पता है तेरी रांड बहन निरूपा जरूर मुझे याद करती होगी... तुम दो बहनो की वो हाल करूँगा की रूह तक कांप जाएगी...

रंजीत और जनार्दन ये सोच भी नही पा रहे थे कि आगे क्या हाल होने वाला है ?

*************************
 

Rajizexy

Lovely❤ Raji
Supreme
45,135
46,460
304
good story
 

Napster

Well-Known Member
4,487
12,502
158
जबरदस्त, धमाकेदार और उत्तेजना से भरपूर कामुक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले चुदाईदार और धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा:adore:
 

Lucky-the-racer

Well-Known Member
5,206
4,793
189
Bhai yeh v likhiye ki kaise nirupa kaise apne sasur se chuda chuda ke maa banti hai aur uski behan v usske sasur ke chudai karwati hai
 
Top