• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest संस्कारी परिवार की बेशर्म कामुक रंडियां। अंदर छुपी हवस जब सामने आयी ।

किस तरह की कहानी चाहते हैं आप , Tell me your taste .


  • Total voters
    770

Suhani Verma

Bitch but sanskari 🔥
115
209
59
ऐसी कमेंट पढ़कर दिल खुश हो जाता है दोस्त । पर माफ करना इस बार update थोड़ा देर से आएगा । मैं office trip par out of city आया हूँ कुछ दिनों के लिए ।
Koi bat nhi. Hum wait karenge besabri se .. ap apne kam ko karne k bad update dijiyega
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
43,856
114,414
304
ऐसी कमेंट पढ़कर दिल खुश हो जाता है दोस्त । पर माफ करना इस बार update थोड़ा देर से आएगा । मैं office trip par out of city आया हूँ कुछ दिनों के लिए ।
Intzar rahega
 

Zeba

Active Member
1,427
2,168
143
इतना सुन कर पूजा जिसे ऐसा करने मे काफ़ी लाज़ लग रही थी उसने सबसे पहले अपनी आँखें ही बंद कर ली फिर मुँह को और चौड़ा किया और जीभ को बाहर कर ली जिससे उसके मुँह मे एक बड़ा सा रास्ता तैयार हो गया.

धर्मवीर ने एक नज़र से उसके मुँह के अंदर देखा तो पूजा के गले की कंठ एक दम सॉफ दीख रही थी। मुँह के अंदर जीभ, दाँत और मंसुड़ों मे थूक फैला भी सॉफ दीख रहा था ।

IMG-20200808-195118
धरवीर- मुँह ऐसे ही चौड़ा रखना समझी ,बंद मत करना । अब तुम्हारे मुँह के अंदर की लाज़ मैं अपने लंड से ख़त्म कर दूँगा और तुम भी एक बेशर्म औरत की तरह गंदी बात अपने मुँह से निकाल सकती हो । यानी एक मुँहफट बन जाओगी । और बिना मुँह मे लंड लिए कोई औरत यदि गंदी बात बोलती है तो उसे पाप पड़ता है । गंदी बात बोलने या मुँहफट होने के लिए कम से कम एक बार लंड को मुँह मे लेना ज़रूरी होता है ।

अगले पल धर्मवीर ने बगल मे बैठी हुई पूजा के सर पर एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से अपने लंड को पूजा के हाथ से ले कर लंड के उपर पूजा का चौड़ा किया हुआ मुँह लाया और खड़े और तननाए लंड को पूजा के चौड़े किए हुए मुँह के ठीक बीचोबीच निशाना लगाते हुए मुँह के अंदर तेज़ी से ठेल दिया और पूजा के सिर को भी दूसरे हाथ से ज़ोर से दबा कर पकड़े रहे।

लंड चौड़े मुँह मे एकदम अंदर घुस गया और लंड का सुपाड़ा पूजा के गले के कंठ से टकरा गया और पूजा घबरा गयी और लंड निकालने की कोशिस करने लगी लेकिन धर्मवीर उसके सिर को ज़ोर से पकड़े थे जिस वजह से वह कुछ कर नही पा रही थी।

धर्मवीर अगले पल अपने कमर को उछाल कर पूजा के गले मे लंड चाँप दिए और पूजा को ऐसा लगा कि उसकी साँस रुक गयी हो और मर जाएगी ।
इस तड़फ़ड़ाहट मे उसके आँखों मे आँसू आ गये और लगभग रोने लगी और लंड निकालने के लिए अपने एक हाथ से लंड को पकड़ना चाही लेकिन लंड का काफ़ी हिस्सा मुँह के अंदर घुस कर फँस गया था और उसके हाथ मे लंड की जड़ और झांटें और दोनो गोल गोल अंडे ही आए और पूजा के नाक तो मानो धर्मवीर के झांट मे दब गयी थी ।

पूजा की कोसिस बेकार हो जा रही थी क्योंकि धर्मवीर ने पूजा के सर के बॉल पकड़ कर उसे अपने लंड पर दबाए थे और अपनी कमर को उछाल कर लंड मुँह मे ठेल दे रहे थे ।

दूसरे पल पंडित जी पूजा के सिर पर के हाथ को हटा लिए और पूजा तुरंत अपने मुँह के अंदर से लंड को निकाल कर खांसने लगी और अपने दोनो हाथों से आँखों मे आए आँसुओं को पोंछने लगी ।

इधर लंड मुँह के अंदर से निकलते ही लहराने लगा। लंड पूजा के थूक और लार से पूरी तरह नहा चुका था ।

धर्मवीर खाँसते हुए सावित्री से बोले - चलो तुम्हारे गले के कंठ को अपने लौड़े से चोद दिया है अब तुम किसी भी असलील और गंदे शब्दों का उच्चारण कर सकती हो और एक बढ़िया मुहफट बन सकती हो ।
मुहफट औरतें बहुत मज़ा लेती हैं । आगे बोले - औरतों को जीवन मे कम से कम एक बार मर्द के लंड से अपने गले की कंठ को ज़रूर चुदवाना चाहिए . इसमे थोडा ज़ोर लगाना पड़ता है .ताकि लंड का सुपाड़ा गले के कंठ को छू सके और कंठ मे असलीलता और बेशर्मी का समावेश हो जाए।

पूजा अभी भी खांस रही थी और धर्मवीर की बातें चुपचाप सुन रही थी। धर्मवीर के गले मे लंड के ठोकर से कुछ दर्द हो रहा था ।फिर पूजा की नज़रें धर्मवीर के टंटनाये लंड पर पड़ी जो की थूक और लार से पूरा भीग चुका था।

धर्मवीर बोला - मैने जो अभी तेरे साथ किया है इसे कंठ चोदना कहते हैं । और जिस औरत की एक बार कंठ चोद दी जाती है वह एक काफ़ी रंगीन और बेशरम बात करने वाली हो जाती है। ऐसी औरतों को मर्द बहुत चाहतें हैं । ऐसी औरतें गंदी और अश्लील कहानियाँ भी खूब कहती हैं जिसे मर्द काफ़ी चाव से सुनते हैं । वैसे कंठ की चुदाई जवानी मे ही हो जानी चाहिए। आजकल कंठ की चुदाई बहुत कम औरतों की हो पाती है क्योंकि बहुत लोग तो यह जानते ही नही हैं समझी । अब तू मज़ा कर पूरी जिंदगी ।


पूजा के मन मे डर था कि फिर से कहीं लंड को गले मे ठूंस ना दें इस वजह से वह लौड़े के तरफ तो देख रही थी लेकिन चुपचाप बैठी थी ।

तभी धर्मवीर बोले - चलो मुँह फिर चौड़ा कर , घबरा मत इस बार केवल आधा ही लंड मुँह मे पेलुँगा । अब दर्द नही होगा । मुँह मे लंड को आगे पीछे कर के तुम्हारा मुँह चोदुन्गा जिसे मुँह मारना कहतें हैं । यह भी ज़रूरी है तुम्हारे लिए इससे तुम्हारी आवाज़ काफ़ी सुरीली होगी ।चलो मुँह खोलो ।

पूजा ने फिर अपना मुँह खोला लेकिन इस बार सजग थी की लंड कहीं फिर काफ़ी अंदर तक ना घूस जाए।

धर्मवीर ने पूजा के ख़ूले मुँह मे लंड बड़ी आसानी से घुसाया और लंड कुछ अंदर घुसने के बाद उसे आगे पीछे करने के लिए कमर को बैठे ही बैठे हिलाने लगे और पूजा के सिर को एक हाथ से पकड़ कर उपर नीचे करने लगे। उनका गोरे रंग का मोटा और तनतनाया हुआ लंड पूजा के मुँह मे घूस कर आगे पीछे होने लगा ।

पूजा के जीभ और मुँह के अंदर तालू से लंड का सुपाड़ा रगड़ाने लगा वहीं पूजा के मुँह के दोनो होंठ लंड की चमड़ी पर कस उठी थी मानो मुँह के होंठ नही बल्कि चूत की होंठ हों।

धर्मवीर एक संतुलन बनाते हुए एक लय मे मुँह को चोदने लगे।


IMG-20200808-195028
धर्मवीर बोले - ऐसे ही रहना इधर उधर मत होना । बहुत अच्छे तरीके से तेरा मुँह मार रहा हूँ । साबाश ।
इसके साथ ही उनके कमर का हिलना और पूजा के मुँह मे लंड का आना जाना काफ़ी तेज होने लगा।
पूजा को भी ऐसा करवाना बहुत अच्छा लग रहा था. ।
उसकी चूत मे लिसलिसा सा पानी आने लगा ।
पूजा अपने मुँह के होंठो को धर्मवीर के पिस्टन की तरह आगे पीछे चल रहे लंड पर कस ली और मज़ा लेने लगी ।
अब पूरा का पूरा लंड और सुपाड़ा मुँह के अंदर आ जा रहा था ।
कुछ देर तक धर्मवीर ने पूजा के मुँह को ऐसे ही चोदते रहे और पूजा की चूत मे चुनचुनी उठने लगी ।

वह लाज के मारे कैसे कहे की चूत अब तेज़ी से चुनचुना रही है मानो चीटिया रेंग रही हों । अभी भी लंड किसी पिस्टन की तरह पूजा के मुँह मे घूस कर आगे पीछे हो रहा था, लेकिन चूत की चुनचुनाहट ज़्यादे हो गयी और पूजा के समझ मे नही आ रहा था कि धर्मवीर के सामने ही कैसे अपनी चुनचुना रही चूत को खुज़लाए ।
इधर मुँह मे लंड वैसे ही आ जा रहा था और चूत की चुनचुनाहट बढ़ती जा रही थी ।

आख़िर पूजा का धीरज टूटने लगा उसे लगा की अब चूत की चुनचुनाहट मिटाने के लिए हाथ लगाना ही पड़ेगा ।
और अगले पल ज्योन्हि अपने एक हाथ को चूत के तरफ ले जाने लगी और धर्मवीर की नज़र उस हाथ पर पड़ी और कमरे मे एक आवाज़ गूँजी।

IMG-20200808-195105

धर्मवीर - रूक चूत पर हाथ मत लगाना । लंड मुँह से निकाल और चटाई पर लेट जा । तैयार हो गई है तू अब लंड है तू अब लंड खाने के लिए। हाथ से इस चूत की बेईजती मत कर इस चूत की रगड़ाई तो मैं अपने लंड से करूंगा । अपनी चूत के पानी को अपने हाथ पर खराब मत कर इससे तो मैं अपना लौड़ा नहलाऊंगा आज । तू क्या सोच रही है कि मैं बस तुझे ही ठंडा करूं कुतिया। मुझे ठंडा कौन करेगा मैं तेरी चूत के पानी से ही तो ठंडा होना चाहता हूं ।
इसे बेकार मत कर मुझे नहला अपनी चूत के पानी में । देखूं तो कि बहन की बहन भी रंडी ही है या कोई सती सावित्री है । सती सावित्री तो तू नहीं हो सकती क्योंकि तेरे लंड की भूख भूख तेरी आंखों में दिख रही है । तू तो वह गरम कुतिया है जिसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर चूत में लंड भकाभक पेला जाए।

पूजा का हाथ तो वहीं रुक गया लेकिन चूत की चुनचुनाहट नही रुकी और बढ़ती गयी ।

धर्मवीर जी का आदेश पा कर पूजा ने मुँह से लंड निकाल कर तुरंत चटाई पर लेट गयी। और बर की चुनचुनाहट कैसे ख़त्म होगी यही सोचने लगी और एक तरह से तड़पने लगी।

धर्मवीर लपक कर पूजा के दोनो जांघों के बीच ज्योहीं आए की पूजा ने अपने दोनो मोटी और लगभग गदरायी जांघों को चौड़ा कर दी और दूसरे पल धर्मवीर ने अपने हाथ के बीच वाली उंगली को चूत के ठीक बीचोबीच लिसलिशसाई चूत मे गच्च.. की आवाज़ के साथ पेल दिया और धर्मवीर की गोरे रंग की बीच वाली लंबी उंगली जो मोटी भी थी पूजा के एकदम से काले और भैंस की तरह झांटों से भरी चूत मे आधा से अधिक घूस कर फँस सा गयी ।

IMG-20200808-195410

पूजा लगभग चीख पड़ी और अपने बदन को मरोड़ने लगी ।
धर्मवीर अपनी उंगली को थोड़ा सा बाहर करके फिर चूत में घुसेड़ दिए और अब गोरे रंग की उंगली काली रंग की चूत मे पूरी की पूरी घूस गयी ।

धर्मवीर ने पूजा की काली चूत मे फँसी हुई उंगली को देखा और महसूस किया कि फूली हुई चूत जो काफ़ी लिसलिसा चुकी थी , अंदर काफ़ी गर्म थी और चूत के दोनो काले काले होंठ भी फड़फड़ा रहे थे ।

चटाई मे लेटी पूजा की साँसे काफ़ी तेज थी और वह हाँफ रही थी साथ साथ शरीर को मरोड़ रही थी ।

धर्मवीर चटाई मे सावित्री के दोनो जांघों के बीच मे बैठे बैठे अपनी उंगली को चूत में फँसा कर उसकी काली रंग की फूली हुई चूत की सुंदरता को निहार रहे थे कि चटाई मे लेटी और हाँफ रही पूजा ने एक हाथ से धर्मवीर की चूत मे फँसे हुए उंगली वाले हाथ को पकड़ ली ।

धर्मवीर की नज़र पूजा के चेहरे की ओर गयी तो देखे कि वह अपनी आँखें बंद करके मुँह दूसरे ओर की है एर हाँफ और कांप सी रही थी।
तभी पूजा के इस हाथ ने धर्मवीर के हाथ को चूत मे उंगली आगे पीछे करने के लिए इशारा किया ।

पूजा का यह कदम एक बेशर्मी से भरा था । वह अब लाज़ और शर्म से बाहर आ गयी थी।

धर्मवीर समझ गये की चूत काफ़ी चुनचुना रही है इसी लिए वह एकदम बेशर्म हो गयी है ।

और इतना देखते ही धर्मवीर ने अपनी उंगली को काली चूत मे कस कस कर आगे पीछे करना शुरू किया ।
पूजा ने कुछ पल के लिए अपने हाथ धर्मवीर के हाथ से हटा लिया ।
धर्मवीर पूजा की चूत अब अपने हाथ के बीच वाली उंगली से कस कस कर चोद रहे थे ।
अब पूजा ने अपने जाँघो को काफ़ी चौड़ा कर दीया ।पूजा की जांघे तो साँवली थी लेकिन जाँघ के चूत के पास वाला हिस्सा काला होता गया था और जाँघ के कटाव जहाँ से चूत की झांटें शुरू हुई थी, वह काला था और चूत की दोनो फांके तो एकदम से ही काली थी जिसमे धर्मवीर का गोरे रंग की उंगली गच्च गच्च जा रही थी ।
जब उंगली चूत मे घूस जाती तब केवल हाथ ही दिखाई पड़ता और जब उंगली बाहर आती तब चूत के काले होंठो के बीच मे कुछ गुलाबी रंग भी दीख जाती थी ।
धर्मवीर काली और फूली हुई झांटों से भरी चूत पर नज़रें गढ़ाए अपनी उंगली को चोद रहे थे कि पूजा ने फिर अपने एक हाथ से धर्मवीर के हाथ को पकड़ी और चूत मे तेज़ी से खूद ही चोदने के लिए जोर लगाने लगी ।

पूजा की यह हरकत काफ़ी गंदी और अश्लील थी लेकिन धर्मवीर समझ गये कि अब पूजा झड़ने वाली है और उसका हाथ धर्मवीर के हाथ को पकड़ कर तेज़ी से चूत मे चोदने की कोशिस करने लगी जिसको देखते धर्मवीर अपने उंगली को पूजा की काली चूत मे बहुत ही तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया।


पूजा धर्मवीर के हाथ को बड़ी ताक़त से चूत के अंदर थेल रही थी लेकिन केवल बीच वाली उंगली ही चूत मे घूस रही थी ।

अचानक पूजा तेज़ी से सिसकाते हुए अपने पीठ को चटाई मे एक धनुष की तरह तान दी और कमर का हिस्सा झटके लेने लगा ही था की पूजा चीख पड़ी - आररीए माई री माईए सी उउउ री माएई रे बाप रे ...आअहह ।
और धर्मवीर के उंगली को चूत ने मानो कस लिया । और गर्म गर्म रज चूत मे अंदर से निकलने लगा और धर्मवीर की उंगली भींग गयी ।
फिर धर्मवीर के हाथ पर से पूजा ने अपने हाथ हटा लिए और चटाई मे सीधी लेट कर आँखे बंद कर के हाँफने लगी।

धर्मवीर ने देखा की पूजा अब झाड़ कर शांत हो रही है ।
फिर चूत मे से अपने उंगली को बाहर निकाले जिसपर सफेद रंग का कमरस यानी रज लगा था और बीच वाली उंगली के साथ साथ बगल वाली उंगलियाँ भी चूत के लिसलिसा पानी से भीग गये थे।

धर्मवीर की नज़र जब पूजा की चूत पर पड़ी तो देखा की चूत की दोनो होंठ कुछ कांप से रहे थे , और चूत का मुँह, अगल बगल के झांट भी लिसलिस्से पानी से भीग गये थे ।

तभी बीच वाली उंगली के उपर लगे कमरस को धर्मवीर अपने मुँह मे ले कर चाटने लगे और पूजा की आँखें बंद थी लेकिन उसके कान मे जब उंगली चाटने की आआवाज़ आई तो समझ गयी की धर्मवीर फिर चूत वाली उंगली को चाट रहे होंगे ।
और यही सोच कर काफ़ी ताक़त लगाकर अपनी आँखे खोली तो देखी की धर्मवीर अपनी बीच वाली उंगली के साथ साथ अगल बगल की उंगलिओ को भी बड़े चाव से चाट रहे थे ।
उंगलिओ को चाटने के बाद पूजा ने देखा की धर्मवीर बीच वाली उंगली को सूंघ भी रहे थे ।
फिर पूजा की चूत की तरफ देखे और उंगली चुदाई का रस और चूत के अंदर से निकला रज कुछ चूत के मुँह पर भी लगा था।

पूजा अपने दोनो मोटी मोटी साँवले रंग के जांघों को जो को फैली हुई थी , आपस मे सटना चाहती थी लेकिन धर्मवीर उसकी चूत को काफ़ी ध्यान से देख रहे थे और दोनो जांघों के बीच मे ही बैठे थे और इन दोनो बातों को सोच कर पूजा वैसे ही जांघे फैलाए ही लेटी रही।

पूजा अब धर्मवीर के चेहरे की ओर देख रही थी ।झड़ जाने के वजह से हाँफ रही थी । तभी उसकी नज़र उसकी जांघों के बीच मे बैठे धर्मवीर के लंड पर पड़ी जो अभी भी एक दम तनतनाया हुआ था और उसकी छेद मे से एक पानी का लार टपाक रही थी ।

अचानक धर्मवीर एक हाथ से पूजा की चूत के झांटों को जो बहुत ही घनी थी उसपर हाथ फिराया और चूत पर लटकी झांटें कुछ उपर की ओर हो गयीं और चूत का मुँह अब सॉफ दिखाई देने लगा। फिर भी चूत के काले होंठो के बाहरी हिस्से पर भी कुछ झांट के बॉल उगे थे जिसे धर्मवीर ने अपनी उंगलिओ से दोनो तरफ फैलाया और अब चूत के मुँह पर से झांटें लगभग हट गयीं थी।

धर्मवीर ऐसा करते हुए पूजा की काली काली चूत के दोनो होंठो को बहुत ध्यान से देख रहे थे और पुजा चटाई मे लेटी हुई धर्मवीर के मुँह को देख रही थी और सोच रही थी की धर्मवीर कितने ध्यान से उसकी चूत के हर हिस्से को देख रहे हैं और झांट के बालों को भी काफ़ी तरीके से इधर उधर कर रहे है।


धर्मवीर का काफ़ी ध्यान से चूत को देखना पूजा को यह महसूस करा रहा था की उसकी जांघों के बीच के चूत की कितनी कीमत है और धर्मवीर जैसे लोंगों के लिए कितना महत्व रखती है ।
यह सोच कर उसे बहुत खुशी और संतुष्टि हो रही थी।
पूजा को अपने शरीर के इस हिस्से यानी चूत की कीमत समझ आते ही मन आत्मविश्वास से भर उठा।


धर्मवीर अभी भी उसकी चूत को वैसे ही निहार रहे थे और अपने हाथ की उंगलिओ से उसकी चूत के दोनो फांकों को थोड़ा सा फैलाया और अंदर की गुलाबी हिस्से को देखने लगे।


पूजा भी धर्मवीर की लालची नज़रों को देख कर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी की उसकी चूत की कीमत कितनी ज़्यादा है और धर्मवीर ऐसे देख रहे हैं मानो किसी भगवान का दर्शन कर रहे हों ।

तभी अचानक धर्मवीर को चूत के अंदर गुलाबी दीवारों के बीच सफेद पानी यानी रज दिखाई दे गया जो की पूजा के झड़ने के वजह से था।

धर्मवीर ने अब अगले कदम जो उठाया की पूजा को मानो कोई सपना दिख रहा हो ।
पूजा तो उछल सी गयी और उसे विश्वास ही नही हो रहा था। क्योंकि धर्मवीर अपने मुँह पूजा के चूत के पास लाए और नाक को चूत के ठीक बेचोबीच लगाकर तेज़ी से सांस अंदर की ओर खींचे और अपनी आँखे बंद कर के मस्त हो गये ।

चूत की गंध नाक मे घुसते ही धर्मवीर के शरीर मे एक नयी जवानी की जोश दौड़ गया।
फिर अगला कदम तो मानो पूजा के उपर बिजली ही गिरा दी।
धर्मवीर पूजा की चूत के मुँह को चूम लिए और पूजा फिर से उछल गयी।

पूजा को यकीन नही हो रहा था की धर्मवीर जैसे लोग जो की जात पात और उँछ नीच मे विश्वास रखते हों और उसकी पेशाब वाले रास्ते यानी चूतों को सूंघ और चूम सकते हैं ।
वह एक दम से आश्चर्या चकित हो गयी थी. उसे धर्मवीर की ऐसी हरकत पर विश्वास नही हो रहा था ।लेकिन यह सच्चाई थी।

पूजा अपने सहेलिओं से यह सुनी थी की आदमी लोग औरतों की चूत को चूमते और चाटते भी हैं लेकिन वह यह नही सोचती थी की धर्मवीर जैसे लोग भी उसकी चूत पर अपनी मुँह को लगा सकता हैं ।

पूजा चटाई पर लेटी हुई धर्मवीर के इस हरकत को देख रही थी और एकदम से सनसना उठी थी ।
उसके मन मे यही सब बाते गूँज ही रही थी कि धर्मवीर ने अगला काम शुरू कर ही दिया पूजा जो केवल धर्मवीर के सिर को की देख पा रही थी क्योंकि चटाई मे लेटे लेटे केवल सिर ही दिखाई पड़ रहा था ।

उसे महसूस हुआ की धर्मवीर क़ी जीभ अब चूत के फांकों पर फिर रही है और जीभ मे लगा थूक चूत की फांको पर भी लग रहा था ।

धर्मवीर के इस कदम ने पूजा को हिला कर रख दिया ।पूजा कभी सोची नही थी की धर्मवीर उसकी चूत को इतना इज़्ज़त देंगे ।
उसका मन बहुत खुश हो गया । उसे लगा की आज उसे जीवन का सबसे ज़्यादा सम्मान या इज़्ज़त मिल रहा है। वह आज अपने को काफ़ी उँचा महसूस करने लगी थी। उसके रोवे रोवे मे खुशी, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान भरने लगा । उसने अपने साँवले और मोटे मोटे जांघों को और फैला दी जिससे उसके पावरोटी जैसी फूली हुई चूत के काले काले दोनो होंठ और खूल गये और पंडित जी का जीभ दोनो फांकों के साथ साथ चूत की छेद मे भी घुसने लगा।

पूजा जो थोड़ी देर पहले ही झड़ गयी थी फिर से गर्म होने लगी और उसे बहुत मज़ा आने लगा ।
चुत पर जीभ का फिरना तेज होने लगा तो पूजा की गर्मी भी बढ़ने लगी।


IMG-20200808-195421
उसे जहाँ बहुत मज़ा आ रहा था वहीं उसे अपने चूत और शरीर की कीमत भी समझ मे आने लगी जिस वजह से आज उसे धर्मवीर इतने इज़्ज़त दे रहे थे ।

जब धर्मवीर चूत पर जीभ फेरते हुए सांस छोड़ते । तब सांस उनकी नाक से निकल कर सीधे झांट के बालों मे जा कर टकराती और जब सांस खींचते तब झांटों के साथ चूत की गंध भी नाक मे घूस जाती और धर्मवीर मस्त हो जाते ।

फिर धर्मवीर ने अपने दोनो हाथों से काली चूत के दोनो फांकों को फैला कर अपने जीभ को बुर छेद मे घुसाना शुरू किया तो पूजा का पूरा बदन झंझणा उठा । वह एक बार कहर उठी । उसे बहुत मज़ा मिल रहा था।
आख़िर धर्मवीर की जीभ चूत की सांकारी छेद मे घुसने की कोशिस करने लगी और चूत के फांकों के बीच के गुलाबी हिस्से मे जीभ घुसते ही पूजा की चूत एक नये लहर से सनसनाने लगी। और अब जीभ चूत के गुलाबी हिस्से मे घुसने के लिए जगह बनाने लगी ।
जीभ का अगला हिस्सा हो काफ़ी नुकीला जैसा था वह चूत के अंदर के गुलाबी भाग को अब फैलाने और भी अंदर घुसने लगा था ।यह पूजा को बहुत सॉफ महसूस हो रहा था की धर्मवीर की जीभ अब उसकी चूत मे घूस रही है ।

पूजा बहुत खुस हो रही थी ।उसने अपने चूत को कुछ और उचकाने के कोशिस ज्योन्हि की धर्मवीर ने काफ़ी ज़ोर लगाकर जीभ को बुर के बहुत अंदर घुसेड दिया जी की चूत की गुलाबी दीवारों के बीच दब सा गया था । लेकिन जब जीभ आगे पीछे करते तब पूजा एकदम से मस्त हो जाती थी।

पूजा की मस्ती इतना बढ़ने लगी की वह सिसकारने लगी और चूत को धर्मवीर के मुँह की ओर ठेलने लगी थी। मानो अब कोई लाज़ शर्म पूजा के अंदर नही रह गई थी।


धर्मवीर समझ रहे थे की पूजा को बहुत मज़ा आ रहा है चूत को चटवाने मे. फिर पंडित जी ने अपने दोनो होंठो से चूत के दोनो फांकों को बारी बारी से चूसने लगे तो पूजा को लगा की तुरंत झड़ जाएगी ।


फिर धर्मवीर चूत की दोनो फांको को खूब चूसा जिसमे कभी कभी अगल बगल की झांटें भी धर्मवीर के मुँह मे आ जाती थी ।
दोनो फांकों को खूब चूसने के बाद जब पूजा की चूत के दरार के उपरी भाग मे दाना जो की किसी छोटे मटर के दाने की तरह था , मुँह मे लेकर चूसे तो पूजा एकदम से उछल पड़ी और धर्मवीर के सर को पकड़ कर हटाने लगी।


उसके शरीर मे मानो बिजली दौड़ गयी । पर धर्मवीर ने उसके दाने को तो अपने दोनो होंठो के बीच ले कर चूसते हुए चूत की दरार मे फिर से बीच वाली उंगली पेल दी और पूजा चिहूंक सी गयी और उंगली को पेलना जारी रखा।

दाने की चुसाई और उंगली की पेलाई से पूजा फिर से ऐंठने लगी और यह काम धर्मवीर तेज़ी से करते जा रहे थे नतीजा की पूजा ऐसे हमले को बर्दाश्त ना कर सकी और एक काफ़ी गंदी चीख के साथ झड़ने लगी । और धर्मवीर जी ने तुरंत उंगली को निकाल कर जीभ को फिर से चूत के गहराई मे थेल दिए और दाने को अपने एक हाथ की चुटकी से मसल दिया.

चूत से पानी निकल कर पंडित जी के जीभ पर आ गया और काँपति हुई पूजा के काली चूत मे घूसी धर्मवीर की जीभ चूत से निकल रहे रज को चाटने लगे और एक लंबी सांस लेकर मस्त हो गये ।


पूजा झाड़ कर फिर से हाँफ रही थी। आँखे बंद हो चुकी थी। मन संतुष्ट हो चुका था।

धर्मवीर अपना मुँह चूत के पास से हटाया और एक बार फिर चूत को देखा। वह भी आज बहुत खुस थे क्योंकि जवान और इस उम्र की काली चूत चाटना और रज पीना बहुत ही भाग्य वाली बात थी ।

पूजा भले ही सांवली थी लेकिन चूत काफ़ी मांसल और फूली हुई थी और ऐसी बुर बहुत कम मिलती है चाटने के लिए। ऐसी लड़कियो की चूत चाटने से मर्द की यौन ताक़त काफ़ी बढ़ती है । यही सब सोच कर फिर से चूत के फूलाव और काली फांकों को देख रहे थे ।

पूजा दो बार झाड़ चुकी थी इस लिए अब कुछ ज़्यादे ही हाँफ रही थी। लेकिन धर्मवीर जानते थे की पूजा का भरा हुआ गदराया शरीर इतना जल्दी थकने वाला नही है और इस तरह की गदराई और तन्दरूश्त लड़कियाँ तो एक साथ कई मर्दों को समहाल सकती हैं। फिर पूजा की जांघों के बीचोबीच आ गये और अपने खड़े और तननाए लंड को चूत की मुँह पर रख दिए।

लंड के सुपाड़े की गर्मी पाते ही पूजा की आँखे खूल गयी और कुछ घबरा सी गयी और धर्मवीर की ओर देखने लगी ।

दो बार झड़ने के बाद ही तुरंत लंड को चूत के मुँह पर भिड़ाकर धर्मवीर ने पूजा के मन को टटोलते हुए पूछा - चुदने का मन है ..या रहने दें...बोलो ?

पूजा जो की काफ़ी हाँफ सी रही थी और दो बार झाड़ जाने के वजह से बहुत संतुष्ट से हो गयी थी फिर भी चूत के मुँह पर दहकता हुआ लंड का सुपाड़ा पा कर बहुत ही धर्म संकट मे पड़ गयी ।
इस खेल मे उसे इतना मज़ा आ रहा था की उसे नही करने की हिम्मत नही हो रही थी। लेकिन कुछ पल पहले ही झड़ जाने की वजह से उसे लंड की ज़रूरत तुरंत तो नही थी लेकिन चुदाई का मज़ा इतना ज़्यादे होने के वजह से उसने धर्मवीर को मना करना यानी लंड का स्वाद ना मिलने के बराबर ही था ।
इस कारण वह ना करने के बजाय हा कहना चाहती थी यानी चुदना चाहती थी । लेकिन कुच्छ पल पहले ही झड़ने की वजह से शरीर की गर्मी निकल गयी थी और उसे हाँ कहने मे लाज़ लग रही थी । और वह चुदना भी चाहती थी।

पूजा ने देखा की धर्मवीर उसी की ओर देख रहे थे शायद जबाव के इंतजार मे।
पूजा के आँखें ज्योन्हि धर्मवीर की आँखों से टकराई की वह लज़ा गयी और अपने दोनो हाथों से अपनी आँखें मूंद ली और सिर को एक तरफ करके हल्का सा कुछ रज़ामंदी मे मुस्कुरई ही थी की धर्मवीर ने अपने लंड को अपने पूरे शरीर के वजन के साथ उसकी काली और कुच्छ गीली चूत मे ठेला ही था की पूजा का मुँह खुला - आरे बाअप रे माईए । और अपने एक हाथ से धर्मवीर का लंड और दूसरी हाथ से उनका कमर पकड़ने के लिए झपटी लेकिन तब तक धर्मवीर के भारी शरीर का वजन जो की अपने गोरे मोटे लंड पर रख कर काली रंग की फूली हुई चूत में घुसेड़ चुके थे और नतीज़ा की भारी वजन के वजह से आधा लंड पूजा की काली चूत मे घूस चुका था।


IMG-20200808-195321

अब पूजा के बस की बात नही थी की घूसे हुए लंड को निकाले या आगे घूसने से रोक सके । लेकिन पूजा का जो हाथ धर्मवीर के लंड को पकड़ने की कोशिस की वह उनका आधा ही लंड पकड़ सकी और पूजा को लगा मानो लंड नही बल्कि कोई गरम लोहे की छड़ हो।

अगले पल धर्मवीर अपने शरीर के वजन जो की अपने लंड के उपर ही रख सा दिया था , कुछ कम करते हुए लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा तो चूत से जितना हिस्सा बाहर आया उसपर बुर का लिसलिसा पानी लगा था।

अगले पल अपने शरीर का वजन फिर से लंड पर डालते हुए हुमच दिए और इसबार लंड और गहराई तक घूस तो गया लेकिन पुजा चटाई मे दर्द के मारे ऐंठने लगी.

धर्मवीर ने देखा की अब उनका गोरा और मोटा लंड झांटो से भरी चूत मे काफ़ी अंदर तक घूस कर फँस गया है तब अपने दोनो हाथों को चटाई मे दर्द से ऐंठ रही पूजा की दोनो गोल गोल साँवले रंग की चुचिओ पर रख कर कस के पकड़ लिया और मीज़ना शुरू कर दिया।


पूजा अपनी चुचिओ पर धर्मवीर के हाथ का मीसाव पा कर मस्त होने लगी और उसकी चूत मे का दर्द कम होने लेगा।
पूजा को बहुत ही मज़ा मिलने लगा। वैसे उसकी मांसल और बड़ी बड़ी गोल गोल चुचियाँ किसी बड़े अमरूद से भी बड़ी थी और किसी तरह धर्मवीर के पूरे हाथ मे समा नही पा रही थी।

धर्मवीर ने चुचिओ को ऐसे मीज़ना शुरू कर दिया जैसे आटा गूथ रहे हों। चटाई मे लेटी पूजा ऐसी चुचि मिसाई से बहुत ही मस्त हो गयी और उसे बहुत अच्छा लगने लगा था ।

उसका मन अब चूत मे धन्से हुए मोटे लंड को और अंदर लेने का करने लगा। लेकिन चटाई मे लेटी हुई आँख बंद करके मज़ा ले रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चुचिओ के मीसावट से मस्त हुई पूजा का मन अब लंड और अंदर लेने का करने लगा लेकिन धर्मवीर केवल लंड को फँसाए हुए बस चुचिओ को ही मीज़ रहे थे। चुचिओ की काली घुंडिया एक दम खड़ी और चुचियाँ लाल हो गयी थी।


पूजा की साँसे अब तेज चल रही थी। सावित्री को अब बर्दाश्त नही हो पा रहा था और उसे लंड को और अंदर लेने की इच्छा काफ़ी तेज हो गयी। और धीरज टूटते ही धर्मवीर के नीचे दबी हुई पूजा ने नीचे से ही अपने चूतड़ को उचकाया ।

धर्मवीर इस हरकत को समझ गये और अगले पल पूजा के इस बेशर्मी का जबाव देने के लिए अपने शरीर की पूरी ताक़त इकठ्ठा करके अपने पूरे शरीर को थोड़ा सा उपर की ओर उठाया तो लंड आधा से अधिक बाहर आ गया। और चुचिओ को वैसे ही पकड़े हुए एक हुंकार मारते हुए अपने लंड को चूत मे काफ़ी ताक़त से घुसेड़ दिया और नतीज़ा हुआ कि चूत जो चुचिओ की मीसावट से काफ़ी गीली हो गयी थी, लंड के इस जबर्दाश्त दबाव को रोक नही पाई और धर्मवीर के कसरती बदन की ताक़त से चांपा गया लंड चूत मे जड़ तक धँस कर काली चूत मे गोरा लंड एकदम से कस गया ।

चूत मे लंड की इस जबर्दाश्त घूसाव से पूजा मस्ती मे उछल पड़ी और चीख सी पड़ी "सी रे ....माई ... बहुत मज़ाअ एयेए राहाआ हाइईइ आअहह..."

IMG-20200808-195312


फिर धर्मवीर ने अपने लंड की ओर देखा तो पाया कि लंड का कोई आता पता नही था और पूरा का पूरा पूजा की काली और झांटों से भरी हुई चूत जो अब बहुत गीली हो चुकी थी, उसमे समा गया था।


धर्मवीर यह देख कर हंस पड़े और एक लंबी साँस छोड़ते हुए बोले - तू बड़ी ही गदराई हुई घोड़ी है । तेरी चूत अपनी बहन की तरह बड़ी ही रसीली और गरम है..तुझे चोद्कर तो मेरा मन यही सोच रहा कि तेरी बहन की गांड का भी स्वाद किसी दिन दोबारा पेल कर ले लू.....क्यों ....कुच्छ बोल ...।

पूजा जो चटाई मे लेटी थी और पूरे लंड के घूस जाने से बहुत ही मस्ती मे थी कुच्छ नही बोली क्योंकि धर्मवीर का मोटा लंड उसकी चूत के दीवारों के रेशे रेशे को खींच कर चौड़ा कर चुका था , और उसे दर्द के बजाय बहुत मज़ा मिल रहा था ।

धर्मवीर के मुँह से अपनी बहन उपासना के बारे मे ऐसी बात सुनकर उसे अच्च्छा नही लगा लेकिन मस्ती मे वह कुछ भी बोलना नही पसंद कर रही थी ।

बस उसका यही मन कर रहा था की धर्मवीर उस घूसे हुए मोटे लंड को आगे पीछे करें।

जब धर्मवीर ने देखा की पूजा ने कोई जबाव नही दिया तब फिर बोले - खूद तो चूत मे मोटा लौड़ा लील कर मस्त हो गयी है, और तेरी बहन के बारे मे कुछ बोला तो तेरे को बुरा लग रहा है साली हराम्जादि कहीं की । वो बेचारी विधवा का भी तो मन करता होगा कि किसी मर्द के साथ अपना मन शांत कर ले । लेकिन लोक लाज़ से और शरीफ है इसलिए बेचारी अपना जीवन घूट घूट कर जी रही है । क्यों ...बोलो सही कहा की नहीं ।


इतना कहते ही अगले पल धर्मवीर ने पूजा की दोनो चोचिओ को दोनो हाथों से थाम कर ताच.. ताच्छ... पेलना शुरू कर दिया।

धर्मवीर का गोरा और मोटा लंड जो चूत के लिसलिस्से पानी से अब पूरी तरीके से भीग चुका था, पूजा के झांटों से भरी काली चूत के मुँह मे किसी मोटे पिस्टन की तरह आगे पीछे होने लगा।

चूत का कसाव लंड पर इतना ज़्यादा था कि जब भी लंड को बाहर की ओर खींचते तब लंड की उपरी हिस्से के साथ साथ चूत की मांसपेशियाँ भी बाहर की ओर खींच कर आ जाती थी । और जब वापस लंड को चूत मे चाम्पते तब चूत के मुँह का बाहरी हिस्सा भी लंड के साथ साथ कुच्छ अंदर की ओर चला जाता था । लंड मोटा होने की वजह से चूत के मुँह को एकदम से चौड़ा कर के मानो लंड अपने पूरे मोटाई के आकार का बना लिया था ।

पूजा ने धर्मवीर के दूसरी बात को भी सुनी लेकिन कुछ भी नही बोली। वह अब केवल चुदना चाह रही थी । लेकिन धर्मवीर कुच्छ धक्के मारते हुए फिर बोल पड़े - मेरी बात तुम्हे ज़रूर खराब लगी होगी , क्योंकि मैने गंदे काम के लिए बोला । लेकिन तेरी दोनो जांघों को चौड़ा करके आज तेरी चूत चोद रहा हूँ । ये तुम्हें खराब नही लग रहा है....तुम्हे मज़ा मिल रहा है..शायद ये मज़ा तेरी बहन को भी मिले यह तुम्हे पसंद नही । दुनिया बहुत मतलबी है ।और तू भी तो इसी दुनिया की है ।

और इतना बोलते ही धर्मवीर हुमच हुमच कर चोदने लगे और पूजा ने उनकी ये बात सुनी लेकिन उसे अपने चूत को चुदवाना बहुत ज़रूरी था इसलिए बहन के बारे मे धर्मवीर के कहे बात पर ध्यान नही देना ही सही समझी ।

और अगले पल चूत मे लगी आग को बुझाने के लिए हर धक्के पर अपने चौड़े और सांवले रंग के दोनो चूतड़ों को चटाई से उपर उठा देती थी क्योंकि धर्मवीर के मोटे लंड को पूरी गहराई मे घूस्वा कर चुदवाना चाह रही थी पूजा।


IMG-20200808-194914


धर्मवीर के हर धक्के के साथ पूजा की चूत पूरी गहराई तक चुद रही थी । धर्मवीर का सुपाड़ा पूजा की चूत की दीवार को रगड़ रगड़ कर चोद रहा था।


पूजा जैसे सातवें आसमान पर उड़ रही हो ।धर्मवीर हर धाक्के को अब तेज करते जा रहे थे। लंड जब चूत मे पूरी तरह से अंदर धँस जाता तब धर्मवीर के दोनो टट्टे पूजा की गांड पर टकरा जाते थे ।

कुछ देर तक धर्मवीर पूजा को चटाई मे कस कस कर चोद्ते रहे । उनका लंड पूजा की कसी बुर मे काफ़ी रगड़ के साथ घूस्ता और निकलता था ।
मानो उस कसी हुई चूत को ढीला करने की कसम खायी हुई थी धर्मवीर ने ।

धर्मवीर को भी कसी हुई चूत का पूरा मज़ा मिल रहा था तो वहीं पूजा को भी धर्मवीर के कसरती शरीर और मोटे लंबे और तगड़े लंड का मज़ा खूब मिल रहा था। कमरे मे फच्च फच्च की आवाज़ भरने लगी।

पूजा के चूतड़ अब उपर की ओर उठने लगे और हर धक्के के साथ चटाई मे दब जाते थे । चूत से पानी भी निकलना काफ़ी तेज हो गया था इस वजह से चूत का निकला हुआ पानी पूजा की गांड की दरार से होता हुआ चटाई पर एक एक बूँद चूना शुरू हो गया ।


पूजा अब सिसकारने लगी थी ।
अचानक पूजा के शरीर मे एक ऐंठन शुरू होने लगी ही थी की धर्मवीर ने पूजा को कस कर जाकड़ लिया और उसकी गीली और चू रही काली चूत को काफ़ी तेज़ी से चोदने लगे । चुदाइ इतनी तेज होने लगी कि चूत से निकलने वाला पानी अब चूत के मुँह और लंड पर साबुन की तरह फैलने लगा।


जब लंड बाहर आता तब उसपर सफेद रंग के लिसलिसा पानी अब साबुन की झाग की तरह फैल जाता था ।

धर्मवीर पूजा को काफ़ी तेज़ी से चोद रहे थे लेकिन फिर पूजा गिड़गिडाना शुरू कर दी "...सीई....और....तेज...जी धर्मवीर जी ....जल्दी ...जल्दी........आह ।

धर्मवीर के कान मे ये शब्द पड़ते ही उनके शरीर मे झटके दार ऐंठन उठने लगी उनका कमर का हिस्सा अब झटका लेना शुरू कर दिया क्योंकि धर्मवीर जी के दोनो आंडों से वीर्य की एक तेज धारा चल पड़ी और धर्मवीर ने अपने पूरे शरीर की ताक़त लगाकर धक्के मारना शुरू कर दिया ।

अगले पल धर्मवीर पूजा के कमर को कस लिए और अपने लंड को चूत के एकदम गहराई मे चाँप कर लंड का अगला हिस्सा चूत की तलहटी मे पहुँचा दिया और लंड के छेद से एक गर्म वीर्य के धार तेज़ी से निकल कर ज्योन्हि चूत के गहराई मे गिरा कि पूजा वीर्य की गर्मी पाते ही चीख सी पड़ी " एयेए ही रे माइ रे बाप ...रे...बाप...आरी धर्मवीर बहुत मज़ा ....आ रा..हा ही रे मैया..." और पूजा की चूत से वीर्य निकल कर लंड पर पड़ने लगा ।

धर्मवीर का लंड काफ़ी देर तक झटके ले ले कर वीर्य को चूत मे उडेल रहा था । लगभग पूरी तरीके से झड़ जाने के बाद धर्मवीर ने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और अगले पल वापस चूत मे घुसेड़कर वीर्य की आख़िरी बूँद भी उडेल दी ।

अब दोनो हाँफ रहे थे और धर्मवीर ने पूजा के उपर से हट कर लंड को चूत से बाहर खींचा और चुदाइ के रस से भीग कर सना हुए लंड के बाहर आते ही चूत की दोनो काली फाँकें फिर से सटने की कोशिस करने लगी लेकिन अब चूत का मुँह पहले से कहीं और खूल कर फैल सा गया था ।

IMG-20200808-195336

चूत की सूरत पूरी बदल चुकी थी ।धर्मवीर चूत पर एक नज़र डाले और अगले पल पूजा की दोनो जांघों के बीच से हट कर खड़े हो गये ।

पूजा अपनी दोनो जांघों को आपस मे सटाते हुए अपनी नज़र धर्मवीर के अभी भी कुछ खड़े लंड पर डाली जो की चुदाई रस से पूरी तरह से सना था। धर्मवीर ने अगले पल पूजा की पैंटी को उठाया और अपने लंड के उपर लगे चुदाई रस को पोच्छने लगे ।

पूजा ऐसा देख कर एक दम से घबरा सी गयी । लंड पर काफ़ी ज़्यादे मात्रा मे चुदाई रस लगे होने से पैंटी लगभग भीग सी गयी ।


धर्मवीर लंड पोच्छने के बाद पूजा की ओर पैंटी फेंकते हुए बोला - ले अपनी चूत को पोंच्छ कर इसे पहन लेना और कल सुबह नहाते समय ही इसे धोना...समझी ।


पैंटी पर पूजा का हाथ पड़ते ही उसकी उंगलियाँ गीले पैंटी से भीग सी गयी । लेकिन धर्मवीर अब चटाई पर बैठ कर पूजा की ओर देख रहे थे और पूजा कई बार झाड़ जाने के वजह से इतनी थक गयी थी चटाई पर से उठने की हिम्मत नही हो रही थी ।

धर्मवीर के कहने के अनुसार पूजा ने पैंटी को हाथ मे लेकर चटाई मे उठ कर बैठ गयी और अपनी चूत और झांटों मे लगे चुदाई रस को पोछने लगी । लेकिन पैंटी मे धर्मवीर के लंड पर का लगा चुदाई रस पूजा के पोंछने के जगह पर लगने लगा ।

फिर पूजा उठी और चूत को धोने और मूतने के लिए जैसे ही बाथरूम तरफ बढ़ी की धर्मवीर ने चटाई पर लेटते हुए कहा - चूत को आज मत धोना और इस पैंटी को पहन ले ऐसे ही और कल ही इसे भी धोना । इसकी गंध का भी तो मज़ा लेले घोड़ी ।


पूजा के कान मे ऐसी अजीब सी बात पड़ते ही सन्न रह गयी लेकिन उसे पेशाब तो करना ही था इस वजह से वह बाथरूम के तरफ एकदम नंगी ही बढ़ी तो धर्मवीर की नज़र उसके चौड़े चौड़े दोनो चूतड़ों पर पड़ी और वे भी एकदम से नंगे चटाई पर लेटे हुए अपनी आँख से मज़ा लूट रहे थे।

पूजा जब एक एक कदम बढ़ाते हुए बाथरूम के ओर जा रही थी तब उसे महसूस हुआ की उसकी चूत मे हल्का मीठा मीठा दर्द हो रहा था ।
बाथरूम के अंदर जा कर जैसे ही पेशाब करने बैठी तभी उसकी दोनो जांघों और घुटनों मे भी दर्द महसूस हुआ। उसने सोचा कि शायद काफ़ी देर तब धर्मवीर ने चटाई मे चुदाई किया है इसी वजह से दर्द हो रहा है।
लेकिन अगले पल ज्योन्हि वीर्य की बात मन मे आई वह फिर घबरा गयी और पेशाब करने के लिए ज़ोर लगाई । पूजा ने देखा की वीर्य की हल्की सी लार चूत के छेद से चू कर रह गयी और अगले पल पेशाब की धार निकलने लगी ।

पेशाब करने के बाद पूजा ज़ोर लगाना बेकार समझी क्योंकि चूत से वीर्य बाहर नही आ पा रहा था। उसके मन मे धर्मवीर के वीर्य से गर्भ ठहरने की बात उठते ही फिर से डर गयी और पेशाब कर के उठी और ज्योन्हि बाहर आई तो उसकी नज़र धर्मवीर पर पड़ी जो की कमरे मे नंगे खड़े थे और पूजा के बाहर आते ही वो भी बाथरूम मे घूस गये और हल्की पेशाब करने के बाद अपने लंड को धो कर बाहर आए ।

तबतक पूजा अपनी गीली पैंटी को पहन ली जो की उसे ठंढी और धर्मवीर के वीर्य और चूत के रस की गंध से भरी हुई थी।
धर्मवीर ने एक टैबलेट के पत्ते को निकाला और अपनी सलवार को पहन रही पूजा से बोला - कपड़े पहन कर इस दवा के बारे मे जान लो ।

पूजा की नज़र उस दवा के पत्ते पर पड़ते ही उसकी सारी चिंता ख़त्म हो गयी थी ।उसने अपने ब्रा और समीज़ जो जल्दी से पहन कर दुपट्टे से अपनी दोनो हल्की हल्की दुख रही चुचिओ को ढक कर धर्मवीर के पास आ कर खड़ी हो गयी ।
धर्मवीर ने दवा को अपने हाथ मे लेकर पूजा को बताया - तुम्हारी उम्र अब मर्द से मज़ा लेने की हो गयी है इस लिए इन दवा और कुछ बातों को भी जानना ज़रूरी है....यदि इन बातों पर ध्यान नही दोगि तो लेने के देने पड़ जाएँगे । सबसे बहले इन गर्भ निरोधक गोलिओं के बारे मे जान लो....इसे क्यूँ खाना है और कैसें खाना है।


धर्मवीर - वैसे तुम्हारी जैसी लड़कियाँ बहुत दीनो तक मर्दों से बच नही पाती हैं और शादी से पहले ही कोई ना कोई पटक कर चोद ही देता है । और मैंने भी आख़िर तुमको मैने तो चोद ही दिया ।

फिर धर्मवीर दवा के पत्ते की ओर इशारा करते हुए पूजा को दवा कैसे कैसे खाना है बताने लगे और पूजा धर्मवीर की हर बात को ध्यान से सुन कर समझने लगी ।

बात खत्म करते हुए हुए धर्मवीर ने बगल मे खड़ी पूजा के चूतड़ पर एक चाटा मारा और एक चूतड़ को हाथ मे लेकर कस के मसल दिया।

पूजा पूरी तरीके से झनझणा और लज़ा सी गयी।

धर्मवीर - कुतिया सुबह के 4:00 बज गए हैं एक-दो घंटे सो ले अगर सोना है तो । बहन की लोहड़ी अभी भी शर्म आ रही है अभी लोड़े के नीचे गनगना कर चोदी है ।

पूजा ने धर्मवीर की हल्का सा मुक्का मारा और बोली बेशर्म ।

धर्मवीर को इतना बर्दाश्त कहां होना था । धर्मवीर का तो दोस्तों स्वैग ही अलग होता है । धर्मवीर की छाती में जैसे ही हल्का सा मुक्का मारा धर्मवीर ने एक जोरदार थप्पड़ पूजा के गाल पर मारा ।

धर्मवीर- मुझे बेशर्म बोलती है अपनी औकात भूल गई अभी मेरे लोड़े के नीचे रही है तू । तेरे ऊपर चढ़ा हूं मैं और तुम मुझे बेशर्म बोलती है ।
चल बहन की लोड़ी जा कर सो जा ।
ऐसा कहते हुए धर्मवीर ने पूजा की गांड पर लात मारी और पूजा सीधा बेडरूम में पहुंच गई ।

पूजा अभी भी सोच में गुम थी कि आखिर धर्मवीर किस तरह का आदमी है।
धर्मवीर को समझना मुश्किल है। चोदता है तो हड्डियों तक तोड़ देता है ।
किसी पागल सांड की तरह चढ़ता है ।

अब इतने नखरे तो धर्मवीर के झेलने ही पड़ेंगे। गांड पर लात भी खानी पड़ेगी और चूत में लौड़ा भी लेना पड़ेगा ।

इन्हीं ख्यालों में गुम उपासना बेड पर गिर पड़ी। उसकी चाल में अजीब टेढ़ापन था। बड़ी मुश्किल से एक एक कदम आगे बढ़ा पा रही थी।

पूजा लेटे-लेटे सोचने लगी कि क्या हो रहा होगा दीदी के साथ ।
क्या उपासना दीदी और पापा सो गए होंगे या अभी दीदी की चूत पर लौड़ा बज रहा होगा। आखिर दीदी भी पूरी चुदक्कड़ है।
एक साथ पूजा के दिल से आवाज आई तू कौन सा कम चुदक्कड़ है । पूरी सुहागरात मनाई है कुतिया तूने भी ।

यह विचार आते ही पूजा धीरे से अपने आपसे बोली हां हम दोनों बहन चुदक्कड़ हैं । क्या करें जब चूत पर कोई लंड रखता है तो हमारी चूत खा जाती है वो लोड़ा। तगड़ा से तगड़ा लंड हम दोनों बहने आराम से लील जाती है और इन्हीं ख्यालों में सो गई पूजा।

Screenshot-2020-05-29-23-16-21-736-com-android-chrome


*******
दोस्तों आपका सुझाव जरूर दीजिएगा ।
आपके प्यार का प्यासा - रचित ।

*******
Behad garma garam likha hai aapne bus galtiya bahut si hai likhne main toh kahi kahi thoda atpata lagne lagta hai, baki behad ganda aur khubsurat hai, sach main aapne mujhe wapas se nahane layak kar diya
 

sumanajay

stilll unsatisfied
37
39
18
Update plz
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

Nickpatel

Member
116
415
79
Bhai Rakesh ki entry thoda dhasu karna or ho sake to jis bhi character ne galat Kiya usse saja jarur milni chahiye aisa Mera opinion h baki sex scenes to bahut hot h
 
  • Like
Reactions: Nevil singh

Zeba

Active Member
1,427
2,168
143
Agle update ka intezar hai
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
43,856
114,414
304
Waiting for next update
 
  • Like
Reactions: Nevil singh
Top