• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 129

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज ने मस्ती ही मस्ती मे पंखुडी भाभी को पेल दिया और वही अनुज शाम को राहुल से मिलने के लिए निकल चुका है ।
अब आगे

लेखक की जुबानी

अनुज शाम को 5बजे के करीब अपने चाचा के यहा पहुचा और अंदर घर मे बैठा हुआ था ।
कारण था उसकी चाची ने उसे रोक लिया था कि चाय बना रही हू पी कर ही जाये ।
इधर जबतक किचन मे चाय बन रहा था तब तक अनुज की निगाहे घूम रही थी घर मे ।

बार बार उसकी नजर निशा पर जा रही थी जो सिलाई के काम कर रही थी । अनुज की नजरे टीशर्ट मे उभरे उसके चुचो पर थी ।

तभी वहा राहुल आता है और अनुज सावधान हो जाता है ।
अनुज राहुल को निशा से मोबाइल लेने का इशारा करता है ।

राहुल अपनी दीदी के पास जाकर - दीदी अपना मोबाइल देना
निशा जो कि सिलाई मशीन पर काम कर रही थी - क्या करेगा तू मोबाइल

राहुल थोडा हिच्का - वो हम लोग अभी टहलने जायेन्गे ना तो ऐसे ही गाना सूनने के लिए ।

निशा ने राहुल का उतरा हुआ चेहरा देखा तो हस पडी और बोली - ठिक है लेजा ,,,लेकिन ज्यादा डाटा खर्च मत करना ,,मेरा सीरियल बाकी है अभी आज का ।

राहुल चहक कर - नही करूँगा दीदी पक्का ।

फिर निशा ने उसे मोबाइल दे दिया जिसे राहुल ने सम्भाल कर अपने पास रख लिया ।

इधर कुछ चाय चिप्स के साथ अनुज की चाची हाल मे आई और सबने नासता किया ।
वापस जब चाची किचन मे जाने लगी तो अनायास अनुज की नजर अपनी चाची के मतकते कूल्हो पर गयी लेकिन तुरंत उसने नजरे फेर ली और मन मे खुद को समझाने लगा कि ये गलत है ।


थोडी देर बाद राहुल और अनुज निकल गये मंदिर की ओर टहलने ।
मंदिर से थोडा आगे जाकर चमनपुरा के छोर पर दुसरे गाव से जोडती हुई एक पुलिया पर दोनो बैठ गये ।

वहा आवागमन बहुत न्यून था इसिलिए उन्होने वो जगह चुनी और अनुज ने राहुल को मोबाइल खोलने को कहा ।

राहुल - हा लेकिन वो तेरी प्रोब्लम कैसे चेक करे ।

अनुज संसय भरा विचार रखता हुआ - गूगल से पूछे
राहुल उलझे हुए स्वर मे - मतलब

अनुज उसके हाथ से मोबाइल लेके - अबे यार वो टीवी मे बताता है ना गूगल से पुछो , बोलने से सब होगा

राहुल को हसी आई - अरे हा !! खोल खोल .. हिहिहिही

फिर अनुज ने मोबाइल मे गूगल सर्च मे जाकर माइक वाला बटन दबाकर- खडे लण्ड को कैसे शांत करे ।

अनुज की बात पर राहुल हसा ,,मगर जल्द ही वो चुप हो गया क्योकि वहा साइकिल से कोई गुजर रहा था । अनुज ने भी फौरन मोबाइल की स्क्रीन उल्टी कर दी ।

साइकिल वाले के जाते ही राहुल जिज्ञासू होकर - देख देख आ गया होगा ।

दोनो ने मोबाइल सामने किया सामने अनुज के सवाल के सन्दर्भ मे काफी साइट से जुडी खबरे थी । कुछ तो न्यूज़ चैनल वालो ने भी इस चीज से जुड़े आर्टिकल लगाये थे ।

अनुज ने एक एक करके बुदबुदाते हुए पढना शुरु किया

"लिंग को ज्यादा समय कैसे खड़ा रखे " , ये नही यार
" ज्यादा समय तक खड़ा रखने के घरेलू उपाय " धत्त ये भी नही
" सुबह सुबह लिंग खड़ा क्यू होता है ? जाने " , ये भी नही
"उत्तेजित लिंग को शांत करने के लिए युवक ने लगवाये इन्जेक्शन - अब नपुसंकता से परेशान " नही नही ये नही करना है यार
"योनि मे ज्लदी झड़ने से परेशान हो तो ये करके देखो " अबे यार ये सब क्या दिखा रहा है ।

अनुज परेशान होकर - यार इसमे नही दिखा रहा है
राहुल उसके हाथ से मोबाइल लेके - ला मुझे से मै ट्राई करता हू ।

राहुल फिर से माइक से बोलत है - लण्ड की गरमी कम करने के उपाय

फिर उसे भी वैसे ही मिलते जुलते आर्टिकल्स दिखे तो वो खीझ कर - यार तू हिला ले ना ,,फाल्तू का परेशान है

अनुज - न न नही नही भैया कहता है कि उससे बाल झड़ते है

राहुल चौक कर - अच्छा तो राज भैया को ये नही बताया कि तू किसी को पेल चुका है ।

अनुज डर से - नही , कही वो गुस्सा होकर पापा को बोल दिया तो और उसने वैसे भी इनसब से दुर रहने को बोला है मुझे


राहुल - यार लेकिन मैने तो नही सुना कभी ये बाल वाल झड़ते है ,,अगर झड़ते तो चोदने से भी झड़ते ना । निकलता तो बीज ही है ना

अनुज थोडा सोचमे पड गया और बोला - हा लेकिन फिर अगर कही लण्ड की नस खिच गयी तो हिलाते हुए

राहुल - अबे तो गूगल से पुछते है ना

अनुज हिचकते हुए - अच्छा ठिक है तू पुछ
राहुल मुस्कुरा कर गूगल से - लण्ड हिलाने का सही तरीका

फिर उन्के सामने हस्तमैथुन से जुडी काफी सारी खबरे आ गयी ।

अनुज ने मोबाइल स्क्रीन पर नजर डाली और एक डॉक्टर के लिखे हुए आर्टिकल को क्लिक किया ।

अनुज - इसे देखते है ,,ये डॉक्टर है गलत नही बतायेगा
राहुल ने भी मुस्कुरा कर सहमती दिखाई

फिर दोनो ने आर्टिकल को मन मे पढना शुरु किया

- हस्तमैथुन एक नेचुरल क्रिया ,,अमूमन हर कोई जीवन मे हस्तमैथुन करता ही है । आपके मन में काफी सवाल होंगे और काफी कुछ सामाजिक अफवाहो को सुन कर कुछ डर भी होगा । मगर एक डॉक्टर होने के नाते आपको यकीन दिलाता हू कि हस्तमैथुन से कोई नूकसान नही है अगर इसे कुछ तय सिमा और कुछ सावधानियो के साथ किया जाये । एक बिल्कुल बिना किसी पार्टनर के सेक्स करने जैसा है । जो जो सावधानिया आप सेक्स के लिए बरतते है वही आपको हस्तमैथुन के लिए करनी है। जैसे कि पहले कोई जल्दीबाजी ना करे । किसी अच्छे चिकनाई का प्रयोग करे ,,तेल घी या लोशन । बिना चिकनाई के करने से अपने चमडी मे घर्षण होगा और लिंग की चमडी छील सकती है ,जिससे आगे और भी बिमारियो का डर होता है ।
तो सबसे पहले इत्मीनान से अपने लिंग मे चिक्नाई करे और फिर जिस किसी भी महिला को लेके आपकी उतेजना है उसके बारे मे सोचते हुए ,उससे अपनी कलपना मे शारिरीक सम्बंध बनाते हुए धीरे धीरे चरम तक जाये और झड़ने के बाद लिंग को हल्के गुनगुने पानी से धुले ,,ठन्डे पानी से धुलने की गलती ना करे क्योकि झड़ने के बाद भी आपके लिंग मे खून का प्रवाह कुछ मिनटो तल तेज होता है और ऐसे मे ठंडा पानी डालने से लिंग की नसे विकृत हो सकती है । हा अगर आपके पास कोई कल्प्ना के लिए कोई महिला नही है और आप फिर भी खुद को उत्तेजित महसूस करते है तो आप किसी सेक्स साइट पर जाकर पोर्न वीडियो देख के या नेट पर कोई सेक्स कहानी पढ कर भी अपनी कामग्नी को शांत कर सकते है । लेकिन ध्यान रहे इसे आदत ना बनने दे ।



पूरी आर्टिकल पढने के बाद दोनो के मन में काफी जिज्ञासाये उठ रही थी और खुशी इस बात की थी कि हस्तमैथुन से उनका डर खतम हो गया था ।


राहुल हस्कर - देखा तु फाल्तू का डर रहा था ,,अब करना क्या है रोज रात मे मस्त तेल लगा कर उस लड़की के बारे मे सोचना और हिला कर सो जाना हिहिहिही

अनुज थोडा खुश हुआ और हा बोला फिर दोनो निकल गये अपने अपने घर की ओर ।

राज की जुबानी

शाम को साढ़े 6 बजे तक अनुज वापस उस वक़्त मै चंदू से बाते कर रहा था ,,वो मेरे दुकान पर ही आया था ।

अनुज - भैया वो कोकोनट आयल कहा रखा है
मै - क्या हुआ
अनुज -वो मेरे तेल की शीशी खतम हो गयी है
मै हस कर - अबे गर्मी मे तेल कौन लगाता है बे हिहिहिही

अनुज हिचक कर - अरे भैया वो बस हल्का सा बालो मे लगाने के लिए,,

फिर मैने उसे कोकोनट आयल की एक मीडियम साइज़ की शीशी निकाल के देदी ।

फिर वो घर जाने को बोला और मैने उसे जाने दिया क्योकि मै और चंदू कुछ खास बाते कर रहे थे ।

अनुज के जाते ही ...

मै - हा तो हम कहा थे
चंदू - अरे मै तुझे ठाकुर के यहा आज वाली बात बता रहा था ।

मै - हा हा बोल
चंदू - भाई आज गजब हो गया ,,एक तो मालती से बात हुई दोपहर मे हिहिही

मै चह्का - अबे सच मे ,,फिर फिर बोल ना

चंदू खुशी जाहिर करता हुआ - भाई घर पर वो हाल्फ जान्घिये और टीशर्ट मे थी ।

मै हस कर - अबे शॉर्टस कहते है उसको ह्हिहिही
चंदू - अरे जो भी हो ,,लेकिन क्या मस्त चिकनी टाँगे थी यार भरी हुई सीईई इतनी गोरी जैसे कुल्फ़ी उम्म्ंम

मै हस कर - अरे लेकिन तु तो गोदाम पर काम करता है ना

चंदू - हा ,,वो क्या हुआ आज दोपहर मे छोटे बाऊसाहब (संजीव ठाकुर) नही थे तो मुझे पापा ने चेक लेके घर मे भेज दिया कि बड़े बाऊसाहब ( राजीव ठाकुर) से दस्तखत करवा लू ।

मै उत्साही होकर - फिर फिर
चंदू- भाई फिर मै घर के अंदर गया और बाऊसाहब को आवाज दी तो मालती बाहर आई और वो मुझे देख कर पहले सोच मे पड़ गयी । फिर मैने उसको लपेटा

मै अचरज से - अच्छा वो कैसे ??
चंदू हस कर - अबे इतनी फिल्मे देखी है लडकिया पटाने के लिए तो उसे यकीन दिलाया मैने की मै खाली समय मे घूमने से अच्छा पापा का हाथ बटाना जरुरी समझा और फिर चंपा की शादी के लिए पैसा जुटाने का बहाना बना दिया ।


मै - हिहिहिही फिर

चंदू - फिर क्या ,,वो मुझसे प्रभावित हो गयी कि मै अपनी जिम्मेदारी समझता हू और अच्छा लड़का हू । मेरे लिये इतना ही काफी था उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए हिहिहिही

चंदू - फिर हमने पढाई के बारे मे बाते की और मुझे बिना चेक साइन करवाये वापस आना पड़ा क्योकि बडे बाऊसाहब भी नही थे घर ,लेकिन शाम को


मै उत्सुक होकर - शाम को क्या???
चंदू - यार शाम को मालती खुद टहलते हुए आई थी गोदाम में काम देखते हुए और मै मौके से काम मे लगा हुआ था ,,

मै उसकी उतावली भरी बाते बडे गौर से मुस्कुरा कर सुन रहा था ।
चंदू चहक कर एक गहरी सास लेते हुए - भाई भाई भाई सीईईई अह्ह्ह

मै हस कर - अबे क्या हुआ आगे बोल
चन्दू - भाई वो मुझे बडे गौर से देखे जा रही थी हिहिही ,,,लग रहा है अब काम बन जायेगा

मै भी खुश होकर - हा लेकिन कोई जल्दीबाजी या लापरवाही मत करना । नही बाऊसाहब को पता चला तो गाड़ फ़ाड देंगे तेरी हिहिहिह

चंदू - हा भाई जानता हू मगर क्या करू "इश्क है तो रिस्क है "हिहिही

फिर ऐसे ही हमारी बाते चलती रही फिर मै दुकान बन्द करके अपने चौराहे वाले घर के लिए निकल गया ।
रात मे खाना खाने के बाद मै वही रोज का रूटीन मा और पापा के साथ पुरा करता हुआ सो गया ।


लेखक की जुबानी

अगले दो हफते तक राज का जीवन समान्य रहा । बिच मे वो सरोजा से दो एक दिन मिला और थोडी मस्ती की । इधर चंदू ने धीरे धीरे मालती से नजदीकीया बढानी शुरु कर दी और वो कामयाब भी होने लगा ।
वही अनुज रोज रात मे पल्लवि के बारे सोच कर हस्तमैथन करके खुद को शान्त करता । मगर धीरे धीरे वो नीरस होने लगा था क्योकि जब भी वो पल्लवि को लेके सोचता तो यही कल्पना करता कि अगली बार वो मिलेगी तो इस तरिके ऐसे ऐसे उसे चोदना है । मगर झड़ने के बाद जब वो होश सम्भालता तो उसे समझ आता कि वो फाल्तू मे उसको लेके परेशान है वो कभी नही मिलने वाली ।

इसिलिए एक शाम मे राहुल के साथ उसके दीदी का मोबाइल लेके पुलिया पर चलने को कहा ।

राहुल - क्या हुआ भाई ,,तू परेशान है
अनुज उखड़ कर - याररर अब हिलाने मे मजा नही आ रहा है बोर हो गया हू पल्लवी के बारे मे सोच के ,,क्योकि वो अब कहा मिलने वाली है ।

राहुल - हम्म्म मतलब तु कुछ नया ट्राई करना चाहता है

अनुज - हा यार , लेकिन क्या करु अब किसे सोचू ,,इसिलिए मैने तुझे मोबाइल लेके आने को बोला था ,,चल इसमे कुछ खोजते है ।


राहुल - अरे उस दिन वो डॉक्टर लिखा था ना कि सेक्स वाली वीडियो भी देख सकते है

अनुज - हा लेकिन रात मे मेरे पास मोबाइल कहा है ,

राहुल - अरे तो इसमे देखते है ना अभी,,मेरा तो मूड भी हो गया है भाई सोच कर । देख लण्ड खड़ा हो रहा

अनुज - अच्छा ठिक है लेकिन आवाज कम रखना
फिर राहुल ने नेट पर जाकर सेक्स वीडियो सर्च किया और एक साइट खोला ।

राहुल - हा अब बोल सर्च मे क्या डालू
अनुज राहुल को देखते हुए - मतलब तू पहले भी देख चुका है
राहुल खिखी करके हसा - अरे तु बोल ना

अनुज - यार मुझे तो बडी दूध वाली औरते पसंद है और मै तो ऐसे ही लडकी से शादी करूँगा जिसकी दूध बडे हो ,,उनको रोज रात मे चुसुंगा

राहुल - हा यार मोटी चुचिया तो मुझे भी पसंद है ,,रुक वही डालता हू

फिर राहुल ने सर्च मे BIG BOOBS डाला और एक एक करके काफी सारी वीडियो सामने थी लेकिन अनुज ने जैसे ही उन वीडियो के टाईटल पढे वो राहुल से नजरे फेरने लगा ,,क्योकि ज्यादातर वीडियो मे BIG BOOBS MOM , MOM'S BIG BOOB , SON FUCK BIG BOOBY MOM , BIG SISTER'S BOOBS ,, BROTHER FUCKS WITH BIG BOOBS SISTER ऐसे ही tittle थे ।

अनुज - ये ये कैसा दिखा रहा है यार ,,नही नही ये नही देखना दूसरा देख

राहुल अनुज को चिल करता हुआ - अरे भाई तु टाईटल मत देख ,,वीडियो बहुत मस्त है । पहले मै भी नाम देख के बदल देता था लेकिन मुझे बडी चुची वाली ही वीडियो देखनी होती थी तो यही सब ही आ रही थी ।

राहुल - अरे तू देख ना ,,ना मजा आये तो रहने देना

फिर राहुल ने एक वीडियो शुरु किया और वीडियो चलने लगा - सौभाग्य से उस वीडियो मे मा बेटे का सेक्स ना होकर , एक औरत किसी पोलिस अफिसर से चुद रही थी क्योकि उसका चलान कट जाता है ।

अनुज उस पूरी 20 मिंट वीडियो को देखता है और उसको बहुत मजा आता है ।
दोनो के लण्ड तने हुए और चेहरे पर हवस भरी मुस्कान थी ।


वीडियो खतम होने पर अनुज बोला - यार ये वीडियो तो दुसरी निकली , लेकिन इसका नाम तो गन्दा सा था ।

राहुल हस कर - वही तो ना ,,वो क्या है कि आजकल ऐसे वीडियो के नाम लोग जान बुझ कर रखते है ताकि लोग ज्यादा देखे ।

अनुज को थोडा अजीब मह्सुस हुआ कि आखिर लोगो को क्या मजा मिलता होगा मा बेटा और भाई बहन के नाम से सेक्स वीडियो देख कर ।

अनुज - हा लेकिन कौन देखता होगा इन्हे
राहुल - अरे भाई बहुत लोग है जो ऐसे ऐसे वीडियो खोज खोज कर देखते है और अब इंडिया वाले भी ऐसे वीडियो बनाने लगे है हिन्दी मे

अनुज ने राहुल की बात सुनी और मन मे सोचने लगा कि क्या सच मे ऐसी वीडियो होगी और होगी तो कैसी होगी । उसके संवाद कैसे होगे मतलब कैसे एक भारतीय बेटा अपनी मा के साथ उसके लिए पूछेगा ,,एक भाई अपनी बहन से । क्योकि अब तक अनुज ने कभी हिन्दी डायलाग वाले सेक्स वीडियो देखे ही नही थे ।


इधर राहुल ने एक और वीडियो चालू कर दिया और उन्होने उसे भी देखा जो एक teachar और student का था ।
दोनो मस्त हो गये और इधर अनुज ने सोचा कि जब सर्च करने पर कोई भी वीडियो मिल सकता है तो क्यू ऐसे ही वीडियो सर्च करु जो मेरे मतलब की हो । ताकि मुझे ये पारिवारिक वाला वीडियो ना देखना पडे ।

फिर उसने राहुल से मोबाइल लेके BIG BOOBS GIRLFRIEND सर्च किया और अनुज के मन मुताबिक वीडियो आये तो लेकिन suggesation मे girlfriend's mother big boobs भी आ गया ।

अनुज की नजर उस वीडियो पर गयी तो लेकिन उसने नजरन्दाज कर दिया ।

शाम होने लगी तो राहुल और अनुज अपने अपने घर वापस आ गये ।

रात मे खाने के बाद अनुज बेचैन था । बेचैन इस लिए नही कि उसने पारिवारिक वाले वीडियो के बारे जाना ,,बल्कि बेचैनी ये थी कि उसका मन फिर वो गर्लफ्रेंड वाली वीडियो देख कर हिलाने का हो रहा था ।
फिर उसने अपने लिंग पर तेल लगाया और अपनी फ्यूचर वाइफ के बडे चुचो को सोचते हुए लण्ड हिलाने लगा और आज उसे रोज से बहुत ज्यादा मजा आया । उस रात अनुज को बहुत ही शकुन की नीद आई ।

ऐसे ही ये सीलसिला कुछ दिन चलने लगा ,,रोजाना शाम को राहुल मोबाइल लेके आता और दोनो वीडियो देखते । फिर अपने अपने घर वापस आ जाते है । ये चीजे अनुज के साथ साथ राहुल के साथ भी घट रही थी । वो भी रात मे हिलाकर सोने लगा ।

जिससे लगभग रोज रोज ही दोनो मिल कर निशा का मोबाइल डाटा खतम कर देते थे तो बिच बिच मे एक एक दिन निशा गुस्सा कर राहुल को मोबाइल नही देती थी क्योकि बिना डाटा के वो अपनी मनपसंद सिरियल नही देख पाती थी ।

आखिर एक दिन निशा का दिमाग खटका और उसने अपने मोबाइल के डाटा यूज़ को चेक किया कि आखिर ऐसा क्या करते है ये लोग जो मेरा सारा डाटा खतम कर देते है ।

और जब निशा ने पिछले एक हफ्ते का डाटा गूगल से निकाला तो इनकी सारी हकीकत उसके सामने थी । पहले तो वो हसी कि अभी से इनकी ज्वानी फूट गयी पता नही नुनी लण्ड हुआ भी या नही ।

मगर जब उसकी नजर फैमिली सेक्स वीडियो पर गयी तो वो दहक गयी कि ये दोनो भी आगे निकल चुके है ।
इसिलिए उसने तय किया कि अब से वो इनको मोबाइल नही देगी और इस मसले पर राज से बात करेगी ।क्योकि अभी निशा राहुल और अनुज को छोटा ही समझ रही थी क्योकि दोनो थे तो हाईस्कूल और इंटर मे ही ।

जारी रहेगी
बहुत ही शानदार और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Rekha rani

Well-Known Member
2,511
10,632
159
💥 अध्याय: 02 💥

UPDATE 002


" ओह येस बेबी उम्ममम कितनी सेक्सी सा चूस रही हो अह्ह्ह्ह्ह बाबू उम्ममम कितनी बड़ी गाड़ है तुम दोनों की एकदम गोरी गोरी दूधिया गाड़ अह्ह्ह्ह पागल कर दे रहे हो ओह्ह्ह्ह " , अमन बेड के किनारे अपना लंड बाहर किए खड़ा था और बिस्तर पर बेट के बल लेट कर सोनल और निशा बारी बारी उसका लंड चूस रही थी ।

GIF-20250221-122142-048

" लुक हियर बेबी अह्ह्ह्ह्ह सेक्सी लग रही हो उम्ममम अह्ह्ह्ह " , अमन सोनल को कैमरे की ओर देखने को कहता है जिसमें वो दोनों की लंड चूसते हुए वीडियो बना रहा था ।
दोनो ने मैचिंग सेक्सी सी ब्रा पैंटी सेट पहनी थी और होटल के बेड पर लेती हुई अमन का लंड साझा करने लगी

निशा : उम्ममम जीजू कितना गर्म है उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह लोहे जैसा लंड है तुम्हारा
सोनल अमन से मोबाइल लेकर फ्रंट कैमरे से निशा के साथ वीडियो बनाने लगी : निशा इधर देख अह्ह्ह्ह्ह सीईईई


GIF-20250221-122018-085
निशा कैमरे में देखते हुए अमन का टोपा चुबला रही थी और उसकी आंखो में खुमारी उतर चुकी थी वो मदहोश नजरों से खुद को ही निहार रही थी ।
तभी अमन के मोबाइल पर रिंग हुआ


अमन : किसका है ?
सोनल : पापा जी का है !!
अमन समझ गया कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी
अमन मोबाइल लेकर : मै बात करके आता हु
फिर वो वैसे हो कमरे निकल कर बालकनी में नंगा खड़ा होकर बात करने लगा
फोन पर

: नमस्ते पापा , कैसे हो ?
: मै ठीक हूं बेटा , तुम कैसे हो ? ( मुरारी की आवाज आई )
: मै तो एकदम मस्त हु पापा हीही ( अमन ने चहक कर जवाब दिया )
: हा हा भाई तेरी तो डबल मस्ती चल रही होगी क्यों ( मुरारी ने अंदाजा लगाया )
: उफ्फ पापा क्या बताऊं , आपकी बहु और उसकी बहन पूरा दिन मुझे कपड़े नहीं पहनने देते , अभी भी नंगा हु बालकनी में हीही
: ऐसी किस्मत सबको नहीं मिलती बेटा , मै तो 2 रोज से तड़प रहा हूं। शहर के शहर भटक रहा था अब तक आज कही पाव रुके है मेरे
: मतलब चाची मिल गई ( अमन खुश होकर )
: हा बेटा मिल गई , अभी उसके घर पर रुका हु कल सुबह हम लोग निकलेंगे घर के लिए
: वाव पापा फिर तो मै भी जल्दी आता हूं हीही मजा आएगा ( अमन एकदम से खुश हो गया )
: नहीं नहीं बेटा तुम आराम से अपनी ट्रिप इंजॉय करके आना , तबतक मै तैयारिया देख लूंगा , ठीक है (मुरारी बोला )
: पापा?
: हा बोल न बेटा ?
: पापा चाची कैसी दिखती है , मतलब sexy है या नहीं हीही ( अमन कमरे में झाक कर अंदर का माहौल देख कर अपना लंड सहलाते हुए मुरारी से सवाल किया )
: बदमाश कही का , आकर देख लेना न कैसी है ? हाहाहाहा ( मुरारी हंसा)
: पापा बताओ न प्लीज
: अब क्या बताओ बेटे , एकदम कड़क गदराया पीस है उफ्फ तेरी बुआ संगीता के जैसी कसी हुई मोटी मोटी छातियां है और कूल्हे उठे हुए है उसके जैसे ही । उम्मम अब क्या बोलूं , मेरा तो सोच कर ही मूड बन गया अह्ह्ह्ह
: वाव सच में फिर तो चाचू के भाग्य खुल गए हीही ( अमन बोला )
: किस्मत तेरी भी कम बुलंद नहीं है बेटा , बीवी के साथ साली को भी चोद रहा है उम्मम हाहाहा ( मुरारी ने अमन को छेड़ा )
: पापा एक गजब की चीज दिखाऊं, कलेजा थाम के देखना ओके ( अमन कमरे में झांकता हुआ बोला )
फिर वो मुरारी को वीडियो काल उठाने की रिक्वेस्ट भेजता है
: ऐसा क्या दिखाने वाला है तू ( मुरारी अंधेरे में वीडियो काल उठाता है
: श्शशश, चुप रहिएगा (अमन ने मुरारी को टोका और वीडियो काल पर बैक कैमरा से कमरे के अंदर का माहौल दिखाय



1
अंदर दोनो बहने सोनल और निशा 69 पोजिशन में एकदूसरे के बुर और गाड़ चाट रही थी और सोनल तो अपनी एक उंगली निशा की गाड़ में गुब्ब गुब्ब पेलते हुए उसकी झड़ती चूत चाट रही थी )

इधर मुरारी की आंखे फटी की फटी रह गई और लंड एकदम उफान पर था

कमरे से बाहर निकल कर
: क्या हुआ पापा होश उड़ गए न
: बेटा ये तो मैने पहली बार देखा , बहु अपनी बहन के साथ , अह्ह्ह्ह बेटा तेरे तो मजे ही मजे है । ( मुरारी पजामे में अपना लंड मसल कर बोला )
: पापा जल्द ही आपकी बहु को आपके आगे लिटाऊनंगा फिर आप भी मजे लेना , चलो मै चलता हु बाय
: हा बेटा मजे करे ( मुरारी फोन काटकर ) मेरे नसीब में तो अभी दो रात चूत का कोई ठिकाना नहीं है ।

मुरारी छत से नीचे आया और वो मोबाईल का टार्च जला कर नीचे आ रहा था कि उसके जहन में अमन के सवाल कौंधी " चाची कैसी है ? "

मुरारी कमरे में आया और उसकी नजर जमीन पर सोई हुई अपने भाई की प्रेमिका पर गई , जो इस वक्त साड़ी बदल कर नाइटी में सोई थी ।
उसके घुटने फोल्ड थे और पैर की ओर से नाइटी में पूरा गैप बना हुआ था ।
मुरारी का जी ललचा गया

वो दबे पाव दूसरी तरफ आया और मंजू के चेहरे पर टार्च जलाई , वो गहरी नीद में थी और उसने झुक कर हौले से मंजू की खुली नाइटी में टॉर्च दिखाई


GIF-20250221-163855-877
आहे क्या नजारा था , हल्की फुल्की झुरमुट में झांकी एक रसीली फांक

देखते ही मुरारी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा मगर वो ज्यादा देर तक ऐसे नहीं रुक सकता था इसीलिए वो उठ कर बिस्तर पर आ गया ।

वही दूसरी ओर अमन कॉल काट कर वापस आया कमरे में तो सोनल निशा की जांघें फाड़े हुए उसकी बुर में अपना मुंह दिए हुए थी


सोनल : अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है तेरी चूत रे अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह , इसको खा जाऊंगी आज उम्ममम
निशा उसके गाड़ के सुराख को गिला कर रही थी वो पागलों के जैसे सिसकने लगी जब सोनल इसके चूत में जीभ घुमाने लगी


निशा : ओह्ह्ह्ह मम्मीईईई उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम मै पागल हो जाऊंगी
अमन अपना लंड सोनल के मुंह पर लाता हुआ : हाय बेबी इसे नहीं चूसोगी उम्मम

सोनल ने नजरे उठा कर देखा और मुस्कुराते हुए अमन का लंड पकड़ कर मुंह में भर ली


2

अमन : ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम माय डर्टी बीच सेक्सी डॉल उम्ममम सक इट बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह
अमन सिसकने लगा और सोनल उसका लंड गले तक ले जाने लगी उसकी उंगलियां अभी भी निशा के बुर को मसल रही थी

निशा तड़पती हुई : डालो न जीजू उम्ममम प्लीज अह्ह्ह्ह
अगले ही पल सोनल ने लंड को मुंह से निकाल कर अमन का सुपाड़ा निशा के बुर के फांके पर रगड़ने लगा
निशा : अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न कामिनी अह्ह्ह्ह बहनचोद अह्ह्ह्ह्ह जाने दे न अह्ह्ह्ह
अगले ही पल अमन ने हचक से लंड को झटका दिया और वो निशा के बुर के फाकों को चौड़ी करता हुआ अंदर घुसता चला गया
निशा : ओह्ह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह जीजू पेलो मुझे उम्मम कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह रुकना नहीं उम्ममम यस्स जीजू उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् फ़क्कक्क फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी
अमन निशा की जांघें उठा कर तेजी से उसकी बुर में पेलने लगा : अह्ह्ह्ह ले मेरी जान कितनी गर्मी है तेरी बुर में अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है ओह बहिनचोद सपना था तुझे पेलने का जबसे तेरे चौड़े कूल्हे देखे थे उम्मम अह्ह्ह्ह्ह


GIF-20250221-122947-514
निशा : अह्ह्ह्ह हा जीजू मै भी पागल हु आपके लिए अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम ममममाआ अह्ह्ह्ह्ह
वही सोनल निशा के निप्पल चूस रही थी और उन्हें मिंज रही थी कि उसकी नजर वापस से अमन के मोबाइल पर गई और लपक कर वो निशा के बगल में अपनी टांगे खोलकर भी लेट गई और सेल्फी कैमरे पर वीडियो बनाने लगी
निशा : अह्ह्ह्ह्ह कामिनी किसको दिखाएगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह जीजू और तेज अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो ताकत नहीं है क्या अह्ह्ह्ह
अमन जोश में उसकी जांघें पकड़ कर फचर फचर पेलने लगा : साली मादरचोद फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह
निशा तेजी से चीख रही थी


3

और सोनल हस्ते हुए सेल्फी कैमरे पर वीडियो ब्लॉग बना रही थी : हाय गाइज वी आर ऑन हनीमून , माय बिग डिक्की हब्बी फकिंग माय सिस्टर हाहा , देखो गाइज मेरी चूत अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है मुझे भी लंड चाहिए कोई चोदेगा मुझे हाहाहा


सोनल मस्ती कर रही थी और उसकी बातें सुनकर उसका लंड और फड़कने लगा कि क्या हो अगर ये वीडियो अपने पापा को दिखाएगा
अमन निशा को छोड़ कर लपक कर सोनल को अपनी ओर खींचा और गपक से लंड उसकी चूत में उतार दिया ।

सोनल : ओह्ह्ह्ह बेबी कितना टाइट है आह्ह्ह्ह मम्मा उम्मम्म फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अमन उसके हाथ से मोबाईल लेकर बैक कैमरा से वीडियो रिकार्ड करने लगा सोनल को चोदते हुए
सोनल अपनी जांघें खोलते हुए : अच्छे से बनाओ न बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम
निशा ने उसके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए और चूत सहलाने लगी , सोनल ने बदन और जोश बढ़ने लगा । निशा झुक कर सोनल के बड़े बड़े रसीले मम्में मुंह में भरने लगी अपनी गाड़ फैला कर


GIF-20250221-122247-459
अमन उसकी भी सारी हरकते रिकॉर्ड करता है सोनल को पूरे जोश ने पेले जा रहा : ओह्ह्ह्ह्ह बेबी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बाबू
सोनल : उम्ममम यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह


अगले ही पल निशा लपक कर अमन के हाथ से मोबाइल लेते हुए : जीजू मुझे दो न हिही
निशा ने सेम सेल्फी कैमरे से वीडियो चालू की और अपनी बुर सोनल के मुंह पर ले जाती हुई : देखो गाइज मेरी ये मेरी बहन है , ये मै हु और ये मेरी चूत चाट रही है , अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम और डाल ने जीभ ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम, अह्ह्ह्ह्ह गाइज देखो मेरी बहन को जीजू मेरे चोद रहे है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म


GIF-20250221-122414-575

सोनल ने निशा की दोनो जांघों को कस लिया और उसकी बुर के फांके चुंबलाने लगी
वही दूसरी ओर अमन सटासट उसकी बुर पेले जा रहा था , सोनल के बाद अब निशा की हरकते उसको और पागल किए जा रही थी , उसके पैर थक रहे थे ।

वो उठा और बिस्तर पर आ गया
लंड आसमान की ओर उठाए : आजाओ बेब्स
निशा : मेरी टर्न मेरी टर्न अह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा दोनों पैर फेक कर अमन की ओर अपना गाड़ करके उसका लंड अपनी बुर में लेकर बैठ गई : अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा कस कर अपने चूतड़ अमन के कड़क लंड पर पटक रहे थी और सोनल अमन के बाहों के लेती हुई उसके लिप्स चूसने लगी
सोनल : मजा आ रहा है मेरी जान उम्मम


GIF-20250221-134806-102
अमन उसके नंगे चूतड़ नोचता हुआ : बहुत ज्यादा मेरी जान अह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू पेलो मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू आयेगा अह्ह्ह्ह

अमन निशा की बातें सुनकर उसके चूतड़ पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा : अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ले साली रंडी अह्ह्ह्ह मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह झड़ जा अह्ह्ह्ह
अमन कस कस कर नीचे से कमर उछाल कर पेलने लगा और निशा अपनी आँखें उलटती हुई झड़ने लगी ,
अमन : ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी ओह्ह्ह्ह
निशा झट से उसके लंड से उठ गई और सोनल ने लपक कर अमन का लंड मुंह में ले लिया और अमन उसक सर पकड़ कर झटके खाते हुए झड़ने लगा : अह्ह्ह्ह मेरी जान पी ले अह्ह्ह्ह्ह ममीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बेबी अह्ह्ह्ह्ह


GIF-20250221-123158-748
सोनल अमन के फड़कते लंड को पकड़े हुए आखिर से सारा पानी पीती रही और फिर उसका सुपाड़ा निशा के बहती चूत पर लगा कर वापस से चूसने लगी जिसे देखकर अमन के लंड में फिर से हरकत होने लगी
मगर सुबह से ये चौथी बार था जब वो इतने जोरदार तरीके से झड़ा था और सुस्ती उसके जिस्म पर हावी हो रही थी
फिर वो दोनों के साथ ही सो गया ।


अगली सुबह

मुरारी अंगड़ाई लेता हुआ उठा, उसको आंखों में हल्की फुल्की जलन महसूस हो रही थी और पता चला घर में धुआं उठ रहा था कही ।
मुरारी मच्छरदानी से निकल कर खड़ा हुआ और पजामे में उसके लंड एकदम कड़क उठा था सुबह सुबह । नीचे देखा तो मंजू उठ चुकी थी और पीछे हाते के पास चूल्हे से गर्मागर्म खाने की खुशबू आ रही थी। मुरारी ने घड़ी देखी तो 8 बजने वाले थे ।
अचरज नहीं हुआ मुरारी को मंजू इतनी सुबह क्यों खाना बना रही होगी ।

मुरारी अपना लंड पजामे में सेट करता हुआ हाते में चूल्हे के पास आया जहा मंजू रोटियां बेल कर सेक रही थी
मंजू मुरारी को अपने ओर आते देख मुस्कुरा उठी और झट से अपना दुपट्टा सर पर ले लिया । वो अभी भी रात वाली नाइटी में थी , जाहिर था अभी तक वो नहाई नहीं थी ।
मगर मुरारी को इससे फर्क नहीं पड़ने वाला था उसकी नजर तो मंजू को नाइटी की आधी खुली चैन पर थी जिसमें से मंजू के दो बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे और रोटियां बेलते समय मंजू के दोनों मम्मे खूब उछल रहे थे ।


GIF-20250221-163406-834
online photo hosting
मुरारी का लंड एक बार फिर से सर उठाने लगा ।

मुरारी : अरे मंजू सुबह सुबह खाना
मंजू मुस्कुरा कर : हा भाईसाहब वो मुझे ऑफिस जाना है न
मुरारी : ऑफिस जाना है मतलब

मुरारी का हलक सूखने लगा कि कही उसने साथ चलने का प्लान कैंसिल तो नहीं कर दिया ।

मंजू : अरे मुझे मेरे सर को बताना पड़ेगा न कि मै अब काम पर नहीं आऊंगी और फिर हिसाब भी कराना पड़ेगा न
मुरारी की जान में जान आई : ओह ऐसा , मै सोचा कि
मंजू उसकी बात समझ कर मुस्कुराने लगी ।

मुरारी : बाथरूम में पानी आ रहा है क्या
मंजू : जी नहीं वो मैं पानी रख दी हूं आप जा सकते है
मंजू थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
फिर वो उठ कर झाड़ू लगाई और इधर मुरारी पाखाने में चला गया ।
मंजू ने सोचा कि जबतक मुरारी पाखाने में है क्यों न तबतक वो नहा ले , नहीं तो कपड़े बदलने की दिक्कत हो जाएगी ।

मंजू फटाफट से नल चला कर पानी भरने लगी और मुरारी को आवाज आने लगी नल चलने की
उसके भी जहन भी यही चल रहा था कि मंजू कैसे नहाएगी । क्या उसे देखना चाहिए ।
मुरारी खुद से बड़बड़ाया: वैसे कसे हुए रसभरे मम्मे है उसके एकदम टाइट ओह्ह्ह्ह लंड खड़ा कर दिया साली ने
तभी बाहर से पानी गिराने की आवाज आने लगी तो मुरारी की झटका लगा उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी ये सोचकर कि कही मंजू बहार नहाने तो नहीं बैठ गई । हड़बड़ी में वो बिना गाड़ धोए ही खड़ा होकर पाखाने के किवाड़ की जाली से बाहर नल की ओर झांका
तो देखा मंजू नाइटी में ही नल के पास बैठ कर अपने बदन पर पानी डाल रही थी ।


GIF-20250221-163556-856

उसने नाइटी को जांघों तक उठा रखा था जिससे उसकी चिकनी नंगी सुडौल जांघें देख कर मुरारी का लंड ऐंठने लगा । उसकी नजर मंजू के भीगती नाइटी पर भी थी जिसमें से मंजू के चूचे शेप में आ रहे थे धीरे धीरे भीगकर
मुरारी : अह्ह्ह्ह बहनचोद बवाल चीज है यार मदन क्या किस्मत है साले तेरी , मस्त माल है आह्ह्ह्ह

मुरारी को फिर से प्रेशर आने लगा तो वो वापस हगने बैठ गया और उधर मंजू झटपट से नहा कर कमरे में चली गई और कड़ी लगा दिया ।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुरारी तबतक बाहर आ चुका था । फिर वो भी नहाने बैठ गया और इधर तबतक मंजू ने पैकिंग के लिए ढेर सारे कपड़े बिस्तर पर फैला दिए थे ।
ब्लाउज पेटीकोट सारी नाइटी ब्रा पैंटी दुपट्टे जींस सूट सब कुछ ।
मुरारी नहा कर आया तो उसने बिस्तर पर बिखरे हुए कपड़े देखे , ज्यादातर पुराने थे । मुरारी को देख मंजू ने झट से दुपट्टे ब्रा पैंटी धक दिए ।
मुरारी ने भी थोड़ी नजरे फेरी मगर भीतर से तो वो पूरा जिज्ञासु हुआ जा रहा था कि मंजू की असल साइज क्या होगी ।

मुरारी : अरे इतने सारे समान लेकर कैसे जायेगे हम लोग , बस जरूरी समान और कपड़े रखो बाकी छोड़ दो
मंजू : तो ये सब सामान
मुरारी : देखो ये सब सामान आप पास जो भी तुम्हे खास लगे उसे देदो , वहां किसी चीज की कमी नहीं है ।

मंजू : जी ठीक है भाई साहब

मुरारी की बातों ने मंजू को सोच में डाल दिया था कि क्या करे वो , फिर उसे ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उतने बड़े घराने में वो किन कपड़ो में जाएगी । ये सब पुराने कपड़े और अंडर गारमेंट किसी ने देख किया तो क्या सोचेंगे उसके बारे में । मंजू के जहन में झिझक हो रही थी । उसके जहन में कुछ योजना चल रही थी जिससे उसकी सारी झंझट ठीक हो सकती थी मगर वो मुरारी से साझा करने से कतरा रही थी

मुरारी : क्या हुआ , क्या सोच रही हो
मंजू : जी ? कुछ नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोग कल चलें ?
मुरारी : क्या हुआ , बताओ न ?
मंजू : जी वो मुझे कुछ कपड़े लेने है और ऑफिस भी जाना है । पूरा दिन लग जाएगा फिर पैकिंग भी बाकी है और ये सब सामान किसी को सौंपना है ।

मुरारी कुछ सोच कर : अच्छा ठीक है हम कल ही जाएंगे । पहले तुम खाना खा कर ऑफिस जाओ और निकल कर फोन करना मै आ जाऊंगा तो साथ में शॉपिंग पर चलेंगे

मंजू खुश होकर : जी ठीक है
फिर मंजू सारे कपड़े बिस्तर पर एक किनारे बटोर दी और मुरारी के लिए खाना लेने चली गई ।


अरुण के घर

सुबह का नाश्ता कर अरुण कालेज के लिए निकल गया था और रज्जो जो शिला के साथ उसके कमरे में थी वो नहाने चली गई और नहाने के बाद वो तैयार हो गई ।
रज्जो : अरे दीदी कब आयेंगे वो लोग , 9 बज गए है
शिला : रुको यार फोन करती हुं
फिर शिला ने अपने पति को फोन घुमा दिया

फोन पर
शिला : हैलो
मानसिंह : हा शीलू कहो
शिला : कहूं क्या कहू ?आपको तो मेरी फिकर ही नहीं है , सुबह आने वाले थे 9 बज गए है
मानसिंह : बस मेरी जान आधे घंटे में आ रहा हूं
शिला मस्ती भरे लहजे में : जल्दी आओ न मेरे राजा , कबसे तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह
मानसिंह : ओहो मेरी जान मूड में है क्या
शिला रज्जो को देख कर मुस्कुराई और अपनी हसी रोक : अह्ह्ह्ह्ह हा बहुत ज्यादा , कितने दिन से मै तड़प रही हूं उम्मम जल्दी से आओ न
मानसिंह : बस मेरी आ ही गया हू रखो मै गाड़ी चला रहा हूं

फोन कट जाता है
रज्जो और शिला खिलखिला कर हस दिए
रज्जो - ये बढ़िया तरीका है जल्दी बुलाने का हीही उम्मम
शिला - अरे जब तड़पकर आयेंगे तभी तो और मजा आएगा हीही

कुछ देर मानसिंह की गाड़ी उसके घर के दरवाजे पर खड़ी थी ।
मानसिंह झट से उतरा और उसके साथ रामसिंह और कम्मो भी ।

कम्मो हस कर : अरे भाई साहब दीदी कही भाई नहीं रही है हाहा
रामसिंह : भाभी ने हड्डी फेक दी है कम्मो , अब भैया कहा किसी की सुनने वाले है हीही
मानसिंह अपना पजामा सेट करता हुआ : तुम दोनों चुप रहो , तुम्हारे आउटडोर क्विकी के चक्कर में लेट हो गया हमें
कम्मो : कॉम डाउन मेरी जान , मजा नहीं आया क्या आपको उम्मम खुले ने मुझे पेल कर
कम्मो पार्किंग में पजामे के ऊपर से ही मानसिंह का खड़ा लंड पकड़ते हुए बोली ।
मानसिंह सिहर उठा : अह्ह्ह्ह्ह कम्मो जाने दे न मुझे अह्ह्ह्ह
और मानसिंह झटके से घर में चला गया । वही कम्मो खिलखिलाने लगी
रामसिंह : भैया को तंग करने में तुम दोनों बहने एक सी हो हीही
कम्मो : क्यों जलन हो रही है
रामसिंह हस कर अपने लंड की ओर इशारा कर : मुझे नहीं इसे जरूर हो रही है
कम्मो ने हाथ बढ़ा कर रामसिंह का लंड पकड़ लिया : चलो इसको थोड़ा दुलार देती हूं मान जायेगा
और रामसिंह ने वही पार्किंग में ही कार पास खड़े हुए कम्मो के लिप्स चूसने लगा ।
कम्मो की सांसे चढ़ने लगी : जान ऊपर चलते है न
रामसिंह साड़ी के ऊपर से उसकी गाड़ दबोचता हुआ : यही कर लेते है न मेरी जान एक और आउटडोर क्विकी
कम्मो लजाई: धत्त
और निकल गई घर में ।

वही मानसिंह बड़े तेजी से हाल में घुसा और किचन में मीरा को काम करता देख शांत हुआ
मानसिंह : मीरा , नीलू की मां कहा है ?
मीरा : जी नमस्ते साहिब वो अपने कमरे में ही होगी
मानसिंह बिना कुछ बोले तेजी से अपने कमरे के पास चला गया ।
कमरे में कोई नहीं दिखा उसे जोरो की पेशाब लगी थी तो वो पहले फ्रेश होने लगा और जैसे ही बाहर आया और सोफे पर बैठ कर अपने जूते निकालने लगा
शिला हाथ में नाश्ते का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई , उसने आज नए तरीके से साड़ी पहनी हुई थी


Gid8-HIWWg-AALFGi
शिला के चुस्त ब्लाउज के उसकी छातियां मुश्किल से बिना ब्रा के समा पाई थी । ज्यादातर तो बाहर निकल आई थी । उसने सीधा पल्ला का साड़ी पहन करअपना चेहरा पल्लू से पूरा ढक रखा था और आगे से उसका ब्लाउज से मोटी चूचियां और नंगा बड़ा पेट साफ साफ नजर आ रहा था ।

मानसिंह ने जैसे ही शिला को साड़ी में ऐसे कामुक अवतार में देखा तो उसकी हलक सूखने लगी
मानसिंह : आहा मेरी जान क्या मस्त लग रही हो , अह्ह्ह्ह्ह ये पर्दा क्यों , आओ न बैठो
शिला ने ट्रे टेबल पर रखा और पीछे होकर खड़ी हो गई
मानसिंह : आओ न मेरी जान
शिला ने बिना कुछ बोले न में सर हिलाया
मानसिंह की नजर शिला के गदराई हुई मोटी मोटी चूचियो पर थी जो उसे ललचा रही थी और उसकी गुदाज गहरी नाभि देख मानसिंह का गला सुख रहा था ।
मानसिंह : अह्ह्ह्ह जान अभी भी नाराज हो क्या
शिला ने घूंघट में ही बिना कुछ बोले हा में सर हिलाया तो मानसिंह हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कलाई पकड़ ली तो शिला एकदम से चौक गई और कुनमुना कर अपनी कलाई छुड़ाने लगी और उससे दूर होने के लगी कि मानसिंह ने एक बार फिर से उसकी कलाई पकड़ते हुए उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोदी में बिठा लिया
शिला सिसकी और मानसिंह उसके बड़े चौड़े कूल्हे को मसलता हुआ अपने हाथ उसके नंगे पेट कर सहलाने लगा: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान क्यों नाराज है, अब तो आ गया न तेरे पास , जरा एक अपने मीठे होठों का रस तो पिला

जैसे ही मानसिंह ने शिला ने सर से पल्लू हटाया उसको जोर का झटका लगा वो उछल कर फर्श पर खड़ा हो गया और कमरे में एक तेज खिलखिलाहट गूंजने लगी
मानसिंह ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां शिला लेगी कुर्ती में हस रही थी और अब तक जिसे मानसिंह शिला समझ रहा था वो रज्जो थी ।
रज्जो थोड़ी लजा शर्मा रही थी क्योंकि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि मानसिंह एकदम से उसके जिस्म को मिजने लगेगा ।

मानसिंह : आ दादा , माफ कीजिएगा भाभी जी , मुझे लगा शिला है और आप कब आई तुमने बताया नहीं

मानसिंह जितना हो सकता था माहौल को बदलने की कोशिश कर रहा था मगर शिला ने रज्जो के सामने उसका मजा लेने से बाज नहीं आई और जमकर अपने पति को छेड़ा ।
शिला मजे लेते हुए : वैसे अब पता चल गया कि आप मुझसे जरा भी प्यार नहीं करते हूंह

मानसिंह कभी शिला को तो कभी मुस्कुराती लजाती रज्जो को देख कर सफाई देता हुआ : अरे मुझे कैसे पता कि घूंघट के नीचे भाभीजी होंगी , प्लीज भाभी जी मुझे माफ कीजिएगा प्लीज
रज्जो हस्ती हुई : कोई बात नहीं ये हम दोनो की ही शरारत थी
मानसिंह शिला की ओर देखकर : लो देखो ,
शिला : क्या देखो , भले ही ये हमारी शरारत थी मगर आपको तो मुझे पहचानना चाहिए था न हूह
रज्जो हसने लगी : हा ये भी .. हीही

मानसिंह शर्म से झेप कर : क्या भाभी आप भी मतलब
शिला : चलो भाभी , हम चलते है अब रहिए आप अकेले हूह
मानसिंह : अरे सॉरी न नीलू की मां , प्लीज
शिला मुंह बना कर : हा हा ठीक है , आप नहा धो कर नाश्ता कर लो हम आते है
मानसिंह : अरे कहा जा रहे हो
शिला : अरे रज्जो भाभी के कुछ कपड़े कल देने गई थी गांव में , तो वही लेने जाना है

मानसिंह : ओह ठीक है , जल्दी आना प्लीज
शिला मुंह बनाते ही अंगूठा दिखा कर : ठेंगा आऊंगी जल्दी हा नहीं तो
और दोनों कमरे से बाहर हस्ती खिलखिलाती निकल गई ।

*********************************
वही इन सब के अलग चमनपुरा में
रंगीलाल का बैग पैक हो चुका था और नाश्ता करके वो तैयार था

रंगी : राज बेटा दुकान के साथ घर का भी ध्यान रखना और तुम छोटे सेठ पढ़ाई न रुके बोर्ड है न इस बार
अनुज : जी पापा
रंगी : राज दुकान पर कुछ न समझ आए तो फोन कर लेना
राज : ठीक है पापा
रंगी : राज की मां तुम भी ख्याल रखना अपना
रागिनी कुछ बोले अनुज बीच में टपका : पापा मै हु न , मम्मी के पास हमेशा आप बेफिक्र जाओ
अनुज की बात पर सब हसने लगे
रागिनी मुस्कुरा कर : तेरा बैग रेडी हुआ , कालेज जाना है न तुझे भी
अनुज : कल से न मम्मी प्लीज
राज : कोई ड्रामा नहीं , चुप चाप कालेज जा
अनुज मन मारकर चुप हो गया और
रंगी भी मुस्कुरा कर सबसे विदा लेकर निकल गया आपने ससुराल के लिए।
वही राज आज से अपने पापा वाले दुकान पर बैठने वाला था और रागिनी कास्मेटिक वाले दुकान पर । अनुज भी अपने बैग रेडी कर निकल चुका था कालेज के लिए ।



जारी रहेगी
Superb update
 

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 130

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा चंदू मालती के करीब जा रहा है और राज की जीवन थोडा सामान्य रूप ले चुका था । दिन मे दुकान और रात मे पापा के मम्मी की ठुकाई ।
वही दुसरी ओर अनुज और राहुल के कांड की खबर निशा को हो गयी है तो देखते है आगे क्या होने वाला है ।

राज की जुबानी

मौसी के यहा से आये मुझे 3 हफ्ते हो चुके थे और मै एक नोर्मल लाइफ जी रहा था ।
ऐसे ही एक सुबह मै उठा और मैने मेरा मोबाइल चेक किया तो निशा के काफी सारे मैसेज और मिस्काल पड़े हुए थे । उसको मुझसे कोई जरुरी बात करनी थी और आज वो मुझे घर पर बुला रही थी ।
मै भी उसको दोपहर तक आने को बोला फिर नहा धो कर नासता किया । फिर अपने दुकान चला गया ।

दोपहर को जब अनुज खाना खाकर वापस आया तो मै उसे बिठाकर कर चाचा के यहा निकल गया ।

अंदर गया तो चाची से निशा को लेके पूछा
चाची - वो अपने कमरे मे होगी क्या हुआ बेटा

तभी निशा अपने कमरे से बाहर आई - हा मा मैने बुलाया है, वो मेरा मोबाइल थोडा हैन्ग कर रहा है ,,राज को पता है वो ठिक कर देगा

चाची - अच्छा ठिक है बेटा तू बैठ मै खाना लगा देती हू

मै - अरे नही नही मै खा के ही आया हू चाची ,,बस ये काम जल्दी से कर दू मुझे दुकान भी जाना है

चाची - अरे निशा भी पागल है ,,शाम को बुला लेती देखती नही समय नही होता उसके पास

मै हस कर - अरे कोई बात नही आप काम करो मुझे समय नही लगेगा ज्यादा

फिर चाची किचन मे चली गयी बर्तन साफ करनेऔर इधर मै जान छुड़ा कर निशा के कमरे मे गया ।

वहा जाते ही निशा ने पहले दरवाजा बंद किया और हमारी डीप किस्सिंग शुरु हो गयी

2 मिंट बाद मै किसिंग तोड कर हस्ता हुआ - अरे बताओ तो क्यू बुलाया है

निशा गुस्सा दिखाती हूइ - तुम जाओ ,, नही नही तुम जाओ । बडी जल्दी है तो

मै हस कर उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ -अच्छा क्या हुआ बताओ ना

निशा इतरा कर - हा नही तो एक तो इत्ने दिन बाद आये तो सीधा काम,, आखिरी बार कब मुझे प्यार किया था याद भी है

मै - ह्म्म्ं तो इसिलिए मुझे बूलाया है ,,लेकिन मेरी जान यहा शुरु हुआ तो हिहिहिही चाचा चाची सब भाग कर आ जायेंगे

निशा शर्मायी - धत्त ,,

मै - हा तो तुम भी तो नही आती हो मुझसे मिलने
निशा - अच्छा ठिक है आऊंगी संडे को सोनल दीदी के साथ

मै - अच्छा तो बताओ काम क्या है
निशा - वो मुझे तुम्हे कुछ बताना है
मै - हा बोलो
निशा - वो क्या है कि अनुज और राहुल ये दोनो पोर्न वीडियो देखने लगे

मै - अरे लेकिन उनके पास मोबाईल कहा है
निशा - अरे मेरी पूरी बात तो सुनो
फिर निशा मुझे बताती कि कैसे बीते एक हफ्ते मे उसके मोबाइल डाटा खतम कर कर के ये दोनो उसकी मोबाईल वापस करते है । फिर निशा मुझे सबूत के तौर पर गूगल डाटा यूज़ की सारी जानकारी दिखाती है । जिसमे उन सभी साइट और टॉप सर्च किये हुए टोपीक्स साफ दिख रहे थे ।

मैने जब सारी डिटेल्स बारीकी से पढी और हाल ही के सर्च टॉपिक को देखा तो वहा भले ही वीडियो फ़ैमिली सेक्स की देखी गयी हो लेकिन सर्च रिजल्ट नोर्मल सेक्स के ही थे ।

मै समझ गया कि इनकी गलती इतनी है कि ये लोग जो खोज रहे वो उन्हे मिल नही पा रहा है और मजबूरी मे इन्हे फैमिली वाले वीडियो देखने पड़ रहे है ।

निशा - क्या हुआ ?? क्या सोच रहे हो ? अब क्या किया जाये ?

मै - देखो फिलहाल इनकी आदत इससे दुर करनी पड़ेगी क्योकि इन्लोगो ने अनजाने मे या मजबूरी मे ही ये वीडियो देखे है क्योकि सारे सर्च रिजल्ट नोर्मल है । ये खोज कुछ और रहे थे लेकिन इन्हे वहा मिल ऐसे वीडियो रहे थे ।

मै - तो अब से इनको मोबाइल मत देना तुम और जरा राहुल पर नजर रखो । मै भी कुछ दिन अनुज पर नजर रख रहा हू । फिर आगे ये क्या प्लानिंग करते है ।

निशा - हमम ठिक है

फिर मै वापस अपने दुकान पर चला गया ।
शाम को अनुज रोज की तरह उसी समय मुझसे घूमने जाने को बोला तो मैने उसे जाने दिया क्योकि मै जानता था कि आज इनकी मंशा पूरी नही होगी ।

और मेरा अनुमान सही निकला । अगले 20 मिंट मे ही अनुज वापस आगया । उस्का चेहरे पर उदासी साफ दिख रही थी ।
उसका मन नही लग रहा था तो वो चौराहे पर चला गया । क्योकि मै जानता था कि अनुज कुछ भी करेगा लेकिन अपने घर वालो को लेके गलत विचार नही लाएगा मन मे ।

रात होने लगी तो मै भी दुकान बन्द करके निकल गया चौराहे पर । मैने तय किया कि अब से रात मे मा की चुदाई के बाद एक बार छत पर अनुज को देखने जाना है ।

मैने अगले कुछ दिनों तक उसपे नजर बनाई रखी । हर रोज शाम को वो राहुल के पास जाता और वापस निराश होकर आता ।
ऐसे ही चार दिन बीते।

एक शाम वापस आकर उसने मुझ्से कहा - भैया मुझे भी मोबाइल ले दो ना ,, अकेले अच्छा नही लगता

मै - अरे तो मेरा मोबाइल लेले
मैने जान बुझ कर अनुज को ये ऑफ़र दिया और उसने मेरे मन मुताबिक ही रिप्लाई दिया - वो आप रात मे मुझे दिया करो मोबाइल,,मुझे फिल्म देखने का मन करता है और फिर घर मे टीवी भी नही है ।

मैने ऐसी कोई प्रतिक्रिया नही दी कि उसे शक हो और उसे रात मे सोने के समय मोबाइल देने के लिए बोल दिया ।

वो खुश हो गया ।
रात को मै जब घर गया तो पहले फ्रेश हुआ और फिर छत पर जाकर निशा को फोन किया ।

फोन पर

मै - हा हैलो ,,कहा हो अभी
निशा - वो मै खाना बना रही हू क्या हुआ
मै - थोडा अकेले मे आओ कुछ बात करनी है ।

निशा - हा बोलो
मै - देखो आज रात को मै अनुज को मोबाइल दे रहा हू तो तुम फोन या मैसेज मत करना

निशा - अरे लेकिन तुमने तो मना किया था ना
मै - हा , लेकिन मैने कुछ सोचा कि क्यू ना अलग अलग दोनो के विचार देखे जाये ।

निशा - मतल्ब
मै - अरे मै रात मे अनुज को पहले मोबाइल दूँगा तो कल वो राहुल को जरुर बतायेगा । फिर राहुल भी कल तुमसे मोबाईल रात के लिए मागेगा तो तुम उसे दे देना

निशा - लेकिन उस्से क्या फाय्दा

मै - अरे फायदा ये होगा कि हम उन दोनो के अलग अलग विचार जान सकेंगे कि कौन कैसी वाली वीडियो पसंद कर रहा है ।

निशा - हा ये भी सही है । ठिक देखते है कल क्या होता है ।

मैने फिर फोन कट किया और सारे जरुरी कॉन्टैक्ट छिपा दिये और मोबाईल क्लीन करके ऐसा स्पैशल ब्राऊजर इंस्टाल करके अनुज को दिया ताकि अनुज चाह के भी अपनी हिस्ट्री डिलीट ना कर पाये क्योकि उसके फंशन काफी टफ्फ थे ।

फिर रात मे मा और पापा के साथ रोज का खेल चालू रहा मेरा ।

अगली सुबह मै उठा और फ्रेश होकर नासते के टेबल पर बैठा तो अनुज ने मेरा फोन मुझे वापस किया । वो काफी खुश नजर आ रहा था ।

फिर मैने बिना कुछ चेक किये मोबाईल जेब मे रखता हुआ - अरे भाई चार्ज है ना

अनुज - हा भैया सुबह उठकर ही लगा दिया था
मै मुस्कुरा कर नासता करने लगा ।

उसके बाद मै दुकान निकल गया ।
दुकान पर पहुचते ही मैने ब्राऊजर की हिस्ट्री चेक की तो मुस्कुरा उठा । अनुज सच मे मासूम था । मैने सारे recent search चेक किये जिनमे सिर्फ दो ही content सर्च किये गये थे। Big boobs girlfriend, big boobs wife

फिर मैने हिस्ट्री चेक की तो उसमे से एक के बाद एक करके करीब आठ दस वीडियो big boobs aunty से related भी ओपन हुए थे ।
इसमे भी मुझे कोई खराबी नही दिखी ।

मैने वापस से history डिलीट की और सारे recent search को भी डिलीट किया और वापस काम मे लग गया ।

शाम को अनुज रोज की तरह आज भी राहुल से मिलने गया और आधे घंटे बाद वापस आकर आज के लिए भी मोबाईल मागा तो मैने उसको हा बोल दिया । वो वापस घर चल गया ।

इधर अनुज के जाने के बाद से मै निशा के फोन का वेट करने लगा ।
रात होने लगी लेकिन निशा का फोन नही आया तो मै दुकान बन्द करके चौराहे वाले घर के लिए निकल गया ।

घर पहुचने से पहले ही निशा का फोन मेरे पास गया ।

फोन पर
निशा - हा राज जैसा तुमने कहा था ,, आज राहुल ने रात के लिए मोबाइल मागा ये कह कर की दीदी आपका सीरीयल शाम को खतम हो जाता है तो मुझे रात मे फिल्म देखने के लिए देदो मोबाइल

मै - हा फिर ,तुमने हा कहा ना
निशा - हा बोल दिया है
मै - ठिक है फिर मै तुम्हे एक ब्राऊजर का लिंक देता हू उसे डाउन्लोड करके उसमे अपना gmail लिंक करो ।

निशा - अरे मेरे मे गूगल है ना
मै - अरे सुनो तो पहले
निशा - हा बोलो
मै - इस ब्राऊजर का फंशन ऐसा है कि इसकी डाटा डिलीट करना बहुत कठिन है तो राहुल रात मे क्या देख रहा है ये हम सुबह मे पता कर सकते है ।

निशा - ठिक है तुम वो लिंक भेज दो ,मै वो डाउन्लोड कर लुन्गी । मुझे खाना बनाना है बाय

मै - हा बाय

फिर मैने फ़ोन रखा और वो ब्राऊजर का लिंक निशा को भेज दिया ।

फिर वही रोज की तरह खाना खाने के बाद मोबाइल अनुज को दिया और मम्मी पापा के साथ मस्ती ।
मुझे बस सुबह का इन्तजार था क्योकि अगले दिन संडे था और आज निशा यही चौराहे पर आने वाली थी ।

मै सुबह दुकान पर आ गया लेकिन दोपहर मे अनुज को बिठा कर चौराहे वाले घर पर निकल गया ।

खाने के बाद मै उपर सोनल दीदी के कमरे मे गया जहा सोनल और निशा अमन से बाते कर रही थी ।

मुझे सबसे पहले निशा का मोबाइल चेक करना था तो मै सीधा उस्से पुछ लिया - अरे निशा दीदी अपना मोबाइल देना

निशा मेरे मुह से दीदी सुन कर मुस्कुराई फिर मुझे मोबाइल देदी । चुकी सोनल अमन के साथ वयस्त थी तो उसने इस बात पर कोई गौर नही किया कि मै निशा का मोबाइल क्यू ले रहा हू ।

मै फटाफट ब्राऊजर खोलकर history चेक की और resent search भी देखे वहा राहुल ने teacher student sex video , aunty big boobs सर्च किये थे । हिस्ट्री मे कुछ इन्ही सबसे से related video थे और कुछ big boobs mom वाले वीडियो भी देखे गये थे । लेकिन उन्हे सर्च नही किया गया था ।

मै संसय मे खड़ा हुआ दिमाग पर जोर दे रहा था कि आखिर कैसे पता किया जाये कि इन दोनो के दिमाग मे क्या चल रहा है ।

मेरा सारा ध्यान मोबाईल मे स्क्रोल हो रही वीडियो पर था जिसके थंबनेल देख कर मेरे लण्ड मे तनाव बना हुआ था ।

इधर मुझे पता ही नही चला कि कब सोनल और निशा मेरे पैर के पास घुटनो के बल खड़ी हो गयी और मेरे जांघो को सहलाने लगी ।

मुझे गुदगुदी लगी और जब नजरे निचे गयी थी उनकी नशीली आंखे और वो कामुक मुस्कुराहत देख कर मेरा लण्ड और भी तन गया पैंट मे ।

सोनल ने बडी कामुकता ने मेरी आंखो मे देखते हुए एक हाथ से मेरे लण्ड के उभार को सहलाया । मै पुरा गनगना गया ।

मैने फौरन दरवाजे पर नजर मारी तो देखा वो तो बंद था जबकि मै उसे खोल कर ही आया था अंदर

निशा अपने हाथ मेरे जांघो पर सहला रही ,,मुझे उनदोनो का स्पर्श पिघलाने लगा था । मेरे पैर हिलने लगे थे ।

इधर सोनल ने पहले बेल्ट और फिर मेरा चैन खोलते हुए मेरा पैंट बडी मदहोशि मे निचे किया ।
उसकी ये अदा मुझे पागल बना रही थी ।वही निशा सोनल के कन्धो को चूमने लगी थी उसके जिस्म पर हाथ घुमाने लगी थी जिस्से सोनल की आन्खे और भी कामुक से भर गयी थी ।

फिर जो उसने अंडरवियर के उपर से मेरे लण्ड के उभार को अपने होठो मे भरा ,,,मै पूरी तरह से कपकपा उठा और मेरा लण्ड एक दम रॉड के जैसे तन गया ।

सोनल ने अपनी अदाओ और स्पर्शो का जादू जारी रखते हुए अंडरवियर के उपर से ही मेरे आड़ो को थाम कर उन्हे आगे पीछे करते हुए मेरे लण्ड के उभार पर जीभ फिराते हुए मेरी आंखो मे देखने लगी ।

मुझसे बर्दाश्त ना हुआ और मैने फौरान अपना लण्ड अंडरवियर से बाहर निकाला । फिर सोनल के बालो को पकड कर खीचा एक हाथ से लण्ड को थामे हुए उसके मुलायम होठो पर दरने लगा ।

वो जब भी जीभ से छूती मै काप जाता और फिर मैने अपना लण्ड उसके मुह मे ठूस दिया ।

अगले ही पल सोनल सीधी हुई और मेरे लण्ड को गले तक ले गयी ,,,मै उत्तेजना से भर गया ।

इधर जैसे ही मेरा लण्ड गिला करके बाहर निकाला उसे निशा ने मुह मे भर लिया और गुउउउउउंंंं गुउउउऊऊऊ करके चुसते हुए सोनल को पास किया और फिर उसने भी थोडा चुस कर निशा को वापस से दिया ।

बारी बारी से दोनो ने मेरा लण्ड निचोड़ना शुरु कर दिया और लण्ड चुसते हुए दोनो ने एक साथ प्लाजो कमर से सरकाने लगी ।

मै समझ गया जन्मो की प्यासी ये आज मुझे निचोड कर रहेंगी

इधर निशा की नजर जब सोनल पर गयी कि वो भी अपना प्लाजो खोल रही है तो वो मेरा लण्ड मुह मे भरे हुए ही खड़ी होने लगी और खड़ा होकर जल्दी से पैंटी प्लाजो एक साथ निकालते हुए हसने लगी ।

निशा - दीदी प्लीज मुझे पहले ,,आप तो रोज लेते होगे ना प्लीज

सोनल भी अपनी पैंटी और प्लाजो निकालते हुए - कहा रोज ,, कितने दिन हो गये नही चोदा इसने मुझे

निशा अपनी चुत रगड़ती हुई - अह्ह्ह दीदी मान जाओ ना उम्म्ं देखो बहुत खुजली कर रही है उह्ह्ह्ह सीईई

सोनल उसके पास गयी और उस्के चुत को उपर से सहलाते हुए बोली - अह्ह्ह ला मै सहला दू मेरी गुड्डो उम्म्ंम क्या मुलायं चुत है तेरी है

इधर निशा सोनल के हाथो का स्पर्श अपनी चुत पर पाकर पागल सी होने लगी ,,उसकी एडिया खड़ी होने लगी और उसका सन्तुलन जाने लगा

सोनल ने मुझे आंखो से इशारा किया और खुद निशा को बिस्तर पर गिरा कर उसकी चुत मे मुह लगा दिया ।

मै सोनल को अपने सामाने झुका हुआ पाकर मस्त हो गया और उसके चिकनी मुलायम गोरी गाड़ के पाटो को फैलाते हुए चुत के पास ऊँगलीया फिराई जिस्से क़ो भी कसमसाने लगी ।

मैने सोनल का एक पैर उठा कर बिसतर पर रखा और मुझे चुत मे जाने की जगह दिखने लगी ।
मैने थोडा सा थुक लेके अपने सुपाडे पर लगाया और सोनल की चुत टटोल कर लण्ड को गच्च से उसकी चुत मे उतार दिया

बदलने दर्द और मजे से सोनल ने निशा की चुत को कस के मुह मे दबोच लिया और निशा सिसकी - अह्ह्ह दीदी उम्म्ंम्ं फ्क्क्क अह्ह्ह उम्म्ंम्ं शिटटत अह्हहह फ्क्क मीईई दिदीई ओह्ह माआय्य्य्य उम्म्ंम ओह्ह्ह

इधर मेरा धक्का सोनल की चुत मे जाने लगा और उधर निशा की सिसकिया तेज होने लगी

थोडे समय सोनल को गाड को थामे हूए पेलता रहा । फिर उसे हटा कर अलग किया और निशा की टाँगे खिच के बिस्तर के किनारे लाया ।

निशा मानो फुल तैयारी मे ही आई थी कि आज उसे मुझसे चुदना है इसिलिए उसकी चुत पर एक भी बाल न्ही थे । उसकी गुलाबी पाव सी फुली चुत देख कर मेरा जी ललचा गया और मैने भी झुक कर उसकी जांघो को फैलाया और मुह उसके चुत पर लगा दिया ।

उम्म्ंम क्या खुस्बु थी क्या नरम अह्सास ,,वही निशा मजे से सिसिकने और छ्टकने लगी । बगल मे सोनल जान्घे खोल कर लेती अपनी चुत मसले जा रही थी ।

मै वापस खड़ा हुआ और लण्ड निशा की चुत पर लगाते हुए गचाक से पेल दिया ।

निशा ने मुह पर हाथ रख लिया और सिस्कने लगी ,,काफी समय बाद चूदने से निशा की चुत टाइट थी लेकिन जल्द ही उसने मेरे लण्ड के लिये जगह बना ली ।

वही सोनल अब निशा के बगल मे करवट लेक सोयी हुई उसकी कुर्ती उठा कर ब्रा ने एक चुची निकाल के उसे पी रही थी । साथ ही सोनल के हाथ निशा के चुत के हिस्सो पर रेन्ग रहे थे तो कभी उसके अपने चुत पर

मै जोश मे धकाधक पेले जा रहा था ,
बारी बारी से कभी सोनल तो कभी निशा दोनो ने मुझसे पेलवाया और दो मुझको निचोडने के बाद ही मुझे जाने दिया ।

फिर मै निचे आया तो मा को चेक किया कि वो कहा तो वो अपने कमरे मे सो रही थी ।
मैने राहत की सास ली और अपने दुकान पर निकल गया ।

जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 130

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा चंदू मालती के करीब जा रहा है और राज की जीवन थोडा सामान्य रूप ले चुका था । दिन मे दुकान और रात मे पापा के मम्मी की ठुकाई ।
वही दुसरी ओर अनुज और राहुल के कांड की खबर निशा को हो गयी है तो देखते है आगे क्या होने वाला है ।

राज की जुबानी

मौसी के यहा से आये मुझे 3 हफ्ते हो चुके थे और मै एक नोर्मल लाइफ जी रहा था ।
ऐसे ही एक सुबह मै उठा और मैने मेरा मोबाइल चेक किया तो निशा के काफी सारे मैसेज और मिस्काल पड़े हुए थे । उसको मुझसे कोई जरुरी बात करनी थी और आज वो मुझे घर पर बुला रही थी ।
मै भी उसको दोपहर तक आने को बोला फिर नहा धो कर नासता किया । फिर अपने दुकान चला गया ।दोपहर को जब अनुज खाना खाकर वापस आया तो मै उसे बिठाकर कर चाचा के यहा निकल गया ।अंदर गया तो चाची से निशा को लेके पूछा
चाची - वो अपने कमरे मे होगी क्या हुआ बेटातभी निशा अपने कमरे से बाहर आई - हा मा मैने बुलाया है, वो मेरा मोबाइल थोडा हैन्ग कर रहा है ,,राज को पता है वो ठिक कर देगाचाची - अच्छा ठिक है बेटा तू बैठ मै खाना लगा देती हूमै - अरे नही नही मै खा के ही आया हू चाची ,,बस ये काम जल्दी से कर दू मुझे दुकान भी जाना हैचाची - अरे निशा भी पागल है ,,शाम को बुला लेती देखती नही समय नही होता उसके पासमै हस कर - अरे कोई बात नही आप काम करो मुझे समय नही लगेगा ज्यादाफिर चाची किचन मे चली गयी बर्तन साफ करनेऔर इधर मै जान छुड़ा कर निशा के कमरे मे गया ।वहा जाते ही निशा ने पहले दरवाजा बंद किया और हमारी डीप किस्सिंग शुरु हो गयी2 मिंट बाद मै किसिंग तोड कर हस्ता हुआ - अरे बताओ तो क्यू बुलाया हैनिशा गुस्सा दिखाती हूइ - तुम जाओ ,, नही नही तुम जाओ । बडी जल्दी है तोमै हस कर उसको अपनी बाहो मे भरता हुआ -अच्छा क्या हुआ बताओ नानिशा इतरा कर - हा नही तो एक तो इत्ने दिन बाद आये तो सीधा काम,, आखिरी बार कब मुझे प्यार किया था याद भी हैमै - ह्म्म्ं तो इसिलिए मुझे बूलाया है ,,लेकिन मेरी जान यहा शुरु हुआ तो हिहिहिही चाचा चाची सब भाग कर आ जायेंगेनिशा शर्मायी - धत्त ,,मै - हा तो तुम भी तो नही आती हो मुझसे मिलने
निशा - अच्छा ठिक है आऊंगी संडे को सोनल दीदी के साथमै - अच्छा तो बताओ काम क्या है
निशा - वो मुझे तुम्हे कुछ बताना है
मै - हा बोलो
निशा - वो क्या है कि अनुज और राहुल ये दोनो पोर्न वीडियो देखने लगेमै - अरे लेकिन उनके पास मोबाईल कहा है
निशा - अरे मेरी पूरी बात तो सुनो
फिर निशा मुझे बताती कि कैसे बीते एक हफ्ते मे उसके मोबाइल डाटा खतम कर कर के ये दोनो उसकी मोबाईल वापस करते है । फिर निशा मुझे सबूत के तौर पर गूगल डाटा यूज़ की सारी जानकारी दिखाती है । जिसमे उन सभी साइट और टॉप सर्च किये हुए टोपीक्स साफ दिख रहे थे ।मैने जब सारी डिटेल्स बारीकी से पढी और हाल ही के सर्च टॉपिक को देखा तो वहा भले ही वीडियो फ़ैमिली सेक्स की देखी गयी हो लेकिन सर्च रिजल्ट नोर्मल सेक्स के ही थे ।मै समझ गया कि इनकी गलती इतनी है कि ये लोग जो खोज रहे वो उन्हे मिल नही पा रहा है और मजबूरी मे इन्हे फैमिली वाले वीडियो देखने पड़ रहे है ।निशा - क्या हुआ ?? क्या सोच रहे हो ? अब क्या किया जाये ?मै - देखो फिलहाल इनकी आदत इससे दुर करनी पड़ेगी क्योकि इन्लोगो ने अनजाने मे या मजबूरी मे ही ये वीडियो देखे है क्योकि सारे सर्च रिजल्ट नोर्मल है । ये खोज कुछ और रहे थे लेकिन इन्हे वहा मिल ऐसे वीडियो रहे थे ।मै - तो अब से इनको मोबाइल मत देना तुम और जरा राहुल पर नजर रखो । मै भी कुछ दिन अनुज पर नजर रख रहा हू । फिर आगे ये क्या प्लानिंग करते है ।निशा - हमम ठिक हैफिर मै वापस अपने दुकान पर चला गया ।
शाम को अनुज रोज की तरह उसी समय मुझसे घूमने जाने को बोला तो मैने उसे जाने दिया क्योकि मै जानता था कि आज इनकी मंशा पूरी नही होगी ।और मेरा अनुमान सही निकला । अगले 20 मिंट मे ही अनुज वापस आगया । उस्का चेहरे पर उदासी साफ दिख रही थी ।
उसका मन नही लग रहा था तो वो चौराहे पर चला गया । क्योकि मै जानता था कि अनुज कुछ भी करेगा लेकिन अपने घर वालो को लेके गलत विचार नही लाएगा मन मे ।रात होने लगी तो मै भी दुकान बन्द करके निकल गया चौराहे पर । मैने तय किया कि अब से रात मे मा की चुदाई के बाद एक बार छत पर अनुज को देखने जाना है ।मैने अगले कुछ दिनों तक उसपे नजर बनाई रखी । हर रोज शाम को वो राहुल के पास जाता और वापस निराश होकर आता ।
ऐसे ही चार दिन बीते।एक शाम वापस आकर उसने मुझ्से कहा - भैया मुझे भी मोबाइल ले दो ना ,, अकेले अच्छा नही लगतामै - अरे तो मेरा मोबाइल लेले
मैने जान बुझ कर अनुज को ये ऑफ़र दिया और उसने मेरे मन मुताबिक ही रिप्लाई दिया - वो आप रात मे मुझे दिया करो मोबाइल,,मुझे फिल्म देखने का मन करता है और फिर घर मे टीवी भी नही है ।मैने ऐसी कोई प्रतिक्रिया नही दी कि उसे शक हो और उसे रात मे सोने के समय मोबाइल देने के लिए बोल दिया ।वो खुश हो गया ।
रात को मै जब घर गया तो पहले फ्रेश हुआ और फिर छत पर जाकर निशा को फोन किया ।फोन परमै - हा हैलो ,,कहा हो अभी
निशा - वो मै खाना बना रही हू क्या हुआ
मै - थोडा अकेले मे आओ कुछ बात करनी है ।निशा - हा बोलो
मै - देखो आज रात को मै अनुज को मोबाइल दे रहा हू तो तुम फोन या मैसेज मत करनानिशा - अरे लेकिन तुमने तो मना किया था ना
मै - हा , लेकिन मैने कुछ सोचा कि क्यू ना अलग अलग दोनो के विचार देखे जाये ।निशा - मतल्ब
मै - अरे मै रात मे अनुज को पहले मोबाइल दूँगा तो कल वो राहुल को जरुर बतायेगा । फिर राहुल भी कल तुमसे मोबाईल रात के लिए मागेगा तो तुम उसे दे देनानिशा - लेकिन उस्से क्या फाय्दामै - अरे फायदा ये होगा कि हम उन दोनो के अलग अलग विचार जान सकेंगे कि कौन कैसी वाली वीडियो पसंद कर रहा है ।निशा - हा ये भी सही है । ठिक देखते है कल क्या होता है ।मैने फिर फोन कट किया और सारे जरुरी कॉन्टैक्ट छिपा दिये और मोबाईल क्लीन करके ऐसा स्पैशल ब्राऊजर इंस्टाल करके अनुज को दिया ताकि अनुज चाह के भी अपनी हिस्ट्री डिलीट ना कर पाये क्योकि उसके फंशन काफी टफ्फ थे ।फिर रात मे मा और पापा के साथ रोज का खेल चालू रहा मेरा ।अगली सुबह मै उठा और फ्रेश होकर नासते के टेबल पर बैठा तो अनुज ने मेरा फोन मुझे वापस किया । वो काफी खुश नजर आ रहा था ।फिर मैने बिना कुछ चेक किये मोबाईल जेब मे रखता हुआ - अरे भाई चार्ज है नाअनुज - हा भैया सुबह उठकर ही लगा दिया था
मै मुस्कुरा कर नासता करने लगा ।उसके बाद मै दुकान निकल गया ।
दुकान पर पहुचते ही मैने ब्राऊजर की हिस्ट्री चेक की तो मुस्कुरा उठा । अनुज सच मे मासूम था । मैने सारे recent search चेक किये जिनमे सिर्फ दो ही content सर्च किये गये थे। Big boobs girlfriend, big boobs wifeफिर मैने हिस्ट्री चेक की तो उसमे से एक के बाद एक करके करीब आठ दस वीडियो big boobs aunty से related भी ओपन हुए थे ।
इसमे भी मुझे कोई खराबी नही दिखी ।मैने वापस से history डिलीट की और सारे recent search को भी डिलीट किया और वापस काम मे लग गया ।शाम को अनुज रोज की तरह आज भी राहुल से मिलने गया और आधे घंटे बाद वापस आकर आज के लिए भी मोबाईल मागा तो मैने उसको हा बोल दिया । वो वापस घर चल गया ।इधर अनुज के जाने के बाद से मै निशा के फोन का वेट करने लगा ।
रात होने लगी लेकिन निशा का फोन नही आया तो मै दुकान बन्द करके चौराहे वाले घर के लिए निकल गया ।घर पहुचने से पहले ही निशा का फोन मेरे पास गया ।फोन पर
निशा - हा राज जैसा तुमने कहा था ,, आज राहुल ने रात के लिए मोबाइल मागा ये कह कर की दीदी आपका सीरीयल शाम को खतम हो जाता है तो मुझे रात मे फिल्म देखने के लिए देदो मोबाइलमै - हा फिर ,तुमने हा कहा ना
निशा - हा बोल दिया है
मै - ठिक है फिर मै तुम्हे एक ब्राऊजर का लिंक देता हू उसे डाउन्लोड करके उसमे अपना gmail लिंक करो ।निशा - अरे मेरे मे गूगल है ना
मै - अरे सुनो तो पहले
निशा - हा बोलो
मै - इस ब्राऊजर का फंशन ऐसा है कि इसकी डाटा डिलीट करना बहुत कठिन है तो राहुल रात मे क्या देख रहा है ये हम सुबह मे पता कर सकते है ।निशा - ठिक है तुम वो लिंक भेज दो ,मै वो डाउन्लोड कर लुन्गी । मुझे खाना बनाना है बायमै - हा बायफिर मैने फ़ोन रखा और वो ब्राऊजर का लिंक निशा को भेज दिया ।फिर वही रोज की तरह खाना खाने के बाद मोबाइल अनुज को दिया और मम्मी पापा के साथ मस्ती ।
मुझे बस सुबह का इन्तजार था क्योकि अगले दिन संडे था और आज निशा यही चौराहे पर आने वाली थी ।मै सुबह दुकान पर आ गया लेकिन दोपहर मे अनुज को बिठा कर चौराहे वाले घर पर निकल गया ।खाने के बाद मै उपर सोनल दीदी के कमरे मे गया जहा सोनल और निशा अमन से बाते कर रही थी ।मुझे सबसे पहले निशा का मोबाइल चेक करना था तो मै सीधा उस्से पुछ लिया - अरे निशा दीदी अपना मोबाइल देनानिशा मेरे मुह से दीदी सुन कर मुस्कुराई फिर मुझे मोबाइल देदी । चुकी सोनल अमन के साथ वयस्त थी तो उसने इस बात पर कोई गौर नही किया कि मै निशा का मोबाइल क्यू ले रहा हू ।मै फटाफट ब्राऊजर खोलकर history चेक की और resent search भी देखे वहा राहुल ने teacher student sex video , aunty big boobs सर्च किये थे । हिस्ट्री मे कुछ इन्ही सबसे से related video थे और कुछ big boobs mom वाले वीडियो भी देखे गये थे । लेकिन उन्हे सर्च नही किया गया था ।मै संसय मे खड़ा हुआ दिमाग पर जोर दे रहा था कि आखिर कैसे पता किया जाये कि इन दोनो के दिमाग मे क्या चल रहा है ।मेरा सारा ध्यान मोबाईल मे स्क्रोल हो रही वीडियो पर था जिसके थंबनेल देख कर मेरे लण्ड मे तनाव बना हुआ था ।इधर मुझे पता ही नही चला कि कब सोनल और निशा मेरे पैर के पास घुटनो के बल खड़ी हो गयी और मेरे जांघो को सहलाने लगी ।मुझे गुदगुदी लगी और जब नजरे निचे गयी थी उनकी नशीली आंखे और वो कामुक मुस्कुराहत देख कर मेरा लण्ड और भी तन गया पैंट मे ।सोनल ने बडी कामुकता ने मेरी आंखो मे देखते हुए एक हाथ से मेरे लण्ड के उभार को सहलाया । मै पुरा गनगना गया ।मैने फौरन दरवाजे पर नजर मारी तो देखा वो तो बंद था जबकि मै उसे खोल कर ही आया था अंदरनिशा अपने हाथ मेरे जांघो पर सहला रही ,,मुझे उनदोनो का स्पर्श पिघलाने लगा था । मेरे पैर हिलने लगे थे ।इधर सोनल ने पहले बेल्ट और फिर मेरा चैन खोलते हुए मेरा पैंट बडी मदहोशि मे निचे किया ।
उसकी ये अदा मुझे पागल बना रही थी ।वही निशा सोनल के कन्धो को चूमने लगी थी उसके जिस्म पर हाथ घुमाने लगी थी जिस्से सोनल की आन्खे और भी कामुक से भर गयी थी ।फिर जो उसने अंडरवियर के उपर से मेरे लण्ड के उभार को अपने होठो मे भरा ,,,मै पूरी तरह से कपकपा उठा और मेरा लण्ड एक दम रॉड के जैसे तन गया ।सोनल ने अपनी अदाओ और स्पर्शो का जादू जारी रखते हुए अंडरवियर के उपर से ही मेरे आड़ो को थाम कर उन्हे आगे पीछे करते हुए मेरे लण्ड के उभार पर जीभ फिराते हुए मेरी आंखो मे देखने लगी ।मुझसे बर्दाश्त ना हुआ और मैने फौरान अपना लण्ड अंडरवियर से बाहर निकाला । फिर सोनल के बालो को पकड कर खीचा एक हाथ से लण्ड को थामे हुए उसके मुलायम होठो पर दरने लगा ।वो जब भी जीभ से छूती मै काप जाता और फिर मैने अपना लण्ड उसके मुह मे ठूस दिया ।अगले ही पल सोनल सीधी हुई और मेरे लण्ड को गले तक ले गयी ,,,मै उत्तेजना से भर गया ।इधर जैसे ही मेरा लण्ड गिला करके बाहर निकाला उसे निशा ने मुह मे भर लिया और गुउउउउउंंंं गुउउउऊऊऊ करके चुसते हुए सोनल को पास किया और फिर उसने भी थोडा चुस कर निशा को वापस से दिया ।बारी बारी से दोनो ने मेरा लण्ड निचोड़ना शुरु कर दिया और लण्ड चुसते हुए दोनो ने एक साथ प्लाजो कमर से सरकाने लगी ।मै समझ गया जन्मो की प्यासी ये आज मुझे निचोड कर रहेंगीइधर निशा की नजर जब सोनल पर गयी कि वो भी अपना प्लाजो खोल रही है तो वो मेरा लण्ड मुह मे भरे हुए ही खड़ी होने लगी और खड़ा होकर जल्दी से पैंटी प्लाजो एक साथ निकालते हुए हसने लगी ।निशा - दीदी प्लीज मुझे पहले ,,आप तो रोज लेते होगे ना प्लीजसोनल भी अपनी पैंटी और प्लाजो निकालते हुए - कहा रोज ,, कितने दिन हो गये नही चोदा इसने मुझेनिशा अपनी चुत रगड़ती हुई - अह्ह्ह दीदी मान जाओ ना उम्म्ं देखो बहुत खुजली कर रही है उह्ह्ह्ह सीईईसोनल उसके पास गयी और उस्के चुत को उपर से सहलाते हुए बोली - अह्ह्ह ला मै सहला दू मेरी गुड्डो उम्म्ंम क्या मुलायं चुत है तेरी हैइधर निशा सोनल के हाथो का स्पर्श अपनी चुत पर पाकर पागल सी होने लगी ,,उसकी एडिया खड़ी होने लगी और उसका सन्तुलन जाने लगासोनल ने मुझे आंखो से इशारा किया और खुद निशा को बिस्तर पर गिरा कर उसकी चुत मे मुह लगा दिया ।मै सोनल को अपने सामाने झुका हुआ पाकर मस्त हो गया और उसके चिकनी मुलायम गोरी गाड़ के पाटो को फैलाते हुए चुत के पास ऊँगलीया फिराई जिस्से क़ो भी कसमसाने लगी ।मैने सोनल का एक पैर उठा कर बिसतर पर रखा और मुझे चुत मे जाने की जगह दिखने लगी ।
मैने थोडा सा थुक लेके अपने सुपाडे पर लगाया और सोनल की चुत टटोल कर लण्ड को गच्च से उसकी चुत मे उतार दियाबदलने दर्द और मजे से सोनल ने निशा की चुत को कस के मुह मे दबोच लिया और निशा सिसकी - अह्ह्ह दीदी उम्म्ंम्ं फ्क्क्क अह्ह्ह उम्म्ंम्ं शिटटत अह्हहह फ्क्क मीईई दिदीई ओह्ह माआय्य्य्य उम्म्ंम ओह्ह्हइधर मेरा धक्का सोनल की चुत मे जाने लगा और उधर निशा की सिसकिया तेज होने लगीथोडे समय सोनल को गाड को थामे हूए पेलता रहा । फिर उसे हटा कर अलग किया और निशा की टाँगे खिच के बिस्तर के किनारे लाया ।निशा मानो फुल तैयारी मे ही आई थी कि आज उसे मुझसे चुदना है इसिलिए उसकी चुत पर एक भी बाल न्ही थे । उसकी गुलाबी पाव सी फुली चुत देख कर मेरा जी ललचा गया और मैने भी झुक कर उसकी जांघो को फैलाया और मुह उसके चुत पर लगा दिया ।उम्म्ंम क्या खुस्बु थी क्या नरम अह्सास ,,वही निशा मजे से सिसिकने और छ्टकने लगी । बगल मे सोनल जान्घे खोल कर लेती अपनी चुत मसले जा रही थी ।मै वापस खड़ा हुआ और लण्ड निशा की चुत पर लगाते हुए गचाक से पेल दिया ।निशा ने मुह पर हाथ रख लिया और सिस्कने लगी ,,काफी समय बाद चूदने से निशा की चुत टाइट थी लेकिन जल्द ही उसने मेरे लण्ड के लिये जगह बना ली ।वही सोनल अब निशा के बगल मे करवट लेक सोयी हुई उसकी कुर्ती उठा कर ब्रा ने एक चुची निकाल के उसे पी रही थी । साथ ही सोनल के हाथ निशा के चुत के हिस्सो पर रेन्ग रहे थे तो कभी उसके अपने चुत परमै जोश मे धकाधक पेले जा रहा था ,
बारी बारी से कभी सोनल तो कभी निशा दोनो ने मुझसे पेलवाया और दो मुझको निचोडने के बाद ही मुझे जाने दिया ।फिर मै निचे आया तो मा को चेक किया कि वो कहा तो वो अपने कमरे मे सो रही थी ।
मैने राहत की सास ली और अपने दुकान पर निकल गया ।जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 131

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि कैसे एक ओर राज निशा के साथ मिल कर अनुज और राहुल की जासूसी शुरु कर दी है वही दुसरी ओर सोनल के साथ मिल निशा की चुदाई भी की । देखते है आगे क्या होता है ।



राज की जुबानी

निशा और सोनल की चुदाई के बाद मै वापस दुकान पर निकल गया और वहा थोडा उलझन मे ही रहा कि आगे क्या किया जाये ताकि कोई छिपी हुई बात सामने आये ।

काफी सोचने के बाद मैने तय किया क्यू ना इन दोनो का टेस्ट लू और इनदोनो को हिन्दी incest sex story पढवा के इनकी प्रतिकिया देखू ।
मगर कैसे?? कुछ जोरदार विचार लाना पडेगा तभी ये प्लान काम करेगा ।


कुछ सोचने के बाद मुझे एक आइडिया आया और मै मुस्कुरा कर अपने काम मे लग गया ।

शाम को अनुज रोज की तरह घूमने गया और जब वापस आने का समय हुआ तो मै उसका इन्तेजार करने लगा ।


इधर जैसे ही वो वापस आता दिखा मै दुकान के पिछले कमरे मे कान पर फोन लगाये झुटमुट की बात करने लगा ।

अनुज जैसे ही दुकान मे घुसा मुझे फोन पर बात करते हुए पीछे के कमरे मे जाते देखा और मै जानबुझ कर ऐसे बात कर रहा था कि मानो मै किसी से बहस कर रहा हू ताकि अनुज मेरे बातो पर ध्यान दे और हुआ भी वही ।

मै फोन पर - यार तु समझता क्यो नही है ,,रात मे अनुज भी मोबाइल चलाता है और कही उसने वो कहानिया पढ ली तो

मै - हा हा ठिक है ,, हा उस लिंक को मैने बुकमार्क करके रखा है । ठिक है कल तू उसे ले लेना फिर मै उसे डिलीट कर दूँगा

मै थोडा चुप होकर - हा लेकिन तु तो जानता ही है ना कैसी कैसी कहानिया है उसमे अगर कही अनुज ने देख ली तो वो यही समझेगा ना की मै ये सब पढता हू ,,, हा ठिक है रख बाय


मेरे बाय बोलने पर अनुज वापस कमरे से हटकर दुकान के गल्ले पर आगया ।
मै दुकान मे आया तो ऐसे दिखाया कि मानो मेरी कोई चोरी पकड़ी गयी हो ।

अनुज भी मेरे चेहरे के भावो को पढने की कोसिस कर रहा था ।
इधर कुछ ग्राहक आ गये तो हम दोनो दुकान मे व्यस्त हो गये


रात को खाने के बाद मैने एक हिन्दी सेक्स स्टोरी की साइट को बुकमार्क कर दिया ,,जिसमे सिर्फ शॉर्ट हिन्दी सेक्स कहानिया थी ।

शार्ट कहानिया मैने इसलिये चुनी ताकी रात मे अनुज एक से ज्यादा कहानिया पढ सके ।

फिर मैने उसको मोबाईल दे दिया और मम्मी पापा के पास चला गया ।

अगली सुबह जब अनुज ने मुझे मोबाइल वापस किया तो मै बिना चेक किये दुकान आया और फिर यहा चेक किया तो देखा कि कल रात अनुज ने एक भी सेक्स वीडियो नही देखी थी और history मे सब शॉर्ट हिन्दी सेक्स कहानियो के है ।

उसने काफी सारी पारिवारिक कहानियो को भी खोला था ।
खास कर "चचेरि बहन से चुदाई" के काफी सारे पेज खोले गये थे ।

मै समझ गया कि उसने ये कहानि अच्छे से पढी थी ।
फिर एक "जीजा साली की चुदाई" कहानी के काफी सारे पेज खुले थे । "मौसेरी बहन के साथ चुदाई" के भी कुछ पेज उसने पढे थे ।

हालाकी उसने "मा के साथ चुदाई ", "सगी मा को पेला" जैसे पेज भी खोले थे मगर उन कहानियो के सिंगल पेज ही खुले थे । मतलब साफ था कि अनुज ने इन्हे इग्नोर कर दिया था । उसे सगे रिश्तो मे कोई दिलचस्पी नही थी ।


मै सारी history पढ कर खुश हुआ और समझ गया कि आगे क्या करना है ।
मैने तूरन्त उस कहानी की साइट की सारी हिस्ट्री और बुकमार्क डिलीट कर दी ।
क्योकि असली टेस्ट अनुज अभी होना था । अगर वो आज रात को वापस से सेक्स कहानिया खोजगा तो मतलब साफ है कि उसे इनसब मे रुचि है ।

अगले दिन की सुबह मैने फिर से मोबाइल चेक किया तो मेरा अनुमान सही निकला ,,अनुज ने रात मे वही सेक्स कहानिया पढ रहा है । जिसमे चचेरि बहन की चुदाई की कहानीयो के आगे की कड़ीया थी ।

अनुज का रुझान मै समझा गया और ऐसे ही दो रात मैने उसको मोबाईल देके उसकी आदत बढाई । बीते चार दिनो मे अनुज ने सिवाय सेक्स कहानियो के कुछ नही खोला और तो और वो शाम के समय राहुल से चार दिनो से मिलने भी नही गया वो मन लगा कर दुकान मे काम करता और हर समय मेरे फरमान की राह देखता । मै समझ कि इसे जो चाहिये आसानी ने मिल जा रहा है । तो मैने योजना आगे बधाई
फिर अग्ली दो रातो के लिए मैने अनुज को मोबाइल नही दिया । उसकी बेचैनी साफ नजर आ रही थी पुरे एक हफ्ते बाद शाम को अनुज ने घूमने जाने की बात की ।

मै जान गया कि मेरा तीर निशाने पर लगा है ,,,अनुज को उन रोचक कहानियो की चस्क लग गयी है और वो अब राहुल से निशा का मोबाईल जरुर मागेगा ।


इधर अनुज जैसे ही दुकान से गया मैने फौरन निशा को फोन लगा कर सारी बात उसे समझाई और कहा कि अगर आज राहुल मोबाईल मागे दे देना ।
निशा ने मेरे भरोसे हा कर दी ।


शाम को जब अनुज वापस आया तो वो खुश नजर आ रहा था । उसने आज मोबाईल के लिये भी नही कहा मुझसे ।मतलब साफ था कि उसने वो चीजे राहुल से शेयर कर दी है और अब राहुल रात मे भी वो साइट खोल कर कहानिया जरुर पढेगा ।


अगले दिन मैने निशा को दुकान पर बुलाया कि वो कोई बहाना करके आये और मुझे मोबाइल दिखाये ।
दोपहर को जब अनुज खाना खाने के लिए चौराहे पर गया तो मैने निशा को आने को कहा और थोडे समय बाद वो मेरे दुकान पर आ गयी ।


मैने उसके मोबाइल मे ब्राऊजर खोला तो देखा कि सेम वही साइट राहुल ने रात मे खोला था लेकिन उसकी मंशाए अनुज से विपरीत थी । उसने ज्यादातर सगी मा बहन के साथ सेक्स वाली कहानिया पढी थी । अब मै सब क्लियर समझ गया ।


निशा मुझे सोच मे देख कर - क्या हुआ राज बोलो

मै मुस्कुरा कर - अब क्या बोलू मेरी जानेमन तेरे आशिको की लिस्ट लम्बी हो रही है हिहिहिही

निशा अचरज से - मतलब
मै - मतलब ये कि राहुल और अनुज दोनो ने तुम्हे अपनी कल्पनाओ ने भोगना शुरु कर दिया है । मगर ये बात उन्होंने आपस मे छिपा रखी कि वो तुमसे सेक्स करना चाहते है ।

निशा चौकी - क्या ???? त त तु तू तुम इतने यकीन से कैसे कह सकते हो ,,मेरा राहुल ऐसा नही है । वो क्यू मेरे बारे मे ऐसा कुछ सोचेगा

मैने निशा को राहुल की पढी हुई सारी कहानीयो की हिस्ट्री दिखाई और फिर अनुज की भी ।
निशा को अब भी संसय था - हा लेकिन ये कैसे होगा ,,,वो दोनो छोटे है मुझसे

मै हस कर - हिहिही वैसे छोटा तो मै भी हू तुमसे दीदी

निशा हस दी - धत्त तुम्हारी बात अलग है लेकिन खुद के सगे भाई से ,,मतलब कैसे ??


मै - देखो जो सच था वो मैने तुम्हे बता दिया है,,अब अगर तुम्हे यकीन ना हो तो आज रात भी मोबाईल देदो राहुल को और उसपे नजर रखो ।

निशा - हम्म्म ठिक है तो मै आज ये करके रहूँगी ।

फिर निशा वापस घर चली गयी और मै अपने कामो मे लग गया ।


लेखक की जुबानी

इधर जबसे निशा को राहुल और अनुज की सच्चाई पता चली थी वो काफी परेशान थी । उसे समझ नही आ रहा था कि कब राहुल ने उसे इस नजर से देखना शुरु कर दिया ।

निशा अपने कमरे मे सोफे पर बैठी हुई थी । पंखे की हवा भी उसके तन और मन की ज्वाला को शांत नही कर पा रही थी ।
उसका सर दर्द से फटा जा रहा था इसिलिए उसने तय किया कि वो पहले जाकर नहा ले कुछ खा ले फिर शायद इसका कोई उपाय खोज निकालने मे मदद हो ।

निशा ने अपने कपडे लिये और उपर चली गयी ।
आधे घंटे तक शॉवर मे नहाने के बाद उसे थोडा आराम हुआ और वो कपडे बदल कर सीढियो से निचे आ रही थी कि राहुल उसके कमरे से भागता हुआ बाहर गया ।

निशा को पता नही क्या सुझा और वो भाग कर कमरे मे गयी । उसने अपना मोबाइल चेक किया तो समझ गयी कि वो जब नहा रही थी तो राहुल ने उसके मोबाइल पर वापस से सेक्स कहानिया पढी और जैसे ही उसे मेरे आने की आहट मिली वो बन्द करके भाग गया ।


निशा मन मे - आखिर इसमे ऐसा है क्या कि वो इसे पढने के लिए उतावला है । हालकि मैने भी राज के साथ सेक्स किया है लेकिन इतनी भी दिवानगी नही हुई मुझे ।

निशा ने वही खड़े उसी कहानी को खोला जिसे अभी राहुल छोड कर गया था ।

निशा ने दरवाजा बंद किया और उसने कहानी पढनी शुरु की ।

वो एक मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी थी । जिसमे चार लोग रहते थे ।

हीरो - अमर , बडी बहन - रेखा , मा और पापा
स्कूल कालेजो और मुहल्ले के दोस्तो से कुछ सेक्स जानकारिया पाकर हीरो का सेक्स के लिए झुकाव बढने लगा था , मगर अपने शर्मिले स्वभाव के कारण हीरो की कभी कोई लड़की दोस्त नही बन पाई । वही उसकी दीदी उसकी अच्छी दोस्त थी और हसी मजाक मे उसको उसकी होने वाली गर्लफ्रेंड को लेके बहुत तंग करती थी । जिससे अमर चिढ़ कर रेखा के साथ मस्ती भरी नोक्झोक और लड़ाईया करता रहता ।
वही रेखा भी अब बडी हो चुकी थी तो आम परिवारो की तरह अब उस पर भी ज्यादा बाहर आने जाने पर रोक होती थी । उसके भी कोई ज्यादा दोस्त नही थे तो घर मे अमर को परेशान करने मे कोई कसर नही छोडती थी ।
समय बदला और अमर के लण्ड की गर्मी ने उसे ऐसी संगत में फसा दिया जहा से उसकी लाइफ बदल गयी ।
उसने अपने दोस्त के घर पर कुछ ऐसा देख लिया था जिससे उसका झुकाव भी उसकी दीदी की ओर होने लगा । अब वो रेखा को एक हुस्न की मल्लिका के तौर पर देखता था ।

धिरे धिरे समय के साथ अमर ने रेखा के साथ मस्ती मजाक मे फलर्टींग शुरु कर दी। कभी कभी रेखा को अच्छा मह्सूस होता तो कभी कभी उसे शक होता कि अचानक से अमर मे ये बदलाव क्यू आ गये । मगर रेखा के साथ अमर का रिश्ता कुछ दोसताना जैसा था तो उसे लगता था कि ये सब नोर्मल ही है । क्योकि अक्सर वो भो अमर को परेशान करती ही रहती थी ।

धीरे धीरे रेखा उसकी भी आदी हो गयी और उसे अमर से अपनी तारिफ सुनना अच्छा लगने लगा । कभी कभी अमर रेखा के बाल बनाता तो हाथो मे मेहन्दी रखने के बहाने उसे छूना चाहता । कभी कभी मालिश के बहाने उसके कन्धे और गले को छुता ।


यहा तक कि वो रेखा के लिए कपडे पसंद करने लगा , उस्के जिस्मो को अच्छे से निहार सके इसके लिये वो उसे बार बार साड़ी पहनने के लिए कहता । जिससे उसे रेखा के नंगी कमर पेट और ब्लाऊज मे कसे चुचो के उभार दिख जाते । साड़ी मे रेखा का कुल्हा भी उभर कर सामने आता था ।
फिर वो तस्वीरो के बहाने रेखा से कुछ मॉडर्न पोज देने को कहता । ऐसे माहौल मे अमर को अक्सर मौका मिल जाता था कि वो रेखा के कपड़े सही करने के बहाने उसे छू पाये और उसे सेक्सी हॉट जैसे शब्दो से उसकी तारिफ कर पाये ।

कयी मौको पर उसने रेखा को खुले बालो मे रहने को कहता और चोरी छिपे रेखा को अपनी जीन्स पहनने को देखा । फिर उनकी भी तस्वीरे निकालता ।
हर रात अमर रेखा के नाम से मूठ मारता था और दिन भर की तडप निकाल देता था ।

वही रेखा भी समय के साथ अमर की आदी हो गयी थी हर चिज़ के लिए उसे अमर का उसपे क्या रियेक्शन होगा ये जानना जरुरी था ।

समय के साथ वो भी अमर की ओर आकर्षित होने लगी थी क्योकि जब कभी अमर घर नही होता वो बेचैन परेशान होती और उसके साथ की हुई मस्तिया याद करती और अनायास वो अपने जिस्मो को सहलाने लगती मानो अभी अमर उसे छू लेगा ।

कभी वो मुस्कुराती तो कभी वो परेशान हो जाती कि ऐसा क्यू हो रहा है । आखिरकार जब उसे समझ आया कि वो अमर से प्रेम करने लगी है ती नेट पर इस रिश्ते को लेके उचित अनुचित जानना चाहा । उसे नेट पर भाईबहन के रिश्ते को लेके काफी सारी कहानीया मिली जिसने उसके जीवन मे कुछ बदलाव लाये और उसकी जिस्मानी ऊर्जा बेकाबू होने लगी ।

वो खुद से अमर के करीब जाने लगी । उसका लण्ड देखने के लिए कभी उसके अंडरवियर गायब कर देती और पुरा दिन अमर परेशान होकर सिर्फ लोवर मे होता फिर मौका पाकर रेखा उसका लोवर खिच देती ,,,फिर उसका मोटा लण्ड देख कर हस्ती ।

अमर भी अब इस बात को समझने लगा था तो उसने अपने दीदी की ब्रा गायब करनी शुरु कर दी जिससे रेखा के चुचे पुरे दिन हिलते थे और रेखा भी समझती थी कि ये अमर का ही काम है ।

अब रेखा ने अपने कपड़ो पर ध्यान देना छोड दिया था और वो अक्सर अमर को अपना जिस्म दिखाने के लिए कुछ ना कुछ तीगड़म लगाती रह्ती थी ।
ऐसे ही एक दिन उसने खुद से साड़ी पहनने और फ़ोटो निकलवाने की योजना बनाई और उस दिन उसने बहुत ही बोल्ड फ़ोटो दिये
अमर की हालात उस दिन बहुत खराब थी बिना अंडरवियर के लोवर मे उसका लण्ड तना हुआ था औ रेखा की नजर उसपे बराबर थी ।

उस दिन रेखा जान बुझ कर फ़ोटो निकलवाते समय अमर के लण्ड पर अपने जान्घे और पिछवाडा स्पर्श करवाति रही और जब वो कपडे बदलने के लिए कमरे मे गयी तो अमर भाग कर बाथरूम मे गया ।

रेखा के पास यही एकलौता मौका था अमर को रंगे हाथ पकड कर उस्से अपनी मनमानी करवाने का ।
वो भी उसके पीछे बाथरूम मे गयी और उसने जो आवाजे सुनी वो बहुत ही सुख्द थी ।
अमर रेखा का नाम लेके झड़ रहा था और रेखा बाथरूम के बाहर से सब सुन कर बिना ब्रा वाली ब्लाऊज के उपर से अपनी 32 साइज़ की चुचिया मसल रही थी ।

मगर रेखा ने खुद को सम्भाला क्योकि वो अभी जल्दीबाजी नही चाहती थी और वो अमर के साथ मस्तीया करना चाहती थी । इसिलिए उसने अमर को बाहर से आवाज दी - कमीने अपनी होने वाली गर्लफ्रेंड को भी याद कर ले ,,कब तक मेरे भरोसे रहेगा हिहिहिही

वो संवाद उन दोनो भाइयो के जीवन को बदलने वाले थे ।

क्योकि अमर और रेखा आमने सामने होने वाले थे ।



निशा ने एक एक करके अब तक की लिखी हुई कहानी के सारे अध्याय पढ लिये और कहानी पूरी ना पाकर उसकी बेचैनी बढने लगी । कि आखिर उस बाथरूम वाली घटना के बाद अमर और रेखा के जीवन मे क्या बदलाव आयेगा होगा । अमर अब कैसे रेखा का सामना करेगा ? क्या इसके बाद रेखा अमर से वो सब करेगी लेकिन कैसे ?? इस कहानी का आगे का भाग कब आयेगा ?

निशा - ओह्ह ये कहानी सच मे बहुत दिलचस्प है किसी को भी ललचा सकती है और बेताब कर सकती है । वैसे इसका लेखक DREAMBOY40 बहुत ही अच्छा लिखता है । कब आएगा अगला अपडेट


निशा परेशान होकर बिस्तर पर लेट गयी ,,उसकी चुत तो कहानी पढने से ही कबसे पनियायी जा रही थी कि तभी उसके दिमाग मे एक विचार कौंधा - क्यू ना इस कहानी मे रेखा ने जो अपने भाई अमर के साथ किया वो मै राहुल के साथ करके देखू । क्या सच मे वो मुझे उस नजर से देखता भी है या बस उसकी रुचि कहानीयो तक ही सिमित है ।

कहानी पढते हुए निशा को पता ही नही चला कि कब चार घन्टे बीत गये
इधर अनुज शाम को टहलने के लिए राहुल को लिवाने आ गया था ।
हाल मे चहल पहल सुन कर वो दुपट्टा लेके बाहर आई और उसके हाथ मे मोबाइल भी था ।

जैसे ही वो बाहर आई राहुल और अनुज दोनो ने एक साथ आहट की ओर ध्यान दिया तो सामने निशा खड़ी थी ।

राहुल खिखी करता हुआ - दीदी वो मोबाइल देदो हिहिही

निशा मन मे - जैसी इसकी बन्दरो वाली हरकते है लगता नहीं हैं कि ये मेरे बारे मे कुछ ऐसा वैसा सोचता होगा ।

निशा अनुज को देखकर( मन मे) - हा ये अनुज बहुत शांत रहता है पता नही इसके मन मे क्या चल रहा होगा ? देखो देखो कैसे निहार रहा है कमीना ।

निशा राहुल को मोबाईल देते हुए - हा लो ,,,लेकिन मेरा डाटा खतम मत करना

राहुल खिखी करके हस्ता हुआ मोबाइल ले लिया - हीहीह्ही ठिक है

निशा को उसकी हरकतो पर हसी आई - बन्दर कही का

फिर वो दोनो घर से निकल कर उसी पुलिया पर गये ।
दोनो भले ही निशा को पाने के लिए परेशान थे मगर दोनो ने अपनी भावनाये छिपाए रखी थी ।यहा तक कि शाम मे जब वो मिलते तो भी वो ऐडल्टरी/रोमांस कहानिया ही पढते जहा ज्यादा से ज्यादा जीजा साली , वाइफ और प्रेमिका के साथ , प्रेमिका की सहेली के साथ वाले सेक्स होते थे ।

जी तो दोनो का करता था कि अपनी अपनी कहानियो के बारे मे एक दुसरे को बता दे और फिर साथ मिलकर मजे से पढे । मगर दोनो के मन मे डर था ।

लेकिन इनसब से अलग राहुल का आत्मविश्वास अनुज के मुकाबले ज्यादा था तो वो बातो ही बातो मे अप्रत्यक्ष रूप से अनुज के साथ incest कहानियो को लेके चर्चा कर ही देता था ।

दरअसल वो भी अनुज का इन कहानीयो को लेके उसकी दिलचस्पी जानना चाहता था ।

राहुल - यार पता है कल रात मे दिदी ने मुझे मोबाइल दिया था तो क्या मस्त कहानी पढी मैने

अनुज की आंखे चमकी - कौन सी भाई बोल ना

राहुल अनुज को टटोलने के अंदाज से - वो कहानी तो मुझे कुछ पसन्द नही आई लेकिन उसमे हीरो कैसे हीरोइन को फसाता है वो बहुत दिलचस्प था ।


अनुज की उत्सुकता बढ़ी - अरे भाई बता ना कौन सी थी ।
राहुल - नही नही तु वो पढ़ेगा ही नही
अनुज - अरे बताओ तब ना

राहुल ने फिर वो कहानी खोली जिसे वो कल रात मे पढ रहा था "बडी बहन के साथ चुदाई का सफ़र "


अनुज ने जैसे ही वो शीर्षक पढा उस्की आंखे फैल गयी और वो सोचने लगा कि राहुल अगर ये कहानी पढ रहा है तो वो पक्का निशा दीदी को चोदना चाहता है ।

राहुल अनुज को सोच मे डुबा देख कर - क्या हुआ बोल ना
अनुज - भाई , कही तु निशा दीदी को ...।


राहुल की आंखे फैल गयी मानो उसकी चोरी पकड़ी गयी ।
राहुल हिचकता हुआ - अररे नही यारर ये ये ये तो बस कहानी है बे । तु ये कैसे सोच सकता है कि मै निशा दीदी को ....।


अनुज राहुल को अटकता देख समझ गया कि उसका अंदेशा सही है - चल चल अब मुझसे ना छिपा । तेरे चेहरे से साफ पता चल रहा है कि तेरे मन मे क्या है ।


राहुल अब जजबाती होने लगा - द द देख अनुज अब ये ज्यादा हो रहा है । तु ये कैसे बोल सकता है ।

अनुज जैसा भी था उसने अपने भाई राज के साथ अच्छा खासा समई बिताया था ,,उसे थोडा बहुत ज्ञान हो ही गया था कि कब किस्से कुछ उगलवाना है ।

अनुज ने राहुल का मजा लेना शुरु कर दिया ताकी वो भड़ास मे सच्चाई उगल दे -हिहिही चल चल रहने दे । जो तेरे बस का नही है तो मेरे पर रोब दिखा रहा है । तू चाहेगा भी तो निशा दीदी तुझे भाव क्यू देगी । हहाहाहाहाआ


राहुल पहले से ही डरा हुआ और जजबातो से घिरा था ऐसे मे अनुज का उससे मजा लेना उसके ईगो को सहा नही गया और हुआ वही जो अनुज चाहता था । राहुल ने कबूल कर ही लिया ।

राहुल आवेश मे - तु क्या मुझे अनाडी समझता है ,, मै तो अब तक इस बात को टाल रहा था लेकिन अब देख मै कैसे निशा दीदी को चोद के दिखाऊँगा

अनुज हस कर - चल रहने दे तेरे बस का नही है तु बस निशा दीदी को देख कर हिला सकता है हिहिहिहिही

राहुल - ठिक है अब तु देखना मै कया करता हू

अनुज - अरे मुझे क्या पता तु सही बतायेगा या झूठ

राहुल - सच झूठ का फैसला तु खुद करेगा ,,जब मै खुद चोद कर दिदी को तुझे भी दिलवा दूँगा

अनुज का दिल गदगद तो हुआ मगर वो अपनी भावनाये छिपाता हुआ - अरे तु कर ले पहले हिहिहिही

दोनो की बहस जारी रही और वो अपने घर वापस आ गये ।
इधर अनुज अपनी दुकान पर आ गया ।

वही राहुल अपने घर जाकर काफी सोच विचार करने लगा क्योकि अब उसका दिमाग थोडा शांत था । उसे समझ नही आ रहा था कि उसने अनुज को बता कर सही किया की नही और उपर से दीदी को उससे चुदवाने के लिए भी कह दिया ।

राहुल मन मे - क्यू ना मै भी उस कहानी के जैसे ही दीदी के साथ विहेव करू क्या पता बात बन ही जाये क्योकि उस कहानी मे और मेरी कहानी मे काफी ज्यादा समानताए भी है ।


राहुल ने कुछ तय किया और निशा के पास जो किचन मे खाने की तैयारी कर रही थी ।

जारी रहेगी
बहुत ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 131
पिछले अपडेट मे आपने पढा कि कैसे एक ओर राज निशा के साथ मिल कर अनुज और राहुल की जासूसी शुरु कर दी है वही दुसरी ओर सोनल के साथ मिल निशा की चुदाई भी की । देखते है आगे क्या होता है ।
राज की जुबानी
निशा और सोनल की चुदाई के बाद मै वापस दुकान पर निकल गया और वहा थोडा उलझन मे ही रहा कि आगे क्या किया जाये ताकि कोई छिपी हुई बात सामने आये ।काफी सोचने के बाद मैने तय किया क्यू ना इन दोनो का टेस्ट लू और इनदोनो को हिन्दी incest sex story पढवा के इनकी प्रतिकिया देखू ।
मगर कैसे?? कुछ जोरदार विचार लाना पडेगा तभी ये प्लान काम करेगा ।कुछ सोचने के बाद मुझे एक आइडिया आया और मै मुस्कुरा कर अपने काम मे लग गया ।शाम को अनुज रोज की तरह घूमने गया और जब वापस आने का समय हुआ तो मै उसका इन्तेजार करने लगा ।इधर जैसे ही वो वापस आता दिखा मै दुकान के पिछले कमरे मे कान पर फोन लगाये झुटमुट की बात करने लगा ।अनुज जैसे ही दुकान मे घुसा मुझे फोन पर बात करते हुए पीछे के कमरे मे जाते देखा और मै जानबुझ कर ऐसे बात कर रहा था कि मानो मै किसी से बहस कर रहा हू ताकि अनुज मेरे बातो पर ध्यान दे और हुआ भी वही ।मै फोन पर - यार तु समझता क्यो नही है ,,रात मे अनुज भी मोबाइल चलाता है और कही उसने वो कहानिया पढ ली तोमै - हा हा ठिक है ,, हा उस लिंक को मैने बुकमार्क करके रखा है । ठिक है कल तू उसे ले लेना फिर मै उसे डिलीट कर दूँगामै थोडा चुप होकर - हा लेकिन तु तो जानता ही है ना कैसी कैसी कहानिया है उसमे अगर कही अनुज ने देख ली तो वो यही समझेगा ना की मै ये सब पढता हू ,,, हा ठिक है रख बायमेरे बाय बोलने पर अनुज वापस कमरे से हटकर दुकान के गल्ले पर आगया ।
मै दुकान मे आया तो ऐसे दिखाया कि मानो मेरी कोई चोरी पकड़ी गयी हो ।अनुज भी मेरे चेहरे के भावो को पढने की कोसिस कर रहा था ।
इधर कुछ ग्राहक आ गये तो हम दोनो दुकान मे व्यस्त हो गयेरात को खाने के बाद मैने एक हिन्दी सेक्स स्टोरी की साइट को बुकमार्क कर दिया ,,जिसमे सिर्फ शॉर्ट हिन्दी सेक्स कहानिया थी ।शार्ट कहानिया मैने इसलिये चुनी ताकी रात मे अनुज एक से ज्यादा कहानिया पढ सके ।फिर मैने उसको मोबाईल दे दिया और मम्मी पापा के पास चला गया ।अगली सुबह जब अनुज ने मुझे मोबाइल वापस किया तो मै बिना चेक किये दुकान आया और फिर यहा चेक किया तो देखा कि कल रात अनुज ने एक भी सेक्स वीडियो नही देखी थी और history मे सब शॉर्ट हिन्दी सेक्स कहानियो के है ।उसने काफी सारी पारिवारिक कहानियो को भी खोला था ।
खास कर "चचेरि बहन से चुदाई" के काफी सारे पेज खोले गये थे ।मै समझ गया कि उसने ये कहानि अच्छे से पढी थी ।
फिर एक "जीजा साली की चुदाई" कहानी के काफी सारे पेज खुले थे । "मौसेरी बहन के साथ चुदाई" के भी कुछ पेज उसने पढे थे ।हालाकी उसने "मा के साथ चुदाई ", "सगी मा को पेला" जैसे पेज भी खोले थे मगर उन कहानियो के सिंगल पेज ही खुले थे । मतलब साफ था कि अनुज ने इन्हे इग्नोर कर दिया था । उसे सगे रिश्तो मे कोई दिलचस्पी नही थी ।मै सारी history पढ कर खुश हुआ और समझ गया कि आगे क्या करना है ।
मैने तूरन्त उस कहानी की साइट की सारी हिस्ट्री और बुकमार्क डिलीट कर दी ।
क्योकि असली टेस्ट अनुज अभी होना था । अगर वो आज रात को वापस से सेक्स कहानिया खोजगा तो मतलब साफ है कि उसे इनसब मे रुचि है ।अगले दिन की सुबह मैने फिर से मोबाइल चेक किया तो मेरा अनुमान सही निकला ,,अनुज ने रात मे वही सेक्स कहानिया पढ रहा है । जिसमे चचेरि बहन की चुदाई की कहानीयो के आगे की कड़ीया थी ।अनुज का रुझान मै समझा गया और ऐसे ही दो रात मैने उसको मोबाईल देके उसकी आदत बढाई । बीते चार दिनो मे अनुज ने सिवाय सेक्स कहानियो के कुछ नही खोला और तो और वो शाम के समय राहुल से चार दिनो से मिलने भी नही गया वो मन लगा कर दुकान मे काम करता और हर समय मेरे फरमान की राह देखता । मै समझ कि इसे जो चाहिये आसानी ने मिल जा रहा है । तो मैने योजना आगे बधाई
फिर अग्ली दो रातो के लिए मैने अनुज को मोबाइल नही दिया । उसकी बेचैनी साफ नजर आ रही थी पुरे एक हफ्ते बाद शाम को अनुज ने घूमने जाने की बात की ।मै जान गया कि मेरा तीर निशाने पर लगा है ,,,अनुज को उन रोचक कहानियो की चस्क लग गयी है और वो अब राहुल से निशा का मोबाईल जरुर मागेगा ।इधर अनुज जैसे ही दुकान से गया मैने फौरन निशा को फोन लगा कर सारी बात उसे समझाई और कहा कि अगर आज राहुल मोबाईल मागे दे देना ।
निशा ने मेरे भरोसे हा कर दी ।शाम को जब अनुज वापस आया तो वो खुश नजर आ रहा था । उसने आज मोबाईल के लिये भी नही कहा मुझसे ।मतलब साफ था कि उसने वो चीजे राहुल से शेयर कर दी है और अब राहुल रात मे भी वो साइट खोल कर कहानिया जरुर पढेगा ।अगले दिन मैने निशा को दुकान पर बुलाया कि वो कोई बहाना करके आये और मुझे मोबाइल दिखाये ।
दोपहर को जब अनुज खाना खाने के लिए चौराहे पर गया तो मैने निशा को आने को कहा और थोडे समय बाद वो मेरे दुकान पर आ गयी ।मैने उसके मोबाइल मे ब्राऊजर खोला तो देखा कि सेम वही साइट राहुल ने रात मे खोला था लेकिन उसकी मंशाए अनुज से विपरीत थी । उसने ज्यादातर सगी मा बहन के साथ सेक्स वाली कहानिया पढी थी । अब मै सब क्लियर समझ गया ।निशा मुझे सोच मे देख कर - क्या हुआ राज बोलोमै मुस्कुरा कर - अब क्या बोलू मेरी जानेमन तेरे आशिको की लिस्ट लम्बी हो रही है हिहिहिहीनिशा अचरज से - मतलब
मै - मतलब ये कि राहुल और अनुज दोनो ने तुम्हे अपनी कल्पनाओ ने भोगना शुरु कर दिया है । मगर ये बात उन्होंने आपस मे छिपा रखी कि वो तुमसे सेक्स करना चाहते है ।निशा चौकी - क्या ???? त त तु तू तुम इतने यकीन से कैसे कह सकते हो ,,मेरा राहुल ऐसा नही है । वो क्यू मेरे बारे मे ऐसा कुछ सोचेगामैने निशा को राहुल की पढी हुई सारी कहानीयो की हिस्ट्री दिखाई और फिर अनुज की भी ।
निशा को अब भी संसय था - हा लेकिन ये कैसे होगा ,,,वो दोनो छोटे है मुझसेमै हस कर - हिहिही वैसे छोटा तो मै भी हू तुमसे दीदीनिशा हस दी - धत्त तुम्हारी बात अलग है लेकिन खुद के सगे भाई से ,,मतलब कैसे ??मै - देखो जो सच था वो मैने तुम्हे बता दिया है,,अब अगर तुम्हे यकीन ना हो तो आज रात भी मोबाईल देदो राहुल को और उसपे नजर रखो ।निशा - हम्म्म ठिक है तो मै आज ये करके रहूँगी ।फिर निशा वापस घर चली गयी और मै अपने कामो मे लग गया ।
लेखक की जुबानी
इधर जबसे निशा को राहुल और अनुज की सच्चाई पता चली थी वो काफी परेशान थी । उसे समझ नही आ रहा था कि कब राहुल ने उसे इस नजर से देखना शुरु कर दिया ।निशा अपने कमरे मे सोफे पर बैठी हुई थी । पंखे की हवा भी उसके तन और मन की ज्वाला को शांत नही कर पा रही थी ।
उसका सर दर्द से फटा जा रहा था इसिलिए उसने तय किया कि वो पहले जाकर नहा ले कुछ खा ले फिर शायद इसका कोई उपाय खोज निकालने मे मदद हो ।निशा ने अपने कपडे लिये और उपर चली गयी ।
आधे घंटे तक शॉवर मे नहाने के बाद उसे थोडा आराम हुआ और वो कपडे बदल कर सीढियो से निचे आ रही थी कि राहुल उसके कमरे से भागता हुआ बाहर गया ।निशा को पता नही क्या सुझा और वो भाग कर कमरे मे गयी । उसने अपना मोबाइल चेक किया तो समझ गयी कि वो जब नहा रही थी तो राहुल ने उसके मोबाइल पर वापस से सेक्स कहानिया पढी और जैसे ही उसे मेरे आने की आहट मिली वो बन्द करके भाग गया ।निशा मन मे - आखिर इसमे ऐसा है क्या कि वो इसे पढने के लिए उतावला है । हालकि मैने भी राज के साथ सेक्स किया है लेकिन इतनी भी दिवानगी नही हुई मुझे ।निशा ने वही खड़े उसी कहानी को खोला जिसे अभी राहुल छोड कर गया था ।निशा ने दरवाजा बंद किया और उसने कहानी पढनी शुरु की ।वो एक मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी थी । जिसमे चार लोग रहते थे ।

हीरो - अमर , बडी बहन - रेखा , मा और पापा
स्कूल कालेजो और मुहल्ले के दोस्तो से कुछ सेक्स जानकारिया पाकर हीरो का सेक्स के लिए झुकाव बढने लगा था , मगर अपने शर्मिले स्वभाव के कारण हीरो की कभी कोई लड़की दोस्त नही बन पाई । वही उसकी दीदी उसकी अच्छी दोस्त थी और हसी मजाक मे उसको उसकी होने वाली गर्लफ्रेंड को लेके बहुत तंग करती थी । जिससे अमर चिढ़ कर रेखा के साथ मस्ती भरी नोक्झोक और लड़ाईया करता रहता ।
वही रेखा भी अब बडी हो चुकी थी तो आम परिवारो की तरह अब उस पर भी ज्यादा बाहर आने जाने पर रोक होती थी । उसके भी कोई ज्यादा दोस्त नही थे तो घर मे अमर को परेशान करने मे कोई कसर नही छोडती थी ।
समय बदला और अमर के लण्ड की गर्मी ने उसे ऐसी संगत में फसा दिया जहा से उसकी लाइफ बदल गयी ।
उसने अपने दोस्त के घर पर कुछ ऐसा देख लिया था जिससे उसका झुकाव भी उसकी दीदी की ओर होने लगा । अब वो रेखा को एक हुस्न की मल्लिका के तौर पर देखता था ।धिरे धिरे समय के साथ अमर ने रेखा के साथ मस्ती मजाक मे फलर्टींग शुरु कर दी। कभी कभी रेखा को अच्छा मह्सूस होता तो कभी कभी उसे शक होता कि अचानक से अमर मे ये बदलाव क्यू आ गये । मगर रेखा के साथ अमर का रिश्ता कुछ दोसताना जैसा था तो उसे लगता था कि ये सब नोर्मल ही है । क्योकि अक्सर वो भो अमर को परेशान करती ही रहती थी ।धीरे धीरे रेखा उसकी भी आदी हो गयी और उसे अमर से अपनी तारिफ सुनना अच्छा लगने लगा । कभी कभी अमर रेखा के बाल बनाता तो हाथो मे मेहन्दी रखने के बहाने उसे छूना चाहता । कभी कभी मालिश के बहाने उसके कन्धे और गले को छुता ।
यहा तक कि वो रेखा के लिए कपडे पसंद करने लगा , उस्के जिस्मो को अच्छे से निहार सके इसके लिये वो उसे बार बार साड़ी पहनने के लिए कहता । जिससे उसे रेखा के नंगी कमर पेट और ब्लाऊज मे कसे चुचो के उभार दिख जाते । साड़ी मे रेखा का कुल्हा भी उभर कर सामने आता था ।
फिर वो तस्वीरो के बहाने रेखा से कुछ मॉडर्न पोज देने को कहता । ऐसे माहौल मे अमर को अक्सर मौका मिल जाता था कि वो रेखा के कपड़े सही करने के बहाने उसे छू पाये और उसे सेक्सी हॉट जैसे शब्दो से उसकी तारिफ कर पाये ।कयी मौको पर उसने रेखा को खुले बालो मे रहने को कहता और चोरी छिपे रेखा को अपनी जीन्स पहनने को देखा । फिर उनकी भी तस्वीरे निकालता ।
हर रात अमर रेखा के नाम से मूठ मारता था और दिन भर की तडप निकाल देता था ।वही रेखा भी समय के साथ अमर की आदी हो गयी थी हर चिज़ के लिए उसे अमर का उसपे क्या रियेक्शन होगा ये जानना जरुरी था ।समय के साथ वो भी अमर की ओर आकर्षित होने लगी थी क्योकि जब कभी अमर घर नही होता वो बेचैन परेशान होती और उसके साथ की हुई मस्तिया याद करती और अनायास वो अपने जिस्मो को सहलाने लगती मानो अभी अमर उसे छू लेगा ।कभी वो मुस्कुराती तो कभी वो परेशान हो जाती कि ऐसा क्यू हो रहा है । आखिरकार जब उसे समझ आया कि वो अमर से प्रेम करने लगी है ती नेट पर इस रिश्ते को लेके उचित अनुचित जानना चाहा । उसे नेट पर भाईबहन के रिश्ते को लेके काफी सारी कहानीया मिली जिसने उसके जीवन मे कुछ बदलाव लाये और उसकी जिस्मानी ऊर्जा बेकाबू होने लगी ।वो खुद से अमर के करीब जाने लगी । उसका लण्ड देखने के लिए कभी उसके अंडरवियर गायब कर देती और पुरा दिन अमर परेशान होकर सिर्फ लोवर मे होता फिर मौका पाकर रेखा उसका लोवर खिच देती ,,,फिर उसका मोटा लण्ड देख कर हस्ती ।अमर भी अब इस बात को समझने लगा था तो उसने अपने दीदी की ब्रा गायब करनी शुरु कर दी जिससे रेखा के चुचे पुरे दिन हिलते थे और रेखा भी समझती थी कि ये अमर का ही काम है ।अब रेखा ने अपने कपड़ो पर ध्यान देना छोड दिया था और वो अक्सर अमर को अपना जिस्म दिखाने के लिए कुछ ना कुछ तीगड़म लगाती रह्ती थी ।
ऐसे ही एक दिन उसने खुद से साड़ी पहनने और फ़ोटो निकलवाने की योजना बनाई और उस दिन उसने बहुत ही बोल्ड फ़ोटो दिये
अमर की हालात उस दिन बहुत खराब थी बिना अंडरवियर के लोवर मे उसका लण्ड तना हुआ था औ रेखा की नजर उसपे बराबर थी ।उस दिन रेखा जान बुझ कर फ़ोटो निकलवाते समय अमर के लण्ड पर अपने जान्घे और पिछवाडा स्पर्श करवाति रही और जब वो कपडे बदलने के लिए कमरे मे गयी तो अमर भाग कर बाथरूम मे गया ।रेखा के पास यही एकलौता मौका था अमर को रंगे हाथ पकड कर उस्से अपनी मनमानी करवाने का ।
वो भी उसके पीछे बाथरूम मे गयी और उसने जो आवाजे सुनी वो बहुत ही सुख्द थी ।
अमर रेखा का नाम लेके झड़ रहा था और रेखा बाथरूम के बाहर से सब सुन कर बिना ब्रा वाली ब्लाऊज के उपर से अपनी 32 साइज़ की चुचिया मसल रही थी ।मगर रेखा ने खुद को सम्भाला क्योकि वो अभी जल्दीबाजी नही चाहती थी और वो अमर के साथ मस्तीया करना चाहती थी । इसिलिए उसने अमर को बाहर से आवाज दी - कमीने अपनी होने वाली गर्लफ्रेंड को भी याद कर ले ,,कब तक मेरे भरोसे रहेगा हिहिहिहीवो संवाद उन दोनो भाइयो के जीवन को बदलने वाले थे ।

क्योकि अमर और रेखा आमने सामने होने वाले थे । निशा ने एक एक करके अब तक की लिखी हुई कहानी के सारे अध्याय पढ लिये और कहानी पूरी ना पाकर उसकी बेचैनी बढने लगी । कि आखिर उस बाथरूम वाली घटना के बाद अमर और रेखा के जीवन मे क्या बदलाव आयेगा होगा । अमर अब कैसे रेखा का सामना करेगा ? क्या इसके बाद रेखा अमर से वो सब करेगी लेकिन कैसे ?? इस कहानी का आगे का भाग कब आयेगा ?निशा - ओह्ह ये कहानी सच मे बहुत दिलचस्प है किसी को भी ललचा सकती है और बेताब कर सकती है । वैसे इसका लेखक DREAMBOY40 बहुत ही अच्छा लिखता है । कब आएगा अगला अपडेटनिशा परेशान होकर बिस्तर पर लेट गयी ,,उसकी चुत तो कहानी पढने से ही कबसे पनियायी जा रही थी कि तभी उसके दिमाग मे एक विचार कौंधा - क्यू ना इस कहानी मे रेखा ने जो अपने भाई अमर के साथ किया वो मै राहुल के साथ करके देखू । क्या सच मे वो मुझे उस नजर से देखता भी है या बस उसकी रुचि कहानीयो तक ही सिमित है ।कहानी पढते हुए निशा को पता ही नही चला कि कब चार घन्टे बीत गये
इधर अनुज शाम को टहलने के लिए राहुल को लिवाने आ गया था ।
हाल मे चहल पहल सुन कर वो दुपट्टा लेके बाहर आई और उसके हाथ मे मोबाइल भी था ।जैसे ही वो बाहर आई राहुल और अनुज दोनो ने एक साथ आहट की ओर ध्यान दिया तो सामने निशा खड़ी थी ।राहुल खिखी करता हुआ - दीदी वो मोबाइल देदो हिहिहीनिशा मन मे - जैसी इसकी बन्दरो वाली हरकते है लगता नहीं हैं कि ये मेरे बारे मे कुछ ऐसा वैसा सोचता होगा ।निशा अनुज को देखकर( मन मे) - हा ये अनुज बहुत शांत रहता है पता नही इसके मन मे क्या चल रहा होगा ? देखो देखो कैसे निहार रहा है कमीना ।निशा राहुल को मोबाईल देते हुए - हा लो ,,,लेकिन मेरा डाटा खतम मत करनाराहुल खिखी करके हस्ता हुआ मोबाइल ले लिया - हीहीह्ही ठिक हैनिशा को उसकी हरकतो पर हसी आई - बन्दर कही काफिर वो दोनो घर से निकल कर उसी पुलिया पर गये ।
दोनो भले ही निशा को पाने के लिए परेशान थे मगर दोनो ने अपनी भावनाये छिपाए रखी थी ।यहा तक कि शाम मे जब वो मिलते तो भी वो ऐडल्टरी/रोमांस कहानिया ही पढते जहा ज्यादा से ज्यादा जीजा साली , वाइफ और प्रेमिका के साथ , प्रेमिका की सहेली के साथ वाले सेक्स होते थे ।जी तो दोनो का करता था कि अपनी अपनी कहानियो के बारे मे एक दुसरे को बता दे और फिर साथ मिलकर मजे से पढे । मगर दोनो के मन मे डर था ।लेकिन इनसब से अलग राहुल का आत्मविश्वास अनुज के मुकाबले ज्यादा था तो वो बातो ही बातो मे अप्रत्यक्ष रूप से अनुज के साथ incest कहानियो को लेके चर्चा कर ही देता था ।दरअसल वो भी अनुज का इन कहानीयो को लेके उसकी दिलचस्पी जानना चाहता था ।राहुल - यार पता है कल रात मे दिदी ने मुझे मोबाइल दिया था तो क्या मस्त कहानी पढी मैनेअनुज की आंखे चमकी - कौन सी भाई बोल नाराहुल अनुज को टटोलने के अंदाज से - वो कहानी तो मुझे कुछ पसन्द नही आई लेकिन उसमे हीरो कैसे हीरोइन को फसाता है वो बहुत दिलचस्प था ।अनुज की उत्सुकता बढ़ी - अरे भाई बता ना कौन सी थी ।
राहुल - नही नही तु वो पढ़ेगा ही नही
अनुज - अरे बताओ तब नाराहुल ने फिर वो कहानी खोली जिसे वो कल रात मे पढ रहा था "बडी बहन के साथ चुदाई का सफ़र "अनुज ने जैसे ही वो शीर्षक पढा उस्की आंखे फैल गयी और वो सोचने लगा कि राहुल अगर ये कहानी पढ रहा है तो वो पक्का निशा दीदी को चोदना चाहता है ।राहुल अनुज को सोच मे डुबा देख कर - क्या हुआ बोल ना
अनुज - भाई , कही तु निशा दीदी को ...।राहुल की आंखे फैल गयी मानो उसकी चोरी पकड़ी गयी ।
राहुल हिचकता हुआ - अररे नही यारर ये ये ये तो बस कहानी है बे । तु ये कैसे सोच सकता है कि मै निशा दीदी को ....।अनुज राहुल को अटकता देख समझ गया कि उसका अंदेशा सही है - चल चल अब मुझसे ना छिपा । तेरे चेहरे से साफ पता चल रहा है कि तेरे मन मे क्या है ।राहुल अब जजबाती होने लगा - द द देख अनुज अब ये ज्यादा हो रहा है । तु ये कैसे बोल सकता है ।अनुज जैसा भी था उसने अपने भाई राज के साथ अच्छा खासा समई बिताया था ,,उसे थोडा बहुत ज्ञान हो ही गया था कि कब किस्से कुछ उगलवाना है ।अनुज ने राहुल का मजा लेना शुरु कर दिया ताकी वो भड़ास मे सच्चाई उगल दे -हिहिही चल चल रहने दे । जो तेरे बस का नही है तो मेरे पर रोब दिखा रहा है । तू चाहेगा भी तो निशा दीदी तुझे भाव क्यू देगी । हहाहाहाहाआराहुल पहले से ही डरा हुआ और जजबातो से घिरा था ऐसे मे अनुज का उससे मजा लेना उसके ईगो को सहा नही गया और हुआ वही जो अनुज चाहता था । राहुल ने कबूल कर ही लिया ।राहुल आवेश मे - तु क्या मुझे अनाडी समझता है ,, मै तो अब तक इस बात को टाल रहा था लेकिन अब देख मै कैसे निशा दीदी को चोद के दिखाऊँगाअनुज हस कर - चल रहने दे तेरे बस का नही है तु बस निशा दीदी को देख कर हिला सकता है हिहिहिहिहीराहुल - ठिक है अब तु देखना मै कया करता हूअनुज - अरे मुझे क्या पता तु सही बतायेगा या झूठराहुल - सच झूठ का फैसला तु खुद करेगा ,,जब मै खुद चोद कर दिदी को तुझे भी दिलवा दूँगाअनुज का दिल गदगद तो हुआ मगर वो अपनी भावनाये छिपाता हुआ - अरे तु कर ले पहले हिहिहिहीदोनो की बहस जारी रही और वो अपने घर वापस आ गये ।
इधर अनुज अपनी दुकान पर आ गया ।वही राहुल अपने घर जाकर काफी सोच विचार करने लगा क्योकि अब उसका दिमाग थोडा शांत था । उसे समझ नही आ रहा था कि उसने अनुज को बता कर सही किया की नही और उपर से दीदी को उससे चुदवाने के लिए भी कह दिया ।राहुल मन मे - क्यू ना मै भी उस कहानी के जैसे ही दीदी के साथ विहेव करू क्या पता बात बन ही जाये क्योकि उस कहानी मे और मेरी कहानी मे काफी ज्यादा समानताए भी है ।राहुल ने कुछ तय किया और निशा के पास जो किचन मे खाने की तैयारी कर रही थी ।जारी रहेगी
बहुत ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 132

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज ने निशा को अनुज और राहुल की चाहतो के बारे मे बताया । वही दुसरी ओर अनुज ने राहुल को चैलेंज कर दिया कि निशा को चोद के दिखाये ।
राहुल ने अनुज की चुनौती को स्वीकार तो लिया है लेकिन क्या वो इसमे कामयाब हो पायेगा ।

अब आगे

लेखक की जुबानी

काफी सोच विचार के बाद राहुल ने तय किया कि वो उसी कहानी के हिसाब से निशा दीदी से नजदीकिया बढाएगा ।

फिर वो अपने कमरे मे गया जहा उसने अपने अंडरवियर निकाले और सिर्फ लोवर पहन कर किचने की ओर चल दिया जहा निशा और उसकी मा शालिनी खाना बना रही थी ।

राहुल किचन के दरवाजे पर आकर अन्दर निशा को काम करते देखा । उसकी नजरे प्लाजो मे कसी हुई निशा के उभरी हुई चुतड के पाटो पर थी ।

राहुल ने आंख बंद की और एक गहरी सास लेते हुए अपना लण्ड से लोवर को नुकीला करता हुआ निशा के बगल मे आकर अपना लण्ड का सिरा बडी हिम्मत के साथ निशा के जांघ पर टच करवाता है ।

निशा ऐसे अचानक से राहुल को अपने पास आकर खड़ा देखी तो चौकी फिर उसे राहुल मुस्कुराता और हल्का हल्का हिल्ता नजर आया ।

निशा ने जैसे ही नजर निचे की उसकी आंखे बडी हो गयी क्योकि राहुल अपने लण्ड को लोवर के अन्दर से उसकी जांघ के पास घिस रहा था ।
निशा तुरंत उस्से दुर हुई और बोली - ला दे मेरा मोबाइल

राहुल खिखी हसा - हिहिही लो दीदी ऐण्ड थैंक यू

ये बोलते हुए राहुल निशा के गालो चूम कर भाग गया

निशा को ये बिल्कुल भी पसन्द न्ही आया और चीखी -चीईई बन्दर कही का ,,,मम्मी देखो ना राहुल ने क्या किया ।

राहुल किचन के बाहर हस रहा था
शलिनी - अरे क्या हुआ ? अब तुम दोनो का झगड़ा फिर से शुरु हो गया । क्या किया उसने ?

निशा अपने गाल पोछते हुए - देखो ना ये मेरे गाल पर चुम्मी करके गया ,,,बन्दर कही का

राहुल हस्ता हुआ - अरे मैने तो मोबाइल देने के लिए थैंकयू बोला मम्मी बस
फिर राहुल बाहर भाग गया कि कही उसकी मा उसे डांट ना लगा दे ।

शलिनी हस कर - अरे तो इसमे क्या हुआ । भाई है तेरा और वैसे भी तुने कम चुम्मिया ली है क्या उसकी छोटे पर हिहिहिही

निशा खीझ कर - मम्मी वो बचपन की बात थी , अब वो गैन्डे के जैसे बड़ा हो गया है ।

शालिनी - ओह्हो तु क्या इस बहस मे लगी हुई है भई,,,जल्दी से सब्जी काट मुझे खाना ब्नाना है । तू और तेरा भाई बाद मे समझ लेना


निशा अपनी मा से कोई बहस नही करना चाहती थी और वो बस मन मे बुदबुदाइ - इसको तो मै अच्छे से सबक सिखाऊन्गी ।


निशा मन मे- राज सही कह रहा था । मुझे चोदना चाहता है ना ,,,ऐसा परेशान करूंगी कि लन्ड अकड कर रह जायेगा उसका

फिर निशा ये सोच कर खिस्स से हस पडी कि क्या होगा जब राहुल का लण्ड की गर्मी से खुब परेशान हो जायेगा और उसे शान्ति नही मिलेगी । दिनभर खड़ा लण्ड लेके घूमेगा हिहिहिही



राज की जुबानी

शाम को अनुज वापस आया और वो काफी खुश लग रहा था तो

मै - क्या हुआ छोटे बहुत खुश लग रहा है ,,,कोई लड़की लाईन दी क्या तुझे हिहिहिही

अनुज शर्मा कर हस्ता हुआ - हिहिहिही नही भैया ,,वो बस ऐसे ही

मै उसे टटोलता हुआ - नही नही देख रहा हुआ आजकल बड़ा मुस्कुराता रहता है तू । हम्म्म्म किसकी याद आ रही है हा , पल्लवि की

अनुज पल्लवि का नाम सुन कर चौका - न न नही तो ,,उसको क्यू याद करुंगा मै

मै हस कर - क्यू वो अच्छी नही लगती क्या तुझे ,,भई मुझे तो बडी मस्त लगी हिहिहिही

अनुज थोडा रुक कर -हा मतलब ठिक ठाक है लेकिन ऐसी भी नही कि याद की जाये हिहिहिही

मै समझ गया कि अनुज कितना चालाक हो गया है कि किस बात को कैसे टाला जाये । बडी सफाई से उसने खुद को बचा लिया और पल्लवि के बारे मे कोई बात ही आगे नही बढने दी ।

मै - ओह्ह लग रहा है कोई और मिल गयी है क्यो छोटे उस्ताद

अनुज हस कर - नही भैया कोई और कैसे .....।

अनुज की आवाज अटक गयी क्योकि दुकान पर एक मस्त जवाँ भरे जिस्मो वाली लडकी सूट सलवार मे आई थी।

मै अनुज की प्रतिक्रिया देख कर मुस्कुरा दिया और सम्झ गया कि लौंडे को बडी चुचिया कितनी पसन्द है ।

मैने उसे चेताया और ग्राहक को समान देने को कहा ।
पहले के मुकाबले अनुज का आत्मविश्वास बदल चुका था ।
मौसी के यहा से आने के बाद इधर हाल ही के दिनो मे अनुज मे जबरदस्त बदलाव मह्सूस किये मैने ।


अब वो हसिन लड़कीयो को देख कर नजरे नही चुराता था बल्कि उनसे नजरे मिला उनके सामानो को घुर कर उन्हे ही शर्मीन्दा कर देता था ।

उस लड़की के जाने के बाद अनुज ने मेरी ओर देखा तो मुझे खुद को घुरता पाया और जैसे ही वो मुझे देखा तो मैने उस लड़की को लेके आंखो से इशारे किया और हस दिया ।

अनुज शर्म से लाल हो गया और हस्ता हुआ - क्या भैया ,मेरे से बहुत बडी है वो

मै हस कर - हा लेकिन तेरा ध्यान तो बडी चीज़ो पर ही रह रहा है हिहिहिही

अनुज शर्म से लाल हो गया और बात बदलते हुए - अच्छा भैया आज भी मोबाईल दोगे ना

मै - अच्छा ठिक है ले लेना । लेकिन तु देखता क्या है , मेरा डाटा खतम ही नही होता ।

अनुज थोडा सकपकाया और कुछ सोच कर - वो भैया मै यूट्यूब से फिल्म देखता हुआ तो वहा नेट कम खर्च होता है ।

मै समझ गया कि ये अब वो पहले वाला भोला अनुज नही रह गया है ये इत्नी आसानी से पाले मे नही आयेगा कुछ और करना ही पडेगा ।

फिर मै दुकान के कामो मे लग गया

रात मे वही रूटीन ।

लेखक की जुबानी

इधर राज तो अपने रोज के काम मे लग गया लेकिन वही निशा परेशान थी ।

क्योकि राहुल अब उसे परेशान करने लगा था । हालाकि निशा सब समझ रही थी कि राहुल क्यू कर रहा है । दिल के एक कोने से वो राहुल की बेवकूफी पर खुश भी होती लेकिन इस बात से परेशान भी होती कि कैसे वो राहुल के साथ इन सब के लिये खुद को राजी करेगी । उसे राहुल की फिकर भी थी ।

रात मे खाने के दौरान भी राहुल का चहकपना जारी रहा । हालाकि पहले भी राहुल निशा को परेशान करता था लेकिन इतना नही कि कोई उसे डाट दे ।
आज खाने के समय राहुल निशा को चिढा रहा था तो उसकी मा ने उसे डाट लगा दी । इस पर निशा के कलेजे को राहत हुई और वो बदले मे राहुल के उपर हसी ।

खाने के बाद निशा अपने कमरे मे गयी अपना प्लाजो निकाल कर एक शोट्स पहन ली जो घुटनो के उपर तक ही थी ।

निशा इस व्क्त मोबाईल खोल कर बैठी हुई थी उसी कहानी को पढने के लिए कि शायद आज रात कोई लेखक ने कोई अपडेट दिया होगा ।

निशा की आंखे चमक उठी क्योकि लेखक ने अपडेट दिये हुए थे ।

निशा चहक कर बिस्तर पर लेट गयी और वो अपडेट पढनी शुरु की ।

" उस बाथरूम वाले व्याख्यान के बाद से अमर खुद को शर्मीन्दा मह्सूस करने लगा था और रेखा से नजरे चुराने लगा था । मगर रेखा ने ताने दे दे कर अमर से मजे लेने लगी थी । हमेशा उसे चिढाती ,,,धीरे धीरे अमर को आभास होने लगा कि उसकी दीदी को उसे छेड़ कर मजा आता है और तो ऐसे ही एक दुपहर दोनो फिल्म दे रहे होते है और उनके मा बाप कही बाहर गये होते है ।

फिल्म का सीन अच्छा था तो अमर ने रेमोट से उसे रोक दिया और बोला - मै बाथरूम से आता हू दिदी फिर देखते है

रेखा ने ऐन मौके पर अमर को टोका - हा हा जा लेकिन मेरा नाम मत लेना हिहिहिही

अमर खीझ कर रहा गया और गुस्से मे - मै तो लूंगा और आपके बारे मे ही सोचूंगा । देखोगे कैसे करूंगा

फिर अमर वही रेखा के सामने से अपना मोटा लण्ड निकाल कर हिलाने लगता है - आह्ह दीदीईई दीईई उह्ह्ह्ह मस्त चुचे है तुम्हारे अह्ह्ह दीदी

रेखा को उम्मिद नही थी कि अमर ऐसी कोई हरकत कर देगा और पहली बार जब उसने अमर का लण्ड देखा उसके चुत ने उससे बेईमानी करनी शुरु कर दी ।"


आखिर की लाईन पढ कर निशा मुस्कुराई और शॉर्ट के उपर से अपनी चुत टटोलते हुए मन मे बोली - चुत तो मेरी भी बेईमानी करने लगी है हिहिहिही इसे पढ कर
निशा अपनी चुत को शॉर्ट्स के उपर से दबा के वापस से कहानी पढना शुरु कर देती है ।

" रेखा हसते हुए - छीईईई गन्दा कही का , सब मेरे साथ कर लेगा तो अपनी बीवी के साथ क्या करेगा

अमर अपना लण्ड हिलाता हुआ रेखा के पास जाकर एकदम मदहोसी मे - अह्ह्ह दीदी वो जब आयेगी तब देखूँगा ,,आप इसे चुस दो ना उम्म्ंम प्लिज्ज्ज्ज

रेखा हस्ते हुए पीछे हटने लगी - ईईई नहीईई धत्त मै नही करने वाली और तु इसे धुलता भी नही


अमर समझ गया कि ये सब रेखा के बहाने है वो बस दिखा रही है

इसीलिये अमर ने जबरदस्ती रेखा के गालो को पकडकर दबाया और उसके होठो पर अपने होठ रगड़ने लगा । वही रेखा ना नुकुर करते हुए मुह मे लण्ड भर ली ।

अमर अपना लण्ड अपनी दीदी के मुह मे भर कर बहुत शांत महसुस करने लगा ,,वही रेखा ने अपने चाव से अपने भाई का लण्ड मुह मे लेने लगी
रेखा - कर ही की आखिर तुने अपने मन की

अमर मुस्कुरा कर - अभी कहा दीदी ,,हिहिही अभी तो ...।
रेखा हस्ते हुए उठ कर भागी - हिहिहिही नही मै अब और कुछ नही करने वाली हिहिहिही

अमर रेखा के पीछे भागते हुए उसके बेडरूम मे घुस गया "



निशा आगे स्क्रीन स्क्रोल करती है मगर अपडेट खतम था
निशा - अरे ये क्या ,,बस इत्ना ही और आगे की कहानी । धत्त यार ये अपडेट भी खतम हो गया ।

इधर निशा ने मोबाइल बगल मे रख दिया और लेटे लेटे ही अपनी चुत को मसल कर अमर और रेखा की आगे की मस्तियो को सोचते हुए कसमसाने लगी ।

ना जाने उसको क्या चाहत हुई, वो उठी और उसने ब्रा निकालकर टीशर्ट डाल लिये और वैसे ही राहुल के कमरे की ओर चल दी ।

निशा राहुल के कमरे मे जाती है दरवाजा बन्द था
निशा ने दरवाजा खटखटाया तो अन्दर हड़बड़ाहट हुई और फिर राहुल ने दरवाजा खोला ।

राहुल ने सामने जैसे निशा को देखा उसकी धडकनें रुक सी गयी ,, उसकी नजरे पहले निशा के नंगी जांघो से उपर उठी और फिर टीशर्ट मे उभरे निप्प्ल के कोनो को देख कर आंखे फैल गयी ।

निशा इतराइ और एक नजर राहुल के लोवर मे तने हुई लण्ड को देख कर हसी और बोली - आज तुझे मोबाईल नही चाहिये क्या ,हम्म्म्म वैसे मेरा आज का सिरियल खतम हो गया है ।


राहुल चौका और हड़ब्डा कर नजरे चुराते हुए - हा दीदी देदो ना ,,,वो मै मागने ही आने वाला था

निशा उसके गाल पकड कर खिचे - लेकिन मै तो तुझे शाम के लिए पिटने आई हू ,,मोबाइल देने थोडी हिहिहिही

राहुल थोडा सिस्का - सीईई अह्ह्ह्ह दिदीईई वो तो मैने थैंकयू बोला था ना हिहिहिही

निशा - हा देखा मैने क्या किया तुने । ये सब अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करना समझा

निशा ने जानबुझ कर उस कहानी मे रेखा के संवाद को दूहाराया ताकि अप्रत्यक्ष रूप से वो राहुल को छेड़ सके ।

राहुल ने जैसे ही वो वक्तव्य अपनी दीदी के मुह से सुने उसे भी कहानी मे अमर और रेखा के बीच के मस्ती भरे संवाद याद आ गये ।

वो भी सोचा क्यू ना इस बात चित को आगे ले जाया जाये - हिहिहीही लेकिन आप किसी गर्लफ्रेंड से कम हो गया ,,कहा मिलेगी इतनी अच्छी और खुबसूरत दोस्त


निशा समझ गयी कि राहुल ने उस कहानी मे अमर वाले डायलाग मारने शुरु कर दिये है ।

निशा - चल हट बड़ा आया मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने वाला ,,, हाईट तो छोड तेरा तो वो भी ...। हिहिहिहीही

राहुल की आंखे चमकी और वो चहक कर - वो भी कम नही है दीदी हिहिहिही


निशा एक तो पहले ही अपनी बेकाबू जुबान के लिए पछता रही थी उपर से उसे उम्मीद नही थी राहुल सच मे इस बात पर इतना खुल कर बोलेगा ।


निशा वापस से उसके गाल खिचते हुए - क्या बोला तू ,,हम्म्म क्या बोला

राहुल हस कर - अह्ह्ह दिदीईईई वही जो आप सोच रही थी हिहिही

निशा - और क्या सोच रही थी मै ,,हम्म्म बोल
राहुल हस कर बार बार आंखे नीची करके अपने लोवर मे तने लण्ड की ओर इशारा कर रहा था ।

निशा की कुलबुलाती चुत की चल्ती तो अब तक वो निशा को लण्ड पकडवा देती मगर निशा की चेतना अब भी होश मे थी ।

निशा - रुक कर कल मै मम्मी को बोलती हू कि तु मुझे क्या दिखा रहा था
ये बोल कर वो जाने को हुई तो राहुल बोला - हा जाओ कह देना तो मै भी बोल दूँगा जो आपने मेरे बारे मे बोला हिहिहिहिही

निशा हस कर अपने चुतड मटका कर अपने कमरे मे जाने लगी और वही राहुल लोवर के उपर से अपने सुपाडे मे हो रही खुजली को दुर करता हुआ - दीदी मोबाईल तो देदो ना

निशा पलटी और ठेंगा दिखा कर अपने कमरे मे चली गयी

राहुल मन मे - आज तो मजा ही आ गया ,,,यार ये DREAMBOY40 गजब के किरदार लिखता है ,,, अमर वाली ट्रिक सच मे काम कर रही है ।
राहुल मन मे - क्यू ना दीदी को अपना लण्ड दिखा दू ,,लेकिन कैसे ??
राहुल फिर कुछ विचार करते हुए अपने कमरे मे आकर सो गया और वही निशा भी हस्ते हुए अपने कमरे मे आई

निशा मन मे - देखो तो कैसी हिम्मत बढ गयी है उसकी । सीधा दिखा रहा था हिहिहिही मै भी ऐसे थोडी ना हाथ आऊंगी बिना तड़पाए हुउउउह्ह


फिर निशा भी सोने चली गयी

जारी रहेगी
बहुत ही जबरदस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 133

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि जहा राहुल और निशा के बीच मस्तिया शुरु हो चुकी है और दोनो एक ही कहानी के किरदारो को फॉलो करते हुए आगे बढ रहे है ,,वही दुसरी ओर राज अभी भी अनुज का भेद जानने मे लगा है ।
अब आगे


लेखक की जुबानी

अग्ली सुबह राहुल की नीद खुली । वो और उसका लण्ड अंगड़ाई लेते हुए उठे और राहुल कमरे से बाहर आकर छत पर फ्रेश होने चला गया ।

छत पर निशा ब्रश कर रही थी बाथरूम के बाहर और जैसे ही उसने राहुल को छत पर आते देखा तो उसने ब्रश तेजी से करना शुरु कर दिया
जिस्से टीशर्ट के अन्दर उसकी खुली चुचिया हिलने लगी ।

राहुल का लण्ड उस नजारे को देख कर टनं हो गया और उसके सुपाडे मे खुजली सी होने लगी । तो उसने लोवर के उपर निशा के सामने ही बडी बेशर्मी से अपने लण्ड का मुहाना लोवर के उपर से भिचा और निशा की ओर चल पड़ा ।

निशा ने नजर भर राहुल की हरकतों को निहारा और मुह फेर ली क्योकि उसकी हसी छूटने वाली थी और ब्रश करते हुए मुस्कुरा दी ।

राहुल - दीदी टॉयलेट मे कोई गया है क्या

निशा ब्रश मुह मे घिसते हुए उसकी ओर पल्टी और राहुल की नजर अपनी दीदी की टीशर्ट मे उभरी हुई नुकीली निप्प्ल्स पर गयी और वो थुक गटकने लगा ।

निशा ने ना मे सर हिलाते हुए बेसिन के पास गयी और कुल्ला करने लगी ।
राहुल ने नजर भर निशा के कूल्हो को ताड़ा और वापस से फुकार मारते लण्ड को दबाया


निशा कुल्ला करके - जल्दी फ्रेश हो ले अभी पापा आने वाले है ,,,

ये बोल कर निशा अपना टीशर्ट उठाते हुए बाथरूम मे घुस गयी और दरवाजा बंद कर लिया ।
लेकिन अंदर घुसने से पहले वो राहुल को अपना साइड वियू दे कर गयी । टीशर्ट उठाकर बाथरूम मे घुसते समय राहुल ने निशा की नंगी कमर और गुदाज पेट के साथ साथ उसकी झुल्ती गोरी गोरी चुचियो के निचे की गोलाईयो की हलकी सी झलक भी देखी ली ।

निशा के दरवाजे भिड़काने की आवाज से राहुल होश मे आया और मन ही मन गदगद हो गया । उसके चेहरे पर एक उत्साही मुस्कान थी और लण्ड मे जोर का कड़ा पन

वो भी पाखाने मे घुस गया और फ्रेश होने के बाद भी निशा के नहा कर बाहर आने का वेट करने लगा ।

उसे उम्मीद थी कि उस कहानी के जैसे शायद उसकी दीदी तौलिया और दुप्प्टा लपेटे बाहर आयेगी ।मगर निशा बखूबी जानती थी राहुल उसका बाहर इन्तजार कर रहा था इसिलिए उसने वही टीशर्ट लोवर पहन कर बाहर आई और नहाने के समय जो कल पहनी हुई ब्रा पैंटी और शॉर्ट्स लाई थी उन्हे धुल कर बाहर आई ।

राहुल ने जैसे अपनी दीदी को उन्ही कपड़ो मे देखा उसे थोडी निराशा हुई
मगर जल्द उसका लण्ड टनं हो गया जब निशा ने बाथरूम के बाहर की दिवाल पर लगी अरगन पर अपनी ब्रा पैंटी और शॉर्ट्स फैलानी शुरु कर दी ।

हालाकी पहले ऐसा निशा कभी नही करती थी , वो हमेशा अपने अंडरगार्मेंट्स बाथरूम के अन्दर या अपने किसी कपडे के अंदर रख ही सुखने के लिए डालती थी ।


इधर राहुल अपने मुह मे ब्रश घुमा रहा था और अपनी दीदी को ब्रा फैलाते हुए निहार रहा था । उसके लोवर मे लण्ड तना हुआ था । तभी निशा को एक शरारत सुझी और उसने अपनी पैंटी को निचोड और फिर उसे राहुल के सामने की झाडा जिससे पैंटी के पानी के कुछ छीटे राहुल के चेहरे पर गये । वो बारीक ठंडे छीटे अपने चेहरे पर पाकर राहुल की आन्खे बंद हो गयी । मानो प्यार की बारिश ठंडी फुहार उसके देह पर पड रही हो ।

निशा वही राहुल की हरकतो पर होठ दबा कर हस रही थी और फिर निचे चली गयी ।

इधर राहुल ने आखे खोली तो निशा जा चुकी थी।

वो मुस्कुराया और एक पल को पुरे छत पर निशा को खोजा और फिर उसकी पैंटी के पास जाकर उसकी मियानी को सुँघा । सरफ की खुस्बु मे उसने कुछ पल निशा की चुत की खुशबू को तलाशा और फिर नहाने चला गया ।
इधर निशा निचे आकर कमरे मे अपने कपडे बदले और फिर से बिना ब्रा पैंटी पहने सिर्फ प्लाजो और टीशर्ट मे अपनी चुचिया हिलाती किचन मे नासता बनाने के लिए चली गयी ।

राहुल भी नहाने के बाद दुकान खोलने चला गया क्योकि ये उसका रूटीन था,,रोजाना सुबह दुकान खोलकर साफ सफाई करना ।
राहुल ने भी अंडरवियर का त्याग किया हुआ था और साफ सफाई मे लगा था कि कुछ औरते साडी लेने के लिए आ गयी ।
राहुल जब उन ग्राहको को सम्भाल न्ही पाया फिर उसने अपने पापा को आवाज दे दी ।

किचन मे काम कर रही शालिनी ने जब राहुल की आवाज सुनी तो उसने निशा को उपर छत पर जाकर अपने पापा को बुलाने को बोल दिया । क्योकि सुबह की बोहनी कोई खराब करना नही चाहता ।


इधर उपर जन्गीलाल नहा चुके थे और कमर मे तौलिया लपेटे बाथरूम से बाहर आकर अपना अंडरवियर निचोड कर बाथरूम के दिवाल वाली अरगन की ओर बढ रहे थे ।

जैसे ही उन्होने ने अपना अंडरवियर अरगन पर फैलाया उनकी नजर अपनी दुलारि बिटिया निशा के अन्तरवस्त्रो पर पड गयी और उन्हे आश्चर्य हुआ कि आज निशा ने बाहर क्यू अपने अंडरगार्मेंट्स डाल है ।

पहले तो जंगीलाल ने उससे इंकार किया और फिर ना जाने क्या सुझा कि उन्होंने अपनी बिटिया के ब्रा के लेबल को देखने लगे ।


मगर उन्हे क्या पता था उनकी ये हरकत जीने के दरवाजे पर खड़ी उनकी दुलारि बिटिया निशा देख रही थी ।


निशा शर्म और भय से लाल हो गयी । उसको शर्म से हसी भी आ रही थी और उसका दिल भी जोरो से धडक रहा था । उसके पेट मे तितलिया उड़ रही थी ।

निशा मन मे शर्मा कर - पापा मेरी ब्रा क्यू देख रहे ,,, धत्त मैने उसे बाहर डाला ही क्यू??? इस कमीने राहुल की वजह से हुउह्ह

इधर निशा परेशान थी वही जन्गिलाल ने जब लेबल पढा और निशा ने साइज़ को देखा तो सोचने लगा कि अब उसकी बितिया शयानी हो गयी है । सोनल की शादी के बाद उसके लिए भी कोई रिश्ता देखना पडेगा । लेकिन ये ब्रा बड़ा शोफ्ट है ,,शालिनी क्यू नही पहनति इसमे का ?? आज शालिनी से कहूँगा कि वो भी इसमे का ही ब्रा ले ,,कितना खुबसूरत लगेगा उसके भरे भरे गोल चुचो पर , अह्ह्ह्ह

जंगीलाल उस ब्रा मे अपनी बीवी की कल्पना करके सिस्क उठा और तौलिये के उपर से अपना सर उठाया लण्ड सेट करते हुए बाथरूम मे वापस चला गया ।

इधर जीने के दरवाजे पर खड़ी निशा के जहन मे कुछ गलतफहमीयो मे जगह बना ली थी । कि कही उसके पापा भी तो नही राहुल की तरह उसके बारे मे .....।

निशा ने खुद को झकझोरा - नही नही ऐसा नही हो सकता... अभी तो राहुल ही था मेरे पीछे अब पापा भी ...।

निशा जड होकर जीने के दरवाजे पर अपने सवालो मे खोई हुई थी कि उधर जन्गीलाल बाथरूम से फुल बनियान और तौलिया लपेटे बाहर आता है और उसकी नजर निशा पर जाती है ।


जंगीलाल - क्या हुआ निशा बेटा
निशा ने जैसे ही अपने पापा की आवाज सुनी वो चौकी लेकिन खुद को सम्भाला - हा पापा वो जल्दी चलो ,,दुकान मे ग्राहक आये है

जंगीलाल जो अब तक जीने तक आ चुका था - हा बेटी चलो
निशा तेजी से सरकते हुए सीढियो से निचे भाग गयी और किचन मे चली गयी ।
उसकी तेज सासो से उसकी चुचिया उपर निचे हो रही थी और थोडी देर पहले ही उसके पापा की हरकतो ने उसके निप्प्ल कड़े कर दिये ।

शालिनी की नजर जैसे ही निशा के कड़े जोबनो पर गयी और निप्प्ल की नोख को टीशर्ट फाडते देखा तो उसने निशा को डाट लगाइ- ये क्या है निशा ,,तुने अन्दर कुछ पहना क्यू नही ?? देख सब पता चल रहा है । इस घर मे तेरे पापा और भाई है उनकी नजर गयी तो ।


निशा शर्मायी और मन मे - उसी कमीने भाई के लिए तो खोल रखा है मम्मी हिहिहिही

निशा - मम्मी वो मेरे काटन वाले टेप नही मिल रहे है और गर्मी मे ब्रा से बहुत खुजली होती है ,,,इसिलिए नही पहना


शालिनी भला उसकी बात से इंकार कैसे कर सकती थी । अक्सर वो खुद ही गर्मी मे बिना ब्रा के हल्के रंग के सूती ब्लाऊज पहना करती थी ,,जिसमे पसीना होने पर उसके निप्प्ल का भूरा घेरा साफ दिखता था ।



राज की जुबानी

रोज की तरह मै अगली सुबह उठा और फ्रेश होकर नहाने के बाद जैसे ही कमरे से बाहर आया तो हाल मे आते ही मेरी आंखे चमक उठी ।

हाल मे काजल भाभी ,,रोहन और शकुन्तला ताई आयी थी ।
कारण था आज रोहन की छुट्टी पूरी हो गयी थी । उसे अपनी ड्यूटी पर वापस जाना था ।
मै ये खबर सुन कर गदगद हो गया कि चलो अब काजल भाभी से फिर से नजदीकिया बढाने का मौका मिलेगा और फिर वो पार्सल वाला आईटेम था उसपे बात भी तो करनी थी । बीते एक महिने मे अनुज और राहुल को लेके काफी बिज़ी था और रोहन के कारण काजल भाभी से कोई खास बात चित नही हो पाई थी ।

मगर अब मै खुश था और थोडी देर बाद मै ही रोहन को बस स्टैंड पर ले गया ।
रोहन से बाते करने से मुझे आभास हुआ वो ब्डा ही डिस्पेलिन और शांत स्व्भाव का है । लेकिन उसकी शालीनता मे भी उसका वो ब्रुटल ह्वसी चेहरा मै देख सकता था ।

रोहन को बस पकडवा कर मै वापस अपने घर आया और फिर नाश्ता करके दुकान पर निकल गया ।
आज मेरे जहन बस काजल भाभी को लेके ख्वाब मचल रहे थे ,, नयी नयी कल्पनाओ से मन मचल रहा था ।
ऐसे मे ही निशा का फोन आता है और सहसा मेरा ध्यान वापस से अनुज और राहुल की ओर चला जाता है ।

करीब 10 बजे होगे और निशा के चहकपने से मुझे भी उत्सुकता होने लगी थी । फिर उसने एक एक करके बताया कि कैसे उसने राहुल उस्से उस कहानी के हिसाब से नजदीकिया बढाने मे लगा है और कैसे निशा ने कल रात से आज सुबह नहाने तक राहुल को परेशान किया ।

निशा की सारी बाते और मस्तिया सुन कर मै समझ गया कि ये अब जल्द ही राहुल से चुदने के फिराक मे है ,,मगर मुझे समझ नही आ रहा था कि अनुज इनसब मे कैसे कामयाब होगा ? क्या वो निशा को लपेट पायेगा या मुझे ही उसकी कुछ मदद करनी चाहिये ?

मै मन मे - नही नही ,जल्दीबाजी नही !!! वैसे भी इस खेल मे बहुत मजा आने वाला है हिहिहिही पहले निशा को राहुल के लण्ड का स्वाद लेने दो और फिर अनुज को कैसे उसके उपर लाना ये करूंगा ।


निशा फ़ोन पर - क्या हुआ राज ? क्या सोच रहे हो ?
मै अपनी कलपना से बाहर आकर - हा , याररर मै सोच रहा था कि तुम कितनी शातिर हो अपने छोटे भाई को इतना तडपा रही हो हिहिहिही

निशा इतरा कर - और क्या ,, मै कोई सड़क छाप हू जो ऐसे ही उसके निचे आ जाऊंगी ,,अभी तो बहुत पापड़ बेलने है उसे हिहिहिही

मै - तो अब आगे का क्या सोचा है ?
निशा खिलखिला कर मुझे अपना प्लान बताती है और मै उसकी तारिफ करने से कतरा नही सकता था ।

थोडी बाते हुई और फिर वो दोपहर के खाने मे लग गयी ।
इधर मै भी दुकान मे लग गया ।


लेखक की जुबानी

समय बीता और शाम को अनुज फिर से राहुल से मिलने उसके घर पहुचा तो हाल मे बैठा मोबाईल चला रहा था और नजरे उसकी किचन मे खड़ी निशा के चुतड निहार रही थी ।


अनुज आया और राहुल के पास बैठा और वो समझ गया कि राहुल यहा से क्या कर रहा है और उसने मोबाइल पर नजर मारी तो स्क्रीन पर वही स्टोरी खुली हुई थी , जिसके बारे मे कल राहुल ने उसे बताया था ।

अनुज की नजरे भी उस सिल्क प्लाजो मे उभरी निशा की गाड पर थी और उस हल्के प्लाजो मे कही भी पैंटी की शेप की धारिया नजर नही आ रही थी । अनुज समझ गया कि निशा आज बिना पैंटी के है ।


इधर निशा ने चाय छान कर अनुज और राहुल को दी ।
फिर शालिनी को बोल कर नहाने चली गयी ।


राहुल ने चाय पीते हुए और अपनी मा और दीदी को सुनाते हुए बोला- यार अनुज आज चल छत पर ही टहलते है ।

निशा जो कि अपने कमरे मे कपडे लेने गयी थी वो मुस्कुरा उठी । उसने एक स्कर्ट लिया और एक बडे गले वाला टीशर्ट । फिर अपने चुतड हिलाते उपर चली गयी ।

वही राहुल और अनुज भी अपनी चाय खतम कर उपर चल दिये ।

इधर अनुज को यकीन था कि राहुल से कुछ होने वाला नही है इसिलिए सीढिया चढ़ते हुए वो राहुल का मजा लेने के भाव से - तब भाई कुछ बात बनी या फिर शर्त हार रहा है तू


राहुल मुस्कुरा कर - तू चिंता ना कर एक दिन तेरे सामने दीदी को चोद कर दिखाऊँगा ,वैसे मैने कल उन्हे लोवर के उपर से अपना लण्ड दिखा दिया ।

अनुज की आंखे फैल गयी फिर भी उसने इस बात से इंकार ही किया - चल बे फेक मत ,

फिर राहुल कल रात से लेकर आज सुबह की सारी मस्ती भरे पल को अनुज को बताया और वो भी जब निशा ने खुद अपनी पैंटी निचोड कर राहुल के मुह के सामने झाडा था ।

राहुल की बतायी बाते इतनी दिलचस्प और ऊततेज्क थी कि अनुज चाह कर भी इस्से अब इन्कार नही कर पा रहा था । उस्का लण्ड राहुल की बाते सुन कर तन गया था । उसे यकीन होने लगा था कि राहुल सच मे कामयाब हो सकता है और अगर ऐसी बात है तो इसमे मेरा ही फाय्दा है । मुफ्त की चुत मिल जायेगी ।

राहुल अनुज को खोया देखकर -तुझे यकीन नही होता ना ,,,रुक अभी देखना मै कैसे दीदी को परेशान करता हू ।

इधर निशा बाथरूम मे तो थी लेकिन उसने जानबुझ कर अपने कपडे बाहर ही रखे हुए थे । वो जानती थी कि राहुल और अनुज उपर आने वाले है । वो अपने दोनो दिवानो के साथ मस्ती के मूड मे थी ।


इधर राहुल बाथरूम के पास जाकर अरगन पर टंगी हुई निशा की ब्रा पैंटी उतार कर अपनी जेब मे रख लेता है ।

अनुज बडी हैरानी ने राहुल को देखता है ,,उसका लण्ड ये सोच कर खड़ा हो जाता है कि क्या अब निशा दीदी बिना ब्रा पैंटी के ही कपडे पहनेगी ।

इधर वो दोनो छत पर टहलने लगे ,,वही निशा नहाने के बाद तौलिया लपेटे बाथरूम का दरवाजा खोल कर बाहर झाकी और फिर राहुल को आवाज दी ।

राहुल मुस्कुरा कर - अब देख मेरा कमाल

अनुज वही खड़ा रहा और राहुल चल कर बाथरूम के पास गया ,,जहा निशा दरवजे की ओट मे खड़ी थी- वो मेरे कपडे देना राहुल ,,

राहुल ने मुस्कुरा कर निशा के कपड़े देते हुए - अरे दीदी आपके वो अन्दर वाले कपडे नही है यहा ,

निशा ने मुस्कुरा कर राहुल के लोवर की जेब का फुलाव देखा और समझ गयी कि उसने खुद उसकी ब्रा पैंटी अपने जेब मे रखी हुई है और नाटक कर रहा है ।

निशा मुस्कुरा कर - अरे कोई बन्दर ले गया होगा ,,,जाने दे वैसे भी गर्मी है

ये बोलकर निशा ने दरवाजा बन्द कर लिया

अनुज उन दोनो की खुली बातचित से जड़ हो गया कि कोई भाई बहन सच मे ऐसे बाते कर सकते है ।

इधर थोडी देर मे निशा बाहर निकाली और अनुज की नजरे अब उसके बडे गले वाले टीशर्ट पर थी ।

इधर निशा अपने धुले हुए कपडे निचोड कर उन्हे झाड़ने लगी ,,और झाडते वक़्त उसकी चुचिया हिल्कोरे मारती जिससे अनुज और राहुल दोनो की हालत खराब थी ।

फिर वो कपडे डाल कर मुस्कराते हुए अपनी चुतड मटका कर निचे चली गयी ।
दोनो उसकी स्कर्ट मे नंगी गाड़ की थिरकन देख कर अपना लण्ड मसल कर रह गये ।


थोडे समय बाद अनुज फिर वापस घर चला गया ।
वही राहुल का उसकी दीदी के साथ आंख मिचौली जारी रही । रात को खाना बनाने खाने के बाद निशा अपने कमरे मे चली गयी क्योकि उसे अपनी कहानी की अगली कड़ी पढनी थी जिसमे अमर रेखा को बुरी तरह पेलता है । निशा की चुत पानी पानी हो जाती है और बेताब होकर वो फिर से उथकर राहुल के कमरे की ओर चली जाती है ।


वही एक कमरे मे जंगीलाल और शलिनी के सेक्स कार्यक्रम हो रहे थे और एक राउंड चुदाई के बाद जंगीलाल ने अपने मन की बात शलिनी से कहनी शुरु की ।


जंगीलाल - जानेमन अगर नाराज ना हो तो एक बात कहू ?
अपने पति से सन्तोष जनक चरम सुख पाकर शलिनी खिली हुई थी और वो हुकारि भरते हुए बोली - हम्म्म्म कहो ना मेरे राजा

जन्गीलाल - वो आज सुबह मैने निशा के ब्रा देखे

शलिनी का दिल धड़का - छीई आपको शर्म नही आती जो आप अपनी बेटी के ऐसे कपडे निहार रहे थे ।

जन्गीलाल सफाई देते हुए हस कर - अरे जानेमन मेरी बात तो सुनो ,,,हुआ यू कि मै नहा कर अपना अंडरवियर डालने अरगन के पास गया तो वहा निशा ने ब्रा सुखने के लिए डाली थी ।

शलिनी थोडा चिढ़ कर - हे भगवान क्या हो गया है इस लड़की को !!! आपको पता है आज उसने अपनी ब्रा भी नही पहनी थी और बिना दुपट्टे के घर मे घूम रही थी और उसके वो दिख रहे थे ।

जंगीलाल का दिल धडका और लण्ड मे कसावट होने लगी और वो हिचक कर - क्या ?

शालिनी नजरे फेरते हुए - वो उसके निप्प्ल कड़े थे और वो ऐसे ही घर मे घूम रही थी , कही राहुल की नजर पड जाती तो

जंगीलाल कुछ सोच कर - हम्म्म्म तो तुमने उसे समझाया
शालिनी - हा बोला तो उसने बताया कि उसके पास गर्मियो वाले टेप नही है और ब्रा मे खुजली होती है ।


जंगीलाल कुछ सोच कर - तुम्हे नही लगता शालिनी निशा भी अब बडी हो गयी है उसकी शादी के लिए हमे कोई लड़का देखना चाहिये ।

शालिनी निशा की शादी और उसके दुर होने की बात से भावुक हो गयी - नही नही मुझे नही करनी अभी अपने लाडो की शादी ।

जन्गीलाल शालिनी को अपनी बाहो मे भर कर - अरे शालिनी तु समझ क्यू नही रही । इस उम्र में उसका यू कपड़ो से दुरी बनाना एक इशारा है । अब धीरे धीरे उसके खुले कपडे पहनने के समय आ रहे है । साडी ब्लाउज जैसे कपड़ो मे ही अब उसे आराम मिलेगा ।


शालिनी मुस्कुरा कर नजरे उठा कर- आपको बड़ा पता है औरतो के बारे मे , ऐसे कोई सोचता है अपनी बेटी के बारे मे हम्म्म्म


जंगीलाल - अच्छा ठिक है नही कहता कुछ , लेकिन कम से कम मेरी बिटिया के लिए वो टेप तो लेते आओ जिसे वो आराम से रह सके गर्मी मे और

शलिनी मुस्कुरा कर - और क्या
जन्गीलाल - और वो जिसमे का निशा ब्रा पहनती है उसने का तुम भी लेलो ना अपने लिये

शालिनी शर्म से लाल हो गयी - धत्त आप भी ना

जंगीलाल उसको पकड कर - सच मे जान बहुत खुबसूरत लगेंगे तेरे ये पपिते उसमे और वो जो बिच मे फुल बना हुआ है वो ऐसे लगेगा कि मानो तेरी चुचियो की गिफ्ट पैकिंग की गयी हो ।


शालिनी शर्म से लाल हो गयी और जंगीलाल से चिपक गयी - धत्त आप भी ना ,
जंगीलाल - प्लीज ना जानेमन मेरे लिये

शालिनी - अच्छा ठिक है कल राज के पास से लेते आऊंगी

जंगीलाल - और निशा के लिए वो टेप भी

शालिनी शरारत भरे लहजे मे - हा हा वो भी लेते आऊंगी , नही तो कही आपकी लाडली के चुचे ना लटक जाये हिहिहिही


जंगीलाल का लण्ड निशा के चुचो की चर्चा सुन कर ठुमका और वो शालिनी की मस्ती पर उसके दुध मसलता हुआ - अरे अभी मेरी लाडो के स्तन कोरे है ऐसे कैसे लटक जायेंगे।

ये बोल कर उसने शालिनी के चुची को मूह मे भरते हुए उसके उपर चढ गया

शालिनी हस के मगर सिस्किया लेते हुए - सीई अहहहह आपको कैसे पता कि उसके स्तन कोरे ,,,कभी पकड कर देखा है क्या हिहिहिही


जंगीलाल के लंड मे अपनी बीवी से बेटी के चुचो के बारे मे बाते सुन कर कड़ा होने लगा और वो बडे जोश से शालिनी ने कड़े चुचे मसलने लगा ।

शालिनी - क्या पता किसी ने उसके चुचे चुस कर ढीले कर दिये हो

जंगीलाल चौका और उसका दिल बडी जोरो से धडक रहा था - ये क्या कह रही हो शालिनी तुम

शालिनी जानती थी कि निशा के खिलाफ जंगीलाल एक लफ्ज भी नही सुन सकता था ,,मगर उसे अपनी पति को परेशान करने मे मजा आ रहा था ।

शालिनी मुस्कुरा कर - अरे मेरे कहने का मतलब है कि कही निशा का भी सोनल की तरह कोई बॉयफ्रेंड हुआ तो

जन्गीलाल का दिल अब धक कर गया ,,उसके मन मे शालिनी की बाते घर करने लगी और ढ़ेरो उत्तेजक सवाल उसके जहन मे आने लगे
" क्या सच मे निशा का कोई बॉयफ्रेंड होगा ?
" क्या किसी ने निशा को स्तन को मसला होगा ?
" क्या वो चुदी भी होगी ?
" वो कैसे चुदी होगी , चूदते हुए उसके चेहरे पर क्या भाव आये होंगे ? उसे ज्यादा दर्द तो नही हुआ होगा ना ? क्या सच मे निशा की सील टुट गयी होगी ,,ढेर सारा खुन भी निकला होगा उसकी चुत से , उसकी चुत कैसी दिखती होगी ।

जन्गीलाल ऐसे काफी सारे सवालो से घिर कर जड़ हो गया था ,,वही उसका लण्ड फौलादी हुआ जा रहा था ,,उसकी तपन और कडकपन शालिनी अपनी जांघो पर मह्सूस कर रही थी ।

शालिनी हसी और बोली- क्या जी कहा आप अपनी बेटी के सुहागरात वाले सीन देखने लगे हिहिहिनी ,,,पहले मेरा ख्याल तो कर लो ना

जन्गीलाल चौका कि शालिनी को कैसे पता कि मै ,,,फिर उसने खुद को झिंझोड़ा और शालिनी की खिदमत मे लग गया ।


जारी रहेगी
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Napster

Well-Known Member
5,365
14,625
188
UPDATE 134

पिछले अपडेट मे आपने पढ़ा कि निशा की मस्ती कैसे उसी पर भारी पड गयी ,,भाई को रिझाने के चक्कर मे बाप भी लाईन मे आ गया । वही राज के जीवन मे रौनक लौट आई है क्योकि रोहन के जाने के बाद अब वो फिर से काजल भाभी से नजदीकिया बढाने के मूड मे है । देखते आगे क्या होता है क्योकि फिलहाल तो अभी निशा अपनी गीली चुत लेके राहुल के पास जा रही है ।


अब आगे

लेखक की जुबानी

निशा की चुत वो कहानी पढने के बाद रसने लगी । उसका मन हो रहा था कि अभी राहुल आये और उसे हचक के चोद दे । मगर इतना आसान था कहा उसने खुद ही अपनी खुशियो पर बंदीसे लगा रखी थी ।
वो कुछ सोच कर राहुल के कमरे मे जाती है और दरवाजा पर हल्का सा खटखट करती है ताकी मम्मी पापा को आवाज ना जाये ।

अन्दर राहुल अपनी दीदी की उसी पैंटी के साथ खेल रहा था जिसे उसने शाम को अरगन से उतारा था और उसे सूंघते हुए अपना लण्ड हिला रहा था ।
दरवाजे पर खट खट से वो समझ गया कि दीदी ही आई होगी ।

उसने वो पैंटी वापस से लोवर मे रख ली और अपना लण्ड सीधा करके लोवर मे टेन्ट बनाते हुए दरवाजा खोला ।

राहुल की नजरे सीधे निशा के कड़े निप्प्ल पर गयी जो उसके ढीले टीशर्ट मे भी बाहर की ओर तने हुए थे ।

निशा ने एक नजर राहुल के तने हुए लण्ड पर मारा और उसकी चुत कुलबुलाने लगी ।
पैंटी ना पहनने की वजह से उसके चुत का रस उसकी जांघो पर रिसने लगा था ।

तभी निशा की नजर राहुल के लोवर की जेब से झाकती उसकी पैंटी पर गयी और उसे बात करने का एक मुददा मिला गया । उसके जहन मे वाप्स से अमर और रेखा की मस्तिया याद आई
राहुल मुस्कराता हुआ - दीदी मोबाइल देने आई हो क्या ?

निशा ने नशीली आंखो से राहुल को निहारा - ना

राहुल की धडकनें तेज हो रही थी
" त त तो क्याआआ देने आई हो ", राहुल ने कापते हुए स्वर मे कहा

निशा मुस्कुरा कर राहुल की जेब से झाकती पैंटी की ओर इशारा करके बोला - मै वो लेने आई हू

पहले तो राहुल की आंखे चमकी की निशा उसके लण्ड की ओर इशारा कर रही है ,,लेकिन जल्द ही उसकी गलतफहमी दुर हो गयी जब निशा ने लपक कर राहुल के जेब से अपनी पैंटी खिच ली

फिर उसे राहुल के सामने फैलाकर देखते हुए - इसमे दाग तो नही लगाया ना

राहुल - नहीं दीदी

निशा - हम्म्म और मेरी ब्रा दे चल।
राहुल ने उसे भी दुसरी जेब से निकाल कर निशा के दिया ।
निशा उसे भी चेक करते हुए - इतना ही मन होता है तो किसी को पटा क्यू नही लेता ।

राहुल मुस्कुरा कर - पटा तो रहा हू लेकिन आप भाव ही नही दे रहे हो हिहिहिही

निशा हस्ते हुए - अच्छा वो कब ट्राई किया तुने मुझे तो पता ही चला कि तु मुझपे लाईन मार रहा था ।

राहुल ने उसके सामने ही अपना लण्ड भीचते हुए अपने होठो पर जीभ फिराने लगा ।

निशा हसकर राहुल के कान के पास चपट लगाते हुए - कमीने इसे हवस कहते है प्यार नही , सुधर जा सुधर जा

राहुल आंखे निशा के चुचो पर गिराते हुए - कैसे सुधरु दीदी कोई चाह्ता ही है कि मै बिगडा रहू

निशा - छीईई कितना कमीना है रे तु , कहा से सिख रहा है ये सब हम्म्म बोल

राहुल बेशरम होकर निशा के चुचो की ओर इशारा करके - बता दू तो ये दिखाओगे

निशा की दिल की धडकनें तेज हो गयी । जी तो उस्का भी यही चाह रहा था कि अभी अपना टीशर्ट खोल कर अपनी चुचिया राहुल के हवाले कर दे ।

निशा आंखे उठा कर - तु तो ऐसे कह रहा है ,,जैसे तुने इन्हे देखा ही नही हो


राहुल निशा की बाते सुन कर अपना सुपाडा मुठियाने लगा , उसकी सासे गहरी होने लगी और दाँत पिसते हुए बोला - कहा दीदी , कभी नसीब ही नही हुआ

निशा इतराइ- मुझे तो लगा कि जब तु मुझे लाईन मार ही रहा है तो तुने चोरी छिपे इन्हे देख ही लिया होगा

राहुल की हालात खराब हो रही थी और वो नशे मे डुबा जा रहा था उसके हाथ खुद निशा के चुचो की ओर बढने लगे - काश दीदी मै इन्हे अह्ह्ह्ह

निशा खिल्खिला के फौरन हट गयी - हिहिहिही पहले बता कहा से सिख रहा है ये फलर्टबाजी हम्म्म फिर

राहुल मुस्कुरा कर - वही तो बता रहा हू दीदी इधर आओ तो
उसने निशा के हाथ पकड कर अपने पास खीचा और उसके कमर से हाथ को सरकाते हुए उसके कूल्हो पर फिराने लगा ।

निशा आंखे बन्द कर गहरी सासे लेने लगी और एक कसमसाहट थी उसकी सिस्कियो मे उसके चुचे अब और फुलने लगे थे ।
राहुल निशा के कूल्हो को सहलाते हुए - दीदी इसको हिलता देखता हू ना तो सब कुछ अपने आप मन मे चलाने लगता है और

निशा - उम्म्ंम्म्ं सीईईई लेकिन कैसेहह अम्म्म्ंं

राहुल निशा के करीब होकर उसके कान के पास जाकर उसके चुतडो को स्कर्ट के उपर से सहलाता हुआ - दीदी ये जो आपकी गाड़ है ना

निशा ऐसे खुले शब्द सुन कर थोडा शर्मायी और राहुल के सीने पर मुक्का मारते हुए - धत्त बेशरम ,,

राहुल थोडा मुस्कुरा कर निशा को अपने करीब खिचकर उसके चुतडो को सहलाते हुए - सुनो ना दीदी पहले ,, ये जो आपके गाड है ना इनको हिलते देखता हू ना तो मेरा वो खड़ा हो जाता है ।

निशा का दिल जोर से धड़का- क क क्याआआ

राहुल के निशा के हाथ को पकड कर अपने लण्ड पर लोवर के उपर से रख दिया - यही मेरा लण्ड

निशा ने फौरन अपना हाथ खिच लिया और राहुल के बाहो से छिटकने लगी ।
राहुल ने वापस उसे खिचते हुए उसका हाथ वापस से अपने खडे लण्ड पर रखते हुए - सुनो ना दीदी , जब ये मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है ना तो अपने आप से सारी बाते दिमाग मे आने लगती है ।

निशा को राहुल का लण्ड अपने हथेली मे महसुस हो रहा था ,,उसे यकीन ही नही था कि सब कुछ ऐसे हो जायेगा ,,,कहा वो राहुल तडपाना चाह रही थी लेकिन अभी खुद तडप रही थी ।
उसने राहुल के लण्ड को पकड कर भीचना शुरु कर दिया ।

निशा - क्या बाते आती है राहुल उम्म्ंम्ं

राहुल समझ गया कि अब निशा उसके लिए तैयार है तो उसने उसे कमरे के अन्दर खिचकर दरवाजा बंद कर दिया और निशा को पीछे से दबोच लिया

राहुल उसके दोनो चुचो को मसलता हुआ - मेरे मन मे आता है ना दीदी

निशा अपने चुचो पर राहुल के स्पर्श पाकर पागल होने लगी ,,वही उसके चुतडो पर राहुल अपना लण्ड भी चुबा रहा था ।
निशा - क्याआह्ह्ह आता है उम्म्ंम्म्ं बोल ना राहुल

राहुल - दिदीईई मेरे मन मे आता है कि मै ऐसे ही आपकी ये चुचिया मिजू और

निशा अपने जिस्म को राहुल के उपर ढिला छोडती हुई - उम्म्ंम और क्याआह्ह राहुल

राहुल ने झटके मे निशा को सामने किया और झुककर टीशर्ट के उपर से ही उसके निप्प्ल को मुह मे भर लिया

निशा - अह्ह्ह्ह सीई उम्म्ं ओह्ह्ह भाईई उम्म्ंम

राहुल थोडा उपर से चुचियो को चुसा और अगले ही पल एक झटके मे निशा के टीशर्ट निकाल दिये और उसे बिस्तर पर गिरा दिया ।

निशा आधी नंगी बिस्तर पर थी और तकिये से अपनी चुचिया छिपा ली

राहुल ने यहा एक एक करके अपने सारे कपडे निकाल दिया और लण्ड मसल्ता हुआ बिस्तर पर आने लगा

निशा मुस्कुराते हुए उसे देख रही थी - ये क्या कर रहा है तू ,,,इसे क्यू निकाला

राहुल निशा के टांगो को फैलाते हुए अपनी ओर किया और जांघो को खोलकर उसके उपर आ गया

राहुल- अभी ब्ताता हू ना दीदी ,,पहले इन्हे चुस तो लू

राहुल ने निशा की दोनो चुचिता थाम ली और निप्प्ल को मुह मे भर लिया ।


निशा कसमसाने लगी ।
दोनो को देख कर लग ही नही रहा था कि ये उनके बिच पहली बार हो रहा था , किसी के मन मे कोई झिझक ना थी और दोनो ही एक दुसरे को पाने के लिए बेकरार हुए जा रहे थे ।
राहुल अपना लण्ड निचे के जांघो पर घिसता हुआ निशा की चुचिया पी रहा था ,,वही निशा उसके बालो मे हाथ फेर रही थी ।

निशा - राहुल सुन ना भाई ,अह्ह्ज सीईई सुन ना

राहुल ने नजरे उठा कर निशा को देखा
निशा मुस्कुरा कर - वो निचे डाल कर चुस ना इसे

राहुल का लण्ड तन गया और वो निशा के होठो को चुसने लगा और वही निशा अपनी स्कर्ट उथाने लगी ।

राहुल उठा और निशा की जांघो को खोला और लण्ड को अपनी दीदी की चुत पर लगाते हुए - दीदी तैयार हो ना ,, दर्द होगा थोडा

निशा मुस्कुराइ और मन मे बडबड़ाई - अरे तू डाल, तेरी दीदी ने इससे बड़ा वाला लिया है ।

निशा - आराम से डाल ना भाई उम्म्ंम अह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह्ह धिरे धीरे अह्ह्ह हाआ हा सीईईई उफ्फ्फ्फ

राहुल निशा के चेहरे के हाव भाव देखता हुआ बहुत ही आराम से लंड को अपनी दीदी की चुत मे डाल रहा था ,,हालकी उसे उतनी दिक्कत हो नही रही लण्ड घुसाने मे जितना निशा दिखा रही थी ।

राहुल ने जब पुरा लण्ड घुसा दिया तो वो निशा के उपर आकर उसकी चुचिया मिजता हुआ- अब पेलू दीदी
निशा ने एक गहरी सास ली और मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाया

राहुल ने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरु किया और वही निशा ने भी सिसकिया लेना शुरु कर दिया ।
राहुल - उम्म्ं दीदी थैंक्स अह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है हम्म्म्म ओह्ह्ह कितना गरम है

निशा - हम्म्म हा तेरा लण्ड भी तो गरम है भाईई अह्ह्ह चोद मुझे उम्म्ंम सीईई अह्ह्ह्ह थोडा कसके कर ना उम्म्ंम्ं

राहुल मुस्कुरा कर अपनी गती बढाता हुआ - ओह्ह्ह दीदीईई येलो और तेज्ज्झ्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम और कस के पेलू उम्म्ं

निशा - हा भाई खुब तेज चोद ना उम्म्ंम अह्ह्ह ओह्ह्ह ऐसे ही हा बहुत खुजली हो रही थी उम्म्ंम अह्ह्ह

राहुल - आह्ह दीदी मै हू ना ,,मै पेल पेल के सारी खुजली मिटा दूँगा उम्म्ंम

निशा मुस्कुराइ और बोली - क्यू तु अकेले ही मजे लेगा ,,अनुज को नही बुलायेगा

राहुल जहा था वही रुक गया
निशा मुस्कुरा के - मुझे पता है तुम दोनो मेरे पीछे हो

राहुल निशा को मुस्कुराता देखा तो उसका डर थोडा कम हुआ और वो वापस से हल्के हल्के धक्को से शुरुवात करने लगा - लेकिन आपको कैसे पता

निशा मुस्कुरा कर - तु मेरे मोबाइल मे क्या देख रहा क्या नही मुझे नही पता चलेगा उम्म्ंम ,अब चोद ना रुक क्यू गया

राहुल समझ गया कि दीदी ने ब्राऊजर से देख लिया होगा और वो धक्के लगाते हुए ।
निशा अब झटके खाते हुए - उम्म्ंम सीईई अह्ह्ह तो बता अनुज के साथ तेरा क्या प्लान है हम्म्म

राहुल थोडा मुस्कुरा कर धक्क लगाता हुआ - वो दीदी ,,,उसका कोई प्लान नही है लेकिन मैने उससे शर्त लगाई कि मै उसके सामने आपको चोदूंगा

निशा राहुल की बातो से उत्तेजित हो गयी और वो लण्ड अपने चुत मे कसते हुए बोली - तु सच मे बहिनचोद है रे ,,,कमीन कही का दुसरे के सामने अपनी दीदी को पेलेगा हम्म्म

राहुल अपना ध्क्का तेज करता हुआ - अह्ह्ह दीदी मान जाओ ना उम्म्ं प्लिज्ज

निशा मुस्कुरा कर - तु तो अनुज को दिखा कर शर्त जीत जायेगा ,,लेकिन मेरा क्या फायदा उम्म्ंम बोल

राहुल थोडा हिचक कर - आप चाहो तो अनुज से भी चुद लेना , हम दोनो मिल कर चोदेंगे दीदी बहुत मजा आयेगा आपको भी

निशा एक साथ दो लण्ड से चुदने का सोच्कर कर पागल सी होने लगी ,,लेकिन अब इत्नी जल्दी इसके लिए राजी नही हो सकती थी ।

निशा - नही मै नही अह्ह्ह सीईई मै नही अनुज से चुदुंगी उम्म्ंम अह्ह्ह
राहुल - अह्ह्ह दीदी प्लीज ना ,,देखो जैसे अभी मै आपको चोद रहा हू ना वैसे अनुज भी चोदेगा

निशा - न्हीई राहुल उम्म्ं अह्ह्ह
राहुल अब कस कस कर धक्के लगाने लगा और मिन्ंते करता हुआ - प्लीज ना दीदी ,,आह्ह प्लीज

निशा अब झड़ने के करीब थी तो उसने सिस्कते हुए हामी भर दी वही राहुल और जोश मे आ गया और तेजी से लण्ड गचागच निशा की चुत मे डाले जा रहा था।

निशा झड़ चुकी थी तो अपनी चुत का छ्लला राहुल के लण्ड पर कसने लगी ।
राहुल बार बार निशा से कबुलवा रहा था अनुज के साथ चुदवाने के लिए उसे एक जबरदस्त उत्तेजना मिल रही थी और वही निशा मुस्कुरा कर ना मे सर हिला रही थी । जिससे राहुल की चरम पर जाने गति और बढने लगी ।

राहुल - दिदीईई अह्ह्ह बोलो ना चुदोगी ना अनुज से भीई अह्ह्ह प्लिज्ज्ज सीईईई बोलो ना दीदी चुदवाओगी ना हम दोनो भाई से

निशा अब राहुल को पूरी तरह से अपने कब्जे मे ले चुकी थी और मुस्कुरा कर बडी अदा से राहुल की बातो को नकार रही थी लेकिन राहुल को उत्तेजना ही मिल रही थि और फीर उसने अपना लण्ड बाहर खीचा- अह्ह्ह दीदीईई अह्हीई ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह माआअह्ह उम्म्ह्ह्ह्ह सीईई दीदीईई आई लव युउउउऊ अह्ह्ह्ह

राहुल निशा के पेड़ू पर झड़ने लगा था उसके वीर्य के कुछ छीटे निशा के स्त्नो तक गये थे । फिर वो ढह कर वही लेट गया ।

निशा मुस्कुरा कर उठी और अपने जिस्मो को साफ किया फिर कपडे पहन कर चली गयी अपने कमरे मे ।
राहुल वही उसी हालत मे सो गया ।


अगली सुबह निशा उठी और अपने अपने कामों में लग गयी और जब किचन मे आई तो उसकी मा ने फिर से उसे टोका ।

शालिनी - ये क्या है , तु अब बडी हो गयी है , कम से कम दुपट्टा लेके तो रहा कर

निशा - क्या मा एक इत्नी गर्मी है और उपर से दुपट्टा । घर मे पापा और राहुल ही तो है ना कोई बाहर का तो नही है ना

शालिनी - हा तभी तो कल रात तेरे पापा ने बोला कि तुझे टेप लाकर देदू ,,

निशा चौकी - मतल्ब
शालिनी को लगा कि अगर निशा को उसके पापा के नाम पर थोडा डरायेगी तो शायद वो अपनी आदत सुधार ले और थोडा शालीनता से ढंग के कपड़े मे रहे ।

शालिनी झूठ का गुस्सा दिखाते हुए - और क्या कल तेरे पापा मुझपर गुस्सा हो रहे थे कि निशा के पास अन्दर वाले कपडे नही है क्या जो ऐसे घुमाती है ।

निशा का कालेज धक्क करके रह गया कि उसके पापा ने उसके हिलते चुचो को देख लिया ,,क्या सोच रहे होगे उसके बारे मे ।

निशा - सॉरी मम्मी लेकिन सच मेरे पास फुल टेप नही है और अब से मै ख्याल रखूंगी ।

शालिनी एक विजयी मुस्कुराहट के साथ - अच्छा वो तेरा नम्बर बता मै आज राज के यहा से लेते आऊंगी

निशा थोडा मुस्कुरा कर - वो 34 नम्बर का मम्मी , व्हाईट मे लेना काटन वाला

शालिनी - अच्छा ठिक है और जरा अभी तु मुझे अपनी ब्रा दिखाना तो वो जो तु लाई थी राज के यहा से , वो आरामदायक है ना तुझे


निशा हस्कर - हा मा बहुत कम्फोर्तेबल है ,,लेकिन एक ही है मेरे पास

शालिनी - थिक है मुझे दिखाना उसी माडल मे मै भी लूंगी ,,,, ये मेरी वाली चुबती है सोने पर

निशा - अरे मा तो आप ब्रा पहन के क्यू सोती हो , ब्रा पहन कर नही सोना चाहिये

शालिनी हस कर - अगर मै ना पहनू तो तेरे पापा रोज हिहिही.....।

निशा को शर्म आने लगी - धत्त मम्मी आप भी ना हिहिहिही ....।

शालिनी हस कर - और क्या देखना शादी के बाद तु पहन कर ही सोयेगी ,,,क्योकि इन मर्दो को रात भर टटोलने की आदत होती है हिहिहिही और तेरे पापा तो ....

निशा हसकर शर्म से लाल होती हुई - माआ बस भी करो हिहिहिही मुझे शर्म आ रही है ,,,,,हा नही तो ।


शालिनी - अरे मुझसे क्या शर्माना , बेटी जब बडी हो जाये तो उसकी मा उसकी दोस्त बन जाती है

निशा हस कर - रहने दो मा ,, आपको मेरी दोस्ती मह्गी पड़ जायेगी हिहिहिही

शालिनी - अच्छा वो भल क्यू

निशा - अरे आपसे दोस्ती कर ली तो पापा को जीजू कह के बूलाना पडेगा ना हिहिहिही

ये बोल कर निशा किचन से खिलखिलाकर भागी और शालिनी उसके जवाब सुन के उसके पीछे भागी - रुक बेशर्म कही की ,,, अपने पापा को जीजू बनायेगी हिहिहिही

निशा अन्तत: शालिनी के पकड मे थी ।
निशा हस्ते हुए - क्या मम्मी अब सहेली का पति को जीजू ही कहुन्गी ना हिहिही

शालिनी हस दी - धत्त पागल ,,,तुझसे तो बात ही करना बेकार है

शालिनी किचन मे जाने लगी तो निशा उसके बगल मे आकर उसके कन्धे पर हाथ रख कर - यार शालिनी , जीजू बड़े स्मार्ट लगते है ,,नम्बर देदे ना

शालिनी हस्कर गुस्सा दिखाते हुए निशा के कान ऐंठते हुए -बहुत बोल रही है तू ,,थोडी छूट क्या दी ह्म्म्ं ,,अप्ने बाप को लाईन मारेगी

निशा दर्द मे हस्ते हुए - अरे नही माआ सॉरी ना हिहिहिही प्लीज छोड दो वो तो मै मेरे जीजू का नम्बर माग रही थी हिहिहिह्जी पापा का थोडी

शालिनी वापस से उसके कान खीचते हुए - क्या बोली

निशा हसते हुए माफी मागने लगी - हिहिहिही सॉरी मम्मी प्लीज छोड दो अह्ह्ह दर्द हो रहा ,, नही कहूँगी अब

शालिनी ने उसके कान छोड दिये और निशा हस कर भागते हुए - देखना मै जीजू का नम्बर लेके रहूँगी हिहिहिही

ये बोलकर निशा अपने कमरे मे भाग गयी और शालिनी उसकी चंचलता और बचकानी हरकतो पर हसने लगी । ये सोच कर कि अभी कुछ सालो के लिए ही तो यहा पर है फिर अपने ससुराल चले ही जायेगी । शालिनी ने थोडा अपनी नम होती आंखो को आंचल से पोछा और किचन मे खाना ब्नाने चली गयी ।


राज की जुबानी

रोज की तरह आज भी मै दुकान पर बैठा हुआ था ।
शादियो का सीजन खतम हो गया और काफी सारे स्टॉक्स कम हो गये थे ।
अनुज भी मेरी हैल्प कर रहा था ,हमने सामानो की पर्ची बनानी शुरु की ।

फिर फोन पे ही ओर्डेर दे दिया
क्योकि ज्यादा सामानो के लिए मुझे अब बडे शहर नही जाना होता था । ऑर्डर कर देने पर अगले ही दिन सारा सामान और बिल आ जाता ।
नेक्स डे पर मै बैंक से पेमेंट करवा देता था ।

दोपहर तक हमने पर्ची बनाई और फिर अनुज खाने के लिए घर निकल गया ।

अभी भी मै कुछ बचे खुचे समान पर नजरे मार रहा था कि मेरे मोबाइल की घंटी बजी । ये निशा ही थी ।


दुकान मे कोई ग्राहक था नही तो मै भी मस्ती मे

मै - और जानेमन क्या हाला है ,,,कहातक बात पहुची
निशा हस कर - बिस्तर तक हिहिहिही
मै चहक कर - कर लिया ,,लेकिन कब और कैसे? अभी तो दो ही दिन हुए ना बताये ???
निशा - अब क्या करती वो जो कहानी पढ रही थी मै । उसी ने मेरे जज्बातो को बहला दिया और मै खुद को रोक नही पाई

मै हस कर - तब कितने राउंड हुए कल हम्म्म्म
निशा - धत्त एक ही तो ,,उसका पहली बार था और पता है उसने अनुज से शर्त लगायी है कि वो उसके सामने मुझे .....हिहिहिहिही

मै निशा को छेड़ता हुआ - उंहू एक साथ दो दो हा ...। मजे ले रही हो जानेमन

निशा - धत्त मै नही ऐसा कुछ करने वाली ...।
मै - अरे कर लो ना जान,,ट्राई करने मे क्या है अब ऐसे अपने छोटे भाई का दिल दुखाना अच्छा नही है ।

निशा - ओहोहोहो और मेरा वो दुखेगा तो ,,राहुल का तो एक हिसाब से तुमसे छोटा था पता नही अनुज का कैसा होगा । नही बाबा नही एक साथ दो नही ।

मै हस कर - कोई बात नही जैसी तुम्हारी मर्जी ,,वैसे अब रातो मे तडपना नही पडेगा

निशा शर्मा कर - हा लेकिन तुम्हारी कमी वो नही पूरी कर सकता ना

मै - कोई नही कभी मौका लगा तो मै भी हाथ साफ कर ही लूंगा


मै निशा से बात कर ही रहा था कि मेरे मोबाइल पर मैसेज बिप हुआ , जो काजल भाभी का था । मै मुस्कराया और निशा से बाद मे बात करने का बोल कर जल्दी से WhatsApp खोला

काजल - hey good morning
मै - are dophar ho gayi hai bhaabhi 😁
काजल - 😄😄 Ha ji
काजल - achcha suno ek kaam tha
मै - Ha kahiye na bhaabhi
काजल - wo kal mera ek parcel aayega le loge kya
मै चहक कर - isbaar kya hai
काजल - Wo kapde hi hai aur kya
मै - lekin pichli baar box bada tha , kya tha usme ? 🤔
काजल - 😄 kapde hi the ji
मै - lekin mai us din us box par item details padha tha to
मै - usme koi complete gadgets set ke baare me likha tha .

काजल थोडा रुक कर रिप्लाई की ...

काजल - Nahi to , aisa kuch nahi tha ... aur tum mere samaano ki jaasusi karate ho kya
मै -😄 are nahi nahi wo box bada tha to aise hi man hua dekh lu .
काजल - hmmm
मै - lekin Jab maine uska Barcode scan kiya to 😁 saare aujaar dikhe mujhe jo ap magwayi thi

काजल ने मैसेज देखा और थोडा देर चुप रही ....
मै - aap tensn na lo . Mai kisi ko nahi kahunga , bas mere kuch sawaal hai
काजल - kya ??
मै - wo mai kal parcel leke aaunga to btaaunga abhi bye
काजल - ok bye


मै समझ गया कि काजल भाभी की फट चुकी है और उसकी धडकनें इस समय तेज होगी । वो तो इस समय ये सोच रही होगी कि मुझसे सामना कैसे करेगी और मेरे सवाल क्या होने वाले है ।

जारी रहेगी
बहुत ही शानदार और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada
Top