• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

THE WILD NEW YEAR PARTY में किस फैमिली का गैंगबैंग चाहते है आप ?

  • राज की फैमिली

  • अमन की फैमिली

  • निशा की फैमिली

  • रज्जो की फैमिली


Results are only viewable after voting.

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
8,819
25,343
219
रागिनी के अफसाने
UPDATE 30
G57-SAxa-EAEu-Kll

UPDATE IS POSTED ON PAGE NO. 1382
READ , LIKE & COMMENT
 
Last edited:

R_Raj

Engineering the Dream Life
175
640
109
💥 अध्याय 02 💥

UPDATE 030
रागिनी के अफसाने


चमनपुरा

घड़ी में 02 बजने को हो गए थे और रागिनी को गए भी करीब दो घंटे हो गए थे
अनुज दुकान में बहुत बेचैन हो रहा था कि राज भैया के साथ उसकी मां ने क्या बात की होगी ? उसके पेट में अजीब सी हड़बड़ाहट हो रही थी , उसपर से ग्राहकों की भीड़ भी थी ... अभी अभी कालेज स्कूल छूटा था तो लड़कियों की भीड़ एकदम से बाजार ने बढ़ जाती है , वही हाल था अनुज का भी

उन भीड़ में अनुज ने ध्यान ही नहीं दिया कि वहा उसकी क्लासमेट पूजा आई थी , बड़े बड़े रसीले नारियल वाली नहीं , छोटी मौसमियों वाली ।

: अनुज एक बॉडी लोशन देना ( उसने आवाज दी )
एकदम से लड़कियों की भीड़ से अनुज की नजर उसपर गई और वो मुस्कुरा रही थी , अनुज उसकी मुस्कुराहट का कारण जान रहा था ।
: कौन सी वैसलीन या पॉन्स
: अच्छी वाली दो ( पूजा ने उससे थोड़ा शर्मा कर कहा )

" अरे भाई पॉन्स वाली देदे , उससे स्किन बहुत मुलायम हो जाती है ", ये राहुल था जो लड़कियों की भीड़ से निकल कर उसके दुकान में आ गया था । वो भी कालेज से घर आ रहा था लेकिन अनुज को समझ नहीं आया कि राहुल का यूं एकदम से उसकी दुकान में आने का क्या कारण है ।

: ये लो ( राहुल ने पूजा को बॉडी लोशन की एक फाइल उठा कर दी )
: कितनी की है अनुज ( पूजा ने एकदम से राहुल को इग्नोर करके अनुज से पूछा , लेकिन उसकी आंखों के शरारत साफ झलक रही थी )
: लाओ प्रिंट देख कर मै बता देता हूं , भाई तू दूसरे लोगो को देख न ( राहुल ने पूजा के हाथ को छूते हुए उसके हाथ से वो बॉडी लोशन की फाइल लेकर उसका दाम बताया और पूजा ने उसकी ओर देखा । )
अनुज ने गौर किया दोनों कैसे एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे हैं लेकिन वो कुछ बोला नहीं
: अनुज मैने पैसे दे दिए है , ओके
: अरे किसको दी हो ये तो बताओ ( राहुल ने छेड़ा उसे और पूजा बिना कुछ कहे बस मुस्कुरा कर चली गई )
कुछ ही देर तूफान की तरह भीड़ निकल गई और रह गए दोनों भाई बस

अभी मम्मी के आने के इंतजार में अनुज का समय कट नहीं रहा था उसपर से राहुल आ गया , जिसको लेकर वो अपनी दीदी के शादी से ही चिढ़ा हुआ था ।
: सीईईई भाई कातिल चीज है न
: कौन ?
: वही तेरी क्लासमेट पूजा, उफ्फ लेगिंग्स में इसकी लंबी टांगे और वो जो चूतड़ों की चर्बी है न उफ्फफ
अनुज ने एकदम से इग्नोर किया उसे और काउंटर पर फैले समान सहेजने लगा।

: भाई कुछ कर न ( राहुल ने अनुज को पकड़ा )
: मै .. मै क्या करूं, तू बात कर !!
: अरे यार वो मुझे तंग करती है , बस नचाती है आगे पीछे , प्लीज न उसका मोबाइल नंबर दिला दे न भाई
: पागल है , मै कहा लाऊं यार
: भाई प्लीज न, अरे अपने वाली से बोल दे न उसके पास होगा , इतना नहीं करेगा मेरे लिए। यार तुझे अपनी सगी बहन दी चोदने के लिए फिर भी


" भोड़की का उसी वजह से तेरी सुनता हूं साले , निशा दीदी और शालिनी चाची की बात नहीं होती तो साले तुझे लात मार देता " , अनुज बस खुद से बड़बड़ाया

: भाई प्लीज न , अच्छा ये बता मम्मी को पेलेगा
अनुज ने आंखे बड़ी कर उसे देखा
: अरे मेरी मम्मी को ! बोल चोदेगा?
शालिनी चाची के बारे में सोच कर अनुज का लंड अकड़ गया लेकिन वो समझ रहा था कि अगर फिर से वो राहुल के ट्रैप में आया तो बुरा फसेगा पूजा के लिए।

: भाई भाई , बस उसका नंबर दे दे और कुछ नहीं करना है तुझे बस नंबर
राहुल जितना गिड़गिड़ा रहा था अनुज के लिए पूजा का नंबर निकलवाना बड़ी बात नहीं थी लेकिन रिश्क भी था
कुछ सोच कर आखिर उनसे कह दिया कि वो उसकी हेल्प करेगा , बात करेगा लाली से अगर वो राजी हो जाए तो लेकिन वक्त लगेगा एक दो दिन
: ठीक है भाई , लेकिन जल्दी हा , साला इस ठंडी में और बर्दाश्त नहीं होता , अब तो उसकी सील तोड़ कर ही चैन आयेगा ।

अनुज ने मुंह बना कर उसकी बात को इग्नोर किया और घड़ी देखी तो ढाई बजने वाले थे , लेकिन अभी तक उसकी मां नहीं लौटी थी तभी पायलों की खनक और रागिनी लहराती हुई दुकान में

: राहुल तू
: नमस्ते बड़ी मम्मी ( राहुल ने खुश होकर कहा)
: कहा रहता है आज कल , शादी के बाद तो रास्ता ही भूल गया
: अरे बड़ी मम्मी वो परीक्षा आ रही है तो पढ़ाई और ट्यूशन होते है
: हम्मम तू खुद पढ़ रहा है लेकिन इसको देख, दसवीं के बोर्ड है इसके इसको समझा ... सारा दिन इधर उधर की बातें ( रागिनी ने अनुज को छेड़ कर कहा और अनुज बस मुंह ताकता रहा )
जिस तरह से रागिनी खिल कर राहुल से बातें कर रही थी और राहुल की हवशी निगाहे कहा कहा टहल रही थी उसकी मां पर अनुज बखूबी समझ रहा था
: अभी कह रहा था , बड़ी मम्मी कि चल साथ में मिल कर मेरे घर पढ़ाई करते है मानता ही नहीं
: क्यों अनुज , क्यों नहीं जाता इसके साथ ?
अनुज समझ रहा था कि राहुल उसे किस काम के लिए अपने साथ मिलाना चाहता है और कौन सी पढ़ाई वो करेगा

: घर पर पढ़ता हूं न मम्मी ( अनुज ने उखड़ कर कहा )
: हा पता सारी रात क्या कौन सी पढ़ाई होती है तेरी ( रागिनी ने अनुज को छेड़ कर कहा )
राहुल चीजे समझ नहीं पाया लेकिन अनुज की क्लास लगते देख उसे मजा बहुत आ रहा था

: तो ? पास हो जायेगा न इस साल या पैसे देने पड़ेंगे तेरे पापा को फिर से ( रागिनी के राहुल को भी घेरा और उसे याद आया कि कैसे दसवीं के बोर्ड उसके नकल करके पास किए थे अच्छे खासे भौकाल की लंका लग गई )
रोला खतरे में जान कर राहुल ने घड़ी देखी और हड़बड़ा कर : अरे 3 बजने वाले है , मुझे लेट हो रहा है बड़ी मम्मी ट्यूशन जाना है ।

एकदम से फुर्र और रागिनी हसने लगी , वही अनुज का मन उखड़ा हुआ था
: अरे तुझे क्या हुआ
: क्या हुआ ? कहा थे आप इतनी देर तक
: बताया तो था कि ( रागिनी ने दुकान के बाहर का सन्नाटा देखा और हौले से अनुज से बोली ) राज के पास जा रही हूं
: हा तो क्या हुआ वहां? भैया क्या बोला ? क्या बात हु आपकी उससे ? बोलो न चुप क्यों हो ?
: अरे दादा शांत , बता रही हूं न
अनुज थोड़ी देर शांत रहा और रागिनी का मुंह देखने लगा

क्या ही बताती वो 3 दिन से अच्छे से चुदाई नहीं हुई थी , राज के पास पिलवाने गई थी तो कहानी गढ़ने में समय तो लगना था

: मम्मी बताओ न , क्या हुआ ?
: अरे कहा से शुरू करूं वो सोच रही हूं ( रागिनी ने एक गहरी सांस ली )
: कहा से मतलब ? सुबह मेरे कालेज जाने के बाद भी आप दोनों की बात हुई थी
: सुबह क्या , रात क्या ? ये पूछ कितने महीने से
: मतलब ? ( अनुज चौका )
: तू जितना समझ रहा था ये सब उससे कही ज्यादा उलझा हुआ है , पहले तिल का ताड़ हुआ था और तूने जिद करके आग और भड़का दी
: मतलब , तिल ताड़ आग ? साफ साफ बताओ न मम्मी
रागिनी एक गहरी सांस ली और अतीत की यादों से कुछ कहानियां निकालने लगी कुछ तोड़ती तो कुछ खुद से जोड़ती हुई
: ये सब शुरू हुआ जब हम दोनो राखी पर तेरे मामा के यहां गए थे प्रतापपुर
अनुज थोड़ा गंभीर होने लगा कुछ कल्पनाएं कुछ शंकाए उठने लगी , वो बड़े गौर से अपनी मां को सुनने लगा ।

: तुझे तो पता ही है तेरे नाना की हरकत , राज ने भी उन्हें देख लिया था अलग अलग औरतों के साथ । वो तो तेरे जितना छोटा था नहीं , बड़ा हो गया था तो ना जाने कहा से उसने जो सुबह बाथरूम ने किया उसकी आदत लग गई थी और तेरे नाना की हरकते को चोरी छिपे देख कर वही सब करने लगा । मैने पकड़ा उसको अगली रात बाउजी के कमरे के बाहर खिड़की से झांक रहा था । उसे तो जैसे किसी का डर ही नहीं हो ... बड़ा ही बेशर्म था ।
: फिर ? ( अनुज का लंड धीरे धीरे आकार ले रहा था )
: फिर उसके बाद मैने तो उससे बात करना ही बंद कर दिया था लेकिन जब घर आई तो... तेरे पापा
: पापा ? उन्होंने क्या किया ?
: अरे असल जड़ तो वही है ... न समय देखते है न जगह , दो दिन दूर क्या थी एकदम भूखे हो गए थे । खुले कमरे में ही पकड़ लिया और तेरा भैया उसने हमे देख लिया

: क्या करते हुए ( अनुज ने हलक से थूक गटक पूछा )
: मै तो नहाने जा रही थी लेकिन तेरे पापा ने पीछे से मुझे पकड़ लिया था और मेरे दूध ....
अनुज का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा पेंट में
: फिर ?
: फिर मै तो लाज से पानी पानी हो गई उस रोज , लेकिन वो पागल तांक झांक करने लगा और रात में जीने से उतर आता नीचे , तब मै और तेरे पापा यही पीछे वाले कमरे में ही सोते थे न ( रागिनी इशारे से दुकान के पीछे वाला कमरा दिखाया )
अनुज को अपनी मां की बातों में सच्चाई झलक रही थी और लंड भी ये सब यकीन करना चाहता था ।
: यही खिड़की ने रात में हमें देखता था , एक रात मुझे आहट हुई उसकी , वो दुष्ट यही खड़े खड़े ही हमे देख कर अपना हिला रहा था

अनुज का लंड अब तो पूरा टाइट हो गया
: फिर
: अगली रोज मैने खिड़की पर पर्दे लगा दिए लेकिन फायदा नहीं
: क्यों ?
: तेरे पापा !!
: अब क्या किया उन्होंने ? ( अनुज जिज्ञासु होकर बोला )
: मै उन्हें समझाया कि बच्चे बड़े हो रहे है तो थोड़ा ध्यान से करते है , लेकिन जब वो मूड में आते है तो ... क्या बोल जाते है उन्हें फर्क नहीं पड़ता और मुझे लगता है उस रात राज ने हमारी बाते सुन ली तबसे उसका मन और बढ़ गया ।।

: क.. क्या कहा था पापा ने ( छिप कर अनुज ने अपना सुपाड़ा मिज दिया )
: वो कहने लगे कि आजकल बच्चे समझदार है , सब जानते है कि उनके मम्मी पापा क्या करते है और अगर देख भी लिया तो क्या दिक्कत है आखिर ऐसे ही तो सब बच्चे सीखते है और उन्होंने भी ऐसे ही सिखा है ।
: मतलब पापा भी ?
: हा वो भी राज की तरह थे , खूब तांक झांक की है उन्होंने हीहीही
: फिर ... फिर क्या हुआ
: फिर क्या ? कभी नहाते हुए तो कभी सोते हुए जब उसे मौका मिलता देख लेता उसकी इतनी आदत खराब थी और एक तू ... उस रोज तो मैने तेरे सामने ही थी न तूने एक नजर नहीं देखा मुझे और वो घूर घूर कर देखता है मेरे दूध को
अनुज के मुंह में तो जैसे मलाई घुलने लगी थी मम्मी के रसीले मम्में को सोच कर
: फिर ?
: सच कहूं तो तंग आ गई थी , ऐसा नहीं था कि उसके संस्कार खराब थे या वो कोई काम नहीं करता था । तू तो उसे जानता है कितना जिम्मेदार है बस यही आदत से मै परेशान थी और फिर मैने रज्जो दीदी से इस बारे में बात की
: क्या मौसी से ?
: हा , क्या करती, तेरे पापा से भी तो नहीं कह सकती थी
: फिर वो क्या बोली ?
: मैने उन्हें राज के बारे बताया तो कहने लगी कि ऐसा उनके साथ भी हुआ है , रमन की हरकते भी ऐसी ही थी ।
: क्या रमन भैया भी ?
: हा अब उन्होंने तो यही कहा था , फिर मैने उनसे कहा कि इसका कोई इलाज बताओ तो कहने लगी उसे थोड़ी छूट दे ... रिश्ता थोड़ा दोस्ताना रख । उसको समझ , वो बड़ा हो रहा है और कुछ साल की बात है शादी हो जाएगी तो खुद ही सुधर जाएगा

: फिर ?
: फिर क्या ... मैने उसको समझाना चाहा पहले तो बात मान लेना लेकिन फिर से वही सब हरकते । डांट लगाती तो कहता कि उसे इनसब की आदत हो गई है , वो मुझे पसंद करता है , जब उससे खुल कर इनसब पर बाते करने लगी तो उसका तो उसकी मनमानी और बढ़ने लगी । जब मन होता उसका पीछे से हग कर लेता ... जानबूझ कर कोचता मुझे
: क्या कोचता?
: पागल है क्या , क्या है उसके पास बड़ा सा, वही मेरे पीछे टाइट कर खड़ा होके सटा देता था ।
: ओह्ह्ह ( अनुज का लंड पंप हो रहा था ये सोच कर कि उसका भइया कितना आगे है , एक वो है जो बस संकोच करता रहा और उसका भइया हिम्मत दिखा कर मम्मी से कितनी मस्ती कर गया )
: नहीं कुछ कर पाया तो सोनल की शादी के पहले गर्मी के बहाने के हमारे कमरे में आ कर सोने लगा और तेरे पापा !!
: अब क्या किया ?
: वही जो उन्हें रोज करना होता है , उन्हें लगता था कि उनका बेटा सो रहा है और वो शुरू हो जाते , मानने पर भी नहीं रुकते
: तो क्या पापा आपको राज भैया के सामने ही ( अनुज उस कल्पना से सिहर उठा था और अब तो उसे मानो राज से जलन सी होने लगी थी , इतना सब करने के बाद भी राज ने एक शब्द नहीं कहा इस बारे में उससे )
: हम्म्म, मना करने पर भी नहीं रुकते थे । कितनी रातें उसने मेरे सामने मुझे वैसे देखा , बदमाश कही का उसे जरा भी शर्म नहीं आती थी और तो और अपना वो भी निकाल कर हिलाता , उसे तो अपने पापा का डर नहीं था
: तो क्या पापा ने नहीं देखा ।
: देखा था एक बार
: फिर ? ( अनुज की धड़कने तेज होने लगी )
: वो सोने का नाटक कर रहा था लेकिन अंडरवियर में उसका खड़ा था और तेरे पापा की नजर गई तो मुझे भी दिखाने लगे और कहने लगे कि जरूर उनका बेटा किसी अफसरा के सपनो में खोया है , वो भी एकदम पागल थे हीही

रागिनी हसी लेकिन अनुज को हसी नहीं आई , उसके दिमाग वो सब किस्से छवियों का रूप लेने लगी थी जो अब तक रागिनी उसे बता रही थी
: फिर क्या हुआ ?
: अगली रात फिर तेरे पापा की नजर पड़ी और वो कहा अपने लाडले को परेशान देख पाएंगे
: मतलब ?
: मतलब कि उन्हें राज की बेचैनी देखी भी गई, भले ही वो सपने में खोया हुआ था लेकिन उसका खड़ा हुआ देख कर तेरे पापा को तरस आ रहा था उसपर हीही
: क्या ?
: हा रे, आगे पता है क्या कहा उन्होंने ?
: क्या ( अनुज थूक गटक कर बोला और नीचे उसका लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था )
: सोनल की मां जरा उसका बाहर निकाल दो , दर्द हो रहा होगा , थोड़ा हवा लगेगा तो आराम से सो पाएगा मेरा बेटा..... हीहीही , अब तू बता इसका कोई तर्क था लेकिन मुझे करना ही पड़ा और जान रही थी कि वो जाग रहा है लेकिन तेरे पापा से नहीं कह सकती थी न
: फिर
: फिर हीहीही फिर तो उसे जो थोड़ा बहुत छू कर सहला कर चैन मिलता था अब वो भी मिलना बंद हो गया , जबतक तेरे पापा अपना काम खत्म नहीं कर लेते उसको ऐसे ही तड़पना पड़ता
: उसके बाद ?
: जैसे ही तेरे पापा बाथरूम जाते तेजी से पकड़ कर मेरे सामने ही हिलाता और निकाल देता सब , न मेरा डर न अपने बाप का । पूरा बिगड़ गया था
: फिर आगे क्या हुआ ?
: फिर एक रोज तेरे पापा को दुकान पर काम ज्यादा था और वो उस रात थक गए थे , मेरा भी महीना अभी अभी खत्म हुआ था । मेरा मन था और तेरे पापा ने मना कर दिया और वो बदमाश वही सोया था अपना रोज की तरह टाइट कर
अनुज अब कुछ कल्पनाएं गढ़ने लगा था और उसकी सांसे चढ़ने लगी थी
: फिर ( उफनाती सांसों से अनुज बोला )
: मै उनसे लिपट रही थी और वो बहाने कर रहे थे और उनकी नजर राज पर गई , और उन्होंने कहा कि मै उसके ऊपर बैठ जाऊ
: क्या ? ( अनुज का दिल जोरो से धकधक होने लगा )
: हा ( रागिनी नजरे चुरा रही थी )
: तो क्या आप उस रात राज भैया से ?
: तेरे पापा की जिद , उन्हें मेरी कहा परवाह थी , उन्हें तो ज्यादा फिकर थी कि इसी बहाने उनके बेटे को सपने का सुख अच्छे से मिल पाएगा और मुझे करना पड़ा । तेरे पापा मुझे जबरन उसके ऊपर बिठाया और फिर जोश में आकर दुबारा से मेरे साथ किया ।
अनुज का लंड अब पूरा चरम पर था , एक टच और भलभला कर वो झड़ ही जाता
: फिर ?
: अगली सुबह शर्म से मै उससे नजर नहीं मिला पा रही थी और वो बेशर्मी पर उतर आया था पूरी । किचन में पीछे से आकर अपना निकाल कर चुभोता , हग करता और गंदी गंदी बातें करता । तेरे पापा की वजह से और बिगड़ गया वो और अगली रात फिर वही हुआ ... तेरे पापा ने फिर मुझे बिठाया उसके ऊपर और खुद बाथरूम चले गई इतने में मौका पाकर वो मुझे नीचे से उछालने लगा और ...

: अह्ह्ह्ह नहीं ओह्ह्ह्ह
: अरे क्या हुआ
: क कुछ नहीं मम्मी वो ... ( अनुज ने दोनों हाथों से अपना लंड पकड़ कर अपने सुपाड़े को उल्टी करने से रोकता रहा लेकिन अब तीर कमान से छूट चुका था और अनुज छिपाता हुआ तेजी से पीछे वाले कमरे ने भागा, उसके पीछे रागिनी भी


men-cumming-i-2955

: क्या हुआ अनुज दिखा मुझे ( रागिनी के उसका हाथ खींचा तो सामने देखा उसका पेंट वीर्य से सन कर गिला हो गया है
: हे भगवान तू भी ...मतलब तेरा भी आने लगा ?
: अह सॉरी मम्मी , वो आपकी बाते सुनकर हो गया मैने छुआ भी नहीं , कसम से
: निकाल उसको बाहर निकाल
अनुज थोड़ा शर्मा रहा था और उसने अपने पेंट अंडरवियर खींच कर अपना लंड निकाला, लाल पूरा तना हुआ खुद के वीर्य से सना हुआ , रागिनी समझ गई कि उसका बेटा भी अब बड़ा हो गया है ।


IMG-20251123-213500
: ओहो पूरा गिला कर दिया तूने , रुक मै तौलिया लाती हूं
रागिनी भागती हुई ऊपर गई और एक तौलिया जो आम तौर पर रखा होता था इस पुराने घर पर वो लेकर आई , वापस देखा तो अनुज थोड़ा हड़बड़ाया हुआ था , परेशान और लंड भी थोड़ा सुस्त मालूम हो रहा था ।

रागिनी को थोड़ी हंसी आई और दुकान में ग्राहक भी थे तो वो झट से तौलिया देकर चली गई ।
कुछ देर बाद वो ग्राहकों को निपटा कर वापस गई तो अनुज गुमसुम सा बैठा हुआ था तौलिया लपेटे, उसकी पेंट अंडरवियर सहित फर्श पर थी , उसकी हालत देख कर रागिनी को हसी आई

: तो घर कैसे चलेगा , ऐसे हीही
: मम्मी यार हंसों मत , कुछ करो न ( अनुज ने उखड़ कर कहा लेकिन रागिनी को मजा आ रहा था )
: रुक यही धूल कर डाल देती हूं और दुकान में देखना कोई ग्राहक आयेगा तो
: ऐसे ?
: हा ऐसे ही ( रागिनी ने उसको थोड़ा सा डाटा और निकल गई उसके कपड़े लेकर , छत पर धूल कर पंखे के नीचे डाल दिया )

फिर नीचे आई और देखा तो अनुज अभी भी कमरे में बैठा हुआ था , बस झांक कर दुकान देख रहा था और रागिनी की हंसी नहीं रुक रही थी ।

अनुज भी अपनी मां की मुस्कुराहट देख कर मुस्कुराने लगा और रागिनी उसके पास सरक कर बैठ गई

: पहली बार था ? ( रागिनी ने पूछा और अनुज के कान खड़े हो गए और लंड में सुरसुराहट होने लगी )
: बोल न ( रागिनी ने कंधे झटके )
: हा , नहीं ... मतलब इतना सारा तो पहली बार हुआ है
: हम्ममम और पहली बार कब हुआ था
: कल ! अनिता आंटी को देख कर ( अनुज ने भी बात बनाई ताकि रागिनी को लगे नहीं कि वो झूठ बोल रहा था )
: अच्छा तभी पेंट बदल कर आया था ( रागिनी ने मुस्कुरा कर उसे देखा और वो शर्मा गया ) पागल कही का , चल ठीक है अभी सुख जाएगा एक घंटे में तेरा पैंट
रागिनी उठने लगी कि अनुज बोल पड़ा: मम्मी !!
: हम्म्म क्या हुआ
: फिर आगे क्या हुआ ( अनुज ने हिचक कर पूछा लेकिन रागिनी का मुस्कुराता चेहरा देख कर मुस्कुराने लगा ) बताओ न प्लीज
: नहीं, फिर से तेरा निकल गया तो ?
: नहीं आएगा , ऐसे थोड़ी जल्दी जल्दी आता है
: तुझे बड़ा पता है , कहा से सीख रहा है तू , उम्मन कौन सिखा रहा है तुझे ?
: आप हीही
: पागल कही का
: प्लीज न मम्मी आगे बताओ न
: पक्का न नहीं निकालेगा
अनुज ने मुस्कुरा कर ना में सर हिलाया
: तो कहा तक थी मै ?
: पापा बाथरूम गए थे और भैया आपको नीचे से ..... ( अनुज का लंड हल्का सा फड़का )
रागिनी ने आंखों से उसे मुस्कुरा कर देखा
: उसके बाद तो उसने अपनी मनमानी कर ली थी और मै उस क्षण में थी कि रोक भी नहीं सकती थी , पता नहीं उस रात तेरे पापा को बाथरूम में इतना टाइम क्यों लगा , वो तो बाद में उन्होंने बताया कि वो छिप कर राज और मुझे देख रहे थे ।
: क्या सच में ? ( अनुज का लंड तौलिए में आकार लेने लगा फिर से )
: हा लेकिन उन्होंने कहा कि मै राज को इस बारे में न बताए ,
: फिर ?
: फिर उस रोज के बाद से मै उससे बचती रही हूं , याद है जब तेरे नाना आए थे तब भी मैने जानबूझ कर बाउजी को अपने कमरे में सुलाया था
: हा ( अनुज तो जैसे अपनी मां की गढ़ी कहानी में यकीन करना चाहता हो )
: फिर सब सोनल की शादी की तैयारियों में जुट गए और तब कही मुझे चैन मिला , लेकिन तेरी जिद की वजह से वो जो थोड़ा सुधर गया था फिर से आज बिगड़ गया
: सॉरी मम्मी
: तो क्या हुआ अपने भैया को समझाया आज
: मै क्या उसे समझाती उसने तो उल्टा मुझे ही बहका दिया
: बहका दिया मतलब ?
: अरे तू नहीं समझेगा , इतने दिनों में मुझे भी उसका टच करना, सताना अच्छा लगने लगा , गलत ही सही लेकिन उसका मेरे लिए ऐसे पागल होना अच्छा लगता । लेकिन है तो फिर भी मेरा बेटा ही उसे सही रास्ते पर लाना ही है न
: हा तो आज क्या किया भैया ने ( अनुज की दिलचस्पी मेन बात पर थी )
: वही उसका प्यार भरा हग जो पीछे से वो करता है , ऐसे कंधे पर यहा अपना चेहरा रख लेता है फिर गाल और कान के पास अपनी दाढ़ी से गुदगुदी करता है ( रागिनी इशारे से बताने लगी और अनुज कल्पनाएं गढ़ने लगा ) फिर पेट को सहलाता है ,मना करने पर भी नहीं मानता और जैसे तेरे पापा को ही देख देख कर सब सिखा हो, मेरी छाती पकड़ लेता है और उन्हें ऐसे दबाता है जैसे घुला घुला कर दशहरी आमों से रस निकालना है उसे
रागिनी की बातें सुनकर अनुज का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था अब
: फिर ?
: एक तो इतने दिन से तेरे पापा नहीं है और उसने ऐसे टच किया तो क्या होगा , मेरा भी मन नहीं है क्या ? कानो में फुसफुसा फुसफुसा कर ऐसी जगह छुआ कि मै बहक गई , उसको रोक ही नहीं पाई उसने मुझे जैसे अपने वश में कर लिया था , साड़ी खोलकर वही दुकान वाले केबिन में चौकी पर सुला दिया और
: और क्या ( अनुज का लंड और दिल दोनों थे से पंप हों रहे थे )
: इतनी बार उसने तेरे पापा को देखा था मेरे साथ वो सब करते हुए कि उसे जैसे मेरे रग रग की कमजोरी मालूम हो , कहा पकड़ना है कहा दबाना कहा चूमना है
: फिर ( अनुज मुंह पानी से भरने लगा )
: उसने नीचे मुंह लगा दिया , बहुत रोका लेकिन मना नहीं
: क्या वहा पर ( अनुज ने आंखों से अपनी मां के गोद में इशारा किया और रागिनी ने हा में सर हिलाया )
: हम्म्म और फिर मै खुद को सम्भाल ही नहीं पाई , जैसे चाहा उसने अपनी मनमानी की और फिर मुझे फुसला कर एक वादा ले लिया
: क्या ?
: यही कि आज रात वो मेरे साथ सोएगा अकेले
अनुज इसका मतलब समझ गया था और उसका लंड अब पूरी तरह तन कर तौलिए में उठ गया गया रॉड की तरह
: तो क्या आप जाओगे ?
: तू बता न क्या करूं ? इससे उसका मन और नही बढ़ जाएगा
: मै ... मै क्या बोलूं , आ आपको जो सही लगे ( अनुज की हालत खराब थी आने वाले रोमांच को सोच कर )
: तू तेरे पापा से नहीं कहेगा न ... ( रागिनी ने अनुज से उम्मीद जाहिर की और उसकी बोली ऐसी थी कि जैसे अंदर से वो यही चाहती हो ऐसा अनुज समझे )
: तो क्या आपका भी मन है ? ( अनुज का लंड एकदम टाइट होकर दर्द होने लगा था )
: अगर तू कहेगा तो नहीं जाऊंगी ( रागिनी ने मुंह बना कर कहा )
अनुज को भी थोड़ी सी उम्मीद नजर आने लगी थी राज के भरोसे और शायद यही एक तरीका था कि वो आगे बढ़ पाए
: लेकिन करोगे कहा ?
: तुझे उससे क्या ? ( रागिनी ने अनुज को सताया क्योंकि वो भी अनुज की बेताबी साफ साफ समझ रही थी )
: मतलब मुझे पढ़ना रहेगा न तो मै किस कमरे में रहूंगा , आप लोग तो एक कमरे में रहोगे न ?
: मतलब तुझे कोई दिक्कत नहीं है ?
: उन्हूं, बस आप मुझे बताना क्या क्या हुआ हीही ( अनुज अपना लंड खुजा कर बोला )
: वो क्या कर रहा है , फिर से बड़ा कर लिया न
: वो हो जाता है , मै नहीं करता हूं आपकी बात सुनकर हुआ है सच्ची में
: फिर से आयेगा क्या ?
: उन्हुं अभी नहीं ( अनुज थोड़ा मुस्कुरा कर बोला )
: पागल कही का
: मम्मी !!
: हा बोल
: क्या पहनोगे आज रात में?
: क्यों ? यही पहनी रहूंगी ...
: बदल लेना कुछ सुबह जैसे.. ( अनुज हिचक कर बोला )
: लेकिन तुझे क्या ... हम दोनो दूसरे कमरे में रहेंगे न और दरवाजा भी बंद रहेगा ( रागिनी ने अनुज को टटोला)
: क्यों ? बंद क्यों ( अनुज बोलते हुए रुक गया )
: तू देखेगा क्या ?
: हा , मतलब नहीं , सॉरी
: पागल कही का , लेकिन किसी से कहना मत और इसे रगड़ना मत
: क्या ?
: वही जो तूने खड़ा कर रखा है इसमें ( रागिनी ने मुस्कुरा कर कहा और अनुज उसे छिपाने लगा )
: नहीं तो , अब छोटा हो गया है
: दिखा जरा खोल के
अनुज थोड़ा शर्माने लगा
: अरे खोल न , जैसे मैने तेरा कभी देखा ही नहीं
अनुज खड़ा होकर तौलिया खोल दिया और उसका बड़ा मोटा लंड जो उसने पिछले साल भर से अपने भैया के कहने के बाद रोज रात में तेल लगा लगा कर मालिश करके बड़ा किया था वो रागिनी के सामने था


any-black-dick-lovers
: ये क्या है
: वो तो आप ऐसे कहोगे तो दिखाने को तो बड़ा नहीं होगा हीही
रागिनी बड़े गौर से अनुज के लंड पर उभरी हुई नशे देख रही थी कि कैसे एक बार इतना ज्यादा झड़ने के बाद भी उसका लंड की कसावट और तनाव में कोई कमी नहीं है

: मम्मी एक बात पूछूं?
: हा क्या बोल न ?
: आपने कभी भैया का चूसा है
रागिनी ने आंखे उठा कर देखा और मुस्कुराई
: बोलो न
: हा वो रज्जो दीदी ने कहा था कि राज हाथ से हिला कर उसका साइज खराब करे उससे अच्छा है कि तू उसका चूस दिया करे , रज्जो दीदी भी ऐसा ही करती थी रमन का । इससे कुछ दिन के लिए वो शांत हो जाता था लेकिन तेरा भैया तो सांड है , हर पल तैयार होता है हीही
: मम्मी इसको टच करो न
: क्या इसे ( वो अनुज के लंड को इशारा कर बोली )
: हम्ममम

रागिनी ने एक बार बाहर दुकान में देखा और अनुज का लंड पकड़ लिया और दोनों हाथों से सहलाने लगी


20220610-133637
: अह्ह्ह्ह मम्मी कितना सॉफ्ट है आपका हाथ उफ्फफ , मम्मी क्या मौसी भी रमन भैया से वो सब करवाती होंगी उम्मम
: क्या ?
: सेक्स
: पता नहीं बेटा ... कभी पूछा नहीं मैने ( रागिनी अनुज का लंड देखते हुए बस उसको सहला रही थी और अनुज सिसक रहा था )
: पूछना प्लीज
: क्यों जानना है तुझे
: बस ऐसे ही ओह्ह्ह सीई मम्मी
: क्या हुआ बेटा
: चूस दो न मेरा भी प्लीज , बस एक बार
रागिनी ने उसका लंड हाथ में थामे हुए आंखे उठा कर उसे देखा और मुस्कुराई
: किसी से कहेगा तो नहीं न
: उन्हूं नहीं मम्मी किसी से अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह कितना सॉफ्ट है आपका लिप्सी उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह मम्मीइई उम्ममम अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह


20220610-134112
रागिनी ने नीचे बैठ कर अनुज का सुपाड़ा मुंह में ले लिया और चूसने लगी
: उफ्फ मम्मी कितना अच्छा लग रहा है ओह्ह्ह्ह और डालो अन्दर उम्मम अह्ह्ह्ह्ह कितना रसीला लग रहा है गिला गिला सा उफ्फफ इतना अच्छा लगता है क्या इसमें ओह्ह्ह्ह उम्ममम तभी पापा आपको रोज करते है उम्ममम सीईईई कितना अच्छा कर रही हो ओह्ह्ह्ह और चूसो उम्मम मम्मी


porn-gifs-hot-blowjob
अनुज तो जैसे सातवें आसमान पर था और उसका लंड रागिनी मुंह में बहुत हौले हौले सहला सहला कर चूस रही थी और अनुज को नशा हो रहा था
: उम्मम मम्मी प्लीज मुझे भी रात में देखने दो न , प्लीज
: उम्ममम लेकिन मुझे शर्म आएगी न , तू देखेगा तो ( मुंह से लंड निकाल कर सहलाती हुई वो बोली)
: प्लीज न मम्मी , बस देखूंगा भैया कैसे करेगा ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई मम्मी और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह मम्मी आयेगा फिर से ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड निकालो बाहर आ सीई ओह मम्मीई ये क्या मुंह में ही ले रहे हो आप ओह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी मम्मी ओह्ह्ह्ह बहुत अच्छे हो आप सीईईई आह्ह्ह्ह लेलो मेरा भी पी जाओ उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह


porn-oral-porn-Sperm-porno-gif-1022448
अनुज रागिनी के मुंह में ही झड़ने लगा और रागिनी ने सरा रस निचोड़ लिया और अनुज हंसने लगा , और रागिनी ने भी मुंह साफ करने लगी

दो बार झड़ कर अनुज को सुस्ती सी होने लगी और वो वही लेट गया , नए सपने सजोने के लिए , वही रागिनी उठ कर अपना मुंह साफ कर दुकान के काम देखने लगी ।

जारी रहेगी
( अपडेट पोस्ट करने का समय नहीं मिल पाया थोड़ी व्यस्तता की वजह से उम्मीद करता हूं आज के अपडेट का इंतज़ार रसीला होगा , पढ़ कर लाइक कमेंट जरूर करें )

Nice Hot Update Bro
kya kahani sunayi hai ragni maa ne
seduction se bharpur hot update !
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

Smollan69

New Member
1
1
3
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada

KingKong333

New Member
11
35
13
💥 अध्याय 02 💥

UPDATE 030
रागिनी के अफसाने


चमनपुरा

घड़ी में 02 बजने को हो गए थे और रागिनी को गए भी करीब दो घंटे हो गए थे
अनुज दुकान में बहुत बेचैन हो रहा था कि राज भैया के साथ उसकी मां ने क्या बात की होगी ? उसके पेट में अजीब सी हड़बड़ाहट हो रही थी , उसपर से ग्राहकों की भीड़ भी थी ... अभी अभी कालेज स्कूल छूटा था तो लड़कियों की भीड़ एकदम से बाजार ने बढ़ जाती है , वही हाल था अनुज का भी

उन भीड़ में अनुज ने ध्यान ही नहीं दिया कि वहा उसकी क्लासमेट पूजा आई थी , बड़े बड़े रसीले नारियल वाली नहीं , छोटी मौसमियों वाली ।

: अनुज एक बॉडी लोशन देना ( उसने आवाज दी )
एकदम से लड़कियों की भीड़ से अनुज की नजर उसपर गई और वो मुस्कुरा रही थी , अनुज उसकी मुस्कुराहट का कारण जान रहा था ।
: कौन सी वैसलीन या पॉन्स
: अच्छी वाली दो ( पूजा ने उससे थोड़ा शर्मा कर कहा )

" अरे भाई पॉन्स वाली देदे , उससे स्किन बहुत मुलायम हो जाती है ", ये राहुल था जो लड़कियों की भीड़ से निकल कर उसके दुकान में आ गया था । वो भी कालेज से घर आ रहा था लेकिन अनुज को समझ नहीं आया कि राहुल का यूं एकदम से उसकी दुकान में आने का क्या कारण है ।

: ये लो ( राहुल ने पूजा को बॉडी लोशन की एक फाइल उठा कर दी )
: कितनी की है अनुज ( पूजा ने एकदम से राहुल को इग्नोर करके अनुज से पूछा , लेकिन उसकी आंखों के शरारत साफ झलक रही थी )
: लाओ प्रिंट देख कर मै बता देता हूं , भाई तू दूसरे लोगो को देख न ( राहुल ने पूजा के हाथ को छूते हुए उसके हाथ से वो बॉडी लोशन की फाइल लेकर उसका दाम बताया और पूजा ने उसकी ओर देखा । )
अनुज ने गौर किया दोनों कैसे एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे हैं लेकिन वो कुछ बोला नहीं
: अनुज मैने पैसे दे दिए है , ओके
: अरे किसको दी हो ये तो बताओ ( राहुल ने छेड़ा उसे और पूजा बिना कुछ कहे बस मुस्कुरा कर चली गई )
कुछ ही देर तूफान की तरह भीड़ निकल गई और रह गए दोनों भाई बस

अभी मम्मी के आने के इंतजार में अनुज का समय कट नहीं रहा था उसपर से राहुल आ गया , जिसको लेकर वो अपनी दीदी के शादी से ही चिढ़ा हुआ था ।
: सीईईई भाई कातिल चीज है न
: कौन ?
: वही तेरी क्लासमेट पूजा, उफ्फ लेगिंग्स में इसकी लंबी टांगे और वो जो चूतड़ों की चर्बी है न उफ्फफ
अनुज ने एकदम से इग्नोर किया उसे और काउंटर पर फैले समान सहेजने लगा।

: भाई कुछ कर न ( राहुल ने अनुज को पकड़ा )
: मै .. मै क्या करूं, तू बात कर !!
: अरे यार वो मुझे तंग करती है , बस नचाती है आगे पीछे , प्लीज न उसका मोबाइल नंबर दिला दे न भाई
: पागल है , मै कहा लाऊं यार
: भाई प्लीज न, अरे अपने वाली से बोल दे न उसके पास होगा , इतना नहीं करेगा मेरे लिए। यार तुझे अपनी सगी बहन दी चोदने के लिए फिर भी


" भोड़की का उसी वजह से तेरी सुनता हूं साले , निशा दीदी और शालिनी चाची की बात नहीं होती तो साले तुझे लात मार देता " , अनुज बस खुद से बड़बड़ाया

: भाई प्लीज न , अच्छा ये बता मम्मी को पेलेगा
अनुज ने आंखे बड़ी कर उसे देखा
: अरे मेरी मम्मी को ! बोल चोदेगा?
शालिनी चाची के बारे में सोच कर अनुज का लंड अकड़ गया लेकिन वो समझ रहा था कि अगर फिर से वो राहुल के ट्रैप में आया तो बुरा फसेगा पूजा के लिए।

: भाई भाई , बस उसका नंबर दे दे और कुछ नहीं करना है तुझे बस नंबर
राहुल जितना गिड़गिड़ा रहा था अनुज के लिए पूजा का नंबर निकलवाना बड़ी बात नहीं थी लेकिन रिश्क भी था
कुछ सोच कर आखिर उनसे कह दिया कि वो उसकी हेल्प करेगा , बात करेगा लाली से अगर वो राजी हो जाए तो लेकिन वक्त लगेगा एक दो दिन
: ठीक है भाई , लेकिन जल्दी हा , साला इस ठंडी में और बर्दाश्त नहीं होता , अब तो उसकी सील तोड़ कर ही चैन आयेगा ।

अनुज ने मुंह बना कर उसकी बात को इग्नोर किया और घड़ी देखी तो ढाई बजने वाले थे , लेकिन अभी तक उसकी मां नहीं लौटी थी तभी पायलों की खनक और रागिनी लहराती हुई दुकान में

: राहुल तू
: नमस्ते बड़ी मम्मी ( राहुल ने खुश होकर कहा)
: कहा रहता है आज कल , शादी के बाद तो रास्ता ही भूल गया
: अरे बड़ी मम्मी वो परीक्षा आ रही है तो पढ़ाई और ट्यूशन होते है
: हम्मम तू खुद पढ़ रहा है लेकिन इसको देख, दसवीं के बोर्ड है इसके इसको समझा ... सारा दिन इधर उधर की बातें ( रागिनी ने अनुज को छेड़ कर कहा और अनुज बस मुंह ताकता रहा )
जिस तरह से रागिनी खिल कर राहुल से बातें कर रही थी और राहुल की हवशी निगाहे कहा कहा टहल रही थी उसकी मां पर अनुज बखूबी समझ रहा था
: अभी कह रहा था , बड़ी मम्मी कि चल साथ में मिल कर मेरे घर पढ़ाई करते है मानता ही नहीं
: क्यों अनुज , क्यों नहीं जाता इसके साथ ?
अनुज समझ रहा था कि राहुल उसे किस काम के लिए अपने साथ मिलाना चाहता है और कौन सी पढ़ाई वो करेगा

: घर पर पढ़ता हूं न मम्मी ( अनुज ने उखड़ कर कहा )
: हा पता सारी रात क्या कौन सी पढ़ाई होती है तेरी ( रागिनी ने अनुज को छेड़ कर कहा )
राहुल चीजे समझ नहीं पाया लेकिन अनुज की क्लास लगते देख उसे मजा बहुत आ रहा था

: तो ? पास हो जायेगा न इस साल या पैसे देने पड़ेंगे तेरे पापा को फिर से ( रागिनी के राहुल को भी घेरा और उसे याद आया कि कैसे दसवीं के बोर्ड उसके नकल करके पास किए थे अच्छे खासे भौकाल की लंका लग गई )
रोला खतरे में जान कर राहुल ने घड़ी देखी और हड़बड़ा कर : अरे 3 बजने वाले है , मुझे लेट हो रहा है बड़ी मम्मी ट्यूशन जाना है ।

एकदम से फुर्र और रागिनी हसने लगी , वही अनुज का मन उखड़ा हुआ था
: अरे तुझे क्या हुआ
: क्या हुआ ? कहा थे आप इतनी देर तक
: बताया तो था कि ( रागिनी ने दुकान के बाहर का सन्नाटा देखा और हौले से अनुज से बोली ) राज के पास जा रही हूं
: हा तो क्या हुआ वहां? भैया क्या बोला ? क्या बात हु आपकी उससे ? बोलो न चुप क्यों हो ?
: अरे दादा शांत , बता रही हूं न
अनुज थोड़ी देर शांत रहा और रागिनी का मुंह देखने लगा

क्या ही बताती वो 3 दिन से अच्छे से चुदाई नहीं हुई थी , राज के पास पिलवाने गई थी तो कहानी गढ़ने में समय तो लगना था

: मम्मी बताओ न , क्या हुआ ?
: अरे कहा से शुरू करूं वो सोच रही हूं ( रागिनी ने एक गहरी सांस ली )
: कहा से मतलब ? सुबह मेरे कालेज जाने के बाद भी आप दोनों की बात हुई थी
: सुबह क्या , रात क्या ? ये पूछ कितने महीने से
: मतलब ? ( अनुज चौका )
: तू जितना समझ रहा था ये सब उससे कही ज्यादा उलझा हुआ है , पहले तिल का ताड़ हुआ था और तूने जिद करके आग और भड़का दी
: मतलब , तिल ताड़ आग ? साफ साफ बताओ न मम्मी
रागिनी एक गहरी सांस ली और अतीत की यादों से कुछ कहानियां निकालने लगी कुछ तोड़ती तो कुछ खुद से जोड़ती हुई
: ये सब शुरू हुआ जब हम दोनो राखी पर तेरे मामा के यहां गए थे प्रतापपुर
अनुज थोड़ा गंभीर होने लगा कुछ कल्पनाएं कुछ शंकाए उठने लगी , वो बड़े गौर से अपनी मां को सुनने लगा ।

: तुझे तो पता ही है तेरे नाना की हरकत , राज ने भी उन्हें देख लिया था अलग अलग औरतों के साथ । वो तो तेरे जितना छोटा था नहीं , बड़ा हो गया था तो ना जाने कहा से उसने जो सुबह बाथरूम ने किया उसकी आदत लग गई थी और तेरे नाना की हरकते को चोरी छिपे देख कर वही सब करने लगा । मैने पकड़ा उसको अगली रात बाउजी के कमरे के बाहर खिड़की से झांक रहा था । उसे तो जैसे किसी का डर ही नहीं हो ... बड़ा ही बेशर्म था ।
: फिर ? ( अनुज का लंड धीरे धीरे आकार ले रहा था )
: फिर उसके बाद मैने तो उससे बात करना ही बंद कर दिया था लेकिन जब घर आई तो... तेरे पापा
: पापा ? उन्होंने क्या किया ?
: अरे असल जड़ तो वही है ... न समय देखते है न जगह , दो दिन दूर क्या थी एकदम भूखे हो गए थे । खुले कमरे में ही पकड़ लिया और तेरा भैया उसने हमे देख लिया

: क्या करते हुए ( अनुज ने हलक से थूक गटक पूछा )
: मै तो नहाने जा रही थी लेकिन तेरे पापा ने पीछे से मुझे पकड़ लिया था और मेरे दूध ....
अनुज का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा पेंट में
: फिर ?
: फिर मै तो लाज से पानी पानी हो गई उस रोज , लेकिन वो पागल तांक झांक करने लगा और रात में जीने से उतर आता नीचे , तब मै और तेरे पापा यही पीछे वाले कमरे में ही सोते थे न ( रागिनी इशारे से दुकान के पीछे वाला कमरा दिखाया )
अनुज को अपनी मां की बातों में सच्चाई झलक रही थी और लंड भी ये सब यकीन करना चाहता था ।
: यही खिड़की ने रात में हमें देखता था , एक रात मुझे आहट हुई उसकी , वो दुष्ट यही खड़े खड़े ही हमे देख कर अपना हिला रहा था

अनुज का लंड अब तो पूरा टाइट हो गया
: फिर
: अगली रोज मैने खिड़की पर पर्दे लगा दिए लेकिन फायदा नहीं
: क्यों ?
: तेरे पापा !!
: अब क्या किया उन्होंने ? ( अनुज जिज्ञासु होकर बोला )
: मै उन्हें समझाया कि बच्चे बड़े हो रहे है तो थोड़ा ध्यान से करते है , लेकिन जब वो मूड में आते है तो ... क्या बोल जाते है उन्हें फर्क नहीं पड़ता और मुझे लगता है उस रात राज ने हमारी बाते सुन ली तबसे उसका मन और बढ़ गया ।।

: क.. क्या कहा था पापा ने ( छिप कर अनुज ने अपना सुपाड़ा मिज दिया )
: वो कहने लगे कि आजकल बच्चे समझदार है , सब जानते है कि उनके मम्मी पापा क्या करते है और अगर देख भी लिया तो क्या दिक्कत है आखिर ऐसे ही तो सब बच्चे सीखते है और उन्होंने भी ऐसे ही सिखा है ।
: मतलब पापा भी ?
: हा वो भी राज की तरह थे , खूब तांक झांक की है उन्होंने हीहीही
: फिर ... फिर क्या हुआ
: फिर क्या ? कभी नहाते हुए तो कभी सोते हुए जब उसे मौका मिलता देख लेता उसकी इतनी आदत खराब थी और एक तू ... उस रोज तो मैने तेरे सामने ही थी न तूने एक नजर नहीं देखा मुझे और वो घूर घूर कर देखता है मेरे दूध को
अनुज के मुंह में तो जैसे मलाई घुलने लगी थी मम्मी के रसीले मम्में को सोच कर
: फिर ?
: सच कहूं तो तंग आ गई थी , ऐसा नहीं था कि उसके संस्कार खराब थे या वो कोई काम नहीं करता था । तू तो उसे जानता है कितना जिम्मेदार है बस यही आदत से मै परेशान थी और फिर मैने रज्जो दीदी से इस बारे में बात की
: क्या मौसी से ?
: हा , क्या करती, तेरे पापा से भी तो नहीं कह सकती थी
: फिर वो क्या बोली ?
: मैने उन्हें राज के बारे बताया तो कहने लगी कि ऐसा उनके साथ भी हुआ है , रमन की हरकते भी ऐसी ही थी ।
: क्या रमन भैया भी ?
: हा अब उन्होंने तो यही कहा था , फिर मैने उनसे कहा कि इसका कोई इलाज बताओ तो कहने लगी उसे थोड़ी छूट दे ... रिश्ता थोड़ा दोस्ताना रख । उसको समझ , वो बड़ा हो रहा है और कुछ साल की बात है शादी हो जाएगी तो खुद ही सुधर जाएगा

: फिर ?
: फिर क्या ... मैने उसको समझाना चाहा पहले तो बात मान लेना लेकिन फिर से वही सब हरकते । डांट लगाती तो कहता कि उसे इनसब की आदत हो गई है , वो मुझे पसंद करता है , जब उससे खुल कर इनसब पर बाते करने लगी तो उसका तो उसकी मनमानी और बढ़ने लगी । जब मन होता उसका पीछे से हग कर लेता ... जानबूझ कर कोचता मुझे
: क्या कोचता?
: पागल है क्या , क्या है उसके पास बड़ा सा, वही मेरे पीछे टाइट कर खड़ा होके सटा देता था ।
: ओह्ह्ह ( अनुज का लंड पंप हो रहा था ये सोच कर कि उसका भइया कितना आगे है , एक वो है जो बस संकोच करता रहा और उसका भइया हिम्मत दिखा कर मम्मी से कितनी मस्ती कर गया )
: नहीं कुछ कर पाया तो सोनल की शादी के पहले गर्मी के बहाने के हमारे कमरे में आ कर सोने लगा और तेरे पापा !!
: अब क्या किया ?
: वही जो उन्हें रोज करना होता है , उन्हें लगता था कि उनका बेटा सो रहा है और वो शुरू हो जाते , मानने पर भी नहीं रुकते
: तो क्या पापा आपको राज भैया के सामने ही ( अनुज उस कल्पना से सिहर उठा था और अब तो उसे मानो राज से जलन सी होने लगी थी , इतना सब करने के बाद भी राज ने एक शब्द नहीं कहा इस बारे में उससे )
: हम्म्म, मना करने पर भी नहीं रुकते थे । कितनी रातें उसने मेरे सामने मुझे वैसे देखा , बदमाश कही का उसे जरा भी शर्म नहीं आती थी और तो और अपना वो भी निकाल कर हिलाता , उसे तो अपने पापा का डर नहीं था
: तो क्या पापा ने नहीं देखा ।
: देखा था एक बार
: फिर ? ( अनुज की धड़कने तेज होने लगी )
: वो सोने का नाटक कर रहा था लेकिन अंडरवियर में उसका खड़ा था और तेरे पापा की नजर गई तो मुझे भी दिखाने लगे और कहने लगे कि जरूर उनका बेटा किसी अफसरा के सपनो में खोया है , वो भी एकदम पागल थे हीही

रागिनी हसी लेकिन अनुज को हसी नहीं आई , उसके दिमाग वो सब किस्से छवियों का रूप लेने लगी थी जो अब तक रागिनी उसे बता रही थी
: फिर क्या हुआ ?
: अगली रात फिर तेरे पापा की नजर पड़ी और वो कहा अपने लाडले को परेशान देख पाएंगे
: मतलब ?
: मतलब कि उन्हें राज की बेचैनी देखी भी गई, भले ही वो सपने में खोया हुआ था लेकिन उसका खड़ा हुआ देख कर तेरे पापा को तरस आ रहा था उसपर हीही
: क्या ?
: हा रे, आगे पता है क्या कहा उन्होंने ?
: क्या ( अनुज थूक गटक कर बोला और नीचे उसका लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था )
: सोनल की मां जरा उसका बाहर निकाल दो , दर्द हो रहा होगा , थोड़ा हवा लगेगा तो आराम से सो पाएगा मेरा बेटा..... हीहीही , अब तू बता इसका कोई तर्क था लेकिन मुझे करना ही पड़ा और जान रही थी कि वो जाग रहा है लेकिन तेरे पापा से नहीं कह सकती थी न
: फिर
: फिर हीहीही फिर तो उसे जो थोड़ा बहुत छू कर सहला कर चैन मिलता था अब वो भी मिलना बंद हो गया , जबतक तेरे पापा अपना काम खत्म नहीं कर लेते उसको ऐसे ही तड़पना पड़ता
: उसके बाद ?
: जैसे ही तेरे पापा बाथरूम जाते तेजी से पकड़ कर मेरे सामने ही हिलाता और निकाल देता सब , न मेरा डर न अपने बाप का । पूरा बिगड़ गया था
: फिर आगे क्या हुआ ?
: फिर एक रोज तेरे पापा को दुकान पर काम ज्यादा था और वो उस रात थक गए थे , मेरा भी महीना अभी अभी खत्म हुआ था । मेरा मन था और तेरे पापा ने मना कर दिया और वो बदमाश वही सोया था अपना रोज की तरह टाइट कर
अनुज अब कुछ कल्पनाएं गढ़ने लगा था और उसकी सांसे चढ़ने लगी थी
: फिर ( उफनाती सांसों से अनुज बोला )
: मै उनसे लिपट रही थी और वो बहाने कर रहे थे और उनकी नजर राज पर गई , और उन्होंने कहा कि मै उसके ऊपर बैठ जाऊ
: क्या ? ( अनुज का दिल जोरो से धकधक होने लगा )
: हा ( रागिनी नजरे चुरा रही थी )
: तो क्या आप उस रात राज भैया से ?
: तेरे पापा की जिद , उन्हें मेरी कहा परवाह थी , उन्हें तो ज्यादा फिकर थी कि इसी बहाने उनके बेटे को सपने का सुख अच्छे से मिल पाएगा और मुझे करना पड़ा । तेरे पापा मुझे जबरन उसके ऊपर बिठाया और फिर जोश में आकर दुबारा से मेरे साथ किया ।
अनुज का लंड अब पूरा चरम पर था , एक टच और भलभला कर वो झड़ ही जाता
: फिर ?
: अगली सुबह शर्म से मै उससे नजर नहीं मिला पा रही थी और वो बेशर्मी पर उतर आया था पूरी । किचन में पीछे से आकर अपना निकाल कर चुभोता , हग करता और गंदी गंदी बातें करता । तेरे पापा की वजह से और बिगड़ गया वो और अगली रात फिर वही हुआ ... तेरे पापा ने फिर मुझे बिठाया उसके ऊपर और खुद बाथरूम चले गई इतने में मौका पाकर वो मुझे नीचे से उछालने लगा और ...

: अह्ह्ह्ह नहीं ओह्ह्ह्ह
: अरे क्या हुआ
: क कुछ नहीं मम्मी वो ... ( अनुज ने दोनों हाथों से अपना लंड पकड़ कर अपने सुपाड़े को उल्टी करने से रोकता रहा लेकिन अब तीर कमान से छूट चुका था और अनुज छिपाता हुआ तेजी से पीछे वाले कमरे ने भागा, उसके पीछे रागिनी भी


men-cumming-i-2955

: क्या हुआ अनुज दिखा मुझे ( रागिनी के उसका हाथ खींचा तो सामने देखा उसका पेंट वीर्य से सन कर गिला हो गया है
: हे भगवान तू भी ...मतलब तेरा भी आने लगा ?
: अह सॉरी मम्मी , वो आपकी बाते सुनकर हो गया मैने छुआ भी नहीं , कसम से
: निकाल उसको बाहर निकाल
अनुज थोड़ा शर्मा रहा था और उसने अपने पेंट अंडरवियर खींच कर अपना लंड निकाला, लाल पूरा तना हुआ खुद के वीर्य से सना हुआ , रागिनी समझ गई कि उसका बेटा भी अब बड़ा हो गया है ।


IMG-20251123-213500
: ओहो पूरा गिला कर दिया तूने , रुक मै तौलिया लाती हूं
रागिनी भागती हुई ऊपर गई और एक तौलिया जो आम तौर पर रखा होता था इस पुराने घर पर वो लेकर आई , वापस देखा तो अनुज थोड़ा हड़बड़ाया हुआ था , परेशान और लंड भी थोड़ा सुस्त मालूम हो रहा था ।

रागिनी को थोड़ी हंसी आई और दुकान में ग्राहक भी थे तो वो झट से तौलिया देकर चली गई ।
कुछ देर बाद वो ग्राहकों को निपटा कर वापस गई तो अनुज गुमसुम सा बैठा हुआ था तौलिया लपेटे, उसकी पेंट अंडरवियर सहित फर्श पर थी , उसकी हालत देख कर रागिनी को हसी आई

: तो घर कैसे चलेगा , ऐसे हीही
: मम्मी यार हंसों मत , कुछ करो न ( अनुज ने उखड़ कर कहा लेकिन रागिनी को मजा आ रहा था )
: रुक यही धूल कर डाल देती हूं और दुकान में देखना कोई ग्राहक आयेगा तो
: ऐसे ?
: हा ऐसे ही ( रागिनी ने उसको थोड़ा सा डाटा और निकल गई उसके कपड़े लेकर , छत पर धूल कर पंखे के नीचे डाल दिया )

फिर नीचे आई और देखा तो अनुज अभी भी कमरे में बैठा हुआ था , बस झांक कर दुकान देख रहा था और रागिनी की हंसी नहीं रुक रही थी ।

अनुज भी अपनी मां की मुस्कुराहट देख कर मुस्कुराने लगा और रागिनी उसके पास सरक कर बैठ गई

: पहली बार था ? ( रागिनी ने पूछा और अनुज के कान खड़े हो गए और लंड में सुरसुराहट होने लगी )
: बोल न ( रागिनी ने कंधे झटके )
: हा , नहीं ... मतलब इतना सारा तो पहली बार हुआ है
: हम्ममम और पहली बार कब हुआ था
: कल ! अनिता आंटी को देख कर ( अनुज ने भी बात बनाई ताकि रागिनी को लगे नहीं कि वो झूठ बोल रहा था )
: अच्छा तभी पेंट बदल कर आया था ( रागिनी ने मुस्कुरा कर उसे देखा और वो शर्मा गया ) पागल कही का , चल ठीक है अभी सुख जाएगा एक घंटे में तेरा पैंट
रागिनी उठने लगी कि अनुज बोल पड़ा: मम्मी !!
: हम्म्म क्या हुआ
: फिर आगे क्या हुआ ( अनुज ने हिचक कर पूछा लेकिन रागिनी का मुस्कुराता चेहरा देख कर मुस्कुराने लगा ) बताओ न प्लीज
: नहीं, फिर से तेरा निकल गया तो ?
: नहीं आएगा , ऐसे थोड़ी जल्दी जल्दी आता है
: तुझे बड़ा पता है , कहा से सीख रहा है तू , उम्मन कौन सिखा रहा है तुझे ?
: आप हीही
: पागल कही का
: प्लीज न मम्मी आगे बताओ न
: पक्का न नहीं निकालेगा
अनुज ने मुस्कुरा कर ना में सर हिलाया
: तो कहा तक थी मै ?
: पापा बाथरूम गए थे और भैया आपको नीचे से ..... ( अनुज का लंड हल्का सा फड़का )
रागिनी ने आंखों से उसे मुस्कुरा कर देखा
: उसके बाद तो उसने अपनी मनमानी कर ली थी और मै उस क्षण में थी कि रोक भी नहीं सकती थी , पता नहीं उस रात तेरे पापा को बाथरूम में इतना टाइम क्यों लगा , वो तो बाद में उन्होंने बताया कि वो छिप कर राज और मुझे देख रहे थे ।
: क्या सच में ? ( अनुज का लंड तौलिए में आकार लेने लगा फिर से )
: हा लेकिन उन्होंने कहा कि मै राज को इस बारे में न बताए ,
: फिर ?
: फिर उस रोज के बाद से मै उससे बचती रही हूं , याद है जब तेरे नाना आए थे तब भी मैने जानबूझ कर बाउजी को अपने कमरे में सुलाया था
: हा ( अनुज तो जैसे अपनी मां की गढ़ी कहानी में यकीन करना चाहता हो )
: फिर सब सोनल की शादी की तैयारियों में जुट गए और तब कही मुझे चैन मिला , लेकिन तेरी जिद की वजह से वो जो थोड़ा सुधर गया था फिर से आज बिगड़ गया
: सॉरी मम्मी
: तो क्या हुआ अपने भैया को समझाया आज
: मै क्या उसे समझाती उसने तो उल्टा मुझे ही बहका दिया
: बहका दिया मतलब ?
: अरे तू नहीं समझेगा , इतने दिनों में मुझे भी उसका टच करना, सताना अच्छा लगने लगा , गलत ही सही लेकिन उसका मेरे लिए ऐसे पागल होना अच्छा लगता । लेकिन है तो फिर भी मेरा बेटा ही उसे सही रास्ते पर लाना ही है न
: हा तो आज क्या किया भैया ने ( अनुज की दिलचस्पी मेन बात पर थी )
: वही उसका प्यार भरा हग जो पीछे से वो करता है , ऐसे कंधे पर यहा अपना चेहरा रख लेता है फिर गाल और कान के पास अपनी दाढ़ी से गुदगुदी करता है ( रागिनी इशारे से बताने लगी और अनुज कल्पनाएं गढ़ने लगा ) फिर पेट को सहलाता है ,मना करने पर भी नहीं मानता और जैसे तेरे पापा को ही देख देख कर सब सिखा हो, मेरी छाती पकड़ लेता है और उन्हें ऐसे दबाता है जैसे घुला घुला कर दशहरी आमों से रस निकालना है उसे
रागिनी की बातें सुनकर अनुज का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था अब
: फिर ?
: एक तो इतने दिन से तेरे पापा नहीं है और उसने ऐसे टच किया तो क्या होगा , मेरा भी मन नहीं है क्या ? कानो में फुसफुसा फुसफुसा कर ऐसी जगह छुआ कि मै बहक गई , उसको रोक ही नहीं पाई उसने मुझे जैसे अपने वश में कर लिया था , साड़ी खोलकर वही दुकान वाले केबिन में चौकी पर सुला दिया और
: और क्या ( अनुज का लंड और दिल दोनों थे से पंप हों रहे थे )
: इतनी बार उसने तेरे पापा को देखा था मेरे साथ वो सब करते हुए कि उसे जैसे मेरे रग रग की कमजोरी मालूम हो , कहा पकड़ना है कहा दबाना कहा चूमना है
: फिर ( अनुज मुंह पानी से भरने लगा )
: उसने नीचे मुंह लगा दिया , बहुत रोका लेकिन मना नहीं
: क्या वहा पर ( अनुज ने आंखों से अपनी मां के गोद में इशारा किया और रागिनी ने हा में सर हिलाया )
: हम्म्म और फिर मै खुद को सम्भाल ही नहीं पाई , जैसे चाहा उसने अपनी मनमानी की और फिर मुझे फुसला कर एक वादा ले लिया
: क्या ?
: यही कि आज रात वो मेरे साथ सोएगा अकेले
अनुज इसका मतलब समझ गया था और उसका लंड अब पूरी तरह तन कर तौलिए में उठ गया गया रॉड की तरह
: तो क्या आप जाओगे ?
: तू बता न क्या करूं ? इससे उसका मन और नही बढ़ जाएगा
: मै ... मै क्या बोलूं , आ आपको जो सही लगे ( अनुज की हालत खराब थी आने वाले रोमांच को सोच कर )
: तू तेरे पापा से नहीं कहेगा न ... ( रागिनी ने अनुज से उम्मीद जाहिर की और उसकी बोली ऐसी थी कि जैसे अंदर से वो यही चाहती हो ऐसा अनुज समझे )
: तो क्या आपका भी मन है ? ( अनुज का लंड एकदम टाइट होकर दर्द होने लगा था )
: अगर तू कहेगा तो नहीं जाऊंगी ( रागिनी ने मुंह बना कर कहा )
अनुज को भी थोड़ी सी उम्मीद नजर आने लगी थी राज के भरोसे और शायद यही एक तरीका था कि वो आगे बढ़ पाए
: लेकिन करोगे कहा ?
: तुझे उससे क्या ? ( रागिनी ने अनुज को सताया क्योंकि वो भी अनुज की बेताबी साफ साफ समझ रही थी )
: मतलब मुझे पढ़ना रहेगा न तो मै किस कमरे में रहूंगा , आप लोग तो एक कमरे में रहोगे न ?
: मतलब तुझे कोई दिक्कत नहीं है ?
: उन्हूं, बस आप मुझे बताना क्या क्या हुआ हीही ( अनुज अपना लंड खुजा कर बोला )
: वो क्या कर रहा है , फिर से बड़ा कर लिया न
: वो हो जाता है , मै नहीं करता हूं आपकी बात सुनकर हुआ है सच्ची में
: फिर से आयेगा क्या ?
: उन्हुं अभी नहीं ( अनुज थोड़ा मुस्कुरा कर बोला )
: पागल कही का
: मम्मी !!
: हा बोल
: क्या पहनोगे आज रात में?
: क्यों ? यही पहनी रहूंगी ...
: बदल लेना कुछ सुबह जैसे.. ( अनुज हिचक कर बोला )
: लेकिन तुझे क्या ... हम दोनो दूसरे कमरे में रहेंगे न और दरवाजा भी बंद रहेगा ( रागिनी ने अनुज को टटोला)
: क्यों ? बंद क्यों ( अनुज बोलते हुए रुक गया )
: तू देखेगा क्या ?
: हा , मतलब नहीं , सॉरी
: पागल कही का , लेकिन किसी से कहना मत और इसे रगड़ना मत
: क्या ?
: वही जो तूने खड़ा कर रखा है इसमें ( रागिनी ने मुस्कुरा कर कहा और अनुज उसे छिपाने लगा )
: नहीं तो , अब छोटा हो गया है
: दिखा जरा खोल के
अनुज थोड़ा शर्माने लगा
: अरे खोल न , जैसे मैने तेरा कभी देखा ही नहीं
अनुज खड़ा होकर तौलिया खोल दिया और उसका बड़ा मोटा लंड जो उसने पिछले साल भर से अपने भैया के कहने के बाद रोज रात में तेल लगा लगा कर मालिश करके बड़ा किया था वो रागिनी के सामने था


any-black-dick-lovers
: ये क्या है
: वो तो आप ऐसे कहोगे तो दिखाने को तो बड़ा नहीं होगा हीही
रागिनी बड़े गौर से अनुज के लंड पर उभरी हुई नशे देख रही थी कि कैसे एक बार इतना ज्यादा झड़ने के बाद भी उसका लंड की कसावट और तनाव में कोई कमी नहीं है

: मम्मी एक बात पूछूं?
: हा क्या बोल न ?
: आपने कभी भैया का चूसा है
रागिनी ने आंखे उठा कर देखा और मुस्कुराई
: बोलो न
: हा वो रज्जो दीदी ने कहा था कि राज हाथ से हिला कर उसका साइज खराब करे उससे अच्छा है कि तू उसका चूस दिया करे , रज्जो दीदी भी ऐसा ही करती थी रमन का । इससे कुछ दिन के लिए वो शांत हो जाता था लेकिन तेरा भैया तो सांड है , हर पल तैयार होता है हीही
: मम्मी इसको टच करो न
: क्या इसे ( वो अनुज के लंड को इशारा कर बोली )
: हम्ममम

रागिनी ने एक बार बाहर दुकान में देखा और अनुज का लंड पकड़ लिया और दोनों हाथों से सहलाने लगी


20220610-133637
: अह्ह्ह्ह मम्मी कितना सॉफ्ट है आपका हाथ उफ्फफ , मम्मी क्या मौसी भी रमन भैया से वो सब करवाती होंगी उम्मम
: क्या ?
: सेक्स
: पता नहीं बेटा ... कभी पूछा नहीं मैने ( रागिनी अनुज का लंड देखते हुए बस उसको सहला रही थी और अनुज सिसक रहा था )
: पूछना प्लीज
: क्यों जानना है तुझे
: बस ऐसे ही ओह्ह्ह सीई मम्मी
: क्या हुआ बेटा
: चूस दो न मेरा भी प्लीज , बस एक बार
रागिनी ने उसका लंड हाथ में थामे हुए आंखे उठा कर उसे देखा और मुस्कुराई
: किसी से कहेगा तो नहीं न
: उन्हूं नहीं मम्मी किसी से अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह कितना सॉफ्ट है आपका लिप्सी उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह मम्मीइई उम्ममम अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह


20220610-134112
रागिनी ने नीचे बैठ कर अनुज का सुपाड़ा मुंह में ले लिया और चूसने लगी
: उफ्फ मम्मी कितना अच्छा लग रहा है ओह्ह्ह्ह और डालो अन्दर उम्मम अह्ह्ह्ह्ह कितना रसीला लग रहा है गिला गिला सा उफ्फफ इतना अच्छा लगता है क्या इसमें ओह्ह्ह्ह उम्ममम तभी पापा आपको रोज करते है उम्ममम सीईईई कितना अच्छा कर रही हो ओह्ह्ह्ह और चूसो उम्मम मम्मी


porn-gifs-hot-blowjob
अनुज तो जैसे सातवें आसमान पर था और उसका लंड रागिनी मुंह में बहुत हौले हौले सहला सहला कर चूस रही थी और अनुज को नशा हो रहा था
: उम्मम मम्मी प्लीज मुझे भी रात में देखने दो न , प्लीज
: उम्ममम लेकिन मुझे शर्म आएगी न , तू देखेगा तो ( मुंह से लंड निकाल कर सहलाती हुई वो बोली)
: प्लीज न मम्मी , बस देखूंगा भैया कैसे करेगा ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई मम्मी और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह मम्मी आयेगा फिर से ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड निकालो बाहर आ सीई ओह मम्मीई ये क्या मुंह में ही ले रहे हो आप ओह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी मम्मी ओह्ह्ह्ह बहुत अच्छे हो आप सीईईई आह्ह्ह्ह लेलो मेरा भी पी जाओ उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह


porn-oral-porn-Sperm-porno-gif-1022448
अनुज रागिनी के मुंह में ही झड़ने लगा और रागिनी ने सरा रस निचोड़ लिया और अनुज हंसने लगा , और रागिनी ने भी मुंह साफ करने लगी

दो बार झड़ कर अनुज को सुस्ती सी होने लगी और वो वही लेट गया , नए सपने सजोने के लिए , वही रागिनी उठ कर अपना मुंह साफ कर दुकान के काम देखने लगी ।

जारी रहेगी
( अपडेट पोस्ट करने का समय नहीं मिल पाया थोड़ी व्यस्तता की वजह से उम्मीद करता हूं आज के अपडेट का इंतज़ार रसीला होगा , पढ़ कर लाइक कमेंट जरूर करें )
Very very hot🔥🔥🔥
 
  • Like
Reactions: Raj Kumar Kannada
Top