UPDATE 85
मै एक योजना के तहत अपने कमरे मे गया और फिर वापस आकर पापा का दरवाजा खटखटाया
जिससे कमरे मे खुसफुसाहाट और हड़बड़ी की आवाजे आई और थोडी देर बाद
पापा - कौन है अन्दर आजाओ
मैने बडे आराम से दरवाजा खोला और कमरे मे गया जहा अभी भी ब्लाउज पेतिकोट मे थी और पापा सिर्फ़ अंडरवियर मे थे जिसमे उनका उभरा लण्ड दिख रहा था
पापा - अरे बेटा क्या हुआ तू सोया नही
मा भी चिन्ता के भाव मे - अरे बेटा क्या हुआ सब ठीक है ना
मै थोडा परेशान होने का नाटक करते हुए - मा वो मेरे कमरे का पंखा नही चल रहा है पता नही क्या हो गया है तो सो नही पा रहा हू
पापा बिस्तर से उठते हुए - ओह्हो , ठीक है , रुको मै देखता है बेटा
मा पापा को डांट कर - कहा जा रहे हो जी रात मे परेशान होने , कल सुबह किसी बिजली वाले को बुला कर दिखा देना । राम जाने क्या खराबी हो ,,,
पापा हस के - हिहिही ठीक है मालिकन जैसा आप कहो
मा - बेटा ऐसा कर तू भी हमारे साथ ही सो जा , आ
मै मा के जवाब से बहुत खुश हुआ वही पापा ने भी मुझे एक स्माइल दी
मा - उधर ख्स्को जी ,, आ बेटा इस बगल तू सो जा आ
फिर मैने दरवाजा बंद किया और मा के बाई तरफ जाकर सो गया , जबकि मा के दाई तरफ पापा थे ।
फिर पापा उठे और कमरे की लाईट बुझा कर नाइट बल्ब जला कर वापस बिस्तर पर आकर लेट गये ।
मा - क्या हुआ बेटा अभी शाम को सही था पंखा मैने देखा
मै - हा मै अभी थोडी देर पहले अचानक से बंद हो गया पता नही क्यू
पापा बात को समान्य रखने के भाव मे - अरे रागिनी कोई फ़्यूज़ उड़ा होगा ,,ये गर्मी मे अक्सर बिजली हाफ़ फुल होती है इसिलिए, चिन्ता ना करो सुबह मै देख लूंगा , सो जाओ बेटा तुम आराम से
कमरे का माहौल चुप्प था
इस वक़्त हम तीनो पिठ के बल उपर पंखे की तरफ देखते हुए सोये थे लेकिन नीद किसी को नही थी ।
हम तीनो आपस मे मिल के एक साथ मस्ती करना चाहते थे लेकिन एक अंजान सा छिपे रिश्ते की डोर ने हम सब को रोके हुआ था ।
एक तरफ जहा पापा मम्मी से मेरी बात कर चुके थे लेकिन फिर भी मेरे सामने वो इस बात की पहल करने से घबरा रहे थे कि मै और मा आपस मे क्या रियक्ट करेंगे । उनके मन मे था कि मा मेरे लिए पहल करे
वही मा भी पापा को बोल चुकी थी कि वो मेरे साथ संबंध बनाने को तैयार है लेकिन वो पापा के रहते मेरे साथ अगर कुछ करने मे हिचक मह्सूस हो रही थी और वो हम दोनो के पहले के बने रिश्ते को पापा के सामने जाहिर नही होने देना चाहती थी । इस लिए वो चाहती थी कि शुरुवात मै ही करू पापा के सामने
वही मै पापा के साथ खुला तो था ही लेकिन मै अब भी उन्के सामने खुल के सामने आने मे हिचक रहा था कि वो ये समझे की मुझे मा की प्रतिक्रिया का डर है और वैसे भी मै मा के साथ मेरे रिस्ते के बारे मे कोई भनक नही लगने देना चाहता था , इसलिए मै चाह रहा था कि पहल पापा ही करे ।
गजब की ट्रेजीडी थी हमारे बीच ।
मै इन्ही विचारो मे खोया ही था कि मा के कसमसाने की आहट आई और मैने हल्की आंखे तिरछी कर देखा तो पाया की पापा ने अब मा की तरफ करवट ले ली है और उनके हाथ मा के नंगे पेट पर रेंग रहा था । जिससे मा की सांसे तेज हो गयी थी ।
वही मा ने अपना दाहिना हाथ पापा के लण्ड पर रख कर सहला रही थी जिससे पापा की दबी हुई आहह सुनाई दे रही थी ।
मै तिरछी नज़र से ज्यादा समय तक नही देख सकता था इसिलिए
आंखे बंद कर सीधा लेट कर उनकी मादक सिस्कियो से उनके बिच हो रहे कामुक हरकतो का अंदाजा लगा रहा था ।
तभी मुझे स्मूचिंग होने और होठो के चूसने की मधुर आहट सुनाई दी और मैने एक बार फिर उनकी तरफ नजरे तिरछी कर देखा तो मा गरदन घुमा कर पापा के होठो से होठ जोड़े हुए थी और पापा मा के बाये चुचे को ब्लाउज के उपर से मसल रहे थे ।
मै पापा की मनोभावना को बखूबी समझ रहा था कि वो जान बुझ कर मेरी उपस्थिति मे ही मा के साथ कामलिला कर रहे है ताकी मै इस पर कोई टिप्पणी करू
वही मा पापा का साथ इस लिए दे रही थी क्योकि वो पापा से किये वादे से मजबुर थी और वो भी चाह रही थी कि मै खुद से उनके हरकतो पर पहल करू
मुझे हसी आ रही थी इनसब के ड्रामे को देख कर लेकिन कोई भी कहानी बिना ड्रामा के शुरु हो तो कैसे हो और मुझे ये कहानी लम्बी ले जानी थी ।
इसिलिए मै एक अन्ग्दाई ली जिससे वो दोनो झट से अलग हो गये और मुझे दिखाने लगे कि वो सो रहे है जबकि मै जान रहा था कि वो बस इनलोगो का नाटक है और वो ब्स मेरे बोलने का इन्तजार कर रहे है ।
इस लिए मै भी उन्के ड्रामे मे खुद को शामिल करते हुए बोला - पापा मैने आप लोगो को कही डिस्टर्ब तो नही किया ना ,,कहिये तो मै हाल मे चला जाऊ
बस मेरे सुरुवात की देर थी और पापा ने अपना नाटक शुरु किया
पापा थोडा हसने के भाव मे - अरे रे न न नही बेटा ऐसा कोई बात नही है , वो तो हम लोग बस
मा तुनक कर - मै बोल रही हू कबसे की रहने दिजीये बेटा सोया है यही लेकिन आप ना ,,जग गया ना वो अब हुउउह
मै ह्स कर मा की तरफ करवट लेते हुए - अरे मा आप पापा को क्यू डांट रही हो , आप लोग मेरी मम्मी पापा होने के साथ साथ एक पति पत्नी भी हो और मै आपकी भावनाये समझ सकता हू इसमे कोई बुराई नही है ,, हा मेरी गलती जरुर है मुझे हाल मे ही सो जाना चाहिए था
पापा - देखा रागिनी , कितना समझदार है हमारा बेटा और तुम फाल्तू का परेशान हो रही हो ।
मा हस कर - चुप रहिये आप हा नही तो
फिर हम सब हसने लगते है
पापा - बेटा सॉरी , अगर तुझे कूछ अजीब लगा हो तो
मै हस कर - ओह्हो पापा ऐसा कुछ नही है ,,और आप लोग चाहे तो फिर से कंटिन्यू कर सकते है , मै घूम जा रहा हू । हा लेकिन प्लीज ज्यादा शोर मत करना हिहिहिहिही
पापा मेरी बातो से हसते हुए - हाहहहा सुन रही हो रागिनी ये कह रहा है हम फिर से चालू कर सकते है तो क्या विचार है तुम्हारे
मा शर्म से पापा का हाथ अपने उपर से झटक कर उठी और बोली - आप सठिया गये है मा बाहर जा रही हू सोने हिहिही
फिर मा बाहर भागी और पीछे पीछे पापा उनको पकडने के लिए भागे ।
मै हस कर उठ के बिस्तर पे बैठ गया और थोडी देर तक उन लोगो के आने की राह देखी लेकिन ना उनकी कोई आहट थी ना आवाज
मै भी झट से बिस्तर से उतर कर धीरे धीरे कमरे से बाहर आया और हाल मे देखा तो कोई नही था और गेस्टरूम भी बाहर से ही बंद था । तभी मुझे मेन गैलरी से मा के खिलखिलाने की आवाज आई और मै दबे पास उसी तरफ गया और गलियारे मे झाका तो देखा कि गैलरी के दरवाजे के पास पापा मा को पीछे से दबोचे हुए और कस कस कर चुचिया मसल रहे है
हालाकी गैलरी मे कोई बलब नही जल रहा था लेकिन हाल मे जल रही लाईट की रोशनी की दमक वहा तक जा रही थी जिससे बहुत हल्का हल्का दिख रहा था ।
तभी पापा ने मा को दिवाल से लगा कर उनका ब्लाउज खोल दिया और झुक कर उनकी चुचिया चूसने लगे ।
मैने भी सही मौका देखा और जानबुझ कर नाटक करते हुए गैलरी की दीवाल पकड कर उनकी तरफ जाते हुए आवाज दी - माआआआ पापा कहा गये आप लोग दिख नही रहा है कुछ
इससे पहले वो लोग मेरी बात सुन कर मेरी बातो का जवाब देते या खुद को स्तर्क करते तब तक मै उनके पास पहुच गया और जानबुझ कर ये नाटक किया कि मै फिर से अनजाने मे उन लोगो को डिस्टर्ब कर दिया
मै - स स सॉरी सॉरी पापा
पापा हड़ब्ड़ी दिखते हुए - अरे बेटा तू यहा
मै जुबान को लडखडाकर पापा के सामने मा के खुले चुचे को निहारते हुए - वो वो वो मुझे लगा कि आ आ आप मा को लिवा के आओगे रूम मे ,,नही आये तो मै खोजते हुए आ गया
मा मुझे पापा के सामने अपनी चुचिया घुरता देख झट से ब्लाउज को चढा लेती है
मै उदास हो कर - सॉरी मम्मी पापा मुझे नही पता था कि आप लोग यहा कमरे के बाहर ऐसा कुछ करने जा रहे हो
मा मेरा उदास चेहरा देख के - ओफो बेटा कोई बात नही इसमे तेरी गलती नही है
पापा भी मा की बात मे हा मिला कर - अरे कोई बात नही होता है ऐसा ,,आओ चलो कमरे मे जाते है ।
फिर हम सब कमरे मे वापस आये और अपने अपने जगह पर लेट गये ।
मा ने अभी तक अपना ब्लाउज का दोनो सिरा पकदा हुआ था शायद पापा ने जोर जबरजस्ती मे उन्के ब्लाउज के बटन तोड़ दिये थे ।
मै मा की तरफ़ करवट लेके - सॉरी मा ,,,मुझे सच मे मे बुरा लग रहा है
फिर मा मुझे एक हाथ से दुलारते हुए बोली - कोई बात नही बेटा सो जाओ अब
मै मा के पेट पे हाथ रख उसके बाई तरफ की कन्धे के पास सर रख कर सोने लगा ।
मा हस दाये हाथ से ब्लाउज के सिरे को पकडे बाये हाथ से ही उल्टा कर मेरे गालो को छूने की कोशिश करती है लेकिन नही कर पाती
मै हस कर - क्या हुआ मा आप अपना ब्लाउज पकड़ी क्यू है हिहिही ऐसे ही सोवोगी क्या आप
मा ह्स कर - नही बेटा वो ब्लाउज के बटन टुट गये है तो बंद नही होगा ये
मै चौक के गरदन उठा कर - टूट गये लेकिन कब
मा हस कर एक नजर पापा की ओर देखती है जो मुस्कुरा रहे थे फिर मुझे देखते हुए - वो एक बच्चे ने दूध पिने की जिद मे फाड़ दिया हाहहहा
मै अंदाजा लगाने के भाव मे - मतलब मम्मी
मा हस कर - भक्क , जा अपने बाप से पुछ वही फाडे है हिहिही हा नही तो
मै मा की बात सुन कर हसने लगा और वापस उसी पोजिसन मे लेट गया
पापा सफाई देने के भाव - अब ब ब मैने जान बुझ कर थोडी किया
मा हस कर - हा हा आप जानबुझ कर कभी कुछ करते कहा हो
मै उनकी बाते सुन कर हस रहा था
मा तुनक कर - तू क्यू हस रहा है भाई
मै हस कर - वो मा आपने पापा को दूध पीने वाला बच्चा बोला ना तो हाहाह्हा
मा हस कर - हा नही तो इस उम्र मे भी अब दूध पियेंगे तो क्या कहूँगी हिहिहिही
पापा - अरे बेटा इस उम्र क्या दूध तो हर उम्र मे पीने का मजा आता है
मै ह्स कर - भक्क अब कहा इसमे दूध आता होगा ,,है ना मा
मा मेरी बात से ह्स रही थी
पापा - अरे बेटा इसमे दुध नही एक अलग ही मिठास होती है जो चुसने पर मिलती है
मै जिज्ञासु भाव मे - मतलब
पापा - रुक बताता हू बेटा
पापा मा से - जानू जरा ये ब्लाउज खोलना तो अपने बेटे को डेमो देना है
मा ह्स कर - धत्त आपको शर्म नही आ रही है कि अपने ही बेटे के सामने मुझे नंगा कर रहे है
पापा ह्स कर - नंगा थोडी कर रहा हू जानू ,,वो तो बस राज को दिखा रहा हू कि कितना मजा आता है इनको चूसने मे ,,वैसे भी वो इनको बहुत बार देख चूका है बचपन मे , क्यू राज
मै हस कर - हिहिहिही हा वो तो है
फिर पापा मा का हाथ हल्का सा जोर ल्गा कर उनका ब्लाउज खोल दिया और मा के चुचे दोनो तरफ फैल गये वही चुचो के खुलते ही मा की सांसे तेज हो गयी ।
मै एक तक मा के भारी चुचे को पापा के सामने देखने ल्गा ।
तभी पापा ने मेरे सामने मा की दाई चुची को पकड़ा और मेरी आँखो मे देखते हुए उस्का मोटा निप्प्ल मुह मे लेके चुसने लगे ,,जिससे मा सीसक पड़ी
फिर पापा ने मा की चुचि मुह से निकाल कर अपने मुह एक्थ्था लार को घोट कर बोले - बेटा तू भी पकड उसे और जैसे मै कर रहा हू कर
मै थूक गतकते हुए एक नजर मा को देखा वो आंखे बन्द किये पापा की तरफ गरदन घुमाये सिस्कते हुए तेज सांसे ले रही थी और वही पापा ने वापस मुह मे चूची को भर लिया
मै भी उठ कर बैठ गया और घुटनो के बल बैठ कर झूककर बडे धीरे धीरे काप्ते हाथो से मा के बाई चुची को निचे से थामा - हिहिही पापा ये तो भारी है और बहुत मुलायम भी ,,जैसे पानी से भरा गुब्बारा हिहिही
पापा - अब अपना मुह उस काले वाले घुंडी पर ल्गा और उसे चुस
मै एक नजर पापा को देख कर हामी भरा और मा को देखा जो पापा के आवाज सुन कर गरदन मेरी तरफ कर मुझे अपनी चुचियो की तरफ बढ़ते देख कर तेज सांसे ले रही थी
मै झुक कर मा की आँखो मे देख्ते हुए उन्के निप्प्ल को अपने होठो से टच किया जिस्से मा सिसिक उठी और मैने धीरे से पुरा निप्प्ल वाला हिस्सा मुह मे भर लिया
जिससे मा एक तेज आह्ह भरते हुए अपनी सीने को फूला कर अपने कन्धे उचका कर तडप उठी
और मैने बडे हौले से मा के चुचे को थामते हुए निप्प्ल पर अपने होठो को सिकोड़ कर उसे चुस्ते हुए मुह के अंदर निप्प्ल की घुंडी पर जिभ घुमाने लगा और वही पापा उम्म्ं उम्म्ं कर मा के दाई चुची को गार गार कर हवसी ढग से चुस रहे थे ।
नतिजन मा अपने पाव की नशो को फैलाने लगी और सिहरन भरे आह लेते हुए अपनी कमर को झटकने लगी
इधर काफी देर तक मै और पापा मिल कर मा की चुचिया चुस्ते रहे और मा हमारे सर पर हाथ फिरा कर उत्तेजना मे सिहरती रही और अपनी गाड़ उचकाती रही
मा - ओह्ह्ह राज के पापा उम्म्ंम आराम से उम्म
मै मुह से मा चुची निकाल कर - क्या हुआ मा दर्द हो रहा है क्या
मा सिस्क कर - सीई उम्म्ं तेरे वजह से न्हीईई आह्ह उम्म्ंम ये तेरे पापा अह्ह्ह उम्म्ंम आह्ह
मैने नजर पापा की तरफ की तो देखा पापा मा की चुची को ज्यदा से ज्यादा मुह मे भर रहे थे और उन्के दाँत मा के मक्खन से मुलायम चुचो के त्वचा मे गड़े हुए थे ।
मा - ओह राज के पापा उम्म बस करिये ऊहह उम्म्ं आह्ह मा उम्म्ं
पापा ने फिर मा को छोडा और हसने लगे ।
मा ह्स कर - क्या जी आप तो लग रहा था कि काट ही लेंगे मेरा
पापा वापस से हथेली को मा के निप्प्ल पर फिराते हुए मा के होठो को चुस्ते हुए बोले - जानू मेरा बस चले तो इनको खा ही जाऊ
मा शर्मा कर पापा को अपने उपर से हटाते हुए - हटीए अब , शर्म नही आती है जवान बेटे के सामने बीवी के दूध पीने मे लगे है
मा की बातो से हम सब हसने लगे
फिर मै वापस मा की तरफ करवट लेके लेट गया और पापा भी करवत लेके मा के पेट पर हाथ रख लेट गये । फिर हम दोनो की आंखे मिली तो मुझे शर्म आने लगी तो मै मुस्कुरा दिया और मा के कांख मे सर छिपा लिया ।
थोडी देर शान्ति रही और तभी मुझे पापा मा की कान मे फुसफुसा कर बोले जिसका जवाब मा ने तेज आवाज मे दिया
मा - नही !!! पागल हो गये क्या आप
पापा मा के पेट को सहलाते हुए - प्लीज ना रागिनी प्लीज मान जाओ ना
जारी रहेगी ...