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Rat kyes boss
Tumhare intzaar me baar baar website check karni pad Rahi hai
Superb update tha dost... JUNGILAL....... WAITING MOREUPDATE 136
पिछले अपडेट मे आपने पढा एक ओर जहा राज ने अपनी चाची की जबरजस्त तरीके से दुकान मे ही गाड़ ठुकाई की जिससे जन्गीलाल की रात खराब हो गयी ।
वही राज ने काजल भाभी के साथ लगातार संपर्क बनाने की कोसिस मे है । अनुज और राहुल की अलग ही योजना चल रही है । देखते क्या होता है आगे ।
लेखक की जुबानी
पूरी रात जंगीलाल को नीद नही आयी , मगर सुबह की बेला आते आते कैसे करके वो सो गया था ।
कुछ समय बाद सुबह हुई और रोज की तरह पहले शालिनी उठी । उसने अपने कूल्हो मे थोडा दर्द मह्सूस किया और उसे कल रात मे राज के साथ वो चुदाई याद आई ।
शालिनी मुस्कुरा कर मन मे - पहली बार कोई मर्द मिला है जिसने ऐसा चोदा की अब तक दर्द है ।
फिर वो नहा धो कर पूजापाठ करके निशा को जगा देती है और किचन मे काम करने चली जाती है ।
निशा उठकर फ्रेश होकर नहाने चली जाती है और आज वो अपनी ब्रा पैंटी बाहर के बजाय अंदर बाथरूम मे ही डाल देती है क्योकि कल जैसा उसकी मा ने उसे डाटा था तो वो बात दुहराना नही चाहती है । नहाने के बाद से वो ब्रा की जगह नयी फुल टेप डाल लेती है और फिर टीशर्ट । जिससे उसके चुचे ज्यादा हिलते भी नही और गर्मी मे राहत भी थी ।
नहाने के बाद निशा किचन मे आती है और काम बटाने लगती है । इधर राहुल भी नहा धोकर दुकान खोलने चला जाता है ।
जन्गीलाल जोकि रात मे देर से सोया था तो करीब 8 बजे तक उसकी आंख खुलती है ।
वो भी अपने कपडे लेके उपर जाता है और पहले पाखाने से निपट कर नहाने जाता है तो उसकी नजर बाथरूम के हैंगर पर लटकी उसकी बेटी की ब्रा और पैंटी पर जाती है ।
उसे देखते ही जंगीलाल के जहन मे परसो रात की वो बात याद आती है जब शालिनी उसे बताया था कि निशा के पास एक ही ब्रा है ।
जन्गीलाल मन मे - तो आज भी निशा बिटिया बिना ब्रा के होगी । क्या सच मे उस्के स्तन इतने बडे है कि उसके निप्प्ल बाहर से दिखते है ,,,,,छीईईई ये मै क्या सोच रहा हू नही ये गलत है ।
फिर जन्गीलाल ने वहा से नजर फेर कर नहा लिया । नहाने के बाद उसने अपना जांघिया निचोड कर बाहर आने को हुआ कि फिर से उसकी नजर निशा के ब्रा पैंटी पर गयी ।
वो बिना कुछ सोचे वहा से बाहर आ गया और निचे चला गया ।
पुरा दिन आज वो परेशान रहा । लण्ड की अकड़न आज हर औरत की भरी हुई छाती और गुदाज नंगी कमर देख कर बढ जाती थी ।
दोपहर तक वो दुकान मे व्यस्त रहा और जब खाना खाने के लिए अन्दर गया तो उसकी निगाहे अनायास ही निशा के टीशर्ट पर जमी थी ।
वो नजरे घुमा फिरा कर स्टाल के निचे उसके टीशर्ट मे उभरे उसके निप्प्ल को देखना चाहता था ।
किचन मे गरमा गरम रोटीया सेक रही निशा कभी कभी साइड से घूमती तो उसके दुध के उभार टीशर्ट मे कसे हुए जन्गिलाल को दिख जाते और उसका लण्ड तन जाता ।
जंगीलाल मन मे - क्या सच मे किसी ने मेरी लाडो के दूध दबाए होगे । क्या वो चुदी भी होगी किसी से । इसके कुल्हे तो इतने नही उभरे जीतने चुदाई करवाने वाली लड़कीयो के निकले होते है । लेकिन क्या पता इसके गोल म्टोल देह के कारण ऐसा मुझे लग रहा हो ।
जंगीलाल खुद को तसल्ली देता हुआ मन मे बड़बड़ाया - हा ऐसा ही होगा ,,मेरी लाडो अपनी मर्यादा नही लान्घ सकती ।
इतने मे निशा दो और गरम रोटिया लेके जन्गीलाल के पास आई और झुक कर उसकी थाली मे रोटी रखते हुए - क्या हुआ पापा ? क्या सोच रहे हो ?
जन्गीलाल ने थाली से नजरे उठा कर अपनी झुकी हुई बेटी को देखा । सामने की ओर झुकने से निशा का स्टाल लटक गया था और टीशर्ट से थोडी दुरी बना लिया था । जन्गीलाल ने तिरछी नजरो से निशा के स्तनो पर नजर मारी वो पुरे गोल दिखे ,,निप्प्ल का सूत भर भी उभार नही दिखा ।
जन्गीलाल ने फौरन निगाहे फेर ली और निशा से पानी मागा ।
मगर निशा समझ गयी कि उसके पापा ने उसके टीशर्ट मे उभरे उसके दूध को निहारा है ।
वो मुस्कुरा कर खड़ी हुई और किचन की ओर जाते हुए मन मे सोचने लगी - तो क्या मा सही कह रही थी कि पापा ने मेरे उभरे हुए निप्प्ल देखे थे । हा और क्या देखो अभी भी वही खोज रहे थे हिहिहिहिही
निशा ने ये सब बाते सोचनी शुरु की ही थी कि उसके निप्प्ल ने कड़ा होना शुरु कर दिया था और जब तक वो अपने पापा के बारे मे सोचकर किचन से पानी लेके जन्गीलाल के पास जाती है । तब तक उस्के निप्प्ल तन चुके थे और टीशर्ट मे किसी बटन के जैसे उभर चुके थे ।
जैसे ही निशा ने झुक कर जंगीलाल के सामने उसके ग्लास मे जग से पानी डालना शुरु किया । उसका स्टाल एक बार फिर से लटक गया और उसके कड़े मोटे दाने वाले निप्प्ल की झलक जंगीलाल को हो गयी ।
जंगीलाल की हलक अटक सी गयी उसकी आंखे फैल गयी और हाफ चढ्ढे मे लण्ड अकडने लगा।
निशा वापस किचन मे चली गयी । लेकिन य्हा जंगीलाल के हलक से खाना निचे जाना मुस्किल हो गया क्योकि उसके आंखो के सामने निशा की टीशर्ट पर बटन जैसे उभरी हुई निप्प्ल देख देखकर उसके दिमाग मे काफी सारे बाते घूमने लगी थी ।
" कितना मोटा उभार था निशा बिटिया के निप्प्ल का ? ऐसा तो तभी होता है जब किसी ने उन्हे चूसा हो । तो क्या निशा ने भी ??? "
कभी जंगीलाल अपने ही मत से राजी हो जाता और अगले ही पल उससे इंकार कर जाता । इसी उलझन मे उसने बडी मुश्किल से खाना आया और जब वहा से हट कर दुकान मे आया तो उसकी नजर शालिनी पर गयी । फिर उसे ध्यान आया कि कल रात चुदाई नही की है उस्ने शायद इसी वजह से ये ऊलूल -जलूल ख्यालात उसके जहन मे आ रहे है । फिर वो वापस से अपने कामो मे लग गया ।
राज की जुबानी
सुबह उठकर मै नास्ते के बाद दुकान चला गया और 11बजे के करीब काजल भाभी का फोन आया कि उनका पार्सल आ गया ।
मैने अनुज को दुकान पर बिठा कर निकल गया पार्सल लेने और फिर उसे लेके वापस घर आ गया क्योकि अभी शकुन्तला ताई घर पर ही थी । जो शाम को बाजार जाने वाली थी और उसी समय काजल भाभी ने मुझे आने को कहा था ।
पार्सल छोटा ही था एक बॉक्स उसपे कोई scan code भी नही था ना कोई कम्पनी का नाम । यहा तक कि डिलेवरि कम्प्नी का नाम नही था ।
मुझे आश्चर्य हुआ कि ऐसा क्या होगा इसमे ।
हालकि वो पैकेट कुछ खास तरीके से पैक नही था , मै उसे बडी आसानी से खोल कर वापस से उसे वैसे ही पैक कर सकता था क्योकि उसपे मोटे कागज की रैपरिंग की हुई थी ।
मगर इस समय दुकान मे अनुज था तो मैने उसके खाना खाने जाने तक का इन्तेजार किया ।
12 वजे के बाद वो चौराहे वाले घर गया और मैने फटाफट वो बॉक्स खोला तो अन्दर एक मजबूत बॉक्स मे से वाईब्रेटोर निकला ।
मै समझ गया कि क्यू आखिर इसकी कोई ब्राण्ड प्रोमोटिंग नही की गयी । क्योकि ऐसे प्रॉडक्ट इंडिया मे बैन थे और इनकी खुले आम बिक्री नही थी । कुछ स्पेशल साइट के माध्यम से ही वो चीजे आ सकती थी।
मै मन मे - ओह्ह्हो भाभी जी ,,,आपके शौक तो बडे वाले है हम्म्म्म
मैने वापस से उस वाईब्रेटर को पैक करके उसे रख दिया और शाम होने का इंतेजार करने लगा ।
साढ़े तीन बजे करीब काजल भाभी का फोन आया और मै अनुज को बिठा कर फिर से चौराहे पर निकल गया ।
मन मे बहुत तरंगे उठ रही थी । कभी बहुत एक्साईटेड हो जाता तो कभी खुद को सतर्क करता कि जो कुछ करना है सोच समझ कर , कही ये आखिरी बातचीत ना हो जाये ।
थोडे देर बाद मै भाभी के दरवाजे पर था और रिंग बजा दी ।
सामने से दरवाजा खुला तो भाभी एक मैक्सि मे थी ।
आज ना कोई दुपट्टा ना कोई खास गहने ।
सामने से मेरी नजरे पहले उन्के 32B के मास्ल चुचो पर गयी । समझ आया कि भाभी ने ब्रा भी नही पहनी है ।
काजल - अरे आ गये ,,आओ
मै अंदर घुसा और हाल मे चला गया ।
काजल - यहा नही उपर वाले कमरे मे चलो
मै असमंजस मे था कि ये हो क्या रहा है ।
मै सीढिया चढ़ कर उपर जाने लगा ,,मै पहली बार भाभी के यहा की छत पर जा रहा था ।
फिर हम उपर के एक कमरे मे गये , ये उनका बेडरूम था जब रोहन यहा आया था । तबसे भाभी यही उपर ही सोती है रोहन के जाने के बाद भी ।
मै - यहा क्यू बुलाया भाभी
काजल इतरा कर - क्यू तुम्हे नही जानना इसमे क्या है ?
मै तो जानता था कि इसमे क्या है लेकिन फिर भी मस्ती मे - हा बताओ ना भाभी ,,,वैसे इसपे कोई scan code भी नही मिला
काजल कुछ सोच कर - हा तुम्हारी बहुत आदात है ना ताक झाक करने की....। वैसे तुम अभी फ्री तो हो ना
मुझे थोडा अटपटा सा काजल के ऐसे सवाल से - अह हा हा मै तो फ्री ही हू
काजल मुस्कुरा कर - अरे वाह फिर तो मजा आयेगा
मै मन मे - मजा आयेगा ??? भाई ये करने क्या वाली है ?? और आज इसके हाव भाव अलग क्यू है ? वो शर्माहाट नही वो झिझक नही ?? हुआ क्या है । कही इसने ड्रिंक तो नही करी ना ???
मै सवालो मे खोया हुआ था कि तभी काजल की आवाज आई ।
काजल - हा तो तुम जानना चाहते थे ना कि उस दिन के बॉक्स मे क्या था और क्यू मगवाया था मैने
मै मन मे चहका - लग रहा है ये भी खुल्ला माल है हिहिहिही आज तो बेटा ईसकौ पेल के ही जाना है ।
मै - हा हा बताओ ना भाभी
काजल - बताती हु बताती हु ,लेकिन मेरी एक शर्त है । जब मै ये सब बताऊंगी उस समय तुम्हारी आंखे बंद होगी
मै चौक कर - लेकिन क्यू ?? मतलब मै देखूँगा कैसे
काजल इतरा कर - ओह्हो अब मुझे बनाओ मत , तुम्हे पहले से पता है कि उस बॉक्स मे क्या आया था । जो तुम्हे जानना है वो मै तभी बताऊंगी जब तुम अपनी आंखे बन्द करोगे ।
मै मन मे सोचा कि चलो यार शायद ये थोडा शर्मा रही हो तो आंखे बन्द करने मे क्या है । तो मैने अपनी आंखे बन्द कर ली ।
त्भी मुझे आहटो से कुछ अन्दाजा लगा और मेरे आंखो पर एक पट्टी आ गयी ।
मै - अरे ये क्या कर रही हो भाभी आप ???
काजल मेरी आंखो पर पट्टी बांधते हुए - बस ऐसे ही यार हिहिहिही
ना जाने क्यू मुझे एक डर सा लग रहा था ।
तभी मुझे काजल मेरे आस पास घूमती मह्सूस हुई ।
काजल - जानते हो राज मैने वो समान क्यू मगवाये
मै खुस होकर - क्यू
काजल - देखो अब तुम मेरे बारे मे जान ही चुके हो कि मै किन विचारो वाली हू तो तुमसे क्या छिपाना ।
मै - हम्म्म्म
काजल - और तुम ये भी जान चुके होगे कि मै कितनी प्यासी औरत हू
मेरी सासे धक्क कर रुक गयी कि ये ऐसे कैसे खुद के बारे मे बोल सकती है और कही मै फस तो नही गया हू । मगर एक ओर मुझे ये भी लगता शायद ये एक नंबर की चुद्क्क्ड हो मगर झिझक कम करने के लिए ये सब ड्रामे कर रही हो ।
मै - मै समझा नही भाभी ,,आप ये क्या कह रही है ।
काजल मेरे पास आकर पीछे से मेरे कन्धे को सहलाते हुए बड़ी कामुकता से मेरे कान मे बोली - ओह्ह राज अब बनो मत ,,,क्या तुमने ये नही सोचा था कि मै कैसे इन सामानो का यूज़ करूंगी .....हम्म्म बोलो
काजल के हाथ मेरे बदन पर सरक रहे थे और मेरे पैर कापने लगे । उसके कबूलवाने की कला मुझे मुह्फट किये जा रही थी ।मै चाह कर भी अपनी बात दबा नही सकता था
मै हकला कर - वो हा हा ,,सोचा तो था लेकिन
काजल ने मुझे अचानक से पीछे से हग कर लिया और टीशर्ट के उपर से मेरे सीने को सहलाने लगी । उसके मुलायम गाल मेरे कान के पास स्पर्श होने लगे ।
मेरा लण्ड पैंट मे तनने लगा ।
काजल - उम्म्ं तो तुमने ये भी सोचा होगा ना कि मै उसमे से वो मोटा रबर वाला पेनिस क्यू मग्वायि थी ।
काजल की बाते सुन कर मेरा लण्ड और फुकार मारने लगा और इसी ऊततेजना मे मेरे मुह से निकल गया - च्चचुउउऊत मे लेने के लिए ना भाभी उम्म्ंम्ं
काजल ने पीछे से ही अपने हाथ सरकाते हुए पैंट के उपर से मेरे लण्ड को थाम लिया और उसे भीचते हुए बोली - हा राज सही कह रहे हो ,,मेरी चुत मे बहुत गरमी है और रोहन का लण्ड काफी नही है उसके लिये ,,,,,क्या तुम अपना ये मोटा लण्ड मुझे दोगे अह्ह्ह
मेरा दिल बाग बाग हो गया और मै भी अपना हाथ भाभी के हाथ पर रख कर अपना लण्ड दबाते हुए एक गहरी आह्ह भरग हुआ - हाआ भाभी लेलो ना उफ्फ्फ्फ आप कमाल की हो ओह्ह्ह
भाभी ने बडी कामुकता से मेरे आगे आयी और निचे बैठ कर मेरे पैंट को खोलने लगी और फिर उन्हे घूटनो तक ले आई
मेरा लण्ड अब सामने तना हुआ था
थोडा सन्नाटा रहा और फिर मुझे भाभी की ऊँगलीया मेरे आड़ो पर मह्सुस हुई
मै कसमसा कर -ओह्ह भाभी ये पट्टी मै खोल दू क्या ,,,मुझे देखना है प्लीज
काजल - नही नही ऐसा नही करना मुझे शरम आयेगी ना । हिहिहिहिही
मै थोडा खुश हुआ और चहक कर -अच्छा तो अपने दूध तो पकडवा दो
काजल हस कर - धत्त बदमाश ,,अभी नही
मै थोडा नाटक करता हुआ - प्लीज ना भाभी प्लीज ,बस छू लेने दो ना
तभी मुझे कुछ आहट मह्सूस हुई और भाभी की आवाज आई - तो क्या सच मे तुम मेरे बूबस पकडना चाहते हो राज
मै हा मे सर हिलाया और सामने की ओर हाथ से टटोलने लगा
काजल मेरे हाथ को देख कर - अरे थोडा सीधा करो दोनो हाथ ,,हा अब ऐसे ही रहो मै मेरे बूबस लाती हू तुम पकड लेना
मै चहक उठा और मन मे बड़बड़ाया - याररर ये आंखो की पट्टी वाला एक्सपीरिंस मस्त है हिहिही ,,आओ ना भाभी अपने चुचे मेरे हाथ मे भर दो
मै दोनो हाथ सीधा आगे किये खड़ा होकर बस अपने पंजे हिलाता हुआ- ओह्ह भाभी लाओ ना अपने नरम चुचे उम्म्ं
काजल इतरा कर चलके मेरे पास आई और मुस्कुरा कर बोली -हा हा बाबा आ गयी बस रुको तो थोडा .....हम्म्म्म्ं लो हो गया
मै चौका - अरे ये क्या है ? भाभी ये क्या पहना दिया आपने मुझे ? अरे नही
मै मन के - अबे यार कही ये हथकड़ी तो नही ना जो उस दिन मैने भाभी के gagdets मे देखी थी ।
काजल हस कर - तुम्हारे हाथ बहुत चलते है इसिलिए ये हथकड़ी लगायी है हिहिहिही
एक तो मेरा पैंट और अंडरवियर पैर मे अटका था । हाथ बढे हुए और आंखे बन्द ।
पता नही क्यू लेकिन अब मुझे थोडा डर सा लगने लगा था पहले वो आंख पर पट्टी और फिर भाभी का यू मुझे बातो मे उलझा कर मेरा लण्ड बाहर निकलवाना । फिर चूचे पकडवाने के बहाने हाथ बान्ध देना । मानो वो कुछ करने की फिराक मे थी ।
तभी मेरे लण्ड पर उन्के हथेली का स्पर्श मिला और मेरा लण्ड कसने लगा ।
मै भी सब कुछ भूलने लगा ,,तभी मानो मेरे लण्ड पर थोड़ी मुलायम बर्फ घुलने लगी क्योकि भाभी ने मेरा लण्ड मुह मे लेना शुरु कर दिया था । मै हवा मे उड़ने लगा था ।
उनके नुकीले नाखुनो की खरोंच मानो मेरे आड़ो की थैली चिर देगी और उनकी शैतान उंगलिया बडी चन्चलता से आड़ो को सहला रही थी ।
उन्होने धीरे धीरे करके मेरे आड़ो को निचे की ओर सहला कर उनकी पोटली बनाने लगी
मेरे दोनो आड़ो को मुठ्ठि मे भर कर उन्हे हल्का सा दबाती ।
मुझे दर्द होता मगर मै बहुत ही उत्तेजना पर था ।
तभी मेरे आड़ो मे एक दर्द सा उठा ,,कारण था कि काजल ने एक लास्टीक जैसा रबर को मेरे आड़ो की गठरी बना कर उससे बान्ध दिया था और मेरे आड़ आपस मे कस कर दबे हुए थे । वहा पर खुन का बहाव मानो रुक सा गया था ।
मै चिख पडा -अह्ह्ह भाभी ये क्याआ दर्द हो रहा है अह्ह्ह मम्मी उह्ह्ह
मेरे हाथ वहा तक नही जा सकते थे और तभी मेरे नंगे गाड़ के पाटो पर चट्ट से एक पतली डंडी की मार पडी
मै छ्नमना कर रह गया और उछल कूद करने से मेरे आड़ो मे दर्द टीस उठा - आह्ह मम्मी ,,,ओह्ह भाभी ये क्या कर रही हो
काजल हस्ती हुई - क्यू मजा आया ना ,, तुम पुछ रहे थे ना कि मै ये सामान कैसे यूज़ करती हू
भाभी की बाते सुन कर मेरे दिमाग की बत्ती जल गयी । मतलब ये सामान रोहन नही बल्कि काजल खुद रोहन के उपर इस्तेमाल करती थी । काजल के ऐसे शौक की मै कल्पना तक नही कर सकता था । इसका मतलब था कि रोहन सच मे बहुत ही मासूम है वो जैसा दिखता है वैसा ही है । भ्रम मुझे काजल भाभी को लेके था ।
मगर अब मै क्या कर सकता था मै बुरी तरह से फस गया था । आज पहली बार शकसियत पहचानने मे मुझे धोखा हो गया और मेरे ओवरकांफिडेंस ने मेरी ही गाड़ मार रखी थी ।
तभी मुझे वाईब्रेटर की आवाज आई और मेरी बची ही गाड़ की सिलाई खुद ही खुलने ।
ना जाने काजल ने आड़ो के पास कैसी रबर लगायी थी कि इस टेनसन मे भी लण्ड वैसे का वैसा ही तना हुआ था ।
मै - भाभी ये क्या करने जा रही है आप ,,प्लीज मुझे जाने दीजिये ना
काजल - ओहब राज अब ना मत बोलो ,,प्लीज मै वो सब कुछ करूंगी जो तुम कहोगे बस मेरे मन की कर लेने दो
मै - ल ल लेकिन भाभीईई अह्ह्ह न्हीईई उह्ह्ह माआआअह्ह हिहिहिहिही सीई भाभी गुदगुदी लग रही है और दर्द भी हो रहा है
मेरे इतने छ्टपटाने का कारण था कि भाभी ने वो वाईब्रेटर ऑन करके मेरे कसे हुए आड़ो पर घुमाना शुरु कर दिया था और मै पागल होने लगा ।
मै - आह्ह नही भाभी प्लीज रुक जाओ ,,बहुत दर्द हो रहा है अह्ह्ह माआहह
तभी उस मशीन की घरघराहट बन्द हुई और मुझे चैन की सास आई और भाभी ने वो लास्टीक भी मेरे आड़ो से निकाल दी ।
तेजी से मेरे आड़ो मे खुन दौड़ना शुरु किया जिस्से मै अकड कर रह गया ....
इधर काजल भाभी के हाथो का स्पर्श वापस से मेरी जांघो पर होने लगा और धीरे धीरे उन्होने मेरे आड़ो को छुआ ।
मै सिस्का - आह्ह नही भाभी दर्द हो रहा है प्लीज उह्ह्ह
काजल - अच्छा रुको मै अभी आई
मै - अरे कहा जा रही हो ये खोल के जाओ ना
फिर मुझे भाभी के सीढियो से निचे जाने की आहट सुनाई दी
मै मन मे - यार ये मै कहा फस गया ,,एक बार इससे आजाद हो जाऊ फिर साली को ऐसा पेलूंगा कि याद रखेगी
थोडी ही देर मे वापस से जीने पर आहट हुई और काजल मेरे पास थी
काजल - बस रुको तुम्हे दर्द नही होगा
ये बोलकर काजल ने मेरे आड़ो पर बर्फ के टुकड़े घिसने लगी । पहले तो मुझे गुदगुदी हुई मगर जल्द ही राहत होने लगी और लण्ड थोडा सा शांत होने लगा ।
मै - भाभी अब तो आंखे खोल दो ना
काजल उठी और मुस्कुरा कर - ओह्ह सॉरी ,,,रुको खोल देती हू
तभी काजल ने मेरी आंखे खोली और मैने आस पास नजर दौड़ाई तो बिसतर पर वही सेक्स वाले सामानो वाला बॉक्स खुला हुआ था ।
तभी काजल मेरे सामने आई- सॉरी राज वो मै तुम्हारे साथ ऐसे पेश आई ,,,,वो क्या है ना मेरी कालेज के दिनो से ऐसी फैंटेसी रही है कि मै ...
मै उसकी भावनाये समझ गया और मेरा लण्ड वापस से कसने लगा - मै तो क्या अब इसे ऐसे ही छोड दोगी
मै अपने तने हुए लण्ड को दिखा कर बोला
भाभी मुस्कुरा के ना मे सर हिलाया और घुटने के बल बैठ गयी । फिर लण्ड को मुह मे भरना शुरु कर दिया
मै फिर से गुहार लगायी - भाभी अब इसे क्यू बान्ध रखा है खोल दो ,,,हाथ भी दर्द कर रहा है
काजल ने मुह मे मेरा लण्ड भरे हुए ही मेरी हथकडिता खोली
जैसे ही मेरे हाथ आजाद हुए मैने उन्हे चटकाया और तुरंत काजल भाभी के बालो पकड कर अपने लण्ड पर दबाने लगा
मै - ले साली और चुस ,,बहुत दर्द दे रही थी ना मुझे
मै उसका सर पकडे लगातार उसके गले तक लण्ड पेले जा रहा था ।
भाभी गुउउऊ गुउउऊ करके खासी जा रही थी और ढेर सारा लार मेरे लण्ड पर उडेल रही थी ।
मैने उनकी आंखे लाल होती देखी तो लण्ड हल्क से बाहर निकालते हुए उनके बाल खिचकर उसके चेहरे पर लार से लिभ्डा हुआ लण्ड पटकने लगा
मै - क्यू साली ऐसे ही मजा आता है ना तुझे ,,ले और चुस आह्ह ऐसे ही
मैने अगले ही पल वापस से अपना लण्ड भाभी के मुह मे पेल दिया और सर को पकड़ कर तेजी से मुह मे पेलते हुए अंदर ही झड़ने लगा
मेरा सारा माल उसके मुह से बहने लगा और मैने भी अपना लण्ड बाहर निकाला तो वो जोर जोर से खासने लगी और फिर मेरा लण्ड पकड कर उसे सुरकने लगी ।
मै खडे खडे हाफ रहा था और वो अपने चेहरे पर लिभडाया हुआ माल साफ कर रही थी ।
मै - अह्ह्ह भाभी तुम तो सच मे कमाल की हो ,,,मजा आ गया ,,लेकिन दर्द भी खुब दिया हिहिहिही
काजल भाभी चुप रही और उठ कर मुह धुलने चली गयी और मै भी अपने कपडे सही करके निचे हाल मे उन्के आने का इन्तेजार करने लगा ।
थोडी देर बाद भाभी दुसरी मैक्सि पहन कर आई और काफी फ्रेश लग रही थी ।
मै मुस्कुरा कर - तो मै चलू
काजल थोडा नर्वस होकर - अच्छा ठिक है लेकिन सुनो
मै - हा बाबा मै किसी को नही कहूँगा इस बारे मे ओके
काजल थोडा हिचक कर - नही वो बात नही है ,
मै - फिर
काजल - वो मैने बताया ना कि मेरी फैंटेसी क्या है ,,तो क्या तुम मेरी इसमे मदद करोगे
मै - मतलब
काजल - क्या तुम मेरे hardcore fetish sex के सपने को हकीकत बनाओगे
मेरी तो गले से थुक गटकने वाली नौबत आ गयी थी- लेकिन वो तो मुझे नही आता
काजल मुस्कुरा कर मेरे गाल चूमते हुए - मै वीडियो भेज दूँगी
मुझे आता क्या नही था ,,बस कभी ऐसा खतरनाक तरीका आजमाया नही था । फिर मै वहा से निकल गया और दुकान की ओर चला गया ।
रास्ते मे दर्द निवारक दवा ली क्योकि आड़ो मे दर्द अभी भी हल्का हल्का मह्सूस हो रहा था ।
मेरे दुकान पर आते ही अनुज राहुल के पास निकल गया
जारी रहेगी
Nice update. Waiting for next update
superb update waiting for next
Shalini khud to chudwa ke aa gayi, per Jangilal ko apna haath se hi kaam chalana pad gaya shayad.
मैने तेल की पतली शीशी का ढक्कन खोला कर टिप टिप करके एक एक बूंद चाची की गाड़ के दरारो मे गिराने लगा ।
mast imagination hai Bhai
Nice update
Superb update tha dost...
अगले अपडेट का इन्तजार है
जैसा सोचा था एकदम वैसा ही धमाकेदार ।
जहां तक मुझे समझ आया है आप जांगीलाल और निशा के लिए रास्ता क्लियर कर रहे हैं क्योंकि जांगीलाल तभी आगे बढ़ेगा जब सेक्सुअली frustated होगा बाकी तो आप ही जानो ।
जब्बरदस्त![]()
Bahut hi khoob update bhai naye naye adhyay khul rahe hain kahani mein jo ki kafi rochak hain, chachi par yun roshni daalna kafi acha laga... waise bhi maal bhi wo kuch aisa hain baki Nisha Rahul anuj ka kya hota hai dekhna dilchasp hoga...
Kha he
Superb update
Pratiksha agle rasprad update ki
आप सभी की प्रतिक्रिया के लिए धन्यवादबहुत ही सुंदर लाजवाब और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
दे दिया है भाईTumhare intzaar me baar baar website check karni pad Rahi hai
Koi bat nahi ... intezaar rahega19 ke aage nahi bad paya kuch probs shuru ho gayi hain sala likhne ka socha tha vo bhi atak gaya, abhi ek adha story hi shayad pad paaunga so bear with me
Shukriya dost Keep supportingRat k
Superb update tha dost... JUNGILAL....... WAITING MORE