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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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मस्त अपडेट, लेकिन बबिता का रहस्य रह गया, वो किसपे ट्रेनिगं ले चुकी है,
बहुत बहुत शुक्रिया और आभार आपका
सब तहे खुलेगी , जल्द ही
 

Vicky2009

Member
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Update 27

अब तक
मै उनके मुह मे झड़ते हुए मारने लगा ,,, फिर मैने अपने लण्ड बाहर निकाल कर बेधाल होकर बैठ कर हाफने लगा ,,,मुझे बुआ की स्थिति का कोई ध्यान नही था कुछ पलो मे सास बराबर होने पर मैने बैठे बैठे बुआ पर एक नजर मारी ,, वो अपने चेहरे पर लगे मेरे सोमरस को उंगली से साफ कर चाट रही थी और फिर लेटे लेटे ही मेरे तरफ मुस्कुरा कर देखा

अब आगे

हम दोनो की सासें जब सामान्य हुई तो मै बुआ का मन टटोलने के लिए बोला

मै - थैंक्स बुआ , आपने मेरी मदद की ,,, चलो अब सोने चलते है
एकपल को बुआ का चेहरा मुरझा गया ,,, क्योकि मेरे द्वारा उनके चुचीयो के रसपान और दमदार मुहपेलाई से उनकी चुत बुरी तरह से पनिया चुकी थी और वो मैक्सि के ऊपर से चुत सहलाते हुए - आह्हह लल्ला

मै चौकने का नाटक करते हुए - क्या हुआ बुआ
बुआ - पता नही बेटा निचे मेरे कुछ काटा है देख जरा ,, और बुआ तेज़ी से मैक्सि के ऊपर से चुत को मले जा रही थी ,,,
मैने तुरन्त जेब से मोबाइल निकाला और टॉर्च ऑन किया और फोक्स बुआ की चुत पर किया तो देखा की बुआ का बाया हाथ उनकी फुली हुई चुत को मैक्सि के ऊपर से खुजाये जा रहा है ,,,,
फिर मैने टॉर्च को अच्छे से करीब जाकर उनकी कमर से जांघो तक अच्छे से घुमाया ,,, उनकी गोरी चमड़ी वाली गुदाज गदरायी जांघ देख कर मेरा लण्ड फिर से टनाटनाने ल्गा और मैने अपना दाहिना हाथ बुआ की दाई जांघ पर रखते हुए उसे सहलाते हुए और उस्की मुलायम मांस को मह्सूस करते हुए बोला - बुआ यहा तो कुछ नही दिख रहा है

बुआ - आह्ह बेटा मैक्सि ऊपर कर दे फिर देख
फिर मैने अपने हाथ को बुआ की जांघो पर कमर की तरफ सरकाते हुए उनकी मैक्सि को कमर तक चढा दिया और टॉर्च का फोक्स सीधा बुआ की पनियाती चुत पर कर दिया

उफ्फ्फ क्या नजारा था बुआ की नाभि से कुछ इन्च निचे तक हल्के बालो वाली नरम पाव जैसी फुली चुत का उपरी भाग ,, और फिर गोरी गोरी जांघो के बिच वी आकार की घाटी बनाये चुत के किनारे के मख्खन से मुलायम दिखते भागो के बीचो-बीच एक सोमरस से लिप्त चमडीयो से बनी दरार जिसकी निचली शिराओ से बुआ का सोमरस टपक रहा था और उनके भारी चुतडो के बीच रीस रहा था ।

मै थोड़ा आगे झुका और अपने मुह मे आ रहे पानी की गटकते हुए करिब से बुआ की चुत पर टॉर्च जला कर देखने लगा ,,, उनकी पानीयाई चुत की महक मेरे नाक में आ चुकी और धीरे धीरे मेरे अंदर हवस हावी होने लगा और सब कुछ भूल कर मैने एक बार फिर से अपने हाथ की उंगलीयो को उल्टा कर अपने नाखूनों को बुआ के टखने से उनकी नाजुक मुलायम जांघो पर घुमाते हुए उनकी चुत की घाटी तक लेकर आने लगा ,,, जैसे जैसे मेरी ऊँगलिया बुआ के चुत की तरफ बढ़ रही थी उनके चुत की चमडी अब सिकुना सुरु कर दी जिससे उनका सोमरस एक पतली धार लेकर निचे से बहने लगा ,,, बुआ एकदम चुप थी और मै भी , हम दोनो के बिच कोई बात चित नही हो रही थी
लेकिन हम दोनो की सांसे तेज़ी से ऊपर निचे होने लगी थी और मै धीरे धीरे बुआ की चुत के और करीब झुकने लगा जिससे मेरे सांसो की गर्मी बुआ की चुत से टकराने लगी और बुआ भी समझ गयी मै क्या करना चाहता हू ,, फिर बुआ ने हल्का सा अपना गांड ऊपर किया और मेरा चेहरा अब बुआ की जांघ और चुत के बिच के जॉइंट वाले नरम हिस्से को छू गया ,,,फिर मैने भी अपने बाये गाल को बुआ की दाई जांघ पर अच्छे से घुमाया फिर जीभ निकाल कर चुत और जांघ के बिच गांड की तरफ नरम चमडी पर फिराते हुये चाटने लगा ,,, धीरे धीरे मै जीभ को चुत के सबसे निचले भाग तक ले आया और जैसे पिघलती कुल्फी की मलाई को नीचे से ऊपर तक चाटते है ठीक उसी तरह मै भी उनकी बहती चुत को जीभ से निचे से ऊपर तक चुत मे घुसाते हुए चाट लिया

बुआ तडप उठी और गांड पटकने लगी
बुआ - अह्ह्ह्ह्ह लल्ल्ला ,,उफ्फ्फ्फ
मैने वापस से उनकी जांघो को थामा और एक फिर जीभ को नुकीला करके चुत मे डुबोते हुए निचे से ऊपर ले आया
बुआ जल बिन मच्छी की तरह फड़फड़ा रही थी और मै लगातार नीचे से ऊपर एक क्रम मे उनकी चुत को चाटने लगा ,, ऐसे ही करीब 8 से 10 बार चाटने के बाद मैने जीभ को अंदर किया और मुह खोलते हुए एक साथ चुत की चमडी को मुह मे भर कर चुबलाने लगा

जिससे बुआ की तडप और बढ़ गयी उन्होने अपनी जन्घे और चौडी की साथ ही मेरा सर पकड कर अपनी चुत मे दबाने लगी - आह्हह उम्म्ंम्ं हा बेटा खा जा ,,,उह्ह्ह्ज मम्मंंंं हा लल्ला और चुस और चुऊऊसससस्स्स अहममंम्ं उफ्फ़फ्फ्फ ऐसे ही अपने गांड को पटकते हुए आहे भरने लगी

मेरा लण्ड अब फिर तैयार हो गया था फिर मैने अपना सर पिछे किया और घुटनो के बल बुआ की जांघो के बीच आ गया फिर एक हाथ मे लण्ड को थामा और दुसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाते झुका और अंगूठे से उनकी चुत के दाने से ऊपर की तरफ उथाने लगा ,,,
बुआ की आग और तेज़ हो गयी थी वो आहे भरे क्या बोले जा रही थी मुझे नही पता ,,,लेकिन मै पूरी तरह से चोदने के मूड मे था ,,, फिर मैने अपना लण्ड बुआ की चुत के उपर रख दिया और कमर को आगे पीछे करते हुए उनकी चुत पर रगडने लगा
मगर बुआ को चैन कहा उहोने मेरा लण्ड पकड़ा और गांड उठा कर खुद आगे हो गयी जिससे मेरा लण्ड सरसरा कर उस तपती गीली चुत मे आधा समा गया,,,,,

बुआ - अह्ह्ह्ह बेटा कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,,अब चोद दे मुझे लल्ला रहम कर मै पागल हो जाऊंगी अझ्ह्ह उम्म्ंम और खुद ही गांड पटकर मेरे आधे लण्ड से चुद्ने लगी

मैने फिर बुआ की जांघो को थामा और एक करारा धक्का लगाते हुए बुआ के ऊपर आ गया
बुआ - अह्ह्ह्ह लल्ल्ला मै उम्म्ंम्ं कितना गर्म लण्ड है बेटा अब तो चोद दे
मै बुआ के उपर आकर उनकी चुचियो को नोचते हुए बोला - सच मे बुआ आप अपने भतीजे से चुद्ना चाहती हो क्या ,,, इसके साथ ही मैने एक और तेज़ धक्का बुआ की चुत मे मारा

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा मै अब जान गयी हू तुझे सब पता है कैसे करना है ,,, लेकिन अच्छी नौटंकी की तुने बेटा उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह

मैने धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और बोला- नाटक नही करता तो ऐसा ही मेरे सामने अपना चुत परोस देती आप बुआ ,, उनकी चुची को चुस्ते हुए बोला

बुआ - मुझे पता होता मेरा लल्ला का नुन्नु अब लण्ड हो चूका है तो पहले ही परोस देती बेटा अह्ह्ह्ह थोड़ा तेज़ कर ना उम्म्ंम्ं ऐसे ही अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्मह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह हा हा हाह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंमममं लल्लाआआआआ और तेज़ मार
मैने धक्को की गति बढ़ा दी और बौला - आह्हह क्यू बुआ लण्ड को पापा और चाचा का भी है ये तो पता था ,,, उनलोगो से ही चुदवा लेती हहहह

बुआ - आआआ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम जंगी तो मुझे देखता ही नही बेटा

मैने तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए कहा - अरे पापा तो है वो तो आपको देखते ही लण्ड सहलाने लगते है , उनसे चुदवा लेती

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा देख रही हू इस बार जबसे आई हूँ तेरे पापा की नियत ठीक नही लग रही है अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

मै - तो बुझवा लो बुआ अपनी प्यास उनसे ही ,,, फिर राखी के दिन मा और मै जायेंगे ना नाना के यहा ,,,, उस दिन मौका रहेगा हिहिहिहो

बुआ - अह्ह्ह्ह उम्म्ंम लल्ल्ला बहुत शरारती हो गया है उम्म्ंम आह्हह मम्मं तेज़ी से चोद दे ना बेटा ,,, निकाल दे मेरी गरमी बाद मे तेरे पापा का देखूंगी ,,अभी बस तूउउउउऊ अह्ह्ह्ह्ह्ब हाआ अह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम हा ऐसे ही और तेज़ बेटा और तेज़ ,,,, चटनी बना दे मेरे चुत की बाबू अह्ह्ह्ज्ज उम्म्ंम्म्ं अह्युउउऊ। आअह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उनम्मंम्म्ं हाआआआआआ मै आने वाली हू अह्ह्ह्ह रुकना मत प्लीज पलीज्ज्ज्ज्ज अझ्ह्ह्ह्ह

मैने भी धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और थप थप थप थप थप थप थप थप थपप्च प्चप्च थप की तेज़ आवाज आने लगी अब मै भी चरम सिमा तक आ चूका था मेरा लावा कभी भी फुट सकता था - इह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मेरा भी होने वाला है बुआ

बुआ - अंदर ही डाल दे बेटा ,,,फिर बुआ मेरे लण्ड को अपनी चुत से निचोडने लगी

एक बार फिर बुआ की चुत मेरे लण्ड पर कसाव लेने लगी और मेरे लण्ड की नसो पर घर्षण तेजी से मह्सूस होने लगा मेरे लण्ड मे खून भरने लगा अचानक से मेरे लण्ड के चमडी पर गरमी बढने लगी ,,,, क्योकि बुआ की चुत पिघल चुकी थी उनका गरम माल मेरे लण्ड को और तपाने लगा , नतिजन कुछ ही धक्को मे मेरा सबर का लावा टुट गया और भलभला कर मै भी बुआ चुत मे आखिरी धक्को के साथ झडने लगा

कुछ ही पलो मे मै वापस बुआ के ऊपर निढ़ाल हो गया,,, हम दोनो की धड़कने तेज़ थी और सांस फुल रहे थे फिर भी हमारे चेहरे उस चरम सुख के मुस्कान से खुश थे जिसे हम दोनो ने एक साथ मिलकर हालिस किया था ,,,,

कुछ देर ऊपर पडे रहने के बाद मै भी उनके बगल मे सीधा लेट गया और ऊपर आस्माँ मे देखते हुए सांसे बराबर करने ल्गा
हम दोनो चटाई पर लेटे लेटे ऊपर खुले आसमान मे देख रहे थे और फिर हमने कपड़े ठीक किये

थोडी देर बाद बुआ ने मेरी तरफ करवट ली
बुआ - लल्ला क्या ये तेरा पहली बार था हा
मै झुट बोलते हुए - जी बुआ
बुआ - चल झुठा जैसे मुझे पता नही चलेगा कि कौन पहली बार कर रहा है कौन नही
मै हस्ते हुए - नही बुआ मेरा पहला ही था ,,वो मैने बहुत बार मम्मी पापा को देखा था ना करते हुए तो

बुआ - अरे वाह तब तो मुझे एक और कुवारे लण्ड से चुदने को मिला
मै - एक और मतलब ,,,, और किसके लण्ड से चुदी हो बुआ
बुआ - क्या पागल तु भी ,,, अरे मेरी सुहागरात पे तेरे फूफा जी भी कुवारे ही थे ना ,,,हिहिहिहिही

मै - अच्छा लेकिन मुझे तो नही लगता कि सिर्फ फूफा जी की मेहनत से ही आपकी गान्द इतनी बड़ी हुई है ,जरुर इसमे 3 4 लण्ड जा चुके है

बुआ - धत्त बदमाश ,,, तुझे क्या तेरी बुआ सड़क छाप लगती है क्या ,,

मै - अरे अरे नही बुआ मै तो बस पूछ रहा हू ,,,क्योकि आपके यहा आये अभी दो दिन हुए इतने मे मेरे और पापा के लण्ड का बुरा हाल हो गया
सोचो आपके यहा रोज लोग आपको देख कर क्या आहे नही भरते होगे जैसे क्या हिहिहिही

बुआ मेरे गाल खीचते हुए - बहुत शरारती हो गया है तू अब हा
मै - बताओ ना बुआ कितने लोगो के लण्ड लिये है अब तक

बुआ - धत्त बदमाश ऐसे कोई बात करता है अपनी बुआ से
फिर मुझे ल्गा ऐसे बात नही बनेगी

मै - अच्छा बुआ वो सब छोडो की कितनो से चुदी हो या नही,,, लेकिन ये बताओ घर मे तो सारे मर्द आपकी जवानी को आँखो से तो जरुर भोग्ते होगे

बुआ - घर मे कौन घुरेगा पागल ,,, हा बाहर के लोग तो ऐसे ताकते है मानो खड़े खड़े आँखो से चोद दे हिहिहिही

मै - अच्छा क्यू घर मे छोटे फूफा भी तो है ना
बुआ - धत्त पागल चल बहुत बाते हो गई अब निचे चल सोना नही ह क्या
मैने करवट ली और बाये हाथ से बुआ की चुचियो को मिजते हुए - आप कहो तो एक बार और हो जाये बुआ

बुआ - अच्छा इतना दम है क्या
मै - और क्या ,,, बोलो तो अभी फिर से ,....
बुआ - ना बाबा ना ,,, बेटा 3 बार झडी हू मै फिर बाद मे ना अब,,,और चल टाईम आने दे देखूंगी कितना दम है तेरे मे लेकिन अभी निचे चल सोना है मुझे बहुत थक गई हू

फिर मैने बुआ के होटो को चुमा - हा चलो बुआ
फिर हम नीचे आये और बुआ दीदी के कमरे मे चली गई लेकिन मुझे तो सबसे निचे जाना था सोने

साला बुआ के चक्कर मे तो मा को मै भूल ही गया ,,, लेकिन इतनी रसिली चुत भी तो मिली ना ,,,सोच के फिर से लण्ड टनटना गया
मैने लण्ड को ऐडजस्ट किया और चल दिया पापा के रूम की तरफ ,,,,
मै निचे पहुचा तो देखा पापा और मा दोनों सो रहे थे ,, फिर मैने मोबाईल चेक किया तो 11 बज रहे थे ,,, फिर मै भी आराम से कमरे मे घुसा तो देखा पापा मा के एक तरफ जघिये मे सोये है और मा भी पेतिकोट ब्लाऊज मे पापा के सीने पर हाथ रख करवट लिये सोयी है ।

मै धीरे से बिस्तर पर चढा और लेट गया ,,मेरी खुड़वड़ाहत मे मा की आंखे खुल गयी या वो मेरा ही इन्तेजार कर रही थी

जैसे ही मैं लेता मा मेरी तरफ घूम गई और मै मा को देख कर स्माइल किया

मा ने आहिस्ता से बोला - कहा रह गया था तू मै इन्तेजार कर रही थी ना

मै - अरे मा वो बुआ के साथ था तो बातो बातो मे टाईम निकल गया
मा मुस्कुराते हुए - अच्छा इतना देर तक क्या बात कर रहा था , तू तो बुआ का दूध पी रहा था

मै - हा मा और पता नही कब सो भी गया वही ,,, वो तो बुआ ने उथाया तब आया हू

मा - अचछा चल ठीक है तब सो जा अब
मै मायुस सा मुह बनाते हुए - और वो जो आप सिखाने वाली थी वो

मा - अब तु था नही तो हम लोगो ने कर ना ,,, मुस्कुरा कर बोली

मै - क्या कर लिया मा
मा मुस्कुराते हुए - सब जानता है फिर भी मेरे मुह से सुनना है तुझे,,,सब समझती हू मै

मै - क्या मा ,,अच्छा सुनो ना मा एक बात पुछ्नी थी बुरा ना मानो तो
मा - अरे पूछ ले ना बेटा ,,,वैसे भी तेरे पापा सो गये है
मै - पक्का ना गुस्सा नही होगी न आप
मा - नही मेरा राजा बेटा ,फिर मा ने अपना हाथ मेरे गाल पर फेरा
मै हिम्मत की और मा से बोला - अच्छा मा क्या आप भी पापा के अलावा किसी और से

मा - धत्त पागल ,, क्या मै तुझे ऐसी लगती हू ,,, सच कहू बेटा तो मुझे कभी तेरे पापा के प्यार मे कभी कोई कमी मह्सूस ही नही हुई ,,, भले ही वो मेरी दीदी को भोगे हो या अपनी बहन को भोगना चाहते हो ,, लेकिन मेरे लिए उनका प्यार आज भी वैसा ही है ।

मै खुश होकर उनकी बाते सुनने लगा
मा - हा लेकिन मेरे मायके मेरे बहुत आशिक रहे है हिहिहिही

मै थोड़ा मुस्कुरा कर - अच्छा सच मे ,,,तो क्या शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेड भी था
मा मुस्कुराते हुए - नही रे कोई नही था , हा लेकिन मेरे और दीदी के पास प्रोपोजल बहुत आये थे ,,, लेकिन हम लोग अचछे से जानते थे की वो सब हमारे जिस्म के लिए भाग रहे हैं ।

मै - अच्छा सच मे हहहहह ,,,, और मौसी का कोई था क्या शादी से पहले
मा - हम्म्म लेकिन वो लोग पकडे गये फिर बाऊ जी ने दीदी की शादी करवा दी अपने ही दोस्त के बेटे से

मै - क्या मा पुरा पुरा बताओ ना कैसे हुआ था

दोस्तो अब देखते है आगे के अपडेट मे रागिनी अपने मायके के कौन कौन राज खोलती है और खुद हमारा हीरो कैसे अपनी मा से सब उगलवायेगा
Nice
 

Vicky2009

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Update 33

अब तक

घर आया तो मा की डांट भी मिली
मा - कहा रह गया था तू इतनी देर खाना नही खाना क्या
मै - हा मा खाऊंगा वो रास्ते मे एक दोस्त मिल गया था तो वही बात करने लगा
मा - ठीक है जल्दी जा ऊपर तेरी दीदी से बोल कर खाना खा ले
मै ऊपर चला गया

अब आगे
मै ऊपर आया और दीदी को आवाज दी तो बेडरूम मे बाहर आई

मै - दीदी खाना लगा दो
दीदी - ठीक है बैठ मै लगा देती हूँ
फिर दीदी खाना लेके आई, टेबल पर खाना रखा और मेरे बगल वाली कुर्सी पर बैठ गई

मै मुस्कुराते हुए - आप भी खओगे क्या दीदी मेरे साथ
दीदी - अरे नही नही तू खा ले ,,मुझे तेरे से कुछ बात करनी है कल को लेकर
मै चुप हो गया और खाना खाना शुरू कर दिया

दिदी - भाई वो कल अमन आये थे ना तो वो जो हुआ मॉल मे उसके लिये सॉरी
मै खाना खाते हुए दीदी की तरफ एकदम फोकस नही किया और नजर प्लेट में रखे हुए ही बोला - हम्म्म ठीक है

दीदी को लगा मै अब भी नाराज हू तो वो फिर से बोली - भाई प्लीज नाराज ना हो वो मैने बस उनको मिलने को बुलाया था लेकिन वो ही जिद करने लगे कि करना करना है ।

मुझे दीदी को लपेटने का मौका मिल गया
मै - हा तो आप उसे भी डांट सकती थी जैसे मुझे उस दिन छत पर डाँटा था ,,,
दीदी - तू मेरा भाई है राज और वो
मै - तो क्या मुझसे बढ़ कर है वो
दीदी - तू क्या बात कर रहा है राज ,,, समझ मै अमन को प्यार करती हू और तुने उस दिन छत पर जो किया वो गलत बात है
मै - अच्छा मतलब आप मुझसे प्यार नही करते हो ना
दीदी - नही भाई मै तुझसे भी उतना ही प्यार करती हू ना
मै - तो उस दिन मुझे डाटा क्यू ,,, ऐसा भी तो नही है कि अमन ने आपको उस नजर से नही देखा होगा
दीदी को लगा मै अभी नादान हू और भोला भी
दिदी - भाई तू बहुत भोला है रे ,,, मै तेरे साथ वो सब नही कर सकती हूँ वो हक सिर्फ पति का होता है
मै - तो क्या वो आपका पति है अब
दीदी - अभी नही लेकिन शादी के बाद तो होगा ना
मै - लेकिन अभी तो नही ना हुई है आपकी शादी फिर वो गैर हुआ ना ,,, और मै आपका सगा भाई हू फिर भी मुझे डाटा और वो अभी कोई नही है फीर भी उसको .....
दीदी को लगा मै तो एक ही बात को पकड कर बैठा हू । एक बॉयफ्रेंड और भाई का रिश्ता के क्या क्या मायने होता है वो मै नही समझ पा रहा हू ।
दीदी मुझे बार बार समझाती लेकिन मै जानबुझ कर उनको एमोशनली भाई बहन के रिश्ते को लेकर बात को घुमा देता था.... आखिरकार दीदी को लगा कि मै ऐसे नही मानने वाला,,, और वो उठी और मुझे किचन मे ले गयी
दीदी - चल हाथ धुल और कुल्ला कर ले ,
दिदि का मूड बदला लग रहा था कि कहीं वो गुससे मे वापस ना मा को बताने की जिद कर ले ,,,, लेकिन हुआ वो जो मेरे अनुमान और मेरे सोचे हुए विचारो के बिलकुल उलट हुआ

जैसे ही मैने कुल्ल कर के हाथ धुल कर फ्रेश हुआ तो दीदी ने मुझे एक रुमाल दिया
दीदी - ये ले और मुह साफ कर
फिर मैने मुह साफ किया और रुमाल दे दिया
दीदी - चल अब अपनी आंखे बंद कर और जब तक मै ना बोलू खोलना मत
मै चौकते हुए - क्यू
दीदी - जितना बोल रही हू कर तू पहले
मै चुपचाप आंखे बन्द किया - अब कितनी देर तक बंद रखना है दीदी

मेरे सवाल का जवाब जो दीदी ने दिया वो मेरे लिए एक अनमोल पल बन गया क्योकि जवाब मे दीदी ने अपने नाजुक होठ मेरे होठो से जोड दिये थे और मेरे निचले होठ को अपने दोनो होठो से खिच कर चूसने लगी ,,,, पहले तो मै चौका लेकिन फिर लगा दीदी ने खुद पहल की है तो उन्के चेहरे को पकड कर मै भी उनका साथ देते हुए उन्के उपरी मुलायम रसिले होठो को चूसने लगा । करीब दो मिंट बाद दिदी मुझ्से अलग हुई और अपने गीले होठ को अपने एक हाथ से साफ किया ।

इस दौरान मै यही दिखा रहा था कि मै शौक मे हू
दीदी - यही चाह्ता था ना तू भी ,,इसी बात की जलन थी ना वो मुझे किस्स किया और तुझे कुछ नही मिला ,,, अब तो समझ मै तुझे भी प्यार करती हू ।

मै - हा लेकिन जब पकड़ी गयी तभी ना की हो आप,,, नही तो कभी जताते ही नही कि आप हमसे प्यार करते हो ,,, हमेशा डाटा ही है आपने मुझे

दीदी - कुछ भी किया हो लेकिन तू अमन से अब भी एक कदम आगे है समझा हिहिहिही
मै - वो कैसे
दीदी - कुछ नही छोड अब निचे जा मा को भी खाना खाने भेज
मै जिद करते हुए - बताओ ना दीदी प्लीज
दीदी - तुने तो बिना कपड़ो के मुझे देखा है और अमन ने सिरफ किस्स किया ,,,ये बोल के दीदी शर्मा गयी और पीठ मेरी तरफ कर ली

मैं भी मौके का फायदा उठाकर उन्के पास गया और उन्के एक कंधे पर हाथ रख कर बोला - तो आपको नही लगता की अमन से ज्यादा मेरा हक है आप पर ,,

दीदी - हा भाई ये सही है लेकिन
मै - दिदी हम दोनो बचपन से एक दुसरे के साथ है , हमने चीज़ हर बात सब कुछ एक दुसरे से साझा किया है तो क्या वो प्यार किसी के आने से कम कर दोगे आप
दीदी - नही भाई मै ऐसा नही चाहती हू ,, लेकिन मै अमन से बहुत प्यार करती हू और उसी से शादी करना है मुझे
मै - मैने तो ये नही कहा ना कि आप उससे प्यार करना बन्द कर दो ,, लेकिन क्या आप उसके लिये मेरे हिस्से का प्यार नही दोगे मुझे ।

इस वक़्त मै सच मे इमोसनल हो गया था ,,, मेरा हवस अब धीरे धीरे दीदी के एक प्यार का रूप लेने लगा ,,, मुझे इस बात का दिल से दुख होने लगा कि दीदी अमन से प्यार करती है ।लेकिन तभी दीदी ने मेरे अंदर एक उम्मीद की किरण दिखा दी ।

दीदी - भाई मै नही जानती थी कि तू मेरे से इतना प्यार करता है ,,लेकिन अब मै अपने दिल के हाथो मजबुर हू ,,मै अमन को छोड नही सकती ,, लेकिन

मै - क्या दीदी बोलो न
दीदी - लेकिन मै तेरे हिस्से का प्यार तुझे हमेशा दूँगी भाई ,,

मै खुश हो गया और दीदी को पीछे से उनकी कमर मे हाथ डाल कर पेट को कसा और उन्के कन्धे पर सर रखा और बोला - थैंक्स दीदी ,, आई लव यू

दीदी ने भी एक हाथ मेरे जुड़े हुए हाथो पर रखा और दुसरे हाथ से मेरे गाल को छुते बोली - आई लव यू टू भाई
दीदी - चल अब जा निचे

मै - नही रहने दो न दीदी कितना अच्छा लग रहा है ।
दीदी मुझसे छूटने की कोशिस मे हसे जा रही थी क्योकि जब भी वो मेरे हाथ हटाती मै उनकी मुलायम पेट मे गुदगुदी करने लगता

दीदी - छोड दे भाई अब ना ,,, देख कही अनुज ना आ जाये
मै चौक गया और उनको छोड दिया । वो मौका पाते ही बेडरूम मे भाग कर दरवाजा बंद कर ली ।

कमरे के अंदर से ही
दीदी - चल चल अब जा ,,बड़ा आया था दीदी का अशिक़ बनने ,,,हहिहिहिही

मै - कब तक बच के रहोगी दीदी देखता हू
फिर मै हस्ते हुए निचे आ गया फिर मा ऊपर चली गई और मै खुश था कि दीदी अब मेरे हाथ मे जल्द आने वाली थी।

करीब 2 बजे तक बुआ आई ,,, जैसे ही मेरी नजर बुआ पर गयी तो मुझे चाचा और बुआ की चुदाई याद आ गयी । मैने सोचा रात मे कुछ होगा नही और कल रक्षा बंधन पर मुझे नाना के यहा जाना है मा को लिवा के तो क्यू ना अभी दिन मे कुछ मज़ा ले लू
बुआ छत पर जाने लगी
तो मै उनको रोकते हुए

मै - बुआ रुको ना कहा जा रही हो
बुआ - बेटा ये खाने का डब्बा धुलने के लिए ले जाना है ना

तभी मा निचे आ गई और बोली - अरे दीदी रख दो यही अभी चला जायेगा ,,,,

आओ बैठो बात करते है वैसे भी कल मै चली जाऊंगी दो दिन के लिए मायके

बुआ - दो ही दिन क्यू भाभी आराम से रहो न एक हफ्ते मै हू ना यहा

मा - अरे दीदी घर का ख्याल तो रख लोगी लेकिन इसके पापा का क्या हिहिहिही

बुआ - क्यू मै अपने भईया का ख्याल नही रख सकती क्या
मा - हा लेकिन कैसे रखोगी बताओ जरा
बुआ - अब भईया रहते तो ना दिखा के बताती मै
मा - अरे तो क्या हुआ राज है ना

मा ने जैसे मेरी पहल की मै खुश हो गया और बोला - हा मा मुझे भी सिखना है ,,प्लीज

मा - लो अब तो ये भी तैयार है ,तो क्या कहती हो दीदी
बुआ मुस्कुराते हुए - अरे भाभी अभी तो ये बच्चा है
मा - हा तो इसको सिखाना भी पडेगा ना कि कैसे कैसे क्या होता है ,,,, इसी बहाने ये सिख भी लेगा और मै भी देख लुन्गी की मेरे गैर हजिरि मे मेरे पति खुश रह पायेंगे या नही

बुआ - चल लल्ला कमरे मे ,,,

फिर मै और बुआ कमरे मे गये , मा कमरे के दरवाजे के बाहर स्टूल लगा कर बैठ गयी ताकि कमरे के साथ दुकान मे भी नजरे बनी रहे ।

मै बहुत खुश था कि मुझे मा के सामने अपना जलवा दिखाने का मौका मिलेगा । मा के सामने मै बुआ को चोदन्गा ये सोच कर ही मेरा लण्ड पुरा का पुरा अकड गया था ।

मा - तो शुरू करो दीदी अब
बुआ और मेरे बिच सब कुछ हो गया था पहले ही लेकिन हम लोग भी जानबुझ कर नाटक कर रहे थे ।

मै - बुआ पहले क्या करते है ,, मै दूध पियुन्गा पहले

मा हसने लगी - क्या तू भी बच्चो की तरह दूध पीने को बोल रहा ,,,

मा बुआ को - दीदी जरा इसके नुन्नु को अपने जीभ की कलाबाजी से वाकिफ तो कराओ तब ये समझेगा औरत का सुख हीहीहि
बुआ - हा भाभी देख रही हू बहुत नादान है ये ,, और मेरे तरफ देख कर मुस्कुराने लगी ।
मै भी बुआ की नाटक मे शामिल होते हुए - मा क्या करने को बोल रहे हो आप
बुआ - रुक बेटा मै बताती हू
फिर बुआ घुटनो के बल बैठ गई और लोवर मे बने टेन्ट पर मेरे लण्ड को सह्लाया

मा - जरा बाहर निकाल के देखो तो राज बड़ा हो गया है कि नही

मै - मा बड़ा हो गया हू चाहो तो देख लो , ये कह कर मैने अपना टीशर्ट ऊपर चढा लिया
बुआ - वो तो अभी पता चल जायेगा
फिर बुआ ने मेरे अंडरवियर सहित मेरे लोवर को निचे मेरे जांघो तक कर दिया
बुआ के ऐसा करते ही मेरा 7" का मोटा लण्ड उछल कर उपर निचे होने ल्गा जैसे रबर की दण्डि हो ।
मा ने जैसे मेरे लण्ड को देखा उसकी आंखे चमक गयी और वो एक नजर दुकान मे देखी फिर उठ कर मेरे पास आ गई । इस वक़्त बुआ और मेरी दोनो की नजरे मा पर थी जो एक टक मेरे खड़े फन्फ्नाते लण्ड को देखे जा रही थी ।

बुआ - भाभी देख रही हो ये तो सच मे बड़ा हो गया है
मा - हा दीदी सच कह रही हो जरा खसकना दिदी मै भी देखू तो

फिर मा भी बुआ के बगल मे घुटनो के बल बैठ गई और एक हाथ से मेरे लन्ड़ की मोटाई मापते हुए चमडी को आगे पीछे करने लगी ।

मा का स्पर्श अपने लण्ड पर पाते ही मेरे लण्ड की नशे और कसने लगी ,,, सुपादा और कडक होकर लाल होने लगा ,,,,
मा - दीदी इसका लण्ड कितना तप रहा है देखो ,,,,
फिर बुआ ने भी अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया ।

आह्हह क्या आनन्द था मेरी घर की दो गदरायी माले मेरे लण्ड को थामे हुए उनका तापमान मापे जा रही थी ।

मै - आह्हह मा दर्द हो रहा है कुछ करो ना
मा - हा बेटा रुक ,,,
मा बुआ से - दीदी जरा इसके लण्ड को मुह मे लेके ठंडा कर दो मै बाहर दुकान मे हू ,,,बेचारे के लिए पहली बार है ना तो ज्यादा तकलीफ लग रही है ।
मा की बातो मे फिकर थी,, इधर मुझे लग रहा था कि अब बुआ और मा दोनो मेरा लण्ड एक साथ चुसेगी लेकिन मा तो किनारा कर रही थीं, तभी बुआ ने ऐसा कुछ बोला कि मै गदगद हो गया ।

बुआ - भाभी ये आपका बेटा है आपका इसपे ज्यादा हक भी है और आज इसका पहली बार है तो क्यू ना मा होने के नाते आप ही इसके लण्ड को ठण्डा करो ,, दुकान मे मै बैठ जाती हू

फिर बुआ उठ कर जहा मा बैठि थी उसी स्टूल पर बैठ गई ।
मा ने एक नजर मेरी तरफ देखा और फिर मेरे लण्ड को देखते हुए सहलाने लगी

बुआ - क्या भाभी जल्दी करो ना बेचारा कितना परेशान है
बुआ के बोल्ते ही मा ने गप्प से लण्ड को मुह मे ले लिया और चूसने लगी ।
मा की कोमल होटों का अपने सख्त लण्ड पे घिसाव मुझे और उत्तेजीत करने लगा ,,, तीन चार बार लण्ड चूसने के बाद मा ने मेरे लण्ड को उपर की तरफ एक दम सीधा किया और मेरे लण्ड की निचली नसो को जड़ से लेकर सुपाडे के छोर तक अपने गीली जीभ से चाटने लगी और फिर मेरे सुपाडे को अपनी मुलायम जीभ के निचले हिस्से से घुमा घुमा कर गिला करने लगी ।
अब तक मैने जितनो से भी लण्ड चुस्वाया था उसमे सबसे ज्यादा मज़ा मा के साथ आ रहा था और मुझे समझ आ रहा था कि क्यू पापा को मा लण्ड चूसना इतना पसंद था और क्यो वो मा की गुरू मेरी रज्जो मौसी से लण्ड चुसवाना चाह्ते थे ।
मा ने मेरे लण्ड को सीधा कर उस्की चमडी उपर निचे करके मेरे आड़ो को मुह मे भरने लगी थी,,, और मेरा लण्ड मा की लार से पूरी तरह से गिला हो चूका था ,,, लेकिन ये सब मा की कलाओ के तर्कस का एक ही तीर था ,,, उनका हर नया स्टेप मेरे लण्ड की नसो मे और कसाव ला रहा था ।
फिर मा ने वापस लण्ड को मुह मे लेकर जड़ तक लिया और एक हाथ से मेरे आड़ो को दबाने लगी । मेरे सुपाड़े पर मा के गाले की घाटी चुब रही थी । मा वापस से लण्ड को आगे पीछे कर लण्ड की चुस्ती रही और मुह के अन्दर मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ की कलाबाजी दिखाती रही । करीब 10 मिनटो की चुसाई के बाद मेरे सबर का बान्ध टुट गया,, अब मै और ज्यादा देर तक खुद को सम्भाल नही सकता था ,,, मा के लण्ड चूसने की कला के आगे मै नतमस्तक हो गया था ,,, मेरे लण्ड के कडक बढ़ गई और नसे फूलने लगी , सुपाडे मे खुन ज्यादा होने से उसमे दर्द होने लगा था ,,,मेरे पैर कापने लगे सांसे तेज़ी से फूलने लगी और मै लदखदती आवाज मे

मै - अह्ह्ह्ह माआअह्ह मेराआअह्ह हो ने वा ...
बुआ - बेटा रोकना मत उसको बह जाने दे तभी दर्द कम होगा
फिर मैने मा की तरफ देखा तो वो मुह मे लण्ड लिये हा का इशारा करती है और तेज़ी से मेरे सुपाडे को सुरकने लगती है ,,,, फिर चंद पलो मे मैने अपने सुपाडे को ढिला छोड दिया और मेरी नशो मे भरा वीर्य तेज़ी से मा के मुह मे भरने लगा और मा ने अच्छी तरह से चाट कर और मेरे सुपाड़े को सुरक कर सारा वीर्य साफ किया और मै वही बिस्तर पर धडाम हो गया ।

मा भी उठी और अपने चेहरे साफ किया और वही बगल मे बैठ गई
बुआ ह्स्ते हुए - वाह भाभी आप सच मे खिलाडी है लण्ड चूसने मे ,,,
मा - तभी तो कह रही हू ना कि इसके पापा को खुश रख लोगी न आप
बुआ - कोसिस करंगी मै भाभी लेकिन शुरुआत तो होनी चाहिए ना

मा - तो आज रात मे कर लो शुरूवात ,,,वैसे भ आज आपको इस रूप मे देख कर उनका कण्ट्रोल नही रहने वाला है

बुआ - लेकिन कैसे भाभी आप ही उनको लेके सोते हो ना कभी मेरे पास छोड़ते ही नही हिहिहिहिही

मा - ठीक है फिर आज रात हम लोग छत पर ही सोया जायेगा ,,, और देखते है तब आप क्या करती है

बुआ - सोच लो भाभी अगर मेरे जाल मे फस गये भईया तो निकल पाना मुस्किल है

मा - अरे वो तो खुद आना चाहते है आपके जाल मे और मेरी चिन्ता ना करिये ,, क्योकि वो आपके लिये 4 दिनो से तरस रहे है कही आप ही ना भाग जाओ हिहिहिही

बुआ - चलिये देख्ते है ,,, मेरी जवानी के आगे अच्छे अच्छे पानी भरे है तो एक बार भईया भी सही
मा - एक बार ले के देखो अपने भैया का ,, जिजा जी को भी भूल जाओगी हीहीहि

इधर मै उन लोगो की बाते और रात मे छत पर होने वाले रोमांच से बहुत उत्तेजित होने लगा था और मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा ।



देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है
आप सभी अपनी राय और सुझावों की जरुर रखे ।
Good
 

Vicky2009

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Update 52 ( MEGA )

रात मे सोने के विचार से सारे लोग परेशान तीन उम्मीद भरी नजरे मुझसे आस लगाये थी ।
वही दुसरी तरफ विमला मौसी और मामा के बीच अलग ही नैन इशारे हो रहे थे । मेरे दुसरे बगल मे बैठी कोमल अपनी मा को मुस्कुराता देख कुछ खास खुश नही नजर आ रही थी । क्योकि वो भली भांति परिचित थी अपनी मा के करतुतों से कि जाने से पहले वो मेरे मामा से जरुर चुदेगी ।
वही अगर कोई सबसे ज्यादा कोई खुश था वो गीता बबिता थी , मासूम सी अल्हड़ जवानी मे घुस्ती मदमस्त लडकिया जिनको अभी एक दिन पहले ही तो जिस्मो का सुख से रुबरू होने का अह्सास मिला था तो वो भी मेरे जाने से पहले से ट्यूबवेल के उस हवस भरे खेल का मज़ा लेना चाहती थी ।
मै मन इसी उधेड़बुन मे था कि कैसे कोई रास्ता निकालू
कुछ तो करना ही पडेगा ।
इसी समय नाना खाना खा कर उठे और मुझसे कहा
नाना - बेटा तू थक तो नही गया है ना
मै मुस्कुरा कर - नही नाना जी कहिये क्या बात है ,
नाना - जरा खाना खा कर मेरे कमरे मे आना तुझसे कुछ बात करनी है ।
मै - जी नाना
फिर हम सब खाना खाये और मै खाना खाने के बाद निकल गया नाना के पास
कमरे मे नाना बिस्तर पर बैठे थे टेक लगाये और तम्बाकु रगड़ रहे थे । ये उनकी रोज की दिनचर्या मे शामिल था कि खाने के बाद तंबाकू खाना

मुझे देखते ही मुस्कुराये और बिस्तर पर बैठने को बोला
मै उन्के पाव के पास बैठा
नाना - और बेटा तू भी लेगा तम्बाकू
मै हस्ते हुए - अरे नही नही नाना जी मै नही खाता ये सब
नाना - धत्त पगले जिसने तम्बाकू ना खाया तो मर्द कैसा रे
मै अचरज से - क्यू , जो नही खाते वो मर्द नही होते
नाना - तू अभी नही समझेगा , जब तेरे भी बदन को औरत का स्पर्श मिलेगा तब तू जानेगा कि ये तम्बाकू किस काम का है हाहाहा

मुझे नाना के साथ ऐसे कोई संवाद की उम्मीद नही थी इस लिए मै सही मायने मे शर्मा कर बिना कुछ बोले शर्माने लगा ।
नाना - अरे मेरे शर्मा मत , मर्द तो ऐसी बाते करते ही है बेटा , तू मुझे अपना दोस्त समझा कर
मै जिज्ञासा भरे भाव से भौहे सिकोड़ कर - दोस्त ???
नाना - हा भई दोस्त , तुझे पता है नाना पोते मे और दादा पोते मे बहुत गहरी दोस्ती होती है
मै मुस्कुरा कर - हीहीहि क्या नाना आप भी
नाना - तू मान नही रहा है अरे मेरे दादा तो यहा कि कहते थे कि औरत से कैसे बात करनी चाहिए उनको खुश कैसे करना है
मै इस बार और शर्म से लाल हुआ
नाना - देख बेटा मेरे लिये मेरे पोते ही मेरी वंश की शाखाएँ है और मै नही चाहता की तू अनाड़ी ही रह जाये।

मै - कैसा अनाडी नाना जी , मै समझा नही
नाना मुस्कुरा कर - लगता हकि तेरी कोई लड़कियो मे दोस्त नही है अब तक तभी तू ऐसे नासमझो के जैसे बाते करता है ।
मै - है ना नाना जी ,
नाना - हहाहह्हाअह्हा , कौन वो कोमल
मै - हम्म्म्म क्यू
नाना - अरे बुड़बक मै स्कूल की दोस्ती की नही , प्रेमिका की बाते कर रहा हू , क्या कहते वो तू लोग उसको ,,हा गर्लफ्रैंड हाहाहाहहा

मै मुस्कुरा कर शर्मा गया
नाना- तो बता है कोई तेरी गर्लफ्रैंड
मै मुस्कुरा कर शर्माते हुए ना मे सर हिलाया
नाना - मुझे लगा ही था कि तू क्यू नही समझ पाया ,,,, अरे तू तो लण्ड को भी नुनी ही बुलाता होगा ,,हाहाहहहहा
मै शरमा कर - क्या नाना ,,,मुझे पता है कि किसको क्या कहते है इतना भी भोला नही हू मै ,,,, और आपने यही सब बाते करने के लिए बुलाआ मुझे
नाना हस्ते हुए - हाहाहहा , अरे नही बेटा काम तो कुछ और था लेकिन अभी तेरे लिए कोई और ज्ञान जरुरी हो गया
मै अचरज भाव से - कैसा ज्ञान नाना जी ,,
नाना - बेटा ऐसे बात कोई भी मा बाप अपने बेटो से नही करते है । इसलिये तो दादा या नाना को अपने नाती पोता का दोस्त बनना पड़ता है । हाहाह्हाहा
मै नाना की बाते सुन कर मुस्कुरा रहा था
नाना - तू बता आखिर तुझे किस तरह की लडकी पसंद आती है , मान ले तुझे शादी करनी हो तो

मै अबतक की बातो से समझ गया था कि नाना मेरे साथ सेक्स की बातो पर खुल कर बाते करना चाह्ते है । मगर इतनी जल्दी नही खुलना चाहता था और ना ही ऐसे मज़ेदार बातो का मज़ा किरकिरा करना चाहता था ।

मै - अब ऐसे कैसे बताऊ कोई सामने रहे तब ना
नाना - हम्म्म अच्छा मान ले तेरी मौसी , तेरी मा या मामी या वो तेरी दोस्त कोमल या फिर उसकी मा वो विमली ,,, मे सबका रिस्ता तेरे लिये आया हो तो किसे चुनेगा

मै हस्ते हुए - क्या नाना जी आप भी , मेरी मौसी मा और मामी का रिस्ता क्यू आयेगा मेरे लिए
नाना - अरे तू रिस्ता ना देख ये बता उन पांचो मे किसका बदन तुझे पसन्द है ,,
मै मुस्कुरा कर - नाना सारे लोग अपने जगह पर सही है
नाना - अच्छा वो कैसे
मै संकोचवश - वो वो
नाना - अरे खुल कर बता ना बेटा अपने दोस्त से क्या शर्म
मै मुस्करा कर - देखो नाना मा हल्की सावली है लेकिन उनका चंचल स्वभाव और भरा बदन पसंद है , मामी बहुत खुबसुरत है , कोमल मेरे हमउम्र मे है और अच्छी लडकी है और विमला मौसी थोडे नये जमाने के हिसाब से रहती है तो वो भी ठीक है।

नाना - और तेरी रज्जो मौसी का क्या , उसमे क्या खास है
मै - वो मुझे उनका भारी बदन अच्छा ल्गा उन्का सब बड़ा बड़ा है जो मुझे पसंद आया

नाना मुस्कुराये और धोती मे हुकार भरते लण्ड को सहला कर - हम्म्म्म बात तो तेरी सही है
मेरी नजर नाना के हाथो पर गयी और नाना ने मुझे खुद का लण्ड सहलाते देखा तो हसते हुए बोले - हाह्हाह्हा देखा तम्बाकू का असर बेटा, बुढापे मे भी मुसल को खड़ा कर देता है और अभी तो जोश इतना हो रहा है कि दो गदरायी औरत अभी चोद दू हाहहा

मै शरम से निचे देखने लगा
इसीबिच गीता मुझे बुलाने नाना के कमरे मे आ गई
गीता - चलो भैया हमारे साथ भी बाते करो ना
नाना - हा अब जा बेटा हमारी बाते आगे फिर कभी होगी हाहाहाह्हा
मै - जी नाना
फिर हम दोनो जाने लगे तो नाना ने पीछे से आवाज दी
नाना - बेटा जरा अपनी रज्जो मौसी को बोल देना कि मैने आवाज दी है और तुम सब सो जाना

मै समझ गया कि आखिर क्यू नाना ने रज्जो मौसी की बुलाने को कहा लेकिन उससे जरुरी ये था कि उनकी तबियत ठीक नहीं थी तो क्या फिर भी वो ये सब करेंगे ।
खैर मै गीता को कमरे मे आने को बोल कर मौसी के कमरे मे गया ,,,जहा मा और मौसी बैठी सोफे पर कुछ बाते कर रही थी ।

मुझे देख कर दोनो के चेहरे खिल गये
मौसी - अरे राज बेटा वो दोनो सो गयी क्या
मै - नही मौसी वो नाना ने आपको बुलाया है
मा - लेकिन दीदी बाऊजी की तबियत ठीक नहीं है न तो कैसे
मौसी - उन्की तबियत तम्बाकू खाते ही ठीक हो जाती है रे छोटी हिहिहिही
मा - भ्क्क्क और जो डॉक्टर ने बोला वो ,,,
मौसी - चार दिन बादाम वाला दूध मिला नही की सब चुस्त दुरुस्त हीहीहि
मा हस्ते हुए लेकिन मन मे एक नयी खुशी को समेटे जिसे सिर्फ मै और मा ही समझ सकते थे - अच्छा
मौसी - चल ठीक है अभी आती हू
फिर मौसी नाना के रूम मे निकल गयी और वही मा मुझे देखा और फिर शर्माने लगी । वो समझ चुकी थी कि इस समय हम दोनो के मन मे क्या था ।
मै - मा अब खुश हो ना
मा शर्मा कर - तू ना चुप रह और जल्दी से उन दोनो को सुला कर मेरे पास आ जा ,,
मै खुश होकर मा के गाल को चुमा - ठीक है मा आता हू अभी ।
मा - वो अपना मोबाईल देके जा जरा घर की खोज खबर लेलू

मै मा को मोबाइल दिया और निकल गया गीता बबिता के रूम मे
कमरे मे जाकर मैने दरवाजा बंद किया और उन्के बेड पर चला गया ।
दोनो बिस्तर पर बैठे हुए बाते कर रही थी और मुझे देखते ही बबिता बोली

बबिता - आओ भैया बैठो
मै - क्यू तुम दोनो को सोना नही है देखो 9:30 बजने वाले है
गीता - ब्क्क्क भैया हमलोग वो खेल खेलने वाले थे ना ,,और आप कल चले भी जओगे ।
गीता बहुत ही गिरे मन से बोली
मै मुस्कुरा कर - हम्म्म तो बैठी क्यू हो चलो शुरू हो जाओ
गिता - सच भैया
मै - हा मेरी मीठी
गीता को बाहो मे भर कर गाल को काटते हुए बोला

बबिता हस्ते हुए - हिहिहिही पहले कपडे तो निकालो ना भैया
मै - वो भी मै ही करू हा
गिता उठी और झट से मेरे पैर के पास जमीन पर घुटनो के बल आ गई
गिता - चलो खड़ा हो जाओ आप
मै ह्सा और खड़ा हो गया
गीता ने मेरे लोवर को पकड़ा और घूतने तक खीचा जिससे आधा खड़ा हुआ लण्ड का सामने आ गया वही बबिता बगल मे बिस्तर पर घोड़ी बन कर गरदन आगे करके मेरे लण्ड को निहार रही थी ।

गीता ने एक नजर मुझे देखा और उत्साह मे बबिता को देख कर मुस्कुराई और उठे मेरे लण्ड को चूम लिया ,जिससे मेरा लण्ड झटके खाने लगा
वही मौका पाकर बगल मे घोड़ी बनकर मेरे लण्ड को झाकती बबिता ने एक हाथ से मेरे आडो को सहलाना शुरू कर दिया और गीता मेरे आधे झुके लण्ड के सुपाडे होठो मे भर ली ।
जल्द ही मेरा लण्ड तनने लगा और बबिता के कोमल हाथो मे आड़ो के मसलने से मेरे लण्ड मे खुन का बहाव तेज होने लगा जिससे गिता के मुह मे मेरा लण्ड कसना शुरू कर दिया ।
अब बबिता ने आड़ो के साथ चमडी को पीछे ले जाने लगी जिससे गिता मेरे सुपाडे को और मुह खोल कर अन्दर लेती
मै सिसकियाँ लेते हुए मेरी जवान कसी हुई बहानो के मज़े लेने ल्गा ।
मेरी नजर जब बबीता पर गयी तो वो गीता को लण्ड चुस्ते हुए ही निहार रही है और जैसे जैसे गीता मेरे लण्ड को मुह मे भरती वैसे ही बबिता के खुले मुह लण्ड के चूसने की कलपना करके हिलते रहते ।
हवस धीरे धीरे बबिता पर बढ़ने लगा जिसका अंदाजा मुझे अपने आड़ो पर पड़ रही उसके हाथ की तेज मसलन से साफ पता चल रहा था ।
फिर मै रहम कर गीता के सर को पकड कर पीछे किया और बबिता की तरफ घूम गया ।

बबिता मुझे देखी और मुस्कुराई फिर एक हाथ से लण्ड की चमडी को आगे पीछे करते हुए मेरी आँखो मे देखा और फिर आंखे बंद कर बडे चाव से मुह खोल कर लण्ड को भर लिया और चूसने लगी । मै बबिता के बालो मे हाथ फेरते हुए सिसकता रहा और अपनी कमर को आगे बढ़ाते हुए लण्ड को उसके गले मे उतारने की कोसिस करता तो वो मेरे पेट को हाथ से रोक देती जिसका इशारा होता कि वो इससे ज्यादा नही ले सकती थी।

वही मेरे पीछे गीता वैसे बैठे बैठे ही मेरे चुतडो को सहलाने लगी ,,जिससे मुझे गुदगुड़ी होने लगी । जिससे मेरे सिस्कियो मे मीठी सी मुस्कान भी आ चुकी थी ।
मै अभी झडना नही चाह्ता था तो बबिता को भी खुद से अलग किया और वो जीभ लपल्पती अपने लार को चाटते हुए अलग हुई मुझ्से ।
फिर मै बबिता को खड़ा किया और उसके टीशर्ट को निकालने लगा
अन्दर उसने कुछ नही पहना था जिससे उसकी चुचिया की गुलाबी चुचक खिलकर मेरे सामने थे । मै झुक कर जीभ निकालते हुए एक बार बबिता की दाई चुची के निप्प्ल को छुआ और होठो मे भर लिया ,

बबिता - सीईईई उह्ह्ह्ह भैया अह्ह्ह्ज उम्म्ंम्ं
बबिता की आवाज सुन कर मुझे आभास हुआ की गीता निचे से खड़ी हो गयी और अपने कपडे निकालने लगी ।
वही मै बबिया की कमर को थामे उसकी चुचिया चुस रहा था और वो मेरे सर को अपने चुचीयो पर रगड़ने लगी ।
इसी बीच गीता मेरे टीशर्ट को उपर की तरफ करने लगी और पीछे से ही मेरे पीठ से चिपक गयी ।
कुछ पल के लिए मेरे सारे क्रिया कलाप रुक गये क्योकि गीता के मुलायम चुचियो का अपनी पीठ पर अह्सास पाते ही मै सिहर गया । वही वो हाथ को आगे ले जाकर वापस मेरे लण्ड को पकड लिया और नीचे उसकी जन्घे मेरे जांघो को छू रही थी ।
खुद को थोडा सम्भाल कर मै वापस बबिता के चुचियो पर टुट पडा
एक तरफ जहां मै बबिता के चुचे चुस रहा वही गीता अपने पेट मेरे चुतडो पर नचा कर मुझे गुदगुदी सा अह्सास दिला रही थी और अपने चुचियो को मेरे पीठ पर रगड़ रही थी ।
मै गीता की कामुक हरकत से उतेजित होकर सारी भड़ास बबिता के चुचियो पर निकाल रहा था इसी दौरान गीता घूमी और अपने गुदाज गाड़ को मेरे चुतडो पर रगड़ते हुए सिसकने लगी
गीता- अह्ह्ह्ह भैया कितना मज़ा आ रहा है गाड़ रगड़ने मे उफ्फ्फ हिहिहीहीहि कित्नी मुलायम गाड़ है आपकी भैया अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ इस्स्स्स्स अह्ह्ह

मै भी गीता के इस नये स्पर्श से मदहोश होने लगा इसी बीच किसी ने दरवाजा खटखटा कर हमारी मस्ती को नजर लगा दी
कौन हो सकता था अब क्योकि सारे लोग तो अपने कमरे मे थे सिवाय मा के जो अकेली थी । कही वही तो नहीं ना हो ।

मैने झट से दोनो को अलग किया और इशारे मे कपडे पहन कर सोने का नाटक करने को बोला और मै भी अपने खडे लंड पर लोवर पहन कर दरवाजे तक गया और दरवाजा खुला तो जो सामने दिखा उसकी इस समय होने की उम्मीद मैने नही की ।

सामने कोमल खड़ी थी और अंदर झाक कर एक बार बेड पर देखा तो गीता बबिता उसे सोती हुई नजर आई ।
फिर मेरी नजर मुझसे मिली तो
मै - अरे कोमल तुम यहा इस वक्त
कोमल मुस्कुरा कर - हा वो कोई था नही कमरे मे सोचा देखू तुम क्या कर रहे हो ।

मै दरवाजा खोला और उसको कमरे मे आने का इशारा कर दरवाजा बंद करते हुए बोला - क्या हुआ कोमल तुम्हारी मा कहा गयी ।
कोमल - वो मा किसी से बात करने के लिए छत पर गयी है तो मै अकेले क्या करती
मै एक नजर गीता बबिता को देखा और फिर कोमल को देख कर मुस्कुराते हुए - कोई बात नहीं कोमल आओ बैठो यहा
मैने कोमल को बेड के सामने सोफे पर बैठने को कहा
वो बैठी और मै उसके सामने बेचैनी से टहल रहा था क्योकि मुझे डर था कही गीताबबिता के सामने कोमल कोई गड़बड़ ना करे
कोमल - क्या हुआ राज तुम ऐसे घूम क्यू रहे हो बैठ जाओ

उसकी आवाज सुन कर मै उसकी तरफ घुमा तो उसकी नजर मेरे लोवर मे तने हुए लण्ड पर गयी ,,,

कोमल मुस्कुरा कर - वैसे क्या कर रहे थे जनाब अकेले मे जो ये फिर से ,,, मेरे लण्ड की तरफ इशारा किया

मै हड़बड़ी मे बार बार गीता बबिता को देख कर वो वो करने लगा
कोमल - अरे रिलैक्स राज वो सो गयी है ना , बताओ
मै - हा वो मै रोज रात मे इसकी मालिश करता हू ना इसिलिए
कोमल मुह पर हाथ रख कर मुस्कुराते हुए बोली - अरे बुधु तो इतना संकोच मे क्यू बोल रहे , अभी थोडी देर पहले तक तो मेरे से खुल कर बाते कर रहे थे और अगर मालिश की बात थी तो मुझसे कह देते ना तुम

मै कोमल की बाते सुनके परेशान था कि क्यू ये यहा आई और इसको कूछ गडबड़ करने से कैसे रोकू ,, कयोंकि अगर गिता बबिता को भनक लग गयी तो वो अपनी बेवकूफ़ी मे उसका क्या मतलब निकालेगी वो तो राम ही जाने

मै इस सोच मे डुबा था की कोमल ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बिस्तर पर बिठाया और मुझे रिलैक्स करते हुए - अरे तुम परेशान ना हो वो दोनो सो गई है ।
मै - हम्म्म्म्ं
कोमल - राज मुझे तुमसे कुछ कहना है
मै बार बार गीता बबिता को देख कर बस हू हा हम्म्म यही जवाब दे रहा था
मै - हा बोलो ना कोमल
कोमल - मै सोच रही थी कि क्यू ना घर जाने से पहले हम लोग यहा एक बार और मस्ती कर ले
मै हड़बड़ी मे - क्या क्याआआआ कह रही हो कोमल तुम ,,और कोमल को बिस्तर पर सोयी गीता बबिता की तरफ इशारा करते हुए बोला
कोमल - मै वो सब अभी नही चाहती हू राज , मै तो बस
मै - हम्म्म्म क्या
कोमल शर्मा कर - मै तो बस तुम्हारे मुसल को एक बार और प्यार करना चाहती हू
मै कोमल को बिस्तर पर इशारा कर - यार कोमल समझो तुम हम घर पर भी कर सकते है और वो फिर मुझे तुम्हारा वो घर का काम करना ही है तो प्लीज

मै प्लीज प्लीज करता रहा लेकिन कोमल ने मेरी एक ना सुनी और फर्श पर घुटनो के बल आ कर मेरे लण्ड को मेरे लोवर से बाहर निकाला और चूसना शुरू कर दी ।
मै एक बार फिर से हवा में तैरने लगा,,,फिर मेरी नजर बिस्तर पर गयी तो मेरी जुबान बाहर आने वाली स्थिति थी क्योकि इस समय गीता करवट लेके कोमल को मेरा लंड चुस्त्र देख रही थी जबकि बबिता गिता के कन्धे के सहारे आगे होकर मुझसे इशारे मे बोल रही थी की ये सब क्या है ।

मै दोनो को चुप रहने का इशारा करते हुए आंखे मूंद लिया क्योकि कोमल मेरे सुपाड़े को अपने गले में लटकती घंटी से टच करवा रही और सुउउउरररररररुउउऊप्प्प्प सुउउउईयररररुउउईप्प्प करके मेरे लण्ड को चुस रही थी ।
मै इक बार फिर से हवस की उचाईयो को छूने लगा । और कोमल का सर पर हाथ फेरते हुए उसे और जोशिले व्यंग्य से लण्ड की तरफ दबाने लगा तभी दरवाजे पर एक और खट खट हुई ।

गीता बबिता झट से वापस से सोने का नाटक करने लगे । यहा मेरी और कोमल की स्थिति ऐसी की काटो तो खून नहीं वाली थी ।

कोमल ना चाहते हुए भी मेरे लंड से अलग हुई
कोमल हड़बड़ी मे - क्क्काआआऔनन होगा राज
मै - कही तुम्हारी मा तो नही ना गयी तुमको खोजते हुए
कोमल सहम गयी क्योकि इत्नी रात मे मेरे साथ बंद कमरे मे

डर तो मुझे भी था
मै - कोमल तुम जल्दी से बेड के निचे घुस जाओ मै देखता हू कि कौन है ।
कोमल जल्दी से बेड के निचे गयी और मै वापस से अपनी मरियल किस्मत को कोसता हुआ गीले लंड पर लोवर चढ़ा कर चल दिया दरवाजा खोलने



देखते हैं दोस्तो अब क्या नये हंगामे होने वाले है ।
पढकर अपनी राय जरुर दे
आपके हिसाब से दरवाजे पर कौन हो सकता है ।

आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
Good one
 
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