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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
Last edited:

A.A.G.

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अपडेट - 10

मैने उनको रूम मे चलने का इशारा किया...

मै - भाभी रूम मे चलते हैं….

भाभी(धीरे से नशीली आवाज़ मे)—क्यययो …..?

मै - मुझे आपकी चुत लेनी है.....आप दोगि ना अपनी चुत मुझे.... ?

भाभी शरमा जाती है कुछ नहीं बोलती है...

मैने उनका हाथ पकड़ के उठा दिया और उनके कमरे मे ले जाने लगा....वो मेरे साथ बिना किसी विरोध के चल दी..कमरे मे आते ही मैने जल्दी से दरवाजा लॉक कर के भाभी से लिपट कर उनके होंठो को चूमने लगा...

मैं मीनाक्षी भाभी से लिपट कर उनके होंठो को चूमने चाटने लगा.....भाभी भी पूरी चुदासी होकर मेरा साथ दे रही थी....होंठो को चूस्ते हुए मै एक हाथ उनके कुर्ते पर ले गया और उसके उपर से ही भाभी की चुचियो को कस कस के दबाने लगा

मीनाक्षी - आअहह.....देअ्व्व...आआअ

मै - क्या हुआ भाभी..... ?

मीनाक्षी - इतनी ज़ोर....से.....आआअ.....मत दब्ाओ....थोडा...धीरे..

मै- बोबो को दबाने का मज़ा तो ज़ोर ज़ोर से ही है भाभी.......ये तो दबाने के लिए ही बने है

मीनाक्षी - बाद मे दबा लेना…अभी घर वाले आते ही होंगे……

मैं भाभी की चुचियो को बारी बारी से वैसे कस के मसलता रहा....और मैने उनकी सलवार का नाडा़ खोलकर उनकी सलवार मे एक हाथ घुसा दिया.... भाभी जी ने अंदर चड्डी नही पहनी हैं

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मेरा हाथ सीधे भाभी की झांटो से जा टकराया…..झान्टो मे हाथ फेरते हुए मैं उनकी चुत की दरार मे उंगली उपर से नीचे चलाने लगा…चुत पूरी गीली होकर लसलसा रही थी

मीनाक्षी - आआआहह........अभी ज़्यादा टाइम नही है....जल्दी से कर लो

मै - (चुत मे उंगली करके)—क्या कर लूँ भाभी...... ?

भाभी- आआआआ.....वोही जो आप करना चाहते हो...जल्दी से ले लो.... नही तो कोई आ जाएगा

मै- (दाने को मसल कर)—क्या ले लुं भाभी....

मीनाक्षी -आआआहह....ऐसे...ही...आआआ.....

मै - (दाने को खिचते हुए)— बोलो ना भाभी..... ?

मीनाक्षी - आआआअहह....मर गयी.....आआआ....इतनी ज़ोर से मत खींचो........मुझे शरम आती है बोलने मे...

मै (उंगली घुसेड कर)- साफ साफ बताओ ना

मीनाक्षी - आआआअहह…..ऐसे ही…..आआअ…..अच्छा लग रहा है…..वोही जहाँ आप उंगली अंदर बाहर कर रहे है

मै जोर जोर से अपनी अंगुली चुत मे अंदर बाहर करता हू... जिससे भाभी की हालत खराब हो जाती है

मीनाक्षी - आआआहह……बहुत मज़ा आ रहा है….आआआ….ऐसे ही…..और ज़ोर से….आआअहह…..मेरी चुत्त्त्त्त लेना चाहत्त्ते...हो अब्ब्ब्ब... खुश...आआआहह….और ज़ोर से …आआआ

मै- ये हुई ना बात……आप अपनी चुत दोगि मुझे भाभी…..?

मीनाक्षी - मैं तो कल से अपनी चुत देना चाहती थी….लेकिन आप ही नही लेना चाहते मेरी बुर

मै- सच आप मुझे सच मे अपनी बुर देना चाहती हो

भाभी - आआआ…… बहुत पहले से आप मुझे अच्छे लगते हो...मै हमेशा से आपको पसंद करती हूँ..और हमेशा मेरा मन करता था कि आप मुझे प्यार करें.और कल जब आपने मेरी तारीफ की, मेरे साथ वो सब किया तब से….मेरा मन कर रहा था कि आप मुझे प्यार करें...


मै - आज मैं आप को बहुत प्यार करूंगा... भाभी अब आप कभी चुदासी नही रहोगी……मैं हूँ ना आपकी चुत चोदने के लिए

मीनाक्षी - मेरा बहुत मन करता है देवर जी आपको अपनी चुत दिखाने का……मै जब भी आपके कसरती बदन को देखती हू मेरा जी मचल जाता है... मैं रोज यही सोचती थी कि काश आप मुझे कही पटक कर चोद डाले ज़बरदस्ती……मुझ से खूब गंदी गंदी बाते करे…….. दिन भर मुझे खूब गंदा गंदा बोले …..मेरे दूध दबा दिया करे कभी भी…..कभी भी मेरी चुत देख लिया करे……कभी भी मेरी चुत मे लंड घुसेड दिया करे….मुझे रोज पूरी नंगी किया करे

मै - आप ये सब सोचती थी…….?

मीनाक्षी - आआअहह….हाँ देव…..ये मेरा सपना है जो मैं सच करना चाहती थी आपके साथ…….आप करोगे ना मेरा ये सपना सच देवर जी…? ये सब करेगे मेरे साथ रोज…..?

मै - पहले आपको नंगी करके चुत तो देख लूँ…फिर बताता हूँ

मीनाक्षी - अभी नंगी मत करो….घरवाले आने वाले हैं…..अभी सलवार नीचे कर के देख लो मेरी चुत…….सब के जाने के बाद जी भर के पूरी नंगी कर के
देख लेना अपनी भाभी को……अभी सलवार नीचे करके जल्दी से चुत को चोद दो...

मैने भी उनकी बात को सही मानते हुए उन्हे बिस्तर मे लिटा कर सलवार को घुटनों तक नीचे कर दिया…..सलवार नीचे होते ही भाभी की गोरी मांसल जांघे और दोनो जाँघो के बीच मे छुपि हुई झान्टो वाली चुत पूरी नंगी होकर मेरे सामने आ गयी…..बुर एकदम कचौरी की तरह खूब फूली हुई थी

मीनाक्षी - देख लो देवर जी……यही है तुम्हारी भाभी की चुत…..
कोई आ जाए उसके पहले जल्दी से ले लो

मैने भाभी के कुर्ते और ब्रा को उपर कर दिया और उनकी नंगी चुचियो को चूसने और मरोड़ने लगा....अभी ज़्यादा टाइम नही था इसलिए मैने भी वक़्त खराब करना ठीक नही समझा

भाभी के दोनो पैर फैला कर मैने लंड बाहर निकाल कर उनकी चुत के मुहाने पर टिका दिया….और चुचि पकड़ के ज़ोर का धक्का पेल दिया
चुत मे….लंड फिसल गया जिससे भाभी की सिसकारी निकल गयी

मीनाक्षी - आअहह.....आराम से ...आपका बहुत मोटा है.....

मैने फिर से बुर के छेद मे लंड को टिका कर ज़ोर दार
प्रहार किया तो इस बार लंड का टोपा कच्च की आवाज़ के साथ चुत मे फच्च से घुस गया...मीनाक्षी भाभी की इतने मे ही जान निकल गयी

मीनाक्षी - उूउउइइमाआअ.......मर गयी.......आआअहह......कितना मोटा है ...आपका........जल्दी से एक ही बार मे घुसा दो.....बार बार दर्द सहने से तो अच्छा है एक बार ही जितना दर्द होना है हो जाए......आप जोर से पेल दो....चाहे मेरी चुत फट के छितरा ही क्यो ना जाए आप पेल दो पूरा
मेरी चुत मे..... पेल दो देवर जी.....आपकी भाभी की की चुत बहुत चुदासी है .......चोद डालो इस चुत को...मेरे सैंया ....अपने मोटे लंबे लंड से फाड़ दो
आज...अपनी इस दासी की चुत को.... और बनो लो मुझे अपनी रखेल


मैने दोनो चुचियो को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए जल्दी जल्दी चार पाँच ज़ोर ज़ोर से धक्का मार कर पूरा लंड उनकी बच्चेदानी तक मे घुसेड दिया
nice update..!!
 

A.A.G.

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अपडेट -11


मीनाक्षी - आआह........मां.....मर गयी.........नीकाललो इ.......से........मुझे नही लेनां......आह मेरी......चुत



मेरी नजर भाभी की चुत पर पड़ती है... मेरा लंड उसकी चुत को फैला चुका था, और उसकी चुत से हल्का सा खून निकल रहा था।


भाभी का बुरा हाल हो गया था, पुरे कमरे में उसकी चिखे गुंज रही थी, और मै उनको बेरहमी से उसे चोदे जा रहा था।


मीनाक्षी - हाय रे...........देव.....र जी मुझे......मार.......डाल्ल्ला.... अपने आह... बे...रहम देवर.... जी रहम्म्म्म...... करो बेटे से.....


मै - छटपटा मत मादरचोद कुतीया... तु रखेल है मेरी आज से
भाभी को दर्द हो रहा था, और वो बस चील्लाये जा रही थी,मै धक्के लगाता रहा साथ साथ मे भाभी के चुचो को मसलता और पिता रहा..... अब भाभी की चुत गिली होने लगी थी...


आखिर वो समय आया जब दर्द का मजंर थमा और भाभी की पुरी खुल चुकी चुत मेरे लंड को पच्च पच्च की आवाजो के साथ अपनी चुत में ले रही थी।


अब भाभी की आवाजे सीसकीयो में बदल चुकी थी। उसकी सीसकिया ये बंया कर रहीं थी की अब उसे मजा आ रहा है।


मीनाक्षी - आह देवर जी ...मजा आ रहा है...अपनी भाभी को आह्ह... बेरहमी से क्यूं चोदा...


मै - चुप कर साली और मेरा लंड ले।


मै - आह.... तुम्हारा ये लंड आह मुझे ब....हुत मजा दे रहा है। चोदो आह.... , आज से मै आपकी रखैल हू, बे....रहम देवर...


मै जोर जोर से धक्के लगाता हू... भाभी भी अब अपनी गांड उचकाने लगती है...
वो मजे मे मेरी पीठ पर नाखून चुभाने लगती है...


मीनाक्षी - आआह... ओहहह... देवररर.. जी जोर से और जोर से..
और भाभी झडने लगती है...


मै भी झड़ने वाला था, मैने भाभी के बोबो पर जोर का थप्पड़ मारा, और खाट पर चढ़ भाभी की कमर पकड़ हवा मे उठा कर जोर जोर से पेलने लगा।


भाभी को इससे ज्यादा मजा आ रहा था... पर इससे उसको दर्द भी हो रहा था... उसके मुँह से दर्द और मजे की मिलिजुली आवाज आ रही थीं
भाभी भारी थी फिर भी मै उसकी कमर पकड़े हवा में उठाये बस चोदे जा रहा था।


मै- आह ले साली कुतीया, मेरा पानी अपनी चुत में और एक जोर का धक्का मार अपना लंड सीधा उसके चुत की गहराई में उतार दिया.
भाभी का मुँह आनंद और मजे मे खुल गया... वो मेरे लंड का पानी अपनी बच्चेदानी के मुह पर गिरता साफ महसुस कर रही थी... भाभी ने मुझे जोर से कस लिया.
उसके चेहरे पर आनंद और संतुष्टि के भाव थे


दो मिनट तक मै उसके ऊपर ही लेटा रहा... फिर खडा हो गया... भाभी अभी भी आंख बंद किये लेटी थी.
मैने उसको जोर से बोलकर जगाया.. उसने आंखें खोली ओर खड़ी होकर मेरे गले लग गई .भाभी की आंखों मे आंसू थे.


मीनाक्षी - देवर जी आज आपने मुझे वो सुख दिया जो मुझे कभी नहीं मिला... इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया...
आज से मै आपकी हुई... मुझे अपना लो.
अब से मुझ पर पहला हक आपका है...


मै- हा मेरी रंडी भाभी... आज से तु मेरी है .
मेरी रखेल है तु मीनाक्षी ...
फिर मैने उसकी मोटी मखमली गांड को भींच दिया...


मीनाक्षी - आहह... हा मेरे राजा.. आज से मै आपकी रखेल हू.
हम दोनो अलग हुए और कपड़े पहनने लगे, क्योकि अब कोई भी आ सकता था..


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polygon con


मैने एक बार भाभी के होठों को कस के चुसा... फिर मै बाहर आ गया.




पढ़ते रहिये और अपने विचार अवश्य दीजिये गा
mast update..!!
bhai maine yeh kahani padhi hai..aap baki ke updates bhi jaldi post kar do..fir aap apne time ke hisab se naye updates de sakte ho..!!
 

Raj9977

Girls aunty housewife widow n 35+ aunty DM for sex
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हमारे यहाँ पर हम लोग मारवाड़ी मे बातें करते हैं... वो सबके समझ मे आयेगी नहीं...इसलिए कहानी हिंदी मे चलेगी
मगर बीच बीच मे कुछ बातें मारवाड़ी मे होंगी

अपडेट :- 1

इस कहानी का मुख्य पात्र, हीरो देव है.

ये कहानी राजस्थान के जयपुर जिले के गाँव के एक परिवार की है. इनका मुख्य कार्य खेती है. परिवार मे लोग कम पढे लिखे है

कहानी मे पात्र अधिक होने के कारण सबके इंट्रोडक्शन मे समय लगेगा

इंट्रोडक्शन :-
माता - मुन्नी देवी (83)
बहुत साल पहले इनके पति की मौत हो चुकी है. इसने कुल 10 बच्चों को जन्म दिया, जिनमें से अब 6 ही जिंदा है (4 पुत्र, 2 पुत्री )
मुन्नी देवी अपने जमाने की एक रसीली औरत हुआ करती थीं. इनके मन मे आज भी सेक्स की भावना जिंदा है.

बड़ा भाई
रघुवीर सिंह (64)
पत्नी -धनपती देवी (60)
पुत्र -3, पुत्री -1 (इनकी शादी हो चुकी है, इनका परिचय समय आने पर होगा )

1. प्रकाश (40), पत्नी -रेखा(38), साइज (34-30-32), रंग गोरा, गोरे गाल, छोटी गांड.
ये एक आग्याकारी पत्नी है. पति पत्नी में कम ही सेक्स होता है.
इनका एक बेटा है -विकास (17)

2. देवीलाल (38), पत्नी -संगीता(36), साइज(36-30-34), गोरा रंग बडे चुच्चे.
इसने अपनी जवानी मे बहुत गुल खिलाये है जो किसी को नहीं पता है. वैसे तो अभी भी जवान हू है
एक बेटी -खुशी (16) अपनी माँ पर गयी है. अपना हीरो इसका फेवरेट चाचा, दोस्त है.

3. कपिल (34), पत्नी पंकज(32), साइज(32-32-32) दिखने मे ठिक -ठाक है.
इसने तीन बेटियों (एक मर गई ) को जन्म दिया है. जिस कारण इसका पति इसे प्यार नहीं करता है.
मनीषा (11), वंदना (8)


नंबर दो
होशियार सिंह (60)
पत्नी - कमला देवी (56)
ये एक नंबर का शराबी है, घर मे झगड़ा करना, पत्नी को पिटता है.
बेटा -1 बेटी -2( शादी हो गई है)

नंदलाल (34), पत्नी -मीनाक्षी (32), साइज (36-34-36), भरा हुआ जिस्म, बडे चुच्चे साथ मे बड़ी गांड
ये अपने पति से लंबाई तथा वजन मे ज्यादा है
इसकी एक आँख मे कुछ दिक्कत है जिस कारण इसका पति इसे ज्यादा महत्व नहीं देता है
बेटा - नमन

तीसरा भाई
श्याम सिंह (57)
पत्नी -संतोष देवी (52)
ये बिस्तर पर कम ही ध्यान देता है. ये खेती मे अधिक ध्यान देता है
एक बेटा, एक बेटी (शादी हो गई है)

सतीश (32), पत्नी - शर्मिला (33), साइज(34-30-36), रंग गोरा, गांड बड़ी, ये बहुत ही फर्जी किस्म की औरत है, सबके सामने शरीफ रहती है.
ये आवारा और झूठा किस्म का लड़का है जिस कारण इसकी शादी जल्दी कर दी गई वो भी अपनी से बड़ी लड़की के साथ.
ये अपनी पत्नी का गुलाम है.
बेटा निशांत (13), बेटी रूचि (10)


सबसे छोटा भाई
मुन्ना (44)
पत्नी -सुमन(41)
ये एकदम ही शरीफ किस्म की औरत है. ये गाँव में सरकारी स्कूल मे टीचर है. ये अपने पति की इज्जत करती है.
मुन्ना कोई काम नहीं करता है.

इनका एक बेटा है -देव (19) कहानी का हीरो
हाईट -6 फिट, हस्ट पुस्ट कसरती शरीर
लंड साईज - लंबाई (8 इंच), मोटाई (3 इंच)

देव अपनी माँ की बहुत इज्जत करता है.उनकी पुजा करता है.
ये बहुत ही शरीफ किस्म का लड़का है, लेकिन सेक्स के मामले मे एकदम हरामी है. ये सेक्स मे ज्यादा ध्यान देता है.
ये अपने घर की औरतो को चोदना चाहता है,
क्या ये चोद पायेगा, किस किस को चोद पायेगा, देखते है कहानी मे -


चारो परिवारों का गाय भैंस रखने बांधने का बाडा़ एक ही है.इसमे सभी के अलग अलग मकान बने हुए है
# राहुल का परिवार गाय भैस नहीं रखता है

सुबह का समय
देव का कमरा-
सुमन (माँ )- देव बेटा उठ जा, देख कितनी देर हो गई है. हमे मामा के घर भी जाना है ना तेरे नाना की तबीयत पुछने
देव- मा मुझे नींद आ रही है, आप और पापा ही चले जाओ, कुछ समय बाद उठ जाउंगा
मा - ठीक है बेटा लेकिन न तु जल्दी उठ जाना
सुमन बाहर आ जाती है
सुमन (मन मे)- ये खुद से तो उठेगा नहीं. संगीता को बोल देती हू वो उठा देगी
सुमन- अरे ओ संगीता कहां पर हो
संगीता - हा चाची यही पर हू, क्या हुआ.
सुमन - मै देव के नाना को देखने जा रही हू. राहुल सो रहा है तो तु उसे कुछ समय में उठा देना
संगीता -ठीक है चाची उठा दुंगी

सुबह का समय है सभी लोग इस समय खेत पर काम कर रहे होते है.
संगीता भी चारा लाने वही जाने वाली होती है

कुछ समय पश्चात
संगीता(मन मे) - आज तो लेट हो गई है खेत जाने मे. देव को उठाकर सीधे ही चली जाती हू
तभी एक आवाज आती है - मुन्नी देवी की
मुन्नी देवी की उम्र 80 से ज्यादा होने पर भी वो तंदुरस्त थी. जिसकी है कि जवानी मे बहुत देशी घी खाया है उन्होनें

मुन्नी देवी - संगीता बहु क्या कर रही हो
संगीता (मन मे)- आ गई बुढ़िया
संगीता - कुछ नहीं दादी देव को उठाने जा रही हू, फिर खेत मे जाउगी. आज काम करते करते लेट हो गई
मुन्नी देवी- देव को मै उठा दूंगी , तु जा
संगीता - ठीक है दादी

देव के कमरे मे-
देव चढ़ी बनियान मे सो रहा था. उसका लंड एकदम टाईम फुला हुआ था. जिससे उसका सुपाडा़ बाहर निकला हुआ था
मुन्नी देवी कमरे मे आती हैं तो उनकी नजर उस पर पड़ती है
मुन्नी देवी -हाय राम ये क्या है छी..छी...
वो अपनी नजर हटा लेती हैं....
वो देव को उठाने के लिए वापिस देव की तरफ देखती हैं तो उसकी नजर फिर राहुल के लंड़ पर जाती हैं...

मुन्नी देवी(मन मे) - इतना बड़ा , इतनी उम्र मे ही इसका इतना बड़ा हो गया.
जिसको भी ये मिलेगा उसके तो मजे है
मुन्नी देवी (मन मे)- क्यो ना इसे मै ले लु
अन्तरात्मा - नही ये गलत है, ये तेरा पोता है तु ऐसा नहीं कर सकती.
मुन्नी देवी- पोता हुआ तो क्या हुआ, चुत और लंड मे बस प्यार का रिश्ता होता है. देव पर तो मेरा हक है.
मुन्नी देवी देव के लंड को हाथ लगाती है, उसे झटका लगता है

मुन्नी देवी - हाय दैया कितना गरम है इसका लंड जैसे भट्टी से निकाला हो अभी.
Greatest start
 
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Devil Bhai, agar yeh copy paste hai to baki ke updates jaldi post karo, aur jha se kahani adhuri reh gayi ho to use apne style mein puri karo. Aab to experience ho gya hoga story writing ka. Mast kahani hai. Acchi choice hai aap ki.
 
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Devil Baba

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अपडे़ट - 12

फिर मै बाहर आ गया...
भाभी को चोदने मे बहुत टाइम निकल गया पता ही नहीं चला...
मुझे जोर से प्रेशर आने लगा तो मै पशुओं के बाड़े की तरफ चल पड़ा हल्का होने के लिए.. मै मुत ही रहा था कि मुझे झगड़े की आवाज सुनाई दी..
ये आवाज बाड़े से आ रही थीं..

मै बाड़े मे गया तो देखा की कपिल भाई पंकज भाभी के साथ झगड़ रहे है... फिर कपिल भाई ने भाभी को जोर से थप्पड़ मारा और वो चिलाने लगे... मै उनके पास गया, वो भाभी को फिर से थप्पड़ मारने ही वाले थे कि मैंने उनको रोक दिया...
क्या हुआ भाई जी भाभी को क्यों मार रहे हो..

कपिल - देव तु यहाँ क्या कर रहा है.
मै - आपकी आवाज सुनी तो यंहा आ गया...
क्या हुआ कपिल भाई भाभी को क्यों मार रहे हो..
कपिल - कुछ नहीं भाई..
मै - बताओ ना..
पंकज भाभी(रोते हुए )- मै बताती हू..
मैने इनको बच्चियों और मेरे लिए नये कपड़े दिलाने के लिए ही बोला... कपड़े पुराने हो गए है इसलिए...
कपिल - तु चुप कर..
मै- भाई जी आप इस बात के लिए भाभी को मार रहे हो.. ये तो गलत बात है..
कपिल - मेरा पास टाइम नहीं है फालतु कामों के लिए
मै - भाई वो आपकी पत्नी है और बेटियाँ है..

भाई कुछ नहीं बोले..
मै - ठीक है तो मै दिला लाउंगा भाभी को कपड़े, ठीक है...
कपिल -ठीक है भाई

और वो चले गये...

भाभी नीचे बैठकर रोने लगी.. मै उनके पास गया...
मै - भाभी रोईए मत, चुप हो जाईए...

मैने भाभी को पकड़ के खड़ा किया खडे़ होते ही वो जोर से मेरे गले लग गई... उनकी संतरे जैसी नरम चुचिया मेरे सीने मे चुभने लगी...
मैने भाभी के चेहरे को अपने हाथों मे लिया तो मैने देखा की उनकी गाल लाल हो चुकी है.. मैने उनके आंसुओ को साफ किया..
मै - भाभी मै हूं ना आपके साथ
मै उनकी पीठ को सहलाने लगा...
पंकज - मेरी कोई गलती नहीं थी
मै - पता है भाभी मुझे, आप चुप हो जाओ और घर पर चलो.

इस समय ताईजी और भाभी खेत से घास लेके आई नहीं थी... बच्चे बाहर खेल रहे थे.

मै भाभी को मेरे कमरे मे ले गया..
उनको बेड पर बैठाया और पानी दिया.. फिर मै दर्द की क्रीम ले आया जो उनकी मुलायम गाल पर लगाने लगा.

भाभी मेरी तरफ प्यार से देखने लगी..
मै- ऐसे क्या देख रही हो भाभी...
भाभी - आपको..
मै - क्यो
भाभी - आप कितने अच्छे हो देवर जी, आपको मेरी कितनी फिक्र है. आप कितना ख्याल रखते है मेरा.. और एक वो है जो मुझे...... (भाभी चुप हो गई )

मै - क्या भाभी आप भी, आप भी तो मेरे अपने हो.
भाभी मेरी तरफ ही देख रही थी
मै - आप ये सब छोडो

मैंने अपने लिए ज्यूस बनाया था तो एक्स्ट्रा था रूम मैने वो ज्यूस भाभी को दिया.
भाभी ये ज्यूस पी लो.

भाभी - नही, इसकी जरूरत नहीं है.
मै - भाभी आप मेरी बात नहीं मानोगी, मेरे लिए पी लो... प्लीज
भाभी - ठीक है पीती हू.

भाभी ने ज्यूस पी लिया
मै - मेरी प्यारी भाभी, और मैने भाभी के गाल पर किस कर लिया और उनको गले लगा लिया
भाभी ने कुछ नहीं कहा, वो बस खुश थी..

तभी बाहर से बच्चो की आवाज आने लगी... मै और भाभी भी बाहर आ गये...
थोड़ी देर मे बाकी सब भी आ गये..

** आज देर हो गई थी खेत मे नहीं जा पाया, रोशनी काकी भी चली गई थीं शायद **

फिर हमने खाना खाया... फिर मैने कुछ देर आराम किया..
फिर मै छोटे ताऊजी के घर की तरफ चला गया.

वहां पर सतीश भाई के बच्चे खेल रहे थे, और दादी, ताई भी वहीं पर बैठी थीं.
 

Devil Baba

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अपडेट - 13


वहां पर सतीश भाई के बच्चे खेल रहे थे, और दादी, ताई भी वहीं पर बैठी थीं
वहाँ पर कुछ औरते भी बैठी थीं...

ताऊजी हमेशा की तरह खेत मे और सतीश भाई ट्रैक्टर लेके बाहर गये थे.
मै थोड़ी देर वहाँ पर बैठा फिर घर की तरफ आ गया

फिर कुछ खास नहीं हुआ.. रात खाना खाया. फिर मम्मी को फोन आ गया उनसे कुछ बाते की... थोडी देर मोबाइल पर टाईमपास किया और सो गया.

अगले दिन मैं सुबह जल्दी ही ऊठ गया...
बाहर गयी तो नन्दलाल भाई मिल गये वो खुश लग रहे थे... मैने पूछा क्या हुआ भाई खुश लग रहे हो आज

नंदलाल - खुशी की बात है देव
देवीलाल का फोन आया था उसने कहा की उसकी कॉलेज मे अकाउंट विभाग मे एक जगह खाली है, तो उसने मेरी बात कर ली है... आज अपने शहर जाकर मेरे कागजात भेज के आ रहा हू. देवीलाल ने कहा की मेरी नौकरी पक्की है.

मै- बधाई हो भाई साहब

***
( नंदलाल भाई ने ग्रेजुएशन किया हुआ है.
मैने बताया धा ना कि वे थोडे कमजोर से है खेत का काम तो करते है, लेकिन अधिकतर काम मेरे शराबी ताऊ ही करते है नशे मे.. )

नन्दलाल भाई अपनी बाईक पर शहर चले गये.
ताऊ और ताई खेत मे थे और नमन, मनीषा और वंदना के साथ खेल रहा था..
मै जल्दी से मीनाक्षी भाभी के कमरे मे गया... वे कमरे मेँ काम कर रही थी.
मैने अंदर जाते ही दरवाजा बंद कर लिया...

भाभी ने मेरी तरफ देखा... मेरी नज़रों का स्पर्श अपने शरीर पर फील करके उनकी नज़रें शर्म से झुक गयी और वो अपने निचले होठ को दाँतों से काटती हुई फर्श की ओर देखने लगी...

मैं हौले से उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया, और उनकी कमर में अपने बाहें लपेट कर अपने से सटा लिया, मेरा लंड उनकी कमर पर ठोकर मारने लगा.

उनके कंधे को चूमते हुए माने कहा – आप मेरी हो.. !

वो – हहहहहा.... मेररे.. सैंया मै आपकी ही हूँ...
आप हमेशा मुझसे ऐसे ही प्यार करेंगे ना...?

मै बोला - हा... मै ऐसे ही प्यार करता रहूँगा....

मेरी बात सुन वो पलट गयी, और किसी दीवानी की तरह मेरे पूरे चेहरे पर चुंबनों की झड़ी लगा दी…

मे भी उनका भरपूर साथ देने लगा, उन्होने मेरे हाथ पकड़कर अपने स्तनों पर रख दिए जिन्हें मेने हौले से सहला दिया..
अहह…. देवर्जी….. इन्हें मूह में लेकर चूसो मेरे रजाअजीीीइ…. ये आपके तुम्हारे लिए है…

भाभी की बात सुन मेने अपना मूह उनके एक निपल से अड़ा दिया और चूसने लगा… बड़े ही टेस्टी और मीठे चुचे थे… वो मेरे सर को अपने हाथ से सहला रही थी अपनी आँखें बंद किए हुए…

एक हाथ से मे उनके दूसरे स्तन को सहला रहा था, कभी-2 उनके कड़क हो चुके निपल को दबा देता.. जिसके कारण उनके मूह से सिसकी… ईीीइसस्स्स्शह…. निकल जाती..

कुच्छ देर बाद मे दूसरे स्तन को चूसने लगा, और पहले वाले को हाथ से सहलाता रहा.... मेने चूस-चूस कर, मसल-मसल कर उनके दोनो स्तनों को लाल कर दिया..

भाभी के हाथ का दबाब अपने सर पर पाकर मे नीचे की ओर बढ़ा और उनके पेट और नाभि को चाटता हुआ, उनके रस कलश पर पहुँचा…

मे अपने घुटनों पर बैठकर उनके यौनी प्रदेश को निहारने लगा.. और अपने दोनो हाथों से उनकी मोटी-मोटी जांघों को सहलाते हुए अंदर की ओर लाया,

मेरे हाथों का स्पर्श अपनी जांघों के अंदुरूनी भाग पर पाकर उनकी जांघे अपने आप चौड़ी हो गयी..

अब उनकी चुत और अच्छे से दिख रहा थी… उनकी चुत से बूँद-2 करके रस टपक रहा था, जिसे मेने अपनी उंगली पर रख कर चखा,

एक खट्टा-मीठा सा स्वाद मेरी जीभ को अच्छा लगा,

भाभी ने कहाँ छी : देवर जी ये क्या कर रहे हो गंदी जगह है ये...
मेने एक बार अपने हाथ से चुत को सहला कर अपने होठ उनकी चुत पर रख दिए…

मेरे होठों का स्पर्श अपनी चुत पर पाकर भाभी के मूह से एक मीठी सी सिसकी निकल गयी…..ईीीइसस्स्स्शह……उफफफफफ्फ़………आअहह….. द.द.ए.व.ए.रजीीइईई….

भाभी - आप क्यो गंदी जगह पर मुंह लगा रहे है...
मै - ये तो दुनिया की सबसे अच्छी जगह है.. ( शायद भाई ने कभी इनकी चुत को नही चाटा )

मैने उनकी चुत की दोनो पुट्टियों समेत पूरी चुत को अपने मूह में भर लिया और चूसने लगा…
भाभी - आआआह.... मेरे राज्ज्जजा... चातूओ…ईससीईई…..प्लेआस्ीई….

भाभी के दोनो हाथ मेरे बालों को सहला रहे थे, उनके मूह से लगातार कुच्छ ना कुच्छ निकल रहा था..
आअहह….हान्न्न…ऐसी..हिी…हइईए…माआ…उफफफ्फ़…. और जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर….स.ईईईईई…..हाइईईईईईईईईईईईई…….उसस्सुउुउऊहह….खा जाऊ…हरंजड़ीइइ..कूऊ…

फिर मैने चुत की क्लिट जो ऊठी हुई थी उसको मुँह मे दबा कर चुसने लगा... और दो उँगलियां अंदर बाहर करने लगा....

भाभी जोर से चिलाने लगी... और फलफालकर झड़ने लगी… ढेर सारा… गाढ़ा-गाढ़ा.. मट्ठा सा.. उनकी चूत से निकलने लगा…
उसने मेरा मूह हटाना चाहा…

लेकिन मैने मुँह वही पर लगाये रखा... मैं उनका सारा चूतरस पी गया… भाभी की टाँगें काँप रही थी, अब उनसे खड़े रहना मुश्किल होता जा रहा था…
 
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