• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
81
1,221
114
Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
Last edited:

Devil Baba

FUCK YOU
81
1,221
114
अपडेट -14

अब उनसे खड़े रहना मुश्किल होता जा रहा था…

देवरररजी मुझे पलंग पर ले चलो ना…

मेने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया, उन्होने अपनी बाहें मेरे गले में लपेट दी.. और मैने मेरे मूह पर लगे उनके कामरस को उन्हें भी चाट दिया...
मै - कैसा था स्वाद आपके रस का..?

भाभी कुछ नहीं बोली.. वो मेरे से और चिपक गयी और मेरे गाल पर ज़ोर से काट लिया..

मेरी चीख निकल गयी और उनके दाँतों के निशान मेरे गाल पर छप गये, जिसे वो अपनी जीभ से चाटने लगी…

मेने भाभी को पलग पर लिटा दिया और खुद भी उनकी बगल में लेटकर उनके बदन पर अपना हाथ फिराने लगा.

मैने भाभी से कहाँ अब तुम भी मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर उसे चाटो, चुसो...
भाभी - नहीं... मै ऐसा नहीं कर सकती... मै इसे मुँह मे नहीं ले सकती...

मै - ये बहुत अच्छा है एक बार चुस के देखो फिर बताना... रोज चुसोगी फिर.... और मैने भी तुम्हारी चुत को चाटा है ना...

भाभी नही... मुझसे नहीं होगा....
मै- साली रंडी तु मेरी रखेल है, मै जो बोलुगा वो तु करेगी.... कल तो बडी बडी बाते कर रही थी(मै आपकी दासी हू, आपका ही हक है......... )

भाभी - नाराज ना होवो मेरे राजा.. आपकी खुशी के लिए मै सब कुछ करूँगी...
आप सीधे लेट जाओ... मै आपको सारे सुख दुंगी

मे सीधा लेट गया, तो भाभी अपनी गोल-मटोल 38 इंची गांड लेकर, पैरों के पास बैठ गयी..
उन्होने उसे अपनी मुट्ठी में क़ैद कर लिया और धीरे से मसल्ने लगी.. फिर हल्का सा उसका टोपा खोलकर उन्होने उसे चूम लिया…

मज़े में मेरी आहह… निकल गयी, दूसरे हाथ से वो मेरे टट्टों को सहला रही थी, फिर उन्होने लंड को उपर करके उन दोनो को अपने मुँह में भर लिया…

कुच्छ देर मेरे आंडों को चूसने के बाद उन्होने मेरे अधखुले सुपाडे को अपने होठों में क़ैद कर लिया और धीरे-2 उसको अंदर और अंदर लेने लगी....
(पहली बार मे ही भाभी बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी )

भाभी अपने मुँह को आगे-पीछे करके उसको चूसने लगी.. मेरा हाल बहाल होने लगा, और अपने-आप मेरी कमर भी आगे पीछे होने लगी, एक तरह से में उनके मुँह को चोद रहा था……

मेरे हाथ उनके सर पर थे, वो मेरी आँखों में देख रही थी और चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी…

मे अपने चरम पर पहुँचने ही वाला था कि उन्होने लंड चूसना बंद कर दिया… मेरे चेहरे पर असीम आश्चर्य के भाव आ गये..

मैने पुच्छा…रुक क्यों गयी भाभी… और करो ना… ! मेरा निकलने वाला था…!

तो वो बोली सैयांजी जी ! आज इसकी पहली धार मुझे अपने अंदर लेनी है, ये कह कर वो पलट गयी, और अपनी पीठ और मदमस्त गांड मेरे से सटा दी…
मेरा लंड चुत को देखकर खुशी से ठुमके लगाने लगा..

उसके झटके देखकर भाभी को हँसी आ गयी और बोली – देखा मेरे बालम जी.. आपका ये शेर अपनी सहेली को देखकर कैसे ठुमके लगा रहा है…

फिर मैने भाभी को अपने नीचे लिया... और अपने हाथ भाभी के चुचो पर टिका दिए, और उनको सहलाते हुए मै उनके उपर झुकता चला गया… उनके होठों को अपने मूह में लेकर चूसने लगा…

उनके निपल मेरे सीने से रब कर रहे थे, जिसके कारण मेरे पूरे शरीर में सुर-सुराहट सी होने लगी…..

भाभी आगे-पीछे होकर अपनी चुचियों को मेरे सीने से घिस रही थी, जिस के कारण उनकी रसभरी चुत भी मेरे लंड से गले मिलने लगी,

और अपने गीले होठों की मसाज देते हुए मानो कह रही ही.. आजा मेरे प्यारे समा जा मुझमें…

अब उनसे रहा नही जा रहा था, सो बोल पड़ी – आहह… देवरररजी… कुच्छ करो अब… जल्दी से…

मैने भी अब देर करना उचित नही समझा, उनके उपर झुके हुए ही मैने लंड को अपनी मुट्ठी में लिया और उनकी रस से भरी गागर के छोटे से मूह पर रख कर अपनी कमर को हल्के से दबा दिया…

गीली चूत में मेरा तिहाई लंड समा गया..

लेकिन भाभी कसी हुई चुत मे मेरा तगडे मोटे लंड की वजह से उनके अंदर एक तेज दर्द की लहर दौड़ गयी.. और मेरे उनके मुँह से चीख निकल गयी…

आईईईई……माआ….! देवरररजी…जरा..रूको… मेरी चुत मे जलन हो रही है आहह…

लेकिन मुझे पता था कि ऐसा कुच्छ देर के लिए होगा.. सो मै लंड को उनकी चुत पर दबाए हुए बैठा रहा और एक चुचि पकड़ कर चुसने लगा…

मैने उनकी चुची को मुँह मे लिए ही लंड को एक बार और दबा दिया…

अब आधे से ज़्यादा लंड उनकी चूत में सरक चुका था… लेकिन फिर से हल्का दर्द हुआ...

कुच्छ देर बाद उन्हें राहत सी हुई.. तो मैने जोर से एक झटका मारा और मेरा पूरा आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड अंदर घोंट दिया..

अब दर्द पहले से कम था, शायद उनकी रामप्यारी ने अंदर ही अंदर अपने रस रूपी क्रीम से उसे चिकना दिया था..

अब मैने भाभी की छाती पर अपनी हथेलियों रखी और धक्के लगाने लगा....
शुरू-2 में मै धीरे-2 आराम से धक्के लगाता रहा.. फिर अपनी गति को बढ़ा दिया..

अब उन्हें दर्द की जगह मज़ा आने लगा था..
 

Devil Baba

FUCK YOU
81
1,221
114
अपडेट - 15

अब उन्हें दर्द की जगह मज़ा आने लगा था.. और मेने भाभी के दोनो चुचे अपनी मुठियों में कस लिए और ज़ोर-ज़ोर से मीँजने लगा...

भाभी की गांड ऑटोमॅटिकली मूव करने लगी और वो नीचे से अपनी गांद उचका-2 कर धक्के लगाने लगी.

मै तेज़ी से धक्के मारने लगा, कि भाभी के मूह से हइई…..हइई…आआहह…मार्ररिइ…ऊओह…उउफफफ्फ़… जैसी आवाज़ें कमरे में गूंजने लगी….

वो मेरे धक्कों की स्पीड ज़्यादा देर तक नही झेल पाई और झड़ने लगी… पूरी तरह झड़ने के बाद वो मेरे उपर पसर गयी…

लेकिन मेरा अभी होना बाकी था... मैने धक्के मारने चालू रखे.

भाभी थोड़ी देर में फिरसे गरम हो गयी.. और फिरसे उनके मूह से ऐसे ही मादक किलकरियाँ निकलने लगी…

आखिकार मेरे अाण्डों से बहता हुआ लावा लंड के रास्ते आने लगा…

और मे बुरी तरह हुनकाआररर… भरते हुए भाभी की चूत में झड़ने लगा…

मेरी पिचकारी इतनी तेज़ी से निकली कि उसकी धार की तेज़ी उन्होने अपनी बच्चेदानी के अंदर तक महसूस की और उसके एहसास से वो फिर बुरी तरह से झड गयी…

फिर भाभी और मे, हम दोनो ही एक दूसरे से चिपक गये किसी जोंक की तरह…

स्खलन की खुमारी मे मै उनके उपर पड़ा रहा...

एक तरह से झपकी ही लग गयी थी हम दोनो को…

अभी तक मेरा लंड उनकी चूत में ही था… जो फिरसे गर्मी पाकर अंदर ही अंदर अकड़ने लगा था,

जैसे ही मै उनके उपर से उठा, पच की आवाज़ के साथ लंड चूत से बाहर हो गया.

ढेर सारा माल जो मेरे लंड और उनकी चूत से दो बार निकला था मेरे उपर गिरा और उनका सारा पेट, कमर जंघें सब के सब सन गये…

भाभी ने कहा अब बाथरूम जाना होगा...देखो तो क्या हाल हो रहा है..
मैने कहा दोनो साथ में ही चलते हैं ना..

तो वो हंस कर बोली – चलो ठीक है, और उठकर बाथरूम की तरफ चल दी, पीछे -2 मे भी उनकी मटकती गांद को सहलाते हुए चल दिया…

बाथरूम में पहुँचकर भाभी ने पहले मेरा शरीर पानी से धोया, और उसके बाद अपनी चुत साफ करने लगी…

मै भाभी से बोला – भाभी कैसा लगा चुदकर...

उन्होंने कोई जबाब नही दिया, वो मुझे झुकाकर अपनी बाहों में भरके मेरे होठों पर एक किस करके बोली - सच कहूँ… तो आपने मुझे बिन-मोल खरीद लिया देवर जी.. मरते दम तक आज के दिन को, चाह कर भी भूल नही पाउन्गी…!

मै - मे तुम्हें तुम्हारे जीवन की हर वो खुशी दुंगा जो तुम्हे चाहिए..
मेने भाभी को किसी बच्ची की तरह गोद में उठा लिया… वो भी अपनी दोनो टाँगों को मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट कर मेरे गले से लिपट गयी…..

मेरा लंड उनकी गांद की खुश्बू लेते ही तन टॅनाने लगा.. और उनके गांद के नीचे ठोकर मारने लगा…

भाभी हँसते हुए बोली अपने शेर को संभालो मेरे राजा...

मै - ये क्या करे जब इतनी आरामदायक गुफा दिख रहा हो तो वो उसमें जाने की ज़िद करेगा ही ना…

ऐसी ही हसी मज़ाक करते हुए.. मै उन्हें गोद में उठाए बाथरूम से बाहर लाया और आकर पलग पर बैठ गया, वो अभी भी मेरी गोद में ही थी…..

भाभी - अब उतारो मुझे.. या कुच्छ और इरादा है......
 

Devil Baba

FUCK YOU
81
1,221
114
अपडेट -16

भाभी - अब उतारो मुझे.. या कुच्छ और इरादा है......

मै - इरादा तो बहुत करने का है....
भाभी - मेरे राजा मन मेरा भी बहुत है, कि आप मुझे प्यार करो
लेकिन टाइम बहुत हो चुका है, माजी खेत से आती ही होगी.
मुझे भाभी की बात सही लगी
मैने भाभी के होठों को चुसा और अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गया...
बाहर आते ही मुझे कमला ताई मिल गई.
मै - आ गए ताईजी खेत से
कमला - हा बेटा, आज देर हो गई,, तेरा ताऊ तो नशे में पड़ा है, इसलिए मुझे ज्यादा काम करना पड़ा.

फिर में कमरे मे आ गया, उसके बाद सबके साथ खाना खाया, सभी बच्चे खेलने लगे और मै छोटे ताऊ के घर की तरफ चल पड़ा.
वहाँ पर ताईजी मिली...
मै- बाकी सब कहाँ है.
संतोष ताई - तेरी दादी का सर दर्द कर रहा है तो वे कमरे मे है, बहु राकेश के साथ शहर कपडे लाने गई है, और तेरे ताऊ तो खेत मे ही है.
फिर ताई ने कहा...
संतोष - बेटा तु बैठ मै तेरे ताऊ के पास जा रही हू उनको रोटी देने, और खेत से चारा भी लाना है..
मेने कहा ठीक है ताईजी....
वो खेत मे चली गई..

मै दादी के कमरे की तरफ चला गया... वहाँ पर दादी पंलग पर सो रही थीं... मै उसके पास गया. वो ब्लाउज और घाघरे मे थी...
उसके मोटे मोटे बोबो को देखकर मेरा मन उनको दबाने और पीने का हुआ...
मैने दादी के ब्लाउज के बटन खोल दिये जिससे खरबुजे जैसी मेरी चुचिया मेरे सामने आ गई.. मैने दादी के घाघरे के नाडे को खोलकर धीरे से नीचे खिसका दिया...
मैने दादी की एक चुची को भींचा, दादी थोड़ी सी कसमसाई... वो मेरे हाथ मे पूरी नहीं आई... फिर मे उनको मसलने लगा... जिससे दादी की सिसकारी निकल गई

मै अपना हाथ चुत पर ले गया और दो उंगलियों को दादी की सूखी चुत मे घुसेड दिया...
जिससे दादी को दर्द हुआ और वो हड़बडाकर ऊठ गई... दादी के ऊपर मै था जिस कारण वो उपर नहीं हो पाई...
दादी(दर्द मे) - आआआह... मा... क्या कर रहहहा.. है बेटा...
अपनी आआह.. दादी को मार ही डालेगा क्ययया.. उउउउई.. मा...
मै ऊगलियां अंदर बाहर कर रहा था जिस कारण दादी की लगातार सिसकियां निकल रही थी.

मै तुम्हें कैसे मार सकता हू दादी.., इतना कहा कर मेने अपने होठ उनके लरजते होठों पर रख दिए…

दादी मुझसे कसकर लिपट गयी… मेने उनके नितंबों को अपने हाथों में लेकर कस दिया.. तो वो और ज़ोर से अपनी जांघों को मेरी जांघों से सटाने लगी…

मेरा लंड जो कुच्छ इस दौरान ढीला पड़ गया था.. वो फिरसे अकड़ने लगा और दादी की नाभि में ठोकर मारने लगा…

दादी ने उसे अपनी मुट्ठी में कस लिया और उसे मसल्ते हुए बोली लल्ला ये तुम्हारा मूसल ग़लत रास्ते को ढूंड रहा है.. इसे सम्भालो, नही तो मेरे पेट में ही घुस जाएगा…!

मै - ये अब आपके हवाले है दादी, इसे सही रास्ता दिखना आपका काम है… फिर दादी ने मेरी टीशर्ट निकाल दी और मेरी मजबूत कसरती छाती, जिसपर बाल घने होते जा रहे थे, को सहलाते हुए बोली
पूरे मर्द हो गये हो लल्ला.. क्या मजबूत बना लिया तुमने अपने शरीर को…

एक औरत को ऐसी ही मजबूत छाती चाहिए अपना सर रखने के लिए… बहुत खुश नसीब होगी वो, जिससे तेरा ब्याह होगा...

मे – अभी तो ये आपके लिए है..
ये सुनते ही दादी ने मेरे सीने को चूम लिया और उसे चाटने लगी

मेरे शरीर में सुरसुरी सी होने लगी… और मेने उनको अलग करके उनके दोनो खरबूजों को ज़ोर से मसल दिया…
आअहह……लल्ला.एयाया… इतने ज़ोर से नही रजीईई… हान्ं…प्यार से सहलाते रहो… उफफफफ्फ़…. सीईईईई…ऊहह…

मैने दादी के बोबो पर हाथ रख दिया….. आअहह… क्या मस्त खरबूजे थे दादी के… एकदम गोल-मटोल… बड़े-बड़े, ढीले हो गये थे इस उम्र मे लेकिन फर भी क्या थे वो… जिनपर एक-एक काले अंगूर के दाने जैसे ब्राउन कलर के निपल जो अब खड़े होकर इंच बड़े हो चुके थे…

मेने उन दोनो को अपनी उंगली और अंगूठे में दबाकर मसल दिया….जिससे एक लंबी सी अह्ह्ह्ह…. उनके मूह से निकल गयी..

अब मेने उनकी चुचियों को चूसना, चाटना शुरू कर दिया था, और एक हाथ से मसलने लगा.. दादी मादक सिसकिया लेते हुए… कुच्छ ना कुच्छ बड़बड़ा रही थी…

चूस-चूस कर, मसल-मसल कर मेने उनके दोनो कबूतरों को लाल कर दिया…

जब मेने एक हाथ उनकी बूढी चुत के उपर रखा तो वो पूरी तरह कमरस से तर को चुकी थी… मे उनके पेट को चूमते हुए… उनकी जांघों के बीच बैठ गया..
मैने दादी की चूत पर किस कर लिया….

हइई….लल्ला.. ये क्या करते हो… भला वहाँ भी कोई मूह लगाता है…
मेने झिड़कते हुए कहा… आपको मज़ा आरहा है ना… तो उन्होने हां में सिर हिला दिया …

मेैने फिर कहा तो बस चुप चाप मज़ा लीजिए… मुझे कहाँ क्या करना है वो मुझे करने दीजिए..
वो सहम कर चुप हो गयी.. और आने वाले मज़े में खोने लगी..
मैने उनकी झान्टो के बालों को अपनी मुट्ठी में लेकर हल्के से खींच दिया…

दादी - हइई… बेटटा… खींच क्यों रहे हो…
 
Last edited:

Sanju@

Well-Known Member
4,686
18,752
158
* अपडेट - 7

देव की जुबानी

मैने अपना लंड धीरे से काकी की फुली हुई चुत पर सेट किया... काकी को जब तक पता चलता मैंने जोर से एक धक्का लगा दिया... जिससे मेरा लंड काकी की गरम गरम चुत मे 3 इंच तक चला गया.
इससे काकी की जोर से चीख निकल गयी और वो चिलाने लगी.

रोशनी - आआहह.....उूउउइइइममाआआ......माआर गायययययईए........आआहह.......फॅट...गइई.... मेरी बुर्र्र्र्र्ररर......पूरीईइ फत्त्त्ट गइईए....रे......कोई बचऊूओ.. आआआह.. बेटा ये क्या कर रहा है..
और काकी छुटने की कोशिश करने लगी

मैने काकी को दबोच लिया... और एक तगडा झटका मारा... जिससे मेरा लंड काकी की काली चुत में जड़ तक घुस गया

काकी की सांस गले मे अटक गई और वो रोने लगी

रोशनी - निकाल ले.....अपना लंड....आआहह......बहुत दर्द हो.....रहा है........मेरा.....पेट तक फटा जा रहा है.....निकाल...मदर्चोद....जल्दी से............जा अपनी माँ...की बुर मे घुसा...... आअहह....सच मे बहुत दर्द हो रहा है..आआआआ
छोड़ मुझे, जाने दे मुझे वरना मै शोर मचा दुंगी

मैने देखा काकी की बुर से हल्का सा खून निकल रहा था......मैं उनकी चुचियो को बारी बारी से पीने लगा.....साथ मे उन्हे दबाता भी रहा....
साथ साथ मे मैने धक्के लगाने चालु रखे...

अब मेरा लंड काकी की कई महीनों से अनचुदी चुत मे सेट हो गया था...
काकी को भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गान्ड उपर उठाने लगी

मै- साली रंडी तुझे चुदना था तो इतने नारे क्यूँ कर रही थी

रोशनी - बेटा बहुत समय से चुदी नहीं हूँ और अचानक से ये तेरा गधे जैसा लंड गया तो मेरी जान निकल गई...
देख तेरे लंड ने मेरी बूर की क्या हालत कर दी.... पूरी की पूरी फाड़ दी....
मै- काकी तु चुदना चाहती है मुझसे...

काकी कुछ नहीं बोली... मैने काकी के चुचो को जोर से भींच दिया और एक करारा धक्का लगाया...

रोशनी - आहहह.... बेटटा... थोड़ा धीरे...
मै - बोल ना काकी चोद दु तुझे...
रोशनी- तो अब क्या कर रहा है...

मैने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये.... मैने काकी के चुचो को मसल मसल कर लाला कर दिये
मै - तु अपने मुँह से बोल ना

रोशनी -आआहह....धीरे धीरे.....चोद्द्द्द.....ज़ोर से नही.....हाआ....अब ठीक लग....रहा है....ऐसे ही....पेल मेरी बुर......ले ले मेरी बुर देव बेटा.......पेल ले अपनी काकी की बुर को आज...आआआ.....अब कुछ मज़ा आ रहा है.....सच मे तेरे लंड मे तो जादू है...देव्व्....

काकी को जोश मे आते देख मैने धक्के थोड़ा ज़ोर ज़ोर से लगाने लगा......मेरा लंड काकी की बुर मे पूरा कसा कसा जा रहा था...जिससे मुझे
भी उनकी बुर चोदने मे मज़ा आ रहा था

काकी —आआअहह.....ऐसे ही.....बहुत मज़ा आ रहा है......खूब हचक हचक कर चोद मुझे देअ्वव......खूब पेल मेरी बुर को........चोद डाल

मै—काकी मुझे आपकी गान्ड भी चाहिए......मेरा बहुत मन है आपकी गान्ड मारने का...

रोशनी—आआआआ.......मार लेना.....अब तो सब....कुछ तेरा है........मैं तो आज से तेरी.....रखैल बन गयी..रे......आआआ.... मार लेना मेरी गान्ड भी......पहले मेरी चूत तो अच्छे से ले ले...और ज़ोर से...पेल.....मुझे आज पता चला की चुत कैसे चोदि जाती है

मै —आपकी चुत भी तो बहुत टाइट लग रही है.....काका मादरचोद चोदता नही है तुम्हे काकी

काकी —पाँच छ: महिनों मे कभी एक दो बार......उसका लंड भी तो तेरी उंगली बराबर ही है.....वो भी पतला......
टाइट है तो तू ढीली कर दे ना
अब……….ढीली कर दे ….अपनी काकी की बुर को बेटा….रोज चोद चोद के....बोल चोदेगा ना रोज अपनी रोशनी काकी की बुर को...

मै—हाअ....काकी....आपको रोज नंगी कर के चोदुन्गा

रोशनी —मुझे हर रोज नंगी करके चोदना बेटा......मुझे खूब गंदा गंदा बोला करना....आआआअ.....मैं तो तेरी दीवानी हो गयी...

मै- देख रंडी तेरी चुत कितना पानी छोड़ रही है...

मै जोर जोर से धक्के लगाने लगा... काकी एक बार झड चुकी थीं
उसका दुसरी बार होने वाला था....

रोशनी -एयाया….ज़ोर से मेरा होने वाला है

देव —बस काकी…….मेरा भी होने वाला है…….

मैने अपने धक्को की स्पीड डबल कर दी.....काकी ज़्यादा देर तक मैदान मे नही टिक सकी और भल भला कर झड़ने लगी... और मेरा भी फव्वारा फुट पड़ा....
काकी ने मुझे कस के पकड़ लिया... काकी की आँखे मजे मे बंद हो गई...


मेरा गर्म वीर्य अपनी चुत मे महसूस करते ही काकी ने मुझे कस के भींच लिया...
Very hot update
 
Last edited:

Sanju@

Well-Known Member
4,686
18,752
158
* अपडेट -8

मै काकी के ऊपर से खड़ा हो गया.... काकी उठकर अपने कपड़े पहनने लगी... मैने भी पहन लिये....

मैने काकी को पकड़ कर दिवार से लगा दिया और उसके होठों को पिने लगा..

रोशनी - आआआह... बेटा क्या कर रहा है.... मन नहीं भरा तेरा अभी भी.... मेरी चुत को चोद चोद कर सुजा दिया है.... आआआह.... छोड़ ना देव और बाद मे चोद लेना आआआई...

काकी मुझसे अलग हो गई....
मै - काकी तु वो रस है जिसे उतना पिओ वो कम है....
बता अब तेरी गांड कब देगी....

काकी शरमा जाती है....

रोशनी -. बेटा अब तो मै तेरी ही हू... जब तेरा मन करे मेरी ले लेना... मेरा सब कुछ तेरा है....
आज से मै तेरी रखेल हूँ....

मै काकी के चुचे और गांड भींचने लगा...

मै - ठीक है मेरी रंडी आज से तु मेरी रखेल है.... मेरा जब, जहाँ मन करेगा तेरी चुत और ये बडी गांड मांरूगा

रोशनी - ठीक है बेटा..... अब मै जाती हू बहुत देर हो गई है, दीपा घर पर इंतज़ार कर रही होगी...
मै- ठीक है जा मेरी रंडी... मै भी जाता हू....

काकी जाने लगी तो मैने उसे रोका

रोशनी - हा बेटा....
मैने अपनी जेब से 500 रूपये निकाले और उसे देने लगा...

रोशनी - ये क्या है बेटा...
मै - पैसे है रख ले तेरे काम आयेंगे...
रोशनी नहीं बेटा इसकी कोई जरूरत नहीं है.
मै - काकी तु रखले.... मुझे पता है तुझे जरूरत है...

काकी थोड़ी इंमोशनल हो गई..... उसने वो पैसे ले लिये...

फिर मै घर की तरफ चल पड़ा.... काकी की करारी चुत मारने के बाद अब मेरा लंड शांत था...
घर पर आकर मै अपने कमरे मे आराम करने लगा... हमारे घर मे बस मै ही था....

कुछ समय बाद मुझे लगा की कोई मुझे उठा रहा है...

ये कोई और नही मेरी प्यारी भतीजी खुशी थी...
Behtrin update
 

Sanju@

Well-Known Member
4,686
18,752
158
* अपडेट - 9



कुछ समय बाद मुझे लगा की कोई मुझे उठा रहा है...

ये कोई और नही मेरी प्यारी भतीजी खुशी थी...

खुशी अभी 11th क्लास में है.. कुछ ही महीनों मे 17 की होने वाली है... उसके नींबू अब संतरे बनने लगे है... अपनी मा की तरह ही एकदम गोरी चिटी पटाका माल है.... खुशी सिर्फ पढाई मे ध्यान देती है.. उसे कुछ भी समस्या आती है तो वो मुझसे पूछती है... उसे और बातों का अभी पता नहीं है.


kaviiii-06062022-0005

खुशी ने एक काले रंग की फ्रॉक पहनी हुई है.. वो मेरे ऊपर बैठे हुए मुझे उठा रही है... जिससे उसकी नई नवेली छोटी गांड मेरे लंड पर टीकी हुई है
उसकी गांड की गर्मी पाकर मेरे लंड मे हलचल होने लगती है..

खुशी - चाचा उठो ना... देखो शाम हो गई है...
मै - ऊठ रहा हू ना खुशी.... तु मेरे ऊपर क्यो बैठी हुई है...
खुशी - मेरा मन किया बैठने का तो बैठ गई (हँसने लगती है)

मै- अच्छा बच्ची अभी बताता हू..
मै उसे गुदगुदी करने लगता हू... जिससे वो मेरे ऊपर गिरने लगती है.. और उसे पकडने की कोशिश मे मेरे हाथ उसकी चुचीयो को पकड़ लेते है(आहहह.. क्या आनन्द आता है...)

खुशी की चुचिया एकदम ठोस थी तनी हुई..

खुशी -आहह.. चाचचा..
मै- क्या हुआ खुशी
खुशी - कुछ नहीं चाचा....

खुशी को पता नहीं चला उसके साथ क्या हुआ लेकिन उसे अच्छा सा एक अलग एहसास हुआ..
खुशी मेरे सीने पर सर रखकर कर लेट जाती है...

मै- मुझे उठाने आयी थी और खुद सो गई...
खुशी -उठ रही हू.... चाचा मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगता है..

मै - मेरी प्यारी गुड़िया..

मै खुशी को पकडकर उसके दोनों गाल चुमने लगता हू... खुशी को अच्छा लगता है...

2 मिनट बाद..
खुशी -चाचा छोड़ो ना कितना चुमोगे.. बाकि बाद मे चुम लेना..... अभी बाहर चलो....

फिर हम बाहर आ जाते है....

शाम के समय मे मम्मी का फोन आया...
मम्मी - हैलो बेटा...
मै- हा मम्मी...
मम्मी -बेटा तेरे नाना की तबियत थोड़ी ज्यादा खराब है, इसलिए उनको दुसरे शहर मे दिखाने ले जा रहे है..... इस कारण मुझे कुछ दिन यही पर रहना पड़ेगा, और तेरे पापा को भी ... क्योकि तेरे मामा भी यहाँ नहीं है(मामा फोज मे हैं ), तो उनकी जरूरत पड़ेगी...
मै- ठीक है मम्मी...
मम्मी - बेटा अपना ख्याल रखना..... और मे तेरी ताईजिओ को बोल दुगी खाने के लिए...
मै-ठीक है मम्मी...
मम्मी फोन रख देती है......

फिर कुछ समय ऐसे ही बिताया...

रात को जब खाने के लिए बडे ताउजी की तरफ गया तो वहा सभी बैठे हुए थे....

वहाँ पता चला की देवीलाल भाई को एक शहर के बड़े कॉलेज मे टीचर की नौकरी मिल गई है, सब खुश थे...
( देवीलाल भाई अच्छे पढे लिखे हैं. सरकारी नौकरी मे भी कोशिश की पर नंबर नहीं आया... खेत का काम कम ही होता है उनसे, थोड़े मोटे है वो.... )
जिस शहर मे कॉलेज है वो गाँव से 55 km दूर है..

मै- भाई जी रोज आना जाना करोगे..
देवीलाल - नही देव.. रोज तो आना जाना कैसे होगा... हफ्ते, दो हफ्ते मे आऊंगा... कॉलेज मे टीचरो के रहने के लिए व्यवस्था है तो वही रहूँगा... खाना भी हॉस्टल मे खा लुंगा...

खाना खाकर मै मेरे कमरे मे आ गया
(गाँव मे लोग जल्दी खा कर जल्दी सो जाते है, लेकिन मुझे लेट सोने की आदत है)



नोट:-
!!!*** गाँव मे हमारा परिवार प्रतिष्ठित और सम्पन्न परिवारों मे है.. चारो भाइयों के पास अच्छी जमीन है... हमारे परिवार मे दो ट्रैक्टर है, बडे ताऊजी और छोटे ताऊजी के पास..

### बडे ताऊजी का ट्रैक्टर प्रकाश भाई और छोटे ताऊजी का उनका बेटा सतीश चलाते है. ##

बडे ताऊजी की खेती की अधिक देखभाल छोटा बेटा कपिल ही करता है....
और छोटे ताऊजी (कमल सिंह ) के खेतो की देखभाल खुद ताऊजी करते है (जैसा पहले बताया है वे खेतों मे ज्यादा ध्यान देते है)

***!!!




नया सवेरा नया दिन.....

आज मै सुबह अपने आप ऊठ गया.... नहा धोकर मै मीनाक्षी भाभी की तरफ चल पड़ा....
मैनें उनको आवाज दी भाभी कहाँ हो आप...
मीनाक्षी -यहा रसोई मे हूँ...

मै रसोई मे चला गया...भाभी गैस के पास खडी काम रही थीं... मेरी नजर भाभी की गांड पर पड़ी...

मै भाभी के ठीक पीछे जा के खड़ा हो गया और भाभी की तरफ आगे झुकने से पहले मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और भाभी के चुत्तड़ के बीच में निशाना लगा के अपने 7½ इंच के खड़े लंड को सीधा उसके सेक्सी चुत्तड़ के ठीक बीचो बीच में घूसा दिया.
मैने अपना पूरा वज़न आगे की तरफ किया जिस से मेरा खड़ा लंड भाभी के चुत्तड़ में और अंदर घूसने लगा.

मै -भाभी क्या रही हो
और मै आगे पीछे होने लगा, मेरे 7½ इंच के लंड को अपने चुत्तड़ पर महसुस करके मीनाक्षी मस्ती में सिसकार उठि.
शशश आह......
मीनाक्षी - आआआह... कुछ..नहही..

मीनाक्षी (मन मे) हाय राम ये देव क्या कर रहे हैं...
मीनाक्षी - इनका लंड इतना मोटा क्यूँ लग रहा है...

वो मेरे लंड के साइज और कड़कपन को महसुस करने लगी....
वो कुछ कह नहीं पा रही थी

मैने अपना लंड भाभी के चुत्तड़ आगे पीछे करते हुए कहा भाभी मै कल की तरह आपके बोबो को छु लु... और मै भाभी के मोटे मोटे चुचो को मसलने लगा...

मीनाक्षी मस्ती में इतना खोई हुई है की उसे कुछ होश ही नहीं है. वो चाह कर भी अपने देवर को रोक नहीं पा रही है. वो तो बस मस्ती में आहें भर रही है आह... मम.... ओह..... उसकी चुत से पानी बह ऊठा जिसने उसकी सलवार को गिला कर दिया...
मै भाभी के चुचो को मसलने लगा... मैने उनके कुर्ते मे हाथ डाल लिये....
मेरे हाथ भाभी के मोटे मोटे मांस से भरे हुए चुचो पर पडे... मै दोनो हाथों से उनको मसलने लगा... इससे भाभी की हालत खराब होने लगी....

मीनाक्षी - आआआह... देव.. नहहही... आआह.. मममां...
मै -क्या हुआ
और मैं जोर जोर से बोबो को मींजने लगा...मैंने अपने होठ भाभी की गर्दन पर लगा दिये और चुसने लगा...
जिससे भाभी तडपने लगी...
मैं फिर से बोला - क्या हुआ...
मीनाक्षी - आआह.. कुछ नहही बसस.. ऐससे.. ही करते.. रहहहो..

मुझे लगा भाभी झड़ने वाली है तो मै पिछे हट गया...भाभी लाल आंखों से मुझे घुरके देखने लगी... मैने उनकी तरफ़ देखा तो उन्होने अपनी नजरे झुका ली....

मैने यही पर ये सब करना ठीक नही समझा लेकिन मैं अब भाभी को चोदे बिना भी नही रह सकता था….क्या पता बाद मे उनकी औरत जाग उठे और उन्हे पछतावा होने लगे उसके पहले ही मैं उन्हे चोद लेना चाहता था….


मैने उनको रूम मे चलने का इशारा किया.....
Fantastic updated
 
Top