अपडेट - 36
कुछ देर तक हम नहाने के बाद बाहर आ गये... फिर हम दौनो बिस्तर पर नंगे ही एक - दुसरे की बांहों मे सो गये...
दो घंटे तक हम सोते रहे, फिर मै उठ गया, खुशी मेरे ऊपर ही लेटी थी,
उसका गोरे रेशमी बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था, उसकी हर चीज परफेक्ट थी, कुछ तो परफेक्ट से भी ज़्यादा.
उसके जिस्म को देखकर मेरा मुसल सर उठाने लगा पर मैंने उस पर काबू किया और अपने कपड़े पहनने लगा और खुशी को भी उठा दिया...
बाहर कुछ आवाज आ रही थी, शायद घर वाले आ गये थे...
मै बाहर आ गया, खुशी भी कपड़े पहन कर मेरे पीछे -2 बाहर आ गई...
बाहर आकर पता चला की सब वापिस आये है, घर का और गाय - भैंसों का काम करने रात को वापिस जायेंगे...
मै बुलेट लेके बाहर चला गया... कुछ देर दोस्तों के साथ मजे किये फिर घर आ गया...
सभी शादी मे जाने के लिए तैयार हो रहे थे...
बड़े ताऊजी बोले तु तैयार नहीं हुआ अभी तक...
मै- ताउजी मेरा मन नहीं है जाने का.
बड़ी ताऊजी - क्यों नहीं है, बेटा वो हमारे दोस्त है और दुसरा अपने गाँव के है हमें जाना चाहिए...
तु तैयार हो जा...
थोड़ी देर मे मै तैयार होकर आ गया... पर औरते अभी भी तैयार हो रही थी...
मै पंकज भाभी के पास चला गया ऊपर...
उन्होंने कल जो हम लाये थे उसमे से एक साड़ी पहनी थी, साड़ी उन पर खूब जच्च रही थी...
मैने उनको जाकर बाहों मे भर लिया...
वो चौंक गई...
पंकज - आप भी ना, मुझे तो डरा ही दिया...
मै- इस साड़ी मे आप बहुत सुंदर और एक दम हॉट लग रही है भाभी...
उन्होंने मुंह फेर लिया...
मै- क्या हुआ
पंकज - मुझे आपसे बात नहीं करनी...
मै- क्यों
पंकज - आपने मुझे क्या बुलाया... मैने जो कल बात कही थी वो मजाक मे नहीं कही थी... मैने तन,मन से आपको अपना पति मान लिया है.
मै आपकी पत्नी हूँ...
मै - गलती हो गई मेरी जान माफ करदो
पंकज - आगे से ऐसे मत करिएगा...
मै उसे किस करने लगा...
मै - तुम बहुत रसीली हो पंकज.
वो शरमा जाती है, और मेरे सीने मे अपना मुँह छुपा लेती है...
नीचे से ताईजी की आवाज आती है...
फिर हम दौनो नीचे आ जाते है...
सभी एक गाड़ी मे और ट्रैक्टर मे जा रहे होते है...
मै पंकज को अपनी बुलेट पर बैठा लेता हूँ... सब के निकलने के बाद हम निकलते है...
बाईक पर बैठते ही पंकज मुझसे चिपक जाती है...
हम भी शादी मे पहुँच जाते है, पंकज अंदर चली जाती है...मै ऐसे ही घूमने लगा.
गाँव मे लोगों मे फैशन का इतना चलन नहीं है, सभी नॉर्मल कपड़े ही पहनते है...और इतने पैसे भी कहां होते हैं सब के पास
पर मुझे फैशनेबल रहने का शौक है, मुझे ब्रेंड की समझ है और मै ब्रांडेड चीजें ही यूज करता हू... आज भी मै सबसे अलग और स्मार्ट लग रहा हूँ...
गाँव मे सभी एक दुसरे की मदद करते है, तो मै भी काम मे मदद करने लगा...
अंदर सभी औरतें बैठी हुई थी, मै काम से अंदर गया तो औरते मेरी तरफ देखने लगी... और आपस मे बात करने लगी- की ये कौन है...
तभी बड़ी ताईजी बोल पड़ी - ये तो मेरे देवर मुन्ना का लड़का है...
औरत 1- ये तो बड़ा हो गया है...
औरत 2- हा, देख तो कितना लंबा है और शरीर भी अच्छा खासा तगडा़ है...
औरत 3- और सुंदर भी बहुत है...
औरत 1- तो ब्याह कर ले ना इससे...
सभी औरते हंसने लगती है...
औरत 3- कर तो लु पर मै बुढी़ हो गई हूँ, ये तो मेरे बेटे से छोटा है...
मैने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और काम करने लगा...
थोड़ी देर मे मैंने खाना खाया.. बाकि सब घर वाले लेट आने वाले थे पर मै अभी घर जा रहा था...
मै ताऊजी को बोलकर बाहर आ गया,, मै बाईक स्टार्ट कर ही रहा था कि बड़ी ताईजी आई उनके साथ वो तीसरी औरत भी थी...
बड़ी ताईजी - बेटा तेरी लाली ताई है, इसे इसके घर तक छोड़ देना, अभी अंधेरा बहुत हो गया है...
मै- ठीक है ताईजी छोड़ दुंगा..
परिचय -