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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
Last edited:

Ek number

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अपडेट - 39


मैने लंड पे ज़ोर डाला , लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया.
पंकज को दर्द नही हुआ. फिर एक जोरदार झटका मारा कि 4 इंच तक लंड अंदर गया.

मै पूरी तरह से पंकज के उपर आ कर अपने हाथ बूब्स पे रख कर पंकज के होंटो को चूसने लगा.

वो ये 3 तरफ का हमला झेल नही पाई, और वो सेक्स के नशे मे डूब कर पूरा मज़ा लेने लगी...

पंकज को नशे मे देख कर मैं ने आख़िरी झटका मारा . पूरा लंड अंदर चला गया. वो पहले से मदहोश थी जिस की वजह से दर्द कम हुआ. और होन्ट चूसने और बूब्स दबाने से उसको ज़्यादा दर्द नही हुआ.
मैने थोड़ी देर अपने लंड को इसी तरह चूत मे रहने दिया.

फिर मैं ने किस करना बंद कर दिया. और लंड को हल्का सा बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. उसके मूह से आहह निकल गयी.
मैंने होंठो को आज़ाद कर दिया था .अब सिर्फ़ बूब्स को दबा रहा था. फिर आधा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. फिर से आधा लंड बाहर कर अंदर डाल दिया. फिर पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया.

अब उनको मज़ा आ रहा था.इस तरह धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने से वो लंड को अच्छे से फील कर रही थी.

फिर मैं ने धक्के लगाना शुरू किया.पहले धीरे धीरे फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. हर धक्के के साथ उनके मुंह से आहह निकलती...
अब उन्हें पुरा मजा आने लगा वो कहती और ज़ोर से मारो.फिर मैं ज़ोर से धक्के मारता. फिर से कहती और ज़ोर से मारो.

हमारा यही खेल चलता रहा .मैं धक्के मारता वो ज़ोर से मारने को कहती.

इसी तरह चुदाई करने के बाद मैं ने अपना वीर्य पंकज की चूत मे डाल दिया. वो 3 बार झाड़ चुकी थी.
हम दौनो ने चुदाई का भरपूर मज़ा लिया, हम दोनो हाँफने लगे.
थोड़ी देर बाद हम नॉर्मल हो गये.
मै- अब तो खुश हो मेरी जान.
पंकज - बहुत - बहुत खुश हूँ.

फिर हम दोनों एक -दुसरे से लिपट कर लेट गये...मैने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिये और धीरे -2 दोनो चुतडो को सहलाने लगा...
मै- मुझे तुम्हारी ये गांड मारनी है...
पंकज - वो गंदी जगह है, वहाँ पर कौन करता है...

मै- गांड तो बहुत रसीली होती है, गांड मारने का तो अलग ही मजा है.. बहुत मजा आता है. मुझे मारनी है.

पंकज - ठीक है अगर आपका मन है तो कर लीजिए. मेरा सबकुछ आपका ही है...
मै- मेरी रानी...

पंकज - पर आराम से करिएगा, और आप अपना पानी मेरी चुत मे ही छोड़ना...
मै-ठीक है मेरी रानी...

मैने पंकज के होंठों को चूसना सुरू किया. और पंकज को बेड पर लिटा दिया. मैने पंकज के नीचे पिल्लो रख दिया, जिस से कि उसकी की गांड उपर हो गयी.

मैं पंकज के उपर आकर पहले उनको गरम करना चाहता था.मैंने उसको किस करना शुरू किया. किस करने के बाद मैं निपल के साथ खेलने लगा.

निपल को जीभ से चाटने लगा. निपल टाइट हो गये. फिर बूब्स को मूह मे लेकर चूसने लगा. बूब्स चूसते समय मैं ने एक उंगली चूत मे डाल कर आगे पीछे करने लगा.

अब वो पूरी तरह से गरम हो गयी...
फिर मैं ने लंड को गांड की छेद पे रखा

पंकज - पहले थोड़ा तेल लगा लीजिए...
मै-कहाँ है तेल
पंकज - वो टेबल पे रखा है

मैंने तेल को अपने लंड पे लगा लिया. बाकी तेल को उनकी गांड मे डाल दिया. गांड पर तेल लगते समय मैंने उंगली को गांड मे डाल दिया. जिस से गंद मे तेल अच्छे से लग गया.
मै उंगली को अंदर बाहर करने लगा....

फिर मैंने लंड को गांड पर रख दिया...
पंकज - थोड़ा धीरे करना...
एक बार मैने पंकज की तरफ देखा .उन्होंने अपनी आँखे बंद कर दी और अपने होंटो को दबा दिया.

मैं एक ज़ोर का झटका मारा मेरा आधा लंड गंद मे चला गया. पंकज की चीख निकल गयी.

पंकज - आअहह आराम से करिए.... आहह दर्द हो रहा है.

मैंने बूब्स को दबाना सुरू किया. बूब्स दबाने से पंकज को अच्छा लग रहा था.
मैने पंकज के होंठों पर अपने होन्ठ रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा जिस से पूरा लंड अंदर चला गया. भाभी की चीख निकल गयी. उनकी चीख मेरे मूह मे दब गयी. मैने बूब्स को दबाना जारी रखा.
और होंटो को चूसने लगा. और लंड को वैसे ही गंद मे रहने दिया.

पंकज की आंखों मे आंसू आ गये...
पंकज - आपने तो मेरी गांड फाड ही दी आआहह...

5 मिनट तक मैं ऐसा ही पड़ा रहा .
जब उनको थोड़ा अच्छा लगने लगा तब मैं ने लंड को हिलाना सुरू किया.
मैं धीरे -2 धक्के मारने लगा .मेरे धक्को की वजह से उसकी गांड लाल हो गयी.

लंड अंदर बाहर करने से पंकज को दर्द हो रहा था.
पर जैसे जैसे लंड अंदर बाहर हो रहा था वैसे वैसे उसका दर्द कम हो रहा था.
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हो गया. मैं धक्के लगाता गया वो मज़े लेती गयी. कमरे मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़ आ रही थी.
अब भाभी को भी मजा आने लगा था...

मैं धक्के मारने लगा और चूत को अपने हाथो से मसल्ने i लगा .लगभग 20-25 मिनट तक मैं भाभी की गांड मारता रहा.
मेरा लावा छूटने वाला था तो मैने अपना लंड गांड से निकाल कर चुत मे डाल दिया, और जोर जोर से धक्के मारने लगा...
पंकज जोर -2 से सिसकियां लेने लगी...

15-20 धक्को के बाद लंड ने अपना लावा उगल दिया... मेरे गरम माल को चुत मे महसूस करते ही पंकज भी एक बार फिर झड़ गई...

मैने लंड को चुत से बाहर निकाल लिया. और बेड पर लेट कर सासे लेने लगा.

पंकज भी मेरे पास लेट गई, हम दोनों ने एक बार और खेल खेला, फिर हम दोनो नंगे ही एक - दुसरे की बांहो मे सो गये...
Nice update
 

Naik

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गीता इस समय लाल साड़ी मे थी, साड़ी ज्यादा खास तो नहीं थी...
गीता कोई लगभग 47- 48 साल की औरत थी , फिगर भी अच्छा था मोटे मोटे बोबे और चोडी गांड ,
मै गीता को बैठाकर चल पड़ा...
गीता - बेटा तु तो बड़ा हो गया है...
मै- ताई जी उम्र हो गयी तो बड़ा भी होंऊगा ना
गीता- मैने तुझे बहुत दिनो बाद देखा है, तु हमारे घर को तरफ आता ही नहीं है..
मै- आप बुलाते ही नहीं हो तो कैसे आऊ...

गीता को बाईक पर बैठने से डर लग रहा था, वो मुझ से चिपकी हुई थी... जिससे उसके चुचे मेरी पीठ से रगड़ खा रहे थे...
अपने ख्यालो मे उसके बारे मे सोचने लगा की उसकी चूत मिल जाये तो मजा आ जाये...
मै ताई पर लाईन मारने लगा - मैने भी आपको बड़े दिनों बाद देखा, आप तो वैसी ही हो जवान और सुंदर...
धत... कुछ भी बोलता है बेटा, मै और जवान अब तो उम्र हो गई है... देख बाल सारे सफेद हो गए है...

मै- ताई जी मेरी नजर से देखो, आप जवान हो अभी भी...
हम ताई के घर आ गये, मैने उनको उतारा...
ठीक है तो ताईजी मै चलता हूँ...
गीता - बेटा अंदर तो आ, ऐसे तो कभी नहीं आता है...
मै- ताईजी अभी...
गीता - हा अभी आजा...

हम दोनों अंदर आ गये... ताई मुझे कमरे मे ले गई, मै पंलग पर बैठ गया और ताई मेरे पास बैठ गई...
मै- ताई ताऊ कहाँ पर है...
लाली- वो तो चौकीदारी करते है तो आजकल रात मे करते है...
बेटा एक बात बता सच्ची मै तुझे जवान दिखती हूँ...
मै- हा ताई जी आप जवान भी हो और सुंदर भी

मै ताई के पास खिसक गया, मैने ताई के गालो पर हाथ रख दिये
ये देखिए आपके गाल, आपका चेहरा कितने सुंदर है,मेरा तो मन करता है इनको चुम लुं.
ताईजी एक बार चुम लु...
गीता - हाय राम!बेटा तु कैसी बात कर रहा है, कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा...
मै-सही ही तो बोल रहा हू, और कौन है यहाँ पर देखने वाला...
गीता - नहीं बेटा,
मै- ताई बस एक बार...

मैने ताई के चेहरे को पकड़ लिया और अपने होंठ उसके नरम गालों पर रख दिये...
मै उसकी गाल को मुँह मे लेकर चुसने लगा, मै करीब दो मिनट तक बारी -2 दौनो गालो को चुसता रहा...
फिर मै अलग हो गया, ताई के गाल हल्के लाल हो गये...
ताई का ब्लाउज थोड़ा फटा हुआ था...

ताई ये तेरा ब्लाउज फटा हुआ है, तुम ये पहन के गई शादी मे...
गीता - हा बेटा, मेरा पास जो है बस ये ही है... घर की हालत थोड़ी खराब है, तेरे ताऊ को तो कोई परवाह ही नहीं है...
ताई फिर चुप हो गई...
मैने ताई के चेहरे को हाथों मे ले लिया - ताई ताऊ तो पागल है जो इतनी खुबसूरत पत्नी पर ध्यान नहीं देता, मै होता तो...
गीता - तो क्या बेटा
मै- अगर मै होता तो मै बहुत ख्याल रखता...
लेकिन आप चिंता मत करो मै आपका ध्यान रखुंगा...

ताई मेरी तरफ देखने लगी...
मैने ताई को अपनी तरफ खींच लिया, ताई कुछ नहीं बोली...
मै- ताई आपके होठ कितने अच्छे है, एक बार चुम लु...
ताई अभी भी चुप थी....
मैने अपने होंठ ताई के होंठों से मिला दिये...
मै अब उनका रस पिने लगा, ताई शांत थी, ना तो वो हट रही थी और ना ही साथ दे रही थी...

मैने अपने हाथ ताई के मोटे खरबुजो पर रख दिये औऱ उनको मसलने लगा, जिससे ताई के बदन मे हलचल होने लगी...
मैने ताई के होंठों को चुसते हुए ब्लाउज के बटन खोल दिये, अब ताई के चुचे बिल्कुल नंगे थे...
फिर अचानक से ताई अलग हो गई...
गीता - नहीं बेटा ये तु क्या कर रहा है, ये गलत है... मै तेरी मा की उम्र की हूँ...

मै- पर माँ तो नहीं हो ना...ताई मुझे पता है तुम्हें जरूरत है, तुम दुसरो के बारे मे मत सोचो,वैसे भी किसी को पता कैसे चलेगा...
ताई कुछ नहीं बोली...
मै- मै किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता... अगर तुम नहीं चाहती तो ठीक है...ताईजी मुझे माफ करना मैंने गलत किया उसके लिए...


और मै खड़ा होकर बाहर आ गया, और बुलेट लेकर घर आ गया... अभी तक घरवाले आये नहीं थे... मै अपने कमरे मे आकर सो गया...
Kaki ko chara daal dia jald hi fasengi
Bas thoda intizar kerna padega
Badhiya update bhai
 

Naik

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बुलेट लेकर घर आ गया... अभी तक घरवाले आये नहीं थे... मै अपने कमरे मे आकर सो गया...


अगले दिन मै थोड़ा लेट उठा... पुरे दिन मे कुछ खास नहीं किया...
शाम को मै ऐसे ही घूम रहा था तो मुझे पंकज दिखी, उसने मुझे इशारा करके अपने पास बुलाया. इस समय वो अकेली थी...
मै उसके पास गया और बोला की क्या हुआ... तो वो बोली की आज आप शादी के प्रोग्राम मे मत जाना...
मै- क्यों
पंकज - बस मत जाना मै बोल रही हू ना... मै भी नहीं जाउंगी

पंकज की बात सुनकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई...
मैने पंकज को खिंच कर सीने से लगा लिया...
मै- क्या बात है मेरी जान
पंकज - वो रात मे बताऊगी, आप बस आज घर पर ही रहना...
ठीक है मेरी जान और मै पंकज को किस करने लगा... फिर मै वहाँ से आ गया...
दिन भर कुछ खास नहीं हुआ... शाम को सब जा रहे थे तो मैने सर दर्द का बहाना बना कर मना कर दिया...
सब के जाने के थोड़ी देर बाद मै बड़े ताउजी के घर की तरफ गया... वहाँ पर कोई नहीं था...
मैने पंकज को आवाज लगाई तो ऊपर रूम से उसकी आवाज आई - मै ऊपर हू आप 5 मिनट बाद रूम मे आ जाना...

5 मिनट बाद मै कमरे मे गया, तो वहाँ पर पंकज साड़ी मे बेड पर बैठी हुई थीं, ये वही साड़ी थी जो मैने उनको गिफ्ट की थी... वो दुल्हन को तरह बैठी हुई थी...
मै उनके पास जाकर बैठ गया और उनका घूंघट हटा दिया...
क्या लग रही थी वो, इतनी सुंदर आज तक नहीं लगी थी... उन्हें देखकर लग नहीं रहा था कि वो माँ बन चुकी है.. आज तो वो बिलकुल 24-25 साल की लग रही थीं....

मै- ये सब क्या है...
पंकज - उस दिन सब अचानक से हुआ था... पर मै आज खुद को सही रूप से आपको सौंपना चाहती हूं...
मै- तुम तो मेरी हो, मेरी जान...
मै उनकी तरफ देखने लगा...
पंकज - ऐसे क्या देख रहे हो, अच्छी नहीं लग रही हूँ?
मै- मेरी जान को देख रहा हूँ.आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो....
मैने अपने होंठ उनके होठों पर रख दिये और धीरे -2 चुमने लगा, वो भी साथ देने लगी...
मैं धीरे -2 किस कर रहा था, इस शानदार पल का आनंद ले रहा था...
मैने अपनी जीभ उनके मुँह मे डाल दी, और उसकी जीभ को चुसने लगा, पंकज ने अपने हाथ मेरे सर पर कस दिये...
जब सांस फुलने लगी तब हम अलग हुए...

मैने पंकज की साड़ी को खोल दिया.. और उसके ब्लाउज और पेटीकोट को भी खोल दिया, अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी मे थी...
मै पंकज से खूबसूरत जिस्म को निहारने लगा, जिससे वो शरमाने लगी...
मैने उनको बैड पर लेटा दिया...

मै पंकज के पैर पर किस करने लगा, मैं धीरे धीरे उपर किस करने लगा.अब मेरे होंठ जाँघो पर किस करने लगे . मेरे सामने पंकज की पैंटी थी जिस के अंदर खजाना छुपा हुआ था.

मैं ने एक बार पंकज के चेहरे की तरफ देखा उनकी आँखों बंद थी और फिर चूत को पैंटी के उपर से किस करने लगा. पैंटी पर मूह लगते ही चूत के रस की स्मेल मेरे दिमाग़ मे चली गयी.

मैं जीभ से पैंटी के उपर से चूत को चाटने लगा, फिर मैने पेंटी निकाल दी.
उसकी चूत मेरे सामने खुल गयी. आज चूत पर बाल नही थे. चुत एकदम चिकनी और गोरी थी.

मैने चूत पर किस किया, और चूत पर किस की बरसात कर दी. मेरे किस की बरसात से चूत गीली हो गयी , भाभी की चूत पानी पानी हो गयी.
फिर मैं जीभ से चूत को चाटने लगा. चूत का पानी नमकीन था. मैं ने जीभ को चूत के अंदर डाल दिया और जीभ से चूत मारने लगा.

थोड़ी देर चूत चाटने के बाद चूत से पानी निकल गया. पानी निकलते ही बेड हिलने लगा. मैं ने पानी पीने के बाद पंकज की तरफ देखा वो मेरी तरफ प्यार से देख रही थी.
मैने उनकी ब्रा को निकाल दिया, और मै भी नंगा हो गया.

मै बैड लेट गया और वे भी मेरे सिने पर सिर रखकर लेट गई...
पंकज मेरे ऊपर आ गई और मेरी तरफ देखते हुए बोली - मै आपसे कुछ मांगना चाहती हू, आप मुझे दोगे...
मै- मेरी जान बिलकुल दुंगा, बताओ क्या चाहिए.
पंकज - मै आपके बच्चे को जन्म देना चाहती हू, आपके बच्चे की मा बनना चाहती हू, आप मुझे अपना अंश दोगे.
मै- ये आप क्या बोल रही हो, मै कैसे?
पंकज - आप क्यों नहीं, पति हो आप मेरे. मुझे हमारे प्यार की निशानी चाहिए.
मै- पर ऐसे कैसे, घर मे सब लोग...
पंकज - मुझे किसी की परवाह नहीं है, और मै सब संभाल लुंगी. मुझ पर अहसान कीजिये...
मै- ठीक है मेरी जान, तुम खुश रहो...

वो मेरे गले लग गई और मेरे चेहरे को चुमने लगी...
मैने पंकज को बेड पर लेटा दिया और मै उसके चुचो को बारी -2 से चुसने लगा, और साथ-2 मसलने लगा. भाभी के शरीर मचलने लगा, वो मेरे बालो को जोर -2 से सहलाने लगी.

फिर मैने अपने लंड को चूत पर रख दिया. और लंड को चूत पर रगड़ने लगा.

पंकज - थोड़ा आराम से डालना .आपका बहुत बड़ा है

मैने लंड पे ज़ोर डाला , लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया.

पंकज को दर्द नही हुआ. फिर एक जोरदार झटका मारा कि 4 इंच तक लंड अंदर चला गया
Bhabi n bahot aage ki soch dali ab bachche ki maa bhi banna chahti h
Yeh dimand poori ho jayegi
Badhiya shaandaar update bhai
 

Naik

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मैने लंड पे ज़ोर डाला , लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया.
पंकज को दर्द नही हुआ. फिर एक जोरदार झटका मारा कि 4 इंच तक लंड अंदर गया.

मै पूरी तरह से पंकज के उपर आ कर अपने हाथ बूब्स पे रख कर पंकज के होंटो को चूसने लगा.

वो ये 3 तरफ का हमला झेल नही पाई, और वो सेक्स के नशे मे डूब कर पूरा मज़ा लेने लगी...

पंकज को नशे मे देख कर मैं ने आख़िरी झटका मारा . पूरा लंड अंदर चला गया. वो पहले से मदहोश थी जिस की वजह से दर्द कम हुआ. और होन्ट चूसने और बूब्स दबाने से उसको ज़्यादा दर्द नही हुआ.
मैने थोड़ी देर अपने लंड को इसी तरह चूत मे रहने दिया.

फिर मैं ने किस करना बंद कर दिया. और लंड को हल्का सा बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. उसके मूह से आहह निकल गयी.
मैंने होंठो को आज़ाद कर दिया था .अब सिर्फ़ बूब्स को दबा रहा था. फिर आधा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. फिर से आधा लंड बाहर कर अंदर डाल दिया. फिर पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया.

अब उनको मज़ा आ रहा था.इस तरह धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने से वो लंड को अच्छे से फील कर रही थी.

फिर मैं ने धक्के लगाना शुरू किया.पहले धीरे धीरे फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. हर धक्के के साथ उनके मुंह से आहह निकलती...
अब उन्हें पुरा मजा आने लगा वो कहती और ज़ोर से मारो.फिर मैं ज़ोर से धक्के मारता. फिर से कहती और ज़ोर से मारो.

हमारा यही खेल चलता रहा .मैं धक्के मारता वो ज़ोर से मारने को कहती.

इसी तरह चुदाई करने के बाद मैं ने अपना वीर्य पंकज की चूत मे डाल दिया. वो 3 बार झाड़ चुकी थी.
हम दौनो ने चुदाई का भरपूर मज़ा लिया, हम दोनो हाँफने लगे.
थोड़ी देर बाद हम नॉर्मल हो गये.
मै- अब तो खुश हो मेरी जान.
पंकज - बहुत - बहुत खुश हूँ.

फिर हम दोनों एक -दुसरे से लिपट कर लेट गये...मैने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिये और धीरे -2 दोनो चुतडो को सहलाने लगा...
मै- मुझे तुम्हारी ये गांड मारनी है...
पंकज - वो गंदी जगह है, वहाँ पर कौन करता है...

मै- गांड तो बहुत रसीली होती है, गांड मारने का तो अलग ही मजा है.. बहुत मजा आता है. मुझे मारनी है.

पंकज - ठीक है अगर आपका मन है तो कर लीजिए. मेरा सबकुछ आपका ही है...
मै- मेरी रानी...

पंकज - पर आराम से करिएगा, और आप अपना पानी मेरी चुत मे ही छोड़ना...
मै-ठीक है मेरी रानी...

मैने पंकज के होंठों को चूसना सुरू किया. और पंकज को बेड पर लिटा दिया. मैने पंकज के नीचे पिल्लो रख दिया, जिस से कि उसकी की गांड उपर हो गयी.

मैं पंकज के उपर आकर पहले उनको गरम करना चाहता था.मैंने उसको किस करना शुरू किया. किस करने के बाद मैं निपल के साथ खेलने लगा.

निपल को जीभ से चाटने लगा. निपल टाइट हो गये. फिर बूब्स को मूह मे लेकर चूसने लगा. बूब्स चूसते समय मैं ने एक उंगली चूत मे डाल कर आगे पीछे करने लगा.

अब वो पूरी तरह से गरम हो गयी...
फिर मैं ने लंड को गांड की छेद पे रखा

पंकज - पहले थोड़ा तेल लगा लीजिए...
मै-कहाँ है तेल
पंकज - वो टेबल पे रखा है

मैंने तेल को अपने लंड पे लगा लिया. बाकी तेल को उनकी गांड मे डाल दिया. गांड पर तेल लगते समय मैंने उंगली को गांड मे डाल दिया. जिस से गंद मे तेल अच्छे से लग गया.
मै उंगली को अंदर बाहर करने लगा....

फिर मैंने लंड को गांड पर रख दिया...
पंकज - थोड़ा धीरे करना...
एक बार मैने पंकज की तरफ देखा .उन्होंने अपनी आँखे बंद कर दी और अपने होंटो को दबा दिया.

मैं एक ज़ोर का झटका मारा मेरा आधा लंड गंद मे चला गया. पंकज की चीख निकल गयी.

पंकज - आअहह आराम से करिए.... आहह दर्द हो रहा है.

मैंने बूब्स को दबाना सुरू किया. बूब्स दबाने से पंकज को अच्छा लग रहा था.
मैने पंकज के होंठों पर अपने होन्ठ रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा जिस से पूरा लंड अंदर चला गया. भाभी की चीख निकल गयी. उनकी चीख मेरे मूह मे दब गयी. मैने बूब्स को दबाना जारी रखा.
और होंटो को चूसने लगा. और लंड को वैसे ही गंद मे रहने दिया.

पंकज की आंखों मे आंसू आ गये...
पंकज - आपने तो मेरी गांड फाड ही दी आआहह...

5 मिनट तक मैं ऐसा ही पड़ा रहा .
जब उनको थोड़ा अच्छा लगने लगा तब मैं ने लंड को हिलाना सुरू किया.
मैं धीरे -2 धक्के मारने लगा .मेरे धक्को की वजह से उसकी गांड लाल हो गयी.

लंड अंदर बाहर करने से पंकज को दर्द हो रहा था.
पर जैसे जैसे लंड अंदर बाहर हो रहा था वैसे वैसे उसका दर्द कम हो रहा था.
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हो गया. मैं धक्के लगाता गया वो मज़े लेती गयी. कमरे मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़ आ रही थी.
अब भाभी को भी मजा आने लगा था...

मैं धक्के मारने लगा और चूत को अपने हाथो से मसल्ने i लगा .लगभग 20-25 मिनट तक मैं भाभी की गांड मारता रहा.
मेरा लावा छूटने वाला था तो मैने अपना लंड गांड से निकाल कर चुत मे डाल दिया, और जोर जोर से धक्के मारने लगा...
पंकज जोर -2 से सिसकियां लेने लगी...

15-20 धक्को के बाद लंड ने अपना लावा उगल दिया... मेरे गरम माल को चुत मे महसूस करते ही पंकज भी एक बार फिर झड़ गई...

मैने लंड को चुत से बाहर निकाल लिया. और बेड पर लेट कर सासे लेने लगा.

पंकज भी मेरे पास लेट गई, हम दोनों ने एक बार और खेल खेला, फिर हम दोनो नंगे ही एक - दुसरे की बांहो मे सो गये...
Bahot behtareen
Shaandaar update bhai
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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गीता इस समय लाल साड़ी मे थी, साड़ी ज्यादा खास तो नहीं थी...
गीता कोई लगभग 47- 48 साल की औरत थी , फिगर भी अच्छा था मोटे मोटे बोबे और चोडी गांड ,
मै गीता को बैठाकर चल पड़ा...
गीता - बेटा तु तो बड़ा हो गया है...
मै- ताई जी उम्र हो गयी तो बड़ा भी होंऊगा ना
गीता- मैने तुझे बहुत दिनो बाद देखा है, तु हमारे घर को तरफ आता ही नहीं है..
मै- आप बुलाते ही नहीं हो तो कैसे आऊ...

गीता को बाईक पर बैठने से डर लग रहा था, वो मुझ से चिपकी हुई थी... जिससे उसके चुचे मेरी पीठ से रगड़ खा रहे थे...
अपने ख्यालो मे उसके बारे मे सोचने लगा की उसकी चूत मिल जाये तो मजा आ जाये...
मै ताई पर लाईन मारने लगा - मैने भी आपको बड़े दिनों बाद देखा, आप तो वैसी ही हो जवान और सुंदर...
धत... कुछ भी बोलता है बेटा, मै और जवान अब तो उम्र हो गई है... देख बाल सारे सफेद हो गए है...

मै- ताई जी मेरी नजर से देखो, आप जवान हो अभी भी...
हम ताई के घर आ गये, मैने उनको उतारा...
ठीक है तो ताईजी मै चलता हूँ...
गीता - बेटा अंदर तो आ, ऐसे तो कभी नहीं आता है...
मै- ताईजी अभी...
गीता - हा अभी आजा...

हम दोनों अंदर आ गये... ताई मुझे कमरे मे ले गई, मै पंलग पर बैठ गया और ताई मेरे पास बैठ गई...
मै- ताई ताऊ कहाँ पर है...
लाली- वो तो चौकीदारी करते है तो आजकल रात मे करते है...
बेटा एक बात बता सच्ची मै तुझे जवान दिखती हूँ...
मै- हा ताई जी आप जवान भी हो और सुंदर भी

मै ताई के पास खिसक गया, मैने ताई के गालो पर हाथ रख दिये
ये देखिए आपके गाल, आपका चेहरा कितने सुंदर है,मेरा तो मन करता है इनको चुम लुं.
ताईजी एक बार चुम लु...
गीता - हाय राम!बेटा तु कैसी बात कर रहा है, कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा...
मै-सही ही तो बोल रहा हू, और कौन है यहाँ पर देखने वाला...
गीता - नहीं बेटा,
मै- ताई बस एक बार...

मैने ताई के चेहरे को पकड़ लिया और अपने होंठ उसके नरम गालों पर रख दिये...
मै उसकी गाल को मुँह मे लेकर चुसने लगा, मै करीब दो मिनट तक बारी -2 दौनो गालो को चुसता रहा...
फिर मै अलग हो गया, ताई के गाल हल्के लाल हो गये...
ताई का ब्लाउज थोड़ा फटा हुआ था...

ताई ये तेरा ब्लाउज फटा हुआ है, तुम ये पहन के गई शादी मे...
गीता - हा बेटा, मेरा पास जो है बस ये ही है... घर की हालत थोड़ी खराब है, तेरे ताऊ को तो कोई परवाह ही नहीं है...
ताई फिर चुप हो गई...
मैने ताई के चेहरे को हाथों मे ले लिया - ताई ताऊ तो पागल है जो इतनी खुबसूरत पत्नी पर ध्यान नहीं देता, मै होता तो...
गीता - तो क्या बेटा
मै- अगर मै होता तो मै बहुत ख्याल रखता...
लेकिन आप चिंता मत करो मै आपका ध्यान रखुंगा...

ताई मेरी तरफ देखने लगी...
मैने ताई को अपनी तरफ खींच लिया, ताई कुछ नहीं बोली...
मै- ताई आपके होठ कितने अच्छे है, एक बार चुम लु...
ताई अभी भी चुप थी....
मैने अपने होंठ ताई के होंठों से मिला दिये...
मै अब उनका रस पिने लगा, ताई शांत थी, ना तो वो हट रही थी और ना ही साथ दे रही थी...

मैने अपने हाथ ताई के मोटे खरबुजो पर रख दिये औऱ उनको मसलने लगा, जिससे ताई के बदन मे हलचल होने लगी...
मैने ताई के होंठों को चुसते हुए ब्लाउज के बटन खोल दिये, अब ताई के चुचे बिल्कुल नंगे थे...
फिर अचानक से ताई अलग हो गई...
गीता - नहीं बेटा ये तु क्या कर रहा है, ये गलत है... मै तेरी मा की उम्र की हूँ...

मै- पर माँ तो नहीं हो ना...ताई मुझे पता है तुम्हें जरूरत है, तुम दुसरो के बारे मे मत सोचो,वैसे भी किसी को पता कैसे चलेगा...
ताई कुछ नहीं बोली...
मै- मै किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता... अगर तुम नहीं चाहती तो ठीक है...ताईजी मुझे माफ करना मैंने गलत किया उसके लिए...


और मै खड़ा होकर बाहर आ गया, और बुलेट लेकर घर आ गया... अभी तक घरवाले आये नहीं थे... मै अपने कमरे मे आकर सो गया...

अपडेट - 38

बुलेट लेकर घर आ गया... अभी तक घरवाले आये नहीं थे... मै अपने कमरे मे आकर सो गया...


अगले दिन मै थोड़ा लेट उठा... पुरे दिन मे कुछ खास नहीं किया...
शाम को मै ऐसे ही घूम रहा था तो मुझे पंकज दिखी, उसने मुझे इशारा करके अपने पास बुलाया. इस समय वो अकेली थी...
मै उसके पास गया और बोला की क्या हुआ... तो वो बोली की आज आप शादी के प्रोग्राम मे मत जाना...
मै- क्यों
पंकज - बस मत जाना मै बोल रही हू ना... मै भी नहीं जाउंगी

पंकज की बात सुनकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई...
मैने पंकज को खिंच कर सीने से लगा लिया...
मै- क्या बात है मेरी जान
पंकज - वो रात मे बताऊगी, आप बस आज घर पर ही रहना...
ठीक है मेरी जान और मै पंकज को किस करने लगा... फिर मै वहाँ से आ गया...
दिन भर कुछ खास नहीं हुआ... शाम को सब जा रहे थे तो मैने सर दर्द का बहाना बना कर मना कर दिया...
सब के जाने के थोड़ी देर बाद मै बड़े ताउजी के घर की तरफ गया... वहाँ पर कोई नहीं था...
मैने पंकज को आवाज लगाई तो ऊपर रूम से उसकी आवाज आई - मै ऊपर हू आप 5 मिनट बाद रूम मे आ जाना...

5 मिनट बाद मै कमरे मे गया, तो वहाँ पर पंकज साड़ी मे बेड पर बैठी हुई थीं, ये वही साड़ी थी जो मैने उनको गिफ्ट की थी... वो दुल्हन को तरह बैठी हुई थी...
मै उनके पास जाकर बैठ गया और उनका घूंघट हटा दिया...
क्या लग रही थी वो, इतनी सुंदर आज तक नहीं लगी थी... उन्हें देखकर लग नहीं रहा था कि वो माँ बन चुकी है.. आज तो वो बिलकुल 24-25 साल की लग रही थीं....

मै- ये सब क्या है...
पंकज - उस दिन सब अचानक से हुआ था... पर मै आज खुद को सही रूप से आपको सौंपना चाहती हूं...
मै- तुम तो मेरी हो, मेरी जान...
मै उनकी तरफ देखने लगा...
पंकज - ऐसे क्या देख रहे हो, अच्छी नहीं लग रही हूँ?
मै- मेरी जान को देख रहा हूँ.आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो....
मैने अपने होंठ उनके होठों पर रख दिये और धीरे -2 चुमने लगा, वो भी साथ देने लगी...
मैं धीरे -2 किस कर रहा था, इस शानदार पल का आनंद ले रहा था...
मैने अपनी जीभ उनके मुँह मे डाल दी, और उसकी जीभ को चुसने लगा, पंकज ने अपने हाथ मेरे सर पर कस दिये...
जब सांस फुलने लगी तब हम अलग हुए...

मैने पंकज की साड़ी को खोल दिया.. और उसके ब्लाउज और पेटीकोट को भी खोल दिया, अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी मे थी...
मै पंकज से खूबसूरत जिस्म को निहारने लगा, जिससे वो शरमाने लगी...
मैने उनको बैड पर लेटा दिया...

मै पंकज के पैर पर किस करने लगा, मैं धीरे धीरे उपर किस करने लगा.अब मेरे होंठ जाँघो पर किस करने लगे . मेरे सामने पंकज की पैंटी थी जिस के अंदर खजाना छुपा हुआ था.

मैं ने एक बार पंकज के चेहरे की तरफ देखा उनकी आँखों बंद थी और फिर चूत को पैंटी के उपर से किस करने लगा. पैंटी पर मूह लगते ही चूत के रस की स्मेल मेरे दिमाग़ मे चली गयी.

मैं जीभ से पैंटी के उपर से चूत को चाटने लगा, फिर मैने पेंटी निकाल दी.
उसकी चूत मेरे सामने खुल गयी. आज चूत पर बाल नही थे. चुत एकदम चिकनी और गोरी थी.

मैने चूत पर किस किया, और चूत पर किस की बरसात कर दी. मेरे किस की बरसात से चूत गीली हो गयी , भाभी की चूत पानी पानी हो गयी.
फिर मैं जीभ से चूत को चाटने लगा. चूत का पानी नमकीन था. मैं ने जीभ को चूत के अंदर डाल दिया और जीभ से चूत मारने लगा.

थोड़ी देर चूत चाटने के बाद चूत से पानी निकल गया. पानी निकलते ही बेड हिलने लगा. मैं ने पानी पीने के बाद पंकज की तरफ देखा वो मेरी तरफ प्यार से देख रही थी.
मैने उनकी ब्रा को निकाल दिया, और मै भी नंगा हो गया.

मै बैड लेट गया और वे भी मेरे सिने पर सिर रखकर लेट गई...
पंकज मेरे ऊपर आ गई और मेरी तरफ देखते हुए बोली - मै आपसे कुछ मांगना चाहती हू, आप मुझे दोगे...
मै- मेरी जान बिलकुल दुंगा, बताओ क्या चाहिए.
पंकज - मै आपके बच्चे को जन्म देना चाहती हू, आपके बच्चे की मा बनना चाहती हू, आप मुझे अपना अंश दोगे.
मै- ये आप क्या बोल रही हो, मै कैसे?
पंकज - आप क्यों नहीं, पति हो आप मेरे. मुझे हमारे प्यार की निशानी चाहिए.
मै- पर ऐसे कैसे, घर मे सब लोग...
पंकज - मुझे किसी की परवाह नहीं है, और मै सब संभाल लुंगी. मुझ पर अहसान कीजिये...
मै- ठीक है मेरी जान, तुम खुश रहो...

वो मेरे गले लग गई और मेरे चेहरे को चुमने लगी...
मैने पंकज को बेड पर लेटा दिया और मै उसके चुचो को बारी -2 से चुसने लगा, और साथ-2 मसलने लगा. भाभी के शरीर मचलने लगा, वो मेरे बालो को जोर -2 से सहलाने लगी.

फिर मैने अपने लंड को चूत पर रख दिया. और लंड को चूत पर रगड़ने लगा.

पंकज - थोड़ा आराम से डालना .आपका बहुत बड़ा है

मैने लंड पे ज़ोर डाला , लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया.

पंकज को दर्द नही हुआ. फिर एक जोरदार झटका मारा कि 4 इंच तक लंड अंदर चला गया

अपडेट - 39


मैने लंड पे ज़ोर डाला , लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया.
पंकज को दर्द नही हुआ. फिर एक जोरदार झटका मारा कि 4 इंच तक लंड अंदर गया.

मै पूरी तरह से पंकज के उपर आ कर अपने हाथ बूब्स पे रख कर पंकज के होंटो को चूसने लगा.

वो ये 3 तरफ का हमला झेल नही पाई, और वो सेक्स के नशे मे डूब कर पूरा मज़ा लेने लगी...

पंकज को नशे मे देख कर मैं ने आख़िरी झटका मारा . पूरा लंड अंदर चला गया. वो पहले से मदहोश थी जिस की वजह से दर्द कम हुआ. और होन्ट चूसने और बूब्स दबाने से उसको ज़्यादा दर्द नही हुआ.
मैने थोड़ी देर अपने लंड को इसी तरह चूत मे रहने दिया.

फिर मैं ने किस करना बंद कर दिया. और लंड को हल्का सा बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. उसके मूह से आहह निकल गयी.
मैंने होंठो को आज़ाद कर दिया था .अब सिर्फ़ बूब्स को दबा रहा था. फिर आधा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. फिर से आधा लंड बाहर कर अंदर डाल दिया. फिर पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया.

अब उनको मज़ा आ रहा था.इस तरह धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने से वो लंड को अच्छे से फील कर रही थी.

फिर मैं ने धक्के लगाना शुरू किया.पहले धीरे धीरे फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. हर धक्के के साथ उनके मुंह से आहह निकलती...
अब उन्हें पुरा मजा आने लगा वो कहती और ज़ोर से मारो.फिर मैं ज़ोर से धक्के मारता. फिर से कहती और ज़ोर से मारो.

हमारा यही खेल चलता रहा .मैं धक्के मारता वो ज़ोर से मारने को कहती.

इसी तरह चुदाई करने के बाद मैं ने अपना वीर्य पंकज की चूत मे डाल दिया. वो 3 बार झाड़ चुकी थी.
हम दौनो ने चुदाई का भरपूर मज़ा लिया, हम दोनो हाँफने लगे.
थोड़ी देर बाद हम नॉर्मल हो गये.
मै- अब तो खुश हो मेरी जान.
पंकज - बहुत - बहुत खुश हूँ.

फिर हम दोनों एक -दुसरे से लिपट कर लेट गये...मैने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिये और धीरे -2 दोनो चुतडो को सहलाने लगा...
मै- मुझे तुम्हारी ये गांड मारनी है...
पंकज - वो गंदी जगह है, वहाँ पर कौन करता है...

मै- गांड तो बहुत रसीली होती है, गांड मारने का तो अलग ही मजा है.. बहुत मजा आता है. मुझे मारनी है.

पंकज - ठीक है अगर आपका मन है तो कर लीजिए. मेरा सबकुछ आपका ही है...
मै- मेरी रानी...

पंकज - पर आराम से करिएगा, और आप अपना पानी मेरी चुत मे ही छोड़ना...
मै-ठीक है मेरी रानी...

मैने पंकज के होंठों को चूसना सुरू किया. और पंकज को बेड पर लिटा दिया. मैने पंकज के नीचे पिल्लो रख दिया, जिस से कि उसकी की गांड उपर हो गयी.

मैं पंकज के उपर आकर पहले उनको गरम करना चाहता था.मैंने उसको किस करना शुरू किया. किस करने के बाद मैं निपल के साथ खेलने लगा.

निपल को जीभ से चाटने लगा. निपल टाइट हो गये. फिर बूब्स को मूह मे लेकर चूसने लगा. बूब्स चूसते समय मैं ने एक उंगली चूत मे डाल कर आगे पीछे करने लगा.

अब वो पूरी तरह से गरम हो गयी...
फिर मैं ने लंड को गांड की छेद पे रखा

पंकज - पहले थोड़ा तेल लगा लीजिए...
मै-कहाँ है तेल
पंकज - वो टेबल पे रखा है

मैंने तेल को अपने लंड पे लगा लिया. बाकी तेल को उनकी गांड मे डाल दिया. गांड पर तेल लगते समय मैंने उंगली को गांड मे डाल दिया. जिस से गंद मे तेल अच्छे से लग गया.
मै उंगली को अंदर बाहर करने लगा....

फिर मैंने लंड को गांड पर रख दिया...
पंकज - थोड़ा धीरे करना...
एक बार मैने पंकज की तरफ देखा .उन्होंने अपनी आँखे बंद कर दी और अपने होंटो को दबा दिया.

मैं एक ज़ोर का झटका मारा मेरा आधा लंड गंद मे चला गया. पंकज की चीख निकल गयी.

पंकज - आअहह आराम से करिए.... आहह दर्द हो रहा है.

मैंने बूब्स को दबाना सुरू किया. बूब्स दबाने से पंकज को अच्छा लग रहा था.
मैने पंकज के होंठों पर अपने होन्ठ रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा जिस से पूरा लंड अंदर चला गया. भाभी की चीख निकल गयी. उनकी चीख मेरे मूह मे दब गयी. मैने बूब्स को दबाना जारी रखा.
और होंटो को चूसने लगा. और लंड को वैसे ही गंद मे रहने दिया.

पंकज की आंखों मे आंसू आ गये...
पंकज - आपने तो मेरी गांड फाड ही दी आआहह...

5 मिनट तक मैं ऐसा ही पड़ा रहा .
जब उनको थोड़ा अच्छा लगने लगा तब मैं ने लंड को हिलाना सुरू किया.
मैं धीरे -2 धक्के मारने लगा .मेरे धक्को की वजह से उसकी गांड लाल हो गयी.

लंड अंदर बाहर करने से पंकज को दर्द हो रहा था.
पर जैसे जैसे लंड अंदर बाहर हो रहा था वैसे वैसे उसका दर्द कम हो रहा था.
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हो गया. मैं धक्के लगाता गया वो मज़े लेती गयी. कमरे मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़ आ रही थी.
अब भाभी को भी मजा आने लगा था...

मैं धक्के मारने लगा और चूत को अपने हाथो से मसल्ने i लगा .लगभग 20-25 मिनट तक मैं भाभी की गांड मारता रहा.
मेरा लावा छूटने वाला था तो मैने अपना लंड गांड से निकाल कर चुत मे डाल दिया, और जोर जोर से धक्के मारने लगा...
पंकज जोर -2 से सिसकियां लेने लगी...

15-20 धक्को के बाद लंड ने अपना लावा उगल दिया... मेरे गरम माल को चुत मे महसूस करते ही पंकज भी एक बार फिर झड़ गई...

मैने लंड को चुत से बाहर निकाल लिया. और बेड पर लेट कर सासे लेने लगा.

पंकज भी मेरे पास लेट गई, हम दोनों ने एक बार और खेल खेला, फिर हम दोनो नंगे ही एक - दुसरे की बांहो मे सो गये...
Tai ke thoda virodh karne pr apne hero ne unse mafi mangi or vha se chla aaya pr agale din Pankaj bhabhi ne sadi me Jane se rok liya or us raat kya gadar machaya hai devar bhabhi ne kiya Bibi ke Jaise, Pankaj bhabhi ki to gand hi faad di, unhe apne hero ke bacche ki Ma banna hai isliye unhone har baar Sara virya apne garbhashay me dalvaya... Superb update bhai sandar jabarjast hot
 
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