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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
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Devil Baba

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अपडेट - 40


हम दोनो नंगे ही एक - दुसरे की बांहो मे सो गये...

सुबह मेरी उठकर अपने रूम मे आ गया, रूम मे आकर फ्रेश हुआ. तैयार होने के बाद मैने ताउजी के घर पर नाश्ता किया. वहां पर कपिल भाई मिल गये

मै- भाई कैसे हो. खेत से आ गये
कपिल - ठीक हू यार, हा इतने दिन तक रात मे पानी देना होता था, आज से दिन का टाइम शुरू हो गया है.

फिर मै बुलेट लेकर घुमने चल पड़ा...

कुलदीप के घर गया तो पता चला की वो ग्राउंड पर गया, तो मै भी वही चल पड़ा...

ग्राउंड गांव के बाहर की तरफ साईड में है, उसके पास मे ही एक पुराना मंदिर है, ये गाँव मे प्रसिद्ध है...

मै जब मंदिर के पास पहुँचा तो देखा की वहाँ पर तीन आदमी है जिनकी उम्र लगभग 25-26 साल है, वो किसी औरत को जबरदस्ती खींच कर झाड़ियों की तरफ ले जा रहे है...
मैने बाईक रोक दी ओर उनके पास गया, मैने देखा की उन्होंने औरत नीचे लेटा दिया और वो उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे है वो औरत उनका विरोध कर रही है....

पास मे एक आदमी गिरा हुआ था शायद इन्होंने मारा है उसे..

मुझसे रहा नहीं गया...
मै- क्या कर रहे हो तुम लोग
आदमी - कुछ भी करें तुझे क्या मतलब...

मैं - छोड़ दो इनको और दूर हो जाओ.
आदमी 1- कौन है बे तु.. चल भाग यहाँ से
आदमी 2- चला जा वरना तेरा भी इसके जैसा हाल कर देंगे(उस आदमी की तरफ इशारा करके )...

मै- तुम लोगों को आखिरी बार बोल रहा हूँ...
आदमी3- तु ऐसे नहीं मानेगा...
और वो मेरी तरफ बढ़ने लगा...

उसने जैसे ही मुक्का मेरी तरफ किया, तो मैने उसका हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया और उसकी गर्दन पर जोर से मुक्का मारा...
वो नीचे गिर गया..
फिर दुसरा आदमी मेरी तरफ लपका... उसके हाथ मे लकड़ी थी, उसने मुझ पर वार किया तो मै साईड मे हो गया, मैने उसके एक लात की दी...
वो खडा हुआ और दुबारा वार किया इस बार मै चुक गया और डंडा सीधे मेरे हाथ पर लगा... जिससे मै नीचे गिर गया.
आदमी 2- क्यों साले मजा आया,
वो डायलॉग मार रहा था, इतनी देर मे मै संभल गया..
उसने फिर से डंडा मेरी तरफ बढ़ाया, इस बार मै संभल गया और वो थोड़ी देर मे जमीन पर धुल चाट रहा था...

ये देखकर तीसरा आदमी उस औरत का छोड़ हाथ मेरी तरफ आया...
उसने जेब से चाकू निकाल लिया, और मेरी तरफ वार किया,
पर मै बच गया...
उसने दुबारा वार किया तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया और एक मुक्का मार दिया, वो दूर नीचे गिर गया...

जिससे वो औरत के नजदीक हो गया, उसने मौके का फायदा उठाया और उस औरत को पकड़ लिया... वो उस पर हमला करने वाला था कि मै बीच मे पहुँच गया जिससे चाकू मुझे लग गया... मेरे मुँह से दर्द भरी चीख निकल गई...

वो दुसरा वार करने ही वाला था तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया.

अब मुझे गुस्सा आ गया तो मै उसे जोर जोर से मारने लगा.
अब वो तीनो डर गये और मौके का फायदा उठाकर भागने लगे...

आदमी 1- तुझे हम देख लेंगे, इसका बदला लेंगे हम.

मेै उस औरत के पास आया
मै- आप ठीक तो है ना
औरत - जी

मेरी बाजु से खून निकल रहा था...
औरत - अरे आपके हाथ से तो खुद निकल रहा है...
मै- चिंता मत करिए, ज्यादा नहीं है

उसने अपनी साड़ी को फाड़ लिया और वो मेरी बाजु पर बांधने लगी...

मैने उसकी तरफ देखा.. मै देखता ही रह गया...
इतनी सुंदर औरत मैने इस गाँव मे नहीं देखी...
ऊपर से नीचे तक गोरा बदन.. काली आँखें, गुलाबी होंठ... ब्लाउज मे कैद सुडोल चुचे... एकदम कामिनी का रूप लग रही है...

मेरी नज़र उसके खुले गले से लगभग आधे गोरे-गोरे सुडौल दूधिया मम्मों पर पड़ी, मेरी तो साँसें ही थम गयी...
इतने सुंदर दूधों को देखकर मेरा लॉडा सिर उठाने लगा...

मै- आपका नाम क्या है.
औरत - जी मेरा नाम पायल है...
मै-आप यहाँ क्या कर रही है, और आप कौन है.
पायल - मै यहाँ दर्शन करने आयी थी... मेरा घर यहीं है...
मै रणजीत सिंह जी की पत्नी हूँ...

मै उसकी बात सुनकर चौंक गया...
मै( मन मे) - ओ तेरी... इसका मतलब ये ठाकुर परिवार की बहू है.

# परिचय -

ठाकुर सज्जन सिंह (64)
गौरा रंग, 5'11" इंच की हाईट, पेट थोड़ा सा बाहर निकला हुआ. बड़ी मुंछे रखते हैं.
लंबा चौड़ा कद, एक रोबदार इंसान.
अपनी जवानी मे बहुत ताकतवर और शक्तिशाली था, लेकिन अब उम्र होने के कारण शरीर बुढा़ और कमजोर हो गया है. चेहरे पर अभी भी कुछ तेज बरकरार है.
ठाकुर का स्वभाव शांत और अच्छा है... सभी के साथ प्यार से बर्ताव करता है.
आस पास के बहुत से गांवों मे ठाकुर परिवार का बहुत मान सम्मान और दबदबा है.
बहुत पहले यहाँ इनकी जागीरदारी थी. जिस कारण ठाकुर परिवार का राज है.
इनका राज होने कारण इनके पास बहुत पैसा है.
आस पास के इलाके मे इनकी बहुत जमीन है. इनके पास कई मीले तथा फैक्ट्रिया है...
जिस कारण इनके पैसे मे लगातार बढोतरी हो रही है...


इसकी दो शादी हुई है, पहली पत्नी शादी के कुछ समय बाद से ही बीमार रहने लगी थी. धीरे धीरे उसकी बीमारी बढती चली गई. कुछ वर्ष मे उसकी मौत हो गई.
ठाकुर को उससे कोई संतान नहीं हुई, क्योंकि बीमारी के कारण मिलाप कम ही होता था.


ठाकुर जल्दी ही इसको भुल गया. और कुछ समय बाद ही ठाकुर ने दूसरी शादी कर ली कौशल्या से. कौशल्या का परिवार भी धनवान था.

पत्नी - कौशल्या देवी (50), साईज(36D - 30 -38)
लंबाई -5'5", रंग गोरा.
आज भी इसने खुद को पुरी तरह से फिट रखा है. अभी भी इसको देखकर कई लंडो के पानी निकल जाते है.
इसके शरीर मे एक दबी हुई सेक्स की आग जल रही है, परन्तु ये एक पतिव्रता पत्नी है.
कभी -2 ये चुत मे उंगली या कुछ और करके ही खुद को शांत कर लेती है.


बेटा - रणजीतसिंह (25)
हल्का गेम हुआ रंग, 5'8" की हाईट, सामान्य शरीर, पेट बाहर निकला हुआ है
बचपन से पढाई मे नॉर्मल ही है, बड़े होने पर इसको पढाई के लिए बड़े शहर भेज दिया गया...
वहां पर ये गलत संगत में पड़ गया, वो कॉलेज जाने की बजाय अपने दोस्तों के साथ पिक्चर देखता, बाहर घूमता..
पैसों की उसको कोई कमी नही थी, जितना माँगता उतने उसे मिल जाते.
समय धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा था,धीरे-धीरे उसकी आदते भी बढ़ने लगी, उसने शराब पीना भी शुरू कर दिया और ग़लत औरतों के साथ भी संबंध बना लिए, जो अपने शरीर का इस्तेमाल करके उससे पैसे ऐंठती रहती थी..
रणजीत की बुरी आदतों के बारे में इधर उधर से ठाकुर को पता चल गया, वो उसे लेकर चिंतित होने लगे….

रणजीत की पढाई पूरी हो गई थी तो ठाकुर ने उसको वापिस बुला लिया.
ठाकुर ने उसे ग़लत रास्ते पर चलने से रोकने के लिए अपने ही परिवार के जैसे दुसरे इलाक़े के ठाकुर जो बिजनेस मैन था उसकी लड़की के साथ उसकी शादी करदी…
और वैसे भी वो शादी लायक तो हो ही गया था…

रणजीत की पत्नी - पायल (22) साईज (34-28-34), हाईट -5'6"
सुंदर गोरी चिटी, छरहरे बदन की लड़की थी...
सुडोल तने हुए चुचे उन पर गुलाबी निप्पल... पतली कमर और 34" से भी कुछ बडी गांड.
ये एज्युकेटेड लडकी है,
 

Devil Baba

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अपडेट -41


मै पायल को अपनी बुलेट पर बैठाकर ठाकुर की हवेली ले आया

ये हवेली पुश्तैनी है, तीन मंज़िला लंबी चौड़ी हवेली, गाओं की शोभा बढ़ाती है...

मेैन गेट से बहुत सारा लंबा चौड़ी खुली जगह है उसमे दोनों तरफ शानदार गार्डन बने हुए है , उसके बाद आगे बारादरी, जिसके बीचो-बीच से एक गॅलरी से होते हुए अंदर फिर एक बड़ा सा चौक, जिसके चारों तरफ बहुत सारे कमरे…

ठाकुर की बैठक हवेली के आगे के हिस्से मे थी, एक बड़े से हॉल नुमा कमरे के बीचो-बीच.बैठक बहुत ही शानदार और बड़ी है... ठाकुर अपना अधिकतर समय यहीं व्यतीत करता है. लोगों से मिलना और मदद करना सभी यही पर करता है..

बाहर गेट पर दो गार्ड खडे थे, मैने अपनी बुलेट अंदर ले जाकर रोक दी...

सुबह का समय था तो ठाकुर और ठकुराइन बाहर गार्डन मे बैठे हुए थे.
पायल और मै नीचे उतर कर उनके पास चले गए...

ठाकुर और ठकुराइन मुझे जानते है, क्योंकि हमारे परिवार मे काफी मेलजोल है.ठाकुर और बड़े ताऊजी दोस्त भी है. एक दुसरे के घर आना जाना है.

मै ठाकुर और ठकुराइन दोनों को ठाकुर ताउजी और ठकुराइन ताईजी बोलता हूँ .

मै उनके पास गया और दोनों के पैर छुए...
मै- प्रणाम ठाकुर ताऊजी, प्रणाम ठकुराइनई जी...
वो दोनों ही - जीते रहो बेटा...

ठाकुर - बेटा आज कैसे आना हुआ और बहु तुम्हारे साथ कैसे...
मै- ताउजी वो मै मंदिर के पास से गुजर रहा था तो ये वहां पर थी, तो मै इनको ले आया...
ठकुराइन - बहु तुम तो मंदिर गाड़ी मे गई थी, गाड़ी और ड्राइवर कहाँ पर हैं...

फिर पायल ने शुरू से पूरी बात उन दोनों को बता दी...
जिसे सुनकर ठाकुर गुस्से मे आ गया...

ठाकुर - किसकी इतनी हिम्मत हुई जिसने ठाकुर खानदान की बहु के साथ ऐसी हरकत की..
उन हरामजादो को तो अब छोड़ूँगा नहीं, उन्हें मरना ही होगा...

मैने और ठकुराइन ने उन्हें शांत किया...

मै- ठाकुर ताउजी शांत हो जाइये मैने उन हरामजादो को सबक सिखा दिया है...
ठाकुर - नहीं बेटा हम उन्हें सजा देंगे. तुम बताओ कौन थे वो लोग, कहाँ के थे...

मै - पता नहीं, मै उन्हें नहीं जानता... वो यहाँ के तो नहीं लग रहे थे बाहर के ही थे...
ठाकुर - हम उन्हें जल्दी ही ढूंढ लेंगे.और इसकी सजा जरूर देंगे.

पायल ने मेरे हाथ पर जो कपड़ा बांधा था उससे हल्का -2 खून आ रहा था.

उसे देखकर ठाकुर बोला - ये चोट कैसे लगी....

तो पायल ने जवाब दिया- पिताजी इन्हें ये चोट हमे बचाते हुए लगी. वो लोग मुझे चाकू मारने वाले थे की मुझे बचाने के लिए ये आ गये.
आज ये नहीं होते तो पता नहीं मेरे साथ क्या होता...

ठाकुर - बेटा तुम बहुत बहादुर हो... आज तुमने जो हमारे लिए किया है पता नहीं हम तुम्हारा शुक्रिया अदा कैसे करे...
आज तुमने ठाकुर खानदान के मान सम्मान की रक्षा की है...

मै- नहीं ताउजी ऐसा मत बोलिए, ये तो मेरा कर्तव्य था... मैने कुछ नहीं किया
ठकुराइन - कितने अच्छे संस्कार मिले है तुम्हें

ठाकुर - कौशल्या इसे अंदर ले जाओ और मरहम पट्टी करो, देखो खून निकल रहा है...

फिर मै ठकुराइन और पायल के साथ अंदर हॉल मे आ गया, मैं वहाँ सोफे पर बैठ गया...
ठकुराइन दवाइयों का बॉक्स ले आई...
ठकुराइन - बहु तुम राहुल के लिए हल्दी वाला दूध ले आओ..
पायल - जी माजी
ठकुराइन ( कौशल्या )- बेटा तुम आराम से बैठ जाओ...
ठकुराइन ने मेरे हाथ पर बंधा कपड़ा हटा दिया...

ठकुराइन (कौशल्या )- बेटा तुम ये शर्ट निकाल दो, ये खराब हो गई है
मैने अपनी शर्ट निकाल दी, जिससे मेरी कसरती बॉडी नंगी हो गई और मेरे हल्के सिक्स पैक्स दिखने लगे...

ठकुराइन - बेटा तुम्हारा शरीर तो बहुत मजबूत लग रहा है, एकदम पहलवान जैसे...
इतने मै पायल नौकरानी के साथ किचन से दूध लेके आ गई...
ठकुराइन मेरे घाव को साफ करने लगी...

ठकुराइन -कमिनों ने कैसे मारा है, कितना लंबा चिर गया है...
बेटा ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा..
मै- नहीं, बस थोडा ही बो रहा है...

ठकुराइन ने मेरे हाथ पर पट्टी कर दी, और पायल ने मुझे दूध दे दिया.. मैने पूरा दूध ख़त्म कर दिया...

मै खड़ा हो गया, मै अभी उपर से पूरा नंगा ही था.
पायल की आंखें बार -2 मेरे जिस्म पर आ रही थी...

ठकुराइन - शर्ट तो खराब हो गई, बहु एक काम करो इसे कमरे मे ले जाओ और रणजीत की शर्ट दिखा दो वो पहन लेगा...
पायल - जी माजी...

मै पायल के पिछे-2 उसके कमरे मे आ गया...
पायल ने अलमीरा को खोल दिया...

पायल - देख लीजिए आपको जो पसंद आये...
मैने देखा की पायल की आंखें मुझे घूर कर देख रही है
मै- आप ही दे दीजिये, जो अच्छी लगे.

पायल ने मुझे एक शर्ट निकाल के दे दी, मै वो शर्ट पहनने लगा. तभी मेरे कानों मे पायल के रोने की आवाज आई...
पायल दूसरी तरफ़ मुँह करके रो रही थीं...

मै- क्या हुआ पायल जी, आप रो क्यों रही है...
पायल - आज आप नहीं होते तो पता नहीं मेरा क्या होता.
मै- कुछ नहीं होता, मै था ना कुछ नहीं होने देता, आप ये सब मत सोचिए

पायल- आपने मुझे नया जीवन दिया है, आपने मेरे लिए चोट खाई, आपने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है..

मै उसके पास गया और उसे पानी पिलाया

मै- मैने आप पर कोई अहसान नहीं किया है, ये तो मेरा फर्ज है.

पायल अब कुछ चुप हो गई, उसका सिर नीचे था और मेरी तरफ देखने
मै- अच्छा आप ये समझ लीजिए की मै आपका दोस्त हूँ, ठीक... आप मुझे अपना दोस्त मान सकती है.

वो मेरी तरफ देखने लगी
पायल - आप मुझे अपना दोस्त बना रहे हैं.
मै- हाँ, आप बनेगी?
पायल कुछ नहीं बोली...
मै- नहीं, अच्छा कोई बात नहीं

पायल- नही ये बात नहीं है, यहाँ कोई किसी ने पूछा नहीं है ना इसलिए.
मै जरूर बनुंगी.

मैने अपना हाथ आगे किया और कहा - so we are friends.
पायल - yes

मुझे पायल के मुँह से English सुनकर अंचम्भा नहीं हुआ, क्योंकि वो भी बड़े, पढे लिखे परिवार से है.
मैने पायल से पूछा
मै- आपने कहाँ तक study की है
पायल- मैने कॉमर्स से मास्टर्स की डिग्री (Mcom. )ली है. ********* कॉलेज से.
पायल ने जिस कॉलेज का नाम बताया वो बड़ी कॉलेज है,

मै- वाह भाभीजी मुझे तो पता नहीं था.
पायल - हम फ्रेंड्स हैं ना तो आप मुझे नाम से बुलाए सबके सामने भाभी बोल लीजिए..
मै- ठीक है

तभी नीचे से ठकुराइन की आवाज आयी तो हम नीचे आ गये... नीचे ठाकुर और ठकुराइन दोनों थे...

ठाकुर - बेटा हम तुम्हें कुछ देना चाहते है, तुम जो चाहो वो मांग लो...
मै- नही ठाकुर ताउजी मुझे कुछ नहीं चाहिए...

ठकुराइन - बेटा मांग लो शरमाओ मत. जो भी चाहिए ये मना नहीं करेंगे..
मै- ताईजी, ताउजी माफ करिएगा पर मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैने कोई अहसान नहीं किया है...
ठाकुर - ठीक है बेटा, पर कभी कोई जरूरत हो तो बोल देना
मै- ठीक है, अब मुझे चलना चाहिए...

मै बाहर आ गया..

ठकुराइन (कौशल्या ) - देखिए तो कितना संस्कारी और कितना अच्छा है.

ठाकुर - हा कौशल्या वो तो है, काश हमारा रणजीत भी ऐसा होता...


मै बुलेट लेकर वहाँ से आ गया…



पढते रहियेगा और अपने विचार अवश्य दीजिये गा...
 
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