अपडेट -41
मै पायल को अपनी बुलेट पर बैठाकर ठाकुर की हवेली ले आया
ये हवेली पुश्तैनी है, तीन मंज़िला लंबी चौड़ी हवेली, गाओं की शोभा बढ़ाती है...
मेैन गेट से बहुत सारा लंबा चौड़ी खुली जगह है उसमे दोनों तरफ शानदार गार्डन बने हुए है , उसके बाद आगे बारादरी, जिसके बीचो-बीच से एक गॅलरी से होते हुए अंदर फिर एक बड़ा सा चौक, जिसके चारों तरफ बहुत सारे कमरे…
ठाकुर की बैठक हवेली के आगे के हिस्से मे थी, एक बड़े से हॉल नुमा कमरे के बीचो-बीच.बैठक बहुत ही शानदार और बड़ी है... ठाकुर अपना अधिकतर समय यहीं व्यतीत करता है. लोगों से मिलना और मदद करना सभी यही पर करता है..
बाहर गेट पर दो गार्ड खडे थे, मैने अपनी बुलेट अंदर ले जाकर रोक दी...
सुबह का समय था तो ठाकुर और ठकुराइन बाहर गार्डन मे बैठे हुए थे.
पायल और मै नीचे उतर कर उनके पास चले गए...
ठाकुर और ठकुराइन मुझे जानते है, क्योंकि हमारे परिवार मे काफी मेलजोल है.ठाकुर और बड़े ताऊजी दोस्त भी है. एक दुसरे के घर आना जाना है.
मै ठाकुर और ठकुराइन दोनों को ठाकुर ताउजी और ठकुराइन ताईजी बोलता हूँ .
मै उनके पास गया और दोनों के पैर छुए...
मै- प्रणाम ठाकुर ताऊजी, प्रणाम ठकुराइनई जी...
वो दोनों ही - जीते रहो बेटा...
ठाकुर - बेटा आज कैसे आना हुआ और बहु तुम्हारे साथ कैसे...
मै- ताउजी वो मै मंदिर के पास से गुजर रहा था तो ये वहां पर थी, तो मै इनको ले आया...
ठकुराइन - बहु तुम तो मंदिर गाड़ी मे गई थी, गाड़ी और ड्राइवर कहाँ पर हैं...
फिर पायल ने शुरू से पूरी बात उन दोनों को बता दी...
जिसे सुनकर ठाकुर गुस्से मे आ गया...
ठाकुर - किसकी इतनी हिम्मत हुई जिसने ठाकुर खानदान की बहु के साथ ऐसी हरकत की..
उन हरामजादो को तो अब छोड़ूँगा नहीं, उन्हें मरना ही होगा...
मैने और ठकुराइन ने उन्हें शांत किया...
मै- ठाकुर ताउजी शांत हो जाइये मैने उन हरामजादो को सबक सिखा दिया है...
ठाकुर - नहीं बेटा हम उन्हें सजा देंगे. तुम बताओ कौन थे वो लोग, कहाँ के थे...
मै - पता नहीं, मै उन्हें नहीं जानता... वो यहाँ के तो नहीं लग रहे थे बाहर के ही थे...
ठाकुर - हम उन्हें जल्दी ही ढूंढ लेंगे.और इसकी सजा जरूर देंगे.
पायल ने मेरे हाथ पर जो कपड़ा बांधा था उससे हल्का -2 खून आ रहा था.
उसे देखकर ठाकुर बोला - ये चोट कैसे लगी....
तो पायल ने जवाब दिया- पिताजी इन्हें ये चोट हमे बचाते हुए लगी. वो लोग मुझे चाकू मारने वाले थे की मुझे बचाने के लिए ये आ गये.
आज ये नहीं होते तो पता नहीं मेरे साथ क्या होता...
ठाकुर - बेटा तुम बहुत बहादुर हो... आज तुमने जो हमारे लिए किया है पता नहीं हम तुम्हारा शुक्रिया अदा कैसे करे...
आज तुमने ठाकुर खानदान के मान सम्मान की रक्षा की है...
मै- नहीं ताउजी ऐसा मत बोलिए, ये तो मेरा कर्तव्य था... मैने कुछ नहीं किया
ठकुराइन - कितने अच्छे संस्कार मिले है तुम्हें
ठाकुर - कौशल्या इसे अंदर ले जाओ और मरहम पट्टी करो, देखो खून निकल रहा है...
फिर मै ठकुराइन और पायल के साथ अंदर हॉल मे आ गया, मैं वहाँ सोफे पर बैठ गया...
ठकुराइन दवाइयों का बॉक्स ले आई...
ठकुराइन - बहु तुम राहुल के लिए हल्दी वाला दूध ले आओ..
पायल - जी माजी
ठकुराइन ( कौशल्या )- बेटा तुम आराम से बैठ जाओ...
ठकुराइन ने मेरे हाथ पर बंधा कपड़ा हटा दिया...
ठकुराइन (कौशल्या )- बेटा तुम ये शर्ट निकाल दो, ये खराब हो गई है
मैने अपनी शर्ट निकाल दी, जिससे मेरी कसरती बॉडी नंगी हो गई और मेरे हल्के सिक्स पैक्स दिखने लगे...
ठकुराइन - बेटा तुम्हारा शरीर तो बहुत मजबूत लग रहा है, एकदम पहलवान जैसे...
इतने मै पायल नौकरानी के साथ किचन से दूध लेके आ गई...
ठकुराइन मेरे घाव को साफ करने लगी...
ठकुराइन -कमिनों ने कैसे मारा है, कितना लंबा चिर गया है...
बेटा ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा..
मै- नहीं, बस थोडा ही बो रहा है...
ठकुराइन ने मेरे हाथ पर पट्टी कर दी, और पायल ने मुझे दूध दे दिया.. मैने पूरा दूध ख़त्म कर दिया...
मै खड़ा हो गया, मै अभी उपर से पूरा नंगा ही था.
पायल की आंखें बार -2 मेरे जिस्म पर आ रही थी...
ठकुराइन - शर्ट तो खराब हो गई, बहु एक काम करो इसे कमरे मे ले जाओ और रणजीत की शर्ट दिखा दो वो पहन लेगा...
पायल - जी माजी...
मै पायल के पिछे-2 उसके कमरे मे आ गया...
पायल ने अलमीरा को खोल दिया...
पायल - देख लीजिए आपको जो पसंद आये...
मैने देखा की पायल की आंखें मुझे घूर कर देख रही है
मै- आप ही दे दीजिये, जो अच्छी लगे.
पायल ने मुझे एक शर्ट निकाल के दे दी, मै वो शर्ट पहनने लगा. तभी मेरे कानों मे पायल के रोने की आवाज आई...
पायल दूसरी तरफ़ मुँह करके रो रही थीं...
मै- क्या हुआ पायल जी, आप रो क्यों रही है...
पायल - आज आप नहीं होते तो पता नहीं मेरा क्या होता.
मै- कुछ नहीं होता, मै था ना कुछ नहीं होने देता, आप ये सब मत सोचिए
पायल- आपने मुझे नया जीवन दिया है, आपने मेरे लिए चोट खाई, आपने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है..
मै उसके पास गया और उसे पानी पिलाया
मै- मैने आप पर कोई अहसान नहीं किया है, ये तो मेरा फर्ज है.
पायल अब कुछ चुप हो गई, उसका सिर नीचे था और मेरी तरफ देखने
मै- अच्छा आप ये समझ लीजिए की मै आपका दोस्त हूँ, ठीक... आप मुझे अपना दोस्त मान सकती है.
वो मेरी तरफ देखने लगी
पायल - आप मुझे अपना दोस्त बना रहे हैं.
मै- हाँ, आप बनेगी?
पायल कुछ नहीं बोली...
मै- नहीं, अच्छा कोई बात नहीं
पायल- नही ये बात नहीं है, यहाँ कोई किसी ने पूछा नहीं है ना इसलिए.
मै जरूर बनुंगी.
मैने अपना हाथ आगे किया और कहा - so we are friends.
पायल - yes
मुझे पायल के मुँह से English सुनकर अंचम्भा नहीं हुआ, क्योंकि वो भी बड़े, पढे लिखे परिवार से है.
मैने पायल से पूछा
मै- आपने कहाँ तक study की है
पायल- मैने कॉमर्स से मास्टर्स की डिग्री (Mcom. )ली है. ********* कॉलेज से.
पायल ने जिस कॉलेज का नाम बताया वो बड़ी कॉलेज है,
मै- वाह भाभीजी मुझे तो पता नहीं था.
पायल - हम फ्रेंड्स हैं ना तो आप मुझे नाम से बुलाए सबके सामने भाभी बोल लीजिए..
मै- ठीक है
तभी नीचे से ठकुराइन की आवाज आयी तो हम नीचे आ गये... नीचे ठाकुर और ठकुराइन दोनों थे...
ठाकुर - बेटा हम तुम्हें कुछ देना चाहते है, तुम जो चाहो वो मांग लो...
मै- नही ठाकुर ताउजी मुझे कुछ नहीं चाहिए...
ठकुराइन - बेटा मांग लो शरमाओ मत. जो भी चाहिए ये मना नहीं करेंगे..
मै- ताईजी, ताउजी माफ करिएगा पर मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैने कोई अहसान नहीं किया है...
ठाकुर - ठीक है बेटा, पर कभी कोई जरूरत हो तो बोल देना
मै- ठीक है, अब मुझे चलना चाहिए...
मै बाहर आ गया..
ठकुराइन (कौशल्या ) - देखिए तो कितना संस्कारी और कितना अच्छा है.
ठाकुर - हा कौशल्या वो तो है, काश हमारा रणजीत भी ऐसा होता...
मै बुलेट लेकर वहाँ से आ गया…
पढते रहियेगा और अपने विचार अवश्य दीजिये गा...