अपडेट - 64
मै-अब टेंशन मत लो मै हूँ ना... अब तुम्हारी इस रसीली चुत को पूरा उधेड़ दुंगा.
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मैने उसके कान को दांतों मे दबा लिया और उसे जीभ से कुरेदने लगा. साथ साथ मे उसे होंठो मे भींच कर चुसने लगा.
मेरे ऐसा करने से वो मदहोश होने लगी.
वो अपनी चुत को जोर - जोर मेरे लंड पर रगड़ने लगी और जोर जोर से मदहोश आंहे भरने लगी.
संगीता - उऊंह..आआहह..ह्अ्आहहा..मेरे राजा इस निगेडी़ को पुरा फाड़ दअ्ओ.. आइईह्ह... अपने हथियार से इसे रगड़ डालो बहुत तंग करती हैं...
उसकी चुत की गर्मी से मेरा लंड तन गया और चुत पर ठोकर मारने लगा...
भाभी की सिसकियां बढ़ने लगी, वो जोर जोर से बड़बड़ाने लगी.
संगीता - उऊम्मह.. आआआहह... राज्ज्अहहा... ये क्या कर दिया...इतना मजा कभी नहीं अअअअ...
अपनी बात पूरी करने से पहले ही उसका शरीर झटके खाने लगा, उसके हाथ मेरी बाजुओं पर कस गये... वो झड़ने लगी..और अपने पानी से मेरे मुसल को भिगोने लगी.
भाभी मे कुछ ज्यादा ही गर्मी थी तभी वो इतना झड़ गई.
10 सैंकड बाद उनका शरीर शांत पड़ गया. वो मेरे सीने पर सो चिपक कर सो गई. उनके मुँह से गर्म सांसे निकल रही थी जो मेरे सीने पर पड़ रही थीं.
मैने उन्हें बेड़ पर लेटा दिया.. मै खड़ा होकर बाहर बाथरूम मे चला गया. वहाँ पर खुद को साफ किया और कपड़े पहन कर आ गया.
वापिस आया तो देखा वो अभी भी लेटी हुई थी. मै उनके पास आकर बैठ गया.
मैंने दो उँगली उनकी चुत मे डाल दी, अचानक हुए इस हमले से वो हड़बडाकर ऊठ गई. और मेरी तरफ देखने लगी. मेरी आँखे उनकी तरफ ही थी...
मैंने उंगलियां बाहर निकालकर मुँह मे डाल ली और चुत का नमकीन पानी टेस्ट करने लगा... मुझे ऐसा करते देखकर वो हल्का सा शरमाई...
मै- बहुत देर हो गई है, जल्दी से खड़ी हो जाओ. कोई भी आ सकता हैं.
वो हल्का सा उठी और मेरे गले लग गई. मैने भी भाभी को बांहों मे भर लिया.
अब वो नंगी ही मेरी गोद मे बैठी थीं मुझे जकड़े हुए...
संगीता - बहुत मजा आया...मैं ये कभी नहीं भुल सकती
इतना मजा मुझे कभी नहीं आया, बहुत खुश हूँ आज मैं
मै- मेरी रानी मुझे भी बहुत मजा आया तुम्हारी चुत मारने मे...अब तो इसे पूरा फाड दुंगा...
संगीता - मेरे राजा अब तो ये तुम्हारी है, अपने हथियार से रोज कुटाई करना...
मैंने उसे कस लिया और बोला - बस ये ही मेरी है?
संगीता - आआह... मैं भी तुम्हारी ही हूँ. मेरा तन, मन सब तुम्हारा है मेरे राजा...हमेशा मुझे ऐसे प्यार करोगे ना?
मै- हा... अब तो ये चुत मेरी है जब मन करेगा तब मारूंगा... पर मेरी शर्त हैं...
संगीता - कैसी शर्त...
मैं - तुम्हें हमेशा मेरी बात माननी होगी और मैं जो कहूंगा वो करना होगा, तभी ये रिश्ता रहेगा.
संगीता - मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर हैं. तुम हमेशा मेरा और इसका (चुत) ख्याल रखना...
मै- पक्का.. सोच लो...
संगीता - पक्का
उसकी बात सुनते ही मैंने उसके होंठो को दबोच लिया और किस करने लगा... हम दोनों एक - दूसरे के होंठो को निचोड़ रहे थे. 4-5 मिनट बाद हम अलग हुए...
मै- अब आप कपडे पहन लो, कोई भी आ सकता हैं...
मेरी बात सुनकर वो खडी होकर अपने कपड़े लेने लगी... जैसे ही भाभी ने कदम रखा तो उनके पैर डगमगा गये, वो बेड पर बैठ गई .
मै- क्या हुआ...
संगीता - खुद ही ऐसी हालत करते हो ओर पूछते हो...
अपने इस मुसल से मेरी चुत फाड़ कर रख दी...आज तक इतनी एक साथ कभी नहीं झड़ी जितना अभी झड़ी हूँ , पैरों मे तो जान ही नहीं बची हैं...
मै- मेरी रानी अब तो इसे ऐसे ही फांडुगा...
मैं - टेंशन ना तो लो जान, मै बाथरूम तक छोड़ देता हूँ...
फिर मैंने उन्हें गोद मे उठाकर बाथरूम मे छोड़ा और एक किस करके वहाँ से बाहर आ गया...
मै सीधा घर आ गया...
दिमाग मे बार -2 सुबह वाली बात ही आ रही थी.
मेरा अनीता भाभी से बात करना जरूरी था, उनको सब समझाना था.क्योंकि अगर उन्होंने किसी को कुछ भी बता दिया या मेरी शिकायत कर दी तो गड़बड़ हो जायेगी.
मुझे जल्दी ही उनसे बात करनी थी...
और उनसे बात करने का शायद ये सबसे सही समय हैं, क्योंकि इस समय वो घर पर अकेली ही होगी.
क्योंकि ताई और ताउजी इस समय खेत मे गये होंगे और सुरेश भाई तो अपनी ड्यूटी पर हैं वो तो महिने मे एक दो बार आते हैं.
तो भाभी अकेली ही होगी...
मै जल्दी से बाहर आया और उनके घर चल पड़ा, 1-2 मिनट मे मै उनके घर पहुँच गया.
मै गेट से अंदर चला गया... भाभी अंदर थी.
मुझे देखकर वो बोली - अरे राहुल आप...आईये बैठिए
भाभी गुस्से मे तो नहीं लग रही थी...
मै उनके पास मे बैठ गया... वो अकेली ही थी.
मै इधर उधर की बात करने लगा...
पर मुझे सुबह वाली बात क्लियर करनी थी...#