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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
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rahsal

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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...


ये एक कहानी काल्पनिक है
Yaar devil story updates bohot wait krke dete ho, be quick buddy. Itni gap ke baad padhne me maza nahi ata hai.
 
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अपडेट - 61

अनिता एक मस्त औरत हैं, पढी - लिखी भी हैं... हंसमुख टाइप है...

आगे-

मेरी भी कभी -2 बात हो जाती हैं, हम भी थोड़ा बहुत हँसी मजाक कर लेते हैं. ज्यादा तो नहीं लेकिन मुझसे कुछ खुल गई है...)

जैसे ही वो पलटी मेरे सामने उसका खिला हुआ यौवन आ गया... उसकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरे सामने आ गई, उसकी बड़ी - बड़ी चुचियों को देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया.

मेरा लंड एकदम टाईट हो गया, मै उसके भीगे हुए मादक बदन का रसपान करने लगा... तभी उसका हाथ पेट के नीचे उसकी कछी के ऊपर गया, हाथ अंदर जाने ही वाला था कि अचानक ही उसकी नज़र मुझ पे पड़ी...

मुझे देखकर वो हडबडा गई, मेरी भी कुछ ऐसी ही हालत थी...
उसने जल्दी से खुद को ढक लिया, मै उसकी तरफ ही देख रहा था वो मेरी ओर देखने लगी...
अब मेरा खड़ा रहना ठीक नहीं था मै जाने लगा. मैने जाते हुए अनिता भाभी की तरफ देखा, ना जाने मुझे ऐसा लगा की उनके चेहरे के भाव अलग हैं... ये भाव मुझे गुस्से के तो नहीं लगे.

मै जल्दी से नीचे आ गया, और बाथरूम में चला गया.
शावर चालु करके नहाने लगा, और लंड को ठंडे पानी से शांत करने लगा.

नहाते हुए अनिता भाभी के बारे मे ही ख्याल आ रहा था.
मै सोचने लगा कि - ये तो पंंगा हो गया, अगर उन्होंने किसी को बता दिया तो गड़बड़ हो जायेगी.
मुझे उनसे बात करनी होगी वरना प्रोब्लम होगी.
लेकिन उनके चेहरे पर एक्सप्रेशन कैसे थे, गुस्से के तो नहीं लग रहें थे, शायद कुछ और थे.

सोचते - सोचते मै नहा कर तैयार हो गया, तैयार होकर बड़े ताऊजी के घर आ गया नाश्ता करने...घर मे कोई दिख नहीं रहा था,
शायद आज मै लेट हो गया जिससे बच्चे स्कूल और बड़े खेत मे चले गये.

मै किचन मे संगीता भाभी के पास चला गया... लेकिन वहाँ पर ताईजी भी थी. मुझे देखकर भाभी के चेहरे पर एक चमक आ गई, जिसे मैंने देख लिया.
भाभी ने मुझे नाश्ता दिया... मैने भाभी की तरफ देखा उनकी आँखों मे
मै नाश्ता लेकर बाहर आ गया,और नाश्ता करने लगा. कुछ देर मे ताईजी भी बाहर आ गई,

ताईजी - संगीता मै खेत मे जा रही हूँ, तु बाकी का काम कर लिये...
संगीता - जी माजी...
बोलकर वो मेरी तरफ देखने लगी...

भाभी मेरे मेरे पास आई और झुककर नाश्ते की प्लेट उठाने लगी... वो कुछ ज्यादा ही झुकी हुई थी जिससे उनके मम्मे कुर्ते से बाहर झांक रहे थे... उनके आधे चुच्चे मेरी आँखों के सामने थे.

मैंने जब उनकी तरफ देखा तो वो मेरी तरफ देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रही थी.
वो प्लेट लेके रसोई मे चली गई और ताईजी खेत में चली गई,
अब घर में और कोई नहीं था, आज मैने काम पूरा करने का फैसला कर लिया...

और मैं भी रसोई की और चल दिया...
भाभी मेरी और देख के बोली - क्या हुआ कुछ चाहिए आपको...
मै- कुछ चाहिए हो तभी आपके पास आऊ क्या , मै तो मेरी प्यारी भाभी के पास ऐसे ही आ गया...

और इतना बोलकर मैने भाभी को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया और उनसे चिपक के खड़ा हो गया...
मै- और मुझे आपसे कुछ चाहिए हो गया तो मै ले लुंगा, आप मुझे दोगी ना.
मैने उन्हें कस लिया, जिससे उनके मुँह से हल्की सी सिसकी निकल गई...
संगीता (भाभी)- आआहह... हा आप जो मांगेगे मै वो दे दुंगी...

अब हम एकदम चिपके हुए थे , मै अपने हाथों से कुर्ते के ऊपर से ही उनके पेट को सहलाने लगा...और उनके गरम शरीर का मज़ा लेने लगा, मेरा लंड उनके चुतडो की दरार में फंसा हुआ था और गर्मी पाकर धीरे धीरे फूलने लगा...

मै धीरे - धीरे अपने हाथ कुर्ते के अंदर करने लगा, मेरा लंड फुलकर टाईट हो गया जिससे वो भाभी की चुत और गांड के पास दस्तक देने लगा...
मैने हाथ उनके नंगे पेट पर रख दिये और उनके मखमली पेट को सहलाने लगा, जिससे भाभी उतेजित होने लगी, उनकी सांसे भारी होने लगी थी...

भाभी उतेजित हुए बोली कि - ये मेरे पिछे क्या चुभ रहा है...

मै भी मजे लेते हुए बोला - कहाँ पर भाभी...

मुझे लगा वो नहीं बोलेगी, लेकिन आज वो भी कुछ करना चाहती थी...
भाभी - पिछे मेरे चुतडो़ मे...
मै- पता नहीं, आप खुद ही देख लो...

मेरी बात सुनते ही भाभी ने अपना हाथ नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ते हुये बोली कि- हाय.. ये क्या हैं (और उन्होंने अपना हाथ हटा लिया )

मैने अपने पजामे और अंडरवीयर को नीचे किया और मुसल को आजाद कर दिया जो लोहे की रोड जैसे तना हुआ था...
मैने भाभी का हाथ पकड़ा और मुसल पर रख कर दबा दिया, जिससे उंगलियां लंड के चारों तरफ आ गई...

मेरा लंड एकदम कड़क हो गया, वो भाभी की मुट्ठी मे मुश्किल से समा रहा था, 2-3 सेकंड तक वो लंड की साईज का अंदाजा लगाती रही, जैसे ही उन्हें लंड की साईज का अहसास हुआ वो आगे खिसक गई और पलट गई...

उनकी नजरे मेरे लंड पर थी...

संगीता भाभी(हैरानी से) - हे भगवान... ये क्या है..इतना बड़ा और मोटा...
मै- क्यों भाभी पंसद नहीं आपको...

मै भाभी के पास गया और उनकी चूत को हाथ से हल्का सा भींच दिया, जिससे उनके मूह से सिसकारी निकल गयी.

वो मुझसे दूर हो गयी...
संगीता - ये क्या कर रहे हो राहुल... मैं भाभी हूँ तुम्हारी, ये गलत हैं.

मुझे पता था कि ये नाटक कर रही हैं, ये भी मेरा लंड लेना चाहती हैं, इसके दो कारण हैं -
पहला तो ये कि देवीलाल भाई नहीं हैं जिससे कई दिनों से इनकी चुदाई नहीं हुई हैं.
दुसरा ये कि जैसा मैने शुरुआत में बताया है कि इन्होंने जवानी मे बहुत गुल खिलाये है, जो किसी को नहीं पता ( मुझे कॉलेज मे दोस्त से पता चला ).

मुझे पता था थोड़े टाइम मे ये भी साथ देगी, मैने आगे बढने का सोचा.

मैं - कुछ गलत नहीं है, मुझे पता है आप भी प्यासी हैं... भाभी मै और मेरा ये अच्छे नहीं लगे आपको...

वो मेरी तरफ देखने लगी...
बहुत ही कामुक गरमागरम अपडेट है लगता है संगीता भाभी की दमदार चुदाई होने वाली है
 
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मैं - कुछ गलत नहीं है, मुझे पता है आप भी प्यासी हैं... भाभी मै और मेरा ये अच्छे नहीं लगे आपको...

वो मेरी तरफ देखने लगी...

मैं भाभी के पास गया और उनसे लिपट गया, फिर मैने उनके होंठो पर होंठ रखे और चूसना शुरू किया कुछ देर मैं किस करता रहा फिर उन्होने किस तोड़ा और मेरी ओर देखने लगी...

लेकिन मै दुबारा किस करने लगा और अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा अब भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी मेरे हाथ उनकी गोलमटोल सुडोल छातियों पे पहुँच गये थे जैसे ही मैने उनकी चूचियो को हल्का सा दबाया भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया...

मै- भाभी क्या हुआ...
संगीता -अगर किसी को मालूम हो गया तो...

मुझे पता था कि वो नाटक कर रही हैं...

मै- किसी को पता नहीं चलेगा... आप बस मजे लो.

मेरे हाथ उनकी चूचियो पर कस गये, और उन्हें भींचने लगे, उनके मूह से एक हल्की -2 सिसकारी निकलने लगी...

मैंने उन्हें गोद मे उठा लिया, और उनके कमरे की तरफ चल पड़ा...
संगीता - कहाँ ले जा रहे हो राहुल...
मैं - सब्र करो भाभी बड़ी जल्दी है चुदने की...

कमरे मे आते ही मेने उन्हें नीचे उतार दिया...

उतरते ही वो मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी. मै भी किस करने लगा. कई देर तक हम किस करते रहें...

मै- लगता है बहुत आग लगी हैं भाभी, बहुत प्यासी हो...
संगीता - हा देवर जी, मेरी सारी प्यास मिटा दो... मैं भी बहुत दिनों से आपसे चुदना चाहती थी...

मै- तो बोली क्यों नहीं
संगीता - मै कैसे बोलती, बहुत मन था मेरा...

मै - देवीलाल भाईजी नहीं करते
संगीता - वो क्या करेंगे, कभी -2 करते हैं और मुझे प्यासा ही छोड़ देते हैं, उनका तो इससे आधा है...

अब भाभी पूरी खुल गई थी,खुलकर बाते कर रही थीं... एक बात थी अभी तक इतना खुलकर ओरो ने बात नहीं की, शायद तभी भाभी ने जवानी मे मजे लिये है...

मैने जल्दी से भाभी का कुर्ता निकाल दिया और ब्रा के उपर से ही चुचों को मसल्ने लगा फिर मैने ब्रा को भी उतार दिया और एक चूची को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से मसल्ने लगा जैसे जैसे भाभी की निप्पल को चूस्ता गया उनके मूह से - ऊउफ्फफ आआहह हीईीईई जैसी आवाज़े हल्के हल्के निकलने लगी.

मैं बारी - बारी से दोनों चुचियो को पीता रहा अब भाभी की आँखो मे खुमारी छाने लगी थी.
मैने भाभी क़ी सलवार का नाडा खींच दिया जैसे ही वो नीचे गिरा मेरी अाँखे खुशी से चमक उठी उन्होने पेंटी नही पहनी थी...

मै - पेंटी क्यो नहीं पहन रखी...
संगीता - मुझे पता था कि आप आंयेगे और मेरे पिछे खड़े होकर...
मै- बडी़ चालु हो आप...

वो पूर्ण रूप से नंगी मेरे सामने खड़ी थी... मेरी नज़रे उनकी चूत पर ही थी...हल्के काले काले बालों से ढकी हुई हल्की लाल लाल सी चूत.
चुत को देख कर मेरा लंड बेकाबू होने लगा...

अब रुकना मुश्किल था मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए.

मैने भाभी को लिटा दिया और उनके बदन को चूमना शुरू कर दिया. मैने एक हाथ उनकी चूत पे रख दिया और उसको सहलाने लगा जैसे ही मेरी उंगलिया उनकी चुत से टकराई उनकी आँखे मस्ती से बोझिल होने लगी...

मै चुत के पास आया और अपना मूह उनकी गदराई चूत पे रख दिया और उसको अपने मूह मे भर लिया जैसे ही मैने ऐसा किया भाभी की सिसकारियो से कमरा गूँज उठा.

भाभी ने अपने हाथ मेरे सिर पे रख दिए और मेरे सर को अपनी चूत पे दबाते हुए बोली " मेरे राजा पी जा आज से मैं तेरी हो गई - आआह अहहाअ उफफ ओह...

मैं भी पूरे जोश मे उनकी चूत चाट रहा था, वो बहुत दिनो से प्यासी थी जिस कारण जल्दी ही उनका पूरा बदन अकड़ गया और वो काँपते हुए लंबी लंबी साँसे लेने लगी उनकी चूत से बहुत सारा रस निकलने लगा... मैने अपना मुँह चुत पर लगाये रखा और सारा रस पी गया. भाभी बेड पे निढाल से पड़ गयी

मै भाभी के साथ लेट गया और उनसे लिपट ते हुए बोला - भाभी जान आप भी मेरे लंड को प्यार करो ना...

संगीता - अभी मै आपकी भाभी नहीं हूँ देवर जी , मुझे सिर्फ संगीता बोलो...
मै - तुम तो मेरी रानी हो...
संगीता - हां मेरे राजा...
वो लंड के पास आ गई और मेरे लंड को सहलाते हुए बोली - कितना लंबा और मोटा है...

वो नीचे झुक गई और मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फेरने लगी..फिर उन्होने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया और चूसने लगी, मेरे मुँह से तो मस्ती मे आंनदमयी आआह निकलने लगी...

कुछ देर चुसने के बाद वो अलग हुई...
* अपडेट - 63

कुछ देर चुसने के बाद वो अलग हुई...

संगीता - वाह... ये अभी तक नहीं झड़ा, उनका तो इतने समय मे कब का ही...

मै - मेरी रानी ये ऐसे नहीं झडे़गा...
बोलकर मैने उनको बिस्तर पे लिटा दिया और उनके उपर आ गया और उनके होंठो का रस पीने लगा आग दोनो तरफ बराबर की लगी थी...

लंड चूत पर रगड़ खा रहा था, संगीता से अब सहन नहीं हो रहा था...

संगीता - अब देर मत करो घुसा दो...

मैने हल्का सा धक्का मारा तो लंड दो इंच चूत मे चला गया... उनके मूह से आआअहह की आवाज़ निकल गयी...

संगीता - आआहह... आराम से बहुत मोटा है...

मैने एक झटका मारा और आधा लंड अंदर डाल दिया...
उनके मुँह से हल्की सी चीख निकल गईं...

मैने उसके होंठो को चुसने लगा और एक तगडा धक्का मारा और मेरा लंड पूरा उनकी मस्त चूत मे घुस गया...
वो हल्के से झटपटाने लगी उसकी आवाज मेरे मुँह मे ही दब गई, उन्होने अपनी आँखे बंद करली.
उनकी आँखों के किनारों से आंसू की कुछ बूंदें बाहर आ गई. मैने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए... और धीरे धीरे उसके चुचो को मसलने लगा...

थोड़ी देर मैं वो भी सहज होने लगी और आनंद लेने लगी...
संगीता - आआह... हा.. हा.. ऐसे ही. उऊम्मह...

भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर पर लिपेट दी और बोली शाबाश ऐसे ही लगे रहो... कुछ ही देर मे उनका बदन फिर ऐंठ गया और वो झडने लगी...
संगीता - आआआह... मेरे राजा मै गइई...

मैने एक दूसरे के होंठो को जोड़ लिया और चुसने लगा... मैं खुल कर मजे मे तगडे़ धक्के मारने लगा.
संगीता - उहह... आआहह जोर्ररर.. से आआह इतना मजा कभी नहीं आइअ्यया...

मै भी बस झड़ने की कगार पर था... मै जोर -2 से धक्के मारने लगा... 15-20 धक्को बाद मुझे मेरे शरीर मे तनाव महसूस होने लगा... और संगीता भाभी के मादक बदन से चिपकते हुए मैंने अपना वीर्य उनकी चूत मे छोड़ दिया, साथ मे वो भी तीसरी बार झड़ गई...

संगीता भाभी की सांसे तेज चल रही थी और मजे मे उनकी आँखें बंद हो गई, 2-3 मिनट बाद उन्होंने अपनी आँखें खोली और वो मेरी ओर देख के मुस्कुराई और मेरे गाल को चूम लिया...

मैं - कैसा लगा... मजा आया.
संगीता - मजा... बहुत ज्यादा मजा आया...हवा मे उड़ने लगी थी मै तो...

मै - अच्छा..! मैने जब डाला तो दर्द मे आवाज क्यूँ निकाल रही थी और तुम्हारी आँखों मे पानी कैसे आया...
संगीता(लंड को पकड़कर सहलाते हुए ) - मेरे राजा..तुम्हारा हथियार हैं ही इतना तगड़ा की किसी की भी चीखे निकलवा दे. और आँसू तो आयेंगे ही जब तुम्हारा ये घोड़े जैसा लंड अंदर जायेगा...

मैंने भाभी को अपने ऊपर खींच लिया और उसका रस पान करने लगा...

वो पूरी तरह से मेरे ऊपर आ गई जिससे उसकी चुत मेरे लंड के ऊपर आ गई...

मै - मेरी जान इतने साल हो गये चुदवाते हुए अभी तक तुम्हारी चुत खुली नहीं, और तुमने एक बच्चे को भी जन्म दिया है...
संगीता - अरे मेरे भोले राजा तुम्हारे भाई का तुम्हारे से तो आधा ही है,और माँ बने हुए मुझे 15-16 साल हो गई, अब तो ये सही हो गई हैं.
और तुम्हारे हथियार ने तो मेरी हालत खराब कर दी, ये तो मेरे पेट तक मार रहा था, ऐसा लग रहा था कि ये मेरी बच्चेदानी को फाड़ ही देगा.

मेरे होंठ उसकी गर्दन पर आ गये थे, मै उसकी गर्दन को जीभ से चाटने लगा, साथ साथ मे चुमते हुए दाँतों से हल्का - हल्का काटने लगा...
मस्ती मे उसके मुँह से सिसकारीया निकलने लगी...


मै-अब टेंशन मत लो मै हूँ ना... अब तुम्हारी इस रसीली चुत को पूरा उधेड़ दुंगा
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना पूर्ण अपडेट है
 
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मै-अब टेंशन मत लो मै हूँ ना... अब तुम्हारी इस रसीली चुत को पूरा उधेड़ दुंगा.

आगे -

मैने उसके कान को दांतों मे दबा लिया और उसे जीभ से कुरेदने लगा. साथ साथ मे उसे होंठो मे भींच कर चुसने लगा.

मेरे ऐसा करने से वो मदहोश होने लगी.

वो अपनी चुत को जोर - जोर मेरे लंड पर रगड़ने लगी और जोर जोर से मदहोश आंहे भरने लगी.

संगीता - उऊंह..आआहह..ह्अ्आहहा..मेरे राजा इस निगेडी़ को पुरा फाड़ दअ्ओ.. आइईह्ह... अपने हथियार से इसे रगड़ डालो बहुत तंग करती हैं...

उसकी चुत की गर्मी से मेरा लंड तन गया और चुत पर ठोकर मारने लगा...
भाभी की सिसकियां बढ़ने लगी, वो जोर जोर से बड़बड़ाने लगी.

संगीता - उऊम्मह.. आआआहह... राज्ज्अहहा... ये क्या कर दिया...इतना मजा कभी नहीं अअअअ...

अपनी बात पूरी करने से पहले ही उसका शरीर झटके खाने लगा, उसके हाथ मेरी बाजुओं पर कस गये... वो झड़ने लगी..और अपने पानी से मेरे मुसल को भिगोने लगी.

भाभी मे कुछ ज्यादा ही गर्मी थी तभी वो इतना झड़ गई.

10 सैंकड बाद उनका शरीर शांत पड़ गया. वो मेरे सीने पर सो चिपक कर सो गई. उनके मुँह से गर्म सांसे निकल रही थी जो मेरे सीने पर पड़ रही थीं.

मैने उन्हें बेड़ पर लेटा दिया.. मै खड़ा होकर बाहर बाथरूम मे चला गया. वहाँ पर खुद को साफ किया और कपड़े पहन कर आ गया.

वापिस आया तो देखा वो अभी भी लेटी हुई थी. मै उनके पास आकर बैठ गया.
मैंने दो उँगली उनकी चुत मे डाल दी, अचानक हुए इस हमले से वो हड़बडाकर ऊठ गई. और मेरी तरफ देखने लगी. मेरी आँखे उनकी तरफ ही थी...

मैंने उंगलियां बाहर निकालकर मुँह मे डाल ली और चुत का नमकीन पानी टेस्ट करने लगा... मुझे ऐसा करते देखकर वो हल्का सा शरमाई...

मै- बहुत देर हो गई है, जल्दी से खड़ी हो जाओ. कोई भी आ सकता हैं.

वो हल्का सा उठी और मेरे गले लग गई. मैने भी भाभी को बांहों मे भर लिया.
अब वो नंगी ही मेरी गोद मे बैठी थीं मुझे जकड़े हुए...

संगीता - बहुत मजा आया...मैं ये कभी नहीं भुल सकती
इतना मजा मुझे कभी नहीं आया, बहुत खुश हूँ आज मैं

मै- मेरी रानी मुझे भी बहुत मजा आया तुम्हारी चुत मारने मे...अब तो इसे पूरा फाड दुंगा...

संगीता - मेरे राजा अब तो ये तुम्हारी है, अपने हथियार से रोज कुटाई करना...
मैंने उसे कस लिया और बोला - बस ये ही मेरी है?

संगीता - आआह... मैं भी तुम्हारी ही हूँ. मेरा तन, मन सब तुम्हारा है मेरे राजा...हमेशा मुझे ऐसे प्यार करोगे ना?
मै- हा... अब तो ये चुत मेरी है जब मन करेगा तब मारूंगा... पर मेरी शर्त हैं...

संगीता - कैसी शर्त...
मैं - तुम्हें हमेशा मेरी बात माननी होगी और मैं जो कहूंगा वो करना होगा, तभी ये रिश्ता रहेगा.

संगीता - मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर हैं. तुम हमेशा मेरा और इसका (चुत) ख्याल रखना...
मै- पक्का.. सोच लो...
संगीता - पक्का

उसकी बात सुनते ही मैंने उसके होंठो को दबोच लिया और किस करने लगा... हम दोनों एक - दूसरे के होंठो को निचोड़ रहे थे. 4-5 मिनट बाद हम अलग हुए...

मै- अब आप कपडे पहन लो, कोई भी आ सकता हैं...

मेरी बात सुनकर वो खडी होकर अपने कपड़े लेने लगी... जैसे ही भाभी ने कदम रखा तो उनके पैर डगमगा गये, वो बेड पर बैठ गई .

मै- क्या हुआ...
संगीता - खुद ही ऐसी हालत करते हो ओर पूछते हो...
अपने इस मुसल से मेरी चुत फाड़ कर रख दी...आज तक इतनी एक साथ कभी नहीं झड़ी जितना अभी झड़ी हूँ , पैरों मे तो जान ही नहीं बची हैं...

मै- मेरी रानी अब तो इसे ऐसे ही फांडुगा...

मैं - टेंशन ना तो लो जान, मै बाथरूम तक छोड़ देता हूँ...

फिर मैंने उन्हें गोद मे उठाकर बाथरूम मे छोड़ा और एक किस करके वहाँ से बाहर आ गया...

मै सीधा घर आ गया...
दिमाग मे बार -2 सुबह वाली बात ही आ रही थी.
मेरा अनीता भाभी से बात करना जरूरी था, उनको सब समझाना था.क्योंकि अगर उन्होंने किसी को कुछ भी बता दिया या मेरी शिकायत कर दी तो गड़बड़ हो जायेगी.
मुझे जल्दी ही उनसे बात करनी थी...
और उनसे बात करने का शायद ये सबसे सही समय हैं, क्योंकि इस समय वो घर पर अकेली ही होगी.
क्योंकि ताई और ताउजी इस समय खेत मे गये होंगे और सुरेश भाई तो अपनी ड्यूटी पर हैं वो तो महिने मे एक दो बार आते हैं.
तो भाभी अकेली ही होगी...

मै जल्दी से बाहर आया और उनके घर चल पड़ा, 1-2 मिनट मे मै उनके घर पहुँच गया.

मै गेट से अंदर चला गया... भाभी अंदर थी.
मुझे देखकर वो बोली - अरे राहुल आप...आईये बैठिए

भाभी गुस्से मे तो नहीं लग रही थी...

मै उनके पास मे बैठ गया... वो अकेली ही थी.
मै इधर उधर की बात करने लगा...

पर मुझे सुबह वाली बात क्लियर करनी थी...#
Nice update
 
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# अपडेट - 65

पर मुझे सुबह वाली बात क्लियर करनी थी...

फिर मैं बोला - भाभी सुबह के लिए सॉरी... उसमे मेरी कोई गलती नहीं थी, वो सब अचानक से हो गया...
मेरी बात सुनकर वो बोली - अच्छा तो किसकी गलती थी

मै- भाभी वो सब अचानक ही हो गया.. सॉरी
मेरी बात सुनकर वो हल्का सा मुस्कुराई और बोली - कोई बात नहीं हो जाता है ऐसा

मै - आप नाराज तो नहीं हैं ना
अनिता - नहीं तो

उनकी आँखों मे गुस्सा नहीं था बल्कि कुछ और था

मै- एक बात बोलु भाभी... आप बहुत सुंदर हो
अनिता - क्या...कुछ भी बोलते हो...

मै- सच्ची भाभी आप एकदम हॉट एण्ड सेक्सी हो...
अनिता - धत्त्.. क्या बोल रहे हो... भाभी के बोरे मे बोलते हुए शरम नहीं आती...

मै- इसमें शरम कैसी.. मै तो सच ही बोल रहा हूँ...

मैने बिना देर किए बोला - आप बहुत सुंदर हो... आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो...

और मैंने उनको गले लगा लिया, 5-7 सैंकड वो अलग हो गई...
और बोली - नहीं.. ये सब सही नहीं हैं, ये गलत हैं.

मै- भाभी आप मुझे बहुत पसंद हो...
वो बोली - तुम अभी जाओ यहां से...
मैं - पर भाभी
अनीता भाभी - मैंने कहा ना कि जाओ

फिर मैं वहाँ से आ गया... रास्ते मे मुझे ताई और ताउजी आते हुए दिखाई दिये... अच्छा हुआ कि मैं जल्दी आ गया.

वहां से सीधा खेतों की तरफ चल पड़ा... खेत मे पहुँचकर कुछ देर खेत का निरिक्षण किया, फिर मै खाली जमीन की तरफ चल पड़ा...जहाँ पर दादा ने पैसे & गहने रखे थे, जो अब मेरे थे...

वहां पहुँचकर मैंने चारों तरफ निगाह दौडाई की कहीं कोई देख तो नहीं रहा...आस पास कोई नहीं था.
मैंने मिट्टी खोदकर एक बक्सा बाहर निकाल लिया और उसमे से पैसे निकाल लिये और उसे वापिस वैसे ही रख दिया...
फावड़े को भी वही पर साईड़ मे ही छुपा दिया...
पैसों को जेब मे डालकर मे घर तरफ आने लगा... थोड़ा आगे आया तो जोर जोर से बोलने चिलाने की आवाज आ रही थी...

ये आवाज कर्ण सिंह ताउजी की थी और ये उनके खेत से आ रही थी...
उनकी आवाज सुनकर मैं उनकी तरफ चल पड़ा, कि कुछ प्रोब्लम हो सकती हैं...

वहाँ पर जाकर देखा कि वो खेत मे बने कमरे के बाहर चारपाई पर बैठे हैं और पास मे ताईजी भी खड़ी हैं...
वो ताईजी पर चिल्ला रहे हैं, उनको गंदी - गंदी गालियां दे रहे हैं... ताउजी ने शराब पी रखी थी...

कर्ण सिंह - साली कुत्ती..तु होती कौन हैं मुझे रोकने वाली. मै तो पिउंगा... मेरे पैसो की पीता हूँ तेरे बाप के नहीं.

कमला ताई- उम्र होगी है अब तो रूक जाओ.. बहुत दिन पिली, पोतो हो रो है अब तो रूक जाओ...

कर्ण सिंह - साली भैनचोद कूती...

ताउजी खडे हुए और ताईजी को मारने लगे और बोलने लगे की - मै तो पिउंगो. कोनी रूकु, कर बोकरले...

मै जल्दी से उनके पास गया और ताउजी को हटाया...

मै- ये आप क्या कर रहे हैं ताऊजी... ताईजी को क्यों मार रहे हैं...
कर्ण सिंह - आ साली म न रोक री है...

मै- सही तो बोल रहे है ताईजी... अब तो बंद कर देनी चाहिए...

कर्ण सिंह - तु भी इक साथ म ही हैं... कोनी छोडु मै पिंउगो...

इतना बोलकर वो वहाँ से घर की तरफ जाने लगे.. मैंने उनको रोकना ठीक नहीं समझा...
उनके जाने के बाद मैंने देखा कि ताईजी नीचे बैठी हुई हैं उनकी आँखों मे हल्के आंसू हैं...

मै उनके पास गया...
मै- क्या हुआ ताईजी...
कमला - बेटा मैने कुछ गलत बोला था क्या... इस दारू ने सब खराब कर दिया हैं... मेरी तो आज तक पूरी जिंदगी खराब हुई हैं...

मै उनको उठाते हुए - आप चिंता मत किए सब ठीक हो जायेगा... ताऊजी समझ जायेंगे...
कमला - मैं भी कब से ये ही आस लगाये बैठी हूँ... सोचा था कि टाबर बड़ा होंगा तब सुधर जायेंगा, लेकिन बेटे बेटियों के भी बच्चे हो गये पर ये नहीं सुधरे...

उनकी आँखें नम थी... मै उनको दिलासा देने लगा. मै बिल्कुल उनके पास था...
मै उनको समझाने लगा, वो भावुक होकर मेरे गले लग गई, मैने भी उनको गले लगा लिया..
मेरे हाथ उनकी पीठ पर थे. उनके मुलायम चुचे दोनों के बीच मे दब गये...
जिससे मेरा लंड गरम होने लगा...
हम जल्दी ही अलग हो गये...

मै और ताईजी घर कि और चल पड़े... उनके सिर पर चारे की गठरी थी, वो मेरे आगे थी और मैं पिछे था... उनकी बड़ी गांड मेरे आँखों के सामने उछल रही थी...

घर आकर वो बाडे़ मे चली गई , उनको छोड़कर मैं घर की तरफ आ गया...

फिर पूरे दिन कुछ खास नहीं हुआ.
शाम को कुलदीप का फोन आ गया तो पैदल मैदान की तरफ चला गया.
वापिस आते अंधेरा हो गया. मै घर के अंदर जा रहा था तो देखा की रेखा भाभी घर को तरफ जा रही हैं और पंकज बाडे़ की तरफ.

अपडेट - 66


मै घर के अंदर जा रहा था तो देखा की रेखा भाभी घर को तरफ जा रही हैं और पंकज बाडे़ की तरफ.
सूरज ढल गया था तो अंधेरा हो गया था, आस पास कोई नहीं था.
मैंने इस मौके को भुनाने की सोची और बाडे़ की और चल पड़ा.

मैं अंदर गया तो देखा पंकज अंदर कमरे मे थी. मैं धीरे से कमरे मे गया, मेरी तरफ पीठ किये हुए वो काम कर रही थी.
मै एकदम पास चला गया तभी वो मेरी तरफ पलटी मैंने बिना देर किये हुए उन्हें दबोच लिया और बांहों मे भर लिया.

उसकी चूचियां मेरे सीने में धँस गईं... वो एक पल के लिए तो चौंक गई, पर मुझे देखकर वो शांत हो गई...
पंकज - आह्ह..ओह.. क्या कर रहे है.. छोड़ीए मुझे..

वो बोल तो रही थी पर बातों मे वो विरोध नहीं था, वो अलग हट भी नहीं रही थीं.

मैने हाथ पीछे ले जाकर पंकज के चुतडो़ को अपनी हथेलयों में भर लिया था, जिससे उनके मुँह से सिसकी निकल गई और वो मुझसे चिपक गई...

उसके बदन से आ रही खुशबू से मैं उतेजित होने लगा..
मेरे लंड ने पजामे में तंबू बना लिया था जो सीधा पंकज के लहँगे के ऊपर से उसकी चूत पर चोट कर रहा था.

पंकज - आहह.. छोड़ो ना कोई आ जाएगा.

मैंने पंकज के सिर को पकड़ा और अपने होंठ उसके रसीले होंठो पर रख दिये और चुमने लगा...
एक मिनट तक मैं होंठो को चुसता रहा फिर मेैं अलग हुआ...

वो मेरी तरफ देखने लगी... उसकी चूचियाँ तेज सांस लेने से ऊपर-नीचे हो रही थीं

मैं - छोड़ दूँ रानी...
पंकज - नहीं... इतना बोलकर उसने भी मुझे बांहो मे भर लिया

पंकज - पहले तड़पाते हो और फिर ऐसा...

उसकी बात पूरी होने से पहले ही मैंने लँहगे के नाडे़ को खोल दिया, जिससे लंहगा सरकता हुआ गिर गया. मैंने अपनी पेंट और अंडरवीयर निकाल दिये.

पंकज - यहाँ कोई देख लेगा...

मैं - कोई नहीं देखेगा मेरी जान

मैंने पंकज के पैरों को जांघों से पकड़कर गोद मे उठा लिया...और हाथों को उनकी पीठ पर कस लिये.
पंकज ने भी अपने पैर मेरी कमर के दोनों तरफ लपेट लिये और हाथों को गर्दन पर डाल लिया...

मैं थोड़ा आगे खिसका और पंकज की पीठ को वहां रखी बोरियो से सटा दिया जिससे मुझे आसानी हो...


मैंने एक हाथ से लंड को पकड़ा और चुत पर रगड़ने लगा, जिससे उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगी..और वो उतेजित होकर बोली - अब मत तड़पाइए
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना पूर्ण अपडेट है मजा आ गया
 
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अनिता एक मस्त औरत हैं, पढी - लिखी भी हैं... हंसमुख टाइप है...

आगे-

मेरी भी कभी -2 बात हो जाती हैं, हम भी थोड़ा बहुत हँसी मजाक कर लेते हैं. ज्यादा तो नहीं लेकिन मुझसे कुछ खुल गई है...)

जैसे ही वो पलटी मेरे सामने उसका खिला हुआ यौवन आ गया... उसकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरे सामने आ गई, उसकी बड़ी - बड़ी चुचियों को देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया.

मेरा लंड एकदम टाईट हो गया, मै उसके भीगे हुए मादक बदन का रसपान करने लगा... तभी उसका हाथ पेट के नीचे उसकी कछी के ऊपर गया, हाथ अंदर जाने ही वाला था कि अचानक ही उसकी नज़र मुझ पे पड़ी...

मुझे देखकर वो हडबडा गई, मेरी भी कुछ ऐसी ही हालत थी...
उसने जल्दी से खुद को ढक लिया, मै उसकी तरफ ही देख रहा था वो मेरी ओर देखने लगी...
अब मेरा खड़ा रहना ठीक नहीं था मै जाने लगा. मैने जाते हुए अनिता भाभी की तरफ देखा, ना जाने मुझे ऐसा लगा की उनके चेहरे के भाव अलग हैं... ये भाव मुझे गुस्से के तो नहीं लगे.

मै जल्दी से नीचे आ गया, और बाथरूम में चला गया.
शावर चालु करके नहाने लगा, और लंड को ठंडे पानी से शांत करने लगा.

नहाते हुए अनिता भाभी के बारे मे ही ख्याल आ रहा था.
मै सोचने लगा कि - ये तो पंंगा हो गया, अगर उन्होंने किसी को बता दिया तो गड़बड़ हो जायेगी.
मुझे उनसे बात करनी होगी वरना प्रोब्लम होगी.
लेकिन उनके चेहरे पर एक्सप्रेशन कैसे थे, गुस्से के तो नहीं लग रहें थे, शायद कुछ और थे.

सोचते - सोचते मै नहा कर तैयार हो गया, तैयार होकर बड़े ताऊजी के घर आ गया नाश्ता करने...घर मे कोई दिख नहीं रहा था,
शायद आज मै लेट हो गया जिससे बच्चे स्कूल और बड़े खेत मे चले गये.

मै किचन मे संगीता भाभी के पास चला गया... लेकिन वहाँ पर ताईजी भी थी. मुझे देखकर भाभी के चेहरे पर एक चमक आ गई, जिसे मैंने देख लिया.
भाभी ने मुझे नाश्ता दिया... मैने भाभी की तरफ देखा उनकी आँखों मे
मै नाश्ता लेकर बाहर आ गया,और नाश्ता करने लगा. कुछ देर मे ताईजी भी बाहर आ गई,

ताईजी - संगीता मै खेत मे जा रही हूँ, तु बाकी का काम कर लिये...
संगीता - जी माजी...
बोलकर वो मेरी तरफ देखने लगी...

भाभी मेरे मेरे पास आई और झुककर नाश्ते की प्लेट उठाने लगी... वो कुछ ज्यादा ही झुकी हुई थी जिससे उनके मम्मे कुर्ते से बाहर झांक रहे थे... उनके आधे चुच्चे मेरी आँखों के सामने थे.

मैंने जब उनकी तरफ देखा तो वो मेरी तरफ देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रही थी.
वो प्लेट लेके रसोई मे चली गई और ताईजी खेत में चली गई,
अब घर में और कोई नहीं था, आज मैने काम पूरा करने का फैसला कर लिया...

और मैं भी रसोई की और चल दिया...
भाभी मेरी और देख के बोली - क्या हुआ कुछ चाहिए आपको...
मै- कुछ चाहिए हो तभी आपके पास आऊ क्या , मै तो मेरी प्यारी भाभी के पास ऐसे ही आ गया...

और इतना बोलकर मैने भाभी को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया और उनसे चिपक के खड़ा हो गया...
मै- और मुझे आपसे कुछ चाहिए हो गया तो मै ले लुंगा, आप मुझे दोगी ना.
मैने उन्हें कस लिया, जिससे उनके मुँह से हल्की सी सिसकी निकल गई...
संगीता (भाभी)- आआहह... हा आप जो मांगेगे मै वो दे दुंगी...

अब हम एकदम चिपके हुए थे , मै अपने हाथों से कुर्ते के ऊपर से ही उनके पेट को सहलाने लगा...और उनके गरम शरीर का मज़ा लेने लगा, मेरा लंड उनके चुतडो की दरार में फंसा हुआ था और गर्मी पाकर धीरे धीरे फूलने लगा...

मै धीरे - धीरे अपने हाथ कुर्ते के अंदर करने लगा, मेरा लंड फुलकर टाईट हो गया जिससे वो भाभी की चुत और गांड के पास दस्तक देने लगा...
मैने हाथ उनके नंगे पेट पर रख दिये और उनके मखमली पेट को सहलाने लगा, जिससे भाभी उतेजित होने लगी, उनकी सांसे भारी होने लगी थी...

भाभी उतेजित हुए बोली कि - ये मेरे पिछे क्या चुभ रहा है...

मै भी मजे लेते हुए बोला - कहाँ पर भाभी...

मुझे लगा वो नहीं बोलेगी, लेकिन आज वो भी कुछ करना चाहती थी...
भाभी - पिछे मेरे चुतडो़ मे...
मै- पता नहीं, आप खुद ही देख लो...

मेरी बात सुनते ही भाभी ने अपना हाथ नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ते हुये बोली कि- हाय.. ये क्या हैं (और उन्होंने अपना हाथ हटा लिया )

मैने अपने पजामे और अंडरवीयर को नीचे किया और मुसल को आजाद कर दिया जो लोहे की रोड जैसे तना हुआ था...
मैने भाभी का हाथ पकड़ा और मुसल पर रख कर दबा दिया, जिससे उंगलियां लंड के चारों तरफ आ गई...

मेरा लंड एकदम कड़क हो गया, वो भाभी की मुट्ठी मे मुश्किल से समा रहा था, 2-3 सेकंड तक वो लंड की साईज का अंदाजा लगाती रही, जैसे ही उन्हें लंड की साईज का अहसास हुआ वो आगे खिसक गई और पलट गई...

उनकी नजरे मेरे लंड पर थी...

संगीता भाभी(हैरानी से) - हे भगवान... ये क्या है..इतना बड़ा और मोटा...
मै- क्यों भाभी पंसद नहीं आपको...

मै भाभी के पास गया और उनकी चूत को हाथ से हल्का सा भींच दिया, जिससे उनके मूह से सिसकारी निकल गयी.

वो मुझसे दूर हो गयी...
संगीता - ये क्या कर रहे हो राहुल... मैं भाभी हूँ तुम्हारी, ये गलत हैं.

मुझे पता था कि ये नाटक कर रही हैं, ये भी मेरा लंड लेना चाहती हैं, इसके दो कारण हैं -
पहला तो ये कि देवीलाल भाई नहीं हैं जिससे कई दिनों से इनकी चुदाई नहीं हुई हैं.
दुसरा ये कि जैसा मैने शुरुआत में बताया है कि इन्होंने जवानी मे बहुत गुल खिलाये है, जो किसी को नहीं पता ( मुझे कॉलेज मे दोस्त से पता चला ).

मुझे पता था थोड़े टाइम मे ये भी साथ देगी, मैने आगे बढने का सोचा.

मैं - कुछ गलत नहीं है, मुझे पता है आप भी प्यासी हैं... भाभी मै और मेरा ये अच्छे नहीं लगे आपको...

वो मेरी तरफ देखने लगी...
Chalo bhai aap vapis aa gaye. Update ab regularly dete rehna.
 
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