Very v useful,nay---highly useful statements made by bahu,sasuma n sasur too,my hats off to them for thy generality n sacrifice too.this update is v important to me for,statements made by these three people r v decent,useful,loving n spiritual ity-orented too,thanks to u all.omUpdate 1
अब मेरा बेटा लगभग 2 साल का हो चुका था। उसको में रोज स्तनपान करती थी। अब उसने दूध पीना काफी कम कर दिया था। मुझे अब ससुर जी और सास के सामने स्तनपान करने की आदत पड़ गई थी। मै बिना परेशानी के उनके सामने स्तनपान करती थी। अब ससुरजी बीच बीच में मुझे स्तनपान करते देखते रहते थे। फिर भी मुझे उसमें कोई गलत नहीं लगता था। मै बच्चे का सर ढक जो लेती थी।
कुछ दिन बाद मेरे ससुरजी हमेशा की तरह बीमार पड़ गए। सास बोली कि ,"अब उनकी उमर हो गई है तो कमजोरी भी आएगी ना । " मै उनकी अच्छी सेवा करती थी । मैंने सास से पूछा ,"ससुरजी की हड्डियां बहुत कमजोर हो चुकी है। उनको रोज दूध पीने को दू क्या ? " सास बोली ," इस गाव में रोज दूध कहा से लाओगी?" मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।
रात को ससुरजी को नींद भी नहीं आती थी। मै सास से पूछा ,"मै उनको सुलाऊ क्या ? " सास बोली," ठीक है। कितना खयाल रखेगी अपने ससुरजी का ?" मैंने कहा,"ये तो मेरा कर्तव्य ही है ना। " इस रात मै ससुरजी के बाजु में सो गई। सास उनके दूसरे बाजु सो गई। मैंने बच्चे को स्तनपान कर दिया और फिर ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनके पीठ पर एक हाथ रख दिया और उनको मेरी बाहों में लेकर मै उनको सुलाने लगी। सास भी जगी हुई थी। वो हस्ते हुए बोली ,"गलती से अपने ससुर को स्तनपान ना कर देना ।" मै भी हस पड़ी।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। मै सास ने को कहा था उसके ऊपर विचार करने लगी । उस रात को तो मैंने उसे मजाक समझ कर छोड़ दिया था । पर अब मुझे ऐसे लगने लगा कि क्यों ना में ससुरजी को अपना दूध पिलादू। मैंने इंटरनेट पर कुछ जानकारी देखी । मुझे पता चला कि बड़े लोग भी स्तनपान करते है और उनके सेहत के लिए ये बहुत अच्छा होता है।
अगले ही दिन जब हम सब दोपहर का खाना खा रहे थे तो मैंने सास को पूछा," क्यू ना में ससुरजी को स्तनपान करू। उससे उनकी तबीयत सुधर जाएगी। " ससुरजी बोले ," ये क्या बोल रही हो बहू ? कोई अपने बहू का दूध पीता है क्या ? " सास बोली ," उनको स्तनपान करने में कोई दिक्कत नहीं। पर तुझे कितनी परेशानी होगी। " मैंने कहा ,"कोई परेशानी नहीं मुझे। उनके सेहत का ध्यान रखना मेरा काम ही है। " सास बोली ,"तेरे जैसी बहू तो लाखो में एक ही होती है। " मै खुश हो गई।
उस रात मैंने बच्चे को दूध पिलाया और ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनको कहा," आओ ससुरजी । आपको दूध पिलाती हू। " ससुरजी बोले,"ये पाप है। ईश्वर मुझे माफ नहीं करेगा। " मैंने कहा ,"आप गाय का दूध पीते हो। तो मेरा पीने में क्या बुराई है। दूध तो दूध होता है। " सास भी जगी हुई थी। मैंने ससुरजी को अपने करीब लिया। फिर पल्लू थोड़ा बाजु करते हुए ब्लाउस के ऊपरी बटन खोल दिए। ससुर अभी भी ना ना कर रहे थे। मैंने मेरा एक स्तन बाहर निकाल दिया और उनके मुंह में घुसा दिया। सुरुवात को तो ससुरजी पीने को तैयार नहीं थे। पर मैंने मेरा स्तन उनके मुंह में दबा कर रखा था। थोड़ी देर बाद वो धीरे धीरे चूसने लगे। मुझे इतना आनंद हो गया कि पूछो ही मत। अपने ससुरजी को स्तनपान करने का आनंद ही कुछ और होता है । ससुरजी अब किसी बच्चे की तरह मेरा दूध पी रहे थे। 20 मिनट बाद मेरा स्तन खाली हो गया तो मैंने झट से उनको दूसरा स्तन पीने को दे दिया। सास हसते हुए बोली ,"वा बहू। तुने तो तेरे ससुर को अपना बच्चा ही बना दिया। " मै भी हसने लगी।
This is v true indeed,thanks to u ruhani mishraji,congrats to u.omAapke updates achhe hote hai but choote hai updates thode aur bada likho
Sehbas,bhesh n vaarewah bahuji.on my view u r an extraordinary daughter-in-law,very ideal,useful n spiritual too.Many many thanks to u,Sujata/sanjana maa.omUpdate 3
सुबह मै सास के साथ रसोईघर में चाई ले रही थी। हम सब हमेशा जमीन पर ही बैठते है।सास मुझे बोली,
"कितना काम करती है तू । और फिर इनको भी दूध पिलाना होता है तुझे। "
"इसमें कोई बड़ी बात नहीं है सासुमा। "
"मै सीमा बहू को भी बुला लेती हूं। तुम्हारा काम थोड़ा कम हो जाएगा। "
मै खुश हो गई । सीमा देवरानी लगभग मेरी ही उमर की थी।
"तुम उनको दिन में 4 बार पिलाया करो । ठीक है ?"
"आज से ही पिलादुंगी।"
तब ससुरजी नहा कर रसोईघर में आ गए और बोले,
"क्या बाते हो रही है? "
मै और सास हसने लगे।
"क्या हुआ? हस क्यू रही हो दोनो?"
सास बोली ,
"कुछ नहीं । आपकी ही तबियत की बाते कर रहे थे हम। "
ससुरजी ने चाई मांग ली। सास मुस्कुराते हुए हॉल में चली गई।
मै ससुरजी को बोली ,
"चाई क्यू पीते हो? उससे भी कुछ अधिक सेहतमंद पिलाती हूं। " ऐसा बोलते हुए मैंने अपना पल्लू एक स्तन से थोड़ा हटा दिया। मेरा वो भरा हुए स्तन देखकर ससुरजी के मुंह में तो पानी ही आ गया।
"चलो आओ जल्दी। मुझे बाद में बहुत काम है। "
ससुरजी जल्दी से मेरी गोद में लेट गए।
"मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह अपना दूध पिला दो। "
"आप मेरे बच्चे ही हो। दूध जो पीते हो मेरा। "
मैंने अपने ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिए । फिर ससुरजी का सर पल्लू से ढकते हुए उनको अपना दूध पिलाने लगी । वो बहुत ही धीरे धीरे चूसते हुए मेरे दूध का आनंद ले रहे थे। मै तो अब सातवे आसमान पर पहुंच गई थी। हॉल में से टीवी का आवाज आ रहा था । पर मै ससुरजी को दूध पिलाने में ही दंग थी। वो लगभग आधा घंटे तक पी रहे थे।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉल में ही सो रहे थे। घर का दरवाजा लगा दिया था। मेरे और सास के बीच ससुरजी लेट गए थे। मै और सास बाते कर रहे थे। एक घंटे बाद ससुरजी उठने की कोशिश करने लगे तो मैंने पूछा,
"किधर जा रहे हो ससुरजी?"
"पानी पीने। बहुत प्यास लगी है। "
मैंने उनके कंधे पर हाथ रखकर उकनो वापस लिटा दिया ।
"क्या कर रही हो।"
मैंने उनको अपनी तरफ मोड़ लिया। अब उनका सर मेरे स्तनों के बेहद नजदीक था। "
"जब में दूध पिला रही हूं तो आपको पानी की क्या जरूरत है?"
मैंने पल्लू के नीचे हाथ डालकर अपने ब्लाऊज के ऊपरी बटन खोल दिए। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए उनको स्तनपान करने लगी। सास भी ये सब बहुत आनंदित होकर देख रही थी।
मैंने ससुरजी को प्रोत्साहित किया,
"सब दूध पी जाओ मेरे बच्चे। "
मै उनके पीठ पर अपना हाथ भी फेर रही थी।
रात में जब हम लाईट बंद करके सोने लगे तो मै और सास जानबूझकर बाते करने लगे। ससुरजी हमारे बीच ही सो रहे थे । वो मेरी तरफ बड़ी आशा से देख रहे थे। पर मैंने उनके ऊपर जानबूझकर ध्यान ही नहीं दिया। वो मेरी तरफ पलट गए और उन्होंने मुझे कहा ,
"पिला रही हो ना मुझे?"
मैंने उन्हें ऐसेहिं हा कह दिया और फिर से सास के साथ बाते करने लग गई। ससुरजी अब उतावले हो रहे थे। उन्होंने मेरा पल्लू थोड़ा साइड करके मेरा एक स्तन ब्लाऊज के ऊपर से ही मुंह मै ले लिया । उनकी ये हरकत देखकर हम दोनों उनको हसने लगी। मैंने उनको डाटा,
"दे रही थी ना आपको। इतनी भूख लगी है आपको?"
वो बड़ी ही मासूमियत भरा चेहरा करते बोले,"क्या करू ? भूख तो लगी है। "
हम दोनों फिर हसने लगी । और फिर मै ससुरजी को अपना दूध पिलाने लगी। वो तुरंत पीने लग गए। सासुमा ने मेरी तारीफ करते हुए कहा,
"बहू हो तो ऐसी।"
ये काहीनी की new update कब आयेगी?Update 4
दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।
शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
Very wonderful indeed.in reality bahu is donating her sweet breastmilk to her susirji,who is in need of it badly.By this act bahu n sasur both r blessed,why, because---,the giver n the taker get happiness n regain their precious health too,she has become a medium in donating her Amrit for the sake of his health.In the process sasu maa being the instigatrees too becomes a blessed being,these three persons r only instrumental.Truth is ,behind the milk is praana,behind praana is mind n ahamkaar is the support of the mind n ultimately Put Awareness alias supreme Atman is the great -gtand substrtumas per the great steemad bhagavad Geeta,with Om n prem,in His service,swa7846,Lac pure.omVery v useful,nay---highly useful statements made by bahu,sasuma n sasur too,my hats off to them for thy generality n sacrifice too.this update is v important to me for,statements made by these three people r v decent,useful,loving n spiritual ity-orented too,thanks to u all.om
Yes,it should be v good n interesting too.omApane sasuma ko bhi dhood pila do
Mother'milk is Amrit alias Ambrosia indeed,there is no doubt in it.Milk gives new life,it protects ill persons n makes th healthy,it is the life or the vital force.Mother's milky breasts r like sangeeth n sahitya of Goddess Saraswati Devi,it is told.Hail to mother n her milky breasts too.Breasts r beauty n Bliss.Breasts give stamina n vitality.Maternal breasts,that too milky breasts can do so many wonders In this colorful world of names n forms,so,oh sacred mother salutations to thy sacre feet,pranaams to thy milky breasts,sanctity to thy milk n it's strength too.Many many prostration s for thy strong n beautifulilky breasts,kindly protect me,pl strengtheny weak mind,with Om n prem,at thy sincere service.omUpdate 1
अब मेरा बेटा लगभग 2 साल का हो चुका था। उसको में रोज स्तनपान करती थी। अब उसने दूध पीना काफी कम कर दिया था। मुझे अब ससुर जी और सास के सामने स्तनपान करने की आदत पड़ गई थी। मै बिना परेशानी के उनके सामने स्तनपान करती थी। अब ससुरजी बीच बीच में मुझे स्तनपान करते देखते रहते थे। फिर भी मुझे उसमें कोई गलत नहीं लगता था। मै बच्चे का सर ढक जो लेती थी।
कुछ दिन बाद मेरे ससुरजी हमेशा की तरह बीमार पड़ गए। सास बोली कि ,"अब उनकी उमर हो गई है तो कमजोरी भी आएगी ना । " मै उनकी अच्छी सेवा करती थी । मैंने सास से पूछा ,"ससुरजी की हड्डियां बहुत कमजोर हो चुकी है। उनको रोज दूध पीने को दू क्या ? " सास बोली ," इस गाव में रोज दूध कहा से लाओगी?" मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।
रात को ससुरजी को नींद भी नहीं आती थी। मै सास से पूछा ,"मै उनको सुलाऊ क्या ? " सास बोली," ठीक है। कितना खयाल रखेगी अपने ससुरजी का ?" मैंने कहा,"ये तो मेरा कर्तव्य ही है ना। " इस रात मै ससुरजी के बाजु में सो गई। सास उनके दूसरे बाजु सो गई। मैंने बच्चे को स्तनपान कर दिया और फिर ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनके पीठ पर एक हाथ रख दिया और उनको मेरी बाहों में लेकर मै उनको सुलाने लगी। सास भी जगी हुई थी। वो हस्ते हुए बोली ,"गलती से अपने ससुर को स्तनपान ना कर देना ।" मै भी हस पड़ी।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। मै सास ने को कहा था उसके ऊपर विचार करने लगी । उस रात को तो मैंने उसे मजाक समझ कर छोड़ दिया था । पर अब मुझे ऐसे लगने लगा कि क्यों ना में ससुरजी को अपना दूध पिलादू। मैंने इंटरनेट पर कुछ जानकारी देखी । मुझे पता चला कि बड़े लोग भी स्तनपान करते है और उनके सेहत के लिए ये बहुत अच्छा होता है।
अगले ही दिन जब हम सब दोपहर का खाना खा रहे थे तो मैंने सास को पूछा," क्यू ना में ससुरजी को स्तनपान करू। उससे उनकी तबीयत सुधर जाएगी। " ससुरजी बोले ," ये क्या बोल रही हो बहू ? कोई अपने बहू का दूध पीता है क्या ? " सास बोली ," उनको स्तनपान करने में कोई दिक्कत नहीं। पर तुझे कितनी परेशानी होगी। " मैंने कहा ,"कोई परेशानी नहीं मुझे। उनके सेहत का ध्यान रखना मेरा काम ही है। " सास बोली ,"तेरे जैसी बहू तो लाखो में एक ही होती है। " मै खुश हो गई।
उस रात मैंने बच्चे को दूध पिलाया और ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनको कहा," आओ ससुरजी । आपको दूध पिलाती हू। " ससुरजी बोले,"ये पाप है। ईश्वर मुझे माफ नहीं करेगा। " मैंने कहा ,"आप गाय का दूध पीते हो। तो मेरा पीने में क्या बुराई है। दूध तो दूध होता है। " सास भी जगी हुई थी। मैंने ससुरजी को अपने करीब लिया। फिर पल्लू थोड़ा बाजु करते हुए ब्लाउस के ऊपरी बटन खोल दिए। ससुर अभी भी ना ना कर रहे थे। मैंने मेरा एक स्तन बाहर निकाल दिया और उनके मुंह में घुसा दिया। सुरुवात को तो ससुरजी पीने को तैयार नहीं थे। पर मैंने मेरा स्तन उनके मुंह में दबा कर रखा था। थोड़ी देर बाद वो धीरे धीरे चूसने लगे। मुझे इतना आनंद हो गया कि पूछो ही मत। अपने ससुरजी को स्तनपान करने का आनंद ही कुछ और होता है । ससुरजी अब किसी बच्चे की तरह मेरा दूध पी रहे थे। 20 मिनट बाद मेरा स्तन खाली हो गया तो मैंने झट से उनको दूसरा स्तन पीने को दे दिया। सास हसते हुए बोली ,"वा बहू। तुने तो तेरे ससुर को अपना बच्चा ही बना दिया। " मै भी हसने लगी।
It is very good idea n beneficial too,pl do the same.omSabhi stories ki harroz ek update dete raho
I coinside the good idea of Sreemati Ruhani misraji,thanks,with Om n prem.omSabkuch pasand aaya bas updates chhote hai aur baar baar sabhi cheeze repeat ho rahi hai avoid it. Wahi sab repeat hoga to story boring hogi kuch Naya add karo. Vaise I like your this story you have mentioned some new points.