Lucky-the-racer
Well-Known Member
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Bahutह्या कथेचा पुढचा भाग सादर कर..
वाचायला जास्त मज्जा येईल
V very good,rromantic,spiritual nblissful too.omUpdate 4
दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।
शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
Wonderfully useful n intelligently dynamic too,my dear good friends especially Sujata,Seema,Nisha n pooja mother's.omसीमा देवरणी और सस
Nice story..
Next update please
I m wonderfully happy n intelligently exported to the higher realms ofmy divine personality,dear lactating mother's n all breastfeeding mothers.omUpdate 4
दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।
शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
मस्त कहानी है ओर कहानियों से एकदम अलग । इस को आगे बढ़ाओUpdate 4
दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।
शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
Aaj update karta huमस्त कहानी है ओर कहानियों से एकदम अलग । इस को आगे बढ़ाओ