• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest ससुराल की नयी दिशा

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
Last edited:
  • Love
Reactions: Rajizexy

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
आज के अपडेट का शीर्षक है:

अध्याय ५६: अगली पीढ़ी
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
Will update shortly
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
अध्याय ५६: अगली पीढ़ी
अध्याय ५५ से लगभग पाँच वर्ष पहले

“प्लीज़ कृष बेटा, मेरी चूत चाटो न!”
“सच में मॉम, आप मुझे अपनी चूत चाटने दोगी” उस लड़के ने उत्साह से पूछा.
“मैं इसके बिना मर जाउंगी. अब और देर मत करो. प्लीज़ मेरी चूत चाटकर मुझे झड़ा दो.” उसकी माँ
अपने बेटे के बिस्तर पर नंगी पाँव फैलाये बिन जल मछली के समान तड़प रही थी.
“ओह्ह्ह्ह, मॉम!” कृष के मुंह से एक कराह निकली. उसने अपने हाथ से अपनी माँ की चूत की पँखुड़ियों को बड़े प्रेम से छुआ और सहलाया.
“थोड़ा जोर से कृष!” अपने कूल्हे उचका कर चूत को अपने बेटे के हाथ पर धकेला.
“मॉम, मैं भी आपकी चूत चूसना चाटना चाहता हूँ, पर मुझे क्या और कैसे करना है?” कृष ने कहा.
“क्या तुम अभी तक कुँवारे हो?”
“हाँ.”
“कोई बात नहीं” उसकी माँ ने कृष के चेहरे को प्यार से छूकर कहा, “कभी न कभी तो पहली बार होता ही है. और अब से मैं इसका ध्यान रखूँगी. पर अभी... , क्या तुमने कभी भी चूत नहीं चाटी?”
“नहीं.”
“अब समझ आया कि तुम अपना अंडरवियर क्यों नहीं उतार रहे हो, तुम्हें शर्म आती है. है न?”
उसे किसी वर्जिन के साथ चुदाई किये हुए वर्षों हो चुके थे. और उसे इस परिस्थिति में एक अलग ही रोमांच का आभास हो रहा था. उसने अपने बेटे के गठे हुए शरीर को देखा जो हालाँकि केवल अंडरवियर में ही था, परन्तु उसके लिंग के नाप का अनुमान लगाना कठिन लग रहा था. जिस प्रकार से अंडरवियर उभरा हुआ था, उसे लंड अच्छा बड़ा होने का अनुमान था. उसकी प्यासी चूत को आज पूरा प्यार मिलने की आशा थी, अगर वो किसी प्रकार से कृष को चुदाई के लिए मना पायी तो.
अब तक वो कृष से केवल अपने मम्मे ही चुसवाने में सफल हो पायी थी. कृष के लंड के खड़े होने का आभास तो हुआ था, पर वो इतना शर्मीला था कि वो केवल उसकी गुलाबी चूत को लालसा भरी दृष्टि से देख ही रहा था. और इसके आगे कुछ नहीं. यही सोचकर उसकी माँ ने उसे अपनी चूत चाटने के लिए आमंत्रित किया था, ताकि इस खेल को आगे बढ़ाया जा सके. वो अपने बेटे से चुदवाने के लिए कई दिनों से लालायित थी. और आज जब घर में उन दोनों के सिवाय कोई नहीं था, वो इस स्वर्णिम अवसर को खोना नहीं चाहती थी. उसने कृष को अपने मम्मे ताकते हुए कई बार पकड़ा था, और ये भी देखा था कि ऐसे समय पर वो कमरे से निकल जाता था, क्योंकि उसके पैंट से उसके लंड का उभार जो दिखने लगता था.
“मॉम, कहाँ से करूँ, कैसे करूँ?” अंडरवियर में कृष के लंड को छुपाने की क्षमता समाप्त होने को थी. वो प्यासी आँखों से सामने लेटी हुई अपनी नंगी माँ की रस से भीगी चूत को देखकर अपने आप को रोकने में असमर्थ पा रहा था.
“मेरी चूत को हर ओर से चाटो, और उसके ऊपर के दाने को अच्छे से चाटना।” अपनी योजना सफल होते देख कृष को समझाया. कृष ने अपनी माँ की जांघों के बीच में बैठकर उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरी.


“हाँ, ऐसे ही. हर लड़की को अपनी चूत ऐसे चटवाने में मजा आता है. चूसो मेरी चूत. तुम बहुत अच्छा कर रहे हो. ” उसे लगा कि वो उत्तेजना से झड़ने ही वाली है.
“मेरे मम्मे दबाओ, कृष!” उसने हाँफते हुए बोला।
कृष ने अपने हाथ उठाकर उसके दोनों मोटे गुदाज मम्मे अपने हाथों में लिए और उन्हें दबाने लगा. उसे ये विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कृष आज पहली बार चूत चाट रहा है. उस आभास हो गया कि उसके हाथ में एक ऐसा छात्र है जिसे वो हर रूप में ढाल सकती है. वो सोचने लगी कि वो उसे क्या क्या सिखाएगी. कृष अब मम्मों के कुछ अधिक ही जोर से दबा रहा था. उसका पति उसके साथ अधिकतर बहुत प्रेम से व्यवहार करता था. उसे लगा कि कुछ तीव्र कठोरता की इच्छा के क्षेत्र में कृष उसे पूर्ण रूप से संतुष्ट कर पायेगा.
कृष ने अपनी जीभ चूत में से निकालते हुए चेहरा उठाकर देखा. उसके चेहरे पर चूत का रस चमक रहा था. वो मुस्कुराया.
“ओह, मॉम! आपकी चूत बहुत स्वादिष्ट है. मैं आपको पूरे दिन चाट सकता हूँ.” अपनी माँ के मुंह से निकली आहों और सिसकारियों ने उसे ये तो जता दिया था कि उसके परिश्रम ने उसकी माँ को सुख प्रदान किया है.
“कृष, बेटा, अब मत रुको! मुझे झड़ने तो दे. प्लीज़, चाटो मेरी चूत!” उसकी माँ के स्वर में विनती का पुट था. पर वासना से लहराता बल खाता शरीर झड़ने के लिए आतुर था. कृष ने हल्की सी हंसी के साथ अपने जीभ को उसकी माँ की चूत में वापिस डाल दिया. इस बार उसकी माँ ने उसका सिर को पकड़ लिया ताकि वो हट न पाए. उसकी माँ अपनी गांड उठाकर अपनी चूत को कृष के मुंह में डालने का प्रयास करने लगी, जिससे की उसकी जीभ और अंदर जा पाए. कृष ने अपनी माँ के बताये अनुसार उसके भग्नाशे पर हमला किया तो वो उछल पड़ी.
“ओह्ह्ह्ह, कृष, चबा जा उसे. खा जा इसे. मुझे झडा दे. प्लीज़!” अपनी माँ की चीख ने कमरे को हिला दिया.
कृष ने अब पूरा ध्यान अपनी माँ के उभरे हुए भग्नाशे पर केंद्रित किया और उसे चाटकर, चूसकर अपने होंठों से दबाने, मसलने और काटने लगा. उसकी माँ की आँखों के आगे तारे नाचने लगे थे.
उसकी माँ की तेज सिसकारी निकली, “कृष, बेटा अब मैं नहीं रुक सकती.” उसकी माँ ने अपनी चूत को कृष के मुंह पर ओर जोर से रगड़ा जिससे कि कृष की जीभ उसकी चूत में और अंदर जाये.
अब तक कृष का भी आत्मविश्वास बढ़ चुका था. हालाँकि उसने पहले कभी चूत नहीं चाटी थी, पर वो अपनी माँ की प्रतिक्रिया से ये समझ चूका था कि वो जो भी कर रहा है, उससे उसकी माँ को असीम सुख मिल रहा है. अंडरवियर में उसका अपना लंड भी इस समय अकड़ कर पत्थर हो चुका था और उसे अब दर्द होने लगा था. उसकी इच्छा थी कि वो पहली बार अपनी माँ के मुंह में ही झड़े. इसका सपना वो न जाने कब से देख रहा था. और फिर उसकी चूत में. और हो सके तो…. उसकी गांड में भी.

“कृष, मैं झड़ने वाली हूँ.” उसकी माँ मानो उसे चेतावनी दे रही थी.
पर कृष पर इसका कोई प्रभाव नहीं हुआ. वो अपनी माँ की रसीली चूत को चाटने में व्यस्त रहा. हाँ, वो अब अपनी उँगलियों से उसकी माँ के भग्नाशे को मसलने लगा.
“मॉम, आपकी चूत बहुत मीठी है. इतनी स्वादिष्ट!”
उसकी माँ का बांध टूट गया. उसकी चूत ने पानी छोड़ा तो कृष के मुंह में एक अच्छी मात्रा चली गयी. पर रस इतना अधिक था कि कृष के बाकी चेहरे पर भी उसकी धार पड़ी. कृष मानो इस सबसे अनिभिज्ञ उसकी माँ की चूत का भोग लगाता रहा. वो ये तो नहीं समझ पाया कि उसने ये योग्यता कैसे पाई, पर उसे इस बात पर गर्व अवश्य था कि उसकी माँ को उसने आनंद देने में सफलता पायी थी.
उसकी माँ की झड़ती चूत का सेवन करते हुए कृष के हाथ उसके गोल मम्मों पर भी विचरण कर रहे थे. पर उसकी माँ के उछलने के कारण उसे अपने हाथ गांड के नीचे लगाकर उसे कुछ संभालने के चेष्टा करने लगा. जब उसकी माँ अपने शीर्ष से उतरी तो यही सोच रही थी कि सम्भवतः उसे कृष को कुछ भी सिखाने की आवश्यकता ही न पड़े. जिस दक्षता से उसने उसकी चूत को मौखिक सुख दिया था, उससे वो प्राकृतिक रूप से चुदाई में भी श्रेष्ठ सिद्ध होगा.
कृष अब अपने मन के बताये हुए रास्ते का अनुशरण कर रहा था. और इसी क्रम में उसने उसकी माँ की गांड के नीचे से अपनी एक ऊँगली उसकी गांड में डालने का प्रयास किया. उसकी माँ के शरीर ने उसके इस प्रयत्न की सराहना की और उसकी गांड कुछ ऊपर उठ गयी. कृष ने बिना किसी विचार के इस बार अपनी ऊँगली को उसकी माँ की गांड में डाल ही दिया. उसकी माँ फिर से उछल पड़ी.
“ओह, कृष, बहुत अच्छा लग रहा है.” वो अभी तक अपने झड़ने से शांत भी नहीं हो पायी थी और ये नया आक्रमण उसे फिर से झड़ने की ओर धकेल रहा था. कृष ने अपनी जीभ अपनी माँ की चूत से अभी तक नहीं निकाली थी. उसका ये कथन कि वो दिन भर ये कर सकता है सच लग रहा था. पर इस बार उसकी माँ की चूत में जीभ के साथ उसकी गांड में भी एक ऊँगली थी, जो हल्के हल्के उसकी गांड को अंदर तक मसल रहा था.
“कृष, एक बार और झड़ा दो मुझे. मेरे प्यारे बच्चे, एक बार और.”
कृष ने इस बार उसकी माँ की गांड को ऊँगली से चोदते हुए एक ऊँगली उसकी चूत में भी पेल दी. और अपनी जीभ से उसके भग्न को चाटने लगा.
“ओह्ह्ह्हह्हह, मैं गयी रे! रुकना मत. मैं गयी! आह्ह्ह्हह्ह! ऊऊह्ह्हह्ह्ह्ह! ईईईईई !!!” इस बार उसकी माँ का काँपता शरीर अकड़ा और फिर एक झटके से शांत हो गया.
उसकी माँ यूँ ही शिथिल पड़ी रही तो कृष ने अपना मुंह और उँगलियाँ उसकी चूत और गांड में से निकालीं और उसकी ओर देखकर संतोष की साँस ली. उसकी माँ के चेहरे के भाव से ही वो तृप्त हुई दिख रही थी. कृष का आत्मविश्वास भी चरम पर था. उसने अपनी माँ के नंगे शिथिल शरीर पर अपनी प्यासी आँखों से भरपूर देखा और फिर अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया. इस हलचल से उसकी माँ ने अपनी आंखें खोलीं और देखा कि कृष अब अपना लंड बाहर निकाल चुका था.


123
Plug in

“कृष!” उसका लंड देखकर उसकी माँ के मुंह से निकला, “इतना बड़ा? मुझे तो अनुमान ही नहीं था कि तुम्हारा लंड इतना बड़ा होगा.”
कृष को आभास हुआ कि उसकी माँ एक बार फिर से उत्तेजित हो रही है. और उसे अपने लंड के ऊपर गर्व भी हुआ. उसकी माँ ने हाथ बढ़कर उसके फड़कते हुए लंड को अपने हाथ में लिया और एक आशावादी सिसकारी ली.
“तुम्हारा लंड इतना बड़ा और कठोर है. मुझे इसे चूसने दो न कृष, प्लीज़।” उसकी माँ के मुंह से मानो गिड़गिड़ा रही थी. पर उसकी ऑंखें कृष के लंड से हट नहीं पा रही थीं.
कृष मुस्कुराकर बोला, “बिलकुल मॉम, चूसो मेरा लंड.”
उसकी माँ के मुंह से ने कृष को बिस्तर पर लुढ़का दिया और उसके ऊँचे खड़े लंड को अपने मुंह में ले लिया. कृष के मुंह से आनंद भरी सिसकारी निकली, और उसकी माँ को अपनी चूत में एक बार फिर से वासना की अनुभूति हुई. जब उसकी माँ ने कृष के लंड को चूसना आरम्भ किया तो कृष ने अपने कूल्हे उठाकर अपनी माँ की सहायता की.
“ओह, मॉम, बहुत अच्छा लग रहा है. चूसो मेरा लंड, मॉम, खा जाओ इसे.” कृष अपने लंड में हो रहे स्पंदन के रहस्य को नहीं समझ रहा था, पर उसे इस नयी अनुभूति हो रही थी.
उसकी माँ भी रुकने की स्थिति में नहीं थी. अपने इकलौते बेटे के लंड को चूसने में उसे एक अनुचित सुख का अनुभव हो रहा था. और इसके कारण उसकी चूत अब फिर से पानी छोड़ रही थी. उसकी माँ अपनी पूरी कर्मठता से कृष के लंड को चूसने में लगी थी. वो कृष को पहले मौखिक सहवास का आनंद जो दे रही थी. और वो इसे कृष के लिए अविस्मरणीय बनाना चाहती थी. वो कृष के अंडकोष को सहला और हल्के से दबाते हुए लंड को आवश्यक उत्तेजना प्रदान कर रही थी. उसकी माँ ने कुछ ही देर में कृष के पूरे लंड को अपने मुंह में ले लिया था और अब वो उसके गले तक जाकर उसे पहली बार ऐसा सुख दे रहा था.
"मम्म्म्म्म्म," उसकी माँ भद्दे ढंग से बड़बड़ाई जब उसने महसूस किया कि उसके बेटे का लंड उसके गले के पीछे टकरा रहा है। उसने ज़ोर से चूसा और बाहर करते हुए सुपाड़े से रिसते वीर्य-स्राव को चाटा और चूसा।
"ओह्ह्ह्ह, माँ! रुको मत! कृपया! मेरा लंड चूसती रहो!" कृष चिल्लाया जब उसने अपने कूल्हों को ऊपर और पीछे धकेला, अपनी माँ के चूसने की गति के साथ सही चुदाई की गति बनाए रखी।

अपने बेटे के अश्लील शब्दों ने उसे इतना रोमांचित कर दिया कि वह फिर से झड़ गई, उसकी गर्म, गाढ़ी चूत की मलाई उसकी जाँघों से बह रही थी। जैसे ही उसे आभास हुआ कि वो झड़ रही है, उसने अपने गले को अपने बेटे के विशाल लंड से भर लिया - पूरे दस चट्टानी-कठोर इंच। बार-बार, उस माँ ने अपने बेटे के लंड को चूसा, उसे अपने गर्म, लालची मुंह से अंदर-बाहर करती रही। उसने लंड की पूरी लंबाई को अंडकोषों तक चूसा, जब तक कि झाँट के घुंघराले चुभन वाले बाल उसकी नाक को गुदगुदी नहीं करने लगे। फिर, उसने अपना लंड बाहर निकाला और फिर चूसने लगी.
कृष वासना से पागल हो गया था। वह केवल अपनी माँ के गर्म मुँह द्वारा उसके लंड को चूसने के अविश्वसनीय रोमांचकारी अनुभव के बारे में सोच सकता था। वह अपनी माँ के मुँह में अपना लंड फिर डालने के लिए और प्रतीक्षा नहीं कर सकता था। अचानक, उसकी माँ ने क्रिश के लौड़े से अपना मुँह हटा लिया और अपनी वासना भरी आँखों से उसे देखकर मुस्कुराई।
"आओ, अपनी स्थिति बदलें। मैं तुम्हें दिखाऊँगी कि अच्छा लंड कैसे चूसा जाता है!"
कृष ने भौंहें सिकोड़ लीं। वह निराश था कि उसकी माँ ने उसका लंड चूसना बंद कर दिया था। उसे बहुत बुरी तरह से झड़ने की आवश्यकता थी! लेकिन वह मंत्रमुग्ध होकर देखता रहा जब वासना बिस्तर पर अपनी पीठ के बल गई और सिर तकिये के सहारे दीवार पर टिका दिया।
"अब चलो, कृष। मेरे दोनों तरफ एक-एक घुटना रखो, और अपनी कल्पना का प्रयोग करो। मेरे मुँह को एक योनि समझो और मेरे होठों के बीच मुझे चोदो। समझे?"
कृष मुस्कुराया. वह तुरंत उस स्थिति में आ गया जिसका वर्णन उसकी माँ ने किया था। शीघ्र ही, उसके दृढ़ नितंब जोरों से हलचल करने लगे. अपने लंड को वो अपनी माँ के मुँह में द्रुत गति बाहर करने लगा. उसकी माँ ने अपने गालों को दोनों हाथों से मजबूती से पकड़ लिया, उसकी कृष को अपना लंड चलने सरलता हो गई.
जब कृष झड़ने के निकट होने का आभास उसकी माँ को हुआ तो उसने अपने भींचे हुए हाथों में उसके विशाल अंडकोषों को जोर से पकड़ लिया.
"मैं झड़ रहा हूँ!" जैसे ही मलाईदार वीर्य का पहला झोंका उसकी माँ के गले के पिछले हिस्से पर गिरा, कृष परमानंद में चिल्लाया।

उस माँ ने लालच से पूरा वीर्य पी लिया. उसने अपने बेटे के लौड़े के झटके अपने गले में अनुभव महसूस किया, और उसने उसकी स्वादिष्ट सहवास की मलाई क्रीम का स्वाद चखा. जब कृष अपनी माँ के मुँह को चोद रहा था तो उसके कूल्हे उछल रहे थे और झटके खा रहे थे, और अपने लंड को और भी गहराई तक घुसाने का प्रयास कर रहे थे। उसकी माँ अब भी उसके लंड को चूसे जा रही थी. उसके कड़क लंड का पूरा दस इंच उसके गले और मुँह में भर रहा था। उसके गाढ़े वीर्य की धारा उसके पेट को गर्म कर रही थी.


उस माँ ने अपने बेटे के लंड को अपने गले की मांसपेशियों से तब तक पकड़कर रखा जब तक कि उसने वीर्य की हर एक बूंद को दुह नहीं लिया। तभी उसने अनिच्छा से अपने बेटे का लंड मुँह से बाहर निकाला.
"वाह ! बहुत मजा आया, मॉम ! क्या अब हम चुदाई कर सकते हैं?" कृष ने पूछा, उसके आत्मविश्वास और वासना की अभिव्यक्ति से यह एक प्रश्न से अधिक एक निवेदन लग रहा था.


उसकी माँ ने खुशी से आह भरते हुए बिस्तर पर लेटते हुए अपने पैरों को अपने बेटे के लंड के लिए फैला दिया। जिस तरह से उसने इतनी जल्दी चोदने और चूसने के बारे में सीख लिया था, उससे वह बहुत खुश थी। वह चाहती थी कि उसका बेटा अपने कर्तव्य को समझे और यह स्पष्ट था कि उसका लड़का यही कर रहा था। अब चुदाई को टालना ठीक नहीं था।
"हाँ, कृष, यह तुम्हारी पहली चुदाई का समय है! अपनी माँ को एक अच्छे बेटे के समान चोदो!" अपनी आँखें बंद कीं और उस गतविधि की परीक्षा करने लगी जिसके बारे में वह जानती थी कि यह उसके जीवन का सबसे बड़ा रोमांच होगा।

कृष ने अपनी बीच वाली उंगली को अपनी माँ की रसदार योनि में घुमाया तो उन्होंने अपने पैरों को और भी चौड़ा कर दिया, जिससे उसे अपनी लंबी, कठोर उंगली को उतनी गहराई तक डाल सके जितनी उसकी तंग, गीली चूत में जा सकती थी।
जब बेटे की उंगली उसकी चूत की सुगंधित गहराई की जांच कर रही थी तब उसकी माँ कामोत्तेजना से कांपने लगी । वह जानती थी कि यह सब उसके लिए नया था, वह योनि को समझना चाहता था जिसे वह शीघ्र ही अपने विशाल लंड से भेदेगा। उसने अपने कूल्हों और नितंबों को हिलाया और अपने लड़के की उंगली को अपनी चूत में और अंदर डालने का प्रयास किया। वह अपना हाथ उसके बड़े लंड की ओर ले गई और यह देखकर प्रसन्न और उत्साहित हुई कि वह पहले से ही फिर से कठोर हो रहा था। उसने कामुक मुस्कान के साथ सोचा, जवानी जैसा कुछ नहीं।

उसने धीरे-धीरे और लगातार कृष के कठोर लौड़े को सहलाया, उसे अपने हाथ में वह और अधिक कठोर और लंबा होता अनुभव हुआ. कृष बार अपनी उंगली उसकी योनि में डालता रहा जबकि उसकी माँ उसके कड़े लौड़े को रगड़ती रही। दोनों चुप थे, दोनों का ध्यान उस आनंद पर था जो वे दूसरे को दे रहे थे और प्राप्त कर रहे थे। बीच-बीच में वे एक कोमल, फिर भी वासना से भरी मुस्कान का आदान-प्रदान करते थे।

कृष की माँ ने कमरे के द्वार की ओर देखा, जहाँ उसने अपने पति को खड़ा पाया. उसके पति ने सिर हिलाकर उसके इस कार्य का विमोचन किया. पिछले वर्ष से ही कृष को वो अपने परिवार के रहस्य से अवगत करना चाह रहे थे. कृष का शर्मीलापन इसमें सबसे अधिक बाधक था. परन्तु पिछले एक महीने से कृष को धीरे धीरे उसकी माँ ने अपने सम्मोहन में बाँध लिया था. थोड़े चुंबनों से आरम्भ करते हुए उसने अपने मम्मे चुसवाने का कार्य उससे करवा ही लिया था.
कृष को अपने पिता का भी था, पर उसकी माँ ने इस भी को मन से निकालने में अहम भूमिका निभाई. कृष फिर इंटरनेट पर पोर्न देखकर अपनी माँ को चोदने की कल्पना करने लगा. उसकी माँ के पहनावे ने उसकी आग भड़का दी थी. आज उसके पति ने उसकी बेटी को बाहर ले जाने का स्वांग रचा था और कृष आज अपना कौमार्य खोने वाला था.
उसके पति ने अंगूठा ऊपर करते हुए अपनी पत्नी को आगे बढ़ने की आज्ञा दी. उसे एक ही खेद था कि वो इसे स्वयं अपनी आँखों से नहीं देख पायेगा. पर उसकी पत्नी ने एक ओर संकेत करके जता दिया कि वो इसकी रिकॉर्डिंग कर रही है. उसके पति ने मुस्कुराकर उसे अपने बेटे को पारिवारिक सम्भोग की राह पर ले जाने के लिए छोड़ दिया.

जैसे ही उन्हें लगा कि वे झड़ सकते हैं, माँ ने अपने बेटे का हाथ अपनी चूत से हटा दिया और अपना हाथ उसके लंड से हटा लिया। कृष ने अपनी माँ को देखा, तो वो उठी और उसके शरीर के ऊपर आ गई, अपने पैरों को फैलाया और अपनी चूत कृष के लंड पर टिका दी. कृष का लंड अब स्टील की तरह कठोर हो गया था और सीधे हवा में उछाल मार रहा था.
कृष की माँ उसे आश्वस्त करते हुए मुस्कुराई, वो जानती थी कि वह अपनी पहली चुदाई को लेकर थोड़ा घबराया हुआ होगा। अपने बेटे का फड़कता हुआ लंड पकड़ कर उसने अनुमान लगाया. उसका लौड़ा इतना लम्बा, मोटा और कड़क था कि उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था। पहले से ही, उसकी चूत उत्तेजना से टपक रही थी क्योंकि वह उसे चोदने के लिए उत्सुक थी।

माँ ने कृष के लंड के सुपाड़े को स्थिर रखा, और उसके विशाल मोटे लौड़े को सीधे अपनी तंग, गीली योनि में डाल दिया। एक लंबी, धीमी कराह के साथ, वह पूरी तरह से नीचे बैठ गई और अपने कूल्हों को हिलाकर अपने बेटे के पूरे दस इंच लंड को अपनी चूत में गहराई तक घुसा दिया। वह अपने बेटे को देखकर अश्लील ढंग से मुस्कुराई, उसके सुंदर चेहरे पर वासना और इच्छा देखकर प्रसन्न और उत्साहित हुई। जैसे ही कृष को आभास हुआ कि उसकी माँ की कसी चूत उसके लंड को जकड़े है, तो उसकी साँसें तेज़ हो गईं। वह इस बात से आश्चर्यचकित था कि उसकी योनि इतनी तंग थी। उसने सोचा था कि अवश्य ही उसकी चूत ढीली होगी।
उसकी माँ ने खुद को ऊपर उठाया ताकि कृष के लंड का केवल सुपाड़ा ही उसकी योनि में फंसा रहे। फिर, गुर्राहट के साथ, उसने जितना संभव हो सके अपने शरीर को नीचे की ओर धकेला, जिससे उसके लड़के के पूरे दस इंच कठोर, कच्चे लंड-मांस को उसकी चूत के छेद के अंदर गहराई तक समा लिया.
"ओ माँ, कृष! बहुत अच्छा!" वह कराह उठी. उसके बेटे का मोटा, सख्त लंड उसकी योनि की दीवारों को फाड़ने की सीमा तक फैला रहा था ।
कृष ने अपने दाँत भींच लिए, और उसके पूरे नग्न शरीर से पसीना बहने लगा। उसने अपनी माँ की तंग योनि को चोदने जैसा अद्भुत अनुभव कभी नहीं किया था। उसे अपने भाग्य पर विश्वास नहीं हो रहा था. वो कितने समय से अपनी माँ को चोदना चाहता था. और अब ये सम्भव भी हो गया था.

वो अपनी तंग चूत में कृष के लंड को हिलते और गर्माहट से धड़कते हुए अनुभव कर रही थी। उसने अपनी मजबूत योनि की मांसपेशियों को उसके लौड़े के चारों ओर से भींचने और छोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उसका बेटा आश्चर्य और खुशी से कराहने लगा। यही उसकी विशेषता थी जो ज्ञान उसने इतने वर्षों में अर्जित किया था. आज उसका लाभ उसका बेटा भी उठा रहा था.
उसे अपने विभिन्न साझेदारों के लिए चुदाई को सुखद बनाने के विभिन्न शैलियों को सीखने का बहुत अनुभव था। इन वर्षों में, वह अपनी योनि की मांसपेशियों को सिकोड़ने की विशेषज्ञ बन गई थी। और अब, उसका अपना बेटा अपनी माँ की कड़ी मेहनत का लाभ उठा रहा था। वह बहुत हर्षित और आभारी थी कि उसके बेटे को पहली बार चोदने का सम्मान पाने वाली वही थी। वह जानती थी कि यह उन दोनों के लिए एक संतुष्ट चुदाई होगी।
कृष कराह कर अपना सिर बिस्तर पर आगे-पीछे पटकने लगा।
"मॉम! जिस तरह से तुम्हारी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है! यह बहुत बढ़िया है! और करो!"
उसकी माँ ने स्वयं को फिर से उठाया, फिर अपने गर्म, उत्सुक शरीर को अपने बेटे के लंड पर जितना जोर से डाल सकती थी, उतना जोर से दबाया। जैसे ही लंड का पूरा दस इंच उसकी योनि में समाया, उसने अपनी चूत की मांसपेशियों को भींचना शुरू कर दिया। फिर उसने कृष के लौड़े पर अपनी चूत को ढीला कर दिया और फिर से ऊपर उठ गई। वह बार-बार अपनी चुदाई की हरकतें दोहराती रही, जबकि उसका बेटा कराहता रहा और उत्साह में बिस्तर पर छटपटाता रहा।
माँ ने कृष के कंधों को पकड़ लिया, अपने लंबे नाखूनों को कृष के कठोर मांस में गड़ा दिया। उसके कांपते शरीर से पसीना टपक रहा था और कृष की बालों भरी छाती पर गिर रहा था. वह अपनी चूत को उसके धड़कते, फटते हुए लंड पर और भी अधिक जोर से मथ रही थी।

जैसे-जैसे माँ का चरमोत्कर्ष निकट आ रहा था, उसकी योनि की मांसपेशियां अपने बेटे के कठोर लंड के आसपास और भी अधिक संकुचित हो गईं। कृष ये अनुभव कर सकता था कि उसकी माँ की तंग चूत उसके लौड़े को कसकर भींच रही है. उसने लग रहा था कि वह इस गर्म, निषिद्ध रोमांच से झड़ जायेगा. उसकी माँ ने अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं और अपनी पीठ झुका ली। कृष ने आभास किया कि वह और अधिक तीव्रता से हिलने लगी है, जिससे उसका लंड उसके कांपने के बल से कंपन कर रहा है क्योंकि उसे एक गहरा, गहन संभोग सुख प्राप्त हो रहा था।
"ओह्ह्ह्ह्ह्ह, कृष ! मैं झड़ रही हूँ, बेटा!” उस माँ ने अपनी गर्म, स्पंदित चूत से स्फुटित आनंद की लहर में बहते हुए चीखा.
कृष को आभास हो रहा था कि उसकी चूत की मांसपेशियाँ उसके लंड को और भी ज़ोर से जकड़ रही हैं क्योंकि उसका चरमोत्कर्ष उसके पूरे शरीर पर फैलता जा रहा था। उसकी चूत की मांसपेशियाँ उसके लौड़े को इतनी ज़ोर से निचोड़ रही थीं कि उसे डर था कि वह उसे तोड़ देगी!

उसने हाथ उठाकर विशाल, ठोस स्तनों को पकड़ लिया, उसके बड़े, कठोर निपल्स को अपनी हथेलियों के से रगड़ते हुए नाजुक स्तन-मांस को निचोड़ा और चुटकी ली।
कृष ने अपना झड़ना रोकने का प्रयास किया, लेकिन सफल न हुआ. उसकी माँ की चूत और स्तन का संयुक्त रोमांच उसके लिए बहुत शक्तिशाली था। इसके अलावा, वह देख सकता था कि उसकी माँ उसे अपने पास लाने की पूरी कोशिश कर रही थी, अपनी अनुभवी योनि से उसके लंड को दबा रही थी और रस निकाल रही थी।
"चलो, बेबी," उसकी माँ ने आग्रह किया, "अपने लौड़े का रस अपनी माँ की चूत में भर दो !"
एक तेज़ कराह के साथ, कृष ने अपने वीर्य-छिद्र से गाढ़े, चिपचिपे वीर्य को अपनी माँ के धड़कते योनिद्वार में एक के बाद एक धरा के साथ बाद खाली कर दिया।

"आह, कृष ! यह बहुत अच्छा लगता है! मुमुझे मेरी चूत के अंदर तुम्हारा पानी जिस्म बहुत ठंडा लग रहा है! अपना पानी निकालते रहो!" वासना के उन्माद में अपनी गांड और कूल्हों को हिलाते हुए उसकी माँ चिल्लाई।
उसके लंड से एक के बाद एक गर्म, झागदार जिस्म की फुहारें निकलीं और उसकी मां की योनि की दीवारों पर गिरीं क्योंकि वह उससे और भी अधिक की भीख मांग रही थी। अंत में, कृष का लंड पूरी तरह से वीर्य से सूख गया। लेकिन उसकी माँ की खुशी और उत्तेजना के लिए, उसके लौड़े की कठोरता उतनी ही बनी रही, जितनी उसकी चूत में डालने से पहले थी।
माँ ने अपने बेटे की बड़े धड़कते लौड़े को घूरकर देखा और आभास किया कि उसकी चूत फिर से गर्म हो रही है। उसने उत्साह से अपने होंठ चाटे और धीरे से सिसकारी भरी.
"क्या बात है माँ?" अपनी माँ की कराह सुनकर कृष ने पूछा।
“ओह, कृष. अब मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी गाँड मारो.” छोटी बालिका के स्वर में उसने उत्तेजना से बोला।


क्रमशः
627400
 
Last edited:
  • Like
Reactions: gkapil

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
Update Posted.

Enjoy and give reviews.
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,130
189
प्रश्न:

ये माँ बेटे की जोड़ी में माँ का नाम क्या है?

इसका उत्तर दीजिये.
उसके बाद एक छोटा (मिनी) अपडेट इनके बारे में दूँगा।
 

Mass

Well-Known Member
9,063
18,820
189
प्रश्न:

ये माँ बेटे की जोड़ी में माँ का नाम क्या है?

इसका उत्तर दीजिये.
उसके बाद एक छोटा (मिनी) अपडेट इनके बारे में दूँगा।
I haven't read the update..just saw your post and then this question...the answer that came to my mind is: Disha..is it correct?
in your last update...after the timespan, Disha ke ladke bade ho gaye the...just my guess though... :)
prkin
 

Mass

Well-Known Member
9,063
18,820
189
Wonderful update bhai...you have very seamlessly integrated the "new generation" to the older one. Hats off!! Only you could have done/written it so well.
prkin
 

A. K. Indian

New Member
94
81
33
आज इन दोनों कहानियों के मिलकर उन्नीस लाख व्यूज़ पूर्ण हो गए हैं.

आप सभी पाठकों का असीमित धन्यवाद.
मामी की ट्रेनिंग को भी कुछ आगे बढ़ाओ भाई....
 
Top