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Erotica सिमरन

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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प्यार का मतलब है पूर्ण समर्पण
 

sunoanuj

Well-Known Member
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बहुत ही शानदार और कामुक कहानी है !

अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा में है !

मित्र फोंट थोड़े बड़े कर लो !
 
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Love4yummy

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बहुत ही शानदार और कामुक कहानी है !

अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा में है !

मित्र फोंट थोड़े बड़े कर लो !
जारुर भाई
 
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Love4yummy

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Love4yummy

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Waiting for next
जल्द हि
 

Love4yummy

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मुझे वही नींद आ गयी। रात मे मुझे बहुत तेज़ पेशाब लगने से मेरी नींद खुली और देखा दी भी वही सोई हुयी है। मै उठकर पेशाब करके वापिस आया और प्रिया दी को जगाया। प्रिया दी नींद मे हि बोली क्या है समीर अभी सोने दे ना। मेने दी को गोद मे उठाया और बेड पर सुला दिया। दी का नंगा बदन देखकर लंड फटने को तैयार हो गया पर मै दी की नींद खराब नही करना चाहता था तो उन्हे सोने दिया। मै वहा से अपने रूम मे आकर सो गया। सुबह मेने और प्रिया दी ने तय किया की मै स्कूल के बाद सीधा दी के कॉलेज जाऊंगा और वहा से हम शॉपिंग के लिए जायेंगे। फिर मै स्कूल चला गया और दी कॉलेज। मै स्कूल आधे मे हि छोड़के दी के कॉलेज आ गया। दी को कॉल करके बुला लिया। दी आयी और हम रूबी मॉल की और निकल गये। मेने पार्किंग मे बाइक लगाई और हम मॉल मे घुसे। दी ने सलवार सुट पहन रखा था पर मै स्कूल ड्रेस मे हि था। मेने दी को कैफ़े मे बैठने को कहा और अपना बैग लेकर टॉयलेट मे चला गया। वहा से नई ड्रेस पहनकर मै वापिस आया।दी ने मुझे देखकर आँख मारी। मेने भी दी को आँख मारी और आकर उनके पास बैठ गया। फिर हमने 2 बर्गर ओर कॉफ़ी ऑर्डर की। फिर हम शोपिंग करने लगे। मेने 2 कुर्ते पज़ामे और 2 अलग ड्रेस खरीदी। प्रिया दी ने 2 सलवार सूट लिए। 2 साड़ी और एक लहंगा चोली खरीदे। फिर हम वहाँ से बाहर को निकले तो दी ने कहा समीर मेरे दाँत मे थोड़े दिन से दर्द हो रहा है सामने क्लिनिक है मै दिखा लेती हु। हम रोड क्रॉस करके क्लिनिक मे घुसे। अंदर देखा रिसेप्शन खाली था। सामने एक लड़का और एक औरत बाते कर रहे थे। मेरे जाते हि वो औरत उठकर रिसेप्शन पर आ गयी। मेने उन्हे हेलो बोला और दी की अपॉइंटमेंट की बात की। उन्होंने बताया 5-10 मिनट इंतजार कीजिये। मै और दी आकर खाली पड़ी कुर्सियों पर बैठ गये। इतने देर मे डॉक्टर के केबिन से एक सुंदर महिला बाहर निकली और उन्हे देखते हि मै पहचान गया ये तो मेरी स्कूल टीचर प्रमिला मैम है। मेने उन्हे नमस्ते किया। मैम भी मुझे अच्छे से जानती है तो उन्होंने भी हेलो बोला और पूछा तुम यहां कैसे? मेने मैम का प्रिया दी से इंट्रो करवाया और बताया मैम मेरी बहन को दिखाने यहां आया हु। मैम ने भी उनके साथ आये अपने बेटे का इंट्रो करवाया और फिर मैम अपने बेटे के साथ चली गयी। रिसेप्शन पर बैठी महिला ने दी को अंदर जाने को कहा। दी अंदर चली गयी। मै अपने मोबाइल मे व्यस्त हो गया। तभी वो महिला मेरे पास आयी और बोली हेलो कैसे हो बेटा? मै बोला मैम मै ठीक हु, आप कैसी है? वो बोली मै ठीक हु। क्या वो तुम्हारी दीदी है? मै बोला हाँ मैम। वो महिला फिर बोली तुम प्रमिला मैम को कैसे जानते हो? मेने कहा की प्रमिला मैम मेरी स्कूल टीचर है। वो बोली प्रमिला मैम बहुत सेक्सी है ना। कभी मन नही किया तुम्हारा उनके साथ सेक्स करने का। मै उनकी बाते सुनके एकदम चौंक गया की ये औरत एक अनजान लड़के से डायरेक्ट सेक्स की बाते कर रही है। मै 2 मिनट मे इस बात को पचा पाया। एक तो प्रमिला मैम बहुत ज्यादा स्ट्रिक्ट है दूसरा वो पूरी तरह स्टडी की तरफ डेडिकेटेड रहती है तो कभी उनके बारे मे मेरे मन मे कभी ऐसा विचार जागा हि नही। पर अब मेरी नज़र रिसेप्शन वाली औरत का जिस्म देखने लगी लगभग 55 साल उम्र की साँवली औरत। हरे रंग की साड़ी पहनी हुयी थी और सफ़ेद रंग का ब्लाउज। उसके बोबे कम से कम 38 के होंगे। आधे ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे। उनके भारी भरकम क्लीवेज देखकर मेरा लंड अकड़ने लगा। मेने कहा प्रमिला मैम का तो पता नही पर अभी तो आपसे सेक्स करने का मन है। ये बोलके मेने अपना दम दिखा दिया पर अब मेरी फ़टी पड़ी थी की वो औरत कैसे रियेक्ट करेगी। पर वो औरत मेरी बात सुनकर बोली अच्छा बच्चू इतना दम है तुझमे की मुझे पेल के शांत कर दे। मेरी भी हिम्मत बड़ गयी मै बोला एक मौका दो मेरी जान तुम्हारी जान ना निकाल दु तो कहना। वो औरत वहाँ से खड़ी हुयी और रिसेप्शन के पीछे एक गेट मे मुझे आने का इशारा करते हुए अंदर घुस गयी। मै भी उठा और उस गेट को खोला तो अंदर एक बड़ा अटैच टॉयलेट-बाथरूम था। मै अंदर घुस गया। अंदर घुसते हि वो औरत मेरे सामने घुटनो पर बैठ गयी और मेरा पेंट खोल के एक हि झटके मे मेरा पेंट और चड्डी निचे उतार दी। अब मेरा काला मोटा लंड उसकी आँखों के आगे था। मेरा लंड देखते हि उसकी आँखों मे चमक आ गयी। उसने झट से मुह खोला और मेरे लंड को मुह मे लेकर चूसने लगी। मै तो जन्नत मे पहुंच गया। क्या चूस रही थी वो औरत। लग रहा था बहुत अच्छी प्रैक्टिस थी उसकी लंड चूसने मे। देखते हि देखते वो औरत मेरा पूरा लंड अपने मुह मे ले गयी। आआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह मै तो पागल हो उठा। वो औरत मेरा पूरा लंड अपने मुह मे अंदर बाहर कर रही थी। मेने अपने हाथों से उसके बाल पीछे से पकड़े और उसके मुह मे लंड पेलने लगा। धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ने लगी। उसके मुह से घु घु की आवाज़ आ रही थी। लंड उसके गले तक जा रहा था। 5 मिनट उसका मुह चोद कर मेने उसका ब्लाउज खोल दिया और उसके बोबो के बिच लंड फसाकर उसके बोबे चोदने लगा। क्या मस्त मोटे भारी भरकम मक्खन जैसे बोबे है मजा दोगुना हो गया। वो भी अपने हाथो से अपने बोबो को पकड़ के मेरे लंड से उनकी बेरहमी से चुदाई करवाने लगी। मै भी अपनी पूरी ताकत से उसके बूबे चोदने लगा। इतने मे बाहर दी की आवाज़ सुनाई दी समीर कहा हो? मेने झट से लंड उसके बोबो के बिच से निकल के अपने कपड़े पहनने लगा। वो औरत वैसे हि बैठी मुझे देखने लगी। फिर उसने एक कार्ड मुझे दिया और बोला मेरा नाम मधु है और ये मेरा मोबाइल नंबर है तुम जब भी फ्री हो मुझे कॉल करना। मै ओके बोलकर बाहर आ गया। दी बोली कहा था तु? मै बोला दी कुछ नही बस टॉयलेट गया था। फिर मै और दी वाहा से घर आ गये। घर आते हि मै बाथरूम मे गया और अपने लंड को अच्छे से धोया क्योकि मै जानता था की दी खुशबू से भी जान जाएगी की मेरा लंड किसी और ने छुआ है। इसीलिए मै लंड साबुन से धोके आया। शाम के 5 बज चुके थे। रात की ट्रेन थी तो हम पैकिंग मे लग गये। थोड़ी देर बाद मम्मी भी गांड मटकाती बोबे हिलाती दुकान से घर आ गयी। फिर मम्मी और दी ने खाना बनाया हमने खाना खाया। आज पापा 9 बजे हि घर आ गये। मम्मी पापा ने खाना खाया और फिर हमे छोड़ने रेलवे स्टेशन की और निकल गये। ट्रेन 11 बजे आयी। मै और दी ट्रेन मे बैठ गये। 2nd एसी के डिब्बे मे साइड उप्पर और साइड लोअर सीट थी। हमे बैठकर मम्मी पापा घर के लिए निकल गये। ट्रेन चल पड़ी। सफर काफी लम्बा था लगभग 16 घंटे का। हमने सामान सीट के निचे सेट किया फिर TT आ गया उसे टिकट चेक करा दिये। अब सीट पर चद्दर बिछायी और मै पैर फैलाकर बैठ गया। दी भी मेरे पैरो के बिच मेरे सीने पर पीठ लगाकर बैठ गयी। हमने सीट के पर्दा लगा लिया। दी ने टॉप और लेगिंग पहन रखे थे। मेने दी के बूब्स टॉप के उप्पर से हि पकड़ के दबाने लगा और दी के गर्दन पर किस करने लगा। दी की साँसे तेज़ चलने लगी। वो मेरे बालों मे हाथ फिराने लगी। अब मेने दी के जलते होठों पर अपने तपते होंठ जोड़ दिये और हम एक दूसरे की आग और भड़काने लगे। हम अपने मे मशगूल मजा लूट रहे थे। पर हमारी इस काम क्रीड़ा का मजा कोई और भी लूट रहा था। एक कपल जो हमसे अगले कम्पार्टमेंट मे था वो परदे के हिलने से हमको बार देख रहा था। हमारी मस्ती उन्हे भी मस्त कर रही थी। हम इससे अनजान अपनी मस्ती मे खोये हुए थे। तभी हमारे परदे के बाहर किसी की दस्तक हुयी। एक लेडी की आवाज़ आयी एक्सक्यूज़ मी क्या मै 2 मिनट आपसे बात कर सकती हु?
 
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Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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हम एकदम चौंक गये। मेने हलका सा पर्दा हटाया और देखा तो वहा एक औरत खड़ी थी। उसने एक लम्बा सिंगल पीस पहना हुआ था। बिल्कुल सिंपल कोई मेकउप नहीं। ज्वेलरी के नम पर केवल कानो मे छोटे झुमके, नाक मे बाली और मंगलसूत्र बस। बाल लम्बे थे जिन्हे उसने हैरक्लिप लगा कर सिर के पीछे बांध रखा था। रंग गेहुआ थोड़ी चुब्बी, युम्मी मोटे मुलायम बोबे जिनकी बिच की घाटी हलकी सी दिख रही थी। उस औरत ने एक लुक मे लंड खड़ा कर दिया।
मै: नमस्ते भाभीजी बोलिये
भाभी: नमस्ते वो नेक्स्ट कम्पार्टमेंट मे हमारी सीट है। ये कहकर उसने अपनी सीट की तरफ इशारा किया।
मेने उधर देखा और भाभी से पूछा: आप ये मुझे क्यो बता रही है?
भाभी: वो आपसे कुछ बात करनी थी। क्या आप मेरे साथ आ सकते है?
मै: क्या बात करनी है, आप यही बताइये।
भाभी: आप आइये ना एक बार मै आपको बताती हु।
दी भी अंदर बात सुन रही थी। मेने दी की तरफ देखा तो उसने ना मे सिर हिलाया।
मै: माफ़ कीजिये भाभी मै नही आ सकता। आपको बताना है तो यहीं बताइये।
भाभी थोड़ी रुकी और फिर मेरी तरफ झुककर मेरे कान मे बोली: कोई सर्विस या फूँकने के लिए माल चाहिए तो बताओ।
मै उसकी बात सुनकर अचंभित रह गया। फिर हाथ जोड़कर बोला: भाभी मुझे माफ़ कीजिये मुझे कुछ नही चाहिए। आप प्लीज यहां से जाइये।
वो बड़ा मायूस सा चेहरा बनाकर चली गयी।
उसने हमारा मूड ऑफ कर दिया। अब मेने दी को ऊपर वाली सीट पर सोने को कहा। दी ऊपर वाली सीट पर और मै लोअर सीट पर सो गया। पेशाब लगने से मेरी नींद खुली। मै उठकर टॉयलेट करने गया। वहाँ पहुचा तो देखा एक टॉयलेट अंदर से लॉक था। मै दूसरे मे घुसा तो देखा उसमे एक आदमी पड़ा हुआ था। मेने सोचा ये लोगों की क्या हालत है शराब पीकर नशे मे टॉयलेट मे पड़ा है। मै बाहर आकर इंतजार करने लगा की जो भी टॉयलेट मे गया है बाहर निकले। जब 2-3 मिनट तक वो बाहर नही आया तो मेने गेट खटखटाया पर कोई जवाब नही मिला। मेने फिर से गेट खटखटाया। इस बार गेट खुला और अंदर देखा तो एक आदमी और उसके साथ वही भाभी थी। मेने सोरी बोला और अगले डिब्बे की और जाने लगा। तभी मेने देखा वो भाभी अपने आँखों से मुझे इशारे कर रही थी पर उसके इशारों मे कामुकता के बजाय मदद की गुहार ज्यादा थी। मै कुछ समझ नही पाया। पर फिर भी मेने उसके इशारे का पीछा किया तो मुझे शीशे मे दिखा की उस आदमी ने भाभी के कमर पर पीछे पिस्तौल लगा रखी थी। मै और ज्यादा उलझ गया। मुझे समझ नही आ रहा था की इनमे से कौन सही है और कौन गलत। फिर भी भाभी के रूप ने मुझे उनकी और खड़ा कर दिया। तो मै सोचने लगा क्या करू तभी मुझे निचे रखा आग बुझाने वाला छोटा सिलैंडर दिखा। मेने उस आदमी का ध्यान भटकाने के लिए बोला वाह भाभी आपके अंदर भी जबरदस्त आग लगी हुयी है, अभी थोड़ी देर पहले तो मेरे पास आयी थी और अब इसके साथ वाह। वो आदमी मेरी बात सुनके भाभी की तरफ देखने लगा। तभी मेने सिलेडर उठाया और उस आदमी के सिर पर जोर से वार किया और वो आदमी बेहोश होकर वही गिर पड़ा। भाभी ने झट से उसके हाथ से पिस्तौल ले ली और दूसरे टॉयलेट मे पड़े आदमी को उठाने लगी। मै कुछ समझता उससे पहले हि ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी और 4-5 पुलिस वाले अंदर घुसे और उस भाभी को सलाम किया फिर दोनो आदमियों को उठाकर ले गये। वो भाभी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए थैंक यू कहकर ट्रेन से उतर गयी। ट्रेन चल दी और मै बस उस भाभी को देखता रह गया। कुछ समझ मे नही आया। तभी मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा। मेने पलट कर देखा तो प्रिया दी खड़ी थी। प्रिया दी बोली क्या हुआ, तु यहां खड़ा क्या कर रहा है। मेने कहा मै टॉयलेट करने आया था। दी ने पूछा तूने कर लिया टॉयलेट तो चल। मेने कहा नही मै करके आता हु। दी बोली ठीक है जल्दी आ। ये कहकर दी सीट पर चली गयी और मै टॉयलेट करके सीट पर आया। दी निचे सीट पर हु बैठी थी। मै आया और दी के पास बैठ गया और उन्हे पूरी घटना बताई। दी को भी कुछ समझ नही आया पर वो बोली अब तु ज्यादा सोच मत तूने पुलिस की मदद हि की है। तो अब भूलजा इस सब बातों को। ये कहकर दी ने मेरा सिर अपनी गोद मे रखा और मुझे सुलाने लगी। मुझे भी अच्छा लगा और थोड़ी देर मे ही मुझे नींद आ गयी। दी ने मुझे सीट पर लिटाया और खुद भी ऊपर सीट पर जाकर लेट गयी।
 
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kamdev99008

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हम एकदम चौंक गये। मेने हलका सा पर्दा हटाया और देखा तो वहा एक औरत खड़ी थी। उसने एक लम्बा सिंगल पीस पहना हुआ था। बिल्कुल सिंपल कोई मेकउप नहीं। ज्वेलरी के नम पर केवल कानो मे छोटे झुमके, नाक मे बाली और मंगलसूत्र बस। बाल लम्बे थे जिन्हे उसने हैरक्लिप लगा कर सिर के पीछे बांध रखा था। रंग गेहुआ थोड़ी चुब्बी, युम्मी मोटे मुलायम बोबे जिनकी बिच की घाटी हलकी सी दिख रही थी। उस औरत ने एक लुक मे लंड खड़ा कर दिया।
मै: नमस्ते भाभीजी बोलिये
भाभी: नमस्ते वो नेक्स्ट कम्पार्टमेंट मे हमारी सीट है। ये कहकर उसने अपनी सीट की तरफ इशारा किया।
मेने उधर देखा और भाभी से पूछा: आप ये मुझे क्यो बता रही है?
भाभी: वो आपसे कुछ बात करनी थी। क्या आप मेरे साथ आ सकते है?
मै: क्या बात करनी है, आप यही बताइये।
भाभी: आप आइये ना एक बार मै आपको बताती हु।
दी भी अंदर बात सुन रही थी। मेने दी की तरफ देखा तो उसने ना मे सिर हिलाया।
मै: माफ़ कीजिये भाभी मै नही आ सकता। आपको बताना है तो यहीं बताइये।
भाभी थोड़ी रुकी और फिर मेरी तरफ झुककर मेरे कान मे बोली: कोई सर्विस या फूँकने के लिए माल चाहिए तो बताओ।
मै उसकी बात सुनकर अचंभित रह गया। फिर हाथ जोड़कर बोला: भाभी मुझे माफ़ कीजिये मुझे कुछ नही चाहिए। आप प्लीज यहां से जाइये।
वो बड़ा मायूस सा चेहरा बनाकर चली गयी।
उसने हमारा मूड ऑफ कर दिया। अब मेने दी को ऊपर वाली सीट पर सोने को कहा। दी ऊपर वाली सीट पर और मै लोअर सीट पर सो गया। पेशाब लगने से मेरी नींद खुली। मै उठकर टॉयलेट करने गया। वहाँ पहुचा तो देखा एक टॉयलेट अंदर से लॉक था। मै दूसरे मे घुसा तो देखा उसमे एक आदमी पड़ा हुआ था। मेने सोचा ये लोगों की क्या हालत है शराब पीकर नशे मे टॉयलेट मे पड़ा है। मै बाहर आकर इंतजार करने लगा की जो भी टॉयलेट मे गया है बाहर निकले। जब 2-3 मिनट तक वो बाहर नही आया तो मेने गेट खटखटाया पर कोई जवाब नही मिला। मेने फिर से गेट खटखटाया। इस बार गेट खुला और अंदर देखा तो एक आदमी और उसके साथ वही भाभी थी। मेने सोरी बोला और अगले डिब्बे की और जाने लगा। तभी मेने देखा वो भाभी अपने आँखों से मुझे इशारे कर रही थी पर उसके इशारों मे कामुकता के बजाय मदद की गुहार ज्यादा थी। मै कुछ समझ नही पाया। पर फिर भी मेने उसके इशारे का पीछा किया तो मुझे शीशे मे दिखा की उस आदमी ने भाभी के कमर पर पीछे पिस्तौल लगा रखी थी। मै और ज्यादा उलझ गया। मुझे समझ नही आ रहा था की इनमे से कौन सही है और कौन गलत। फिर भी भाभी के रूप ने मुझे उनकी और खड़ा कर दिया। तो मै सोचने लगा क्या करू तभी मुझे निचे रखा आग बुझाने वाला छोटा सिलैंडर दिखा। मेने उस आदमी का ध्यान भटकाने के लिए बोला वाह भाभी आपके अंदर भी जबरदस्त आग लगी हुयी है, अभी थोड़ी देर पहले तो मेरे पास आयी थी और अब इसके साथ वाह। वो आदमी मेरी बात सुनके भाभी की तरफ देखने लगा। तभी मेने सिलेडर उठाया और उस आदमी के सिर पर जोर से वार किया और वो आदमी बेहोश होकर वही गिर पड़ा। भाभी ने झट से उसके हाथ से पिस्तौल ले ली और दूसरे टॉयलेट मे पड़े आदमी को उठाने लगी। मै कुछ समझता उससे पहले हि ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी और 4-5 पुलिस वाले अंदर घुसे और उस भाभी को सलाम किया फिर दोनो आदमियों को उठाकर ले गये। वो भाभी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए थैंक यू कहकर ट्रेन से उतर गयी। ट्रेन चल दी और मै बस उस भाभी को देखता रह गया। कुछ समझ मे नही आया। तभी मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा। मेने पलट कर देखा तो प्रिया दी खड़ी थी। प्रिया दी बोली क्या हुआ, तु यहां खड़ा क्या कर रहा है। मेने कहा मै टॉयलेट करने आया था। दी ने पूछा तूने कर लिया टॉयलेट तो चल। मेने कहा नही मै करके आता हु। दी बोली ठीक है जल्दी आ। ये कहकर दी सीट पर चली गयी और मै टॉयलेट करके सीट पर आया। दी निचे सीट पर हु बैठी थी। मै आया और दी के पास बैठ गया और उन्हे पूरी घटना बताई। दी को भी कुछ समझ नही आया पर वो बोली अब तु ज्यादा सोच मत तूने पुलिस की मदद हि की है। तो अब भूलजा इस सब बातों को। ये कहकर दी ने मेरा सिर अपनी गोद मे रखा और मुझे सुलाने लगी। मुझे भी अच्छा लगा और थोड़ी देर मे ही मुझे नींद आ गयी। दी ने मुझे सीट पर लिटाया और खुद भी ऊपर सीट पर जाकर लेट गयी।
Interesting
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Shaandar update 👌 🔥
 
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Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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इस अपडेट से मै एक नई कोशिश कर रहा हु
"स्टोरी को दर्शक के अनुसार लिखना"

आशा है आपको कोई समस्या नही होगी और ज्यादा आनंद आएगा
धन्यवाद
🙏🏻
 
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